बहू नगीना और ससुर कमीना

Post Reply
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by jay »

Very nice....keep writing
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
Kamini
Novice User
Posts: 2112
Joined: 12 Jan 2017 13:15

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Kamini »

mast update
User avatar
Smoothdad
Novice User
Posts: 914
Joined: 14 Mar 2016 08:45

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

Thanks all for your encouraging comments.
User avatar
Smoothdad
Novice User
Posts: 914
Joined: 14 Mar 2016 08:45

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

चारु को चूमते हुए उसकी गाँड़ दबाकर शिवा बोला: मस्त माल हो तुम। पापा ने तुमको मस्त चोदा अभी अभी, है ना ?

चारु: हाँ बहुत मज़ा आया था।

शिवा: अब मुझसे मज़ा करो। ठीक है? वो उसकी गाँड़ के छेद में एक ऊँगली डालकर बोला।

चारु चिहुंकि और बोली: उइइइइइ ठीक है आप भी कर लो ना । मैं कौन सा मना कर रही हूँ।

अब शिवा बोला: आओ जानू ६९ की पोज़ीशन में आ जाओ।

चारु उलटी होकर अपनी बुर उसके मुँह पर रखी और अपना सिर उसके लौड़े के पास ले आयी।शिवा ने उसकी गाँड़ सहलाई और फिर उनको फैलाकर वहाँ अपनी नाक डालकर सूँघा और उसकी जवानी की गंध से मदहोश सा हो गया। फिर अपने होंठ से उसकी बुर की पूत्तियाँ चाटने लगा। थोड़ी देर चूसने के बाद वो उसकी बुर में अपनी जीभ डाला और अंदर बाहर करने लगा। चारु उइइइइइइइ करके अपना मुँह उसके लौंडे पर लाकर चूसने लगी। वो उन्न्न्न्न उन्नन करके चूस रही थी और साथ ही मज़े से बुर चटवाने में भी मग्न थी। शिवा अब जीभ से क्लिट भी छेड़ने लगा। फिर वो उसकी गाँड़ के भूरे सिकुड़े से छेद को भी जीभ से चाटने लगा। चारु की सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं और वो अपनी गाँड़ हिलाकर मस्ती से मज़ा ले रही थी। उसकी बुर पानी बहा रही थी। अब उसने शिवा को डीप थ्रोट देना शुरू किया। अब शिवा से नहीं रुका गया और वो उसको उठने का इशारा किया और फिर उसे लिटाकर उसके ऊपर आ गया। अब वो उसकी चूचियाँ दबाकर उसके होंठ चूसने लगा। चारु मस्ती में आकर अपनी बुर से टकरा रहे लौड़े को महसूस की और उसके कान में बोली: आऽऽऽऽह जीज़ूऊऊउ डाऽऽऽऽऽऽऽऽलो ना प्लीज़। अब नहीं सहा जा रहा है।

शिवा थोड़ा ऊपर होकर अपना लौड़ा पकड़कर उसकी टाइट बुर के छेद पर रखा और गीली बुर में पेलने लगा। चारु आऽऽऽऽऽहह जीज़ूऊऊउ करके उससे चिपक गयी और अपनी गाँड़ उछालकर पूरा लौड़ा निगल ली। अब शिवा ने मस्ती से चुदाई शुरू की और वो भी नीचे से गाँड़ उछालकर चुदवाने लगी।

फ़च फ़च की आवाज़ से कमरा गूँजने लगा। शिवा को लगा कि चारु की बुर बहुत गीली हो गयी है। वो उठकर अपना लौड़ा निकाला और एक तौलिए से उसकी बुर पोंछा और फिर उसे घुमाके घोड़ी बनाया और पीछे से आकर फिर से अपना लौड़ा उसकी चूत में डाला और जबरदस्त तरीक़े से चोदने लगा।चारु भी अपनी गाँड़ पीछे दबा दबा कर चुदवाने लगी। चारु उन्न्न्न्न उन्न्न्न्न आऽऽऽह किए जा रही थी। तभी चारु स्खलन के पास पहुँची और आऽऽऽऽऽह मैं गयीईईईई कहकर झड़ने लगी। अब शिवा ने उसकी बुरी तरह से गीली हो चुकी बुर से अपना लौड़ा निकाला और उसकी चूत का रस उसके गाँड़ के छेद में लगाया और फिर अपनी दो ऊँगलियाँ उसके चूत में डालकर गीला किया और उसकी गाँड़ के छेद में डालकर अंदर बाहर करने लगा।

