बहू नगीना और ससुर कमीना

Post Reply
User avatar
Smoothdad
Novice User
Posts: 914
Joined: 14 Mar 2016 08:45

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

रात को शिवा आया और मालिनी की डॉक्टर के साथ हुए अनुभव को सुनकर गरम हो गया और उसकी जबरदस्त चुदाई किया।

अगले कुछ दिन ऐसे ही बीते।

और फिर महक के वापस आने का प्रोग्राम बना और उसे लेने के लिए तीनों एयरपोर्ट गए। थोड़ा जल्दी पहुँच गए थे। आज मालिनी ने राजीव के अनुरोध पर टॉप और जींस पहनी थी। क्या मस्त दिख रही थी। राजीव ने तो घर पर उसकी गाँड़ सहलाकर उसको कहा था कि मस्त गाँड़ दिखती है बेटा जींस में? तभी शिवा भी ने टॉप के ऊपर से एक चूचि दबाकर कहा था कि क्या मस्त उभार हैं तुम्हारे। वो झूठा ग़ुस्सा दिखा कर बोली थी कि वहाँ की प्रेस ख़राब हो जाएगी और सबको पता चल जाएगा कि कोई दबाया है इसको। इस पर सब हँसने लगे थे।

अभी यहाँ एयरपोर्ट में राजीव मालिनी को एक लड़की को दिखाकर बोला: देखो वो गुलाबी टी शर्ट वाली लड़की की चूचियाँ तुमसे कितनी बड़ी हैं । तुम्हारी भी इस साइज़ की हो जाएगी तब मज़ा आएगा।

मालिनी चिढ़कर: जाइए ना उसी के पास । आप अब मेरे पास तो आइएगा ही मत।

शिवा मुस्कुराया और बोला: पापा उसकी ब्रा निकालते ही चूचियाँ लटक जाएँगी। मालिनी की तो मस्त तनी रहती हैं।

राजीव: हाँ वो तो है । अरे वो काली जींस वाली की गाँड़ तो देखो। बेटी तुम्हारी गाँड़ इतनी बड़ी होगी तो दुगुना मज़ा आएगा।

इसके पहले की मालिनी कुछ जवाब देती। भीड़ में इनको महक आती दिखी। अभी उसका सिर्फ़ चेहरा ही दिख रहा था। सब उसको हाथ हिलाकर मुस्कुराए और वो भी ख़ुशी से हाथ हिलाई। वो अपना सामान ट्रॉली में लेकर आ रही थी। जैसे ही वो बाहर आयी तो सब चौक गए। वो एक गाउन सा पहनी थी जो कि उसके आधे दूध को ही ढाँक रहा था। उसका पेट बहुत बड़ा अलग सा दिखाई दे रहा था। तभी वो सामने आयी और राजीव से लिपट गयी और राजीव ने उसकी पीठ पर हाथ फेरकर कहा: बेटी सब ठीक है ना? इतना लम्बा सफ़र करके आयी हो।

महक: हाँ पापा सब ठीक है। और फिर अपने पेट पर हाथ फेरकर मुस्कुरा कर बोली: और आपका बेबी भी ठीक है।

अब वो मालिनी से लिपटी और उसके गाल चूमकर बोली: हाय मालिनी कैसी हो। दो दो मर्दों को मेनेज कर रही हो।

मालिनी शर्माकर : दीदी आप भी ना, कहीं भी कुछ भी बोल देती हो।

शिवा मुस्कुराकर: तो इसमें ग़लत क्या है? अब वो भी महक से लिपट कर बोला: दीदी आपको बहुत मिस किया। महक अपनी बड़ी बड़ी छातियाँ उसके चौड़े सीने में दबाकर शिवा को मस्ती से भर दी।

शिवा नीचे उसके गाउन से झाँक रहीं चूचियों को देखकर बोला: आऽऽऽह दीदी बहुत बड़ी हो गयीं है ये। उफ़्फ़ लगता है जीजा जी बहुत दबाते हैं। पिछली बार इतनी बड़ी नहीं थीं ।

महक हँसकर : चल बदमाश।
अब सब बाहर निकल कर कार में बैठे। सामने शिवा और मालिनी बैठे और पीछे राजीव और महक बैठे।

राजीव ने कहा: मैं शिवा की बात का जवाब देता हूँ।

शिवा: पापा कौन सी बात का?

राजीव: यही कि महक के दूध इतने बड़े कैसे हो गए?

