बहू नगीना और ससुर कमीना

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Smoothdad
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Joined: 14 Mar 2016 08:45

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

मुन्नी स्कूल ड्रेस में अंदर आयी और अपना बैग सोफ़े पर रखकर धम्म से बैठ गयी। उसकी स्कर्ट उसकी जाँघों पर चढ़ी और राजीव को उसकी पैंटी की एक झलक मिल ही गयी। फिर उसने अपना स्कर्ट ठीक किया और बोली: दीदी पानी पिलाओ ना बहुत प्यास लगी है।

चारु पानी लायी और बोली: मुन्नी जल्दी से फ़्रेश हो जाओ । मैं खाना लगा रही हूँ । उसके बाद मैं और अंकल मालिनी दीदी के पास अस्पताल जाएँगे । वो आज अड्मिट हो गयी हैं।

मुन्नी: वाऽऽऽऽह अब जल्दी घर में बेबी आएगा । हैं ना अंकल?

राजीव मुस्कुराकर:बिलकुल सही कहा तुमने बिटिया रानी।

थोड़ी देर बाद राजीव और मुन्नी अग़ल बग़ल बैठ कर खाना खाने लगे। चारु गरम रोटियाँ बना कर दे रही थी। राजीव ने अपना एक हाथ मुन्नी की जाँघ पर रखा और धीरे से पूछा: बेटी आज भी टीचर आंटी ने मज़ा दिया क्या?

मुन्नी लाल होकर: नहीं ।

अब राजीव उसकी जाँघ सहलाता हुआ उसके पैंटी तक अपना हाथ पहुँचाकर : और कोई मज़ा लिया क्या?

मुन्नी ने ना में सिर हिलाया और खाना खाती रही।

अब राजीव उसकी एक छाती दबाया और बोला: बेटी क्लास में लड़के इसको दबाते तो होंगे ना?

मुन्नी ने कोई विरोध नहीं किया पर नहीं में सिर हिलाया।

तभी चारु अपनी थाली भी लेकर आयी और राजीव ने अपना हाथ हटा लिया। सब खाना खाने लगे।

खाना खाकर राजीव चारु को लेकर और मालिनी का सामान और खाना लेकर अस्पताल के लिए चला गया और मुन्नी को ध्यान से रहने और किसी अजनबी के लिए दरवाज़ा नहीं खोलने का बोलकर चले गए।

मुन्नी उनके जाते ही अपने बैग से एक पेन ड्राइव निकाली और चारु के लैप्टॉप में लगाकर एक ब्लू फ़िल्म देखने लगी जो उसकी एक सहेली ने उसे दी थी। वो फ़िल्म देखते हुए अपनी छातियाँ दबाकर और बाद में अपनी पैंटी में हाथ डालकर अपनी बुर में ऊँगली करने लगी।फ़िल्म में आदमी का लंड बहुत बड़ा था । जल्दी ही वो सीइइइइइइइसी करके झड़ने लगी।अब वह करवट ली और सो गयी।

उधर राजीव और चारु अस्पताल पहुँचे । रास्ते में राजीव बोला: बेटी तुमने ध्यान दिया कि नहीं अपनी मुन्नी की छातियाँ बड़ी तेज़ी से बढ़ रहीं हैं। जल्दी ही तुम्हारे जितनी हो जाएँगे। उसने बताया क्या कि कोई उसका बोय्यफ़्रेंड तो नहीं है जो दबा दबा कर बड़े कर रहा है।

चारु: छि अंकल आप बहुत गंदी बात करते हैं । मुन्नी अभी इन सब चीज़ों के लिए छोटी है।

राजीव: छोटी? अरे उसके बब्बे देखो । कहाँ से छोटी है। मस्त जवान तय्यार माल है चुदाई के लिए ।

चारु: आपसे बात करना ही बेकार है।

राजीव: उसकी जाँघों में फँसी पैंटी से उसकी फुद्दी क्या मस्त फूली हुई दिखती है। वह यह कहकर अपना लंड पैंट के ऊपर से मसला। चारु ने ग़ुस्से से मुँह घुमा लिया।

अब राजीव हँसकर: हा हा मैं तो तुम्हें चिढ़ा रहा था। हाँ सच वो अभी छोटी है।

चारु ने अब भी कुछ नहीं कहा। अस्पताल में मालिनी को खाना खिलाया और फिर राजीव उसके पलंग पर बैठ कर उससे बातें करने लगा। चारु पास रखे पलंग पर लेट गयी। कमरा बंद था और एसी चल रहा था। चारु को नींद आने लगी वो आँख बंद कर ली। राजीव मालिनी को प्यार से चूमा और बोला: बस बहू एक दो दिन की बात है। फिर सब ठीक हो जाएगा।

मालिनी: पापा मुझे अब डर लग रहा है। कोई बड़ी उम्र की औरत होती तो मुझे सहारा हो जाता।

राजीव: बेटी तुम्हारी माँ को बुला लें क्या?