चारु समझ गयी कि वो अब गाँड़ भी मारेगा। वो चुपचाप पड़ी रही अपनी गाँड़ ऊँची करके। अब शिवा ने थूक लगाकर अपना लौड़ा और गीला किया और उसकी गाँड़ में अपना मोटा लंड डालने लगा। चारु चिल्लाई: आऽऽऽऽहह जीज़ूऊऊऊऊ धीरे से प्लीज़। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।

शिवा ने अब अपना लौड़ा अंदर डाल दिया था और जल्दी ही वह पूरी ताक़त से उसकी गाँड़ मारने लगा। अब चारु को भी मज़ा आने लगा था और वो भी अब गाँड़ पीछे दबा कर अपनी गाँड़ मरवाने लगी। जब शिवा को लगा कि अब वो और नहीं रुक सकेगा तो उसने अपनी दो ऊँगलियाँ उसकी बुर में डाली और उसकी बुर को अपनी उँगलियों से चोदने लगा। उसकी उँगलियाँ क्लिट को भी छेड़ रहीं थीं। अब चारु भी मस्ती में भरकर चिल्लाने लगी: आऽऽऽऽह जीज़ूऊऊउ फ़ाऽऽऽऽऽऽऽड़ दो मेरीईईईईई गाँआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽड़ ।
शिवा अब ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और कमरे में थप्प थप्प की आवाज़ गूँजने लगी। अब शिवा और चारु दोनों आऽऽऽह्ह्ह करके झड़ने लगे। शिवा का पूरा हाथ भीग गया उसकी गरम चूत के पानी से। उसने अपना पानी भी उसकी गाँड़ में छोड़ दिया।

अब वो अपना लौड़ा बाहर करके उसकी बग़ल में पड़ गया। वो भी उलटी ही पड़ी रही। थोड़ी देर बाद शिवा उठा और चारु की पूरी खुली हुई गाँड़ के छेद से निकल कर अपने सफ़ेद रस को गिरते देखकर बोला: चारु देखो तुम्हारी गाँड़ से मेरा रस अब बाहर आ रहा है। उसने तौलिए से रस को पोंछा ।

वो मुस्कुरा कर बोली: जीज़ू जब अंदर डाला है तो बाहर तो आएगा ना।

फिर शिवा बाथरूम से फ़्रेश होकर आया और फिर चारु भी फ़्रेश होकर आयी और दोनों नंगे ही लिपट कर एक चादर ओढ़कर सो गए।

अगली सुबह सरला सबसे पहले उठी और सबके लिए चाय बनाई। वो सबसे पहले मालिनी को चाय दी और वो बोली: मम्मी आज राजेश भाई आएगा ना?

सरला: हाँ दस बजे तक आ जाएगा । मैसेज़ किया है। अभी तो ७ बजे हैं।

मालिनी आँख मारकर: मम्मी वो आते ही आप पर चढ़ जाएगा क्या?

सरला: वह कुछ भी कर सकता है। पागल है मेरे लिए।

मालिनी: वो शादी करेगा या नहीं?

सरला: मैं उसे धीरे से समझा रहीं हूँ कि वो शादी कर ले। वरना जब मैं और दस साल में बूढ़ी हो जाऊँगी तो वो क्या करेगा ? देखो धीरे धीरे से मनाना पड़ेगा।

मालिनी: और क्या वो शादी करने के पहले लड़की को बता दे कि वो आपसे भी सम्बंध रखेगा ।

सरला: पहले बताने से कोई लड़की शादी नहीं करेगी। ये तो बाद में धीरे धीरे से समझाना पड़ेगा लड़की को। वैसे मैं कोई ऐसी लड़की ढूँढ रही हूँ जिसका कोई आगे पीछे ना हो। ताकि मालूम पड़ने पर भी कुछ नहीं कर पाए।

मालिनी: इससे भी अच्छा ये होगा कि आप कोई ऐसी लड़की देखो जो कि पहले से परिवार में चुदवा रही हो। उसको कोई ऐतराज़ नहीं होगा।

सरला: अरे कोई बताएगा क्या कि वो अपनी परिवार की लड़की से मज़े कर रहें हैं । तुमने किसी को बताया क्या कि तुम अपने परिवार में चुद रही हो?