मालिनी पलट कर पीछे देखी और शिवा भी शीशे में देखा कि पापा ने ये बात महक की एक चूचि को नीचे से ऊपर की ओर अपने हथेली में मानो तौलते हुए कहा : असल में महक का एक बॉय फ़्रेंड है वहाँ जॉन । ये उसका किया धरा है।

महक हँसकर : हा हा सही कहा आपने। कुछ उसका किया धरा है बाक़ी का आपका किया हुआ है। मॉ बनने वाली हूँ ना तो दूध बड़े हो ही जाते हैं।और पापा ये तो आपका ही किया हुआ है। हैं कि नहीं?

शिवा: वाह दीदी आपने आख़िर पापा को ज़िम्मेदार ठहरा ही दिया। वैसे दीदी, एक बात बोलूँ? जब से पापा मालिनी की लेने लगें है ना इसकी भी चूचियाँ और गाँड़ मस्त बड़ी हो गयीं हैं। और गाल भी भर गए हैं।

मालिनी हँसकर उसकी जाँघ पर एक चपत लगाई और बोली: दीदी देखो ना , ये कुछ भी बोले जा रहे हैं।

महक: वैसे मालिनी इन कुछ महीनों में तुम मस्त गदरा गयी हो। पहले की तुलना में मस्त जवान हो गयी हो।

सब हँसने लगे। राजीव का हाथ अभी भी महक की जाँघ सहला रहा था।

घर पहुँचकर सब सोफ़े में बैठे और मालिनी सबके लिए चाय लायी। चाय पीते हुए सब बातें करने लगे। अभी १० बजे थे। बाई अपना काम कर रही थी।

राजीव: बेटा जाओ फ़्रेश हो जाओ और फिर बाद में बातें करेंगे । आज संडे है शिवा भी घर में ही रहेगा।

मालिनी: दीदी आपको क्या पसंद है मैं वही खाना बनाऊँगी।

महक: मैं सब खा लेती हूँ। अच्छा अब मैं नहा लेती हूँ।

क़रीब १२ बजे सब फिर से इकठ्ठे हुए। अब बाई जा चुकी थी। राजीव अब बनियान और लूँगी में था और शिवा एक शॉर्ट और टी शर्ट में था। मालिनी अब एक गाउन पहनी हुई थी। तभी महक एक ढीला सा गाउन पहनकर बाहर आइ और आकर राजीव के पास बैठ गयी। जैसे ही वो सोफ़े पर बैठी उसकी चौड़ी गाँड़ और फैल सी गयी। राजीव ने उसके कमर के पास सहलाया और कहा: बेटी नहाकर अच्छा लगा?

महक: जी पापा बहुत अच्छा लगा। तभी मालिनी सबके लिए जूस लायी और सब पीने लगे। अब सभी बातें करने लगे।

मालिनी: दीदी आपका घर अमेरिका में तो बहुत बड़ा होगा?

इसके पहले कि महक कुछ बोल पाती राजीव बोल उठा: हाँ इसका घर ही बड़ा है बाक़ी सब इसकी क़िस्मत में छोटा ही है।

मालिनी: क्या मतलब पापा?

राजीव: अरे हमारे जमाई बाबु का हथियार छोटा सा है। बताओ घर बड़ा होने से क्या होगा? महक को तो हथियार भी तगड़ा चाहिए था ना?

महक: पापा आप भी कहाँ की बात को कहाँ ले जाते हैं ? वैसे भी मैं कौन उनके छोटे हथियार के भरोसे हूँ? मेरे पास वहाँ जॉन था और यहाँ आप भी तो हैं। ये कहकर वो राजीव के लंड को लूँगी के ऊपर से दबा दी और सहलाने लगी।

मालिनी ये देखकर सिहर उठी कि कैसी सगी बेटी अपने पापा के लंड को सबके सामने सहला रही है। शिवा की भी आँखें फैल गयीं।

राजीव: ऐसे हैरानी से मेरी बेटी को क्यों देख रहे हो? ये सब तो मैं तुमको पहले ही बता चुका हूँ। वह यह कहते हुए उसकी एक चूचि को दबाने लगा। मालिनी ने देखा कि महक की बहुत बड़ी चूचि पापा के हाथ में भी नहीं आ रही थी। मालिनी के निप्पल्स कड़े होने लगे और शिवा की शॉर्ट में भी तंबू तन चुका था।

महक: पापा मुझे गरम मत करो । मेरा सेक्स पिछले चार महीने से बंद है। अभी बीस दिन में बेबी होगा और उसके बाद भी १५/२० दिन सेक्स नहीं हो पाएगा । तब तक सबर ही करना होगा।

शिवा: ओह आपको तो अभी बहुत दिन ऐसे ही रहना होगा।

राजीव: बेटी ओरल सेक्स तो करती होगी ना?

