बहू नगीना और ससुर कमीना

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pongapandit
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by pongapandit »

Superb storytelling bhai
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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

Kamini wrote: 16 Aug 2017 16:35mast update
pyasanokar wrote: 17 Aug 2017 07:54 वाओ मस्त लगे रहो u superb in chudai story...
pongapandit wrote: 18 Aug 2017 15:36 Superb storytelling bhai

thanks all
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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »


कुछ दिन ऐसे ही बीते ।राजीव चारु को गंदी तस्वीरें भेजता और करन गंदे मेसेज । उसकी सेक्स की भूक को दोनों कमीने बढ़ाते ही रहे।

उस दिन दोपहर के तीन बजे थे । सब खाना खा चुके थे और तभी मुन्नी स्कूल से आयी। राजीव, मालिनी और चारु टी वी देख रहे थे। चारु उठी और मुन्नी के लिए खाना लगाने गयी। मालिनी थकान का बोल कर अपने कमरे में चली गयी। अब उसकी ड़िलीवरी में बस कुछ दिन ही रह गए थे।

चारु किचन में खाना गरम कर रही थी अपनी बहन के लिए। पता नहीं राजीव को क्या ख़ुराफ़ात सूझी कि वो चुपचाप खिड़की से हल्का सा पर्दा हटा कर मुन्नी के कमरे में झाँकने लगा। अंदर का दृश्य मस्त कर देने वाला था। मुन्नी ने अपना टॉप उतार दिया था और उसकी छोटी सी ब्रा में क़ैद सख़्त अमरूद बहुत मादक दिख रहे थे । अब वो अपना स्कर्ट भी उतारी और सिर्फ़ अंडर्गार्मेंट्स में वो बहुत ही सेक्सी दिख रही थी। वो शीशे में अपनी नयी नयी जवानी को निहार रही थी। उसकी गोरी गोल गाँड़ पैंटी से भी बहुत मस्त लग रही थी। उसकी पैंटी उसकी गाँड़ की दरार में फँसी हुई थी और बहुत मादक दिख रही थी। वो अपने आप को आगे से निहारी और अपने सख़्त अमरूदों को ब्रा में ठीक से एडजस्ट किया और फिर घूमकर अपना पिछवाड़ा देखने की कोशिश की। राजीव को उसकी पैंटी सामने से गीली सी लगी। तभी उसने अपनी गाँड़ में फँसी हुई पैंटी को बाहर निकाला और फिर वहाँ सामने में हाथ लगाया और गीलेपन का अहसास की। अब वो आलमारी से एक धुली हुई पैंटी निकाली और शीशे के सामने आकर वो अपनी पैंटी निकाल दी। राजीव के लंड ने तो मानो ज़ोरदार झटका मारा। उफफफफ क्या मस्त जवान चिड़िया है? क्या गाँड़ है। सामने में शीशे में उसकी फूलि हुई फुद्दी थोड़े से काले बालों के साथ काफ़ी मस्त दिख रही थी। वो मानो पागल सा हो गया। अब वो अपनी फुद्दी पर स्कर्ट को फिराकर उसे साफ़ की और साफ़ पैंटी पहन ली।
अब फिर पहले घर का एक स्कर्ट पहना जो शायद थोड़ा पुराना था। वो स्कर्ट उसे टाइट था क्योंकि उसकी कमर और गाँड़ अब उम्र के हिसाब से बड़े हो चले थे जो कि उन पुराने कपड़ों में समा नहीं रहे थे। फिर उसने टॉप पहना । वो भी उसे टाइट ही था। उसके अमरूद अब काफ़ी बड़े हो गए थे और उस टाइट टॉप को मानो फाड़ने ही वाले थे। अब वो अपने आप को शीशे में देखी और मुस्कुरा कर अपनी चूचियों को एक आख़री बार एडजस्ट किया और बाल में कंघी फेरकर इठलाती हुई बाहर को आने लगी। बाहर आने के पहले उसने मैले कपड़े उठाए और पैंटी को उसमें छिपा दिया।

