चुदाई घर बार की complete

Post Reply
Jemsbond
Super member
Posts: 6659
Joined: 18 Dec 2014 12:09

Re: चुदाई घर बार की

Post by Jemsbond »

फ़रज़ाना के जाने के बाद मैं फिर से चारपाई पे लेट गया और अपने लंड को सलवार से निकल के सहलाने लगा और बिल्लो के नंगे और सेक्सी जिस्म को ध्यान मैं रख के आहें भरने लगा

लेकिन इस के साथ मुझे काफ़ी हेरनी भी हो रही थी की आख़िर बिल्लो है क्या चीज़ क्यूंकी जिस तरह उस ने बिना झिझके मेरे सामने ब्रा और पनटी उतार के नंगी हुयी थी उस की वो बात ही मुझे हेरान कर देने के लिए काफ़ी थी जिस से मुझे अब बिल्लो पे शक़ हो रहा था की वो अब कच्ची कली नहीं है बल्कि फूल बन चुकी है और अपना रस भी किसी को पीला चुकी है

(मैं बस अपने लंड को प्यार से आहिस्ता आहिस्ता सहला ही रहा था लेकिन मूठ नहीं लगा रहा था)
इन ख्याल मैं कितना वक़्त गुज़रा पता ही नहीं चला की फरी बाजी भी खेतों मैं आ गई और मुझे इस तरह अपना लंड हाथ मैं लिए हिलाते देख के बोली विक्की थोड़ी तो शरम किया करो ये सब करना होता है तो सामने रूम मैं चले जाया करो यहाँ अच्छा नहीं है

मैं बाजी की आवाज़ सुनके के चौंक गया और साथ ही उठ क बैठ गया तो बाजी को मुस्कुराता देख के बोला यार बाजी क्या बताऊ आज बड़ी खुमारी चढ़ रही है इस लिए ध्यान ही नहीं रहा

बाजी मेरी बात सुनके के हँसती हुयी आगे बढ़ी और बोली क्यूं भाई कहीं छोटी पे तो गरम नहीं हो रहे क्यूंकी वो ही यहाँ से गई है और अब तुम अपने हत्यार को सहला रहे हो

मैने हंसते हो अरे नहीं बाजी फ़रज़ाना नहीं उस की सहेली बिल्लो गरम कर गई है साली पूरा नंगा जिस्म दिखा गई है तो बाजी हेरान हो के बोली क्या मतलब ज़रा पूरी बात बता मुझे

मैने बाजी को सारी बात बता दी जो कुछ हुआ था तो बाजी ने मेरा हाथ पकड़ के मुझे उठाया और रूम मैं ले गई और मुझे कपड़े उतरने को बोली तो मैं खुश हो गया

लेकिन तभी बाजी ने कहा ज़्यादा खुश होने की ज़रूरत नहीं है अभी सिर्फ़ ऊपर ऊपर से ही मैं तुम्हें फारिघ् कर देती हूँ कुछ करने नहीं दूँगागी क्यूं जो भी होगा आज रात को ही होगा

मैं बाजी की बात से हेरान हुआ तो बाजी ने कहा अभी कुछ पूछना नहीं क्यूंकी ये भी सर्प्राइज़ है और अपने कपड़े उतार के नंगी हो गई और मेरी तरफ बढ़ने लगी तो मैं चारपाई पे लेट गया जो के रूम मैं ही पे पड़ी हुआ थी

बाजी मेरे पास आयी और नीचे बैठ के अपने हाथ मैं मेरा लंड पकड़ लिया और और फिर थोडा नीचे को झुकी और अपना मूह मेरे लंड की तरफ झुकाके हल्की किस कर दी मेरे लंड पे

उस के बाद बाजी ने आहिस्ता से अपना मूह खोला और मेरे लंड को अपने मूह मैं ले क चूसने लगी और अपना एक हाथ नीचे ले जा कर मेरे लंड क नीचे की गोलियों को सहलाने लगी और कभी चाटने लगती जिस से मेरा मज़े के मारे बुरा हाल होने लगा

और मेरे मूह से आअहह बाजिीइईईईईई ऊऊहह मैं ग्याआ बाजी ये क्या कर रही हूऊऊऊऊ उनम्म्ममह मेरिइईईईईईई बाजिीइईईईईईई पूरा मूह मैं लो