मालिनी: पापा मैंने उनको फ़ोन किया था वो ख़ुद दो दिन से बिस्तर पर पड़ीं हैं फ्लू हो गया है उनको। वो बोली हैं कि तीन चार दिनों में आएँगी और कम से कम दस दिन रहकर बेबी को सम्भालना सिखा देंगी मुझे।

राजीव ने उसके गाल सहलाए और चारु को सोते देखा और बोला: ये तो बड़ी अच्छी ख़बर है। चलो हमारा काम भी बन जाएगा। बहुत दिन से इसका उपवास चल रहा है। वो अपने लंड को दबाकर बोला। i

चारु सच में सोयी नहीं थी बस सोने का नाटक कर रही थी। उसने अपनी बाँह अपनी आँखों पर रखी थी और आँखों को थोड़ा सा खोल कर सब देख रही थी।

मालिनी हँसकर: पापा वो मेरी बेबी को संभालेंगी ना कि इसको। वो राजीव के लंड को प्यार से दबाकर सहलाने लगी।

राजीव: अरे बहू शिवा भी तो प्यासा है। तेरी माँ हम दोनों को एक साथ शांत कर देगी।

मालिनी हँसने लगी: बस आप दोनों उनके ऊपर चढ़े रहोगे तो बेचारी बेबी का तो क्या ही होगा। उसका हाथ अब भी उसके लंड पर ही था।

चारु यह सुनकर हैरान रह गयी। इसका मतलब चाची इन बाप बेटे से चुदवाती हैं और दीदी को भी सब पता है। हे प्रभु कैसा परिवार है हमारा। पता नहीं अभी और क्या क्या पता चलेगा ।

राजीव ने फिर से चारु को देखा और सोचा कि वो सो रही है। वो उठा और दरवाज़ा लॉक किया और अपना ज़िप खोलकर अपने लौड़े को बाहर निकाला और मालिनी के मुँह के पास ले जाकर बोला: बहू चूसो ना । बहुत दिन हो गए तुमसे चूसवाए हुए।

मालिनी मुस्करायी और उसको प्यार से हाथ में लेकर सहलायी और चारु को देखी। उसे भी लगा कि वो सो रही है। अब मालिनी ने अपना मुँह खोला और उसके लौड़े को चूसने लगी। राजीव पलंग पर लेटी मालिनी के मुँह को खड़े खड़े मानो चोदने लगा। उसकी कमर आगे पीछे हो रही थी और उसका लंड मालिनी के मुँह के अंदर बाहर हो रहा था। चारु सोची कि सच में दीदी बहुत ही अनुभवी हैं क्या मस्त चूस रहीं हैं।वह बॉल्ज़ भी बड़े प्यार से चाट रही थी। अब चारु की पैंटी भी भीगने लगी थी। पर वो हिल नहीं सकती थी। वो साँस रोके सब देख रही थी। इतने में राजीव का फ़ोन बजा। उसने कमर हिलाते हुए उसे जल्दी से उठा लिया। वो धीरे से बोला: हेलो हाँ शिवा बोलो।

चारु सोची कि उफफफ जिजु का ही फ़ोन है।

राजीव: हाँ हाँ वो एकदम ठीक है। खाना खा ली है।

राजीव उधर से शिवा की बात के जवाब में: हाँ चारु सो रही है। आऽऽऽऽह्ह्ह्ह्ह वो बहू मेरा चूस रही है। आऽऽऽऽहाह मैं गयाआऽऽऽऽऽऽऽऽ । आऽऽऽऽऽऽऽहहह हाँ बाक़ी सब ठीक है। ह्म्म्म्म्म्म चलो अब सफ़ाई करनी है रखता हूँ।

