एक राजा और चार रानियाँ complete

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jay
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

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शीबा;उन्हे अपनी खिड़के से जाता देखती रहती है

जिस दिन शीबा की शादी हुई थी उसके एक हफ्ते बाद ही मिस्टर.जाफ़री की तबीयत खराब हो गयी थी ये चूत की आग ही थी जो शीबा को अंदर ही अंदर खाए जा रही थी वो अपनी चूत की आग अपनी नौकरानी कुलसूम की चूत से घिस घिस के ठंडी करने की नाकाम कोशिश करती थी पर उस पगली को क्या पता था कि जो आग चूत मे उठती है उसे सिर्फ़ और सिर्फ़ लंड का पानी ही बुझाता है

सॅम के आने से उसकी चूत को एक नयी उम्मीद जागी थी अब उसे अपने सुने पन का इलाज मिल गया था.

कर मे शबनम सॅम को घूर घूर के देख रही थी

सॅम;अर्रे क्या हुआ भाभी ऐसे घूर क्यूँ रही हो

शबनम;तुम मिस्टर.जाफ़री की वाइफ को ऐसे घूर क्यूँ रहे थे मुझे ये सब बिल्कुल पसंद नही सॅम आएन्दा ऐसा करोगे तो वो बोलते बोलती रुक गयी उसे एहसास हो गया कि सम उसका देवर है शोहर नही

सॅम;कार के ब्रेक लगा देता है और शबनम की तरफ घूम के
उसका हाथ अपने हाथों मे लेते हुए
भाभी आपका ऐसे डांटना मुझे बहुत अच्छा लगा ऐसे लगा जैसे कोई तो है जो मुझे इतना प्यार करता है और मेरी छोटी छोटी बातें नोट्स करता है

शबनम;अपना सर दूसरी तरफ घूमाते हुए मैं तुमसे प्यार नही करती सॅम मैं तो बस वो आगे बोलने वाली थी कि सॅम उसके चेहरे को अपनी तरफ घुमा देता है और दोनो हाथों से उसे थाम लेता है

सॅम;ये बात मेरी आँखों मे देख के कहो

शबनम;का गला सूखने लगा था होंठ सुख के काँटे की तरह उसे चुभ रहे थे वो बोलने की सलाहीयत खोते जा रही थी

सॅम;उसके लबों के करीब जाके उसके होंठों के बिल्कुल इतना पास कि अगर एक पत्ता भी उनके होंठों के बीच रख दिया जाए तो वो नीचे ना गिरे उनके होंठो के बीच अटक जाए

मैं जानता हूँ भाभी आप मुझसे बहुत प्यार करती है
बोलो करती होना अगर नही करती तो खाओ मेरी कसम

शबनम;अपने आप को संभाल ते हुए सॅम के आँखों मे देखने लगती है
वो कुछ नही कहती बस वो छोटा सा हिस्सा जो उन्दोनो के लबों को दूर रखे हुए था उसे ख़त्म कर देती है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प

वो दोनो पहली मर्तबा एक दूसरे की बाहों मे थे ऐसे कि कभी जुदा नही होना चाहते सॅम शबनम के लिप्स को पागलों की तरह चूमे जा रहा था और शबनम भी उसका साथ दे रही थी

दोनो ये भूल गये थे कि वो इस वक़्त कहाँ है जब पीछे से किसी ने हॉर्न बजाया तब उन्हे होश आया कि वो बीच रास्ते मे है

उस कार वाले ने जिसने हॉर्न बजाया था उनके पास से गुज़रते हुए उन्हे चिल्ला के कहा
आबे चोदना है तो घर लेजाके जी भर के चोद ना यहाँ रास्ते मे क्यूँ झक मरा रहा है

सॅम;उसे बोलना चाहता था पर वो तेज़ रफ़्तार से उनके सामने से निकल जाता है और शबनम के चेहरे पे एक अजीब सी खुशी छोड़ जाता है