मालिनी: हाँ मम्मी वो तो है पर पापा कोई ऐसी लड़की पक्का ढूँढ लेंगे जो अपने परिवार में ही चुद रही हो।

सरला: ठीक है मैं समधी जी से बात करती हूँ। ऐसा हो जाए तो बहुत बढ़िया रहेगा। चल उन सबको भी चाय दे देती हूँ।

सरला अब राजीव के कमरे में पहुँची। वहाँ राजीव और मुन्नी एक दूसरे से चिपके सो रहे थे। सरला की आवाज़ सुनकर राजीव धीरे से मुन्नी से अलग हुआ और उठा और इशारा किया चुप रहने का।वह सरला को लेकर बाहर आया और बोला: रात को उसे दर्द हो रहा था तो मैंने पेन किलर दी थी। उस बेचारी को सोने दो।

सरला उसे चाय देकर बोली: ठीक है आप चाय पीओ।

राजीव और सरला चाय पीने लगे।

राजीव: रात को मस्त मज़ा आया। मुन्नी की भी खुल गयी है अब वो भी मज़े करेगी।

सरला : हाँ वो तो है। आपसे एक बात कहनी थी।

राजीव: हाँ हाँ बोलो।

सरला: असल में राजेश शादी के लिए हाँ नहीं कर रहा है। पर आप बताओ मैं और दस साल ही तो उसका साथ दे पाऊँगी । उसे एक लड़की चाहिए जो कि उसकी लाइफ़ पार्ट्नर बने। मैं अभी मालिनी से बोली तो वो बोली कि आपसे बात करूँ?

राजीव: ओह बात तो ठीक है पर जब किसी लड़की को पता चलेगा कि उसका पति अपनी ही माँ से फ़ंसा हुआ है तो वो बग़ावत कर देगी।

सरला: इसी लिए मैं आपकी मदद माँग रही हूँ। मैं चाहती हूँ कि कोई ऐसी लड़की मिल जाए जो कि अपने परिवार के सदस्यों से मज़े ले रही हो। उसे तो ऐसे सम्बन्ध पर ऐतराज़ नहीं होगा ना?

राजीव: बिलकुल सही कहा तुमने। ऐसी लड़की को भला क्यों इतराज होगा।

सरला: अब ऐसी लड़की खोजना तो आपको ही होगा। मैं बेचारी कहाँ से लाऊँगी।

राजीव सोचकर: हाँ मेरे कई ऐसे मित्र और जान पहचान वाले हैं जिनके बारे में या तो मैं जानता हूँ या मुझे शक है कि वो पारिवारिक चुदाई करते हैं । ठीक है ये मुझ पर छोड़ दो । मैं ऐसी लड़की ढूँढ दूँगा जिसे अपनी सास को अपने अपने पति से चुदवाने में ऐतराज़ नहीं होगा।

सरला ख़ुश होकर: मैं जानती थी कि आप मेरी मदद करेंगे। थैंक यू।

राजीव हँसकर : वाह सिर्फ़ थैंक्स से काम नहीं चलेगा एक गीली वाली पप्पी दो ना।

सरला हँसकर उठी और उसके पास आकर झुकी और उसके होंठ पर अपने होंठ रखकर चूसने लगी। राजीव ने हाथ बढ़ाकर उसकी चूचियाँ दबाई और फिर उसकी मोटी गाँड़ भी मसल दिया।

अब सरला अलग होकर: आज मुझे अपना माल राजेश के लिए बचाना है। वो आते ही मुझ पर भूक़े की तरह टूट पड़ेगा।

राजीव : हाँ बहुत दिन बाद उसको अपनी माँ जो मिलेगी चुदाई के लिए।

अब सरला बोली: जाती हूँ और चाय बनाकर चारु और शिवा को भी उठाती हूँ।

सरला चाय बनाकर चारु के कमरे में गयी और देखी कि दोनों नंगे चिपक कर एक चादर ओढ़ कर सोए हुए थे। चादर के खिसकने के कारण चारु की मस्त गाँड़ नंगी हो गयी थी। वो अपनी एक टाँग शिवा की जाँघ पर रखी सो रही थी। शिवा सीधे सो रहा था और उसका लौड़ा पूरा खड़ा था क्योंकि चादर उस जगह पर मस्त उठी हुई दिखाई दे रही थी। वह मुस्कुराई और दोनों को आवाज़ दी: चलो अब उठ भी जाओ। कितना सोओगे? उठो और चाय पी लो। मैंने डाइनिंग टेबल पर रख दी है।

