एक राजा और चार रानियाँ complete

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jay
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

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ऑफीस पहुँच के शबनम सभी वर्कर्स स्टाफ मेंबर्ज़ से सॅम की इंट्रो करवाती है
सभी उससे मिलके काफ़ी इंप्रेस हो जाते है वो था ही ऐसा बेहतरीन शख्सियत का मालिक एक बार जो उसे मिलता वो उसका मुरीद बन जाता

ऑफीस मे एक स्टाफ मेंबर थी और नजमा की पर्सनल सीक्रेटरी सोफ़िया

सोफ़िया;एक 24 साल की ग्रॅजुयेट खूबसूरत लड़की थी जो पछले 1साल से यहाँ काम कर रही थी वो नजमा के सारे काम देखती थी नजमा को उसपे काफ़ी भरोसा भी था

जब वो सॅम से मिली तो कहते है ना लव अट फर्स्ट साइड जी हाँ उसे शाएद इसी कीड़े ने काटा था वो सॅम को नीचे से उपर देखते ही जा रही थी उसे तब होश आया जब शबनम ने उसका कंधा हिला के उसे सॅम को उसका कॅबिन दिखाने के लिए कहा

सोफ़िया;जी जी शबनम मॅम

शबनम;क्या हुआ

सोफ़िया'कु कुछ नही मॅम

शबनम'धीरे से उसके कान के पास कहीं सॅम तुम्हे

सोफ़िया;क्या चेहरे ने शबनम को उसका आधी अधूरे सवाल का जवाब देदिया

शबनम दिल मे ऊऊओहो तो ये भी वाह सॅम क्या बात है तुम्हारी

सोफ़िया';सॅम को उसके कॅबिन मे लेजाके सारी बातें बताने लगती है

सॅम उससे काफ़ी अच्छे से बातें कर रहा था पर सॅम को उसमे कोई इंटरेस्ट नही था वो तो बस नजमा का दीवाना था

नजमा;अपने कॅबिन मे से सॅम और सोफ़िया को हंसते हुए देख देख ना जाने क्यूँ जल भुने जा रही थी वो सॅम को अपने कॅबिन मे बुलाती है

नजमा;ऑफीस पसंद आया

सम;जी बहुत अच्छा है

नजमा;और स्टाफ मेंबर्ज़

सम;वो तो कमाल के है सभी बेहतरीन

नजमा;और सोफ़िया

सम;ठिठक जाता है और रवानी मे उसके मुँह से निकल जाता है वो तो काफ़ी इंटरेस्टिंग लड़की है

नजमा;हाँ वो तो मैं देख ही रही हूँ देखो सॅम तुम्हे यहाँ काम सीखना है और फिर आगे इसे संभालना भी है ये इतना बड़ा गारमेंट्स इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का बिज़्नेस सिर्फ़ लड़कियों से फ्लर्ट करके नही सीखा जाएगा तुमसे तुम्हे दिल ओ जान से मेहनत करनी पड़ेंगी समझे सोफ़िया से दूर ही रहना तुम और ऑफीस की सभी लड़कियों से भी

सॅम;दिल मे हाँ मुझे बाल ब्रह्मचारी बना दोना
ओके जैसा आप कहे
पर सॅम को एक बात समझ आ गई थी कि कहीं ना कहीं नजमा को जेल्लस फील हो रहा है वो अपनी बात को कन्फर्म करना चाहता था और उसके पीछे की वजह भी जानना चाहता था अगर इस सब के पीछे नजमा का प्यार छुपा हुआ था तो इसका मतलब सॅम अपनी मंज़िल के बहुत करीब है
वो कुछ सोचता हुआ नजमा के कॅबिन से निकल जाता है

उस्दिन वो सोफ़िया को कई बार अपने कॅबिन मे बुलाता है और उससे हंस हंस के बातें करता रहता है
ये सब नजमा अपने शीशी के कॅबिन से सॉफ देखती रहती है और दिल मे जलती रहती है

जब वो घर के लिए निकलते है तो नजमा का मूड काफ़ी ऑफ होचुका था
सॅम;उससे कोई बात नही करता और चुप चाप अपने मोबाइल मे पता नही क्या देखता रहता है