राजीव वहाँ से हट गया और आकर सोफ़े में बैठ गया। उधर मुन्नी बाथरूम में अपने स्कूल यूनीफ़ॉर्म को लेकर गयी। उसकी पैंटी उसने उसके अंदर ही छिपा कर लाई थी। वो कपड़े वॉशिंग मशीन में डाली और मुँह हाथ धोकर खाना खाने लगी। चारु उसके पास बैठ कर उसके स्कूल के बारे में पूछने लगी। दोनों बहने खाना खाते हुए बातें करने लगीं। अब राजीव उठकर उसी बाथरूम में गया और दरवाज़ा बंद किया और वॉशिंग मशीन से मुन्नी के कपड़े निकाले और स्कर्ट में छिपाई हुई पैंटी को बाहर निकाला और ध्यान से उसके सामने के हिस्से में लगे हुए गीले दाग़ को देखा और नाक के पास ले जाकर सूँघा और अपने खड़े लंड को दबाने लगा। वो सोचा कि इसका मतलब मुन्नी आज मज़ा लेकर आयी है। पर किसके साथ और कहाँ? वो अब पैंटी को अपने कुर्ते की जेब में डाला।बिना चड्डी की लूँगी में लंड सही किया और बाहर आकर सोफ़े में बैठ कर टी वी देखने लगा।

अब वो सोच रहा था कि मुन्नी को कैसे अकेले में पकड़ा जाए। तभी चारु ने मुँह फाड़कर उबासी ली और बोली: बहुत नींद आ रही है चल जल्दी खा।

मुन्नी: आप सो जाओ ना मैं खाकर बर्तन सम्भाल लूँगी।

राजीव के लंड ने यह सुनकर झटका मारा। अब चारु उठकर कमरे में सोने चली गयी और मुन्नी खाना खाकर किचन में बर्तन सम्भाली और वापस आकर राजीव के सामने वाले सोफ़े पर बैठकर टी वी देखने लगी।

राजीव : लो बेटी रिमोट ले लो जो देखना है देखो।

मुन्नी उठकर रिमोट लेने आयी और तभी राजीव ने उसका हाथ पकड़कर अपने पास खींचा और बग़ल में बिठा लिया। मुन्नी थोड़ा सा हैरान हुई और बोली: क्या हुआ अंकल?

राजीव: बेटी तुमसे कुछ पूछना था।

मुन्नी: जी पूछिए।

राजीव: बेटी स्कूल ठीक तो है ना? कोई परेशानी तो नहीं?

मुन्नी: नहीं अंकल सब ठीक है। आप ऐसा क्यों पूछ रहे हैं?

राजीव: बेटी वो क्या है ना, अब तुम जवान हो गयी हो । इस उम्र में लड़के और कई बार टीचर भी जवान लड़की को तंग करते हैं। तुम्हारे साथ कोई कुछ ऐसा नहीं तो कर रहा है?

मुन्नी: वो वो ऐसा कुछ नहीं है अंकल।

राजीव: बेटी झूठ मत बोलो। मुझे सब सच बता दो। वो उसकी जाँघ स्कर्ट के ऊपर से सहला कर बोला।

मुन्नी: अंकल वो वो –।

राजीव: बेटी क्यों हिचक रही हो ? देखो ये तुम्हारी पैंटी क्या कह रही है। ये कहते हुए वो जेब से पैंटी निकाला और उसे दिखाकर बोला: देखो ये गीला दाग़ बता रहा है कि आज स्कूल में या बस में तुम्हारे साथ कुछ हुआ है जिसके कारण तुम अपनी पैंटी गीली कर बैठी। फिर वो उसे नाक के पास के जाकर सूँघा और बोला: आऽऽऽह क्या मस्त ख़ुशबू है तुम्हारे काम रस और सू सू की मिली जुली । बताओ ऐसा क्या हुआ कि तुम अपनी पैंटी गीली कर बैठी? राजीव उसकी जाँघ सहलाते हुए ऊपर की तरफ़ अपने हाथ ले जाकर बोला।

मुन्नी: अंकल वो वो आज बस में एक टीचर मेरे पास आकर बैठी और वो वो ---

राजीव: टीचर की उम्र क्या रही होगी?

