स्वीट सिस्टर्स और सिस-इन-लॉ complete

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jay
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स्वीट सिस्टर्स और सिस-इन-लॉ complete

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स्वीट सिस्टर्स और सिस-इन-लॉ

फ्रेंड्स आज बहुत दिनों बाद आपके लिए एक कहानी शुरू कर रहा हूँ पर अपडेट थोड़े स्लो होंगे इसलिए पहले ही आपसे इस बात के लिए सॉरी .

में घर में सब से छोटा हूँ और सब को बहुत प्यारा लगता हूँ में जब छोटा था तो बहुत इनोसेंट था लेकिन घर वालो की नज़र में और बाहर में किसी लड़की को देखता तो उसकी हर वो चीज़ देखता जो एक हज़्बेंड ही देख सकता है मीन अपने दिमाग़ में तस्वीर बना लेता. मीन इमॅजिन करता था उस का फिगर देखता बहुत बहुत हरामी हूँ में बचपन से ही.

मेरे मोम डॅड की काफ़ी यियर्ज़ पहले डेथ हो गई जब में 6 साल का था और मेरे भाई और बड़ी बाजी ने हम सब का बहुत ख़याल रखा जॉब कर के हमारी हर ज़रूरत को पूरा किया हमारा सारा बोझ उन पे था. मेरी बाजी सादिया की जॉब बॅंक में है प्राइवेट बॅंक में. भाई की पहले यहाँ जॉब थी लेकिन उन्हे यूएई का वीसा मिला तो भाई वहाँ चले गये.

मेरा जब जहाँ दिल करता वहीं सो जाता मीन कभी किसी सिस्टर के साथ कभी किसी के साथ क्योंकि में सब से छोटा था तो मुझे कोई मना नही करता था.

ये बात काफ़ी साल पहले की है उम्र नही लिख सकता वरना स्टोरी पोस्ट नही हो गी.

मेरी बाजी सादिया मुझे नहलाती थीं जब में छोटा था उस वक़्त मुझे सेक्स का कुछ पता नही था मैने मूठ मारना 14 साल की उम्र में शुरू किया.

हमारा मुहल्ला बहुत गंदा है मीन बच्चे बच्चे को हर बात का पता है.

मोम डॅड थे नही इस लिए कोई मुझे बाहर जाने खेलने या किसी भी बात से नही रोकता था जिस की वजह से मैं भी उन लड़के के साथ खेल खेल के ऐसी बातें सीख गया और सेक्स का भी पता चल गया कि ये क्या होता है और कैसे कैसे होता है.

मुझे याद है जब में पहली बार मूठ मार रहा था लेट नाइट जब सब सो गये थे.

गर्मी का मौसम था और हम एक ही रूम में सोते थे क्योंकि एसी सिर्फ़ एक अफोर्ड कर सकते थे.

में तेल लगा कर मूठ मार रहा था मुझे बहुत मज़ा आ रहा था जिस की वजह से में तेज़ तेज़ हाथ चला रहा था और पचछक पचछक की आवाज़ निकल रही थी कि अचानक सादिया बाजी ने मुझ से पूछा.

सादिया बाजी: भाई क्या कर रहे हो? क्या बबल गम खा रहे हो?

बिल्कुल वैसी आवाज़ थी जब मूँह खोल के बबल गम को चबाओ तो मैने फ़ौरन कह दिया.

जी बाजी बबल गम खा रहा हूँ.

सादिया बाजी: भाई इतनी रात को बस करो और सो जाओ.

फिर मैने आराम आराम से मूठ मारी और पहली बार फारिग हुआ मुझे बहुत मज़ा आया फिर में सो गया. कुछ दिन में डेली मूठ मारता रात में फिर में दिन में नहाने जाता तो साबुन लगा के मूठ मारता में बहुत कुछ सीखता डेली कुछ ही महीनो में तक़रीबन फुल सेक्स का पता चल गया मुझे.