सॅम;बडबडा ता हुआ बस्टर्ड
और दोनो चुप चाप घर की तरफ चल देते है
जब सॅम और शबनम घर पहुँचे रात के 8पी एम हो रहे थे
नजमा और महक उन्दोनो का डाइनिंग टेबल पे इंतजार कर रहे थे

नजमा;सॅम को देखते हुए अरे सॅम बहुत देर लगाई कैसी है मिस्टर.जाफ़री की तबीयत

सॅम;ठीक है अम्मी बस थोड़े कमज़ोर दिखाई दे रहे थे अंकल

नजमा;हाँ बीमारी ही ऐसी है तुम दोनो फ्रेश होजाओ फिर साथ खाना खाते हैं
और सॅम और शबनम फ्रेश होने चले जातें है

खाना खाते वक़्त सॅम की आँखे शबनम की तरफ बार बार जा रही थीं और शबनम भी उसे देख रही थी वो दोनो एक नये रिश्ते को शुरू करने के बिल्कुल करीब थे

नजमा;उन्दोनो से ऐसे ही फॉर्मल बातें कर रही थी और महक अपनी ही धुन मे खाना खाने मे बिज़ी थी उसे इन सब बातों से जैसे कोई मतलब ही नही था

सॅम;अर्रे मोटी आराम से खा

महक;सॅम को घूरते हुए कद्दू तू अपना खाना सामने देख के खा मुझे मत समझा वरना

सॅम;वरना क्या जब देखो धमकी देती रहती है होता जाता तो कुछ है नही तुझसे

नजमा;उन्दोनो के बीच बोलती हुए उन्हे चुप चाप खाना खाने को कहती है

रात 12पी एम;

सभी अपने अपने रूम्स मे चले गये थे
नजमा आज बहुत थक चुकी थी इसीलिए वो तो बेड पे गिरते ही गहरी नींद मे चली गयी महक अपने रूम मे पता नही क्या कर रही थी और सॅम बेड पे बैठा कुछ सोच रहा था वो किसी ख़याल से अपने रूम से बाहर निकल के शबनम के रूम की तरफ बढ़ जाता है

शबनम;के रूम का दरवाज़ा धकेला हुआ था और वो अंदर कपड़े चेंज कर रही थी

सॅम;उसके रूम मे बिना नॉक किए घुस जाता है और सामने खड़ी शबनम को देख उसके कदम ठिठक जाते है

शबनम;सिर्फ़ ब्रा और लहनगे मे थी और अलमारी से अपनी नाइटी निकाल रही थी
वो पीछे पलट के देखती है और सामने खड़े सॅम को देख उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है

सॅम;दरवाज़ा बंद करदेता है और शबनम की तरफ बढ़ने लगता है

शबनम;धीरे से
सॅम तुम इस वक़्त यहाँ क्या कर रहे हो प्लीज़ जाओ यहाँ से

सॅम;बिना बोले उसकी तरफ चला आरहा था

शबनम;घबराई हुए आवाज़ मे
प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ सॅम जाओ कोई हमे एक साथ देख लेगा तो क्या सोचेगा उसकी आवाज़ मे डर और ख़ौफ़ सॉफ नज़र आ रही थी

सॅम;उसके एकदम सामने खड़ा हो जाता है और अपने दोनो हाथ उसकी कमर मे डालके उसे अपने से चिपका लेता है
जिससे शबनम की नरम नरम चुची सॅम की छाती से रगड़ने लगती है
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

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शबनम;के जिस्म मे बिजली से लहर दौड़ने लगी थी उसे सॅम की मज़बूत पकड़ बहुत अच्छी लगती थी पर उसका डर उसकी मस्ती से ज़्यादा था

सॅम;उसकी आँखों मे देखते हुए आइ लव यू शबनम
और सॅम;शबनम के लिप्स पे अपने लिप्स रख देता है

वो उसके निचले होंठ को अपने मुँह मे डालके चूसने लगता है जिससे शबनम का जिस्म अकड़ने लगता है

