बहू नगीना और ससुर कमीना

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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

rangila wrote: 29 Sep 2017 12:38 Very good bhai Wating for next
mastram wrote: 30 Sep 2017 12:41 keep updating more n more....
Thanks for your encouraging comments.
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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

कमरा गरम हो चुका था। दो मस्त कमसिन जवानियाँ दो अधेड़ मर्दों की गोद में बैठीं थीं। राजीव रूहि की जवानी से खेल रहा था। उसका टॉप तो उतर ही चुका था और अब वो उसके ब्रा के हुक को भी खोला और अब सामने आए मस्त और सख़्त अमरूदों को देखकर वो मस्ती से उनको सहलाने और दबाने लगा। ताज़ा बने चूचकों को वो मसलने लगा। रूहि आऽऽऽऽऽह कर उठी।

उधर शकील अब चारु के होंठ चूसते हुए उसके कंधे चूमने लगा और उसके हाथ उसकी पीठ से होते हुए उसकी पतली चिकनी कमरको सहलाने लगे। नशे में मदमस्त चारु अब गरम हो चुकी थी और ख़ुद अपनी कमर हिलाकर मस्ती से अपनी बुर उसके लौड़े पर रगड़ रही थी। शकील समझ गया कि लोहा गरम है सो उसने भी चोट की और उसकी दोनों मस्त चूचों पर अपने पंजे दबाने लगा। अब चारु की बारी थी आऽऽऽह करने की। अब वो उसके होंठ चूसते हुए उसके मम्मों को मसलने लगा। जल्द ही चारु की सिसकियाँ कमरे में गूँजने लगीं। राजीव और रूहि ने उसे देखा और राजीव मुस्कुरा कर बोला: शकील बहुत मस्त चूचियाँ हैं रूहि की। म्म्म्म्म्म
बताओ हमारी चारु की कैसी लगीं?

शकील: आऽऽऽह बहुत सख़्त अमरूद हैं भाई ये तो। वो उनको मसलकर बोला। चारु : आऽऽऽऽऽह अंकल धीरे से प्लीज़ ।

शकील: चलो बिटिया अब टॉप उतारते हैं। देखो रूहि तो ऊपर से पूरी नंगी है और देखो राजीव भाई कैसे उसके मम्मे चूस रहा है?

चारु ने देखा कि राजीव अब सच में उसके नंगे मम्मे चूसने में मस्त था और रूहि उइइइइइइइ आऽऽऽऽऽह चिल्ला रही थी।

अब शकील ने उसका टॉप उतारा और ब्रा के ऊपर से उसके अमरूदों को दबाने लगा। फिर वो उसकी भी ब्रा खोला और सख़्त गोल गोल अमरूद अब उसके सामने थे जिनको वो मज़े से सहलाया और फिर बारी बारी से चूसने लगा। अब आऽऽऽऽऽऽह करने की बारी चारु की थी। अब शकील बोला: यार पूरा मज़ा यहाँ नहीं बिस्तर पर आएगा। आप एक काम करो वो सामने वाले कमरे में ले जाओ रूहि को और मैं इसके पीछे वाले कमरे में ले जाता हूँ ।

शकील उठा तो उसके पाजामा में एक ज़बरदस्त तंबू बना हुआ था और वो चारु को बच्ची की तरह अपनी गोद में उठाया और अपने कमरे की ओर चला गया। वो अब भी उसकी चूचि दबाते हुए उसके होंठ को बीच बीच में चूसता रहा। फिर वह उसे बिस्तर पर लिटा दिया। कमरा बड़ा था और बिस्तर भी बहुत बड़ा था। अब वो अपना कुर्ता और पाजामा उतारा और सिर्फ़ चड्डी में आकर उसके ऊपर लेटा और उसके बदन को सहलाते हुए उसे चूमने लगा। अब वो उसकी लेग्गिंग निकाला और पैंटी में उसकी गीली उभरी हुई बुर देखकर मस्ती से उसे चाटने लगा। अब वो उसकी पैंटी एक झटके से निकाला और उसकी बुर और नरम नरम फाँक देखकर मस्ती से उस जगह को सहलाने लगा। वह उसकी चिकनी बुर के स्पर्श से सिहर उठा और वो बोला: उफफफफ बिटिया क्या मस्त टाइट बुर है। मेरा एक काम करोगी?

चारु : जी अंकल बोलिए?

