बहू नगीना और ससुर कमीना

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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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सरला मुस्कुराई और बिस्तर पर आकर बैठ गयी। अब राजीव ने मुन्नी को गोद से उतारा और बग़ल में बिठा दिया। मुन्नी की सांसें तेज़ चल रही थी। राजीव ने उसका टॉप उतारा और ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियाँ दबाने लगा। उसका लौड़ा अब खड़ा होने लगा था। सरला ने उसे बड़े प्यार से पकड़ा और उसे मुठियाने लगी। फिर वो झुक कर उसके लौड़े को चूमने लगी। पूरी लम्बाई में चूमने के बाद वो उसके बड़े बड़े आंड भी चूम कर चाटने लगी। अब मुन्नी की झिझक भी कम होने लगी। वो अब राजीव के चुंबनों का जवाब देने लगी। राजीव के हाथ उसके ब्रा के अंदर जाकर उसके सख़्त अमरूदों का मज़ा ले रहे थे।

अब सरला बोली: लो मुन्नी अब तुम चूस लो।

मुन्नी अब बिना झिझके उठी और राजीव के पैरों के बीच आकर उसका लौड़ा हाथ में लेकर सहलाई और सरला की तरह ही उसे चूसने लगी। सरला ने उसकी ब्रा का हुक खोला और राजीव उसके सख़्त अमरूदों को दबाकर मस्ती से भर कर अपनी कमर उछालकर उसके मुँह को मानो चोदने लगा। सरला भी गरम हो कर राजीव के होंठ चूसने लगी। जल्दी ही राजीव एक हाथ से सरला के गाउन का ज़िपर नीचे किया और उसकी एक चूचि दबाने लगा और दूसरे हाथ से मुन्नी की चूचि बारी बारी से दबा रहा था।

मुन्नी अब ज़ोर ज़ोर से मुँह ऊपर नीचे करके उसका लौड़ा चूस रही थी। अब उसकी जीभ सुपाडे पर साथ ही घूम रही थी। अचानक राजीव आऽऽऽऽऽह करके अपना रस उसके मुँह में छोड़ने लगा जिसे वो मादक कमसिन पीते चली गयी। एक बूँद भी उसने नहीं छोड़ा और पूरा लौड़ा चाटकर साफ़ कर दी।

अब राजीव उसको लिटाया और उसके पाजामा को पैंटी के साथ उतार दिया। अब उसकी मासूम सी बुर को सरला को दिखाकर बोला: देखो क्या मस्त बुर है? ये ले लेगी शिवा का मूसल?

सरला ने उसकी बुर सहलाई और उसकी पूत्तियों को फैलायी और एक अंगुली डाल कर अंदर बाहर की। मुन्नी उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ कर उठी। सरला: हाँ ले लेगी शिवा का मूसल, पर पहली बार का दर्द तो बर्दाश्त करना ही पड़ेगा। जैसे हम सबने बर्दाश्त किया था।

अब राजीव ने उसका हाथ हटाया और झुककर उसकी बुर पूरी लम्बाई में चाटा और फिर दोनों पैर उठाकर फैलाया और उसकी फाँकों को भी अलग करके अपनी जीभ और होंठ उसकी बुर के गुलाबी छेद में डाला और उसकी बुर की मस्त चुसाई करने लगा। अब कमरे में मुन्नी की आहें गूँजने लगीं। सरला ने भी उसके सख़्त अमरूदों को दबाया और उसके निपल्ज़ को मसला और मुन्नी उइइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽ कर के अपनी गाँड़ उछालकर अपनी बुर को चूसवाने लगी। उसने राजीव का सिर पकड़ा और उसे अपनी बुर पर दबाने लगी। अब वो उंन्न्न्न्न्न उन्न्न्न्न्न करके झड़ने लगी। राजीव उसका फ़ौवारे का मज़ा लेने लगा और उसका पूरा पानी पी गया। अब मुन्नी लस्त होकर बिस्तर पर पड़ी थी। राजीव और सरला ने उसे चूमा और उसके नंगे बदन पर चादर डाल दिया और सरला बोली: चलो अब तुम सो जाओ। गुड नाइट । राजीव भी उसे प्यार करके सरला के साथ बाहर ड्रॉइंग रूम में आकर बोला: चलो चारु की चुदाई देखते हैं ।

