बहू नगीना और ससुर कमीना

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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

Kamini wrote: 16 Oct 2017 21:17mast update
thanks
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rajsharma
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by rajsharma »

दीपावली की आप सभी दोस्तो को बहुत बहुत हार्दिक बधाई
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

राजीव बाज़ार गया तो उसे ख़ुरापत सूझी वो ड्राइवर अनवर को फ़ोन किया और बोला: क्या हाल है? कहाँ हो अभी?

अनवर: सर बस अभी काम से आया हूँ रात की ड्यूटी थी। कुछ काम था?

राजीव: नहीं बस ऐसे हो फ़ोन किया । कुछ मस्ती करते हो या नहीं?

अनवर: कहाँ साहब कुछ नहीं बस काम और काम।

राजीव: क्या तुम्हारे साहब के घर में कोई माल नहीं है क्या?

अनवर: नहीं साहब कोई नहीं है। साहब के घर में मेम साहब है पर वो चूसी हुई आम है,६० साल की। साहब भी यहाँ वहाँ मुँह मारता रहता है। वैसे दोनो अमेरिका जा रहे हैं अपने बेटे बहू के पास २ महीने के लिए। मेरी लम्बी छुट्टी होने वाली है। पता नहीं क्या करूँगा मैं इन दिनों।

राजीव: अरे मैं बुला लूँगा तुमको अपने यहाँ । हमारी गाड़ी चला लेना इन दिनों। चलो अभी रखता हूँ।
वो मन ही मन कुछ सोचकर बोला।

जब वो वापस आया तो चारु और मुन्नी टीवी देख रहीं थीं। शिवा अभी आया नहीं था। राजीव के हाथ से सामान लेकर चारु किचन में रखने लगी। जब वो झुककर फ्रिज में सब्ज़ी डाल रही थी तो राजीव पीछे से उसके पाजामा के ऊपर से उसकी गोल गोल गाँड़ दबाकर धीरे से बोला: उफ़्फ़्फ क्या मस्त गाँड़ है। यह कहते हुए उसने उसकी दरार में अपना हाथ डाला और बुर मसलने लगा।

चारु :उफ़्फ़्फ अंकल क्या कर रहे हैं आप? वैसे भी आज चाची आ जाएगी और दीदी भी फिर आपको कहाँ मेरे लिए टाइम रहेगा?

राजीव उसको उठाया और अपने सीने से चिपका कर बोला: अरे बिटिया उनके आने से क्या होगा? हमारी चुदाई यूँ ही चलती रहेगी। तुम फ़िक्र मत करो। वो उसके गाल और होंठ चूमकर बोला।

चारु: इतने लोगों के रहते हुए एकांत कैसे मिलेगा?

राजीव उसकी गदरायी गाँड़ दबाकर बोला: क्या ज़रूरत है एकांत की? तुम देखना कैसी मस्त चुदाई होगी?

चारु: अच्छा चलिए देखेंगे अभी तो छोड़िए। मैं आपके लिए चाय बना देती हूँ।

राजीव बाहर आया और मुन्नी अभी भी टी वी देख रही थी। वो उसके सामने बैठ गया और तभी प्यासी मुन्नी ने अपनी एक टाँग उठाकर सोफ़े पर रखा और स्कर्ट से अपनी पैंटी में छुपी बुर दिखाने लगी। राजीव उसकी उत्तेजना को समझ कर मन ही मन मुस्कुरा दिया और बोला: बिटिया आज पैंटी नहीं बदली क्या? कल भी तो काली ही पहनी थी ना?