महक: नहीं वो भी काफ़ी दिनों से नहीं किया।

राजीव: उसमें कोई बुराई नहीं है। तुम लंड चूस भी सकती हो और बुर भी चटवा सकती हो। उसमें कोई समस्या नहीं होगी। मैं तुम्हारी मम्मी के साथ आख़री दिनों तक ओरल सेक्स करता था।

महक: ठीक है पापा। ओरल कर लूँगी।

राजीव: तो बेटा गाउन उतारो ना। हम सब देखना चाहते हैं कि अब तुम्हारा पेट कैसे दिखता है?

शिवा अपने लंड को दबाने लगा था। महक: देखो पापा शिवा कितना गरम हो गया है। मैं अकेले कपड़े नहीं उतारूँगी, सबको उतारने होंगे।

राजीव: बिलकुल सही कहा। चलो मालिनी तुम भी उतारो ताकि महक को ये ना लगे कि वो अकेली ही नंगी हो रही है।

मालिनी भी थोड़ी झिझक के साथ उठी। अब तक महक अपना गाउन उतार दी थी और ब्रा में उसके बड़े बड़े दूध , उसका बड़ा सा पेट जिसमें बेबी रेस्ट कर रहा था और उसकी मस्त गदराई जाँघें और उसमें से झाँकती उसकी फूली हुई बुर जो झाँटों में छिपी सी थी साफ़ दिखाई देनी लगी। अब तक मालिनी ने भी अपना गाउन उतार दिया था। दोनों लड़कियों ने पैंटी नहीं पहनी थीं । महक मालिनी का कसा बदन देख कर बोली: आह पापा क्या मस्त बदन है इसका। मेरा भी ऐसा ही था पर देखो ना अब कितना बेडोल हो गया है। वह मालिनी की ब्रा में क़ैद चूचियाँ , उसकी चिकनी बुर और सपाट पेट देख कर बोली थी।

शिवा: दीदी ज़रा पलट कर गाँड़ दिखाओ ना। गाउन से तो बहुत सेक्सी दिख रहा था।

महक पलटी और दोनों मर्दों को अपना पिछवाड़ा दिखाने लगी। दोनोंके मुँह से आह निकल गयी। शिवा: आह पापा क्या मस्त गाँड़ का उठाव है। उफफफफ । वो अपना लंड दबाकर बोला।

राजीव: मालिनी तुम भी अपनी गाँड़ दिखाओ ज़रा। ज़रा तुलना करें दोनो की?

मालिनी भी पलट कर खड़ी हुई। तभी महक को ना जाने क्या सूझी , वह आगे को होकर सोफ़े को पकड़कर अपने चूतरों को दिखाती हुई अपनी टांगों को दूर दूर किया । फिर वो अपने दोनों हाथ से अपने चूतर फैलायी और अपनी गाँड़ का छेद और बालों में छुपी गुलाबी बुर सबको दिखाने लगी। मालिनी भी उसकी देखा देखी यही की। और उसकी गाँड़ और बुर भी सबके सामने थी।

अब शिवा का सबर का बाँध टूट गया और वो उठा और नीचे घुटनों के बल बैठा और अपनी दीदी की चूतरों की दरार में अपना मुँह घुसेड़कर उसकी गाँड़ और बुर चाटने लगा। महक की आऽऽऽऽहहह निकल गयी।

तभी राजीव भी आकर मालिनी की गाँड़ और बुर चाटने लगा। थोड़ी देर बाद राजीव ने इशारा किया और शिवा और राजीव ने अपनी जगह बदल ली। अब दोनों लड़कियाँ आऽऽऽऽऽह उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ करने लगीं। तभी शिवा ने अपना शॉर्ट उतारा और अपना लंड बाहर निकाला। राजीव भी अपनी लूँगी निकाल दिया। दोनों के लंड ऊपर नीचे हो रहे थे।

अब राजीव बोला: चलो बिस्तर पर चलते है।

महक पलटी और पहली बार अपने भाई का लंड देखी और वो उसको पकड़कर बोली: पापा आपके बेटे का लंड भी आपके जैसा ही है। वो शिवा का लंड सहलाते हुए बोली: मेरे बेटे का भी लंड ऐसा ही बड़ा सा होगा। आपका ही बेटा है ना?