चारु आलस के साथ उठी और वो पूरी नंगी थी ।उसकी छाती सामने से नंगी हो कर दिखने लगी। वो झट से चादर खींच ली। शिवा भी उठा और अपने लौड़े को दबाकर बोला: गुड मोर्निंग मम्मी। अब वह चारु के होंठ चूमा और उठ गया।

सरला: गुड मोर्निंग बेटा। चलो उठो और बाथरूम जाओ। देखो तुम्हारा साँप कैसा फ़ैन फैलाकर खड़ा है। शिवा बेशर्मी से हँसा और चादर निकाला और लौड़ा हिलाते हुए खड़ा हुआ और एक हाफ़ पैंट पहन लिया।अब वो मालिनी के पास आकर उसका गाल चूमा और सरला ने उसका लंड मसल दिया। वो हँसता हुआ एक टी शर्ट पहनकर अपने कमरे को चला गया। मालिनी भी अब बाहर आ गयी और जाकर राजीव के पास बैठ गयी। फिर राजीव से बोली: मैं आपके बाथरूम में नहा लूँ? क्योंकि यहाँ तो आज काफ़ी भीड़ हो गयी है।

राजीव: हाँ हाँ क्यों नहीं? बल्कि बोलोगी तो हम साथ में नहा लेंगे।

मालिनी हँसकर: ना बाबा ना। मुझे सुबह सुबह मस्ती नहीं चाहिए।

तभी चारु बाहर आयी एक टॉप और पाजामा में और सीधे कॉमन बाथरूम चली गयी।

राजीव पाजामा से उसकी गाँड़ देखकर बोला: उफ़्फ़्फ़्फ क्या जवानी चढ़ी है इसे। देखो गाँड़ अभी से क्या उठान ले रही है। मस्त माल है ये।

सरला: रात को आप इसे चोदे थे । क्या फिर से प्यासे हो गए?

राजीव: अरे जिस घर में ऐसी प्यारी जवान लड़कियाँ हों वहाँ साला लण्ड शांत कैसे रह सकता है।

सरला: चलो आप लड़कियाँ देखो मैं नहाकर आती हूँ।

सरला के जाने के बाद मालिनी और चारु क़रीब क़रीब एक साथ किचन और बाथरूम से बाहर आयी और आके राजीव के सामने बैठ गयीं।

राजीव: फिर चारु रात में कितनी बार बजाया तुमको शिवा ने?

चारु शर्मा कर: क्या अंकल बस एक बार और क्या ।

मालिनी हँसकर: मतलब एक एक बार चूत और गाँड़ में। हैं ना?

सब हँसने लगे। मालिनी: पापा आज राजेश आ रहा है। इसे कोई कमरा देना पड़ेगा। वो आते ही मम्मी की लेना चाहेगा। इतने दिनों से अलग जो है बेचारा।

राजीव: बहू उसे मेरा कमरा दे देना। मैं और चारु आज लिए बाज़ार जाएँगे।

मालिनी हैरानी से: पापा क्या लाना है बाज़ार से?

राजीव: बहू मैं गहने तो ले आया था सबके लिए पर कपड़े नहीं ला पाया। सरला शायद राजेश के साथ वापस जाने का प्रोग्राम बनाएगी इसलिए कुछ कपड़े सरला और राजेश के लिए लाना चाहता हूँ।

मालिनी: पापा कुछ कपड़े गुड़िया के लिए भी ले आना। आप कपड़े तो अपनी ही शॉप से लाओगे ना?

राजीव: बिलकुल अपनी ही शोप से लाउँगा ।
User avatar
Smoothdad
Novice User
Posts: 914
Joined: 14 Mar 2016 08:45

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »



इतने में शिवा बाहर आया नहाकर और बोला: कौन शॉप जा रहा है?