शकील: बिटिया ज़रा पेट के बल लेटो और अपनी गाँड़ ऊपर कर लो, मुझे इस पोज़ में तुम्हारी बुर और गाँड़ चाटनी है।

चारु शर्मा कर पेट के बल हुई और अपनी गाँड़ थोड़ा सा उठा ली। अब शकील ने उसकी गोल गोल गाँड़ सहलाकर उसकी गाँड़ को खींचकर और ऊपर उठाया। अब उसकी आँखों के सामने कमसिन जवानी की गाँड़ का भूरा सा छेद और थोड़ी सी खुली बुर से झाँकती उसकी गुलाबी छेद बहुत मस्त लग रहा था। वो दोनों गाँड़ सहलाकर अपना मुँह स्वर्ग के द्वार में डाल दिया और उसकी गाँड़ के छेद को बड़ी देर तक चूमता और चाटता रहा। फिर वो नीचे होकर उसकी बुर को भी चाटा और चारु उग्फ़्फ़्फ़्फ़ अंकल जीइइइइइइइइइ आऽऽऽऽहहहह
करने लगी। फिर उसने अपनी दो उँगलियाँ उसकी बुर में पेल दीं। चारु आऽऽऽऽऽह कर उठी। वो उँगलियाँ अंदर बाहर करके उनको निकाला और चूसने लगा।
अब वह बिस्तर पर लेट और बोला: बिटिया आओ मेरी चड्डी से मेरा लौड़ा बाहर निकालो।

चारु उठकर उसकी चड्डी नीचे की और अब उसका लौड़ा उसके आँखों के सामने था। उफफक क्या मस्त लग रहा है वो सोची। पापा के लौड़े जैसे ही बड़ा और मोटा था पर कुछ अलग था जो उसे समझ नहीं आया। कुछ कुछ सेक्सी विडीओ क्लिप जैसा ही था । शकील: बिटिया पसंद आया?

चारु शर्मा कर: जी अंकल बहुत प्यारा है। वो उसे मस्ती से मूठ्ठी में लेकर सहलाकर बोली।

शकील: बिटिया वो तुम्हारे किस्स के लिए तरस रहा है। देखो उसके आँसू भी आ गए। वो उसे प्रीकम की एक सफ़ेद बूँद दिखा कर बोला। अब चारु ख़ुद मस्त हो चुकी थी । वो झुकी और उसके लौड़े को मस्ती से चूमने लगी। फिर जीभ से उसने उसे और बॉल्ज़ को चाटा। उफफफ कितने बड़े बॉल्ज़ हैं इनके। अब वो लौड़े के सुपाडे को चाटी और फिर उसे मुँह में लेकर चूसने लगी। शकील मस्ती से नीचे से अपना लौड़ा उछाल कर उसके मुँह को मानो चोदने लगा। जल्दी ही दोनों मस्ती में डूबकर ओरल सेक्स का मज़ा लेने लगे। शकील उसकी चूचियाँ भी दबाए जा रहा था और उसकी गाँड़ भी सहला रहा था।

अब शकील बोला: बिटिया चलो अब चुदाई करते हैं। तुम नीचे लेटो और मैं ऊपर से आता हूँ। चारु को लिटाकर उसकी दोनों टांगों को फैलाकर अपने कंधे पर रखा और अपने विशाल लौड़े को उसकी बुर में ऊपर से लेकर नीचे कर रगड़ने लगा। सुपाड़ा उसकी बुर के छेद और किल्ट से रगड़ कर उसकी बुर में गुदगुदी का अहसास करा रहा था । फिर वो अपने हाथ में थूक लगाकर अपने लौड़े पर मला और दो उँगलियों को थूक लगाकर उसकी बुर में डाल कर अंदर बाहर किया। उसकी बुर मस्त गरम और गीली थी। वह टाइट बुर पाकर मस्ती से भर गया और अपने लौड़े के सुपाडे को उसके छेद में सटा कर धीरे से दबाव बनाने लगा।

चारु आज सिर्फ़ दूसरी बार चुद रही थी। उसके मुँह से आऽऽऽऽह निकली जैसे ही पूरा सुपाड़ा अंदर घुस गया। अब शकील उसकी चूचियाँ दबाकर उसके बुर में एक मस्त धक्का मारा और उसका आधा लौड़ा उसकी टाइट बुर में समाता चला गया। अब चारु को दर्द हुआ और वो चिल्लाई: आऽऽऽह अंकल दुखता है।