मुन्नी ने बेशर्मी से कहा: नहीं अंकल कल गुलाबी थी । मैंने बदली है। उसने पैंटी को छुपाने की कोई कोशिश नहीं की। आज शिवा जीजू भी उसे अभी अभी गरम कर गया था।

राजीव पता नहीं क्या सूझा वो बोला: बिटिया ज़रा पैंटी साइड में करके अपनी मुनिया दिखाओ ना। बहुत मन कर रहा है देखने का।

मुन्नी शर्मा कर: छी मैं क्यों दिखाऊँ? वैसे भी चारु दी यहीं है।

राजीव: चारु है इसीलिए तो कह रहा हूँ कि दिखा दो वरना आके मैं ख़ुद ही देख लेता और चूम भी लेता तुम्हारी मस्त मुनिया को।

मुन्नी ने एक बार किचन की तरफ़ देखा और चारु की वहाँ से आवाज़ आ रही थी । पता नहीं उसे क्या हुआ कि वो अपनी पैंटी में दो उँगलियाँ साइड से डाली और इसे एक तरफ़ को हटाकर अपने बाप से बड़े उम्र के आदमी को अपनी पनियायी हुई बुर दिखाने लगी।

राजीव की आँखें इस सेक्सी दृश्य को देखकर मस्ती से भर गयीं वो बोला: थोड़ा छेद को खोलो ना।

मुन्नी भी अब अपनी बुर के पूत्तियों को खोली और अपनी गुलाबी कुँवारी बुर के दर्शन कराने लगी।

राजीव से नहीं रहा गया और वह उठकर ज़मीन पर आकर उसकी बुर के पास आकर बैठा और अपना मुँह डालकर उसकी बुर चाटने लगा। मुन्नी उसका सिर अपनी बुर में दबाकर मस्त होने लगी। तभी चारु की आवाज़ आयी और राजीव वहाँ से हटकर ज़मीन पर बैठकर सोफ़े के नीचे मानो कुछ ढूँढने लगा। मुन्नी ने भी स्कर्ट नीचे कर ली।

चारु: अंकल आपकी चाय। अरे क्या ढूँढ रहें हैं आप?

राजीव: चप्पल नहीं दिख रही है। मैं सोचा कि सोफ़े के नीचे होगी। हो सकता है अपने कमरे में ही छोड़ आया हूँगा।

वो खड़ा हुआ और सोफ़े पर बैठ कर चाय पीने लगा। तभी बाहर से घंटी बजी और चारु ने दरवाज़ा खोला और चिल्लाई: अंकल सब आ गए।

अब सरला , मालिनी , गुड़िया और शिवा अंदर आए।

वो सब बहुत ख़ुश थे और नयी गुड़िया को सब बहुत प्यार कर रहे थे। क़रीब ११ बजे शिवा दुकान चला गया। मुन्नी स्कूल और चारु कोलेज चली गयी। राजीव आकर मालिनी के बिस्तर पर बैठा और बातें करने लगा।मालिनी बिस्तर पर ही बैठी थी। सरला बाथरूम में नहा रही थी। तभी गुड़िया रोने लगी। सरला बाथरूम से चिल्लाई: मालिनी उसे दूध पिला दे।

मालिनी ने राजीव को मुस्कुरा कर देखा और अपने मैक्सी का सामने का ज़िपर खोली और अपना एक मोटा सा दूध बाहर निकाला और गुड़िया को गोद में लेकर उसके मुँह में अपना निप्पल डाल दी। तभी राजीव ने उसकी ज़िपर को और नीचे किया और अंदर हाथ डालकर उसका दूसरा दूध भी बाहर निकाला । अब वो उसके दूध को दबाने लगा और मालिनी के निपल पर दो बूँद दूध आ गया। राजीव अब झुका और अपनी जीभ से उसके निपल को चूसने लगा। मालिनी ने बड़े प्यार से राजीव के बाल सहलाये और अपना दूध दोनों को पिलाने लगी। उसका एक हाथ राजीव की लूँगी के ऊपर से उसके आधे खड़े लौड़े को सहलाने लगा।

तभी बाथरूम से सरला बाहर आयी और यह दृश्य देखकर बोली: वाह दादा और पोती दोनों लगे हुए हैं। बेचारी मेरी बेटी दोनों की सेवा में लगी है।