सरला: आप बैठो मैं देखती हूँ क्या चल रहा है।बेचारे आपके आने से झिझक ना जाएँ।

राजीव वहाँ बैठते हुए हँसकर बोला: चलो ठीक है तुम देख आओ।

सरला वहाँ जाकर दरवाज़ा खोली —

उधर शिवा चारु को लेकर कमरे में पहुँचा और उसको बिस्तर पर लिटा दिया और ख़ुद भी बिस्तर पर आकर लेट गया। फिर उसे चूमते हुए बोला: यार चारु तुम तो मस्त खिलाड़ी निकली । मैं तो तुमको कुँवारी मान रहा था पर तुम तो पापा से चुदवा चुकी हो।

चारु शर्मा कर: वो क्या है ना पापा मुझे बहुत उत्तेजित कर देते थे तो जब वो मुझे चोदना चाहे तो मैं मना नहीं कर सकी। वैसे भी कोलेज में मेरी सभी सहेलियाँ चुदवा चुकी है। इसलिए मैंने भी सोचा कि मैं भी क्यों इस मज़े से वंचित रहूँ। और फिर ये तो घर की ही बात है। कोई बदनामी का भी डर नहीं है।

इस पर शिवा बोला: सच में तुम बहुत समझदार हो जो कि पापा से ही चुदवा ली। पापा तो मज़े से और धीरे से चोदें होंगे ना। बाहर वाला होता तो बिना तुम्हारे दर्द का ख़याल किए तुम्हारी बुर चीथड़े कर देता।

चारु: हाँ पापा ने बड़े आराम से किया और मुझे ज़्यादा दर्द नहीं हुआ। अब सिर्फ़ बातें ही करोगे प्यारे जीजू या कुछ मज़ा भी दोगे । वो उसके होंठ पर अपने होंठ रखकर बोली।

अब शिवा भी उसके होंठ चूसने लगा। दोनों जवानी की मस्ती में भीगने लगे। थोड़ी देर बाद शिवा उसके कपड़े निकालने लगा और चारु भी उसके कपड़े खोलने लगी। जल्दी ही दोनों नंगे हो गए और शिवा उसको मस्त चूचियों पर टूट पड़ा। वो मस्ती में भरकर मज़ा लेने लगी। जब शिवा के हाथ उसकी गाँड़ पर पहुँचे तो वो उनको दबाकर उसकी पिछवाड़े में एक ऊँगली डाला।

चारु चीहुंक उठी और उसके मुँह से निकल गया: आऽऽऽऽह आप तो बिलकुल शकील अंकल की तरह कर रहे हो।

शिवा चौंक और बोला: ये शकील अंकल वही ना जो टेलर है? क्या तुम उससे भी चुदवा चुकी हो?

चारु : आऽऽऽह हाँ । पापा ने उनकी पोती को चोदा था और अंकल ने मुझे। वो भी पीछे ऐसे ही ऊँगली कर रहे थे।

शिवा सोचा कि ये मैंने उनसे तो ही सीखा है क्योंकि जब मॉ को शकील अंकल चोदते थे तो ऐसे ही एक ऊँगली उनकी गाँड़ में डालते थे। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ उसे सब याद आ रहा था। वो छिप कर सब देखता था।

अब शिवा बोला: ओह ऐसा तो पापा ने और किस किस से चुदवा दिया तुमको?