नजमा;आज बड़े हंस हंस के बातें हो रही थी सोफ़िया के साथ

सॅम;क्या हाँ वो तो मैं उसे अपने काम को लेके डसकस्स कर रहा था

नजमा;देखी मैने तुम क्या कर रहे थे देखो सॅम

सॅम;उफफफफफफ्फ़ हो अम्मी आपकी प्राब्लम क्या है मैं अगर किसी से बात करता हूँ तो इसमे क्या ग़लत है सोफ़िया आपके ऑफीस की एक मेंबर है बस आप खामख़ाँ ही बात को बढ़ावा दे रही है

नजमा;उसे घूरती रह जाती है और कार तेज रफ़्तार मे घर पहुँच जाती है

रात के खाना खाने के कुछ देर बाद सभी अपने अपने रूम मे सोने चले जाते है

रात2पी एम;सॅम अपने रूम मे जाग रहा था उसे फीरोजा की चूत याद आ रही थी वो आज बहुत बेचैनी महसूस कर रहा था वो बेड से उठके किचिन मे पानी पीने चला जाता है तभी उसे शबनम के रूम से हल्के हल्के से सिसकने की आवाज़ आती है उसके पैर रुक जाते है और वो किचिन की बजाए शबनम के रूम के दरवाज़े के पास खड़ा हो जाता है
गौर से सुनने पे उसे किसी की ऐसी आवाज़ सुनाई दे रही थी जैसे कोई औरत चुद रही हो कोई उसे धीरे धीरे चोद रहा हो और वो मस्ती मे सिसक रही हो

सॅम;के जिस्म मे कुछ सरसराहट सी होते है भाभी किसी नही नही पर आवाज़ तो अंदर से आ रही है वो की होल से अंदर झाँकता है और उसकी आँखे फटी की फटी रह जाती है.

शबनम;पूरी तरह नंगी अपने बेड पे अपने दोनो पैर चौड़े किए हुए अपनी चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ रही थी अहह उःन्णनणणन् ष्ह
उसकी चूत बिल्कुल चिकने सॉफ नज़र आ रही थी जांघे एकदम सफेद और चुची एक दम दूध जैसी

सॅम ;ने पहली बार अपनी भाभी का ये रूप देखा था वो तो भाभी को बहुत ही शरीफ औरत समझता था पर आज उसकी आँखे जो देख रही थी उसे उसपे भरोसा नही हो रहा था
पर हक़ीकत तो यही थी

शबनम;अहह ज़ीशन अहह उःन्णनननणणन्
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

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शबनम अपने शोहर जो इस दुनिया मे नही थे उसका नाम लेके झड़ने लगती है तब सॅम की समझ मे सारी बात आजाती है कि भाभी अपने शोहर और सॅम के बड़े भाई को बहुत मिस कर रही है

सॅम;अपने रूम मे आके लेट जाता है और दिल मे सोचने लगता है
कि उसे भाभी की ये उदासी दूर करनी होगी पर कैसे

मॉर्निंग 8 बजे

सॅम;अपने बेड पे पूरा नंगा सोया हुआ था उसके जिस्म पे एक पतली सी चादर थी
नजमा;उसे उठाने के लिए उसके रूम मे जाती है
वो गहरी नींद मे था नजमा उसे एक पल के लिए देखती है
सॅम से वो नाराज़ थी पर वो उसका सबसे प्यारा बेटा था जिसपे उसे बहुत नाज़ था

नजमा;उठो बेटा ऑफीस के लिए लेट होज़ायगा चलो
और वो सॅम के उपर की चादर खींच लेती है उसकी आँखे जो मंज़र देखती है वो उसने कभी अपने खाबो ख्यालों मे सोची भी नही होंगी सॅम;का 8इंच लंबा 3इंच मोटा तना हुआ लंड

उसके लंड की एक खूबी ये थी कि उसके लंड का हेड एकदम लाल टोमॅटो की तरह था और जब वो पूरी तरह खड़ा हो जाता था तब निचली शाफ्ट पे मोटी मोटी नसें देखाई देती थी वो किसी किंग कोब्रा की तरह दिखाई दे रहा था जो किसी भी वक़्त नजमा को डॅन्स लेगा