अब सब बेडरूम में आए। शिवा: दीदी ब्रा उतारो ना। आपकी चूचियाँ बहुत मस्त दिख रही हैं , मुझे चूसना है।

राजीव: बेटा ये झाँटे क्यों उगा रखी है? साफ़ नहीं करती हो आजकल?

महक: पापा इतना बड़ा पेट बीच में आ जाता है कुछ दिखता ही नही नीचे का। साफ़ क्या करूँगी।

राजीव: कोई बात नहीं बेटा। हम अभी साफ़ कर देंगे। क्यों शिवा?

शिवा: पापा मैं साफ़ कर दूँगा। वैसे अब आगे से मालिनी का भी मुझे ही तो करना ही पड़ेगा क्योंकि अब तो इसका पेट भी फूलेगा ना?

महक अपनी ब्रा उतारी और उसके विशाल स्तन देखकर बाप बेटा मस्त हो गए। राजीव: आऽऽऽऽह बेटी ये तो कम से कम ४४ साइज़ के हो गए?

शिवा आकर उनको सहलाया और बोला: हाँ पापा मालिनी से बहुत बड़े हैं दीदी के। राजीव भी आकर दूसरी चूचि दबाकर बोला: उफफफफ कितने बड़े कर लिए कुछ महीनों में। अब वो दोनों खड़े खड़े ही उसकी एक एक चूचि चूसने लगे। दोनों के हाथ महक की एक एक गाँड़ की गोलाइयों को भी मसल रहे थे। फिर राजीव ने महक की गाँड़ पर हाथ फेरकर कहा: बेटी ये भी बहुत फैल गयी है। बहुत मादक लगते हैं ,ये जब हिलते हैं तुम्हारे चलने के समय।

अब तक मालिनी भी ब्रा खोल चुकी थी। मालिनी के नंगे बदन को देखकर महक बोली: सच में तुम्हारा बदन बहुत सेक्सी है । कहीं भी एक ओऊँस भी अतिरिक्त चरबी नहीं है। मेरा तो बदन बहुत बेडौल हो चला है।

मालिनी: दीदी बच्चे की डिलीवरी के बाद सब ठीक हो जाएगा।

अब राजीव और शिवा अपने अपने मोटे लौड़े लेकर लेट गए और महक राजीव के लौड़े को और मालिनी शिवा के लंड को सहलाने लगी। जल्दी ही दोनों उनको चूसने लगीं। थोड़ी देर बाद महक बोली: ला मुझे थोड़ी देर मेरे भाई का भी चूसने दे। अब दोनों ने लंड बदल लिए। राजीव और शिवा के हाथ उनकी चूचियों को दबाए जा रहे थे।

महक से अपना लंड शिवा पहली बार चूसवा रहा था। वो नोटिस किया कि महक को लंड चूसने में महारत हासिल है। वो अपने एक हाथ से उसके बॉल्ज़ को सहला रही थी और लौड़े को गले के अंदर अपने टॉन्सिल्ज़ में दबाकर शिवा को मज़े से पागल कर रही थी। जल्दी ही वह डीप थ्रोट भी देने लगी। दीदी का मुँह जिस तरह से उसके लौड़े पर ऊपर नीचे हो रहा था उसे देखकर वो बहुत उत्तेजित हो गया और वासना में भर कर उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ मसलने लगा। अब शिवा की आऽऽऽऽऽह निकल रही थी। तभी मालिनी उठकर अपने ससुर पर सवार हो गयी और उसे चोदने लगी।

महक अपना मुँह उसके लौड़े पर रखकर चूसते हुए अपने पापा और उसकी बहू की मस्त चुदाई देखने लगी। सच में बहु कितनी मस्ती और प्यार से अपने ससुर से मज़ा कर रही थी। मालिनी कितनी ख़ुश क़िस्मत है जो उसे दो दो प्यार करने वाले मिले हैं । और एक वो है जिसका मर्द ही चुदाई में नकारा है। तभी शिवा आऽऽऽऽह दीइइइइइइदी कहकर उसके मुँह में झड़ने लगा और वो उसका पूरा रस पीती चली गयी। फिर उसने जीभ से उसके लौड़े को चाटकर साफ़ किया और बोली: म्म्म्म्म्म शिवा क्या मस्त स्वाद है तुम्हारे रस का।

शिवा: थैंक्स दीदी। मुझे भी बहुत मज़ा आया। आप मस्त चूसती हो। मैं भी आपकी बुर चूस दूँ क्या?