मुन्नी: मेरी मम्मी की उम्र की होंगी। उनकी बेटी मेरे क्लास में है।

राजीव उसकी पैंटी तक अपने हाथ पहुँचाकर बोला: फिर क्या हुआ? वो पैंटी के ऊपर से उसकी बुर सहलाकर मस्त हो गया था।

मुन्नी: वो मुझसे बात करने लगी। फिर बात करते हुए पूछी कि मेरा कोई बॉय फ़्रेंड है क्या? मैं नहीं में सिर हिलाई। फिर वो मुझसे गंदी बातें करने लगी।

राजीव उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी बुर को दबाकर कहा: कैसी गंदी बातें? बताओ ना बेटी।

मुन्नी: आऽऽऽह अंकल वो मेरी मेरी छातियों को सहलाकर बोली थीं कि अगर कोई बीएफ़ नहीं है तो ये इतनी बड़ी कैसे हो गयी? फिर वो मेरी जाँघे ऐसे ही सहलायीं जैसे आप अभी कर रहे हो। आऽऽऽऽह ।

राजीव : वो यहाँ भी सहलायी थी क्या? वो उसकी बुर सहलाकर बोला।

मुन्नी: उइइइइइइइ माँआऽऽऽऽ हाँआऽऽऽऽऽऽ वोओओओओओ भीइइइइइइइ।

अब राजीव की ऊँगली उसकी पैंटी के अंदर थीं और वह वहाँ छेड़खानी करने लगा। उसकी नर्म नर्म झाँटें उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।

मुन्नी अब अपनी कमर उठाकर आऽऽऽहहह करने लगी।

राजीव: तुमने भी उसकी बुर सहलाई?

मुन्नी: हाँ वो अपनी सलवार का नाड़ा खोलकर मेरा हाथ अपनी पैंटी के अंदर डाली थी और मैं भी वहाँ ऊँगली डाली थी। उफफक क्या गरम था उनके अंदर का हिस्सा। आऽऽऽऽऽह अंकल अब बस करिए ना प्लीज़ ।

राजीव : बस में किसी ने देखा नहीं तुम दोनों को?

मुन्नी: अंकल आज मेरी बस छूट गयी थी तो मैं टीचर्ज़ की स्टाफ़ बस से आयी थी और हम पीछे अकेले बैठे थे। बस में कुछ टीचर्ज़ सामने बैठी थीं।

राजीव: फिर क्या हुआ? वो अब उसकी क्लिट को सहलाकर बोला।

मुन्नी: वो मेरी यहाँ ऊँगली कर रही थी और मैं उनकी वहाँ । थोड़ी देर बाद टीचर आऽऽऽऽह कहती हुई मेरा पूरा हाथ भिगो दिया। और मेरी भी पैंटी गीली हो गयी। फिर अंकल वो बोली कि किसी को बताना मत । ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आऽऽऽऽऽऽहाह मैं मरीइइइइइइइ। वह अपनी कमर उठाकर झड़ने लगी।