नजमा;के होंठ सूखने लगे थे वो बार बार अपनी ज़ुबान लिप्स पे फिरा कर उन्हे गीला करने की कॉसिश कर रही थी इस बात से अंजान कि सॅम जाग चुका है और उसके चेहरे को पढ़ने की कॉसिश कर रहा है

सॅम;अपने लंड को मुट्ठी मे मसलते हुए कैसा है अम्मी

नजमा;चौंकते हुए वो मैं तो सॅम बेटा वो ये तुम्हे जगाने आई थी

सॅम;देखोना जाग गया है उसका इशारा अपने लंड पे था

नजमा;अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है
चलो तैयार होजाओ हमे ऑफीस जाना है हालाँकि उसका दिल ज़ोरों से धड़क रहा था

तभी उसे अपनी कमर के बीच की दरार मे एक गरम चीज़ महसूस होती है
उसकी साँसें हलक मे आके अटक गयी थी वो कुछ बोलना चाहती थी पर अल्फ़ाज़ उसकी ज़ुबान से नही निकल रहे थे

सॅम;अपने दोनो हाथों से नजमा की नाज़ुक सी कमर पकड़ के अपने लंड का दबाब उसकी कमर पे बढ़ा देता है
वो भी बिल्कुल खामोश था पर दोनो की साँसों की आवाज़ दूर तक सुनाई दे रही थी

सॅम;नजमा के कानों के लोले को अपने मुँह मे लेलेता है गलपप्प्प्प्प्प्प
मारे शरम और डर के नजमा के होंठों से सिर्फ़ उन्न्ह की सिसकारी निकल पाती है

नजमा;छोड़ो मुझे सॅम जाने दो मुझे जाना है

सॅम;आइ लव यू अम्मी
और वो अपने लंड को नजमा की शलवार के उपर से इतने गहरे मे घुसा देता है जिससे नजमा को ये एहसास होता है जैसे वो बिल्कुल नंगी है और सॅम उसकी गान्ड मे लंड पेल रहा है

नजमा;स्शह अहह क्या कर रहा है सॅम छोड़ दे बेटा कोई आजाएगा

सॅम;पहले कहो आइ लव यू टू

नजमा;उसे ज़ोर से धकेल के मारना चाहती थी पर उसका जिस्म उसके दिमाग़ की बात नही सुनरहा था
उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मैं तेरी अम्मी हूँ सॅम होश मे आ बेटा
हालाँकि नजमा अपना होश खोने लगी थी

सॅम;अपने दोनो हाथ नजमा की नरम चुची पे रख के हल्के हल्के मसल्ने लगता है कॉटन के उस ब्लाउस के नीचे ब्रा नही थी जिससे सॅम को चुची मसल्ने मे बहुत मज़ा आने लगा था उसकी चुभन और मसल्ने के अंदाज़ से नजमा कसमसाने लगी थी वो पूरी तरह सम के क़ब्ज़े मे थी

नजमा;अहह छोड़ दे रे अहह मत कर ऐसा वरना मुझसे बुरा अहह कोई नही होगा उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

किसी के कदमों की आवाज़ से सॅम ठिठक जाता है और नजमा को छोड़ के बाथरूम मे चला जाता है
नजमा;अपनी आँखे खोल के उसे देखने लगती है पर वो वहाँ नही था और सामने शबनम चाइ का कप लिए खड़ी थी

बस कुछ सेकेंड का फ़र्क़ पड़ा था वरना आज शबनम उन्हे ऐसी हालत मे देख लेती

शबनम;क्या हुआ अम्मी आप परेशान नज़र आ रही है

नजमा;हाँ ना वो मैं तो बस सॅम को जगाने आई थी
और वो धड़कते दिल को थाम सॅम के रूम से निकल जाती है

सॅम;को बेड टी पीने की आदत थी ये काम रोज शबनम का था उसके रूम मे चाइ पहुँचा ने का

वो चाइ टेबल पे रख के बेड पे बैठ जाती है और सॅम के बाहर आने का इंतजार करने लगती है
तभी सॅम सिर्फ़ एक टवल लपेटे बाथरूम से बाहर आता है

शबनम;उसे देख के स्माइल करती है

सॅम;गुड मॉर्निंग भाभी

शबनम;गुड.मॉर्निंग सॅम आज जल्दी उठ गये

सॅम;हाँ वो अम्मी ने जगा दिया और सॅम टेबल पे से चाइ उठाके पीने लगता है
वो शबनम के एकदम सामने खड़ा था और शबनम का चेहरा उसके लंड के सामने था