शबनम;गलपप्प्प्प उःन्ह्ंहंहंह्न गलपप्प्प्प्प सम प्लेज छोड़ो ना गलपप्प्प्प्प उःन्ह्ंहंहंहंह्न मंजाओ ना मेरे सॅम गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प

सॅम;पे तो जैसे जुनून सवार था कई दिनो से उसे चूत नही मिली थी उसका लौडा पॅंट मे हुड़दाम मचा रहा था जिसे शबनम अपनी जांघों के बीच अच्छी तरह महसूस करसकती थी

सॅम;शबनम की ब्रा खोल देता है और शबनम को संभलने से पहले ही उसे बेड पे गिरा के उसके निपल्स को मुँह मे लेके चूसने लगता है गलपप्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प

शबनम;अब अपना कंट्रोल खो चुकी थी उसका जिस्म अब सॅम का साथ देने लगा था वो भी सॅम का सर पकड़ के अपनी चुची पे दबा रही थी अहह सॅम क्या कर रही हो उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह अपनी भाभी के साथ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नही ना सॅम उःन्ह्ंहंहंहंहंह्न अहह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

सॅम;ने उसकी चुचि पे ज़ोर से काटा था जिससे शबनम की चीख निकल गयी थी पर सही वक़्त पे उसने अपने दोनो हाथ अपने मुँह पे रखके उस चीख को दबा दिया था अहह

शबनम;प्युरे तरह सॅम के क़ब्ज़े मे थी और सॅम उसकी एक चुचि को चूस्ते हुए दूसरी को बेरहमी से मसल रहा था उसके लंड की रगड़ शबनम की चूत पे पड़ने से शबनम बेकाबू हो गयी थी उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह सॅम अहह और ज़ोर से अहहहहहहहः मेरे देवर अहह अपनी भाभी को निचोड़ लो अह्ह्ह्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह वो बोलते बोलते एकदम शांत पड़ गयी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था

वो बेड पे बैठ जाती है और सॅम की आँखों मे देखने लगती है जो उसके पास लेटा हुआ था वो सॅम के उपर झुकती चली जाती है दोनो फिर से एकदुसरे को चूमने लगते हैं तकरीबन 10मिनट बाद सॅम शबनम का लेनहगा खोलना चाहता है पर शबनम उसे रोक लेती है

शबनम;आज नही सॅम'

सॅम;क्यूँ

शबनम;उसके कान मे धीरे से आज मेरी एम.सी का लास्ट दिन है प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़

सॅम;एक समझ दार मर्द था औरत को तकलीफ़ मे तकलीफ़ देना उसकी फ़ितरत मे नही था वो शबनम को कुछ देर चूमने के बाद उसके रूम से निकलने लगता है

फिर किसी ख़याल से वो वापस शबनम के पास आता है और उसे अपने से चिपका के
सॅम;;सुन शबनम कल रात 1 बजे मैं तेरे रूम मे आउन्गा मुझे तू दुल्हन की तरह दिखनी चाहिए मेरी दुल्हन

शबनम;शरमाते हुए हाँ मे सर हिलाती है सॅम उसे चूमता हुआ रूम से बाहर निकल जाता है और सीधा अपने रूम मे जाता है जहाँ उसे धक्का सा लगता है वहाँ आबिद उसके बेड पे बैठा उसका इंतजार कर रहा था

सॅम;तू यहाँ क्या कर रहा है

आबिद;कुछ नही बस तुम्हे न्यूज़ देना था कि मैने तुम्हारी और भाभी की सारी बातें सुन ली हैं और ये मैं कल अम्मी को बताने वाला हूँ

सॅम;की तो जैसे फॅट गयी थी
वो जल्दी से रूम का दरवाज़ा बंद करदेता है
आबिद मेरे भाई तू क्यूँ अम्मी को बीच मे ला रहा है हम दोनो भाई है ना बैठ के बात करतें है

आबिद;भाई अच्छा उस दिन इतनी ज़ोर से थप्पड़ मारे थे तब क्या मैं तुम्हारा भाई नही था