चारु: और कोई नहीं बस पापा और शकील अंकल से ही करवाई हूँ।

अब शिवा उसकी चूचियाँ चूसने लगा और फिर उसके साथ ६९ की पोज़ीशन में आ गया। दोनों अब करवट लेकर एक दूसरे के सामने थे पर उलटे थे। शिवा ने चारु की एक टाँग उठायी और उसकी कोमल मस्त बुर को सूँघने लगा। फिर बोला: उफ़्फ़्फ क्या मस्त गंध है तुम्हारी बुर की। फिर वो नीचे जाकर उसकी गाँड़ के छेद को भी सूँघा और मस्ती में आकर उसकी भूरि गाँड़ के कुँवारे छेद को अपनी जीभ से चाटने और कुरेदने लगा। उसकी एक ऊँगली उसकी बुर के अंदर बाहर होने लगी थी। अब चारु भी मस्ती में आकर उसका लौड़ा चूसने और चाटने लगी। वो उसके आंड भी चूस रही थी। चारु के हाथ शिवा के चूतरों पर थे और वो उनको दबाकर अपने मुँह की ओर खींच रही थी मानो कह रही हो मेरे मुँह को ज़ोर से चोदो। शिवा की कमर हिलने लगी और चारु भी अपनी कमर हिलाकर मस्ती से अपनी बुर चटवाने लगी। शिवा उसकी बुर चाटकर मस्ती से भर गया और उसके लौड़े ने प्रीकम छोड़ना शुरू किया जिसे चारु मज़े से उसे चाटकर पी गयी।

अब शिवा से नहीं रुका गया और वो उठा और चारु की टाँगो के बीच में आकर उसकी बुर में ख़ूब सा थूक लगाया और अपने लौड़े पर भी थूक मला । फिर उसने अपना सुपाड़ा उसके बुर के छेद में फँसाया और एक हल्का सा धक्का मारा और अपना आधा लौड़ा उसकी तंग बुर में पेल दिया। चारु आऽऽऽऽऽहह कर उठी।

फिर से शिवा ने एक धक्का मारा और पूरा लौड़ा अंदर डालकर उसके ऊपर छा सा गया। अब उसके मस्त मम्मों को दबाकर वो उसे काफ़ी मस्त किया और फिर अपने लौड़े को हिलाकर उसे चोदने लगा। पलंग ज़ोर ज़ोर से चूँ चूँ कर रहा था और बुर से फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी।

तभी हल्का सा दरवाज़ा खुला और सरला अंदर झाँकी और उसे चारु पर सवार शिवा दिखाई दिया जो पूरी शिद्दत से उसे चोद रहा था। चारु ने सरला को देखा तो वह शर्मा कर मुँह फेर ली। सरला चुपचाप वापस आयी और आकर राजीव के पास बैठी और बोली: उफ़्फ़क मस्त पलंग तोड़ चुदाई चल रही है अंदर आपके कमरे में।

राजीव उसकी जाँघ सहलाकर बोला: अरे दोनों जवान है मज़ा तो लूटेंगे ही।

उधर चारु बोली: उइइइइइइइइ चाची आयीं थीं झाँक कर वापस चलीं गयीं हैं।

शिवा हाँफते हुए: ह्म्म्म्म हम्म यहीं रुक कर चुदाई देख लेती। ह्न्न्न्न्न्न्न ।

चारु: उन्नन उन्नन आऽऽऽऽह हाऽऽऽय्यय । मैं गयीइइइइइइइइइइ।

शिवा जल्दी जल्दी धक्के मारता हुआ बोला: मैं भीईईईईई।


अब दोनों शांत नंगे पड़े हुए साँस क़ाबू में कर रहे थे। चारु को अपनी बुर में शिवा का गीला मसाला बहुत अच्छा अहसास दे रहा था । वो बोली: उफ़्फ़्फ़्फ आप कितना माल डाल दिए हो अंदर? पापा का इतना नहीं निकालता।