राजीव: बेटा आज मैं और चारु तेरी शोप में आएँगे। कुछ कपड़े लेने हैं ।

शिवा ख़ुश होकर: ठीक है पापा साथ ही चलते हैं।

तभी सरला नहा कर आई और राजीव बोला: अब मैं भी नहा लेता हूँ। मुन्नी उठी कि नहीं?

सरला: सो रही है आपके कमरे में। सोने दो बिचारि को।

राजीव अपने कमरे में गया और देखा कि मासूम मुन्नी किसी बच्ची की तरह सो रही थी। वो चुपचाप बाथरूम में जाकर नहाया और तय्यार होकर सबके साथ नाश्ता किया और फिर वो तीनों (शिवा, राजीव और चारु) बाहर चले गए।

मालिनी: मम्मी राजेश के आने का समय हो रहा है। आप चारु और मुन्नी का कमरा ठीक कर लो।

सरला: हाँ वही करती हूँ।

बाद में जब मालिनी और सरला बातें कर रहे थे तभी राजेश आ गया। सफ़र की थकान से वो थोड़ा बुझा सा लग रहा था।वह आकर अपनी माँ और बहन से गले लगा। फिर वो जाकर अपनी भांजी को देखा और ख़ुश होकर उसे प्यार किया। फिर एक ५००/ का नोट उसके पास रख कर कहा: दीदी मामा की तरफ़ से उसे एक फ्रोक़ दिलवा देना। अब वो सबके बारे में पूछने लगा तो सरला ने बताया कि मुन्नी सो रही है और बाक़ी सब दुकान गए हैं ।
बाद में मोलिनी उसके लिए पानी लाने किचन में गयी।
जब वो पानी लेकर आयी तो देखी कि राजेश मम्मी को अपनी बाहों में भींचकर चूमे जा रहा था। दोनों के होंठ एक दूसरे से मानो सिले हुए थे। राजेश के हाथ मम्मी की मस्त मोटी गाँड़ पर घूम रहे थे। अचानक मालिनी को आती देखकर वो दोनों झेंपकर अलग हुए।

मालिनी मुस्कुराकर : अरे राजेश कुछ खा पी तो ले फिर मम्मी से ये सब कर लेना। वो कहाँ भागी जा रहीं हैं? एक काम कर ,पहले नहा ले। वो उसे कॉमन बाथरूम दिखाकर बोली।

सरला उसका सूट्केस लेकर चारु के कमरे में गयी और राजेश फिर से उससे लिपट गया और बोला: मम्मी आपको बहुत मिस किया।

सरला भी उसे प्यार करके बोली: हाँ बेटा मुझे भी तेरी बहुत याद आती थी। चल अब नहा ले फिर नाश्ता कर लेना।

राजेश उसकी चूचियाँ दबाके : उसके बाद ??

सरला: उसके बाद इसका मज़ा। वो पैंट के ऊपर से उसके लंड को दबाकर बोली।

राजेश ख़ुश होकर कपड़े उतारने लगा। वह पूरा नंगा हो गया और उसका लंड आधा खड़ा था। सरला झुकी और उसके लंड को पकड़कर झुक कर चूम ली और बोली: आऽऽऽह आज कितने दिनों के बाद इसको सहला रही हूँ।

फिर वो उसको छोड़कर बोली: जाओ नहा लो।

राजेश अपने घुटनों के बल नीचे बैठ गया और बोला: मम्मी साड़ी उठाओ ना। आपकी चूत की चुम्मी लेनी है।

सरला हँसकर: बदमाश कहीं का। अच्छा ले। यह कह कर वो अपनी साड़ी पेटिकोट सहित उठा दी और राजेश ने उसकी जाँघें सहलायीं और फिर चूत सहलाकर बोला: उम्मम्म मम्मी कितनी प्यारी है आपकी चूत। फिर वो रुक नहीं पाया और अपना मुँह अंदर डालकर चूत को सूँघा और मस्त होकर उसे चूमने लगा। फिर जीभ से चाटने भी लगा। सरला की उइइइइइइइ निकल गयी और वो बोली: प्लीज़ बेटा आऽऽऽऽऽऽ छोड़ दे ना। बाद में कर लेना। जा अभी नहा ले।

राजेश ने अपना मुँह हटाया और मम्मी को घुमा दिया और अब मोटे गोरे चुतड़ चाटने और काटने लगा। सरला : आऽऽऽऽह बेटा छोड़ नाआऽऽऽऽऽऽऽ। जा नहा ले।

