बहू नगीना और ससुर कमीना

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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

rakshu143 wrote: 21 Jul 2017 10:34 बहुत बढिया लाजवाब कहानी भाई जारी रखो
thanks bro
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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

अगली सुबह गुरुजी का फ़ोन आ गया कि मैं बाथरूम में गिर गया हूँ और पैर की हड्डी टूट गयी है इसलिए अब ट्रेनिंग नहीं हो पाएगी।
राजीव चारु को ये बात बताने के लिए उसके कमरे में गया और वहाँ वो मोबाइल पर कुछ देख रही थी। वो जाकर बिस्तर पर उसके पास बैठ गया। अभी चारु नायटी ही में थी। वो उसे गुरुजी वाली बात बताया। ये सुनकर चारु उदास हो गयी। तब राजीव उसकी बाँह सहलाकर बोला: बेटी मेरी करन से बात हो गयी है । वो बोला है कि कोलेज खुलने के दस दिन बाद ही तुम्हारा एक स्टेज परफ़ॉरमेंस करा देगा।

चारु का रंग फिर से खिल गया, वो बोली: सच अंकल, फिर कोई बात नहीं। वैसे भी मुझे सब पहले से ही आता है। मैं घर में ही प्रैक्टिस कर लूँगी।

राजीव उसके पैर सहला कर बोला: बेटी जब तुम इनको हिलाकर नाचती हो तो बहुत अच्छा लगता है।

चारु: थैंक यू अंकल। उसे अंकल का खुरदरा हाथ अपनी चिकनी टाँग पर भला लग रहा था।

राजीव: बेटी आज करन के यहाँ चलें क्या? उसके साथ आगे का प्रोग्राम बनाते हैं।

चारु उत्साह से: हाँ चलिए ना प्लीज़।

राजीव उसके पैर को आख़री बार सहलाते हुए बोला: ठीक है बेटी । मैं बताता हूँ।

बाहर आकर राजीव अपने कमरे में आया और करन को फ़ोन लगाया। उसने गुरुजी वाली बात बताई और बोला: यार ये अब गरम होने लगी है। मेरी फ़ोटो और तुम्हारे sms अपना काम कर रहे हैं। अब आज मैं इसको लाता हूँ तेरे घर। तू इसको और गरम करना और मैं तेरी बहू का ध्यान रखूँगा। क्या कहता है यार?

करन: देख यार जहाँ तक चारु का सवाल है मैं उसे सम्भाल लूँगा और रही बात मेरी बहू कि तो वो तुझे ख़ुद ही पटानी होगी।

राजीव: ठीक है तो हम ११ बजे तक आते हैं। बाई।

राजीव ने नाश्ता करते हुए चारु से कहा: बेटी ११ बजे चलना है करन के यहाँ।

शिवा: पापा आप तो इसको बड़ी कलाकार बना कर हो मानोगे।

मुन्नी: अंकल मैं भी चलूँ आप दोनों के साथ?

राजीव के लंड ने झटका मारा, पर इसके पहले वो कुछ बोलता चारु बोली: तू वहाँ बोर हो जाएगी। हम तो काम की बातें करेंगे। वो सोची कि शायद आज करन अंकल उसके साथ कुछ मज़ा करेंगे। मुन्नी अगर वहाँ हुई तो बात नहीं बन पाएगी। आख़िर सेक्सी फ़ोटो और मेसजेज़ का असर तो हो रहा था उसकी खिलती जवानी पर।

मालिनी: मुन्नी तुम उदास नहीं हो । हम कोई अच्छी सी मूवी देखेंगे। ठीक है? मुन्नी ने हाँ में सिर हिला दिया।

समय पर राजीव एक तंग जींस और टी शर्ट और स्पोर्ट्स शू पहन कर बाहर आया तो मालिनी बोली: पापा आज तो आप मस्त माल दिख रहे हो। जी करता है आपको खा जाऊँ।

राजीव हँसकर मालिनी के गाल चूमा और उसकी गाँड़ दबाकर बोला: बस अब जल्दी से तुम माँ बनो और वापस से चुदवाना शुरू करो। ये उपवास बड़ा मुश्किल है झेलना।

तभी चारु बाहर आयी और राजीव अलग होकर उसे देखा। वो एक मस्त टाइट टॉप पहनी थी और स्कर्ट भी घुटनो से बहुत ऊपर थी। उफफ क्या मस्त जवानी थी उसकी । पता नहीं मालिनी को क्यों लगा कि ये लड़की ज़्यादा दिन नहीं बचेगी इस शिकारी से जो उसका ससुर है।

ख़ैर राजीव और चारु घर से निकले और राजीव उसके पीछे चलता हुआ उसकी गाँड़ से चिपकी पैंटी की लकीरें देख रहा था। वो उसकी छोटी गोल गोल गाँड़ देखकर सोच रहा था कि जल्दी ही उसके हाथ इन नंगी गोलाइयों पर होगा। उसका लंड ये सोचकर अकड़ने लगा। थोड़ी दूर पर एक ऑटो वाला आकर रुका। उसमें पहने से एक मोटी महिला बैठी थी। और कोई ऑटो ना देखकर वो दोनों मजबूरन उसी में बैठे। चारु उस महिला के बग़ल में जा बैठी और राजीव किनारे में चारु के साथ बैठा। जगह कम होने के कारण चारु को अपनी एक गाँड़ राजीव की जाँघ पर रखनी पड़ी। राजीव ने भी भरपूर फ़ायदा उठाया। जब भी ऑटो स्पीड ब्रेकर पर उछलता वह चारु को कमर से लपेट लेता और उसके गोरे नंगे पेट को सहला देता। वह उसके नरम बदन के अहसास से भी मस्ती से भर गया था।

जब वो करन के घर पहुँचे तो करन ने उनका स्वागत किया। करन राजीव के गले मिला और चारु को भी अपने पास खींचकर उसके गाल चूम कर उसे प्यार किया मानो वो एक जवान लड़की नहीं बल्कि छोटी सी बच्ची हो।

जब ये बैठ गए तब करन की बहु आयी और आकर राजीव को नमस्ते की और चारु को हेलो कहकर उसके पास उसका हाथ पकड़कर बैठ गयी।

राजीव ने देखा कि निलू ने क़ुर्ती और लेग्गिंग पहनी हुई थी। उसके बड़े कुल्हे मस्त दिखाई दे रहे थे। चूचियाँ भी टाइट क़ुर्ती में फँसी हुई सी बहुत बड़ी नज़र आ रही थी। अब वो कई लंड खाकर भारी बदन की हो चुकी थी। २१ साल की छोटी सी उम्र में ही। राजीव को करन के द्वारा बतायी हुई सब बातें याद थी कि कैसे वो कई मर्दों और करन के साथ भी मज़ा करती है।

तभी एक नौकर चाय लाया। राजीव ने देखा कि उसकी उम्र क़रीब ४०/४२ साल की थी। काफ़ी तगड़ा आदमी था। उसका नाम रामू था। राजीव सोचने लगा कि पिछली बार जब मैं यहाँ आया था तो ये नहीं था आज अचानक कहाँ से आ गया।

तभी करन बोला: यार ये रामू है। कल ही वापस आया है छुट्टी से ।हमारा बहुत ही पुराना नौकर है।

राजीव उसको देखकर मुस्कुरा दिया। वो सोचा कि कहीं बहू या करन की पत्नी से इसका कोई चक्कर तो नहीं है।

तभी अंदर से करन की पत्नी आयी और सबसे मिली। वो एक धार्मिक महिला सी थी और थोड़ी देर बातें करके वो मंदिर चली गयी अपने गुरुजी के दर्शन करने।

अब चारु बोली: अंकल वो आप बोल रहे थे ना कि स्टेज परफ़ॉरमेंस के बारे में बताएँगे ?

राजीव: अरे वो बाद में बात करेंगे। ये शतरंज कौन खेलता है?

करन: मैं और बहू खेलते हैं।

राजीव: निलू बेटी चलो हमारे साथ भी दो दो हाथ आज़मा लो।

निलू ख़ुशी से : हाँ जी चलिए खेलते हैं।

करन: अच्छा मैं ऐसा करता हूँ कि चारु को कोलेज ले जाकर स्टेज वगेरह दिखा देता हूँ। तब तक तुम दोनों खेलो। हम वापस आते हैं थोड़ी देर में। ठीक है निलू?