शिवा : हाँ जवान आदमी का माल ज़्यादा होता है ना। पापा अब मेरे से २६ साल तो बड़े हैं ना। वैसे पापा पिल्ज़ तो दिए होंगे ना खाने के लिये वरना कहीं परेगनेंट ना हो जाओ।

चारु: हाँ दिए हैं और समझा दिया है कि कैसे खाना है।

फिर पता नहीं क्या हुआ शिवा को, कि वो ज़ोर से आवाज़ दिया: मम्मी ज़रा आइए ना।

चारु उठने लगी। तो वो उसे पकड़कर नीचे लिटा दिया।

अब सरला और राजीव अंदर आए और नंगेबदन लेटे हुए जोड़े को देखकर मुस्कुराए। चारु शर्मा रही थी पर शिवा बेशर्म सा अपना लम्बा लौड़ा एक तरफ़ को लटकाकर लेटा हुआ था। चारु ने अपनी जाँघें जोड़ ली थी।

शिवा: मम्मी चारु की बुर में मेरा माल पड़ा है उसे साफ़ कर दीजिए ना प्लीज़।

सरला मुस्कुराई और आकर चारु की जाँघें फैलायीं और उसके बीच बुर से बाहर आते हुए शिवा के वीर्य को देखकर बोली: आऽऽऽऽह क्या माल गिराया है बेटा तुमने? वो हाथ बढ़ाकर ऊँगली से उसका माल छुई और ऊँगली को मुँह में लेकर बोली: उम्म्म्म्म्म मस्त है।

फिर वो झुकी और उसकी बुर चाटने लगी । वो जीभ निकालकर एक एक बूँद चाट ली।

राजीव पास ही खड़ा सरला की हरकत को देख रहा था। जैसे ही चारु की बुर साफ़ करके सरला उठी वो बोला: अरे और शिवा का ये गीला लौड़ा कौन साफ़ करेगा?

सरला भी मुस्कुराई और अब खिसक कर शिवा के टांगों के पास आकर उसका नरम लौड़ा चाट कर साफ़ करने लगी और उसमें लगा रस साफ़ कर दी। फिर चटकारा लेकर बोली: म्म्म्म्म्म मस्त मज़ा आ गया। बड़ा स्वाद रस है तुम्हारा बेटा।

अब चारु उठकर बाथरूम को भागी और शिवा ने सरला को अपने ऊपर खिंचा और उसके होंठ चूसने लगा। राजीव अभी भी बिस्तर के पास खड़ा मुस्कुरा रहा था। वो हाथ बढ़ाकर सरला की मोटी गाँड़ दबा दिया। तभी चारु बाहर आइ और अपने कपड़े की तरफ़ हाथ बधाई। राजीव उसे पकड़ लिया और बोला: बेटी अभी से कपड़े पहन रही हो। तो इसका क्या होगा? वो अपनी लूँगी निकाल कर अपना लौड़ा हिलाकर बोला। फिर वो उसे अपने पास खींचा और उसका हाथ अपने लौड़े पर रख दिया। कमसिन जवानी गरम लौड़े को छूते ही मस्त होने लगी। राजीव बोला: शिवा ज़रा खिसक ना। मैं भी चारु की लूँगा अभी।

शिवा हँसकर सरला के साथ लिपटा हुआ दो बार करवट लेकर बिस्तर के दूसरे कोने में चला गया और राजीव चारु को लेकर बिस्तर पर आ गया।

अब बिचारा पलंग दो दो जोड़ों की चुदाई झेलने वाला था। ———
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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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Ankit wrote: 04 Nov 2017 12:00Superb update
Rohit Kapoor wrote: 06 Nov 2017 13:29 superb.......
sunita123 wrote: 09 Nov 2017 12:07 bahto jabradast update diya hai sach me bahot maja aay apdhne me

Thanks Dear for your comments
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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

राजीव चारु को अपने से लिपटा कर बोला: मज़ा आया अपने जीजू से चुदवा कर?