पल्ल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ की आवाज़ करने लगा और साथ ही बाजी का सर अपने लंड की तरफ दबाने लगा की
तभी मुझे लगा की मेरा पानी निकालने वाला है तो मैने बाजी का सर ज़ोर से अपने लंड की तरफ दबा दिया और अपना लंड अपनी बड़ी बहन के मूह मैं घुसने की कोशिश करने लगा मेरे जिस्म को झटका सा लगा और मेरे लंड ने पानी निकल दिया जो की सारा मेरी बहन के मूह मैं गिरा और कुछ होठोंस पे लग गया तब मैं आअहह की आवाज़ निकलते ही बाजी का सर छोड के अपनी आखें बंद कर के लेट गया

थोड़ी देर बाद बाजी मुझे हिलाया और बोली चलो भाई उठो अब और खुद बाहर निकल गई तो मैने भी उठ के अपनी सलवार बांधी और बाहर निकल के बाजी के पास जा के बैठ गया जो के चारपाई पे बैठ चुकी थी और बाजी का हाथ पकड़ के बोला बाजी आप ने बताया नहीं की आज रात क्या ख़ास्स बात ह गी

बाजी मेरी बात सुनके के हंस पड़ी और बोली अरे मेरी जान इतना परेशान होने की कोई बात नहीं बस मज़ा ही कराईंगे हम और वो भी घर पे ही लेकिन किस तरह ये मत पूछना क्यूंकी मैं नहीं बताउंगी मैं बाजी की बात से ये तो समझ गया था की बाजी का इरादा पूरी रात चुदवाने का है

लेकिन ये सब होगा किस तरह सब घर वालों की मोजूदगी मैं ये समझ नहीं आ रही थी क्यूंकि 1 आध रात का तो कोई मसाला ही नहीं था जब चाहे कर सकते थे

लेकिन पूरी रात ये समझ नहीं आ रहा था खैर मैने अपना सर झटका और बाजी की तरफ मुस्कुराके और बोला ठीक है बाजी मैं अब आप से कुछ नहीं पूछूँगा और रात के होने का इंतज़ार करूँगा

बाजी भी मुस्कुराते हुए मेरी गॉल खींच के बोली हाँ भाई ये ही अच्छा है की तुम अभी कुछ ना बोलो और फिर उस के बाद हम दोनो इधर उधर की बातें करते रहे की अचानक बाजी ने कहा विकी क्या तेरा दिल कर रहा बिल्लो के साथ करने के लिए.

मैने बाजी की तरफ देखा और बाजी की आँखों मैं मुस्कान देख के हिम्मत पकड़ी और हाँ मैं सर हिला दिया और बोला लेकिन बाजी ये सब होगा कैसे बाजी ने कहा विक्की ये काम तुम मुझ पे छोड दो कल का दिन तो नहीं परसों बिल्लो को मैं तुम्हारे पास भेज दूँगागी तो दिल खोल के मज़े करना वो तुम्हें मना नहीं करेगी ठीक है

जहाँ बिल्लो का सुनके कर के परसों उस की चुत मेरे सामने होगी खुशी हुयी वहाँ थोड़ी हेरनी भी हुयी की आख़िर बाजी बिल्लो को किस तरह मनाईंगी मेरे लिए और वो किस तरह बाजी की बात मान के मेरे चुदवाने आएगी और ये बात मैने बाजी से भी बोली की बाजी बिल्लो को आप मानोगी किस तरह बाजी मेरी बात सुनके के हंसते हो बोली अरे मेरे भोले भाई तुम क्या समझते हो की

अगर तुम्हारी बहन या रीदा अपने ही भाइयों से चुदवा सकती हैं तो क्या बिल्लो को किसी का लंड अपनी चुत के लिए नहीं मिल सकता बाजी की बात सुनके के मैने थोडा हेरनी से बाजी की तरफ देखते हो बोला लेकिन बाजी बिल्लो तो फ़रज़ाना से कोई 1 साल ही बड़ी होगी तो क्या वो अभी से इन सब चक्कर मैं पड़ चुकी है

बाजी मेरी बात पे हहेहेहेहहे कर के हंसते हो बोली भाई तुम किस दुनिया मैं रहते हो यहाँ तो फ़रज़ाना से 2 3 साल छोटी लड़कियाँ भी बड़े बड़े लंड पूरे मज़े से अपनी चुत मैं ले के चुदवाती हैं