सम;अर्रे तू भी कितना पागला है वो तो बस उस्दिन मेरा मूड ऑफ था
और सॅम आबिद के पास बैठ के उसे फुसलाने लगता है

आबिद;मैं तुम्हारी इन बातों मे नही आने वाला भाई

सॅम;तो क्या चाहिए तुझे

आबिद;सॅम के लंड पे हाथ रखते हुए तुम जानते हो मुझे क्या चाहिए

जब सॅम उसे नही रोकता तो आबिद की हिम्मत बढ़ जाती है और वो सॅम की पॅंट खींच के उसका लंड बाहर निकाल लेता है और बिना देर किए उसे अपने मुँह की गहराइयों मे डालने लगता है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प

सॅम;आराम से हरामी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सॅम के लंड मे तनाव आजाता है शबनम की चूत ना सही आबिद की गान्ड ही सही अहह धीरे कर मादर चोद अहह खा जाएगा क्या

आबिद;हाँ खा जाउन्गा गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प वो सॅम के लंड की एक एक इंच को चाटता चला जाता है और अपनी पॅंट भी उतार देता है

सम;से कंट्रोल नही होता और वो आबिद को बेड पे गिरा के उसे डोगी स्टाइल मे करलेता है और एक झटके मे अपना मुस्सल लंड उसकी गान्ड मे डालने लगता है

आबिद;बेचारा गान्ड के दर्द का मारा बुरी तरह तड़प उठता है अहह ऊऊहह अहह स्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
आराम से भाई मेरी गान्ड है भाभी की चूत नही अहह धीरे अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह दर्द होता है ना भाई अहह

सॅम;तेरी माँ को चोदु साले हरामी गान्डु तुझे तो मैं ऐसे मारता हूँ कि तेरी गान्ड मे ट्रक भी घुस जाए अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ले साले हाआआआआ वो तूफ़ानी रफ़्तार से शबनम की चूत का घुसा आबिद की गान्ड मे निकल ने लगता है अहह गान्डु मुझे ब्लॅकमेन्ल करता है हााआआ ले साले हाआआआआ

आबिद; से बोलना भी दुश्वार था वो बस तकिये मे मुँह छुपाए अपनी गान्ड मे सम के लंड का मज़ा ले रहा था उनह भाई ऐसे ही रूज़ छोड़ोंगे ना हााआअ ऐसे ही अहह

सॅम;चुप कर मदर्चोद अगर तूने अपना मुँह बंद रखा तो तेरी गान्ड मे कभी कभी लंड जाता रहेगा पर अगर तूने अपना मुँह किसी के सामने खोला तो तेरी गान्ड मे लंड नही लोहे की रोड जाएगी समझा अहह

आबिद;हाँ नही मुँह खोलूँगा भाई अहह बस तुम कभी कभी मेरी गान्ड खोलते रहा करो अहह

15मिनट की गान्ड मराई के बाद सॅम अपना पानी आबिद की गान्ड मे डालके लेट जाता है और आबिद को रूम से बाहर जाने का कह देता है और उसे अपना मुँह बंद रखने का भी याद दिला देता है

आबिद;गान्ड पे हाथ रख के अपने रूम मे चला जाता है

सॅम;अपने बेड पे सिर्फ़ अंडरवेर मे सोया हुआ था और नजमा उसके पास बैठी उसके बालों को सहला रही थी ये उसकी रोज की आदत थी पर आज उसे सॅम पे बहुत प्यार आरहा था सॅम के चेहरे मे उसे उसके शोहार का अक्स नज़र आता था इसीलिए नजमा सॅम की इतनी शरारतों के बावजूद उसे बेन्तेहा प्यार करती थी पर ये प्यार सिर्फ़ एक माँ बेटे वाला था जो प्यार सॅम नजमा से करता था उसके शुरुआत होना बाकी थी नजमा के दिल मे