चारु उसके सीने में सिर छिपा कर: जी अंकल बहुत मज़ा आया। उफ़्फ़्फ़्फ जीजू तो बहुत हॉट हैं।

राजीव: आख़िर बेटा किसका है? वो उसके होंठ चूसते हुए बोला।

चारु भी अपना हाथ उसके जाँघों के ऊपर छू रहे उसके आधे खड़े लौड़े पर रखी और उसे हल्के से दबाने लगी।

राजीव भी उसके होंठ चूसते हुए उसके गले और कंधे पर लव बाइट देने लगा। नीचे आते हुए उसकी मस्त चूचियों को दबाने और चूसने लगा। चारु अब उसके लौड़े को मुठियाने लगी और वो उसके हाथ में अपना आकार बढ़ाने लगा।

उधर शिवा भी सरला को अपने से चिपटाए हुए पड़ा था और दोनों के होंठ एक दूसरे से जुड़े थे। सरला करवट लेकर लेटी थी और उसकी मोटी गाँड़ राजीव को दिख रही थी। शिवा के हाथ उसके पीठ से होते हुए उसकी मस्त उभरे गाँड़ पर आ गए और वो उनको दबाकर मस्ती से भर कर बोला: मम्मी आपके जैसे मस्त गाँड़ मैंने कभी नहीं देखा।

राजीव हँसकर: वैसे तेरी माँ की गाँड़ भी ऐसी ही मस्त थी बेटा। बहुत मज़ा आता था उसे दबाने और चोदने में।

शिवा सोचा कि हाँ माँ की भी गाँड़ बिलकुल ऐसी ही मस्त गोरी और बड़ी बड़ी थीं। उफ़्फ़्फ कितनी बार देखा था उनको संदीप अंकल से और ड्राइवर अनवर

(( यहाँ एक परिवर्तन कर रहा हूँ क्योंकि मुझे एक सलाह दी गयी है कि ड्राइवर का नाम अनवर की जगह नीरज होना चाहिए मैं इस सलाह को मान लिया हूँ और यह परिवर्तन किया हूँ ))

से चुदवाते हुए। वो दोनों तो उनकी गाँड़ भी मारते थे। वो माँ की गाँड़ का सोचकर पूरा उत्तेजित हो गया और सरला ने नीचे हाथ ले जाकर अपने दामाद का लौड़ा पकड़ा और सहलाने लगी। वो भी अब उसकी चूचियाँ चूसकर उसे मस्त करने लगा। जल्दी ही सरला की आऽऽह गूँजने लगी।

उधर चारु भी अपनी चूचियों और निपल्ज़ के मर्दन और चुशन से मस्त होकर हाऽऽय्य करने लगी। अब वो करवट में लेटी हुई अपनी एक टाँग उठाकर राजीव की कमर पर रख दी। राजीव समझ गया कि वो क्या चाहती है। वो अपना हाथ नीचे ले गया और उसकी बुर सहलाकर अपनी २ उँगलियाँ अंदर डाल कर उसकी बुर की गरमी से मस्त होकर उनको अंदर बाहर करने लगा। अब चारु खुलके आऽऽऽऽह करने लगी। राजीव का खड़ा लौड़ा उसके हाथ में अब पूरा तन चुका था। वो मोटे सुपाडे पर अंगुली फिराकर मस्त होकर बोली: आऽऽऽऽऽह अंकल अब करिए ना प्लीज़।

राजीव: क्या करूँ मेरी बिटिया रानी?

चारु : हाऽऽऽऽय्य अंकल आप बहुत गंदे हैं उन्ननन चोदिए ना प्लीज़ ।

तभी राजीव ने देखा कि सरला अपनी मोटी गाँड़ हिला रही थी। वो समझ गया कि शिवा ने भी उसकी बुर उँगलियों से चोदना शुरू किया होगा।

शिवा: मम्मी आपको डोग्गी पोज़ीशन में चोदना है।

सरला हँसी: ठीक है जैसे चोदना हो चोद लो बेटा पर जल्दी करो बहुत गरम हो गयी हूँ ।

शिवा: मम्मी क्या गरम हो गयी है?