उस के बाद मैं चुप हो गया और सोच मैं पड़ गया की अगर बिल्लो जो की मेरी छोटी बहन की सहेली है और बाजी के कहेअनुसार पूरा मज़ा ले चुकी है तो क्या मेरी छोटी बहन फ़रज़ाना भी यहाँ तक आ के मेरा जहन इस बात को मानने से इनकार कर देता की नहीं मेरी छोटी बहन ऐसी नहीं हो सकती
शाम तक मैं इन्ही सोचों मैं गुम रहा और बाजी ने भेंसों को चारा पानी डाला उस के बाद दूध भी निकल लिया तो हम दोनो बहन भाई घर की तरफ चल दिए और घर पहुँच के देखा की अबू आ चुके थे लेकिन सर दर्द की वजा से चारपाई पे लेते आराम कर रहे थे तो मैने भी अबू का हाल चाल पूछा और फिर सब ने रात का खाना खाया तो
अम्मी ने फरी बाजी को बोला की चलो बेटी आज तुम्हारे अबू की तबीयत ठीक नहीं तो तुम ही मेरे साथ खेतों पे चलो

बाजी ने फॉरन ही अम्मी से कहा की अम्मी मेरी भी तबीयत खराब है कल से ये तो अबू नहीं थे और भाई को दूध निकलना नहीं आता था तो मुझे जाना पड़ा आप फरीदा को ही अपने साथ ले जाओ

अम्मी बाजी की बात सुनके के सोच मैं पड़ गई और फिर फ़रीदा को ही साथ ले के चली गई तो अबू ने फरी बाजी से कहा की उन को ज़रा सहारा दे कर उन के रूम मैं ले चलो तो मैं भी उठा और अबू को सहारा दे के उन के क रूम की तरफ चल दिया और जब मैं और बाजी अबू को ले के उन के रूम मैं दाखिल हो तो अबू सीधे हो के खुद ही अपने बिस्तेर पे चले गये

अबू के इस तरह सीधे होने पे जहाँ मैं हेरान हुआ तो वहीं बाजी के फेस पे स्माइले आ गई और बाजी ने मुझे देख के बोली भाई मेरा ख्याल है की तुम भी आज रात यहाँ अबू के पास ही सो जाओ

मैने हाँ मैं सर हिलाया और अबू के करीब बिछे बिस्तेर पे लेट गया जो की अम्मी का था तो बाजी हम दोनो को रूम मैं ही छोड के निकल गई और हम दोनो छत की तरफ देखते हो चुप लेटे रहे

हम दोनो मैं से कोई भी एक दूसरे की तरफ ना तो देख रहा था और ना ही कोई बात कर रहा था कोई 1 घन्टेसे ऊपर ही टाइम गुज़र चुका था हमें इस तरह लेते हुए की तब जा के बाजी रूम मैं आयी और दरवाजे को अंदर से लॉक कर दिया और हुमारी तरफ देख के मुस्कुराने लगी
बाजी भी थोड़ी देर तक हुमारी तरफ देख मुस्कुराती रही और फिर अपनी क़मीज़ पकड़ के उतार दी तो अबू उठ के बैठ गये . बाजी ऊपर से बिलकुल नंगी हो गयी बिना ब्रा के

फिर बाजी ने अपनी सलवार भी निकल दी और हुमारी तरफ देखने लगी तो मैं भी उठ बैठा और बाजी को बिना कपड़ों के सिर्फ़ पनटी मैं अपने बाप और भाई के सामने खड़ा देखने लगा तो बाजी ने अपने हाथ अपनी पनटी पे रखे और पनटी निकालने लगी

पनटी उतार के बाजी हुमारे करीब आ गई और हुमारी तरफ देखते हो बोली क्यूं जी आप कपड़े नहीं उतरोगे क्या तो अबू ने मेरी तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दिए तो मैं भी सर झुका के हल्का सा हंस दिया तो

अबू बिस्तेर से उतरे और अपने कपड़े उतरने लगे तो बाजी ने कहा चलो भाई अब तुम भी अपने कपड़े निकालो इसी तरह बैठे रहगे यहाँ , बाजी की बात सुनके के मैं भी उठ बैठा और अपने कपड़े उतार के साइड मैं फैंक दिए

तो बाजी बारी बारी हम दोनो बाप और भाई के लंड को देख के मुस्कुराने लगी
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
*****************
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
*****************
Jemsbond
Super member
Posts: 6659
Joined: 18 Dec 2014 12:09

Re: चुदाई घर बार की

Post by Jemsbond »