सॅम;अपनी एक आँख खोल के सामने बैठी नजमा को देख लेता है और दुबारा आँखे बंद करलेता है वो जाग चुका था पर अचानक उसके दिमाग़ मे एक आइडिया आता है और वो
बडबडाने लगता है
अम्मी आइ लव यू अम्मी मैं आपसे सच्ची मोहब्बत करता हूँ
अगर आप मुझे नही मिली तो मैं अपनी जान दे दूँगा आइ लव यू अम्मी सूओ मच
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नजमा;का दिल ये सुनके ज़ोरों से धड़कने लगता है उससे लगने लगता है कि सॅम ख्वाब मे उसे देख के बडबडा रहा है वो ये कहाँ जानती थी कि सॅम पूरी तरह जाग चुका है उसे सॅम पे बेन्तेहा प्यार आने लगता है और वो सॅम की पेशानी को चूमने उसपे झुकती है तभी

सॅम;बड़बड़ाता हुआ उठ कर बैठ जाता है
अम्मी मुझे छोड़ के मत जाना मैं मर जाउन्गा

नजमा;अर्रे बेटा सॅम क्या हुआ कोई ख्वाब देखा तूने

सॅम;सामने बैठी नजमा को ऐसे अंदाज़ मे देखता है जैसे सच मे वो ख्वाब देख के उठा है और वो नजमा से चिपक जाता है
हाँ अम्मी मैने एक ख्वाब देखा
वो बोलते बोलते फिर से नजमा से ज़ोर से चिपक जाता है इसबार उसकी पकड़ काफ़ी मज़बूत थी जो सीधा नजमा की चुचि उसकी नंगी छाती मे धँस गयी थी जिससे नजमा के मुँह से उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह से सिसक निकल जाती है

नजमा;उसके सर पे हाथ फिराने लगती है और सॅम नजमा की गर्दन पे चूमता है मुह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
अम्मी आप मुझे छोड़ के तो नही जाओगी ना

नजमा;मुस्कुराते हुए ऐसे पकड़ेगा तो कैसे कहीं जासकती हूँ मैं अब छोड़ भी

सॅम;अम्मी बोलो ना वरना मैं नही छोड़ने वाला

नजमा;अच्छा बाबा नही जाउन्गी अब तो छोड़ दे

हालाँकि नजमा को भी सॅम के बाहें अच्छी लगने लगी थीं

सॅम;इस बात का फायेदा उठा के नजमा को घुमा के बेड पे सुला देता है और उसपे झुक जाता है

नजमा;अहह छोड़ बेशरम क्या कर रहा है कोई अजाएगा

सम;आने दो मुझे दूध पीना है

नजमा;उसे घूरते हुए ऊहह अब समझी छोड़ वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा सॅम बोल देती हूँ

सॅम;पहले मुझे दूध पिलाओ

नजमा;नही पिलाउन्गी अब तू बड़ा हो गया है

सॅम;मुझे पीना है और वो मैं पीके रहूँगा

ये कहते हुए सॅम नजमा की निघट्य के दो बटनो को खोल के उसकी एक चुचि पे अपना मुँह टिका देता है

नजमा;अहह सिसक उठती है छोड़ ना बेशरम अहह इस मे दूध कहाँ है अहह ऊइईई अम्मी गगगगगगगगग

सॅम;मैं निकाल लूँगा गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प
वो नजमा की एक चुचि को मसलके दूसरी मुँह मे भरे जा रहा था जिससे नजमा की हालत खराब होने लगी थी

नजमा;उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बस कर सॅम बेटा मुझे अहह नही ना उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा अहह उःन्णननननणणन् प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़

सॅम;मैं किसी से नही डरता गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प

सॅम के इतने जबरदस्त चुचि चूसने से नजमा का विरोध ख़तम सा हो गया था और वो एक अलग ही दुनिया मे पहुँच चुकी थी वो अब सॅम का सर पकड़ के उसे अपनी चुचि चूसा रही थी उसके मुँह से एक अजीब से सिसॅक निकल रही थी जिसमे जोश और पागल पन दोनो थे