निलू: जी पापा ठीक है।

चारु और करन बाहर चले गए। राजीव और निलू आमने सामने बैठे और शतरंज का खेल शुरू हुआ। राजीव ने देखा कि रामू बार बार वहाँ के चक्कर मार रहा था।

थोड़ी देर बाद राजीव ने निलू को ताड़ना चालू किया। कभी उसकी क़ुर्ती से झांकती उसकी क्लीवेज़ तो कभी उसकी मस्त मोटी जाँघ और जब वो अपनी टाँग हिलाती तो उसकी गाँड़ का एक हिस्सा भी उसे दिख जाता था। तभी निलू ने राजीव का हाथी मारा और बोली: अंकल आप मुझे घूरना छोड़कर खेल में ध्यान लगाइए वरना हार जाएँगे।

राजीव बेशर्मी से: अरे बेटी हार भी गया तो क्या हुआ ? आख़िर तुम जैसी ख़ूबसूरत लड़की से कौन जीतना चाहेगा।

निलू हँसकर: वाह अंकल क्या कहने आपके?मेरी ख़ूबसूरती का इससे क्या लेना देना?

राजीव: बेटी अगर तुम्हारे जैसी कोई सुंदरी सामने बैठी हो तो कोई क्या ध्यान लगा पाएगा। पता नहीं तुम्हारे ससुर बेचारे का क्या हाल होता होगा?

निलू चौंकी और बोली: मतलब ?

राजीव: अरे बेटी तुम्हारे जैसी परी सी लड़की जब दिन भर आँखों के सामने हो तो बेचारे इंद्र देव का भी मन डोल जाएगा करन का किस खेत की मूली है। वह तो तुम पर लट्टू हो ही चुका होगा।

निलू: क्या अंकल वो मेरे ससुर हैं आप कुछ भी बोल रहे हैं।

राजीव: बेटी मेरे घर में भी तुम्हारी जैसे एक प्यारी सी बहू है । मैं तो उसको बहुत प्यार करता हूँ। सच पूछो तो मेरे बेटे से भी ज़्यादा।

निलू चौकी: प्यार मतलब स्नेह ना?

राजीव: स्नेह तो करता ही हूँ पर प्यार भी करता हूँ। वैसा जैसा मर्द और औरत करते हैं ।

निलू: आपका मतलब है कि- मेरा मतलब है यानी कि –

राजीव: हाँ बेटी हम सेक्स करते हैं। फिर धीरे से बोला: वैसे ही जैसा तुम और करन करते हो।

निलू का चेहरा सफ़ेद हो गया। वो हकला कर बोली: आप क्या क्या कह रहे हैं।

राजीव: अरे बेटी ये बात सिर्फ़ मेरे तक ही रहेगी। वो कुछ दिन पहले करन को ज़्यादा चढ़ गयी थी तब वो नशे में मुझे तुम्हारे और अपने बेटे के बारे में सब बता गया। घबराओ मत ये राज मेरे तक ही रहेगा।

अब निलू शर्मा कर नीचे देखने लगी। राजीव उठ कर उसके पीछे आकर खड़ा हुआ और बोला: बेटी हम दोनों एक ही नाव पर सवार हैं ।तुम अपने ससुर से मज़े कर रही हो और मैं अपनी बहू से । वह झुका और उसके कंधे सहलाकर बोला: और बेटी ये रामू भी तो तुमको मज़े दे ही रहा है। इस बार राजीव ने अंधेरे में तीर चलाया था।

शायद तीर निशाने पर लगा क्योंकि निलू चौंकी और बोली: क्या क्या मतलब ? पापा ने ऐसा कहा?

राजीव झूठ बोला: हाँ और क्या? क्या तुम सोचती हो कि तुम रामू से चुदवाओगी और तुम्हारे ससुर को इसका पता नहीं चलेगा? वो जानबूझकर ऐसा दिखा रहा है कि वो अनजान है। वो अब उसके कंधे सहलाकर मस्त हो रहा था। वो बैठी हुई निलू के पीछे अब भी खड़ा था।

निलू: ओह । वो सोची कि अंकल तो अब खुल कर गंदे शब्द भी बोलने लगे। वैसे उसे शुरू से ही राजीव की क़द काठी पसंद थी और आज तो वो वैसे भी छैला बनकर आया था। वो कुछ सोचकर मुस्करायी और बोली: अंकल आपका क्या इरादा है?

राजीव ने हाथ नीचे लेज़ाकर उसकी चूचियों पर रखा और बोला: बेटी बस आज तो तुमको जी भर के चोदना है।

निलू हँसी: उधर चारु के साथ पापा क्या कर रहे होंगे?

राजीव हँसकर : सही कहा तुमने । वो भी उसके साथ मज़ा ले रहा होगा। वो अब उसके कंधे चूमता हुआ उसकी चूचियाँ दबाकर बोला: बेटी तुम्हारी चूचियाँ तो इस छोटी सी उम्र में ही मस्त गदरा गयी है । उफफफफ क्या माल हो तुम।

निलू: आऽऽऽऽह्हा अंकल धीरे से दबाओ ना दुखता है। चारु की अभी तो बहुत छोटी है ना अंकल । उसको भी आप कर लिए हो क्या?

राजीव: नहीं बेटी अभी कुँवारी है। पर ज़ायदा दिन नहीं रहेगी। चलो ना बेडरूम में चलते हैं। हमारे पास एक घंटा से ज़्यादा समय नहीं है।

वो हँसते हुए उठी और बोली: शायद पापा आज ही उसकी कुँवारी जवानी को फाड़ देंगे।

राजीव उसकी गाँड़ सहला कर: नहीं आज वो उसे सिर्फ़ गरम करेगा। उसकी पहली चुदाई मेरे द्वारा ही होगी।
अब वो दोनों बेडरूम की ओर चल पड़े। रामू कहीं दिखाई नहीं दिया।

उधर चारु को अपनी कार में बिठाकर करन कोलेज के लिए निकला। कार में बैठी चारु की स्कर्ट थोड़ा ऊपर उठ गयी थी। करन उसकी एक नरम गदराई जाँघ को सहलाकर बोला: आऽऽऽऽह बेटी क्या चिकनी जाँघ है तुम्हारी। और हाँ मैं तुमको धन्यवाद देना चाहता हूँ।

चारु: वो किस लिए अंकल?

करन: बेटी वो इसलिए कि तुमने मेरी एक रिक्वेस्ट मान ली थी।

चारु: कैसी रिक्वेस्ट?

करन उसकी बुर की तरफ़ ऊँगली करके बोला: वहाँ की सफ़ाई करने की। तुमने बताया था ना कि बाल साफ़ कर लिए थे।

चारु के गाल लाल हो गए वो बोली: छी अंकल आप भी बहुत गंदे हैं।
करन हे हे कहकर हँसने लगा।

कोलेज में कोई ज़्यादा लोग नहीं थे अभी खुला जो नहीं था। वो उसको लेकर ऑडिटॉरीयम में गया। छोटे शहर की लड़की इतना भव्य स्टेज और ऑडिटॉरीयम देखकर चकित रह गयी। वह उसकी पीठ सहलाते हुए उसकी ब्रा के स्ट्रैप पर हाथ फिरा कर बोला: देखो बेटी इस स्टेज में तुम नाचोगी और यहाँ मौजूद सैकड़ों लोग तुम्हारे लिए तालियाँ बजाएँगे। यह कहते हुए वह अपना हाथ उसकी पीठ से खिसका कर उसकी गाँड़ की गोलाइयों पर ले गया और उनको मस्ती से दबाने लगा। चारु तो कल्पना की दुनिया में चली गयी थी जहाँ सब उसका नृत्य देखकर तालियाँ बजा रहे हैं। जब उसे ध्यान आया कि अंकल उसकी गाँड़ सहला रहे है , तो वो बोली: उफफफ अंकल क्या कर रहे हैं? कोई देख लेगा।

करन उसके गाल चूमा और बोला: बेटी यहाँ कोई नहीं है देखने वाला। चलो अब ऑफ़िस चलते हैं।

वो दोनों ऑफ़िस पहुँचे और उसने चाय मँगाई। चाय पीते हुए वो उसकी सुंदरता की तारीफ़ करता रहा। चारु को बहुत शर्म आ रही थी।

करन ने देखा कि बात आगे नहीं बढ़ रही है तो उसने राजीव को एक मेसिज भेजा कि वो उसे मिस्ड कॉल दे ।

थोड़ी देर बाद उसके फ़ोन की घंटी बजी। वो बोला: हाय हाँ हाँ बोलो।

राजीव फ़ोन काट चुका था और वो नाटक करते हुए बोला: हाँ हाँ समझ गया। पर क्या स्टेज ४ महीने के लिए बंद हो जाएगा। ओह चलो मैं सोचता हूँ। कहकर उसने फ़ोन बंद करने का नाटक किया।

चारु: अंकल क्या हुआ?