इस तरह अपने लोड़ों की तरफ देखता पा के मैने बाजी का हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया और जैसे ही बाजी मेरे सीने से लगी
मैने जौर दार बाजी को किस की और फिर बाजी को बिस्तेर पे धक्का दे के गिरा दिया और बाजी की टांगे पूरी तरह खोल दीं जिस से बाजी की चुत हुमारे सामने खुल के आ गई बाजी की चुत जिस पे हल्के बाल भी थे

उसे देख के अबू थोडा आगे बढ़े और अपने हाथ की फिंगर से बाजी की चुत को सहलाने लगे थोड़ी देर तक अबू बाजी की चुत को इसी तरह सहलाते रहे और फिर मेरी तरफ देख के हल्का सा मुस्कुराए और बाजी की चुत की तरफ इशारा किया तो मैं भी हल्का सा मुस्कुरा के अपनी बड़ी बहन की चुत पे थोडा सा झुका और और बाजी की चुत के होठों से अपने होंठ मिला दिए और बाजी की चुत को चाटने लगा जिस से बाजी पूरा जिस्म मचलने लगा

मैं जैसे जैसे बाजी की चुत को चाट रहा था बाजी के मूह से आआहह भाईईइ उंन्नमममह खा जाओ अपनी बहन की चुत कूऊऊऊऊओ ऊओह मेरे ईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ के साथ बाजी अपनी चुत को भी उठा के मेरे मूह की तरफ दबाने लगी

कुछ देर तक मैं बाजी की चुत को चुत चाटता रहा और अबू भी बाजी के बूबस को दबाते और सहलाते रहे और बाजी आअहह अबू दबाओमेरे बूबस ज़ोर सीईए पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़् आआहह भाईईईईईईईईईई मैं गैिईईईईईई की आवाज़ करती रही और फिर बाजी की चुत से पानी निकला जो की सारा मेरे मूह मैं गिरा जिसे मैं चाटके सॉफ कर गया

बाजी के फारिघ् होते ही अबू ने बाजी के बूबस को छोड़ा और बाजी के साथ ही लेट गये और बाजी को अपने लंड की तरफ इशारा किया तो बाजी उठी और अबू के लंड को हाथ मैं पकड़ लिया और मुस्कुराते हुए अबू के लंड की तरफ देखने लगी और अबू के लंड को अपने मूह मैं लेने लगी

बाजी थोड़ी देर तक अबू के लंड को अपने मूह मैं ले के चुस्ती और चाटती रही और अबू आअहह फरीईईई बेटिईई आराम से ऊऊहह मेरी जान की आवाज़ निकलते रहे

और फिर अबू ने बाजी के मूह से अपना लंड निकल लिया और खुद उठ के बैठ गये और बाजी को बिस्तेर पे लिटा दिया और खुद बाजी की टाँगों को खोल के दरमियाँ बैठ गये और अपना लंड अपनी ही बड़ी बेटी की चुत पे रख दिया


बूबस को सहलाने लगा के तभी अबू ने अपना लंड थोडा पीछे किया और फरी की चुत के सोराख पे टीका के हल्का सा झटका दिया तो अबू के लंड की कॅप बाजी की चुत मैं बड़े आराम से घुसती चली गई
क्यूंकि अब्बू का लंड बहुत छोटा और पतला था मेरे लंड से आधा ही रहा होगा

और बाजी के मूह से आअहह की आवाज़ निकली तो अबू ने बाजी की टाँगों को पूरा उठा के अपनी पूरी ताक़त लगा के के झटका दिया तो अबू का लंड बाजी की चुत मैं पूरा घुसता चला गया और बाजी आअहह अबू आप कितने अच्छे हो

उनम्म्मह चोदो मुझे अबू ऊऊहह आजज्ज अपनी बेटी की चुत को पूरी जान से चोदो की आवाज़ निकालने और अपनी गांड को अबू के लंड की तरफ दबाने लगी
जिस से अबू का लंड पूरी तरह बाजी की चुत मैं जा घुसता और अबू फिर से अपना लंड बाजी की चुत से निकलते और एक बार फिर ताआप्प्प्प्प्प से वापिस अपनी बेटी की चुत मैं घुसा देते

थोड़ी देर बाद अबू ने बाजी की चुत से अपना लंड बाहर निकल लिया और बाजी को डोगी बना के बाजी क चौतरों को अपने हाथों से खोला और अपने लंड को बाजी की चुत पे सेट किया और फिर बड़े प्यार और आराम से बाजी की चुत मैं घुसा के चोदने लगे