राजीव ने अपना मुँह उठाया और मुँह पर लगे दूध को चाट कर बोला: अरे बड़ी क़िस्मत से इसके स्तनों में दूध आया है उसे कैसे छोड़ दें बिना पिए। फिर वो सरला को देखा तो मस्त हो गया। उसके गीले बालों में तौलिया लगा था। उसने एक ब्लाउस पहना था टाइट सा जिसके नीचे से ब्रा साफ़ दिखाई दे रही थी। बड़े से क्लीवेज़ से आधे गोरे गोरे दूध बाहर झाँक रहे थे। उसने नीचे एक पेटिकोट पहना था और जब वो अपने सूट्केस से साड़ी निकालने को झुकी तो उसकी मोटी गाँड़ की दरार में पेटिकोट का कपड़ा फँस गया। राजीव मस्त होकर बोला: मालिनी देखो तुम्हारी मम्मी की गाँड़ कितनी सेक्सी है।

मालिनी ने उसके लौड़े को दबाया और लूँगी के उभार को दिखाकर बोली: देखो मम्मी आपने पापा का एकदम टाइट कर दिया।

सरला हँसकर: अरे इनका तो हमेशा ही टाइट रहता है। यह कहकर वो राजीव के पास आकर बोली: अरे मेरी बेटी को क्यों तंग कर रहे हो। अभी उसको टाइम है आपकी सेवा करने में।

राजीव उसकी गाँड़ सहलाकर : अरे आपके होते क्या समस्या है। आपकी बेटी अभी चुदवा नहीं सकती तो क्या हुआ आप तो हैं ना। वह उसकी गाँड़ में फँसे कपड़े को निकालते हुए बोला: अच्छा ज़रा एक बार गाँड़ दिखा दो ना। लगता है बेटे ने मार मार के मस्त कर दी है।

सरला हँसकर: देख लो मैंने कब मना किया है।
वो इस समय ऐसे खड़ी थी कि उसका मुँह राजीव की ओर था। राजीव ने उसे पकड़कर घुमाया और बोला: रानी अपने हाथ से पेटिकोट उठाओ और गाँड़ दिखाओ।

सरला हँसकर अपना पेटिकोट उठाई और अपनी नंगी गाँड़ राजीव के सामने कर दी। अब उसका मुँह अपनी बेटी की तरफ़ था।

राजीव झुका और उसकी गाँड़ दबाकर मस्ती में आ गया और फिर घुटनों के बल होकर उसकी गोल गोल गाँड़ की चुम्मियाँ लेने लगा। अब वो उसके चूतरों को फैलाया और उसकी मस्त चुदी हुई छेद को देखकर वहाँ ऊँगली फेरता हुआ बोला: लगता है राजेश अक्सर गाँड़ बजाता है। काफ़ी मस्त खुल गयी है।

मालिनी हँसकर: राजेश का तो पता नहीं पर कल रात शिवा ने मम्मी की चूत के साथ गाँड़ भी ठोकी थी।
तभी राजीव ने उसकी गाँड़ के छेद में अपनी जीभ डाली और उसे कुरेदने लगा। सरला उइइइइइइ कहकर बोली: हाँ राजेश तो हफ़्ते में ३/४ बार गाँड़ मार ही लेता है।

मालिनी भी मस्ती से अपनी मम्मी के पेटिकोट को सामने से उठाई और उसकी जाँघें सहलाते हुए उसकी चूत भी सहला दी। अब उसकी तीन उँगलियाँ अपनी मम्मी के भोसड़े में चली गयीं और वो उनको हिलाकर सरला को मस्त करने लगी।

अचानक सरला वहाँ से साइड में हो गयी और राजीव से बोली: क्या हो रहा है ये सब? अभी नौकरानी भी घर पर है। ये सब बाद में करना आप।

मालिनी राजीव के लौड़े को दबाकर बोली: पापा जब खाना खाकर सब आराम करेंगे उस समय आप मम्मी को चोद लेना।

