एक एक आहट "ज़िंदगी" की complete

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shubhs
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Re: एक एक आहट "ज़िंदगी" की

Post by shubhs »

Wow बहुत ही हॉट
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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Sexi Rebel
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एक एक आहट "ज़िंदगी" की-65

Post by Sexi Rebel »

गतान्क से आगे..............

अंकित हल्का सा मुस्कुराया और घूर्ने लगा...रितिका को थोड़ा अच्म्बा हुआ कि वो क्या घूर रहा है.....फिर

उसने ध्यान दिया..कि उसके अलावा उसके पास एक और बेहद खूबसूरत सी चीज़ है......

उसके गाल ये सोचते ही बेहद लाल हो गये....वो बहुत ज़्यादा शर्मा गयी...(अब जब उस शरीर से जुड़ी वासना की कमी दूर हो गयी तो एक औरत का शरमाना तो लाजमी है..)


वो शरमाती हुए मूड गयी और दीवार से जाके सट गयी.....और अपना चेहरा हल्का सा दीवार से हटा के

एक बेहद प्यारी मुस्कान अपने चेहरे पे फैला देती है...जो अंकित पीछे लेटे देख पा रहा था...


अंकित तो वो नज़ारा देख के ही फ्लॅट हो जाता है...अपने मन में..


इस नज़ारे को देखने के बाद तो कोई भी आपसे प्यार कर बैठे रितिका जी...पर में...नही नही...नही कर सकता क्यूँ कि मुझे पता है उस प्यार का कोई वजूद नही रहेगा और ना ही कोई रिज़ल्ट रहेगा बचेगा तो सिर्फ़ एक दुख ... पर इस वक़्त आपसे प्यारा इस पूरी दुनिया में कोई नही होगा...यू आर दा बेस्ट फॉर मी ऑल्वेज़ हमेशा के लिए...(अपने मन में रितिका के लिए एक रेस्पेक्ट एक प्यार को बढ़ावा देता है)


अंकित के चेहरे पे एक प्यार था रेस्पेक्ट के साथ रितिका के लिए...वो बेड से खड़ा हुआ...और चलते हुए

रितिका के पास जाने लगा....रितिका अपनी तिरछी नज़रों से उसे आते हुए देख रही थी...जिससे उसके

दिल की धड़कने और ज़ोर से बीट हो रही थी.....


अंकित रितिका के पास पहुचा और उससे बस कुछ ही फीट दूरी पे खड़ा हो गया...और रितिका को उपर से लेकर नीचे तक निहारने लगा....

वो गोरी पीठ...और नीचे उसकी बाहर की तरफ निकल रही उस लाजवाब गान्ड को कैसे ना निहारे जबकि वो बिल्कुल नंगी थी.....इतनी सुंदर इतनी सॉफ्ट दिख रही थी कि किसी का भी मन ललचा जाए और उसे चबा जाए...लेकिन फिलहाल अंकित के दिल में एक प्यार उमड़ आया था चाहे हो थोड़ी देर के लिए ही क्यूँ ना हो....


अंकित ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और अपनी उंगलियाँ रितिका की पीठ पे रख दी और उन्हे वो बड़े ही नर्म

हाथों से सहलाता हुआ नीचे लाने लगा...


आहह अंकित.त...अब और...प्लीस.ए...हमम्म्ममममममम....रितिका का इस एहसास से शरीर में एक अजीब सी फीलिंग फैल गयी..और उसकी आँखें बंद हो गयी....


अंकित अपनी उंगलियों का कमाल दिखाता हुआ नीचे गान्ड तक आ गया.....और फिर लेग्स की पीछी से होते हुए नीचे तक चला गया...इसी बीच रितिका की सिसकियाँ निकल रही थी..


सीईईईईईईईई आहह अंकित..प्लीज़..मत करो....कुच्छ हो रहा है...


लेकिन अंकित तो यही चाहता था कि वो रितिका को जितना हो सके उतना अच्छे तरीके से प्यारा एहसास दे सके.........