शकील उसको प्यार से बोला: बस बस एक धक्का और पूरा लंड अंदर हो जाएगा। ये कहते हुए उसने एक और धक्का मारा और अब पूरा लौड़ा उसकी बुर में फ़ँसा दिया।चारु की आँख में आँसू आ गए। अब वो उसकी चूचियाँ दबाकर उसे मस्ती से भरने लगा। थोड़ी देर में चारु अब फिर से गरम होने लगी। अब वो मज़े से उसकी पीठ दबाकर शायद कह रही थी कि अब मारो मेरी फुद्दी । शकील मस्ती से भर कर ज़ोर से चुदाई करने लगा। इस उम्र में भी वो एक जवान मर्द की तरह चोद रहा था । कमरा अब फ़च फ़च की आवाज़ से गूँज रहा था । अब चारु भी उइइइइइइ आऽऽऽह हाऽऽऽय्यय कहकर चुदवा रही थी। शकील का लंड पूरा अंदर जाकर उसकी बुर में ज़बरदस्त हलचल मचा रही था। शकील: बिटिया मज़ा आ रहा है ना? आऽऽऽहहहह।

चारु: आऽऽऽऽह अंकल हाँआऽऽऽऽऽऽ बहुत मज़ाआऽऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽ रहाआऽऽऽऽ है।

शकील: बेटी और चोदूँ? या बस करूँ?

चारु: आऽऽऽऽऽह अंकल और चोओओओओओओओदिये नाआऽऽऽऽऽ।

इस तरह वो अश्लील बातें करते हुए मज़े से उसे चोदते रहा और फिर आऽऽऽऽह ह्म्म्म्म्म कहकर वो झड़ने लगा और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और चारु भी उइइइइइइइइइइ कहकर झड़ने लगी। अब दोनों शांत होकर एक दूसरे से चिपक कर पड़े रहे।

उधर राजीव रूहि को लेकर दूसरे कमरे में गया और उसे बिस्तर के पास खड़ा किया और अब उसके नीचे का कपड़ा और पैंटी एक झटके में निकाल दिया और पूरी नंगी रूहि के बदन को खड़े खड़े ही अपने बदन से भींचकर उसकी पीठ सहलाने लगा। रूहि को अपने पेट में उसका लौड़ा चुभ रहा था। अब वो रूहि को बोला: बेटी चलो अब मुझे नंगा करो।

रूहि मुस्कुरा कर उसकी क़मीज़ खोली और फिर उसकी पैंट भी उतार दी।अब चड्डी में से उसका मोटा लौड़ा देखकर वो चुदासि हो गयी और झट से चड्डी भी निकाल दी। अब वो उत्तेजित होकर उसको सहलाने लगी और बोली: वाह अंकल आपका भी बड़ा मस्त है। वो उसके बॉल्ज़ को भी सहलाई और बोली: आऽऽऽऽह ये तो दादू से भी बड़े हैं।

राजीव उसके चूतरों पर हाथ फेरा और बोला: तुम्हारी फ़िगर भी मस्त सेक्सी है बेबी। चलो मैं लेटता हूँ तुम मेरे ऊपर उलटा लेटो और हम ६९ करेंगे।

यह कहकर वो बिस्तर पर लेटा और रूहि उसके ऊपर उलटा लेटी और अपनी बुर को उसके मुँह पर रखी और ख़ुद उसका लौड़ा चूसने लगी। वह भी उसके गाँड़ को फैलाया और अपनी जीभ से उसकी गाँड़ के छेद को मानो चोदने लगा।उसने नोटिस किया कि वो छेद भी काफ़ी खुला सा था। वो समझ गया कि दादू ने गाँड़ का भी उद्घाटन कर रखा है। अब वो उसकी गुलाबी बुर के छेद में जीभ डाला और उसे मस्ती से भिगोने लगा।
थोड़ी देर में दोनों गरम हो गए और अब राजीव बोला: आओ मेरे ऊपर चढ़ो और चुदाई करो। वो मुस्कुराई और अपनी टाँगें फैलाकर उसके लौड़े पर अपनी बुर दबाई और उसे धीरे से अंदर करने लगी। राजीव ने ध्यान दिया कि वो उसके मोटे लौड़े को बिना किसी परेशानी के अंदर ले ली। वो समझ गया कि खेली खाई लौंडिया है इस छोटी सी उम्र में भी। अब वो उसके लौड़े पर जैसे कूद रही थी। कमरा अब गरम हो चला था और ख़ुद ही चोदते हुए वो सेक्सी आवाज़ें निकाल रही थी: आऽऽऽऽऽह उम्म्म्म्म्म्म्म उम्म्म्म्म उम्मम्म कहकर हर धक्के में मस्ती से भरी जा रही थी। क़रीब १० मिनट के बाद वो आऽऽऽऽह मैं गयीइईई कहकर झड़ गयी और फिर जैसे राजीव के ऊपर गिर सी गयी।