राजीव उसकी चूची दबाकर बोला: देखा सरला तुम्हारी बेटी मेरा कितना ख़याल रखती है।

सरला: हाँ देख रही हूँ, भले इसके लिए उसकी अपनी माँ ही चुद जाए।

सरला की बात सुनकर सब हँसने लगे।

इसके बाद कुछ ख़ास नहीं हुआ। मुन्नी क़रीब १ बजे स्कूल से आयी और जाकर कपड़े बदली। वो अब एक स्कर्ट और टॉप में थी।चारु ४ बजे आने वाली थी।
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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क़रीब २ बजे सब खाना खाए। मुन्नी राजीव के बग़ल में बैठी थी। सो उसने उसकी जाँघ सहलाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ा। मुन्नी भी मस्त हो कर उसकी लूँगी के ऊपर से उसका लंड दबा देती थी। ख़ैर खाना खाकर सब टी वी देखने लगे। फिर मालिनी और मुन्नी नींद आ रही है कहकर अपने अपने कमरे में जाने को उठे। जाते हुए मालिनी ने राजीव को आँख मारी। अब राजीव ने सरला को आँख मारी और उठकर अपने कमरे में आने का इशारा किया। वह मुस्करायी और उठ कर उसके पीछे चली गयी।
मुन्नी अब होशियार हो चली थी । उसने मासूम सा चेहरा बना रखा था पर उसकी आँखों से मालिनी और राजीव का आँख मारना नहीं छिप सका। वो अपने कमरे में आकर खिड़की से ड्रॉइंग रूम में झाँकी और तभी उसने देखा कि राजीव और सरला उठ गए और राजीव के कमरे में घुस गए। वो चुपके से बाहर आयी और एक खिड़की से पर्दा हटाकर अंदर झाँकी वैसे ही जैसे उसने चारु और अंकल की चुदाई देखी थी। वो देखने लगी——

कमरे में आकर राजीव ने दरवाज़ा बंद किया और बोला: आज कितने दिनों के बाद तुमको चोदने का मौक़ा मिला है। मस्ती से सभी छेदों का मज़ा लूँगा।

सरला ने अपनी साड़ी का पल्लू गिराते हुए अपनी साड़ी खोलती हुई बोली: कौन रोक रहा है। मैं भी तो मरी जा रहीं हूँ आपसे चुदवाने के लिए।

राजीव ने भी अपनी शर्ट निकाली और फिर लूँगी खोलकर पूरा नंगा हो गया। उसका लंड अभी आधा खड़ा था और इस हालत में भी काफ़ी बड़ा लगा सरला को।

वो अपनी ब्लाउस निकालती हुई बोली: उफ़्फ़्फ़्फ ये तो और क़ातिल नज़र आ रहा है। लगता है मेरी बेटी ने काफ़ी सेवा की है इसकी।

राजीव अपने लंड को सहलाकर बोला: हाँ बहुत प्यारी बहू है हमारी। अपने ससुर के लंड का पूरा ख़याल रखती है।

अब वो अपनी ब्रा खोलते हुए बोली: वैसे कल शिवा ने भी जमकर चोदा। अब मस्त सीख गया है। पूरा ट्रेंड हो गया है। वो अपने नंगे मम्मों का पसीना पोंछते हुए बोली।
मुन्नी चौंकी और सोची कि चाची शिवा से भी चुदवा चुकी हैं। हे भगवान —
अब सरला पेटिकोट का नाड़ा खोलकर उसे भी सरका दी। अब वो पूरी नंगी होकर राजीव के सामने खड़ी थी जो कि तब तक बिस्तर पर लेट चुका था। उसका खड़ा लंड सरला के मस्त भरे बदन को देखकर ऊपर नीचे हो रहा था। उसने बाँह फैलायीं और सरला उसके ऊपर आ गयी। अब दोनों के होंठ जुड़ गए और बहुत देर तक चूमना चाटना जारी रहा।दोनों एक दूसरे की जीभ का भी मज़ा ले रहे थे। फिर राजीव ने अपना मुँह खोला और सरला समझ गयी कि वो क्या चाहता है। उसने अपना थूक उसके मुँह में गिराया और वो मस्ती से उसे पीने लगा।

अब सरला ने अपना धड़ उठाया और उसके मोटे मम्मे राजीव के मुँह के ऊपर आ गए वो उनको बारी बारी से चूसने लगा। उसके हाथ सरला की पीठ और गाँड़ पर घूम रहे थे।

सरला थोड़ी देर बाद बोली: ६९ करें?