हम सब लाइफ को बहुत एंजाय कर रहे थे हम ने इस साल होली भी खेली घर में. भाई काम पे गये हुए थे मैं और बाकी सब सिस्टर्स घर पे थीं में बेज़ार से काफ़ी कलर ले आया और हम ने फुल तैयारी कर ली.

फिर हम बाहर आ गये गार्डन में और होली स्टार्ट की सब एक दूसरे पे रंग फैंक रहे थे कुछ पानी में रंग मिला के कलर वाला पानी एक दूसरे पे डाल रहे थे.

मैने भी सब सिस्टर पे रंग डाला उन को गालों पे रंग लगाता मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मेरा किसी की गान्ड पे हाथ टच होता किसी के बूब्स पे सब से ज़्यादा मुझे मज़ा आ रहा था हम काफ़ी देर तक खेलते रहे और मैने पूरा टाइम बहुत मज़ा क्या सब के जिस्म को टच कर के फील कर के.

फिर हम सब अंदर आ गये और सब ने नहा के कपड़े चेंज कर लिए.

एक रात हम सब रूम में सो रहे थे मेरी एक साइड पे सादिया बाजी सो रही थी और एक साइड पे भाई सो रहे थे. मैं सब के सोने का वेट कर रहा था जब सब सो गये मैने मूठ मारना शुरू कर दिया कि मेरे दिमाग़ में आया क्यों ना सादिया बाजी की गान्ड पे टच करूँ.

मैने एक हाथ में अपना लंड जो उस वक़्त छोटा सा था को पकड़ा हुआ था और एक हाथ सादिया बाजी की गान्ड पे रख दिया कुछ देर मैने अपने हाथ को कोई मूव नही दिया लेकिन में सादिया बाजी की गान्ड को फील करना चाहता था तो मैने आराम से अपना हाथ मूव किया बाजी की गान्ड पे. मैं सादिया बाजी की गान्ड पे हाथ फेरने लगा और फिर में अपना हाथ बाजी की गान्ड की लाइन में ले गया मुझे बहुत मज़ा आया क्योंकि वो जगह बहुत गरम थी.

कुछ देर मज़ा करने के बाद में फारिग हो गया और सो गया.

नेक्स्ट नाइट फिर वैसे ही सोए थे हम और दुबारा काफ़ी देर बाद मैने अपना हाथ सादिया बाजी की गान्ड पे रखा और मज़ा करने लगा लेकिन लालच बढ़ गया थी तो मैने करवट ली बाजी के पीछे और अपना लेफ्ट हाथ बाजी के ऊपर रखा बाज़ू पे शोल्डर के क़रीब.

सादिया बाजी ने कुछ नही कहा वो सो रही थीं मैने हिम्मत कर के अपना हाथ मूव किया और बाजी की कमीज़ साइड पे कर के अंदर ले गया और थोड़ा अंदर ले जा कर बाजी के पेट पे रख दिया बाजी का पेट भी गरम था लेकिन बहुत मुलायम था.

कुछ देर बाद मैने अपना हाथ वहाँ से मूव किया और मज़ीद आगे ले गया कि मेरा हाथ बाजी के बूब्स को टच हुआ.

सादिया बाजी साइड पे सो रही थी जिस की वजह से बाजी के बूब्स साइड पे थे और ब्रा लूस हो गया था और तक़रीबन बाजी के हाफ बूब्स ब्रा में थे और बाजी का हाफ ब्रा फ्री था और मेरा हाथ बाजी के दोनो बूब्स के दरमियाँ था.

मैं सादिया बाजी के बूब्स को फील करने लगा वो बहुत सॉफ्ट और मुलायम थे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैं काफ़ी देर सादिया बाजी के बूब्स को फील करता रहा और जब फारिग हुआ तो सो गया.