फिर अंकित खड़ा हुआ और अपने हाथ ले जाके रितिका के कंधे पे रख दिए.....रितिका ने अपनी आँखें बंद कर ली और फिर अंकित ने अपने होंठ आगे बढ़ा की रितिका की गर्दन के नीचे रख दिए...


रितिका कसमसा सी गयी और अपनी गर्दन को हिलाने लगी......पर अंकित उसके शोल्डर को पकड़ते हुए अपने होंठ

नीचे तक लाने लगा घसीटता हुआ...और सीधे पहुच गया रितिका की गान्ड पे....

अपने हाथों से उसे हिलाने लगा....जैसा पानी से भरी थैली को नीचे सेहाथ पर हिलाते हैं....

बिल्कुल वैसे ही रितिका की उस भारी गान्ड को वो ऐसे हिलाता रहा और फिर वहाँ पे अपने हाथ रख के

चुम्म लिया..


सीईईईईई हा ओह्ह्ह्ह प्लीज़...नो.....डोंट..डू........ (थोड़ी देर वहाँ उसकी गान्ड को सहलाता रहा फिर उपर उठ गया)



रितिका के कंधो पे हाथ रख के उसे चिपक गया...और अपनी जीब बाहर निकाल के उसके कानो में घुमाने लगा.....

रितिका कसमसा सी गयी उसने अपनी गर्दन हिलानी शुरू कर दी..


रितिका :- अंकित....बस....अभी..नही...प्ली.स.स...ई.ए........


सस्स्स्स्स्स्सह अंकित बोलता हुआ उसके होंठो पे उंगली रख देता है...


अंकित :- अभी कुछ नही...बोलना..मुझे करने दो...इस वक़्त बस करने दो दिल बोल रहा है इस लड़की को जितना प्यार दे सकता है दे दे...बस वही देने की कॉसिश कर रहा हूँ...


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Sexi Rebel
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एक एक आहट "ज़िंदगी" की-66

Post by Sexi Rebel »

रितिका के दिल में एक अजीब सा एहसास होता है अंकित की ये बात सुन के....वो कुछ नही बोलती...

अंकित तो कानो को छोड़ के रितिका की गर्दन पे चूमने चाटने लगता है..रितिका की आँखें बंद हो जाती है...


ऐसा करते हुए अंकित रितिका को घुमा के अपने सामने की तरफ कर लेता है ... रितिका ने अपने हाथों से अपनी चुचियों को ढक रखा था...

अंकित अपने हाथ से धीरे धीरे उन हाथों को उस लाजवाब चुचों के उपर से अलग करता है और उन्हे साइड हटा देता है..


रितिका का सर दीवार से लगा हुआ था आँखे बंद थी और साँसे तेज चल रही थी...जिसकी वजह से उसकी चुचियाँ ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे हो रही थी......अभी तो अंकित ने कुछ ज़्यादा नही किया था और रितिका की चूत जिसने थोड़ी देर पहले ही सैलाब निकाला था एक बार फिर से वहाँ नमी आनी शुरू हो गयी थी...


अंकित रितिका के चेहरे को देखते हुए अपने हाथों को रितिका की गर्दन पे रख के अपनी उंगलियों से उसके शरीर को सहलाते हुए नीचे आने लगता है...

नीचे आते हुए बीच में पहले उन उंगलियो को एक सख़्त पहाड़ का सामना करना पड़ा जिसपे एक कड़क बिंदु भी लगी हुई थी....फिर उसके नीचे कँपता हुआ सपाट पेट और सहलता हुआ जा पहुचा एक खड्डे में

जो कि हल्का सा गीला था यानी कि चूत पे......


आहससिईई..हल्की सी सिसकियाँ लेते हुए रितिका ने अपनी उंगली मुँह में डाल दी..और आँखें टाइट करते हुए मिच ली....