सरला: बदमाश मेरी बुर बहुत गरम हो गयी है। बस अब चल उसे ठंडी कर इस मूसल से । वो उसके लौड़े को दबाकर बोली।

अब शिवा उससे अलग हुआ और उसको पीठ के बल लिटाकर उसकी छाती पर अपने दोनों पैर फैलाकर उकड़ूँ बैठा और अपना लौड़ा उसके मुँह के सामने करके सुपाडे को उसके होंठों पर फिराने लगा। सरला भी किसी प्यासे की तरह अपना मुँह खोल दी और जीभ निकालकर उसके सुपाडे को चाटने और होंठों से चूसने लगी। अब शिवा ने अपना लौड़ा उसके मुँह में डाला और मानो उसके मुँह को चोदने लगा। सरला भी अपने गालों को सिकोड़ कर उसे मस्ती से चूसने लगी। जल्दी ही वो उसे डीप थ्रोट भी देने लगी। साथ ही वो उसके आंड भी सहलाने लगी। शिवा को लगा कि अब उसका निकल ना जाए तो वह अपना लौड़ा निकाल कर पीछे हो गया।

शिवा: मम्मी पेट के बल लेटिए ना और अपनी गाँड़ उठा दीजिए।

सरला: बेटा दो तकिए रख दे मेरे पेट के नीचे ।

शिवा ने तकिए रखे और सरला अपनी गाँड़ उठाकर लेट गयी। शिवा उसके पीछे आया और बोला: उफ़्फ़्फ मम्मी क्या मस्त गाँड़ और चूत है आपकी? म्म्म्म्म्म्म। वो वहाँ गाँड़ की दरार में पूरी लम्बाई में हाथ फेरा और गाँड़ के छेद और चूत के अहसास को पाकर मस्ती में आकर बोला: मम्मी अभी तो मैं आपकी चूत और गाँड़ चाटूँगा। चुदाई तो इसके बाद ही होगी।

सरला भी मस्ती से अपनी गाँड़ हिलाकर बोली: ठीक है बेटा जो करना है करो।

शिवा झुका और उसकी गाँड़ के मोटे मांसल हिस्से को दबाकर दाँत से काटने लगा। सरला आऽऽऽऽऽऽऽह कर उठी। अब वो उसके गाँड़ की दरार में अपना मुँह डाला और उसके भूरे से सिकुड़े से छेद को चाटने लगा और अपनी उँगलिया उसकी चूत पर चलाने लगा। अब सरला उइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽ कर उठी। जल्दी ही उसकी जीभ सरला के पूरे दरार में लम्बाई में चलने लगी और सरला मस्ती से अपनी गाँड़ हिलाने लगी। अब उसकी तीन उँगलियाँ उसकी चूत की गहरायियाँ नाप रहीं थीं और सरला की मस्ती का ठिकाना नहीं था।

राजीव सरला की उठी हुई गाँड़ देखकर चारु से बोला: बेटी इस पोज में तुम भी चुदवाओ ना, मज़ा आएगा।

चारु ने शिवा का मुँह सरला की गाँड़ में देखा और सरला की मस्ती देखी तो बोली: आऽऽऽह अंकल ठीक है आप भी ऐसा ही करो।