करन: बेटी वो कह रहे हैं कि ऑडिटॉरीयम तीन चार महीने के लिए मरम्मत में जाएगा। इसका मतलब है कि तुम्हारा प्रोग्राम अभी नहीं हो सकेगा।

चारु: ओह अंकल प्लीज़ कुछ करिए ना। आप इसको कुछ दिन के लिए टाल दीजिए ताकि मेरा प्रोग्राम हो जाए।

करन: हाँ कोशिश तो कर ही सकता हूँ पर मुझे क्या फ़ायदा होगा? तुम तो मुझे प्यार करने ही नहीं देती।

चारु आकर उसके सामने खड़ी हो गयी और बोली: मैंने आपको कब मना किया है प्यार करने को।

अब करन ने हाथ बढ़ाया और चारु को अपनी गोद में खींच लिया और उसे ज़ोर से गाल में प्यार किया और बोला: जाओ दरवाज़ा बंद करके आओ। फिर प्यार करते हैं।

चारु जाकर दरवाज़ा बंद की और आकर ख़ुद से उसकी गोद में बैठ गयी। अब करन मस्ती से भरकर उसके गाल चूमा और फिर उसके होंठ चूसने लगा। चारु को अब अपनी गाँड़ के नीचे कुछ सख़्त सा चुभने लगा। वो भी अब मस्तियाने लगी और तभी करन ने उसकी एक चूचि हल्के से सहलाई। चारु उफ़्फ़्फ़क कर उठी और बोली: अंकल किसी को फ़ोन करके आउडी की मरम्मत आगे बढ़ाइए ना।

करन : एक शर्त पर। अगर आज तुम मुझे वो जगह चूमने दोगी जहाँ के तुमने बाल साफ़ किए हैं।

चारु लाल होकर: छी अंकल क्या बोल रहे हैं?

करन: अरे बेबी वो तो स्वर्ग से भी ज़्यादा सुंदर जगह है। अच्छा तुम बस एक झलक दिखा दो बस।

चारु: पहले आप फ़ोन तो करिए। वो अपनी गाँड़ को उसके लौड़े पर ऐडजस्ट करके बोली।

अब करन ने हाथ बढ़ाया और उसकी स्कर्ट ऊपर की और पैंटी के ऊपर से उसकी बुर को पंजे में दबाया और बोला: उफफफ कितनी गीली है तुम्हारी पैंटी। सू सू कर दी हो क्या?

चारु : आऽऽऽऽऽह अंकल हाऽऽऽऽऽथ हटाइए नाआऽऽऽऽऽ। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ प्लीज़ ।

करन: अगर फ़ोन करूँगा तो यहाँ हाथ रखे हुए ही करूँगा। बोलो क्या कहती हो?

चारु: अच्छा आप फ़ोन तो लगाओ।

करन उसकी बुर दबाता हुआ अपना फ़ोन देकर बोला: लो तुम इसमे ऐड्मिन ढूँढो और मेरी बात कराओ।

चारु ने फ़ोन लगाया और करन ने फ़ोन अपने हाथ में लेकर कहा: यार तुम आउडी को एक महीने के बाद मरम्मत में लेना क्योंकि हमको वहाँ एक शो करना है। ये कहते हुए अभी भी उसका हाथ चारु की बुर को पैंटी के ऊपर से दबा रहा था।

उधर से पता नहीं क्या कहा गया पर करन बोला: हाँ बस ठीक है । मैं जैसा कह रहा हूँ वैसा कर दीजिए। यह कह कर वो फ़ोन काट दिया। फिर दूसरा हाथ चारु की एक चूचि पर रखा और बोला: चलो बेटी तुम्हारा काम तो हो गया। अब हमारा काम कर दो। चारु शर्मा गयी।
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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राजीव और निलू जब बेडरूम में पहुँचे तो राजीव बोला: बेटी बेडरूम बहुत बढ़िया सजाया हुआ है।

निलू: बस यही तो बढ़िया है पति तो नकारा मिला है। ये तो ससुर जी मेरा ध्यान रखते हैं इसीलिए यहाँ रहती हूँ। वरना कब की चली जाती।

राजीव: रोज़ चोदते हैं क्या वो?

निलू: नहीं दो दिन में एक बार।

राजीव: अब राजीव अपने कपड़े खोलते हुए बोला: और रामू?

निलू: वो तो दिन में दो तीन बार कर लेता है जब उसको मौक़ा मिलता है। और मौक़ा ना मिलने पर एक बार भी नहीं।

राजीव: अरे बेटी कपड़े तो खोलो । देखो मैं तो चड्डी में आ गया हूँ।

निलू हँसकर : हाँ और जो कुछ चड्डी से दिख रहा है वो काफ़ी बड़ा लग रहा है। यह कहकर वो अपनी क़ुर्ती उतार दी। अब ब्रा में उसकी भारी चूचियाँ ग़ज़ब ढा रही थीं। उसके हाथ अब अपनी लेग्गिंग को उतारने लगे। जल्दी ही वो अब पैंटी और ब्रा में आ गयी थी।

राजीव उसकी मस्त जवानी को देखता ही रह गया। क्या माल है वो सोचा। सफ़ेद ब्रा और सफ़ेद ही पैंटी में उसकी जवानी का एक एक अंग मानो आग बरसा रहा था। राजीव की चड्डी में उसका लौड़ा पूरा तन गया और उसका टोपा बाहर झाँक रहा था। उफफफफ क्या लाल टोपा है और कितना बड़ा है- वो सोची।

अब राजीव आकर बिस्तर पर लेट गया और निलू को पास आने का इशारा किया। वो आकर उसके पास लेटने लगी तो राजीव ने खींचकर उसे अपनी बदन के ऊपर लिटा लिया। अब वो उसके होंठ चूसने लगा और उसके हाथ उसकी गरदन से होकर उसकी पीठ पर घूम रहे थे। फिर वो हाथ नीचे ले जाकर उसकी चिकनी क़मर सहलाने लगा और फिर उसके गोल गोल मोटे चूतरों को सहलाने और दबाने लगा। वो भी उसके सिर को अपने दोनों हाँथों में लेकर उसके होंठ चूसे जा रही थी। साफ़ पता चलता था कि अनुभवी गुड़िया है।

अब राजीव ने अपना हाथ उसकी गाँड़ की दरार में डाला और वहाँ रगड़ने लगा। निलू आऽऽऽऽह कर उठी और अपनी बुर को उसके लौड़े पर रगड़ने लगी। राजीव अपने हाथ ऊपर को लाया और उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया और निलू को ऊपर उठाकर उसकी ब्रा निकाल दिया । निलू अपने कमर के ऊपर के हिस्से को उठाई हुई थी और उसके बड़े बड़े सख़्त अनार राजीव के मुँह के सामने थे। वो मज़े में भर कर उनको सहलाया और दबाने लगा। वो चूचियाँ दबाते हुए उनके निपल्ज़ को भी मसलने लगा। निलू आऽऽऽऽहाह कर उठी। अब वो अपनी पैंटी में क़ैद बुर को उसके लौड़े पर और ज़ोर से दबाने लगी। अब राजीव भी उसकी चूचियाँ चूसने और काटने लगा। निलू उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ कर उठी और अपना हाथ नीचे ले जाकर उसकी चड्डी के ऊपर से उसके लौड़े को दबाने लगी।

राजीव बोला: बेटी अब ६९ करें क्या ?

निलू: आऽऽऽऽह हाँ अंकल करती हूँ।

अब वो ख़ुद उलटी हुई और अपना मुँह उसकी चड्डी के ऊपर लाकर उसकी चड्डी को सूँघने लगी। उसके मर्दाने गंध से मानो उसकी बुर में गंगा जमुना बह उठी। उसकी पैंटी में फँसी बुर राजीव के मुँह के सामने थी। वो मस्त होकर अपना मुँह उसकी पैंटी पर रखा और उसे चाटा और सूँघा। फिर वो उसकी पैंटी को एक साइड में करके उसकी बुर को नंगी किया और वहाँ अपनी नाक डाल दिया। फिर उसने अपनी जीभ निकाली और उससे बुर के छेद को कुरेदने लगा। निलू हाऽऽऽऽऽययय कर उठी।

अब निलू मस्त होकर राजीव की चड्डी को निकाली और उसके लौड़े को आज़ाद कर दिया। उसकी आऽऽह निकल गयी- उफ़्क्फ़्फ़्फ़्फ़ कितना मस्त लौड़ा है । बिलकुल मामा के जैसा है उनका भी इतना ही मोटा और लम्बा है। वो अब प्यार से उसे चूमने लगी और जीभ से पूरी लम्बाई को चाटने लगी। उसने बड़े बड़े बॉल्ज़ भो सहलाए और एक एक बॉल को मुँह में लेकर चूसने और चाटने लगी।