अब राजीव उसको चिपकाए हुए ही पलटा और उठकर उसकी पूरी भीगी बुर को एक तौलिए से पोंछा और फिर उसकी टाँग फैलाकर उसके ऊपर आकर उसे चोदने लगा। जल्दी ही वो गरम हो कर अपनी गाँड़ उछालकर चुदवाने लगी। अब फ़च फ़च की आवाज़ से कमरा गूँज उठा और दोनों की आवाज़ें भी कमरे में मस्ती के आलम का अहसास करा रही थी। क़रीब २० मिनट की चुदाई के बाद दोनों आऽऽऽऽहह उइइइइइ कहकर झड़ने लगे और फिर एक दूसरे से चिपक कर लेट गए।
उधर शकील चारु के साथ बाथरूम गया और साफ़ सफ़ाई करके बाहर आया और बोला: चलो देखते हैं रूहि का क्या हाल है?

चारु ने अपने कपड़े की ओर हाथ बढ़ाया तो उसे रोकते हुए बोला: अरे बिटिया अभी से कपड़े क्यों पहन रही हो? अभी तो एक राउंड और करेंगे। वह उसकी मस्त गाँड़ और चूचियाँ दबाकर बोला: ठीक है ना?

चारु ने भी मस्ती में आकर उसका लम्बा लटकता हुआ लंड सहलाया और बोली: ठीक है अंकल जैसे आप चाहो।

अब दोनों नंगे ही दूसरे कमरे में पहुँचे। उस समय राजीव और रूहि भी बाथरूम से बाहर आकर बिस्तर पर फिर से लिपट कर लेटे हुए थे और रूहि उसका नरम लंड सहला रही थी और वो उसकी चूचियाँ चूस रहा था।

शकील: वाह लगता है एक राउंड हो गया है और दूसरे की तय्यारी है। कैसी लगी हमारी गुड़िया? शकील रूहि की गाँड़ सहलाते हुए बोला। वो अब बिस्तर पर बैठ गया था।

राजीव: मस्त माल है भाई, क्या मज़े से चुदवाई है। बहुत दिनों बाद ऐसी चुदक्कड लौंडिया मिली है। और आप सुनाओ हमारी गुड़िया की बुर कैसी लगी?

शकील ने पास खड़ी चारु की बुर पर हाथ फेरा और कहा: मस्त माल है ये भी। पर अभी चुदाई का उतना अनुभव नहीं है ना। जल्दी ही सीख जाएगी। वो उसकी चूचि चूसते हुए बोला।

शकील: रूहि उठो ना एक एक गिलास बीयर और पिलाओ फिर दूसरे राउंड का मज़ा आएगा।

रूहि मुस्कुरा कर उठी और चारु के साथ कमरे से बाहर चली गयी। अब शकील भी उसी बिस्तर पर राजीव के बग़ल में बैठ गया। दोनों पलंग के हेडरेस्ट से अपनी पीठ सटा कर बैठे थे और उनके नरम लम्बे लौड़े उनकी जाँघों के बीच में से एक तरफ़ को होकर पड़े थे। जब दोनों लड़कियाँ बीयर के गिलास लेकर आयीं तो ये दृष्ट देखकर मस्ती से भर गयीं। अब चारों बीयर पीने लगे। राजीव के साथ चारु आकर बैठी और शकील की दूसरी तरफ़ रूहि बैठी थी। रूहि ने हाथ बढ़ाकर अपने दादू का लंड सहलाना चालू किया और चारु भी उसकी देखा देखी राजीव का लंड सहलाने लगी।

शकील प्यार से रूहि की एक चूचि दबाकर बोला: हमारी गुड़िया को मैंने और भाई जान ने मस्त ट्रेनिंग दी है।

राजीव: कौन भाई जान?