अबू और बाजी की इस चुदाई ने मुझे इतना ज़्यादा गरम कर दिया था की मुझसे और ज़्यादा बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था तो मैं उठा और आगे जा के बाजी क नीचे घुस गया और मेरा लंड बाजी के मूह के पास आ गया जिसे बाजी ने मुस्कुराते हो पकड़ लिया और मूह मैं ले के चूसने लगी

अब बाजी मेरा लंड मूह मैं लिए चूस रही थी और अबू बाजी की चुत मैं लंड घुसा के चोद रहे थे


कोई १-२ मिनट तक इसी तरह लगातार चुदाई के बाद अब्बू जल्दी ही बाजी की चुत पे फारिग हो गए
मेरा लंड अब बाजी के चूसने से बहुत ज्यादा कड़ा हो गया था.

तो बाजी ने पास पड़े कपडे से अब्बू का माल अपनी चुत से साफ़ किया और बोली भाई जान मुझे चोदो जल्दी से............ अब्बू ने मेरे चुत पे आग लड़ा दी है.

मै अब बाजी की टांगो को छोड़ा कर के उसकी चुत के मुह पे अपना मोटा बड़ा लंड रख के एक हल्का से झटका दिया तो बाजी की मुह से हलकी चीख निकल गयी.

मेने धीरे से अपना लंड अब बाजी की चुत पके अंदर डालना चालू किया. बाजी अब पूरे मज़े मै आ गयी थे. और ओह्ह्ह्हआह्ह्ह के आज निकल रही थी

चोद मुझे मरे भाई..बुझा दे मेरी चुत के आग... जो अब्बू ने लगा दी है.. हाँ भाई अपने मोटे लंबे लंड से चोद मुझे..

बाजी के बातें सुनके मुझे भी जोश आने लगा . और मै जोर जोर से बाजी की चुत मरने लगा.. मेने पीछे मुड के देखा तो अब्बू चारपाई पे लेटे हुए जोरजोर से साँस ले रही थे... उनकी आखों में मेने थोडा शर्मिदी दिखी थे

मैं बाजी की चुत मैं ही फारिघ् हो गया. अब्बू अभी भी तेज तेज सांसे ले रहे थे... और हम दोनों को देख रहे थे

आज मुझे इस बात का पता चाल गया था की अब्बू मै अब ज्यदा सेक्स स्टैमिना नहीं है. शायद बाजी ने इसी बात का फायदा उठाया है.

और दूसरा की अगर अम्मी को मेरे लंड की ताकत पता चल गयी तो वो भी मुझसे चुदवा सकती हैं

उस रात अबू ने एक बार और मैने दो बार बाजी की चुत मारी और उसके बाद मैं अपने रूम मैं और बाजी अपने रूम मैं जा के सो गई और सुबह जब मैं उठा तो 9 बज चुके थे तो मैं जल्दी से उठा और नहा के बाहर आ के सीधा रूम मैं चला गया

तो अम्मी जो की मुझे जागता देख चुकी थी मेरे लिए नाश्ता ले आयी और नाश्ता मेरे सामने चारपाई पे रखने के लिए झुकी तो मेरी नज़र सीधी अम्मी के गिरेबान मैं बिना ब्रा के बूबस पे जा अटकी जो की अम्मी के झुकने कीवजह से लटक रहे थे और हल्के से हिल भी रहे थे लेकिन ये नहीं के अम्मी के बूबस कोई ज़्यादा ढीले हूँ

ये नज़ारा देख के मेरा लंड एक बार फिर से अंगड़ाई लेने लगा की तभी अम्मी मेरी तरफ देख के बोली विक्की क्या बात है बेटा कहाँ गुम हो

मैं अम्मी की बात सुनके के चौंक सा गया और हड़बड़ा के अपनी आखें अम्मी की तरफ से हटा के बोला नहीं कहीं नहीं अम्मी भला मैं कहाँ गुम हूँ और नाश्ते की तरफ हाथ बढ़ाया ही था क अम्मी की बात सुनके के मेरे हाथ मैं पकड़ा नीवाला गिर गया लेकिन मैने जल्दी से अपने आप को संभाला