उधर राजीव भी उसकी कमर से उसकी पैंटी को निकाला और अब उसके मोटे चूतरों को चूमने और काटने लगा। फिर वो उसकी गाँड़ को चाटने लगा और जीभ से उसके छेद को सहलाने लगा। अब वो नीचे होकर उसके बुर को भी चूसने और चाटने लगा। उसकी बुर ने बुरी तरह से आँसू बहाना चालू किया। और वो अब उसमें दो ऊँगलियाँ डालकर अंदर बाहर करने लगा।

निलू भी मस्ती से अपनी गाँड़ हिलाकर अपनी बुर उसके मुँह पर रगड़ने लगी। अब राजीव उसकी बुर चाटते हुए अपनी एक गीली ऊँगली उसकी गाँड़ के छेद में डाला और उसे हिलाने लगा। निलू चिल्लाई: आऽऽऽह अंकल उइइइइइइइइ । अब चोओओओओओओओदो ना। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ अब नहीं रुक सकती। आऽऽऽऽऽहहह।

राजीव मुस्कुराया और उसको पलट कर अपने नीचे किया और उसकी जाँघों को फैलाया और उसकी टाँगे उसकी छाती पर रखा और अपना तगड़ा लौड़ा उसके बुर के छेद में डाल दिया। अब वो ऊपर से धक्के लगाने लगा और वो गरम माल अब नीचे से कमर उछालकर उसका साथ देने लगी। फ़च फ़च की आवाज़ और हाऽऽऽऽऽऽययय मरीइइइइइइइइ। आऽऽऽऽऽह और जोओओओओओओर से चोओओओओओओदो । अंकल । उइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽऽऽ।

अब राजीव की गाँड़ तेज़ी से ऊपर नीचे होने लगी। निलू अब चिल्लाई: आऽऽऽऽऽह्हा मैं तो गयीइइइइइइइ। अब वो अपनी दोनों जाँघों को भींची और उसके लौड़े को अपनी बुर में जकड़ सी ली। अब राजीव भी उत्तेजना से भरकर ह्म्म्म्म्म्म्म कहकर उसके अंदर झड़ने लगा।

थोड़ी देर बाद जब वो दोनो सुस्ता रहे थे तो राजीव ने खिड़की के पास हलचल देखी और उसे वहाँ परदे के पीछे से रामू झाँकता हुआ दिखा। वो मन ही मन मुस्कुराया और बोला: एक बात तो बताओ। जब तुम्हारी सास दिन भर बाहर ही रहती है तो तुमको रामू से रोज़ चुदवाने में दिक़्क़त क्या है?

निलू हँसकर : अरे अंकल सासु माँ ही तो असली दिक़्क़त है। असल में पापा अब मम्मी को चोदने में इंट्रेस्ट नहीं लेते। उनको छोटी लड़कियाँ पसंद हैं । वो उनको कोलेज में आराम से मिल जाती है। और मैं तो हूँ ही उनकी सेवा के लिए। पर सासु माँ की प्यास रामू ही बुझाता है। वो रात को इनके कमरे में जाता है और पापा के सामने ही उसी बिस्तर पर मम्मी को चोदता है।

राजीव: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ यह कैसा आदमी हो गया है करन ? मुझे तो हैरानी हो रही है। अपनी बीवी को दूसरे के सामने चुदता देखता है। उफफफफ।

फिर अचानक राजीव को याद आया कि शिवा भी तो अपनी बीवी को उससे चुदते देखता ही है। हाँ पर वो ख़ुद भी तो उसे चोदता है।

निलू: अरे अंकल इतना ही नहीं वो गुरु जी भी जिनके आश्रम मम्मी जाती हैं पक्का चुदक्कड है। मम्मी उससे चुदवाने ही तो जाती हैं वहाँ।

राजीव: तुमको कैसे पता है ये सब?

निलू हँसकर: अरे रामू सब बताता है ना। और वो एक अजीब बात बताता है।

राजीव: क्या?

निलू: यह कि सासु माँ पापा से नहीं चुदवाती है सिर्फ़ रामू से चुदवाती है।

राजीव: वो क्यों?

निलू:ये पता नहीं । आप पूछ लीजिएगा ना। वो आँख मारते हुए बोली।

राजीव : ये मैं नहीं पूछ सकता। अच्छा अब चलो वो दोनों आने वाले होंगे।

निलू उठकर बाथरूम में गयी और टोयलेट के सीट पर बैठकर मूतने लगी । राजीव भी अंदर आया और उसको बोला: बेबी ज़रा गाँड़ उठाओ ना । तुम्हारी बुर से मूत निकलते देखने का मन है । वो मुस्कुराई और थोड़ा सा उठ गयी। राजीव उसकी मूत देखकर और सी सी की सीटी सुनकर मस्ती में आकर वहाँ हाथ ले गया और उसकी बुर से निकलने वाली गरम धार को महसूस करके बोला: जवानी में सब कुछ मस्त होता है बेबी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या गरम मूत है। ह्म्म्म्म्म्म्म। फिर वो उठी और फ़्लश करके हैंड शॉवर से अपनी बुर और गाँड़ धोने लगी। अब राजीव भी मूतने लगा। निलू भी उसके लंड को देख रही थी जिसमें से मोटी धार निकली जा रही थी। अब राजीव भी आकर अपने लंड को शॉवर से साफ़ किया और दोनों बाहर आकर कपड़े पहने।

राजीव: फिर आज रामू से चुदवाओगी या नहीं?

निलू हँसकर: अंकल वो ज़रूर छिप कर हमारी चुदाई देखा होगा। और आपके जाते ही मुझसे बोलेगा चुदवाने के लिए। पर अभी मैं थक गयी हूँ ना इसलिए सिर्फ़ चूसकर उसको शांत करूँगी। दो घंटे के बाद ही चुदवाऊँगी ।

राजीव: हाँ वो हमको देखा है। मैंने उसे खिड़की के पास देखा था।

वो दोनों हँसने लगे और बाहर आकर करन और चारु का इंतज़ार करने लगे। तभी रामू पानी लेकर आया। राजीव ने देखा कि उसकी पैंट में एक बड़ा सा तंबू बना हुआ था जिसे वो अपने हाथ से छिपाने की कोशिश कर रहा था।

उधर चारु करन के सामने उसकी टांगों के बीच में खड़ी थी और करन के हाथ उसकी बाँह सहलाते हुए उसकी कमर पर आ गए थे। चारु उसकी अहसानमंद थी और ख़ुद भी करन की हरकतों से गरम हो गयी थी। करन के हाथ अब उसकी गाँड़ को दबा रहे थे। उसने उसकी स्कर्ट उठायी और उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाला और उसकी गाँड़ की नरम गोलाइयों को दबाने लगा। चारु को आऽऽऽह निकल गयी। अब वो टॉप के ऊपर से उसके नए उगे अनारों को दबाने लगा और बोला: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ बेटी क्या सख़्त अनार हैं तुम्हारे? ज़रा टॉप ऊपर करो ना। वो ये कहकर ख़ुद ही उसका टॉप ऊपर किया और छोटी सी ब्रा में क़ैद उसके अनारों ने जैसे उसे दीवाना बना दिया। वो उनको अब ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा। फिर उसने ब्रा का हुक खोला और उसकी ब्रा के कैप को ऊपर हटाकर उसके मस्त अनारों को बाहर निकाला और उसकी दूधिया छातियों की सख़्त गोलायीयों को देखकर वो मस्ती से एक चूचि को मुँह में और दूसरी को हाथ में लेकर चारु की बुर को गरम करने लगा।

जब भी वो निप्पल को चूसता या मसलता वो हाऽऽऽऽय्य कर उठती। फिर उसने उसकी स्कर्ट को साइड से खोला और उसे नीचे गिराकर पैंटी में क़ैद उसकी बुर को सहलाया और बोला: उफफफफ बेटी देखो तुम्हारी बुर कैसी रो रही है। उसे अंकल का अटेन्शन चाहिए। अब वो उसकी बुर को पैंटी के ऊपर से दबाया और फिर उसकी पैंटी नीचे करके उतार दी।