चारु सोची कि उफफफफ अंकल ने मज़े से बता दिया जिजु को कि वो उसकी बीवी से लंड चूसवा रहे हैं। हे भगवान इनको बिलकुल शर्म नहीं है। अब तक राजीव के कामरस की एक एक बूँद वो चाट कर पी चुकी थी। अब राजीव बाथरूम जाकर थोड़ी देर में वापस आया और आकर मालिनी के होंठ चूसकर बोला: आऽऽऽऽऽह बहु थैंक्स बहुत मज़ा आया। अब वह उसके बड़े बड़े दूध दबाकर बोला: बहू अब इनमे जल्दी ही दूध आएगा जिसे बड़े मज़े से पीऊँगा ।

मालिनी हँसकर: अरे तीन तीन होंगे पीने वाले। बेबी ,आप और शिवा। हा हा । राजीव भी हँसने लगा।

चारु हैरान होकर सोच रही थी कि उफ़्फ़्फ़क क्या परिवार है। एकदम खुला हुआ एक दूसरे से । उसकी बुर में ज़ोर की खुजली हो रही थी। वो किसी तरह से आवाज़ की और उठी आँख मलते हुए और बोली: अंकल कितना बज गया।

राजीव ने बहू के दूध से पहले ही हाथ उठा दिया था वो बोला: बेटी ४ बजे हैं।

चारु बाथरूम जाकर अपनी बुर में ऊँगली की और जल्दी ही झड़कर बाहर आयी। राजीव इस बीच बहू की गाँड़ में हाथ फेरकर बोला: बहू गाँड़ भी तुम्हारी मस्त मोटा गयी है। सच में मस्त भर गया है तुम्हारा बदन। मालिनी हंस दी।

राजीव: बहू एक बात बोलूँ ? मुझे लगता है कि चारु का कोई बोय्यफ़्रेंड है तभी तो उसकी चूचियाँ बहुत जल्दी जल्दी बड़ी हो रहीं हैं। तुम उसे पूछना।

मालिनी ने सिर हिलाकर कहा: अच्छा पूछूँगी।
जब चारु बाहर आयी तो राजीव अभी भी बहू की कलाइयाँ सहला रहा था।

अब राजीव बोला: मैं चाय लेकर आता हूँ। वो थरमस फ़्लास्क लेकर चला गया।

मालिनी: चारु तुम्हारा कोलेज कैसा चल रहा है?

चारु: दीदी ठीक है।

मालिनी: और तुम्हारे स्टेज पर्फ़ॉर्मन्स का क्या हुआ?

चारु: वो करन अंकल ने अगले महीने का तय किया है।

मालिनी: अच्छा एक बात पूछूँ ? सच बताओगी?

चारु: जी दीदी पूछो ना।

मालिनी: तुम्हारा कोई बोय्य फ़्रेंड है क्या?

चारु: नहीं दीदी कोई नहीं है। मगर आप ऐसा क्यों पूछ रही हो?

मालिनी: वो बस ऐसे ही । आजकल सभी लड़कियों का होता है ना, तो मैंने सोचा कि तुम्हारा भी कोई होगा।

चारु: नहीं दीदी मेरा कोई नहीं है।

मालिनी: तुम्हारी कोई सहेली बनी?

चारु: जी दीदी दो पक्की सहेलियाँ बनी हैं ।

मालिनी: उनका बोय्य फ़्रेंड है?

चारु: हाँ दीदी उनका है। पर मेरा कोई नहीं है।

मालिनी: सहेलियाँ बताती हैं कि वो लड़कों के साथ क्या क्या करती हैं?

चारु शर्मा कर: जी दीदी बताती हैं । वो बहुत मस्ती करतीं हैं उनके साथ।

मालिनी: कैसी मस्ती?

चारु: वो वो मतलब एक दूसरे को किस्स वगेरह करना और यहाँ वहाँ छूना। वही सब।

मालिनी: ओह उनकी छातियाँ तुम्हारी छातियों से बड़ी हैं क्या?

चारु इस सवाल से सन्न रह गयी पर फिर सम्भल कर बोली: जी दीदी उनकी काफ़ी बड़ीं हैं मेरे से । आप क्यों पूँछ रही हो ये सब?