अब ये शबनम की आँखों की तपिश थी या किस्मत का कोई खेल सॅम की वो बँधी हुई टॉवल नीची गिर जाती है और शबनम की आँखों के सामने 6इंच का लटका हुआ लंड आजाता है ये सिर्फ़ 10 सेकेंड के लिए हुआ पर इस ने आजसे इन्दोनो की ज़िंदगी का फ़ैसला कर्दिया था
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

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शबनम;अपने मुँह पे हाथ रखे अम्म्म्ममममममिईीईईईईईईईई कहते हुए वहाँ से भाग जाती है
और सॅम नंगा खड़ा अपनी किस्मत पे खुश होने लगता है वाह बेटा सॅम आज तो तूने दो दो को अपना लंड दिखा दिया शाबाश वो दिल ही दिल मे सोच सोच के मुस्कुराने लगता है और कपड़े पहन्के अपने रूम से बाहर आजाता है रूम के बाहर उसकी टक्कर महक से होती है

महक;ऊऊचह अर्रे गेंडी देख के नही चल सकता क्या ऊऊचह

सॅम;मोटी भैंस पूरा रास्ता घेर के चलेगी तो टक्कर तो होगी ही चल हट सामने से

महक;जल भुन सी गयी थी वो सॅम को पेट मे मुक्का जड़ देती है

सॅम;तेरी तो पलट के महक के बाल पकड़ के उसे ऐसे घुमाता है जिससे वो गिरते गिरते बचती है और किसी फिल्मी सीन की तरह सॅम की मज़बूत बाहें उसे थाम लेती है

दो पल उनकी नज़रें मिलती है और फिर महक संभल जाती है अबे घूर क्या रहा है

सॅम;ह्म्म्म्म मममम तू कभी नही सुधर सकती भैंस
महक;देख सॅम मुझे भैंस मत कहना वरना
सॅम;वरना क्या धमकी देती है और वो महक की तरफ उसे मारने बढ़ता है पर तबतक महक भागते हुए अपने रूम के दरवाज़े के पास पहुँच जाती है

महक;;वरना मैं तुझी कद्दू कहूँगी

कद्दू सम के बचपन की एक चिड थी उसे उसके फ्रेंड और खास तौर पे महक कद्दू कहके चिड़ाते थी क्योंकि वो बकपन मे बहुत मोटा था

सॅम;रुक भैंस
सॅम;महक के पीछे जाने की बजाय किचिन की तरफ बढ़ जाता है आज वो बहुत खुश था उसका दिल सभी से मिलके उन्हे गले लगाने का कर रहा था
सॅम;किचिन मे पहुँचता है जहाँ शबनम अकेली कुछ काम कर रही थी

शबनम;जब उसे ऐसे खुदसे मुस्कुराता देखती है तो उसे ज़ोर से हँसी आजाती है
जिससे सॅम तोड़ा शर्मा सा जाता है दोनो एक दूसरे को कुछ पल के लिए देखते है और शबनम को फिर से हँसी आजाती है

उसे रह रह के सॅम का वो नंगा होना याद आता है
इस बार सॅम थोड़ा सीरीयस चेहरा बना कर शबनम की तरफ बढ़ता है जिसे देख शबनम थोड़ा पीछे को हटती है उसे लगता है पता नही सॅम उसे पकड़ेगा या कुछ कहेगा वो सहम सी जाती है

सॅम;उसके पास आके अपना हाथ उसे छूते हुए शबनम की साइड मे रखे ग्लास को उठा लेता है और शबनम की तरफ देख के वॉटर फिल्टर से पानी निकाल के पीने लगता है वो शबनम की आँखों मे देख रहा था और शबनम अपनी नज़रें इधर उधर घुमा रही थी वो जल्दी से वहाँ से खिसक जाना चाहती थी पर सामने सॅम के खड़ा होने से वो जा भी नही सकती थी
तभी नजमा की आवाज़ से सॅम थोड़ा हाथ जाता है और शबनम बिजली की तेज़ी से वहाँ से निकल जाती है

हैरत की बात तो ये थी कि इस पूरे वक़्त ना सॅम कुछ बोला था और ना शबनम बस उनके दिलों के तेज़ धड़कनें और आँखों के इशारे सारी बातें एक दूसरे को बता रहे थे.