जोश अपने बेटे को इस उमर मे चुचि चूसाने का और जुनून उसके साथ कुछ कर गुज़रने का

नजमा;अहह इतना प्यार करता है तू मुझसे

सॅम;इससे भी ज़्यादा बहुत जल्द मैं आपको वो बताउन्गा गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प

नजमा;उनह कैसे अहहहहहहहः

सॅम;जब मैं आपको पूरा नंगा करके आपके बेड पे रात भर चोदुन्गा

नजमा;अपनी आँखे खोल देती है और सॅम को ज़ोर से पीछे धकेल के उठ जाती है और अपनी नाइटी के बॅटन लगा के उसे घूरते हुई

बेशरम ये करना चाहता है तू मेरे साथ कम्बख़त डूब मर और वो उसके रूम से चली जाती है

सॅम;अपने लंड को पकड़ के सोचने लगता है

दुर्घटना से देर भली बेटा सॅम तूने शाएद थोड़ी जल्द बाजी करदी
पर जाने दे मछली को चारा तो दे ही दिया है तूने कब तक चारा नही खाती देखता हूँ

और वो मुस्कुराता हुआ बेड से उठ के बाथरूम मे घुस जाता है
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जब वो डाइनिंग टेबल पे बैठता है तब उसे महक टप्पू मारती है

महक;अर्रे सॅम तुझे पता है आज आबिद का रिज़ल्ट है पता नही क्या गुल खिलाया है एग्ज़ॅम मे

सॅम;उसे घूरता हुआ तू जैसे बड़ी साइंटिस्ट है तूने क्या गुल खिलाएँ है एग्ज़ॅम मे

महक;ऊइईई कद्दू टॉपर थी लास्ट एअर मैं समझा

सॅम;ह्म्म्म्म ममममम चीटिंग से

महक;उससे मारने ही वाली थी कि नजमा उसे डाँटते हुए

नजमा;बेशरम लड़की अपने भाई को मारती है

महक;भाई और ये मेरी जान का दुश्मन है ये मुझे पहले पता होता तो वो बोलते रुक गयी क्यूंकी उसे सामने से आबिद आता हुआ देखा उसका मुँह लटका हुआ था

नजमा;आबिद रिज़ल्ट आ गया तेरा बता मुझे

आबिद;डरते हुए मारक्शीट नजमा के हाथ मे देता है

नजमा;चिल्लाते हुए कम्बख़्त मारे ये क्या तू मेद्स और इंग्लीश मे फैल हो गया है.

महक और सॅम;दोनो आबिद को देख रहे थे जिसकी हालत भीगी बिल्ली जैसी थी

सभी जानते थे अब क्या होने वाला है
नजमा;ने पहले ही आबिद को इनटेमेशन दे रखी थी कि अगर वो एग्ज़ॅम मे फैल हुआ तो वो उसके मामा यानी नजमा के बड़े भाई यासीन ख़ान के यहाँ सागर जाएगा वहाँ एक बहुत बड़ी मिलिटरी कॅंप है और यासीन ख़ान वहाँ एक लेक्चरर है
वहाँ कॉलेज के साथ साथ मिल्तरी ट्रनिंग भी दी जाती है

नजमा;अपना समान पॅक करके रख आबिद दो दिन मे तुझे सागर जाना है तू मुझसे नही सुधारने वाला तुझे तेरे मामू ही ठीक करेंगे

सॅम;अम्मी बच्चा है हमारा आबिद वहाँ कैसे रहेगा

नजमा;सॅम को घूरते हुए तो तू चला जा उसके साथ

सॅम;मुस्कुराते हुए मैं तो आपका बच्चा हूँ मैं आपको छोड़ के कहीं नही जाने वाला

नजमा;के होंठों के कॉर्नर मे एक हल्की से मुस्कान आजाति है जिसे वो बड़ी चालाकी से छुपा लेती है और आबिद को खरी खोटी सुनाने लगती है