अम्मी .... बेटा क्या बात है आज रात लगता है तुम्हें और फरी को नींद नहीं आयी है क्यंकि वो भी काफ़ी देर से जागी है और लगता है तुम्हारे अबू भी रात ठीक से नहीं सोए हैं
मैं... डब्ल्यू...वो नहीं अम्मी बस रात को हम सब बैठे शहर की बातें करते रहे शैयद इसी लिए

अम्मी... मेरी आँखों मैं देखते हो अच्छा तो ये बात है लगता है की तुम्हारे अबू भी तुम लोगों के साथ मिल के बातें हांकने लगे हैं

मैं अम्मी की बात कोई जवाब नहीं दे सका और सर झुका के खामोशी से नाश्ता करने लगा और नाश्ते के बाद जब अम्मी एक बार फिर से झुक के बर्तन उठाने लगी तो मेरी नज़र अम्मी के बूबस जो की अम्मी की क़मीज़ का गला खुला होने की वजह से कुछ ज़्यादा ही नज़र आ रहे थे बोली मुझे अपने बूबस को घूरता देख के हल्का सा मुस्कुरा दी और बोली बेटा कभी मेरे साथ भी थोड़ी गप लगा लिया करो आख़िर मैं भी तुम्हारी अम्मी हूँ

इतना बोलते वक़्त अम्मी के फेस पे बड़ी अजीब सी मुस्कान नज़र आ रही थी जो की मुझे बहुत कुछ सोचने पे मजबौर कर रही थी तो मैं भी हल्का सा मुस्कुरा दिया और बोला जी अम्मी क्यूं नहीं

अम्मी मेरी बात सुनके के थोडा खुश हो गई और बर्तन उठा के बाहर निकल गई तो मैं उठा और बाहर जाने की तैयारी करने लगा तो फरी बाजी जो की अभी तक खेतों मैं नहीं गई थी मेरे रूम मैं आ गई तो मैने बाजी को देखते ही कहा बाजी लगता है अम्मी को हुमारे बारे मैं शक़ हो गया है

बाजी हाँ मैं सर हिलाते हो बोली हाँ भाई मुझे भी कुछ ऐसा ही लगता है क्यूंकि अम्मी आज बड़ी अजीब निगाहों से मुझे घूरती रही हैं इसी लिए तो मैं यहाँ आयी हूँ तुम से बात करने

मैने भी अभी अम्मी से होने वाली सारी बातें बाजी को बता दीं तो बाजी ने कहा चलो ठीक है अबू से बात करती हूँ देखो क्या होता है और बाहर जाने लगी तो मैने कहा बाजी अगर खेतों की तरफ जा रही तो मैं भी चालों आप क साथ तो बाजी ने हाँ मैं सर हिला दिया
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
*****************
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
*****************
Jemsbond
Super member
Posts: 6659
Joined: 18 Dec 2014 12:09

Re: चुदाई घर बार की

Post by Jemsbond »

मैं और बाजी एक साथ घर से निकले और खेतों की तरफ चल दिए अभी हम थोड़ी दूर ही गये थे की पीछे से बिल्लो की आवाज़ सुनाई दी जो बाजी को रुकने के लिए बोल रही थी बिल्लो की आवाज़ सुनके के हम दोनो रुक गये और बिल्लो के पास आने का इंतजार करने लगे तो बिल्लो ने पास आते ही बाजी को कुछ इशारा किया तो बाजी ने मेरी तरफ देख के कहा भाई तुम चलो आगे मैं आती हूँ

मैं बाजी की बात सुनके के खेतों की तरफ चल दिया और बाजी बिल्लो के साथ आहिस्ता आहिस्ता
बातें करती मेरे पीछे आने लगी मैं खेतों मैं पहुँच के चारपाई पे बैठ गया और बाजी का इंतज़ार करने लगा जो की थोड़ी ही देर मैं बिल्लो क साथ वहाँ आ गई और

तभी अबू भी चारा उठाए वहाँ आ गये और बिल्लो को वहाँ देख के मुस्कुरा दिए और बोले क्या बात है आज तो बिल्लो भी आयी है

बिल्लो भी अबू को देख के मुस्कुरा दी और बोली क्यूं चाचा जी लगता है अब आप की हर ज़रूरत फरी से ही पूरी हो जाती है जो आप को इतने दिनों से मेरी याद नहीं आयी और हल्का सा मुस्कुरा दी