महक मालिनी और राजीव की चुदाई देखती हुई बोली: हाँ चूस दे । ये कहकर वो सीधी लेटी और अपनी जाँघे फैला दी। शिवा उसकी टांगों के बीच आकर उसकी बुर को फैलाया और गुलाबी बुर उसके सामने खुली हुई थी । वो अपनी जीभ से उसकी बुर को चाटा और चूसने लगा।हालाँकि बालों के कारण उसको थोड़ी तकलीफ़ हो रही थी। बार बार बाल मुँह में फँस रहे थे टूट कर। महक भी आऽऽऽह्ह कर उठी और फिर वो उसकी बुर को जीभ से मानो चोदने लगा। वो भी अपनी गाँड़ उछालकर उसका सिर अपनी बुर में दबाने लगी। शिवा ने अपना मुँह अब नीचे की तरफ़ किया और महक की भूरि मस्त गाँड़ का छेद उत्तेजना से सिकुड़ और खुल रहा था। वो जीभ से उसकी गाँड़ चाटा और फिर अपनी ऊँगली में थूक लगाकर एक ऊँगली गाँड़ के छेद में अंदर डालकर अंदर बाहर करने लगा। उसका मुँह वापस उसकी बुर चाटने लगा। जीभ उसकी क्लिट को कुरेदने लगी। महक की अब आऽऽऽऽऽऽऽह उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ निकलने लगी।


उधर मालिनी अब आऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽऽपा उइइइइइइइइ मरीइइइइइइइइ ओओओओओओओओ ऊँनन ऊँननन कहकर अपनी कमर ज़ोर ज़ोर से दबाकर झड़ने लगी। राजीव अभी भी झड़ा नहीं था। उसने मालिनी को अपने ऊपर से हटाया और करवट लेकर अपना लंड महक के मुँह में डाल दिया जिसे वो चूसने लगी। मालिनी अपनी शांत बुर को तौलिए से पोंछते हुए सोच रही थी कि उफफफ क्या दृश्य है महक का भाई उसकी बुर चाट रहा है और उधर उसका बाप उससे अपना लंड चूसवा रहा है। राजीव अब महक की बड़ी बड़ी चूचियाँ भी दबा रहा था।

अब जल्दी ही महक शिवा के मुँह में अपना पानी छोड़ दी और राजीव ने भी महक के मुँह में अपना पानी छोड़ दिया।

अब सब शांत होकर पड़े रहे।
User avatar
Smoothdad
Novice User
Posts: 914
Joined: 14 Mar 2016 08:45

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

sexi munda wrote: 23 Jun 2017 21:57 Nice updates mitr
thanks mitr
User avatar
Smoothdad
Novice User
Posts: 914
Joined: 14 Mar 2016 08:45

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

अगले कुछ दिन ऐसे ही बीते। महक मालिनी को बाप और भाई से चुदवाते देखती और ख़ुद भी ओरल सेक्स करती । इसी तरह दिन बीतने लगे और फिर एक रात महक को बहुत दर्द हुआ और उसे अस्पताल में एडमिट करना पड़ा । वहाँ बाहर राजीव और शिवा खड़े थे, मालिनी घर पर ही थी। सुबह डॉक्टर ने बताया कि महक को बेटा हुआ है और माँ बेटा स्वस्थ हैं। सब बहुत ख़ुश हुए और मालिनी भी फ़ोन पर यह सुनकर वहाँ आ पहुँची। थोड़ी देर बाद नर्स बच्चे को बाहर लायी और सुंदर बच्चे को देखकर सब बधाई देकर उसे प्यार किए।

राजीव डॉक्टर से पूछकर अंदर गया और महक के माथे और गाल को चूमकर बधाई दिया। महक ने मुस्कुरा कर उसे भी बधाई दी और कहा: पापा आपको भी बधाई। आप फिर से पापा बने हो। दोनों मुस्कुरा उठे। मालिनी ने हाथ बढ़ाकर राजीव के पैंट के ऊपर से उसके लंड को सहलाकर कहा: सब इसकी कृपा का फल है। राजीव उसके गाल को चूमा और बोला: इसके पापा को फ़ोन करके ख़ुश ख़बरी दे दी है। वो बहुत ख़ुश हुआ।
महक भी मुस्कुरा दी और बोली: आपके दामाद ने किया क्या है? जो किया वो तो इसने किया है। वो फिर से उसके लौड़े को सहलाकर बोली।
दोनों मुस्कुराने लगे।