चारु: अंकल प्लीज़ इसको मत उतारिए कोई आ जाएगा।

करन: अरे बेटी आज कोई नहीं आएगा। आज छुट्टी है और वैसे भी कोलेज अभी नहीं खुला है। चलो तुम यहाँ सोफ़े पर बैठो। करन उसे सोफ़े पर बिठाया और ख़ुद नीचे क़ालीन पर घुटने के बल बैठा और उसकी टांगों को फैलाकर अपने कंधों पर रख लिया। अब उसके सामने चारु की रस टपकाती बुर पूरी तरह से मस्त किसी कली की तरह धरी थी जिसे खिलने का और फूल बनाए जाने का इंतज़ार था। वो प्यार से उसकी बुर की लम्बाई में हाथ फेरा और उसकी गीली बुर के रस को अपनी ऊँगली में लगाकर मुँह में डालकर चूसने लगा। चारु आँखें फ़ाड़े उसकी ये हरकत देख रही थी। फिर वो झुका और उसकी बुर को दनादन चूमने लगा। उसने टांगों को थोड़ा और उठाया और उसकी गाँड़ के छेद को भी चूम लिया और अपनी जीभ से उसे भी छेड़ने लगा।

चारु मज़े से भरकर आहें भरने लगी। अब वो पूरी बुर को होंठ और जीभ से चाटने लगा। चारु उइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽ चिल्लाने लगी। यह उसका पहला अनुभव था और वो मस्ती से भरी हुई अपनी गाँड़ हिलाकर उसके मुँह को अपने बुर पर रगड़ कर मज़े को दुगुना कर रही थी। अब करन भी अपनी जीभ को गाँड़ के छेद से लेकर बुर के छेद तक चला रहा था और फिर उसकी क्लिट को भी छेड़ रहा था। उसने एक ऊँगली उसकी कुँवारी बुर के अंदर भी वहाँ तक डाली ,जहाँ तक कोई अवरोध नहीं मिला। जब उसकी कुँवारी झिल्ली से उसकी ऊँगली टकराई तो चारु आऽऽऽऽह अंकल दुखता है कहकर उसे रोक दी। जीभ की मस्ती तो जारी ही थी। अब चारु के लिए ये आनंद झेलना मुश्किल हो गया और वो ज़ोर से चिल्लाकर उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मैं मरीइइइइइइइइइइ कहते हुए अपना रस एक फ़ौवारे की तरह करन के मुँह में छोड़ने लगी जिसे वो पीता चला गया। फिर वो उसकी बुर और गाँड़ को चूमकर उठा और अपने रुमाल से अपना मुँह पोंछा और मुस्कुराया और बोला: बेटी मज़ा आया?

चारु शर्मा कर: जी अंकल । आऽऽह आपको गंदा नहीं लगा। आप मेरी सू सू भी पी गए। वो स्कर्ट पहनते हुए बोली।

करन हँसकर: अरे बेटी वो सू सू नहीं था वो तो कामरस था। उफफफफ क्या स्वाद था। वैसे तुमको तो मज़ा मिल गया पर मेरा मज़ा अभी अधूरा ही है। वो अपने पैंट के ऊपर से अपने लंड को दबाकर बोला।

चारु भोलेपन से बोली: ओह अंकल आपने तो कुछ कहा नहीं। मुझे क्या पता कि मुझे क्या करना है? ये कहकर वो अपनी ब्रा ठीक करने लगी।

करन मुस्कुराया और उसके हाथ को पकड़कर उसे ब्रा ठीक करने से रोकते हुए बोला: चलो मैं बताता हूँ क्या करना है। पहले इन मस्त अमरूदों को नंगे ही रहने दो । अब मेरे पैंट की बेल्ट और जीप खोलो।

वह उसकी पैंट की बेल्ट खोली और फिर जब जीप नीचे की तो उसका हाथ उसके लंड के कड़ेपन को महसूस किया और वो काँप उठी। अब करन की पैंट नीचे गिर चुकी थी और चड्डी में फूला हुआ लंड साफ़ दिख रहा था और वहाँ एक गीला सा धब्बा भी था। करन ने चारु का हाथ अपने लंड पर रखा और उसे दबाने लगा। फिर बोला: बेटी अब इसको भी उतार दो।

चारु उसकी चड्डी में हाथ डालके उतारने लगी तो लंड के फँसने के कारण वो नहीं निकाल पायी। फिर करन ने हाथ डालकर अपना लंड टेढ़ा किया और चड्डी निकाल कर अपना लंड उसके सामने किया। चारु की आँखें फैल गयीं । यह पहला लंड था जो वो देख रही थी और वो भी इतने क़रीब से।
उसके छेड़ पर सफ़ेद सा रस जमा सा था। करन को मालूम था कि वो ज़्यादा देर अपने को रोक नहीं पाएगा सो वो बोला: बेटी चलो बाथरूम में चलते हैं।

चारु कुछ नहीं समझते हुए भी उसके पीछे पीछे बाथरूम में चली गयी। वहाँ वो उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा और बोला: बेटी इसको ऐसे हिलाओ वो उसको हिलाकर सिखाते हुए बोला। चारु को उसका कड़ा और गरम लंड बहुत मस्त लगा और वो जैसे कहा गया था वैसे ही लंड को मूठ्ठी में लेकर आगे पीछे हिलाने लगी। करन भी उसकी बाहर झाँक रही चूचियाँ दबाकर अपनी कमर हिलाने लगा। सिर्फ़ पाँच मिनट में हो करन आऽऽऽऽह करके अपना वीर्य गिराने लगा और चारु आँख फाड़कर उसका सफ़ेद रस झटके के साथ टोयलेट में गिरते देखने लगी। थोड़ी देर बाद उसने चारु का हाथ हटाया और हांफते हुए अपना लंड तौलिए से साफ़ करके उसे अंदर पैंट में डाल लिया और बाहर चला गया। चारु ने अपने हाथ में सफ़ेद रस लगा देखा और वो उसे उत्सुकतावश सूँघी और उसके गंध से थोड़ी विचलित हुई और फिर चुपचाप हाथ धोने लगी। अपनी ब्रा और टॉप ठीक करके वो भी बाहर आयी।

अब दोनों साथ में ही कमरे से बाहर निकले और कार से करन उसे अपने घर की ओर ले गया।

जब वो घर में घुसे तो राजीव और निलू अभी भी शतरंज खेल रहे थे। इनको देखकर वो उठे और सब सोफ़े पर बैठकर बातें करने लगे।

राजीव: हो गयी सब स्टेज पर्फ़ोर्मन्स की बात?

करन: हाँ बेटी को हमारा ऑडिटॉरीयम बहुत पसंद आया।

चारु: अंकल वो बहुत बड़ा और सुंदर है।

निलू: चलो ये बढ़िया हो गया। हम भी तुम्हारा प्रोग्राम देखेंगे। चलो चारु अभी सबको चाय पिलाते हैं। रामू बाज़ार गया है सामान लाने आता ही होगा।

चारु और निलू किचन में चली गयी। राजीव ने धीरे से पूछा: कैसा रहा? कुछ मस्ती किए?

करन मुस्कुराकर: हाँ यार पूरी मस्ती हुई।

राजीव: अबे साले चोद दिया क्या?

करन: अरे नहीं यार। बस ऊपर से मज़ा लिया। पूरी नंगी होकर मज़ा दी। ख़ूब चूसा उसके अनार और उसकी बुर भी।

राजीव: आऽऽऽऽह वो झड़ी क्या? और तुम्हारा कुछ की?

करन: हाँ वो मस्ती से झड़ी और मेरा भी हिलाई और झाड़ दी। मस्त गरम माल है। जल्दी ही चोद लो अब उसको। और हाँ मस्त कुँवारी है मैंने उसकी झिल्ली भी चेक कर ली है।

राजीव: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या यार साला मैं फिर से गरम हो गया।

करन: और तुम्हारी बात बनी निलू के साथ? या सिर्फ़ शतरंज ही खेलते रहे?

राजीव: अरे वाह कैसे ना बनती। तुम्हारी बहू तो मस्ती का ख़ज़ाना है। क्या प्यारी लौड़िया है। मस्त जवान चुदा हुआ माल। क्या अनुभवी हो गयी है लड़की सिर्फ़ २१ साल में ही।

करन: हाँ वो तो है।

तभी रामू हाथ में थैला लेकर आया और किचन में चला गया।

राजीव ने पूछा: यार जवान बहू के घर में इस साँड़ को क्यों रख छोड़ा है ? ये तो साला निलू को ठोक ही देगा। राजीव मस्ती में आकर बोला , उसे सब पता था पर वो देखना चाहता था की करन की क्या प्रतिक्रिया होती है।

करन: नहीं यार ये पुराना नौकर है। ये ऐसा नहीं करेगा।

राजीव सोचा कि साला ये अपनी बीवी चुदवाता है इस नौकर से और मुझे बेवक़ूफ़ समझ रहा है। वो सामने से बोला: वैसे आज तुम्हारी बहू ने कहा है कि मैं तुमसे पूछ लूँ और अगर तुमको कोई ऐतराज़ ना हो तो वो मुझसे जब मौक़ा मिले चुदवाने को तय्यार है। बोलो क्या कहते हो?