शकील: अरे मेरे बड़े भाई साहब। वो भी बहुत रंगीलें हैं। वो एक बार आए तो रूहि को देखकर बोले: आ मेरे पास । फिर वो रूहि को अपने से चिपका कर उसका बदन सहलाने लगे। मुझे बड़ा अजीब लगा। रूहि अब अपने कमरे में चली गयी थी। उसके जाने के बाद वो मुझसे बोले: भाई तुमने अपनी पोती को शीशे में उतारा या नहीं? क्या मस्त गदरा गयी है इसकी जवानी? तू मज़े कर ले वरना पड़ौसी हाथ मार लेंगे। मैं थोड़ा सा हिचकिचाया था पर वो बोले: अरे मैं तो अपनी पोती को बिलकुल ट्रेन कर दिया हूँ। और अब बहु और पोती दोनों मज़े से चुदवाती हैं। मुझे पता था कि वो भी अपनी बहु को चोदते हैं । पर पोती की भी ले रहे हैं इस बात का मुझे इल्म नहीं था। तभी मेरी बहु बाज़ार से सामान लेकर आयी।
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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वो आकर भाई जान को सलाम की और भाई जान ने उसे अपनी गोद में खींचकर बिठाया और कहा: कैसी हो मेरी जान?

बहु: अच्छी हूँ ताया अब्बा। अब वो उसके गाल चूमे और चूचियाँ दबाकर बोले: वाऽऽहह क्या मस्त मोटी हो गयीं हैं चूचियाँ । ३८ की तो होंगी ना?

बहु शर्माकर: क्या ताया अब्बा आप भी ना? आऽऽऽह छोड़िए ना। रूहि अंदर होगी।

राजीव: ओह तो क्या आपके भाई जान भी आपकी बहू को चोद चुके थे?

शकील: हाँ यार कई बार। असल में मैं एक बार जब भाई जान के घर गया था तो उन्होंने अपनी बहु को मुझसे चुदवाया था । इसीलिए जब वो मेरी बहु को चोदने को बोले तो मैं भी मना नहीं कर पाया।

राजीव का लंड अब खड़ा होने लगा था और वो चारु से बोला: बेटी ज़रा चूसो ना इसे। चारु प्यार से उसके लंड को चूसने लगी। शकील ने भी रूहि को इशारा किया और वो भी उसके लंड को चूसने लगी।

राजीव चारु की चूचियाँ दबाते हुए: फिर क्या हुआ? आपके भाई ने पोती को चोदने वाली बात बहु को बतायी?

शकील रूहि की गाँड़ दबाकर: हाँ भाई जान मेरी बहू यानी रूहि की माँ से बोले कि मैं तो अपनी पोती से मज़ा लेने लगा हूँ। अब तो रूहि भी जवान हो गयी है वो भी तो अपने दादू से मज़ा ले सकती है। मेरी बहू पहले तो मना करी पर बाद में समझाने से मान गयी और फिर मैंने धीरे धीरे रूहि को जवान किया और उसकी सील एक दिन तोड़ ही दी। बाद में मेरे भाई जान भी इसके साथ मस्ती किए और मैं भी भाई की पोती से उनके घर जाकर मज़े किया। इस तरह रूहि अब काफ़ी अनुभवी हो गयी है और देखो कितने मज़े से मेरा चूस रही है।

राजीव: हाँ चूसती बहुत बढ़िया है और नीचे से मस्त गाँड़ उछालकर मज़ा भी देती है। वैसे चारु अब तुमको भी नीचे से गाँड़ उछाल कर मस्ती से चुदवाना चाहिए। वो चारु के सिर पर हाथ फेरकर बोला जो उसके लंड पर ऊपर नीचे हो रहा था।

चारु: उम्म्म्म्म्म्म जी उम्म्म्म्म्म।

अब शकील बोला: चलो चुदाई करते हैं। आओ रूहि तुम मेरे ऊपर चढ़ो और चारु भी राजीव के ऊपर चढ़ेगी। चारु रूहि से सीखो कैसे चुदाई करते हैं । ठीक है?