अंकित को चूत पे गीला पन सॉफ महसूस हो रहा था...उसने अपना हाथ हटाया चूत के उपर से और घुटनो के बल बैठ गया और चूत को घूर घूर के देखने लगा...

रितिका की चूत फडक रही थी उसकी चूत की फाके हिल रही थी और खुल बंद सी हो रही थी....

अंकित ने ऐसा पहली बार देखा था अपनी ज़िंदगी में ... पॉर्न तो बहुत देखी थी..लेकिन उसने आज तक ऐसा कभी कुछ नही देखा था जो आज वो देख रहा है...


ये देखने के बाद अब जो वो करने जा रहा था वो खुद ब खुद हो रहा था ... उसका चेहरा चूत की तरफ बढ़ता गया.....और चूत के बेहद करीब पहुच के उसकी साँसे तेज हो गयी


चूत पे अंकित की गरम साँसे पड़ने से रितिका के शरीर में लग रही आग को और भड़का दिया और उससे जुलसने लगी...रितिका का हाथ खुद बा खुद नीचे की तरफ बढ़ता हुआ अंकित के सर पे चला गया...


अंकित ने अपनी जीब बाहर निकाली और जीब को आगे बढ़ा के चूत के एक हिस्से को उठाने की कॉसिश करने लगा..और वहाँ अपनी जीब से चाटने की कॉसिश भी करने लगा....(बिना अपने हाथ का इस्तेमाल करे)

रितिका को ये एहसास पहली बार हुआ था अपनी लाइफ में वो खड़े खड़े ही उछल सी रही थी उसके पंजे अपने आप उपर की तरफ उसे उठा रहे थे....


अंकित उस फाँक को उठा के वहाँ अपनी जीब से चाटने की पूरी कॉसिश कर रहा था जिसकी वजह से चूत में से निकल रहा रस उसके चेहरे और नाक में घुसने की कॉसिश कर रहा था..


फिर उसने अपनी जीब वहाँ से हटा ली और अपनी उंगलियों की मदद से दोनो फांकों को अलग कर के अंदर के रेड

रेड मास पे अपनी जीब रख दी और वहाँ के अदभुत टेस्ट के मज़े लेने लगा..


आहह (इस बार रितिका के मुँह से लंबी सिसकी निकल गयी और उसके हाथ अंकित के सर पे और कड़े हो गये)


अंकित ने अपनी जीब अंदर रख कर वहाँ घुमानी शुरू कर दी....चूत का छेद अंदर से कभी बंद होता तो कभी खुल जाता..अंकित को बड़ा मज़ा आ अरहा था ऐसे चूसने में...वो उस छेद के अंदर अपनी जीब फँसा देता और गोल गोल करके घुमाने लगता...इससे रितिका का तो हाल इतना बुरा था कि वो हाल उसकी चूत बयान कर रही थी ... चूत में से पानी बहने लगा...निकला हुआ पानी आधा मुँह के अंदर और आधा नीचे गिर रहा था...


उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ससिससिईईईईईईई अंकित..त.त.त..त्त.त्त..त........आहाहहहाहहहह

ऑश बबबी......ओह मययययययययी गो..द.द.द.................आइ अम्म डइनन्नग.ग.ग.......

(रितिका ने अंकित के सर को पकड़ के अपनी चूत की ओर बढ़ाने लगे)


अंकित ने अपना सर ढीला छोड़ रखा था इसलिए वो चूत पे चिपक सा गया...

अंकित के हाथ रितिका की थाइस को सहला रहे थे और उसकी जीब चूत के अंदर सहला रही थी......

कुछ 5 मिनट तक ऐसी चटाइ के बाद अंकित ने अपना सर हटाया.....


और फिर चूत के छेद को देखने लगा..और उसपे अपने होंठ रख के उसे चूसने लगा...