कुछ देर बाद सॅम और नजमा ऑफीस के लिए निकल जाते है उनके साथ शबनम भी थी जो बॅक सीट पे बैठी थी

नजमा;खामोश थी और शबनम भी तभी सॅम उन्हे ऐसे चुप चाप सा देख कहता है

सॅम;अर्रे भाई कोई मर गया है क्या जो इतना सन्नाटा है

नजमा और शबनम दोनो को हँसी आजाती है और फिर ऐसे ही फॉर्मल सी बातों के साथ वो ऑफीस पहुँच जाते है

ऑफीस मे सोफ़िया ;सॅम का इंतजार कर रही थी
क्योंकि सॅम ने उसे कल कुछ फाइल्स लाने के लिया कहा था वही वो सॅम को बताना चाहती थी
सॅम;एक एमबीए स्टूडेंट था जो अपनी पढ़ाई और नये नये क्रियेटिव आइडियास की वजह से अपने कॉलेज मे काफ़ी मशहूर था वही ब्रेन वो यहाँ अपने अब्बू के बिज़्नेस को आगे पहुँचाने के लिए इस्तेमाल करना चाहता था कल ऑफीस के पहले दिन ही उसने कई बातें नोटीस किया था और कुछ चीज़ें उसे अच्छे लगी थी और कुछ मे उसे सुधार चाहिए थे

वो अपने बिज़्नेस को एक नयी उँचाई तक पहुँचना चाहता था और ये बात नजमा और शबनम भी अच्छे से जानते थे

सोफ़िया;आज कमाल की लग रही थी एक लाइट ब्लू कलर की शलवार कमीज़ मे उसकी चुची काफ़ी उभर के आई थी फिटिंग के कपड़े उसपे काफ़ी जचते थे

इसी लिए तो सॅम ने उसे जब वो फाइल्स लिए तो वो भी सोफ़िया की तारीफ किए बिना ना रह पाया

सॅम;के मुँह से अपनी तारीफ सुनके सोफ़िया काफ़ी खुश हो जाती है और अपन ख्वाबों के महलों मे घूमते वो उसके कॅबिन से बहात निकलती है और सीधा नजमा से टकरा जाती है

नजमा;ऊऊचह
सोफ़िया;;ओह्ह्ह्ह ओह्ह आइ एम सो सॉरी मॅम आइ एम एक्सटेरेमली सॉरी

नजमा;उसे आँखे निकाल के देखते हुए देख के चला करो सोफ़िया

सोफ़िया;सर झुकाए वहाँ से निकलने मे ही अपनी भलाई समझती है

नजमा;सॅम के कॅबिन मे पहुँच के
सॅम हमारे एक क्लाइंट है मिस्टर.उबैद जाफ़री वो हमे काफ़ी रॉ मेट्रीयल सप्लाइ करते है तुम्हारे अब्बू उन्हे भाई मानते थे
उनकी तबीयत खराब चल रही है कुछ महीनो से डॉक्टर कहतें है उन्हे ब्रेन ट्यूमर है
मैं चाहती हूँ तुम उनसे मिल आओ उन्हे भी अच्छा लगेगा और हमारे बिज़्नेस के लिए भी ठीक होगा

सॅम;जी जैसा आप कहे आप मुझे उनका अड्रेस देदीजये मैं चला जाउन्गा

नजमा;अड्रेस शबनम के पास देदिया है मैने तुम दोनो चले जाना

सॅम;ओके अम्मी और सॅम नजमा को आँख मार देता है
नजमा;उसे घुरके देखते हुए वहाँ से चली जाती है

सॅम;और शबनम ;मिस्टर जाफ़री से मिलने निकल जाते है दोनो कार मे बिल्कुल खामोश थे
कार सॅम ड्राइव कर रहा था