राजेश हँसता हुआ उठा और सरला ने साड़ी नीचे गिरा दी। उसका लंड अब पूरा खड़ा था । वो तौलिया लपेट कर बाथरूम में घुस गया।

सरला गहरी साँस लेकर अपने को संयमित की और बाहर आयी और किचन में गयी जहाँ मालिनी अपने भाई के लिए नाश्ता बना रही थी।

मालिनी: बड़ी देर लगा दी ? मैं तो सोची कि आप उसको नहला कर ही आओगी।

सरला: उफ़्फ़ पागल लड़का है। वो अपनी बुर खुजा कर बोली: पूरी गीली कर दिया है यहाँ चूम चाट कर।

मालिनी: मम्मी आपको सभी बहुत प्यार करते हैं । पापा शिवा और राजेश सभी आपके दीवाने हैं ।

सरला: वो सब तो तेरे भी दीवाने हैं । बस राजेश ने अब तक तेरा मज़ा नहीं लिया है।

मालिनी हँसी: और वैसे भी मेरा मज़ा आजकल बंद ही है ।

तभी राजेश की आवाज़ आयी: मम्मी कहाँ हो ? बड़ी भूक़ लगी है?

सरला और मालिनी ने बड़े प्यार से उसे खिलाया और मालिनी उसके काम के बारे में पूछती रही।

बाद में मालिनी उठती हुई बोली: अच्छा मम्मी मैं गुड़िया की मालिश करके नहला देती हूँ। आप दोनों आराम करो।

सरला सोची कि मेरी बेटी कितनी समझदार है। असल में गुड़िया के ये सारे काम सरला ही करती थी पर आज उसे पता था कि राजेश के आने के कारण वो नहीं कर पाएगी सो वह ख़ुद ही करने का बोल कर चली गयी।

अब राजेश सरला का हाथ पकड़ा और बोला: चलो मम्मी अब कमरे में चलो। अब रुका नहीं जा रहा है।

दोनों कमरे में पहुँचे तो राजेश ने उसे बिस्तर पर गिरा दिया और उस पर चढ़ गया और उसे चूमने लगा। क़रीब पाँच मिनट होंठ चूसने के बाद वो जब हटा तो सरला की छातियाँ ऊपर नीचे हो रहीं थीं। अब वो सरला के ब्लाउस खोलने लगा और ब्रा ही खोल दिया। उसके बाद वो उसकी चूचियों पर मानो टूट पड़ा। दबाकर चूसकर उनको लाल कर दिया । अब वो उसकी साड़ी और पेटिकोट भी निकाला और पूरी नंगी मम्मी को ऊपर से नीचे तक चूमने और चाटने लगा। सरला उइइइइइइइइ कर उठी। अब वो खड़ा होकर अपने कपड़े भी उतार दिया और सरला के ऊपर ६९ की पोसिशन में आ गया। सरला उसके ऊपर से लटके हुए लंड और आंड को चूसने लगी। वो भी सरला की टाँगें उठाके अपने कंधे पर रखकर अंदर मुँह डालकर चाटने और चूसने लगा। अब सरला की हाऽऽऽऽऽय निकल रही थी और लंड मुँह में होने के कारण वो उन्न्न्न्न उन्नन कर रही थी।

सरला ने मस्ती में आकर अपने बेटे की गाँड़ भी चाट ली और वह उत्तेजना से उछल पड़ा। जवाब में बेटे ने भी माँ की टाँगें और उठाईं और उसकी गाँड़ के छेद को जीभ से रगड़ने लगा। सरला की बुर से नदी सी बह रही थी। वो बोली: आऽऽऽह बेटाआऽऽऽऽऽऽ अब डाऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽल दे ना।

राजेश: क्या डालूँ मम्मी?