अहह नूऊऊऊऊऊ...ओह उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़....अंकित.त.त.त.....आइ आमम्म्ममम

डाइयिंग...प्लीज़.ए.....ससीसीईईईईईईईईईई आहह(रितिका तेज़ तेज़ गहरी सानें लेते हुए सिसकी ले रही थी...उसके चेहरे पे अपनी चूत की इतनी शानदार चटाइ का आनंद अलग ही नज़र आ रहा था)

क्रमशः...........................
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एक एक आहट "ज़िंदगी" की-67

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गतान्क से आगे..............


गतान्क से आगे..............

अंकित ने अपनी 2 उंगली उठाई और धीरे धीरे चूत की तरफ बढ़ता हुआ उसके छेद पे ले गया और घुसा दी अंदर...सर्र्र्र्र्र्र्ररर..करते हुए अंदर घाप स घुस गयी अंदर जाके चूत के छेद ने उसे पकड़ लिया मानो कह रही हो यहीं रह कहीं मत जा..लेकिन अंकित के ज़ोर लगाने की वजह से वो स्टूप्प्प्प्प्प पानी में भीगति हुई बाहर आ गयी.....

और फिर तो ये सिलसिला चालू हो गया.....होंठों के बीच फसा चूत का दाना और छेद में अंदर बाहर होती दो उंगलियाँ......

रितिका की तो बुरी तरह से बॅंड बज गयी...चूत में से तो आमरस बहता हुआ नीचे गिरा जा रहा था

रितिका पागलों की तरह सिसकियाँ ले रही थी...


आहह उूुुुुुुुुुउउ ओह....अंकित्त्त...यू अर्र वेरी बॅड.द...अहह ओह्ह्ह्ह उफफफ्फ़..........सीईईईईईईईईई ... आइ कॅन्न्न्ट टेक इट ममोरी....आइ आम जूसत्त.....अहह ओह्ह......(रितिका तेज़ तेज़ सिकियाँ ले रही थी उसके पैर कांप रहे थे)

ओह्ह्ह बाबाययी ईये एम्म कूम्म्मिणटज्ग्ग ...यस.स...आइ अम्म्म....जूसत्त......


इतना सुनते ही अंकित ने अपनी उंगलियाँ निकाल दी और अपना चेहरा चूत में घुसा दिया उसने और चाटने लगा...


रितिका का चेहरा पूरा लाल हो गया..और फिर

अहह फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़...आइ एम्म कमिंग...येस....ऊहह येस..............आहह

हह..........


और फिर उसकी कमर ने झटके पे झटके मारे.....और अपने हाथ से अंकित का सर चूत में कस के दबा दिया...और अपने शरीर का कामरस एक बार फिर बहाने लगी......अंकित ने बिना एक बूँद नीचे गिराए सारा अपने मुँह के अंदर भर लिया......


रितिका बुरी तरह से थक गयी थी उसने अपनी कमर मोड़ ली और नीचे की तरफ झूल गयी..उसके बाल आगे आ गये जिससे अंकित का चेहरा पूरा ढक गया...

फिर अंकित वहाँ से थोड़ा पीछे हुआ तो रितिका घिसती हुई नीचे बैठ गई अंकित ने अपने हाथ रितिका के शोल्डर्स पे रख दिए...

रितिका ने अंकित की आँखों में देखा और उसके सीने से तेज़ी से आ लगी..जिससे अंकित का बॅलेन्स बिगड़ गया वो पीछे ज़मीन पे गिरा और रितिका भी उसी के उपर जा गिरी....


कुछ देर दोनो ऐसे ही पड़ी रही........


उसके बाद रितिका बोली..


रितिका :- अंकित तुमसे कुछ कहना है


अंकित :- ह्म


रितिका :- मुझे 1 हफ्ते के लिए यूएस जाना है काम से...(बोलते हुए रितिका ने अपनी गर्दन उठा के अंकित को देखा


इतना सुनते ही अंकित की आँखें बड़ी हो गयी और वो भी घूर्ने लगा रितिका को..