करन: अरे यार इसमें क्या बात है जब चाहे मज़ा ले लो उसके साथ। मुझे क्यों ऐतराज़ होने लगा। वैसे भी मुझे कोलेज में कमसिन लड़कियों की कोई कमी नहीं है। मुझे तो उनके साथ ही मज़ा आता है।

राजीव ने उसे थैंक्स कहा।


उधर रामू किचन में गया और सामान रखा और बोला: लाओ मैं चाय बना देता हूँ। चारु उस समय पानी पी रही थी। तभी उसने देखा कि रामू का एक हाथ निलू की एक गाँड़ को दबा रहा था। निलू उसको घूरकर हटने का इशारा की और वो आँख मारकर हट गया। चारु समझ गयी कि इन दोनों के बीच में कुछ है । उसे थोड़ा अजीब लगा पर वो चुप रही।

सब चाय पिए और फिर मिलने का कहकर राजीव और चारु चले गए।
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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

राजीव और चारु घर पहुँचे तो २ बज चुके थे । सब खाना खाए और फिर आराम करने चले गए। राजीव ने कई चुदाई की फ़ोटो चारु को भेजी और करन ने भी अश्लील मेसिज भेजे जैसे: बेबी मज़ा आया बुर चूसवाने में? कैसा लगा मेरा लंड? पसंद आया ना? वगेरह वगेरह।

चारु आज वैसे भी पहली बार बुर चूसवा कर मस्ती से भरी हुई थी ऊपर से ये मेसिज आग में घी का काम कर रहे थे और वो फ़ोटो तो उसकी बुर में आग ही लगा रही थी।

वो उठी और टोयलेट में जाकर ऊँगली से अपनी जवान बुर को शांत की। फिर आकर सो गयी। मुन्नी भी सोयी हुई थी।

तभी शिवा का फ़ोन आया मालिनी को: जान शाहरुख़ की नयी फ़िल्म आयी है चलोगी क्या?

मालिनी: हाँ चल सकते हैं । पर सभी जाएँगे ना?

शिवा : पापा से पूछ लो कि वो जाएँगे ना? बाक़ी सब तो जाएँगे ही।

मालिनी फ़ोन लेकर राजीव के कमरे में गयी । वो लूँगी पहनकर कुर्सी पर बैठा कुछ पढ़ रहा था। वो बोली: पापा फ़िल्म चलोगे? शिवा का फ़ोन है टिकेट ले रहा है?

राजीव ने फ़ोन लेकर शिवा को कहा: मालिनी को इस हालत में फ़िल्म ले जाना ठीक होगा क्या? तू ऐसा कर अपनी सालियों को दिखा ला । मैं मालिनी का ध्यान रखूँगा।

मालिनी ने रोनी सूरत बनाकर कहा: क्या पापा मुझे जाना है।

राजीव उसे प्यार से अपनी गोद में खींचा और उसके मोटे पेट को सहला कर बोला: बेटी ऐसे समय में भीड़भाड़ वाली जगह से परहेज़ करना चाहिए। फिर फ़ोन पर बोला: तुम तीन टिकट ले आओ। तुम और लड़कियाँ चले जाना।

शिवा: ठीक है पापा । कहकर फ़ोन काट दिया।

शाम को जब शिवा आया तो वो तीन टिकट राजीव को देकर बोला: पापा आप लड़कियों को लेकर फ़िल्म देख आओ। मैंने इसी की कैमरा प्रिंट सीडी में ख़रीद ली है। मैं और मालिनी इसे ही देख लेंगे।

मालिनी ख़ुश होकर बोली: ये आपने ठीक किया। हम घर पर ही देख लेंगे।

राजीव: ठीक है जैसा तुम कहो। चलो लड़कियों तय्यार हो जाओ।

अब राजीव भी तय्यार होने चला गया। वो सोच रहा था कि आज एक मौक़ा मिला है उसका पूरा फ़ायदा उठाऊँगा। उसने कपड़े पहने और बाहर आया । थोड़ी देर बाद मुन्नी बाहर आइ । उसे देखकर राजीव के लंड ने एक झटका मारा। वह एक छोटा सा टॉप पहने थी जिसमें से उसके सख़्त अमरूद अपनी चोंच निकाले खड़े थे। उसकी स्कर्ट भी घुटनों से ऊपर थी जिसमें से उसकी अब जवान हो रही जाँघें ग़ज़ब ढा रहीं थीं । उसने ऊँची एड़ी का सैंडल पहना था जो उसकी छोटी मगर गोल गाँड़ को काफ़ी उभार रहा था।

राजीव मस्ती से उसे देखा और बाला: बेटी इतनी हील वाली सैंडल में गिर ना जाना।

मुन्नी: अंकल मैंने ये चारु की पहनी है। पहली बार पहनी हूँ । ये कहते हुए वह चली किचन की ओर पानी पीने और तभी उसका पैर मुड़ा और वो धड़ाम से पास ही पड़े सोफ़े पर गिर गयी और उसकी स्कर्ट ऊपर उठ गयी। अब उसकी दोनों टाँगें ऊपर हो गयी थी। उसके बीच से गुलाबी पैंटी और उसमें उसकी बुर की सूजन और फाँक साफ़ दिखाई दे रही थी। राजीव उसकी मदद करने के बहाने उसको उठाने लगा और उसके हाथ उसके सख़्त अमरूदों पर पड़े वो सिहर उठा। उफफफ क्या अनुभव था ।उसके हाथ उसके जाँघों पर भी आए और वो वहाँ भी उनके चिकनेपन का अहसास उसके लंड को खड़ा कर गया। वह पैंटी से उसकी बुर को बिलकुल पास से घूरकर बोला: बेटी चोट तो नहीं लगी?

मुन्नी: नहीं अंकल बच गयी। पर अब ये सेंडल अब नहीं पहनूँगी।

राजीव उसकी जाँघ को ऊपर तक सहलाया और बोला: हाँ लगता है चोट नहीं लगी। चलो अब सैंडल बदल ही लो। वह अब नीचे बैठा और उसकी बुर को घूरते हुए उसकी सैंडल निकाल दिया। अब वो उसकी पिंडिल्यां सहलाकर बोला: जाओ बेटी दूसरी सैंडल पहन लो।

मुन्नी ने देखा कि अंकल उसकी पैंटी को घूर रहे हैं तो वो शर्मा गयी और उठकर भाग गयी। तभी चारु तय्यार होकर आयी और बोली: अंकल मैं कैसी दिख रही हूँ?

राजीव ने इस सवाल के जवाब देने के पहले इसका पूरा फ़ायदा उठाया और उसे ऊपर से नीचे तक घूरते हुए बोला: वाह बेटी ये पतली सी टॉप तुम पर बहुत फब रही है। वो उसकी जवानी की दहलीज़ पर खड़ी चूचियों को देखा और बोला: सच टॉप बहुत सुंदर है। फिर नीचे देखा और बोला: वाह स्कर्ट भी बहुत प्यारी है। वो उसकी जवान जाँघों को घूरकर बोला: बेटी तुम आज मस्त दिख रही हो। पिक्चर हॉल में तुमको लड़कों से बचाना होगा।

चारु हँसने लगी और बोली: ओह अंकल आप भी ना। तभी मुन्नी आ गयी सैंडल बदलकर।

राजीव: अच्छा मालिनी शिवा, हम लोग जा रहे हैं।

शिवा अपने कमरे से बाहर आया: ठीक है पापा। कार ले जायिये।

अब राजीव लड़कियों को लेकर कार में बैठा और मॉल में पहुँचा। जब वो सिनमा हॉल में पहुँचा उसने देखा कि कई लड़के इन लड़कियों को घूर रहे थे । वो सोचा कि वो सोच रहे होंगे कि ये बूढ़ा नहीं होता तो मस्ती कर लेते।

ख़ैर जब वो हॉल के अंदर पहुँचे और सीट पर बैठे तो राजीव ने देखा की उनकी बीच की सीट है। सबसे पहले मुन्नी बैठी फिर राजीव और उसके बाद चारु बैठी। मुन्नी और चारु की साथ की ३/४ सीट ख़ाली थी दोनों तरफ़ की। थोड़ी देर में मुन्नी की बग़ल की सीट में एक क़रीब ४५ साल का अधेड़ और उसकी पत्नी आकर बैठे। और इधर चारु के साथ वाली सीट पर एक ३० साल का आदमी एक १८/१९ की लड़की के साथ आकर बैठा।