सरला ने उसके चूतडों पर एक थप्पड़ मारा और उसके लौड़े को दबाकर बोली: ये डाल दे तेरा मस्त लौड़ा।

अब राजेश मस्ती में आकर बोला: मम्मी घोड़ी बनो ना। मुझे तो आपकी पीछे से लेने में मज़ा आता है।

सरला घोड़ी बन गयी और अपनी गाँड़ उठा दी। राजेश ने बड़े प्यार से उसके मोटे चूतडों को सहलाया और दबाया और फिर उनकी दरार में अपना लौड़ा घुसाया जो कि सरला की चूत में धँसता चला गया। उत्तेजना के मारे वह जल्दी जल्दी धक्के मारने लगा। वो चिल्लाने लगा: उफ़्फ़्फ़्फ मम्मी क्या चूत है आपकी। लो मम्मी और लो । वो सरला की चूचियाँ मसलकर बोले जा रहा था।

सरला भी उत्तेजनावश हाऽऽय उईईईऊ उफ़्फ़्फ़्फ़्क करके अपनी गाँड़ पीछे दबाकर चुदवा रही थी। जब चुदाई चरम सीमा पर पहुँचने वाली थी तभी मुन्नी की नींद खुली और वो बाथरूम से फ़्रेश होकर ड्रॉइंग रूम में आयी तो उसे अपने ही बेडरूम से आवाज़ें सुनाई देने लगीं। वह चुपचाप जाकर खिड़की से अंदर झाँकी और अपनी चाची को अपने ही बेटे से चुदवाते देखकर मस्त हो गयी। उसकी आँखें अपने चचेरे भाई के लौड़े से हट ही नहीं पा रही थी जो कि उसकी मम्मी की चूत में अंदर बाहर हुए जा रहा था। तभी मुन्नी के कंधे पर एक हाथ पड़ा और वो चौंक कर पीछे देखी तो मालिनी उसके मुँह पर उँगली रखकर चुप रहने को बोली।

मालिनी ने भी अंदर झाँका और उनकी चुदाई देखकर मुस्कुराई और मुन्नी को लेकर किचन में चली गयी। मुन्नी के लिए नाश्ता बनाते हुए वो बोली: अब नीचे आराम है या अभी भी दर्द है?

मुन्नी: दीदी अभी थोड़ी सी जलन सी है बस। दर्द नहीं है।

मालिनी: दवाई लगायी कि नहीं?

मुन्नी: जी लगा ली है।

मालिनी: शाबाश, अब जल्दी ही ठीक हो जाएगा। मज़ा आया या नहीं कल शिवा से चूत फडवाने में?

मुन्नी शर्माकर: जी बहुत आया।

मालिनी हँसी: ह्म्म्म्म इस काम में मज़ा ही मज़ा है। आज पापा और शिवा चारु को साथ ले गए हैं । पता नहीं उसका क्या हाल करेंगे दोनों मिलकर।

मुन्नी को हल्की सी जलन सी हुई कि चारु दोनों से एक साथ मज़ा लेगी। फिर वो बोली: चाची भी तो बहुत मज़े कर रही है।

मालिनी: हाँ अपने बेटे से मज़े से चुदवा रही है।

मुन्नी: भय्या ने आपको भी किया है क्या ?

मालिनी: नहीं अब तक तो नहीं किया। वैसे भी मेरी चुदाई अभी बंद ही है। तेरी फडवा दूँ फिर से भय्या से?

मुन्नी: नहीं अभी नहीं। मेरी तो अभी भी सूजी हुई है। और ज़्यादा सूज जाएगी।

मालिनी हँसने लगी ।

अंदर अब राजेश आऽऽऽऽऽहह मम्मी मैं गयाआऽऽऽऽऽऽऽ कहते हुए ज़ोर ज़ोर से धक्के मारकर झड़ने लगा और सरला भी उन्न्न्न्न उन्न। करके अपना पानी छोड़ने लगी। अब सरला धम्म से पेट के बल गिर गयी और राजेश का लंड बाहर आ गया। वह मम्मी के बग़ल में लेट गया। सरला वैसे ही मुर्दा के माफ़िक़ थक कर पड़ी थी। अब राजेश उठा और पास पड़े तौलिए से अपना लंड पोंछा और फिर अपनी माँ की चूत भी पोंछकर साफ़ किया।

अब सरला सीधी होकर पीठ के बल लेटी और राजेश उसके बग़ल में करवट लेकर उसके बदन को सहलाने लगा।

राजेश: मम्मी आप कितनी चिकनी हो। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।