राजीव मुस्कुरा कर : हाँ जान क्यों नहीं । चलो उलटी लेट जाओ।

अब सरला उलटी होकर उसके ऊपर लेटी और राजीव के मस्त लौड़े को और बॉल्ज़ को चाटने लगी। जल्दी ही वो ज़ोर ज़ोर से लंड चूसने लगी। उधर राजीव भी उसकी चूत और गाँड़ चाटने लगा। जल्दी ही वो बहुत गरम हो गयी और अचानक से उठ कर उसके लंड पर बैठ गयी। फिर हाथ से उसने लंड को पकड़ और अपनी चूत में घुसेड़ ली और फिर अपनी गाँड़ को दबाकर दो झटकों में ही पूरा लंड अंदर करके आऽऽऽऽहह कर उठी।

जल्दी ही वो उसके लंड पर उछलने लगी और कमरे में उसकी सिसकियाँ गूँजने लगीं।

मुन्नी का हाथ पैंटी के अंदर जाकर अपनी मुनिया पर पहुँचा और वो ऊँगली करके अपनी जवानी का मज़ा लेने लगी।
अब सरला अपनी चूचियाँ नीचे करके राजीव का हाथ पकड़कर उन पर रखी और राजीव उसके निपल्ज़ मसलने लगा। फिर एक चूचि चूसने भी लगा। अब सरला लम्बे लम्बे स्ट्रोक्स लगा रही थी और पूरा लंड अंदर करके महसूस करके मस्त हो रही थी। क़रीब १५ मिनट के बाद वो उन्न्न्न्न उन्ननन करते हुए वह झड़ने लगी।

उधर मुन्नी भी अपनी चाची के साथ झड़ने लगी।

अब राजीव उठा और सरला को पेट के बल लिटाया और फिर उसकी गाँड़ पीछे से ऊपर किया और अपने गीले लंड पर थूक लगाया और फिर ढेर सारा थूक लगाकर अपनी २ उँगलियाँ उसकी गाँड़ में डाला और अंदर बाहर करने लगा। अब वो उसकी गाँड़ के छेद में अपना सुपाड़ा लगाया और एक हल्के से धक्का लगाया और सुपाड़ा उसकी गाँड़ के छेद में धँस गया और फिर वो एक और धक्का लगाकर अपना लंड पूरा अंदर कर दिया। सरला की आऽऽऽहहह निकल गयी। अब वो अपने लंड को दबाकर उसकी गाँड़ की ठुकाई में लग गया। सरला भी जल्दी ही गरम हो गयी ।अब वो भी अपनी गाँड़ पीछे कर के गाँड़ चुदाने का मज़ा लेने लगी। कमरा ठप्प ठप्प की आवाज़ से भर गया और साथ ही सरला की आहें और उइइइइइइइइ हाय्य्य्य्य्य कमरे में गूँजने लगी। अब राजीव मस्ती से उसकी गाँड़ में झड़ने लगा। सरला ने अपनी चूत में ऊँगली डाली और हिलाकर जल्दी ही झड़ने लगी। अब वो पेट के बल गिर गयी। राजीव भी हाँफते हुए उसके बग़ल में लेट गया।

बाथरूम से आकर दोनों ने कपड़े पहने और बातें करने लगे।

राजीव: मज़ा आया जान?

सरला: बहुत मज़ा आया। आपके साथ तो हमेशा मज़ा आता है।

राजीव: ये बताओ राजेश अब कैसे चोदता है?

सरला: वो भी बहुत मस्त चुदाई करता है। असल में हम दोनों अब प्यार भी करने लगे हैं एक दूसरे से। हम दोनों पागल हैं एक दूसरे के लिए। अच्छा ये बताओ चारु और मुन्नी की ले ली या नहीं?

मुन्नी ध्यान से सुनने लगी।

राजीव: चारु की तो ले ली है। पर मुन्नी को अभी जवानी की छेड़छाड का मज़ा दे रहा हूँ। जल्दी ही उसकी भी ले लेंगे। मस्त माल है दोनों।

सरला: मालिनी को पता है क्या?

राजीव: चारु का तो पता है। मुन्नी का अभी बताया नहीं है। वैसे एक बात कहनी थी, पता नहीं तुम उसे कैसे लोगी?