नजमा;अपने बच्चों के फ्यूचर को लेके बहुत स्ट्रिक्ट थी वो जानती थी इस टफ कॉंपिटेशन मे इन्हीं कुछ एक्सट्रा एफर्ट देखने होंगे

आबिद;बातें सुनने के बाद अपने रूम मे चला जाता है उसे रोना आ रहा था पता नही क्यूँ
पर उसे जाना था और ये चीज़ टलने वाली नही थी

सॅम;नजमा के रूम में चला जाता है जहाँ नजमा ऑफीस जाने के लिए कुछ तैयारी कर रही थी वो सॅम को देखती है और फिर से अपनी फाइल ढूँडने लगज़ाती है

सॅम;वहीं बेड पे बैठा नजमा के जिस्म को निहार रहा था
अम्मी आपको नही लगता आप आबिद के साथ ज़्यादती कर रही है

नजमा;मुझे जो ठीक लगता है वही करती हूँ मैं समझे और आबिद इस से सुधरने वाला है तुम अपनी नाक बीच में ना ही अड़ाओ तो अच्छा होगा

सॅम;उठ के नजमा को पीछे से पकड़ लेता है
अम्मी मैं तो बस आपको

नजमा;छोड़ो मुझे जब देखो मक्खी की तरह मेरे आगे पीछे मंडराते रहते हो शरम नाम की तो कोई चीज़ रही नही तुम मेक सम

सॅम;नजमा को अपनी तरफ घुमा देता है और उसकी झील सी आँखों में देखने लगता है मैने ऐसा क्या किया जो आप मुझे ऐसा कह रही हैं

नजमा;बनावटी गुस्सा दिखाते हुए देख सॅम तू भी जानता है तूने सुबह क्या किया अएन्दा ऐसा करेगा ना तो वो बोलने ही वाली थी कि सॅम नजमा के गालों पे ज़ोर से काट लेता है

नजमा;उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह चिल्ला भी नही सकती थी कोई आजाता तो क्या जवाब देती वो सॅम को पीछे धकेल के एक थप्पड़ उसके गाल पे रख देती है
खबर दार बदतमीज़ आयेन्दा ऐसी हरकत किया तो

नजमा के गालों पे सॅम के काटने से जलन होने लगी थी उसका गुस्सा आना जायेज़ था
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »



सॅम;अम्मी आप मुझे जान से मर्दो पर मैं अपनी अम्मी को प्यार करना नही छोड़ूँगा और एक ना एक दिन आप खुद मेरे गालों पे क्या होंठों पे किस करोगी

नजमा;उसे ऐसे घुरती है जैसे सच मच अब गोली मार देगी
चला जा मेरे रूम से कम्बख़त वो दिन कभी नही आएगा समझा
और मैं तुझे इसलिए नही मारना चाहती कि तू अब बड़ा हो गया है पर अगर तूने अपनी लिमिट क्रॉस किया तो मैं भूल जाउन्गी कि तू मेरा बेटा है

सॅम;मैं भी तो यही चाहता हूँ कि आप ये भूल जाएँ कि मैं आपका बेटा हूँ और वो हंसता हुआ नजमा के गाल को सहलाता हुआ वहाँ से निकल जाता है

नजमा;दिल में सोचने लगती है इस्पे तो अब मेरे थप्पड़ का भी असर नही होता पता नही क्या हाल करेगा ये इस घर का और वो ऑफीस के लिए निकल जाती है

सॅम;और शबनम एक कार में ऑफीस जा रहे थे

शबनम;चुप थी उसे रह रह के रात वाली बात याद अराही थी कि आज रात उसे दुल्हन की तरह तैयार होना है और सॅम
नही नही मैं ऐसा कुछ नही करूँगी
वो चिल्लाती है सॅम मैं ऐसा कुछ नही करूँगी