अगले तीन दिनों तक अस्पताल में आना जाना लगा रहा। फिर डॉक्टर ने उनको घर जाने की इजाज़त दे दी।

घर पर सब बहुत व्यस्त थे बच्चे के आने से काम बढ़ गया था। ख़ैर कुछ दिन और बीत गए। अब महक थोड़ी स्वस्थ दिखने लगी थी। आज वो अपने बच्चे को दूध पिला रही थी । उसकी एक बड़ी सी चूचि पूरी बाहर थी और बच्चा मज़े से उसे चूस रहा था । वो बैठी हुई थी और अपनी एक चूचि को हाथ से पकड़ी थी जिसका निपल बच्चे के मुँह में था। मालिनी उसके पास बैठ कर बातें कर रही थी। शिवा दुकान जा चुका था। तभी राजीव अंदर आया और उसकी चूचि को घूरता हुआ बोला: वाह देखो कितने मज़े से तुम्हारा दूध पी रहा है ये। अच्छा अभी मैं बाज़ार जा रहा हूँ कुछ चाहिए क्या?

महक: मुझे कुछ नहीं चाहिए, पर मालिनी को आपका लंड चाहिए। मेरे चक्कर में आप लोग आजकल इसको नहीं चोदते ।

मालिनी : क्या दीदी कुछ भी बोल रही हो। यहाँ बच्चे का इतना काम निकलता है कि मैं शाम तक थक जाती हूँ और सो जाती हूँ।

राजीव: अरे मालिनी का काम तो मैं अभी कर ही दूँगा बाज़ार से आकर। तब तक बाई भी चली जाएगी। पर मेरा काम तुम कब करोगी?

महक: आपका कौन सा काम करना है मुझे?

राजीव: तुमको अपना दूध पिलाना है मुझे। सच बहुत दिन हो गए किसी लड़की का दूध पिए हुए।

महक हंस कर: अच्छा आप बाज़ार से आइए और मेरा दूध पी लीजिएगा और मालिनी को चोद भी लीजिएगा। ठीक है ना?

राजीव मुस्कुरा कर: बिलकुल ठीक है। चलो अभी आता हूँ।

मालिनी: पापा मेरी लिस्ट रख लिए हैं ना ?

राजीव: हाँ रख लिया हूँ। फिर वो चला गया।

महक: मालिनी चल आज पापा तुमको अच्छे से चोद देंगे।

मालिनी हँसकर: आपका दूध पीने के बाद ही ना। दोनों हँसने लगीं।

राजीव जब वापस आया तो बाई जा चुकी थी। वो आकर महक के पास बैठा और बोला: बाबा कब सोया?

महक: वो तो दूध पीते पीते ही सो गया था।

राजीव: तो पूरा पिला दिया या कुछ मेरे लिए भी बचाया ?

मालिनी: दीदी के पास बहुत दूध है । आपके लिए भी बचा होगा। वैसे शिवा भी रात को बोल रहे थे कि दीदी का दूध पीना है। आज से तीन तीन बच्चे हो जाएँगे दूध पीने वाले।

महक: तू भी पी लेना। फिर सब ही मेरे बच्चे बन जाओगे।

इस पर सब हँसने लगे।

राजीव: चलो ना महक दूध पिलाओ ना। वो हँसकर अपना गाउन के हुक खोली और ब्रा में से उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ मस्त लग रहीं थीं। वो अपने ब्रा का हुक सामने से खोली और अब उसने दोनों पल्ले अलग किए । उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ राजीव और मालिनी के सामने थीं । राजीव ने देखा कि उसने सफ़ेद दूध की एक बूँद भी निपल के ऊपर आयी हुई थी । अब महक ने अपनी एक चूचि हाथ में लेकर कहा: आइए चूसिए और दूध पी लीजिए।

राजीव झुका और महक की एक चूचि चूसने लगा। महक अपनी चूचि को दबाकर दूध निकाली और राजीव इसे पीने लगा। करीब पाँच मिनट पीने के बाद महक बोली: पापा अब बस करो । सब आप पी जाओगे तो बाबा को क्या पिलाऊँगी?