हॉल में अंधेरा हुआ और फ़िल्म चालू हुई। राजीव का ध्यान लड़कियों की तरफ़ भी था। अचानक उसने देखा कि चारु का पड़ोसी अपनी साथ वाली लड़की को छूने लगा। लड़की ने सलवार क़ुर्ती पहनी थी। वो लड़का उसके कंधे पर एक हाथ रखा और उसकी एक चूचि दबाने लगा। चारु का ध्यान फ़िल्म देखने में था। राजीव ने चारु के कान में कहा: बेटी देखो एक फ़िल्म तुम्हारे बग़ल में भी चल रही है। वो चारु को ये दिखा कर गरम करना चाहता था। उसका तीर निशाने पर बैठा। चारु अब साथ वाले की फ़िल्म देखना शुरू की।

अब वो आदमी लड़की को चूमने लगा और उसका हाथ पकड़कर अपने पैंट के ऊपर से अपने खड़े लंड पर रखा और उसे दबाने लगा। अब वो उसकी दूसरी चूचि भी दबाने लगा। फिर उसने सलवार का नाड़ा खोलने की कोशिश की। लड़की ने विरोध किया पर उसकी ज़िद के आगे वो कमज़ोर सी पड़ गयी । अब नाड़ा खोलकर वो आदमी उसकी सलवार में अपना हाथ डाला और उसके ऐक्शन से साफ़ लगा कि वो पैंटी को उठाकर उसके अंदर हाथ डाला था। अब वहाँ पर उसकी उँगलियाँ मचलने लगी और वो लड़की भी उइइइइइ उफफफफ की दबी हुई आवाज़ें निकालने लगी। चारु आँख फाड़े ये सब देख रही थी और उसकी घुंडियाँ भी ब्रा के अंदर तन गयीं थीं और बुर गीली होने लगी थी। तभी राजीव जो ये सब ध्यान से देख रहा था धीरे से चारु के कान में बोला: देखो बेटी उसे कितना मज़ा आ रहा है? कैसे सी सी कर रही है।

चारु सकपका गयी और चुप रही। तब राजीव उसके जाँघों को सहलाने लगा और बोला: ऐसा मज़ा कभी लिया तुमने?

चारु कैसे बोलती कि करन तो इससे भी ज़्यादा मज़ा दे चुका है। वो नहीं में सिर हिला दी। अचानक राजीव ने अपना हाथ उसकी जाँघ सहलाते हुए ऊपर तक लेज़ाकर उसकी पैंटी को छुआ । अब चारु सिहर उठी और अपनी जाँघों को चिपका लिया। इस चक्कर में राजीव का हाथ वहाँ फँस गया। वो बोला: बेटी मेरा हाथ तो छोड़ो । अब चारु ने फिर से जाँघें चौड़ी की ताकि वो हाथ निकाल ले पर राजीव ने अब हाथ बढ़ाकर उसकी बुर को पैंटी के ऊपर से ही दबोच लिया। अब चारु की घुटी सी उइइइइइइइ निकल गयी।

तभी वो लड़का अपनी पैंट की जीप खोला और अपना लंड बाहर निकाला। चारु सोची कि हे भगवान कितना बड़ा है इसका? करन अंकल का तो इससे काफ़ी छोटा था। अब वो लड़की उसे अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी। लड़के का एक हाथ उसकी सलवार में अभी भी घुसा हुआ हरकते कर रहा था। दूसरा हाथ उसकी एक चूचि दबा रहा था। अब चारु भी विरोध करना बंद कर दी और राजीव की उँगलियों का मज़ा लेने लगी। राजीव ने अब अपनी उँगलियाँ पैंटी के साइड से उसकी चिकनी बुर पर लगा दी थीं। अब वो उसके कान में बोला: उफफफ बेटी तुम्हारी तो मस्त चिकनी है।

चारु: आऽऽऽह अंकल उइइइइइइ।

अब राजीव ने भी एक पंजा उसकी एक चूचि पर जमाया और उसे दबाकर ऊपर से ही निपल को छेड़ने लगा। चारु की सीइइइइइइ निकल गयी। अब राजीव ने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा और वो पैंट के ऊपर से उसे महसूस करके सिहर उठी। उसे लगा कि ये तो और भी बड़ा और मोटा लग रहा है। वो हल्के से दबाने लगी।

अचानक मुन्नी की घुटी हुई चीख़ सुनाई दी और राजीव उसे देखा तो वो हैरान रह गया। मुन्नी की एक चूचि उसके बग़ल में बैठा वो ४५ साल का अधेड़ दबा रहा था। मुन्नी की हल्की सी चीख़ से वो डरकर अपना हाथ हटाया। अब राजीव ने भी चारु को छोड़ा और उधर चारु के बग़ल वाला आदमी भी थोड़ा सा हल्ला सा सुनकर अपने लंड को अंदर कर लिया।

राजीव ने मुन्नी को धीरे से पूछा: बिटिया क्या हुआ? सब ठीक है?

मुन्नी ने चुप रहना ही बेहतर समझा और बोली: जी ठीक है।

राजीव: ठीक है बेटी कोई बात हो तो मुझे बताना।

मुन्नी : अंकल आप यहाँ बैठिए मेरी जगह मैं आपकी जगह बैठ जाऊँ?

राजीव उठा और मुन्नी को अपनी सीट दे कर उसकी सीट पर ख़ुद बैठ गया। मुन्नी के हल्के से हड़बड़ाने के कारण सबका खेल बंद हो गया था।

राजीव ने थोड़ी देर बाद एक हाथ मुन्नी की जाँघ पर रखा और उसे सहलाते हुए धीरे से उसके कान में कहा: बेटी क्या ये आदमी तुम्हारे साथ कोई गड़बड़ किया?

मुन्नी शर्म से सिर झुका ली। ऐसा उसके साथ पहली बार हुआ था। वो चुप रही। राजीव : बेटी बताओ ना क्या उसने तुम्हारी छाती दबाई?

मुन्नी ने चुपचाप हाँ में सिर हिला दिया।

कमीना राजीव: बेटी क्या बहुत ज़ोर से दबा दिया क्या? बहुत दुखा क्या?

मुन्नी सवालों से परेशान सी होकर: नहीं अंकल ज़ोर से नहीं दबाया था।

राजीव: फिर बेटी तुम चिल्लाई क्यों? धीरे से दबाया होगा तो मज़ा आया होगा ना?

मुन्नी क्या कहती । वो बोली: छोड़िए ना अंकल । जाने दीजिए ना।

राजीव का हाथ अब उसकी जाँघ से ऊपर होता हुआ उसकी पैंटी को छू रहा था। अब मुन्नी भी थोड़ा सा असहज होने लगी। तभी वो फिर से पूछा: बताओ ना वो कब से धीरे धीरे दबाकर तुमको मज़ा दे रहा था?

मुन्नी: बस थोड़ी देर ही किया। फिर जब ज़ोर से दबाया तो मुझे दुखा और फिर वो हाथ हटा लिया।

राजीव उसके कान में फुसफुसाकर: बेटी जब वो देर तक धीरे से दबा रहा था ना तो तुमको बुरा नहीं लगा ना?

बेचारी मुन्नी: नहीं अंकल।

राजीव: इसका मतलब मज़ा आया ना उसमें ?

मुन्नी: उफफफ अंकल प्लीज़ बस करिए ना।

राजीव: अरे बेटी मैं तो बस इतना बताना चाहता था कि ये काम अगर प्यार से और आराम से किया जाए तो इसने बहुत मज़ा है। एक काम करना इंटेरवल के बाद तुम चारु के साथ कुर्सी बदल लेना। फिर देखना कि क्या होता है?

मुन्नी को कुछ समझ नहीं आया पर वो चुपके से हाँ में सिर हिला दी।

इंटेरवल में सब बाहर गए और राजीव ने उनको बहुत खिलाया और पिलाया। वापस आकर अब चारु उस ४५ साल के अधेड़ के साथ बैठी और राजीव फिर से बीच में और अब मुन्नी आख़िर में उस नौजवान के साथ बैठी जो कि अपनी लौड़िया के साथ मस्ती करने ही आया था।

फ़िल्म के चालू होने के थोड़ी देर बाद वो लड़का फिर से अपनी लौंडिया के साथ चालू हो गया।वह उसकी एक चूचि दबाने के साथ फिर से उसकी सलवार के ऊपर से उसकी बुर दबाने लगा। अब राजीव ने मुन्नी के कान में कहा: बिटिया देखो वो भय्या क्या कर रहा है?