चारु ने हाँ में सिर हिलाया। अब चारु राजीव के लंड को अपनी बुर में वैसे ही डालने लगी जैसे रूहि ने शकील के लंड को अपनी बुर में डाल लिया था। अब चारु रूहि की तरह उछलकर चुदवाने लगी। चारु ने देखा कि रूहि अपनी गाँड़ को गोल गोल घुमाकर भी चुदवा रही थी सो वो भी वैसे ही करने लगी। फिर रूहि पूरी लम्बाई में अपनी कमर हिलाकर उसके लंड को एक विशेष तरह से जकड़कर पूरा लंड अंदर लेकर अपनी बुर में लेने और निकालने लगी। चारु भी उसकी नक़ल करके आऽऽऽऽह उम्म्म्म्म करने लगी। रूहि भी उम्मम्म उम्मम कहकर चुदवा रही थी। क़रीब दस मिनट के बाद शकील बोला: चारु बिटिया आओ अब मेरे लंड पर चढ़ो और चुदाई का मज़ा लो। रूहि तुम अंकल पर जाकर चढ़ो।

अब दोनों लड़कियों ने अपनी जगह बदली और चुदाई में लग गयीं। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या दृश्य था । दोनों अधेड़ लेते हुए उन दोनों कमसिन लड़कियों की अमरूद के माफ़िक़ चूचियों को दबाकर लाल करके चूस रहे थे। उनके हाथ उन लड़कियों के गाँड़ को अपने लंड पर दबा कर उनको मस्ती से भर रहे थे। दोनों लड़कियाँ उम्मम उम्मम्म अम कहकर चुदवा रहीं थी । अचानक चारु की सिसकारियाँ तेज़ होने लगीं और वो उइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽ कहकर झड़ने लगी। अब शकील उसको अपने से चिपकाकर पलटा और चारु को नीचे करके उसकी बुरी तरह से चुदाई करने लगा। चारु की चीख़ें निकलने लगी। यह बताना मुश्किल था कि चीख़ें मज़े की थीं या दर्द की। क़रीब दस मिनट की ज़बरदस्त चुदाई के बाद वो भी हाँफते हुए उसकी छाती पर ढेर हो गया।

उधर राजीव भी नीचे लेटा हुआ रूहि की बुर का मस्त मज़ा ले रहा था और नीचे से अपनी कमर उछालकर चुदाई को और मस्त बना रहा था। अब रूहि बोली: आऽऽऽऽह अंकल मैं थक गयी अब आप ऊपर आओ ना प्लीज़।

राजीव मुस्कुरा कर उसको नीचे किया और उसकी धमासान चुदाई में लग गया। लगा कि पलंग टूट ही जाएगा। ऐसी चूँ चूँ और फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी। अब दोनों चीख़ने लगे और झड़ने लगे। उफ़्फ़्फ़्फ क्या Wild ऑर्गैज़म था – वो सोचा।

अब चारों बिस्तर पर लेते हुए लम्बी लम्बी साँस ले रहे थे। सबसे पहले राजीव उठा और चारु से बोला: चलो फ़्रेश हो जाओ अब घर जाना है । वैसे भी बहुत देर हो गयी है।

फिर सब तय्यार होकर बाहर ड्रॉइंग रूम में आए। शकील बोला: चलो यार ज़रा बाहर बरामदे में चलते हैं मुझे सिगरेट पीना है।

दोनों बाहर आए और शकील सिगरेट पीने लगा। तभी राजीव बोला: शकील भाई एक बात पूछूँ ? आपको अजीब तो लगेगा पर फिर भी मैं जानना चाहता हूँ।

शकील: हाँ हाँ पूछो भाई जो पूछना है?

राजीव: क्या मेरी बीवी सरिता आपसे चुदवाई थी?

शकील चौंक कर: आज इतने साल बाद भाभी के बारे में ये सवाल? जब की बिचारि को गुज़रे हुए भी कई साल हो गए?

राजीव: बस ऐसे ही एक उत्सुकता है समझ लो।

शकील सिगरेट का कश लेता हुआ: हाँ मैंने उसे चोदा था। वो नाप लेने आती थी और मैं उसकी चूचियाँ और गाँड़ दबाता था। वो थोड़ा बहुत ऑब्जेक्ट करती थी। कई साल तक ऐसे ही चला। पर शायद तुम बीमार हो गए थे तो वो चुदाई के लिए प्यासी थी , तभी मेरा काम बन गया। हर बार की तरह नाप लेने के समय उसकी चूचियाँ दबाने पर जब वो विरोध नहीं की तो मेरा हौसला बढ़ा और मैंने उसकी गाँड़ और फिर पीछे से कपड़े के ऊपर से उसकी बुर भी दबा दी । उसका विरोध ना देखके मैं उसको पीछे के एक कमरे में के गया और वहाँ ज़मीन पर पड़े एक गद्दे में लिटाकर उसे चोद दिया। उस दिन वो दो बार चुदवायि थी। तभी उसने तुम्हारी बीमारी का बताया था।

राजीव: ओह तो तुमने उसे कितनी बार चोदा होगा?