अब वो भी ऐसे ही पेट के बल लेट गयी और अपनी गाँड़ ऊपर उठा ली। अब राजीव भी उसके पीछे आकर उसकी गाँड़ के छोटे से छेद को देखकर मस्ती से वहाँ ऊँगली लाकर सहलाया और बोला: उफ़्फ़्फ़्फ बिटिया क्या रेशमी गाँड़ है तुम्हारी। बहुत मज़ा आएगा तुम्हारी गाँड़ मारने में। फिर वो नीचे उँगलियाँ ले जाकर उसकी बुर को मूठ्ठी में दबाकर मस्ती से भरकर उसकी गाँड़ को चाटने लगा और जल्दी ही वो भी पूरी लम्बाई में उसकी गाँड़ और चूत चाटकर मस्त कमसिन जवानी को मज़े देने लगा। चारु भी अब आऽऽऽऽऽऽहह उइइइइइइइइ करने लगी। वो अपनी चाची को देखी जो अपने दामाद से मज़े कर रही थी। उसने देखा कि अब शिवा ने अपना मोटा लौड़ा अपनी सास की चूत की गहराई में पेल दिया था और उसे बुरी तरह चोदने लगा था। चुदाई से पूरा पलंग हिले जा रहा था । सरला की उन्ननन उन्ननन गूँज रही थी। तभी उसने महसूस किया कि अंकल ने अपना मुँह उसकी गाँड़ की दरार से हटा लिया है और फिर उसे उनके गरम सुपाडे का अहसास अपनी चूत के छेद पर हुआ। जल्दी ही अंकल ने अपना सुपाड़ा उसके छेद के अंदर किया और दबाकर एक धक्के में आधा लौड़ा अंदर कर के चारु की आऽऽऽऽऽहह निकाल दिए। फिर दूसरा धक्का और पूरा लौड़ा अंदर । वो उइइइइइइइइ कहकर अपनी गाँड़ पीछे की ताकि एक एक इंच लौड़ा उसकी बुर में चले जाए और उसकी मस्ती को और ऊँचाइयों पर ले जाए। अब राजीव ने भी अपनी चुदाई शुरू की।

अब पलंग का बुरा हाल था । दोनों चाची भतीजी मज़े से बाप बेटे से गाँड़ हिला हिला कर चुदवा रहीं थीं। कमरा बहुत गरम हो गया था। थप्प ठप्प की आवाज़ें निकल रहीं थी जो उनके मोटी गाँड़ और जाँघों के टकराने से आ रहीं थीं। साथ ही चूत से फ़च फ़च की आवाज़ भी आए जा रही थी।

सरला आऽऽऽऽऽह करके अपने निप्पल्स मसल रही थी। और राजीव अपने दोनों हाथों में लेकर चारु की चूचियाँ मसल रहा था और पीछे से धक्के भी मारे जा रहा था।

राजीव: शिवा सरला की चूचियाँ मसल यार। देख बिचारि ख़ुद ही दबा रही है अपनी चूचियाँ ।

शिवा ने अपने पापा को देखा कि वो चारु की चूचियाँ मसल रहे थे सो वो भी मुस्कुरा कर अपना हाथ नीचे ले गया और सरला की नीचे की ओर झूल रहीं मोटी चूचियाँ दबाने लग।

अब सरला और चारु की सिसकारियाँ गूँजने लगीं।
सरला: उइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽ और चोओओओओओओदो फाऽऽऽऽऽऽड़ दोओओओओओओओ आऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽह बेटाआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽऽऽहह मैं गयीइइइइइइइइइइ
उधर चारु भी चिल्लाई: आऽऽऽऽऽऽऽह अंकल और जोओओओओओओर से करोओओओओओओओओ नाआऽऽऽऽऽऽ उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मैं गयीइइइइइइइइइ।

जब दोनों चाची भतीजी झड़ रहीं थीं तब कमरे का दरवाज़ा खुला और मालिनी अंदर आयी। वो देखी की कैसे उसका पति और उसका ससुर उसकी माँ और उसकी कज़िन को चोद रहे हैं । वो बोली: उफ़्फ़्फ़्फ आप लोग थोड़ा कम आवाज़ नहीं कर सकते। मैं गुड़िया को दूध पिलाने उठी और आप लोगों का शोर सुन कर यहाँ आ गयी।