जैसे ही राजीव ने उसकी चूची से मुँह उठाया एक धार सी दूध की गिरती चली गयी। वो जीभ से उसे भी चाट लिया और बोला: उम्मम्म क्या स्वाद है बेटी तुम्हारा दूध। म्म्म्म्म्म्म।

महक मुस्कुराकर उसके लंड को पैंट के ऊपर से दबाकर बोली: उफफफ पापा आपका तो खड़ा हो गया है, अब मालिनी को चोद दो ना। यह कहते हुए उसने अपना दूध अंदर किया और गाउन बंद कर लिया।

राजीव उठकर अपने कपड़े उतारने लगा और बोला: जैसा आपका आदेश मेरी प्यारी बिटिया रानी। चलो बहू रानी उतारो कपड़े।

मालिनी भी मुस्कुराकर कपड़े निकालने लगी। राजीव नंगा होकर बोला: यहाँ बाबा सो रहा है। चलो मेरे कमरे में चलते है।

तीनों उसके कमरे में पहुँचे और राजीव बिस्तर पर लेट गया और अपना खड़ा लंड सहलाने लगा। अब महक उसके बॉल्ज़ को सहलाने लगी। राजीव ने अपने ऊपर आयी मालिनी को चूमना शुरू किया। मालिनी उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूस रही थी। महक अब लंड सहलाकर मस्ती में आकर उसे चूसने लगी। राजीव मालिनी की चूचियाँ मसलकर मस्ती से चूस रहा था। महक ने मालिनी की गाँड़ के पीछे से उसकी बुर सहला कर उसे मस्त करना शुरू किया। मालिनी ने अपनी गाँड़ उठा दी ताकि महक उसकी बुर को अच्छे से सहला सके। अब कमरा गरम होने लगा था। महक: मालिनी तुम पापा के ऊपर आकर चुदाई करो। और पापा अब आप और शिवा उसके ऊपर आकर नहीं चोदना वरना पेट दबेगा।

मालिनी राजीव के ऊपर आइ और उसके लंड को पकड़कर अपनी बुर में समा ली। अब वो ऊपर नीचे होकर अपनी गाँड़ हिलाकर चुदाई में लग गयी। राजीव भी उसकी चूचियाँ मसल रहा था। दोनों मस्ती में थे। अब राजीव अपने हाथ उसकी पीठ पर लेकर सहलाते हुए उसके चूतरों को दबाने लगा। पर मालिनी ने उसका हाथ हटाकर अपनी चूचियों पर रखा और उसे दबाने का इशारा किया। राजीव उसकी चूचियाँ और निपल्ज़ मसलने लगा। जल्दी ही मालिनी की चीख़ें गूँजने लगीं।मालिनी के उछलने से पलंग हिलने लगा। महक बग़ल में बैठी चुदाई को मज़े से देख रही थी। वो राजीव के बॉलस को सहलाने लगी जिसके ऊपर मालिनी के बुर से निकलने वाला रस गिरे जा रहा था। वो चिल्लाए जा रही थी: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ पाआऽऽऽऽऽऽपा आऽऽऽऽऽऽऽऽह मज़ाआऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽ रहाआऽऽऽऽ है। हाऽऽऽऽऽऽऽय मैं गयीइइइइइइइइ। उधर राजीव भी अपनी गाँड़ नीचे से उछालकर झड़ गया। महक के हाथ में अब राजीव का और मालिनी का रस मालिनी के बुर से बह कर आ रहा था। वो मुस्कुराई और अपनी उँगलियों में लगा रस चाटने लगी और बोली: म्म्म्म्म्म्म कितना मस्त स्वाद है म्म्म।

फिर उस दिन और कुछ ख़ास नहीं हुआ। शाम को शिवा आया और मालिनी ने जब उसे बताया कि पापा ने आज महक का दूध पिया है तो वो भी बोला: दीदी मुझे भी आपका दूध पीना है।

महक हंस कर: अच्छा भाई पी लेना रात को । ठीक है ना?

वो ख़ुश होकर बोला: ठीक है दीदी रात को ज़रूर पिला देना।

रात का खाना खा कर सब महक के कमरे में इकठ्ठे हुए। और महक अपने बेटे को दूध पिला रही थी। उसने अपने दोनों दूध बारी बारी से उसे पिलाए और उनको नंगा ही रहने दिया। बाप बेटा उसके दूध को सहलाए और महक बोली: आप लोग चलो मैं पापा के कमरे में आती हूँ। मालिनी किचन का काम ख़त्म करने लगी। राजीव और शिवा आकर नंगे होकर बिस्तर पर बैठ कर अपना अपना लौड़ा सहलाने लगे और लड़कियों का इंतज़ार करने लगे।

पहले महक आयी और उनको देखकर बोली: वाह यहाँ तो मालिनी को चोदने की पूरी तय्यारी है। फिर वो आकर दोनों के बीच में बैठ गयी और एक एक हाथ में उनके लौड़े पकड़कर सहलाने लगी।