राजीव का पूरा हाथ भीग गया था। वो उसे चाटने लगा। मुन्नी शर्मा कर वहाँ से भाग गयी और बाथरूम में चली गयी। राजीव अब उठकर उसके बाथरूम के सामने इंतज़ार करने लगा। जब वो बाहर आयी तो राजीव को देखकर चौंकी। राजीव उसे लेकर वापस बाथरूम में खींच लिया और फिर उसको अपनी बाँहों में जकड़कर उसे चूमने लगा। मुन्नी ने कोई विरोध नहीं किया। अब वो उसके टॉप को उठाया और उसकी मस्त चूचियों को ब्रा के ऊपर से चूमा और फिर ब्रा से उसके सख़्त अमरूदों को बाहर किया और फिर दबाकर उनको चूसने लगा। मुन्नी आऽऽऽह कर उठी । उसने जी भर के उसके निपल्ज़ को मसला और उनको लाल कर दिया।

अब राजीव नीचे बैठा और उसने उसका स्कर्ट उठाया और मुन्नी को कहा: बेटी ज़रा इसे ऐसे ही ऊपर करके पकड़े रहो।

मुन्नी को भी अब मज़ा आ रहा था । आज पहली बार कोई उसकी फुद्दी को इस तरह से नंगी देख रहा था। वो चुपचाप स्कर्ट उठाकर खड़ी रही। अब राजीव ने उसकी पैंटी को नीचे किया और उसकी कोमल प्यारी सी मासूम फुद्दी को देखकर मस्ती से उसे सहलाने लगा और बालों को एक तरफ़ को करके उसकी फूली हुई फुद्दी को मस्ती से देखा और फिर चूमने लगा और बोला: बेटी ये बाल साफ़ कर लेना। हमारी बहु के पास क्रीम है । उसे लेकर साफ़ कर लेना ।

मुन्नी: आह ठीक है अंकल कर लूँगी। पर आपको कैसे पता कि दीदी क्रीम यूज़ करती हैं?

राजीव: अरे बेटी एक बार मैं उसके बाथरूम में गया था तो वहाँ वो क्रीम देखा था। तभी समझ गया था कि बहु वो क्रीम इस्तेमाल करती होगी।
वो सोचा कि तुमको क्या पता की उसके झाँटे मैं ही कितनी दफ़ा साफ़ कर चुका हूँ। और थोड़ी सी पुरानी हो जाओ तो रानी बिटिया तुम्हारी भी मैं ही साफ़ करूँगा। वो मन ही मन सोचकर मुस्कुराया।

अब वो मुन्नी की बुर को मस्ती से चूमने लगा। मुन्नी उइइइइइइइ करके अपनी गाँड़ हिलाने लगी। अब वो उसकी फाँकों को अलग करके उसके बीच जीभ डालकर उसे मस्ती से भरने लगा। उसके दोनों हाथ अब उसकी एक एक गोल गोल गाँड़ पर चिपक गए थे । वह उनको मज़े से दबाकर उसकी बुर की गहराई को जीभ से कुरेद रहा था। मुन्नी की घुटी हुई सिसकियाँ निकले जा रही थी।

अब वो एक एक हाथ उसकी चूचियाँ पर भी रखा और उसकी बुर को लम्बाई में चाटने लगा । इस तरह मुन्नी की क्लिट में मस्ती आने लगी और अब वो एक हाथ से चूची दबा रहा था और दूसरे हाथ से गाँड़ और जीभ से उसे पागल ही कर रहा था। गाँड़ दबाते हुए वो उसकी गाँड़ की छेद को भी सहलाने लगा। उसका दूसरा हाथ मुन्नी के ताज़ा ताज़ा बने निपल को ऐंठकर मानो उसे पागल कर रहा था। अब मुन्नी आऽऽऽह्ह्ह् अंकल उइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽ उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ करके अपने कामरस का फ़व्वारा राजीव के मुँह में छोड़ने लगी जिसे राजीव बड़े प्यार से पी गया।

अब मुन्नी गहरी साँसे ले रही थी मानो मीलों दौड़ कर आयी हो। उसके अमरूद ऊपर नीचे हो रहे थे। राजीव खड़ा हुआ और बोला: बेटी मज़ा आया?