मालिनी: देखो तुम मेरे घर में रहती हो तो तुम मेरी ज़िम्मेदारी हो। कुछ उलटा सीधा हो गया तो मुश्किल हो जाएगी ना।

चारु अब चुपचाप सोचने लगी कि इनको कैसे बताऊँ कि आपके ससुर , उनका दोस्त करन और वो मास्टर जी सब मिलकर मुझे दबा चुके है। वो चुप ही रही।

मालिनी: क्या सोच रही हो? कुछ छिपा रही हो क्या?

चारु: मैं मैं क्या छिपाऊँगी। आप भी ना दीदी।

तभी राजीव आ गया और सब चाय पीने लगे।

शाम को डॉक्टर आयी और बोली: देखो हो सकता है कि आज ही बेबी आ जाए बाहर। वह सब समझा कर चली गयी।

क़रीब ७ बजे शिवा का फ़ोन आया तो राजीव ने उसे घर जाकर खाना खाकर और फिर मुन्नी को लेकर अस्पताल आने को कहा। रात में वो दोनों ही यहाँ रुकेंगे। राजीव और चारु घर पर सोएँगे। राजीव की बात सुनकर चारु की बुर में एक अजीब सी झुरझुरी सी उठी। वो सोची कि आज अंकल घर में उसे अकेले पाकर पता नहीं क्या क्या करेंगे। उसका हाथ अपने आप ही अपनी बुर पर चला गया और वो उसे चुपके से खुजा बैठी।

उधर जब शिवा घर पहुँचा तो मुन्नी ने दरवाज़ा खोला। वो पसीने से भीगी हुई थी। उसका टॉप उसके पसीने से भीगकर उसकी चूचियों से चिपक गया था ।

शिवा: अरे इतना पसीना क्यों आ गया मुन्नी?

मुन्नी: जिजु कभी कभी खाना बनाने से ऐसे ही होता है ।

शिवा: वाह आज तुमने खाना बनाया है। शाबाश चलो मैं नहाकर आता हूँ। तुम भी नहा लो। फिर खाना खाकर अस्पताल जाएँगे।

शिवा अपने कमरे में जाकर नंगा हुआ और नहाने गया तो तौलिया नहीं था। वो लोअर पहना और बरामदे की ओर गया जहाँ जाने के लिए वो मुन्नी के कमरे के सामने से निकला। उसकी नज़र खुली खिड़की पर पड़ी। वह अपनी उत्सुकता नहीं रोक पाया और अंदर झाँका। उसकी आँख फट गयी। अंदर मुन्नी अब सिर्फ़ पैंटी और ब्रा में थी और क्या मस्त माल लग रही थी। फिर वो तौलिया लेकर अपनी चूचि से जाँघ तक लपेटी और बाहर आकर बाथरूम में चली गयी। शिवा भी चुपचाप बरामदे से अपना तौलिया लिया और वापस अपने कमरे को ओर चल पड़ा। तभी कॉमन बाथरूम का दरवाज़ा फिर से खुला और तौलिए में लिपटी जवानी उसके सामने आ गयी। मुन्नी शर्मा गयी और बोली: जिजु आप यहाँ क्या कर रहे हैं? वो शिवा के मर्दाने नंगे बदन के ऊपरी हिस्से को देखकर मस्त होकर बोली।

शिवा उसकी जवानी को घूरकर बोला: वो मेरा तौलिया बरामदे में था वही लेने आया था। उसने लोअर के नीचे चड्डी नहीं पहनी थी। उसके लोअर में उठान आने लगा जो कि मुन्नी की नज़रों से छिप नहीं पाया। शिवा का लंड भी ऐसी मस्त अनछुई जवानी को देखकर अकड़ने लगा था। शिवा को तौलिए से बाहर झाँक रहे मस्त चूचियों का दीदार हो रहा था और साथ ही चिकनी जाँघें बभी ग़ज़ब ढा रही थी। असल में बाथरूम में जाकर मुन्नी ने ब्रा उतारी और तभी देखा कि साबुन नहीं है। सो वो बाहर आयी थी तौलिया लपेट कर साबुन लेने को।

शिवा: कुछ चाहिए क्या?

मुन्नी: जी जी वो साबुन नहीं है। मैं स्टोर रूम से ले लेती हूँ।

शिवा: चलो मैं मदद कर देता हूँ। वो ऊपर के खाने में रहता है।

शिवा स्टोर रूम गया और मुन्नी उसके पीछे गयी। वो साबुन निकाला और उसे देकर कहा: और कुछ तो नहीं चाहिए?