शिवा: दीदी दूध बाहर निकालो ना पीना है।

महक मुस्कुराई और अपना गाउन उतारी और अपने दूध बाहर निकाली। अब उसके बड़े बड़े दूध बाहर आकर हिल रहे थे। निपल्ज़ से दूध की एक बूँद अभी भी गिर रही थी। शिवा ने अपने होंठों पर जीभ फेरी और अपना मुँह एक दूध पर रखा और चूसने लगा। उधर राजीव ने भी उसका दूसरा दूध मुँह में लिया और दूध पीने लगा।

तभी मालिनी अंदर आयी और देखी कि महक अपने पापा और भाई को दूध पिला रही है और वो इनके लौड़े सहला रही थी। उफफफ क्या उत्तेजित करने वाला दृश्य है- वो सोची। तभी शिवा ने मालिनी को देखा और बोला: आऽऽऽह मालिनी क्या मस्त दूध है दीदी का । आओ तुम भी पियो ना। वो महक का दूध पकड़कर उसको दिखा कर बोला। मालिनी थोड़ा हिचकिचाई ।तब महक बोली: आओ मालिनी जब सब पी रहे हैं तो तुम भी पी लो।

अब शिवा ने हटकर मालिनी के लिए जगह बनाई और मालिनी भी उसका एक दूध पीने लगी। बग़ल में राजीव दूसरा दूध चूसे जा रहा था। फिर महक बोली: चलो अब छोड़ो मुझे। रात को मुझे बेटे को भी पिलाना होगा।

अब राजीव और मालिनी हट गए और राजीव ने मालिनी की चूचियाँ दबाकर कहा: आओ बेटी अब चुदाई करते है।

मालिनी मुस्कुराई और नीचे उतर कर अपने कपड़े निकाली और नंगी होकर बिस्तर के बीच में लेट गयी। तब राजीव बोला: बेटी आज महक ने कहा है ना कि अब तुम इस पोज़ीशन में नहीं चुदवाओगी तुम उठो और मैं नीचे आता हूँ। फिर वो शिवा से बोला: बेटा तुम मेरे बाद इसकी बुर चोदोगे या गाँड़ मारोगे?

शिवा: पापा आप बुर में डालो और मैं आज गाँड़ मारूँगा। काफ़ी दिन से इसकी टाइट गाँड़ नहीं मारी। ये कहते हुए वह लूब ले कर आया। अब राजीव नीचे लेटा और महक उसका लंड चूसने लगी। मालिनी भी उसके बॉल्ज़ चूसी और चाटने लगी। फिर मालिनी आकर उसके ऊपर चढ़ी और लौड़े को बुर में सरका लिया। अब महक शिवा का लंड चूसने लगी। फिर वो उसमें लूब लगायी और दो उँगलियों में लूब लगाकर मालिनी की गाँड़ में डाली और आगे पीछे करके अच्छे से चिकनी कर दी उसकी गाँड़ की सुराख़। फिर महक बोली: ले भाई अब डाल अपना लंड इसकी मस्त गाँड़ में। वो अपने हाथ में भाई का लौड़ा पकड़ी और अपनी भाभी की गाँड़ के छेद से सटा दी। शिवा ने एक धक्का मारा और उसका लौड़ा आधा अंदर घुस गया। अब वो मज़े से उसकी गाँड़ मारने लगा। मालिनी भी अपनी कमर उछालकर डबल चुदाई के आनंद में डूबने लगी। वो चिल्लाने लगी: आऽऽऽँहहह मस्त लग रहाआऽऽऽऽ है। हाऽऽऽऽऽऽय्य क्या मज़ाआऽऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽ रहाआऽऽऽ है। उइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽ और जोओओओओओर से चोओओओओओओओदो। फ़ाआऽऽऽऽऽऽड़ दो मेरीइइइइइइइइ।

महक हैरानी से मालिनी को देख रही थी जो मारे मज़े के बड़बड़ाए जा रही थी। राजीव और शिवा उसकी चूचियाँ भी दबा रहे थे।। महक अपने भाई के बॉल्ज़ को सहला रही थी। तभी शिवा आऽऽऽऽह कहकर झड़ने लगा। फिर मालिनी और राजीव भी झड़ गए। अब सब लेटकर सुस्ताने लगे।

जीवन ऐसे ही चल रहा था।
User avatar
Kamini
Novice User
Posts: 2112
Joined: 12 Jan 2017 13:15

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Kamini »

Superb updates dear
Post Reply