सरला: मैं ऐसी ज़्यादा साल नहीं रहूँगी। इसीलिए तुझसे कहती हूँ कि शादी कर ले।

राजेश उसकी चूचियाँ सहलाकर : मम्मी मैं आपसे अलग नहीं रह सकता। अगर मैं शादी किया तो पक्का है कि वो लड़की मुझे आपसे नहीं मिलने देगी। और ये मुझे मंज़ूर नहीं है।

सरला: सुन तो मैंने समधी जी से कहा है कि ऐसी लड़की ढूँढ़े जो कि अपने घर वालों से चुदवा रही हो। वह अगर अपने पापा या भाई से फँसी हुई होगी तो उसे कोई ऐतराज़ नहीं होगा कि हम भी मज़े करते हैं । और ये भी हो सकता है कि हम तीनों एक ही बिस्तर पर सोएँ और तू रोज़ हम सास बहू की मार ले।

राजेश जो कि अपनी माँ की एक चूची चूस रहा था उसे मुँह से निकाल कर बोला: हाँ ये चल सकता है। पर मुझे आपसे कोई अलग नहीं कर सकता। आइ लव यू मम्मी।अब वह अपनी माँ के चिकने गोल पेट को सहलाने लगा।

सरला: आइ लव यू टू मेरा बेटा। एक बार वह दोनों फिर से होंठ चूसने में मस्त हो गए। सरला का हाथ नीचे गया तो उसका लंड फिर से तन गया था। सरला उसे सहलाकर बोली: उफ़्फ़्फ़्फ ये तो फिर से तय्यार हो गया।

राजेश फिर से मम्मी की एक चूची चूसने लगा था।

सरला: आऽऽऽऽह मेरी चूची चाहे कितना भी चूसेगा पर इसमें से दूध थोड़े ना निकलने वाला है। दूध तो मालिनी की चूचियों में हैं , उनको चूसेगा?

राजेश: वो चूसने देगी?

सरला: वाह गुड़िया के हिस्से का दूध जब उसका बाप और ससुर पी सकते हैं तो मामा क्यों नहीं? सरला ने महसूस किया कि उसकी मूठ्ठी में कसे लंड ने झटका मारा । मानो उसे ये बात पसंद आयी।

राजेश: मम्मी आप बोलोगी दीदी से ?

सरला : हाँ हाँ मैं ही बोल दूँगी। चल तू कपड़े पहन ले। मैं उसे बुलाती हूँ।

राजेश ने कपड़े पहने और सरला भी तय्यार होकर बाहर आयी और मालिनी के पास किचन में आयी। वहाँ मुन्नी और मालिनी काम कर रहे थे।

मालिनी: लगता है भाई ने एक राउंड के बाद ही आपको छोड़ दिया।

सरला: अरे उसे तेरा दूध पीना है। ऐसा बोल रहा है।

मालिनी: आपने ही इसे आइडिया दिया होगा। मेरा भाई ऐसा सोचेगा भी नहीं।

सरला: अरे मैं उसकी ठुकाई से बिलकुल थक गयी थी और वो फिर से खड़ा करके ठोकने का प्लान बना रहा था। मैंने उसका ध्यान बाटने को ऐसा बोल दिया। तो वो उत्तेजित होकर पीने को तय्यार है तेरा दूध।

मुन्नी: ठीक ही भी है दीदी। सबने पिया तो मामा का भी तो हक़ बनता है।

मालिनी ने अपनी चूचियाँ दबायीं और कहा: हाँ अभी थोड़ी कड़ी हो रहीं हैं । दूध तो मिल जाएगा भाई को पीने के लिए।

सरला : चलो उसे पिला दो अभी। चलो मुन्नी तुम भी भाई बहन का प्यार देखो।

वो तीनों राजेश के कमरे की ओर चल पड़े।

उधर चारु अब शिवा और राजीव के साथ उनकी दुकान में कपड़े पसंद कर चुकी थी। और अब

उसके ऑफ़िस में बैठकर चाय पी रहे थे। तीनों एक सोफ़े पर बैठे थे और वह उन दोनों के बीच में बैठी थी। राजीव और शिवा के हाथ स्कर्ट के ऊपर से उसकी एक एक जाँघ पर फिसल रहे थे। चारु ने कनख़ियों से देखा तो दोनों के पैंट के सामने एक एक बड़ा सा तंबू बन चुका था। उसकी बुर भी गीली होने लगी थी।
Post Reply