नेक्स्ट नाइट दुबारा मैने अपना हाथ बाजी की कमीज़ में डाला और बाजी के बूब्स तक पहुँच गया. आप यक़ीन नही करोगे बाजी ने उस रात ब्रा नही पहना हुआ था उफ्फ मेरा तो खुशी से बुरा हाल था खैर मैने आराम से बाजी का लेफ्ट बूब पकड़ लिया और आराम से दबाने लगा फिर मैने बाजी के निपल को टच किया तो वो हार्ड था.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं बाजी के बूब्स के साथ खेलने लगा अचानक बाजी थोड़ा सा हिली तो मैने डर से फ़ौरन अपना हाथ बाहर निकाल लिया .

लेकिन फिर मुझे बाजी की आवाज़ सुनाई दी.

सादिया बाजी: भाई आराम से सो जाओ या उठाऊं इमरान को.

मेरी तो साँस ही ना निकली और मैं कुछ पता नही कब और कैसे सो गया.

सुबह उठा तो सब कुछ नॉर्मल था किसी ने कोई बात नही की और ना ही भाई और सादिया बाजी ने.
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: स्वीट सिस्टर्स और सिस-इन-लॉ

Post by jay »

सुबह उठा तो सब कुछ नॉर्मल था किसी ने कोई बात नही की और ना ही भाई और सादिया बाजी ने.

उस रात मेरी ऐसी गान्ड फटी कि कई दिन मैने सेक्स का सोचा ही नही.

एक दिन में बाजी सादिया के रूम में गया बाजी बेड पे बैठी हुई थीं. में साथ जा कर बैठ गया.

बाजी क्या बात है आप परेशान लग रही हैं और चुप चुप भी हैं खेरियत तो है ना?

सादिया बाजी: कुछ नही भाई ऐसे ही थक गई हूँ आज कल काम बहुत होता है इस लिए थक जाती हूँ.

बाजी में आप का सर दबा दूं प्लीज़?

सादिया बाजी: नही भाई में ठीक हूँ रहने दो.

बाजी आप लेट जाओ ना प्लीज़ मेरा दिल कर रहा है अपनी प्यारी बाजी का सर दबाने का.

मैने बाजी को ज़बरदस्ती बेड पे लिटा दिया और कुछ देर उनका सर दबाया और फिर बाजी की टांगे दबाने लगा.

मैने बाजी की टाँगों को दबाना शुरू किया तो बाजी को सकून मिलने लगा कुछ देर बाद बाजी की आँख लग गई अब में बाजीकी टाँगों को दबा भी रहा था और फील भी कर रहा था और मज़े कर रहा था.

कुछ देर बाद साइमा अंदर आ गई और मुझे बाजी के पैर दबाते देख कर बोली.

साइमा: अरे वाह भाई तुम्हे पैर दबाना भी आता है मुझे तो कभी नही दबाया क्या में तुम्हारी बहन नही हूँ.

बाजी जब आप थकि होंगी तब आप को भी दबा दूंगा.

बाजी उठ गई और मुझे कहा भाई बस करो तुम थक गये हो गे. हां साइमा बेटा क्या बात है?

बाजी हम सब को बेटा बुलाती थी.

साइमा: कोई काम नही है बाजी वैसे आ गई वैसे आप की तबीयत तो ठीक है ना छोटा दबा जो रहा है आप को?

सादिया बाजी: हां में ठीक हूँ बस थकि हुई थी तो छोटा ज़िद करने लगा कि बाजी आप लेट जाओ मैं पैर दबा देता हूँ और इस ने इतना मज़े से दबाया कि मेरी आँख लग गई.

साइमा: अच्छा बाजी फिर आप रेस्ट करें में जा रही हूँ

साइमा चली गई तो में बाजी को दुबारा दबाने लगा.

सादिया बाजी: भाई बस करो में ठीक हूँ अब.

नही बाजी कुछ देर तो दबाने दो आज में अपनी बाजी की खिदमत कर लूँ पता नही फिर कब मौका मिलता है.