रितिका :- मुझे ऑफीस के काम से 1 वीक के लिए यूएस जाना है (रितिका ने अंकित की तरफ देखते हुए कहा)


अंकित उसको घूरे जा रहा था.....कुछ मिनट तक उसे ऐसे ही देखने के बाद वो बोला..


अंकित :- मतलब आपसे 1 हफ़्ता दूर रहना पड़ेगा...आपसे उफ़फ्फ़...कैसे होगा यार...(मुस्कुराते हुए बोला)


रितिका के चेहरे पे भी मुस्कान आ गयी...क्यूँ कि उसे लग रहा था कि अंकित गुस्सा हो जाएगा...लेकिन रितिका मेडम आपको क्या पता आज अंकित को इतना प्यार आ रहा है आपके उपर की आज आप कुछ और भी बोलती तो भी इसे गुस्सा नही आता...

रितिका खुशी में आगे बढ़ी और अंकित के होंठो को अपने होंठों में क़ैद करके उसे बड़ा प्यारा एहसास छोड़ दिया...


20 मिनट बाद फ्रेश होकर दोनो कपड़े पहन कर रेडी हो गये और अंकित जाने के लिए रेडी था दोनो हॉल में खड़े थे..


अंकित :- अब...7 दिन बाद मिलना पड़ेगा..ओह्ह..कितना मुश्किल है ...


रितिका :- ह्म....इतना दिल मत लगाओ अगर कभी असलियत में हमेशा के लिए अलग होना पड़ा तो बहुत दुख होगा...(रितिका ने ये बात भले ही मज़ाक में कही हो क्यूँ कि वो जानती थी कि अंकित उसे कभी वो प्यार नही करेगा...)


एक औरत अपना दिल बड़ी जल्दी दे बैठी है अगर कोई भी मर्द उसे ज़रा सा भी प्यार दे दो तो बिना उसकी उमर देखे लेकिन कभी खुद ही नही दिखाती...(सच औरत का दिल बेहद नाज़ुक और कोमल होता है कभी झाँक के असलियत देखो तो सॉफ पता चलेगा)




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Sexi Rebel
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एक एक आहट "ज़िंदगी" की-68

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लेकिन ये बात अंकित को थोड़ी चुभि..वो भी जानता था क्यूँ पर उसे कुछ हुआ... एक अजीब सा एहसास...वो आगे बढ़ा और कस के रितिका को अपनी बाहों में जाकड़ के उसे ये दर्शाया कि ऐसा नही होना चाहिए कभी भी....रितिका का चेहरा थोड़ा सा गंभीर हो गया आँखों में पानी उभर आया पर अपने आप को उसने एक मजबूत लड़की की तरह कंट्रोल किया..और फिर मस्ती करते हुए बोली..


रितिका :- अरे छोड़ दे..अगर किसी ने देख लिया तो कहेंगे की शरम नही आती अपने स बड़ी उमर की औरत के साथ मज़े ले रहा है...


अंकित ने उसे अपने से अलग किया और वो भी हँसने लगा...


अंकित :- ह्म्म चलता हूँ... (बोलते हुए उसने माथे पे एक प्यारी सी किस दी)


और मूड के गेट खोलने ही लगा था...कि रितिका ने उसके कंधे को पकड़ के पीछे मोड़ा और फिर अपने होंठ अंकित के होंठों से जोड़ दिए और बड़े ही प्यारे तरीके से दोनो एक बार फिर उस किस में खो गये और एक दूसरे के होंठों को चूमने चाटने लगे..


रितिका :- (हान्फते हुए) मिस यू अंकित..


अंकित :- मी टू...


और फिर गेट खोल के चला जाता है और रितिका उसे गेट पे खड़ी टाटा करती है और फिर गेट बंद कर देती है...


अंकित सोचते हुए धीरे धीरे....चल रहा था..