मुन्नी ने देखा और वो सन्न रह गयी। तभी उस लड़की ने ख़ुद ही अपनी सलवार का नाड़ा खोला और अब लड़के ने उसमें अपना हाथ डाला और उसकी बुर में ऊँगली करने लगा। लड़की ने भी मस्ती में आकर लड़के के पैंट पर हाथ रखा और उसका लंड ऊपर से ही दबाने लगी। लड़के ने उसे पैंट खोलने को कहा और वो जीप नीचे की और हाथ अंदर डालकर उसका मस्त लंड बाहर निकाल कर उससे खेलने लगी। मुन्नी मस्ती से भर गयी और और उसे लगा कि उसकी बुर गीली होने लगी है। अब राजीव उसके कान में बोला: देखो कैसे जवानी का मज़ा ले रहे हैं दोनों? है ना?

मुन्नी क्या बोलती। वो शर्मा गयी । तब राजीव ने अपना हाथ सीट के पीछे से ले जाकर उसकी एक चूचि पर रखा और हल्के से दबाते हुए बोला: देखो इस लड़की को कितना मज़ा आ रहा है?

राजीव का दूसरा हाथ उसकी स्कर्ट को उठाने लगा और वह जाँघ भी सहलाते जा रहा था। अब राजीव ने मुन्नी का हाथ पकड़कर अपने पैंट के ऊपर रखा और मुन्नी ने थोड़ा सा विरोध किया पर जल्दी ही वो ख़ुद से उसके मोटे लंड को दबाने लगी। अब मुन्नी भी मज़े में आ गयी थी। पहली बार वो सेक्स का मज़ा लूट रही थी। तभी राजीव ने उस लड़के को कहा: अरे बेटा लंड चूसवाओ ना? देखो ये बिटिया भी देख रही है। इसको दिखाओगे तभी तो सीखेगी।

वो लड़का कुटीलता से मुस्कुराया और बोला: वाह अंकल चिड़िया फ़ंसा रहे हो मेरे दम पर। ठीक है चूसवाता हूँ। फिर वो लड़की को चूसने का इशारा किया और वो उसका लंड चूसने लगी। मुन्नी की आँखें मानो फट सी गयीं थी। उफफफफ क्या मज़ा ले रही थी वो लड़की। अब राजीव मुन्नी की दूसरी चूचि भी सहलाया और अपना हाथ उसकी पैंटी पर ले जाकर उसकी बुर को दबाने लगा। मुन्नी के लिए ये पहला अनुभव था वो आऽऽहहह कर उठी। उस लड़की ने अपना सिर उठाया और मुन्नी से बोली: चूसोगी?

मुन्नी ने ललचाई निगाह से गीले लंड को देखा और नहीं में सिर हिला दिया। तभी राजीव ने एक अजीब हरकत की। उसने मुन्नी का हाथ पकड़ा और उसे उस गीले लंड पर रख दिया । थूक से सने गरम लंड को पकड़ते ही मुन्नी को झटका सा लगा। और वो उसे वैसे ही सहलाने लगी थी जैसे वो राजीव का पैंट के ऊपर से सहला रही थी। अब उसके दोनों हाथ में एक एक लंड था जिसे वो दबा कर मस्ती से भर रही थी। उसकी पैंटी बहुत गीली हो चुकी थी मानो वो पेशाब कर दी हो।

तभी राजीव की निगाह चारु पर पड़ी तो वो मुस्कुरा उठा । चारु की एक चूचि उस अधेड़ के हाथ में थी और उसका एक हाथ उसकी स्कर्ट में घुसा हुआ था । वो मस्ती में ख़ुद भी उस अधेड़ का लंड दबा रही थी पैंट के ऊपर से । राजीव दोनों बहनों की मस्ती देखकर बहुत ख़ुश हो गया। वो सोचा कि अब चारु को जवानी का पाठ पढ़ाने का समय आ गया है। वैसे मुन्नी भी लाइन में खड़ी है – वो सोचा। अब वो मुन्नी की पैंटी में हाथ अंदर किया और मस्ती से भर गया। क्या मासूम सी बुर थी और कितने नरम रोएँ थे। उफफफफ एक ऊँगली भी अंदर नहीं गयी। क्या मज़ा आएगा इस छेद को खोलने में- वो सोचा। मुन्नी भी उइइइइइइइ कहकर अपनी गाँड़ पीछे की मानो ऊँगली के हमले से बचने की कोशिश करी हो। वो लड़का राजीव की हरकत देखकर मुस्कुराया और राजीव को आँख मारा और मानो बोला कि लगे रहो अंकल।

इसी तरह की मस्ती में फ़िल्म ख़त्म होने वाली थी। अब सबने अपने कपड़े ठीक किए। राजीव ने अपना रुमाल मुन्नी को दिया तो उसने अपना गीला हाथ साफ़ किया। जब रौशनी हुई तो सभी के चेहरे वासना से लाल थे।

चारु बाहर आकर बोली: अंकल वाशरूम जाना है।

मुन्नी: मुझे भी।

राजीव: ठीक है किसी रेस्तराँ में चलते हैं । वहीं सू सू कर लेना।

वो जान बूझकर सू सू बोला। वो दोनों शर्मा गयीं।

अब बाहर आते हुए राजीव ने दोनों लड़कियों के बीच चलते हुए उनकी कमर में हाथ डाले और उनके कमर को सहलाते हुए कार तक पहुँचा। फिर कार रेस्तराँ में रोका और वो अंदर गए। अंदर एक कोने की टेबल पर बैठे और वेटर को बुलाया और पूछा: वाश रूम कहाँ है?

वेटर ने हाथ से इशारा किया। तो दोनों लड़कियाँ खड़ी हो गयीं।

वेटर: आप एक के बाद एक जाओ क्योंकि एक ही वाशरूम है।

चारु: मुझे ज़ोर की आयी है। कहकर वो पहले चली गयी।

राजीव सोफ़े में मुन्नी के साथ बैठा था। वो उसकी जाँघ सहलाकर और आँख मारकर बोला: बिटिया फ़िल्म में मज़ा आया ना?

मुन्नी शर्मा कर सिर झुका ली।

राजीव ने पूरी बदमाशी पर उतरते हुए उसके स्कर्ट को उठाकर उसकी पैंटी में हाथ डाला और फिर से कहा: बिटिया यहाँ मस्त खुजली हुई ना? वो पूरी बुर को पंजे से दबाते हुए बोला।

मुन्नी: आऽऽऽऽह अंकल छोड़िए ना, मेरी सू सू निकल जाएगी।

राजीव जो कर रहा था किसी को दिखाई नहीं दे सकता था क्योंकि उसको टेबल का कवर छुपा रहा था। अब वो बोला: बेटी वाशरूम में जाकर इसको ऊँगली से ऐसे ही सहलाना। तुमको बहुत मज़ा आएगा। फिर जब तुम झड़ोगी ना तो तुमको स्वर्ग का मज़ा आएगा। ठीक है ना? ऐसे ऐसे करते रहना। वो अपनी ऊँगली को उसकी बुर के छेद और उसकी क्लिट पर चलाता हुआ बोला। मुन्नी बड़बड़ाने लगी: सीइइइइइइइइ उइइइइओओओ अंकल हाऽऽऽऽऽऽऽथ निकाआऽऽऽऽऽऽऽलो नाआऽऽऽऽऽऽऽ। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।

तभी चारु वापस आयी तो वो बहुत रिलेक्सेड दिख रही थी। उसे देखकर मुन्नी खड़ी हुई और वाशरूम की ओर भागी।

राजीव चारु को अपने पास बिठाया और उसकी जाँघ सहलाकर उसकी बुर को पैंटी के ऊपर से दबाकर बोला: बेटी लगता है बुर में ऊँगली चला कर आ रही है। बहुत रिलेक्सड लग रही हो।

चारु हड़बड़ाकर: क्या क्या बोल रहे हैं आप? अंकल हाथ हटाइए ना कोई देख लेगा।

राजीव: अभी हटा लूँगा बस इतना बता दो कि बुर में ऊँगली करके आयी हो ना?

चारु: हाँ हाँ बस अब छोड़ दीजिए प्लीज़ ।

राजीव ने उसकी बुर से हाथ हटाया और बोला: अच्छा लो हाथ हटा दिया।

तभी मुन्नी आयी और वो भी अब रिलेक्सड लग रही थी।

वो आकर उसके सामने बैठी। तभी वेटर नाश्ता लाया और सबने खाया। चारु बोली: मुझे आइस क्रीम खानी है। अब वो दो सोफ़्टि ले आयी और दोनों लड़कियाँ उसे चाटने लगी। राजीव मुस्कुराया और सोचा कि जल्दी ही ये उसका लौड़ा ऐसे ही चूसेंगी।
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Kamini
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Kamini »

स्वतंत्रता दिवस और श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाएं.....🙏🏻🙏🏻
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