तभी राजीव ने अपना पानी उसकी बुर में छोड़ा और चारु के बग़ल में लुढ़क कर कहा: आऽऽऽऽऽह मज़ा आ गया बिटिया क्या मस्त टाइट चूत है तुम्हारी।

मालिनी ने देखा कि चारु अब भी अपने पेट के बल ही थी। और उसकी चूत से सफ़ेद रस बाहर आ कर गिर रहा था।

अब वो शिवा को देखी और वहाँ सरला भी झड़कर अपने पेट के बल ही गिरी हुई थी और तभी शिवा ने अपना पूरा खड़ा गीला लौड़ा बाहर निकाला उसकी चूत से और मालिनी से बोला: आऽऽऽऽऽह जानू ज़रा उस ड्रॉर से लूब की शीशी निकाल कर देना। वो अपना लौड़ा सरला की गाँड़ के छेद पर रख कर उसे दबाकर अपनी मंशा ज़ाहिर कर दिया।

मालिनी लूब निकाल कर उसको देती हुई बोली: मम्मी अगर आप थक गयी हो तो बोल दो , शिवा आपकी गाँड़ नहीं मारेगा ।

तब तक शिवा ने अपनी दो उँगलियों में लूब लगा कर सरला के पिछवाड़े में घुसेड़ दिया और उनको धीरे से अंदर बाहर करने सरला को मस्त करने लगा।

सरला मालिनी से बोली: आऽऽऽऽह बेटी अब तू तो अभी इसे कुछ दे नहीं सकती तो मुझे और चारु को ही तेरे पति का ख़याल रखना है अभी। आऽऽऽऽऽह करने दे उसे अपने मन की। हाऽऽऽऽऽय्यय मार ले बेटा मेरी गाँड़ भी। उइइइइइइ । वो अपनी गाँड़ हिलाकर बोली जिसमें शिवा की दो उँगलियाँ अब आराम से अंदर बाहर हो रहीं थीं। अब शिवा ने अपने लौड़े पर भी लूब लगाया और ट्यूब का मुँह उसके गाँड़ के छेद पर रखकर लूब उसके छेद में भी डाला और अब अपना सुपाड़ा उसके छेद में रखकर दबाने लगा। ज़रा से विरोध के बाद छेद का मुँह खुल गया और लौड़ा अंदर समाता चला गया।
सरला: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ कितना मोटा है तेरा आऽऽऽऽऽऽह बेटाआऽऽऽऽऽऽऽ ।आऽऽऽऽऽऽऽज्ज फटेगी मेरी गाँड़ उईईईईओओओओओओओ ।

अब शिवा उसकी गाँड़ को पूरे मज़े से चोदेने लगा। सरला की सिसकारियाँ फिर से गूँजने लगीं और पलंग फिर से चूँ चूँ करने लगा। चारु मालिनी और राजीव मज़े से सरला को शिवा से गाँड़ फडवाते हुए देख रहे थे। मालिनी का भी हाथ मैक्सी के ऊपर से ही अपने बुर के ऊपर चला गया। वो वहाँ हल्के से दबा उठी।

राजीव का हाथ अब चारु की गाँड़ को सहलाने लगा और एक ऊँगली में थूक लगाकर उसके पिछवाड़े के छेद में डालने लगा। चारु उइइइइइ कह कर बोली: आऽऽऽऽह अंकल दुखता है ना।

मालिनी मुस्कुरा कर बोली: चारु जल्दी ये दोनों तेरी गाँड़ भी मारेंगे । अभी से तय्यार हो जा। ये लो पापा अपनी ऊँगली में लूब लगा लो और फिर ऊँगली डालो। राजीव ने लूब लिया और एक ऊँगली में लगाकर चारु के पिछवाड़े में डाला और अब हिलाने लगा।
चारु : आऽऽऽह अंकल म्म्म्म्म्म्म।
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