सॅम;उसे हैरत से देखता हुआ क्या नही करूँगी भाभी आप

शबनम;वो मैं कुछ नही

सॅम;तो फिर ऐसे अचानक चीखीं क्यूँ आप बोलो ना भाभी सॅम की आवाज़ में शरारत थी

शबनम;आज के बाद तुम मेरे रूम में नही आओगे और मैं कुछ भी नही करना चाहती तुम्हारे साथ ना मैं रात में तैयार होउंगी और ना तुम मेरे रूम में आना उसकी आवाज़ कांप ज़रूर रही थी पर ऐसा लग रहा था जैसे उसने फ़ैसला करलिया हो

सॅम;शबनम का एक हाथ अपने हाथ में मज़बूती से थाम लेता है
भाभी मैं आज रात आपके रूम में ज़रूर आउन्गा और में जानता हूँ आप दुल्हन की तरह मेरे लिए ज़रूर तैयार होगी

ये कहते हुए सॅम स्पीड से कार ऑफीस पहुँचा देता है
शबनम;चुप चाप कार से उतर के अपने कॅबिन में चली जाती है

सॅम;कार से उतरने ही वाला था कि उसके फोन पे मिस्टर.जाफ़री की बीवी शिबा का कॉल आता है
शिबा;हेलो क्या समीर ख़ान का नंबर है

सॅम;जी हाँ बिल्कुल सही नंबर लगाया है अपनी मिस्स्स्स्स्सस्स

शिबा;जी मैं शिबा बोल रही हूँ

सॅम;ओह शिबा जी कैसी है आप

शिबा;जी मैं बिल्कुल ठीक हूँ वो दरअसल बात ये है कि कल से ना मुझे बड़ी घबराहट सी होरही है क्या आप ज़रा आके देख लेगे मुझे

सॅम;को हँसी आजाति है जी शिबा जी मैं डॉक्टर.नही हूँ एक बिज़्नेस मॅन हूँ आप किसी डॉक्टर.से कन्सल्ट कीजिए ना

शिबा;मेरी घबराहट का इलाज़ आपके पास है सॅम

कल मेरे हज़्बेंड को चेक अप के लिए हॉस्पिटल ले जया जाएगा मैं घर में बोर हो जाउन्गी

सॅम;ह्म्म्म्म मममम दिल में सोचने लगता है सब कुछ समझ गया
ओके शिबा जी मैं कल कितने बजे आऊ आपकी देखने

शिबा;2पी एम आ जाए और देख लीजेएगा मेरी.......................तबीयत

सॅम;ज़रूर आउन्गा शिबा जी अब तो आपकी देखनी ही पड़ेंगी.............तबीयत
दोनो डबल मीनिंग में बातें कर रहे थे
सॅम;ओके मैं रखता हूँ सी यू लेटर बाइ टेक केयर

सॅम;का तो जैसे जॅक पॉट लगगया था पर उसे जिस चीज़ की तलब थी वो उससे अभी काफ़ी दूर थी पर उसने सोच लिया था कि चाहिए जो होज़ाये कॉसिश करते रहना है आख़िर दिल का मामला जो था

जैसे तैसे वक़्त गुज़रता गया और सॅम के साथ नजमा और शबनम रात 7पी एम ऑफीस से घर वापस आ गये
शबनम;घर में आज सॅम से नज़रें चुरा रही थी वो जल्दी से खाना ख़ाके अपने रूम में चली गयी

महक;अपनी किसी सहीली की बर्त डे पार्टी में गये थे और आबिद का मूड तो ऑफ ही था रात के खाना खाने के बाद नजमा ने उस बेचारे को और खरी खोटी सुना दी जिससे उसका बुरा हाल था

सॅम;अपने रूम में नहा रहा था उसे पूरा यकीन था कि आज किरात उसकी और शबनम की ज़िंदगी की ऐसी रात होंगी जो भाभी और देबर का रिश्ता हमेशा के लिए बदल के रख देंगी

वो काफ़ी देर तक तैयार होता रहा रात के 10 बज रहे थे
नजमा;अपने रूम में लेटी हुई थी और आबिद और महक अपने रूम में थे
सॅम;रात होने का इंतजार कर रहा था
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