सॅम;भाभी आइ एम सॉरी

शबनम;किस लिए सॉरी कह रहे हो

सॅम;वो आज

शबनम;इट्स ओके सॅम वो अंजाने मे हुआ तुम्हारी कोई ग़लती नही है

सम;भाभी एक बात कहूँ

शबनम;हाँ बोलो

सॅम;आप मुझसे ऐसे डरी डरी सी क्यूँ रहती है

शबनम;थोड़ा झीजकते हुए नही तो सॅम ऐसी कोई बात नही है तुम्हे ऐसे क्यूँ लगता है

सॅम;बस भाभी लगता है आप आबिद से खुलके हंस के बात करती है पर मुझसे थोड़ी दूर सी रहती है मुझे ऐसा फील होता है जैसे मैने आपको हर्ट किया है कभी

शबनम;नही बाबा ऐसे कोई बात नही है असल मे तुम यहाँ थे नही ना कई सालों से इसीलिए थोड़ा मुश्किल होता है एक दूसरे को समझना मैं नही चाहती मेरी कोई बात तुम्हे हर्ट करजाये

सॅम;ऊहह तो ये बात है
मैं भी ना कुछ भी सोचता रहता हूँ

अच्छा भाभी क्या मैं आपसे कोई बात शेयर करू तो वो आप हम दोनो तक रख सकती हो

शबनम;बिल्कुल सॅम तुम मुझपे पूरा भरोसा करसकते हो

सॅम;ओके भाभी मुझे ना एक लड़की बहुत पसंद है
वो मुझे बहुत अच्छी लगती है शाएद मैं भी उसे अच्छा लगता होउँगा ऐसा मुझे लगता है पर उसके दिल की बात मुझे अब तक पता नही चली है
मैं आपसे ये पूछना चाहता हूँ कि मैं उसे कैसे हासिल करूँ

शबनम;थोड़ी देर चुप रही
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by shubhs »

बिंदास गुरु
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »


देखो सॅम अगर तुम उसे सच मे प्यार करते हो तो पहले उसके दिल मे जगा बनाओ उसे तुम्हारी अहमियत पता होनी चाहिए और हाँ तुम उसे कितना प्यार करते हो इसका भी एहसास उसे दिलाओ उसके बाद तुम देखो गे कि वो अपना सब कुछ तुम पे न्योछावर कर्देति है

सॅम;ओूऊऊऊऊव भाभी यू आर एक्सलेंट आपका तो जवाब नही

शबनम;थोड़ा झेन्पते हुए थॅंक यू

सॅम;शबनम से नजमा के बारे मे पूछ रहा था और शबनम शायद ये समझ बैठी थी कि सॅम उसके बारे मे बात कर रहा है
कन्फुशन

लेकिन इन्सब बातों का ये प्लस पॉइंट निकला था कि सम और शबनम के बेच का वो परदा हाथ चुका था जो उन्ही एक ही घर मे दो हिस्सों मे बाते हुए था अब वो एक डुरे से काफ़ी फ्रॅंक बातें करने लगे थे और ऐसे ही बातों मे वो मिस्टर.जाफ़री के घर पहुँच जाते है

सॅम और शबनम मिस्टर.जाफ़री के घर पहुँच जाते है ये एक बड़ी सी हवेली थी जिसमे कई रूम्स थे सॅम एक नौकर को उनके आने की वजह बताता है वो एक रूम मे जाके मिस्टर.जाफ़री को इनफॉर्म करता है
कुछ देर बाद सॅम और शबनम उस रूम की तरफ चल देते है जहाँ मिस्टर जाफ़री थे

मिस्टर.जाफ़री;अर्रे आओ आओ सॅम बेटा कैसे हो अर्रे शबनम बेटी भी आई है

वो एक मुलाज़िम को इन्दोनो के लिए कुछ लाने के लिए कहते है

मिस्टर.जाफ़री;एक 4२ साल के मिड्ल एज शक्स थे पर बीमारी ने इन्हे इतना कमज़ोर कर्दिया था कि वो 60 साल के नज़र आने लगे थे उनकी दूसरी शादी हुए 1साल ही हुआ था पहली बीवी की मौत होचुकी थी वो तीनो आपस मे बातें कर रहे थे तभी रूम मे एक लड़की जिसकी उमर 23 से 24 साल के बीच होगी वहाँ आती है

सॅम;को लगा शाएद ये मिस्टर.जाफ़री की बेटी है पर उसे उस वक्त शॉक लगा जब मिस्टर.जाफ़री ने उस लड़की को बेगम कहा यानी ये उनकी दूसरी बीवी थी