मुन्नी: नहीं जिजु और कुछ नहीं चाहिए। यह कहकर वो जैसे ही पलटी एक चूहा उसके पैर के पास से टकराकर भागा और मुन्नी उइइइइइइ माँ कहकर उछल सी पड़ी और उसका तौलिया उसके बदन से अलग होकर उसके पैरों पर गिर पड़ा।

शिवा की आँखें पहले फैलीं और फिर उन मस्त सख़्त अमरूदों पर मानो चिपक ही गयीं। नीचे भी पैंटी में क़ैद उसकी फूली हुई बुर बहुत ही क़यामत सी लग रही थी। उफफफफ क्या दृश्य था। और मज़ा तो उसे तब आया जब वो जिजुउउउउउउउ कहकर उसकी छाती से डरकर चिपक गयी। उसके सख़्त गोल गोल नंगे अमरूद उसकी नंगी छाती से सटकर उसे पागल कर दिए। वो उसकी नंगी पीठ को सहलाकर बोला: मुन्नी डरो नहीं। सिर्फ़ एक चूहा था।

मुन्नी: जिजु मुझे चूहे से बहुत डर लगता है। अब वो उसका तौलिया उठाया और मुन्नी को एक बच्ची की तरह अपने गोद में उठाया और जाकर उसे बाथरूम के सामने खड़ा किया और उसके अमरूदों को प्यार से देखकर बोला: मुन्नी अब भी डर लग रहा है तो नहला दूँ क्या?

अब मुन्नी को होश आया कि वो ऊपर से नंगी है और नीचे भी एक सिर्फ़ पैंटी में है। उसने जिजु के लोअर में खड़े हुए डंडे को देखा और वो शर्मा कर बाथरूम में घुसी और दरवाज़ा बंद कर ली। वह काफ़ी देर बाद सामान्य हो पायी। नहाते हुए उसका हाथ अपनी चूचियों की घुंडियों को मसल रहा था और उसकी उँगलियाँ बुर में मस्ती कर रहीं थीं । वो उइइइइइइइ कहकर झड़ी और फिर नहाकर कपड़े पहनी और बाहर आकर खाना लगाने लगी।

उधर शिवा भी अपने बदन पर साबुन मलते हुए मुन्नी की जवानी को याद करके मस्ती से अपने खड़े लौड़े को सहलाने लगा और जल्दी ही मूठ्ठ मारने लगा। आहह्ह्ह्ह्ह मुन्नीइइइइइइइइ कहकर वो झड़ गया और तय्यार होकर बाहर आया। मुन्नी शर्म से उससे आँख नहीं मिला पा रही थी। वो मन ही मन मुस्कुराया।अब दोनों ने खाना खाया।

शिवा: मुन्नी तुम बहुत बढ़िया खाना बनाती हो।

मुन्नी ख़ुश होकर: थैंक्स जिजु ।

शिवा शरारत भरी मुस्कुराहट के साथ बोला: वैसे तुम्हारा और भी बहुत कुछ बढ़िया है। वो उसके अमरूदों को देखकर बोला।

अब फिर से उसके गाल शर्म से लाल हो गए और वो बोली: जिजु आप बहुत गंदे हो।

शिवा: सच में चूहा बहुत प्यारा जानवर है । उसके कारण मुझे तो जन्नत के दर्शन हो गए।

मुन्नी शर्माकर वहाँ से भाग गयी। अब दोनों मालिनी के लिए टिफ़िन लेकर बाहर निकले और अस्पताल के लिए निकल पड़े। शिवा मुन्नी की स्कर्ट के अंदर मटकती हुई गाँड़ देखकर मस्त होने लगा।

आज रात शिवा और मुन्नी मालिनी के साथ अस्पताल में सोएँगे और राजीव और चारु घर पर सोएँगे।

आगे क्या होगा----
lovelyssingh
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by lovelyssingh »

अब आएगा मजा ।
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Kamini
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Kamini »

mast update
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Mani
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Mani »

sunita123 wrote: 06 Sep 2017 14:32 wow kay msat hot kahani hai sach me mai to pagal ho gayi Munni pe Shiva Chadhega aru Charu pe Rajiv kitna maja aayega jab do kamsin chut fategi tagde mardo se.
जी और आप पे कौन :geek:
Hi
............
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Mani
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Mani »

और आप पे सुनीता जी
Hi
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