बिल्लो की बात ने मुझे हेरात का एक झटका दिया क्यूं की बिल्लो की बातों से साफ़ ज़ाहिर हो रहा था की बिल्लो को ना सिर्फ़ अबू और फरी की चुदाई के बारे मैं पता है बल्कि मुझे अब ये भी यक़ीन हो रहा था की बिल्लो खुद भी अबू से चुदवा चुकी होगी जो के मेरे लिए शॉकिंग था

बिल्लो की बात सुनके के अबू ने मेरी तरफ देखा और बिल्लो से बोले अरे नहीं बेटी भला तुम को मैं कैसे भूल सकता हूँ तुम तो जान हो मेरी और ये सब तुम्हारी ही वजह से तो हुआ है

बाजी अब आजे बढ़ी और अबू की तरफ देख के बोली अबू बिल्लो बोल रही है की उसे थोडा टाइम व्क्कि के साथ गुज़रना है अबू बाजी की बात सुनके के बोले ठीक है बेटी ऐसा करो तुम तीनो अंदर रूम मैं चले जाओ और मज़े करो

मुझे अभी बहुत सारा काम करना है और वैसे भी मैं

काफ़ी थका हुआ हूँ अबू की बात सुनके के बाजी ने मेरी तरफ देखा और बोली भाई तुम बिल्लो के साथ रूम मैं चलो मैं अभी आती हूँ

बाजी की बात सुनके के मैने बिल्लो की तरफ देखा जो मेरी तरफ ही देख रही थी तो मैं हल्का सा मुस्कुरा दिया और बिना कुछ बोले रूम की तरफ चल दिया तो बिल्लो भी मेरे साथ मेरे पीछे ही रूम मैं आ गई

रूम मैं आते ही मैने बिल्लो के हाथ पकड़ के उसे चारपाई पे बिता दिया और बोला तो

ये तुम थी जिस ने फरी बाजी को अबू से चुदवाने मैं मदद की थी

बिल्लो हल्का सा मुस्कुरा दी और बोली जी विक्की जी अगर मैं फरी की मदद ना करती तो तुम लोग अभी तक इतना खुल के सेक्स का मज़ा नहीं ले पाते तो मैं भी बिल्लो की बात सुनके के

हल्का सा हंस दिया और खड़ा हो के अपने कपड़े उतरता हुआ बोला हाँ ये तो तुम्हारा एहसान है हम पे और आज मैं तुम्हारे उस एहसान के बदले मैं तुम्हारी चुत को ठंडा करूँगा

मैने अपनी सलवार उतरी और बिल्लो के नज़दीक अपना खड़ा लंड कर दिया तो बिल्लो मेरा इतना बड़ा लंड देख की दंग रह गयी, उसके चेहरे पे हलकी सी मुस्कान आ गयी

बिल्लो ने भी बिना देर किए अपना मूह खोला और अपनी ज़ुबान निकल के मेरे लंड की कॅप पे घूमने लगी बिल्लो के इस तरह लंड की कॅप पे ज़ुबान घूमने से मेरे मूह से आआहह की आवाज़ निकल गई तो बिल्लो ने अपना सर उठा के मेरी तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दी

और फिर मेरे लंड को छोड क खड़ी हो गई और मुझे अपनी जगह चारपाई पे लिटा दिया

खुद साइड मैं बैठ के मेरे लंड पे झुक गई और अपना मूह खोल क मेरे लंड को मूह मैं भर के चूसने लगी
थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसने के बाद बिल्लो ने मेरा लंड छोड दिया और मेरी तरफ देखने लगी तो मैं भी उठ के बैठ गया और उसे अपनी तरफ खींच के अपने साथ चिपका लिया और किस करने लगा

किस करते वक़्त उस के मूह मैं अपनी ज़ुबान घुसा के किस करता रहा और फिर हम दोनो अलग हो गये तो मैं बिल्लो की तरफ देख के बोला

क्या कपड़े उतरे बिना ही चुदवाना है क्या तो बिल्लो भी हंस दी और सीधी हो के कपड़े उतरने लगी

बिल्लो अपनी सलवार भी उतरती जा रही थी और मेरी तरफ देख हल्का सा मुस्कुरा भी रही थी जिस से मेरा लंड फटने की हद तक जा पहुँचा था और फिर बिल्लो अपनी सलवार उतार के साइड मैं रख के लेट गई
बिल्लो को इस तरह लेटा देख मैं हल्का सा मुस्कुरा दिया और उसके करीब बैठ गया और बोला क्या क़मीज़ नहीं उतरोगी अपनी तो वो हल्का सा हंसते हो बोली