सादिया बाजी: भाई पढ़ते भी हो या सारा दिन खेलते रहते हो?

पढ़ता हूँ बाजी सारा काम ख़तम कर दिया है इस लिए तो आप के पास बैठा हूँ.

बाजी आप शादी कब करेंगी ? आप शादी कर लें ना बहुत मज़ा आए गा.

सादिया बाजी: भाई तुम्हे मेरी शादी की फिकर क्यों है इतनी? मैने शादी कर ली तो घर कौन संभालेगा और मैं अपनी सिस्टर्स की शादी पहले करूँगी फिर अपनी का सोचूँगी.

नही बाजी मैं तो वैसे ही कह रहा था क्योंकि सब तक़रीबन आप की एज में शादी कर लेती हैं ना.

बाजी शादी क्यों होती है और शादी कर के क्या फ़ायदा होता है?

सादिया बाजी: भाई शादी के बाद हज़्बेंड अपनी वाइफ का और वाइफ अपने हज़्बेंड का ख़याल रखते हैं एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और शादी के बाद बच्चे पैदा होता हैं जिस से माँ और बाप दोनो को खुशी मिलती है और सहारा मिल जाता है.

अच्छा बाजी इस लिए और बाजी बच्चे कैसे पैदा होते हैं?

सादिया बाजी: बस शादी के बाद अल्लाह मियाँ बच्चे दे देते हैं.

बाजी ये तो मुझे पता है कि अल्लाह मियाँ बच्चे देते हैं लेकिन बाजी वो सुहाग रात क्या होती है उस में हज़्बेंड और वाइफ क्या करते हैं?

सादिया बाजी: भाई ऐसी बातें नही करते अपनी एज देखी है और बातें देखो कैसी पूछ रहा है और किस ने बताया तुम्हे ये सब?

वो बाजी कज़िन की शादी थी ना जब दुल्हन ले आए थे रात को मैं जाग रहा था कि मुझे आवाज़ आ रही थी.

अब तो ये मज़े से सुहाग रात मनाएँगे मुझे तो लगता है ये दुल्हन को सारी रात नही सोने दे गा.

सादिया बाजी: कौन कह रहा था ये सब? और तुम क्यों सुनते हो किसी की बातें बहुत बुरी बात है बेटा ऐसा नही करते.

बाजी मुझे नही पता कौन थे वो और बाजी मैं क्या करता मेरे साथ ही थे वो अब आवाज़ आ रही थी तो में कान कैसे बंद करता अपने?

बाजी बताएँ ना सुहाग रात क्या होती है कैसे होती है और हॅज़्बेंड वाइफ को क्यों नही सोने देता?

सादिया बाजी: भाई में मारूँगी सच कहा ना ऐसी बातें नही करते अभी तुम्हारी एज नही ऐसी बातें पूछने की और जब तुम बड़े हो जाओगे सब पता चल जाए गा तुम्हे.

बाजी मुझे अभी बताओ ना और में बड़ा तो हूँ देखे कितना बड़ा हो गया हूँ.

बाजी क्या आप ने कभी सुहाग रात मनाई है?

सादिया बाजी: भाई सुहाग रात शादी के बाद मनाते हैं पहले नही . पता नही क्या क्या कहते जा रहे हो ना सोचते नही हो ना कुछ. अब बस करो और जाओ बाहर जा कर खेलो चलो शाबाश.

में उठ कर बाहर चला गया खेलने के बाद में घर वापिस आ गया.
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vnraj
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Re: स्वीट सिस्टर्स और सिस-इन-लॉ

Post by vnraj »

अच्छी शुरुआत है
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rajaarkey
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Re: स्वीट सिस्टर्स और सिस-इन-लॉ

Post by rajaarkey »

जय बहुत ही शानदार शुरुआत


देर आए दुरुस्त आए
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Re: स्वीट सिस्टर्स और सिस-इन-लॉ

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nice
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