मुन्नी ने शर्माकर सिर झुका लिया। अब राजीव अपनी लूँगी खोला और उसके सामने अपना बड़ा सा खूँटा लहरा कर बोला: अब ये देखो बेटी चलो इसको सहलाओ। यह कहकर वो उसका हाथ अपने लौड़े पर रखा और उसको हिलाकर बोला: बेटी ऐसे हिलाओ इसको। उफफफफ तुम्हारी जवानी ने इसे पागल कर दिया है। बस थोड़ा सा हिला दो और ये शांत हो जाएगा।

मुन्नी ने शर्माते और झिझकते हुए उसका लौड़ा हिलाना चालू किया। उसे लगा कि उसके हाथ में वो और ज़्यादा मोटा और सख़्त हुए जा रहा है। और जल्दी ही राजीव भी आऽऽऽहहह बेटीइइइइइइइइइ कहकर अपना रस गिराने लगा। मुन्नी उसके लंड से निकलते हुए सफ़ेद वीर्य को बड़े ध्यान से देख रही थी जो कि बाथरूम के फ़र्श पर गिर रहा था। थोड़ा सा गरम रस उसकी उँगलियों पर भी लग गया था।

अब राजीव ने उसकी पैंटी से अपना लंड साफ़ किया और नीचे पानी डालकर अपना वीर्य भी बहा दिया। फिर वो मुन्नी को चूमकर बाहर आते हुए बोला: बेटी ये सब जो हम दोनों के बीच हुआ किसी को बताना नहीं। मैं भी उस टीचर और तुम्हारे बीच में क्या हुआ किसी को नहीं बताऊँगा। ठीक है?

मुन्नी ने हाँ में सर हिलाया और कपड़े पहनने लगी। वह थकी सी महसूस कर रही थी क्योंकि पिछले दो घंटों में वो तीन बार झड़ चुकी थी।

राजीव आकर अपने कमरे में लेटा और सोचने लगा कि ये छोटी वाली मुन्नी तो चारु से भी ज़्यादा गरम साबित हो रही है और अभी तक जो मैं चारु के साथ नहीं कर सका वो सब इस गुड़िया के साथ कर लिया।

उस दिन और कुछ ख़ास नहीं हुआ। तीन चार दिनों के बाद चारु के कोलेज से ख़बर आयी कि उसे बुलाया गया है। मालिनी बोली: पापा आप इसके साथ चले जाओ,बाद में ये अकेली चली जाएगी।

राजीव ने हामी भर दी और चारु उसे ख़ास नज़रों से देखने लगी कि पता नहीं आज क्या क्या करेंगे अंकल।

राजीव ने करन को फ़ोन किया और कहा: अरे यार चारु को कोलेज ला रहा हूँ। तेरे ऑफ़िस में कुछ मज़ा लेने का मौक़ा मिल सकता है क्या?

करन: अरे यार मेरा ऑफ़िस तो है ही इन प्यारी गुड़िया लोगों से मज़े करने के लिए। तुम आ जाओ दोनों मिलकर मज़ा करेंगे।

राजीव: साले तुम तो मज़ा ले चुके हो अब मुझे मज़े लेने दो। दोनों साथ रहेंगे तो गुड़िया डर जाएगी।

करन: चलो यही सही। तुम दोनों के आने के बाद मैं आधा घंटे के लिए काम का बहाना बना कर चला जाऊँगा।

राजीव : हाँ यार ये ठीक रहेगा।

करन: तो आज तू उसकी सील तोड़ देगा क्या?

राजीव: पता नहीं देखते है कहाँ तक काम बनता है। चल रखता हूँ १२ बजे तेरे ऑफ़िस में आता हूँ।

क़रीब ११ बजे चारु तय्यार होकर आयी। सफ़ेद टॉप और गुलाबी स्कर्ट में मस्त जँच रही थी। राजीव भी तय्यार ही था दोनों कोलेज के लिए निकल लिए।
pyasanokar
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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Suuuuupppperrrrbbbb
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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:roll: Woow
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