शकील: यही कोई २०/२५ बार। वैसे वो औरों से भी चुदवाती थी उन दिनों।

राजीव: औरों से? मतलब? किसी का नाम बताया था।

शकील: हाँ बताया था। वो बोली थी कि तुम्हारा जो उन दिनों एक ड्राइवर था ना वो उससे रोज़ एक या दो बार चुदवा लेती थी। और कोई तुम्हारा दोस्त भी उससे मज़े ले रहा था।

राजीव: ओह ड्राइवर भी !! हाँ उन दिनों एक ड्राइवर रखा था पर वो तो एकदम छोटी उम्र का था। उफ़्फ़्फ़्फ क्या क्या पता चला आज। और हाँ मेरा कौन दोस्त है वो मैं जानता हूँ।

शकील: पर एक बात है कि अचानक उसने मेरी दुकान में आना बंद कर दिया। मेरे पूछने पर बतायी थी कि अब तुम ठीक हो गए हो। इसलिए उसे किसी और के पास जाने की ज़रूरत नहीं है।

राजीव: ओह हाँ ये मुझे समझ आ गया था। मेरे दोस्त ने भी बाद में आना बंद कर दिया था।

तभी चारु की आवाज़ आयी: अंकल घर नहीं चलना क्या?

इस पर राजीव और शकील अंदर आए और शकील ने चारु को गले से लगाकर प्यार किया और उसके गाँड़ सहला कर बोला: बिटिया फिर आना और ज़्यादा मज़ा करेंगे।

राजीव ने भी रूहि के गाल और होंठ चूमे और फिर मिलने का बोलकर राजीव और चारु अपने घर पहुँचे तब शाम के पाँच बज चुके थे। घर में सिर्फ़ मुन्नी थी। शिवा मालिनी के पास अस्पताल में ही था।

मुन्नी ने चाय बनाई और सब पी रहे थे तभी शिवा का फ़ोन आया: पापा मेरी सास को आप लेने जाओगे या मैं जाऊँ? वो आठ बजे तक आ जाएँगी।

राजीव: बेटा मैं ही चला जाऊँगा तुम बहु के पास रहो। मैं सरला को सीधे लेकर अस्पताल ही आ जाऊँगा।

शिवा: ठीक है पापा। और मालिनी के लिए खाना भी लाना होगा।

राजीव: हाँ हाँ मालिनी और सरला दोनों के लिए ही के आऊँगा।

मुन्नी: वाह आज तो चाची आ रही हैं।

चारु: हाँ पर अंकल मैं सोने जा रही हूँ। बहुत थकावट लग रही है। मुझे आप जाने के पहले उठा देना।

उसके जाने के बाद मुन्नी बोली: अंकल मैं खाना बना देती हूँ। आप ले जाइएगा।

यह कहकर वो किचन ने घुस गयी। राजीव भी थका हुआ था इसलिए वो भी थोड़ा सा आराम कर लिया अपने कमरे में।

क़रीब ७ बजे उसे किसी ने उठाया तो वह देखा कि मुन्नी उसे हिलाकर बोल रही थी: अंकल उठिए जिजु का फ़ोन आया है। चाची की बस ८ बजे आ जाएगी।

राजीव उठकर बैठा और मुन्नी को देखा । वो काले स्लीव्लेस टॉप और स्कर्ट में मस्त माल लग रही थी। उसने उसे अपनी गोद में खिंचा और उसके गाल और होंठ चूसने लगा। वह भी मस्ती में आकर बोली: अंकल चाची को लेने नहीं जाना है क्या? वो अपने चूतरों के नीचे लूँगी से उसके आधे खड़े लंड को महसूस करती हुई बोली।

राजीव उसके अमरूदों को दबाकर बोला: हाँ हाँ मालूम है अभी जाता हूँ पर तुम्हारी जवानी का थोड़ा मज़ा तो ले लूँ।

मुन्नी हँसने लगी और बोली: आऽऽऽऽह थोड़ा धीरे से दबाइए ना। कोई बॉल थोड़े हैं।

राजीव उसकी स्कर्ट में हाथ डाला और पैंटी की साइड से उसकी मुनिया को सहलाने लगा और बोला: उफ़्फ़्फ बिटिया रानी ये कब दोगी?