सरला: बोलिए ना क्या है आपके मन में?

राजीव: असल में हमारे यहाँ एक कार ड्राइवर काम करता था जब बच्चे छोटे थे। वो मेरी बीवी सरिता को कई बार चोद चुका है। अब वो क़रीब ४० का है। वो काम माँग रहा है। मैं उसे ड्राइवर की नौकरी पर रखना चाहता हूँ। साथ ही वो हमारे घर की लड़कियों की चुदाई भी कर सकता है। तुमको भी मज़ा दे सकता है। उसका नाम अनवर है। बोलो क्या कहती हो?

सरला: आप अपने घर की लड़कियों को बाहर वालों से चुदवाएँगे?

राजीव: देखो मालिनी भी कुछ दिनों में ठीक हो जाएगी और तब मुझे और शिवा को तीन तीन लड़कियों की जवानी सम्भालनी होगी। सच तो ये है कि मैं अब जवान तो नहीं रहा और ये लड़कियाँ जवानी के उबाल पर हैं । शिवा अकेला कितना संभाल सकेगा। और मैं दिन भर में ज़्यादा से ज़्यादा दो राउंड ही कर पाउँगा। जबकि ये लड़कियाँ तो ३/४ बार चूदना चाहेंगी। इसीलिए अनवर रहेगा तो मामला संभाल लेगा।

सरला: पर वह तो बाहरी आदमी है ना?

राजीव: है तो बाहरी पर हम उसको अपने घर में रख सकते हैं । मैं उसे जानता हूँ सही आदमी है। कभी किसी से बात नहीं करेगा कि घर में क्या हो रहा है।

सरला: ठीक है फिर आप जैसा ठीक समझो।

राजीव उसकी चूचियाँ सहलाकर बोला: तुम चुदवाओगी उससे ? कहो तो बुला लेता हूँ।

सरला: शिवा को पूछ लो। वो अपनी सास को किसी और से चुदवाने को तय्यार है क्या?

राजीव: वो मान जाएगा। अनवर को भी तुमको चोदने में सविता को चोदने का मज़ा आएगा।

सरला: आप अभी भी सविता भाभी को भूल नहीं पाए हो ना?

राजीव: अरे उसे कैसे भूल सकता हूँ। उसके साथ कई यादें जो जुड़ी हैं । बहुत जल्दी चली गयी वो।

सरला: चलो उदास मत होईए । मुझे ही सविता समझ लीजिए।

राजीव उसको बाहों में लेकर चूमने लगा।

मुन्नी हैरान हो गयी कि अंकल उन सबको एक बाहर वाले से भी चुदवाने का प्लान बना रहे हैं। उसका दिमाग़ घूमने लगा था और चुत में चिटियाँ रेंगने लगीं थीं । वो अब अपने कमरे में चली गयी।

सरला भी उठकर मालिनी के पास आयी तो वो जाग गयी और बोली: हो गया मम्मी?

सरला: हाँ हो गया।

मालिनी: पापा ने पीछे भी किया?

सरला हँसकर: हाँ जैसे कहा था तीनों छेदों का मज़ा लिए। वैसे भी उनसे चुदवाए बहुत दिन हो गए थे । दोनों ने ख़ूब मज़ा किया।

फिर सरला ने मालिनी को राजीव का अनवर से चुदाई का प्लान बताया।

मालिनी: मम्मी आप परेशान मत होईए पापा जो भी करेंगे सबकी अच्छाई ही होगी उसमें। वो हम सबको बहुत प्यार करते हैं । इसलिए सब ठीक होगा। वैसे भी अच्छा ही होगा ना कि शिवा बेचारा तीन तीन जवानियों को कहाँ तक सम्भालेगा। अनवर से उसे मदद हो जाएगी। वो अपनी चूत सहलाते हुए बोली।

सरला सोच रही थी कि पारिवारिक चुदाई में बाहर वाले को शामिल करना क्या अक़्लमंदी होगी? देखते हैं शाम को शिवा इस मामले में क्या कहता है?

यही सब सोचते हुए उसकी आँख लग गयी।
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