आख़िर रितिका की उस बात पर क्यूँ मुझे ऐसा लगा कि कोई अपना डोर चला जाएगा आख़िर ऐसा क्यूँ..कहीं मुझे उससे प्यार..नही नही..ये तो पासिबल ही नही है यार..ऐसा नही हो सकता...

(बोलता हुआ पॉकेट से अपना फोन निकालता है ये सोच के कि रितिका को एक मसेज कर देगा लेकिन जब उसे दिखता है फोन में 8 मिस कॉल थी वो चोंक जाता है आज से पहले इतने मिस कॉल कभी नही आई थी उसके फोन में)


उसने फ़ोन चेक किया..


अंकित :- दिशा...इसको आज क्या हुआ जो इतने फोन कर दिए...फोन कर के पूछूँ तो सही...(वो कॉल करता है 10 सेकेंड तक रिंग बजती है और फिर फोन पिक होता है सामने से)


ओहो मिल गया टाइम मिस्टर चेकाउट को..वैसे तो मार्केट में इतनी बड़ी बातें बोल रहे थे..कि कभी कॉंटॅक्ट नही रखा ये आंड वो और अब देखो खुद रिसीव ही नही करना था फोन जब सामने से खुद मेने किया वो भी कितनी बार.....

(फोन पिक होते ही दिशा ने तो अपना शुरू कर दिया)


अंकित अपने मन में...ये लड़कियाँ इतना सब इकट्ठा करती कहाँ से हैं और कहाँ से कहाँ की बात को जोड़ के कैसे उसका एक निबंध तैयार करके सुनाने लगती है..


अब क्या में ही बोलती रहूंगी कि तू भी कुछ बोलेगा....दिशा ने फाइनली बोलते हुए यहाँ स्टॉप किया..


अंकित :- बोलूँगा तो तभी जब तू चुप होगी...बोलने का मौका तो दे...


दिशा :- यॅ यॅ वॉटेवर....अच्छा ये बता फोन क्यूँ नही पिक किया था मेरा..


अंकित :- बस थोड़ा बिज़ी था?


दिशा :- ऐसा क्या कर रहा था....(शकिया अंदाज़ में)


अंकित :- नतिंग...बस ऐसे ही फोन पे ध्यान नही गया साइलेंट पे था...(नॉर्मल वे में आन्सर देते हुए)


दिशा :- रहने दे मुझे सब पता है....


अंकित चलते चलते रुक गया दिशा की ये बात सुन के...


अंकित :- क्क्...क्या...आ..आ पत्त्त..आ..आ... है....ई.. (थोड़ा हकलाते हुए)


दिशा :- क्क्या क्या पता है..मुझे सब पता है कि लड़के अपना फोन साइलेंट पे कब रखते हैं..


अंकित :- कब रखते हैं..


दिशा :- जब वो पॉर्न देखते हैं...हाहहहहहहाः...(बोल के हँसने लगी)


अंकित भी इधर मुस्कुरा पड़ा...और सोचने लगा...सच में ग़ज़ब की लड़की है यार इसे तो कोई डर नही लगता कि क्या किसके सामने क्या बोल रही है...


अंकित :- चल हॅट ऐसा नही है..में पॉर्न नही देखता..


दिशा :- व्हाट...तू नही देखता..में तो मान ही नही सकती..


अंकित :- अरे इसमे मानने वाली बात क्या है नही देखता ... बोरियत हो गयी है..बार बार एक ही चीज़..(अब अंकित भी पूरा फ्रॅंक होके बोल रहा था अब जब लड़की ही खुलेआम बोल रही है तो लड़के को क्या शरम)


दिशा :- ओह्ह बोरियत फिर भी तुम लड़के उसी चीज़ के पीछे भागते हो..


अंकित :- ओह्ह रियली.....तो फिर तुम लड़कियाँ भागने की वजाय पास क्यूँ नही आ जाती..

(नहले पे दहला फेंकने वाली बातों में कोई इन जनाब से सीखे)

क्रमशः...........................

..
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