मुन्नी भोला सा मुँह बना कर बोली: ये तो मेरी है मैं आपको कैसे दे सकती हूँ।

राजीव उसके बनावटी भोलेपन को साँझ कर हँसा और बोला: अच्छा इसे चोदने को कब दोगी?

मुन्नी शर्मा कर: छि अंकल आप कुछ भी बोलते हैं । मैं अभी इस काम के लिए छोटी हूँ ना।

राजीव उसकी मुनिया में ऊँगली डालकर बोला: उफ़्फ़्फ़्फ बिटिया रानी तुमसे छोटी लड़कियाँ भी आजकल मज़े से चुदती हैं , फिर तुम तो अब जवान हो गयी हो। सच कहता हूँ एक बार चुदवा लो फिर ज़िंदगी भर मज़े ही मज़े लो।

मुन्नी अपने आप को छुड़ाकर वहाँ से भाग गयी।

थोड़ी देर बाद तय्यार होकर राजीव बाहर आया और देखा कि मुन्नी टिफ़िन बना रही थी किचन में। वो चुपके से चारु के कमरे में घुसा और वो अभी भी करवट में सो रही थी। अब वो पजामा और टॉप पहनी थी। वो उसके गाल को चूमकर बोला: उठो चारु अब शाम हो गयी है। वो उसकी गाँड़ सहलाने लगा।

चारु: आऽऽह अंकल उठती हूँ ना।

राजीव: अपनी चाची को लेने बस स्टेशन चलोगी क्या?

चारु: नहीं अंकल आज तो मुझे आपने और शकील अंकल ने बहुत थका दिया है। मेरी नीचे की दुःख रही है।

राजीव ने उसकी बुर को पाजामा के ऊपर से हल्के से सहलाया और कहा: बस बेटी अब नहीं दुखेगी। आज तो पक्की खुल गयी होगी। बस अब मज़ा लो अपनी जवानी का।

चारु: आपको मज़े की पड़ी है पता नहीं मैं ठीक से चल भी पाऊँगी कि नहीं।

राजीव : चलो उठो और चलकर बताओ।

चारु उठी और चल कर देखी और बोली: नहीं अंकल बस थोड़ी सी जलन हो रही है। चलने में कोई समस्या नहीं है।

अब राजीव खड़ा होकर उसकी गाँड़ सहलाया और बोला: बस अब मज़े से चुदवाओ और ऐश करो। यह कहकर वो उसके सख़्त अमरूदों को भी दबा दिया और हँसते हुए बाहर आ गया।चारु बाथरूम में चली गयी। तभी किचन से मुन्नी बाहर आइ और टेबल पर टिफ़िन रख कर बोली: लो अंकल अब जाओ।

राजीव मस्ती से उसकी गाँड़ सहलाकर उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाला और पैंटी से बाहर आए हुए नंगे चूतरों को सहलाया और बोला: उफ़्फ़्फ़्फ बिटिया क्या चिकनी गाँड़ है तुम्हारी। मस्त मज़ा आएगा इसे फाड़ने में। वो पैंटी के ऊपर से ही उसकी गाँड़ की सुराख़ में ऊँगली करता हुआ बोला। मुन्नी के मुँह से उइइइइइ निकल गयी और वो बोली: उफ़्फ़्फ अंकल क्या कर रहे हो?दुखता है ना।

राजीव अपनी ऊँगली बाहर किया और नाक के पास ले जाकर सूंघकर बोला: आऽऽऽह क्या मस्त गंध है।

मुन्नी: छी अंकल क्या कर रहे हो आप! उफ़्फ़्फ । अब जाओ पहले हाथ धोकर टिफ़िन लो और बस स्टेशन जाओ।

राजीव हँसते हुए हाथ धोकर सरला को लेने बस स्टेशन को कार से निकल पड़ा।

सरला आने वाली है —— अब आगे तो और बहुत कुछ होगा——
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Rohit Kapoor
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Rohit Kapoor »

बहुत मस्त गरमा गर्म अपडेट रहा दोस्त
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Kamini
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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