सॅम;तो उसे देखता ही रह गया एक नायाब हीरा था वो जो कचरे मे पड़ा था जिस्म एकदम भरा हुआ कमर पीछे को निकले हुए चुची अपने ब्लाउस को फाड़ के बाहर आने को बेताब पेट एकदम चिकना जैसे संगे मरमर और वो थी भी किसी अजंता की मूरत जब वो हंस के सॅम और शबनम से बातें कर रही थी तो सॅम को ऐसे लग रहा था जैसे जन्नत की कोई हूर ज़मीन पे उतर आई हो और अपने लबों से मोटी बरसा रही हो उसका नाम था शीबा.

जब शिबा सॅम को ऐसे घूरते हुए देखती है तो उसके चेहरे पे एक कातिल मुस्कान आजाती है जिसे सॅम की आँखे एक पल मे पढ़ लेती है

मिस्टर.जाफ़री;शीबा का इंट्रो सॅम और शबनम से करवाते है और उनके बीच ऐसे ही बातें चलती रहती है

शबनम;शीबा से टाय्लेट का पता पूछ वहाँ चले जाती है उसे ज़ोरों की पेशाब आई हुई थी

मिस्टर.जाफ़री;अर्रे बेगम सॅम हमारे घर पहली बार आया है इसे हमारा घर दिखाओ ये तो बाहर से घर देख हमारे घर की बहुत तारीफ कर रहे थे ज़रा इन्हे अंदर से भी दिखा दो

शीबा;जी चलिए आपको अंदर का दिखा देती हूँ
उसने ऐसे अंदाज़ मे कही कि सॅम का लंड फूँकारे बिना ना रहसका
वो दोनो उपर बनी सीढ़ियों के तरफ चल देते है

उपर एक रूम मेपहुँच के शीबा सॅम को बेड पे बैठा देती है ये उसका बेडरूम था जो बहुत सलीके से सज़ा हुआ था
सॅम;इधर उधर देखने लगता है पर शीबा की नज़रें सॅम पर ही टिकी हुई थी

शीबा;सॅम तुम्हारी बीवी साथ नही आई

सॅम;जी वो मेरी अभी तक शादी नही हुई है

शीबा;ऊऊओह तो अपनी भाभी का ख़याल रखते हो कि नही

सॅम;समझ गया था शीबा की डबल मीनिंग बातें वो भी कोई कम थोड़े ही था
अभी तक उन्होने मौका कहाँ दिया है खिदमत का मैं तो दिल ओ जान से करने को तैयार हूँ

शीबा;ह्म्म्म्म मम बस अपनी भाभी की या..????/

सॅम;बेड से उठते हुए शीबा के पास आजाता है और उसकी कमर मे हाथ डालके उसे अपने चौड़े सीने से चिपका देता है

शीबा;उनह क्या कर रहे हो छोड़ो अहह
वो सिर्फ़ बोल रही थी हालाँकि वो खुद और सॅम से चिपकी जा रही थी

सॅम;उसकी आँखों मे देखते हुए तू बोल तेरा तो ऐसे ख़याल रखूँगा कि तू दिन रात मेरे गुण गाएगी और वो बिना देर किए अपने होंठ उसके नाज़ुक से होंठों पे जमा के चूसने लगता है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प

शीबा;उनह अहह नही छोड़ो ना उःन्ह्ंहंहंहंह्न गलपप्प्प्प गलपप्प्प्प्प कोई आजाएगा अहह गलपप्प्प्प्प्प्प बाद मे कर्लेना आह

सॅम;कब

शीबा;तुम मुझे अपना सेल नंबर दो मैं तुम्हे कॉल करूँगी और वो सॅम के लंड को उसकी पॅंट के उपर से मसल्ने लगती है उसकी आँखे किसी भूके भेड़िए की तरह चमक रही थी जिसे कई दिनो के बाद कुछ खाने को नसीब हुआ था

तभी उन्हे शबनम की आवाज़ सुनाए देती है

सॅम;शीबा से जल्दी से अलग हो जाता है और उसके सेल पे मिस कॉल मार के वो दोनो नीची चल देते है
कुछ देर और बातें करने के बाद सॅम और शबनम घर की तरफ चल देते है
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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