क्यूं क्या सिर्फ़ अपनी बहन के कपड़े ही उतार सकते हो मेरे नहीं उतरोगे तो मैने अपना हाथ आगे बढ़ाया और बिल्लो की क़मीज़ को पकड़ के निकल दिया तो वो सिर्फ़ ब्रा और पनटी मैं ही मेरे सामने रह गई तो

तभी मेरी नज़र पहली बार बिल्लो की पनटी पे पड़ी जो की उस की अपनी चुत के पानी से गीली हो रही थी
बिल्लो की पनटी को चुत वाली जगह से देख के मेरा अपना भी हाल खराब होने लगा और मैं बिल्लो के साथ लेट गया और उसे अपनी तरफ खींच के अपने सीने से लगा लिया और किस करने लगा

थोड़ी देर तक हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे को किस करते रहे और अपने हाथों से भी एक दूसरे को सहलाते और मसालते रहे तो उस के बाद मैने बिल्लो को खुद से अलग किया

और उस का फेस दूसरी तरफ घुमा के पीछे से चिपक गया और अपना लंड बिल्लो की गांड जो के अभी तक पनटी मैं फँसी हुयी मेरे सामने थी टीका दिया और अपने हाथ बिल्लो के बूबस पे रख के दबाने लगा और पीछे से हिलने लगा

तभी फरी बाजी भी रूम मैं इन हो गई जिसे देख के मैं बिल्लो से थोडा पीछे हट गया और बाजी की तरफ देख के बाजी को भी पास आने का इशारा किया

बाजी भी हुमारे पास आ गई तो मैने बिल्लो की तरफ देखते हो कहा चलो यार अब ये बाकी के बचे हो कपड़े भी निकल दो और खुद बाजी के कपड़े जो बाजी उतार चुकी थी और उस वक़्त सिर्फ़ पनटी और ब्रा मैं ही खड़ी थी उतरने लगा और

उस के बाद मैं बिस्तेर से उठा और बाजी को बिल्लो क साथ लिटा दिया और दोनो को टोंगो खोलने का बोला और जैसे ही बिल्लो और बाजी ने अपनी टांगो खोली मैं दोनो की चुत देखने लगा और अंदाज़ा करने लगा इन मैं से किस की चुत ज़्यादा प्यारी और सेक्सी है तो अच्छी तरह देखने के बाद

मुझे मानना पड़ा की फरी बाजी की चुत बिल्लो से ज़्यादा गीली हो रही थी और हल्की पिंक होने की वजह से और भी ग़ज़ब ढा रही थी लेकिन मैने बाजी की चुत से अपना ध्यान हटाया और बिल्लो की चुत की तरफ झुक गया , बिल्लो की चुत आज पहली बार मिल रही थी लेकिन बाजी तो मेरे पास ही होती थी जब दिल चाहे चोद डालो बाजी ने कौन सा मना करना था

मैं अब बिल्लो की चुत पे झुका और अपनी ज़ुबान निकल के बिल्लो की चुत पे घूमने लगा और साथ ही अपना हाथ बाजी की चुत की तरफ बढ़ाया और अपनी फिंगर से बाजी की चुत को सहलाने लगा और साथ ही अपनी फिंगर को बाजी की चुत मैं भी घुसा के चोदने लगता

मेरे इस तरह दोनो की चुत से छेड़ खानी करने से बाजी और बिल्लो दोनो ही मचलने लगी

सस्सीईईईई उनम्म्मह आअहह की आवाज़ों के साथ महॉल को और भी गरम किए हो तीन थोड़ी देर तक इसी तरह बिल्लो की चुत पे अपनी ज़ुबान घूमने और बाजी की चुत मैं उंगली घुसते रहने क बाद मैं उठा और बिल्लो को उठा दिया और खुद उस की जगह लेट गया और उसे बोला की जान जी चलो आ जाओ आज तुम्हें अपने लंड की सवारी करवाता हूँ

बिल्लो मेरी बात सुनके के खड़ी हो गई और मैं अपने बाज़ू पीछे की तरफ मौजोद के बिस्तेर पे टीका के बैठ गया तो बिल्लो अपनी दोनो टाँगों को खोल के मेरे दोनो तरफ कर के खड़ी हो गई जिस से

बिल्लो की चुत मेरे मूह के सामने आ गई और फिर बिल्लो आहिस्ता से नीचे को झुकती गई और मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ के अपनी चुत पे सेट किया और आराम से नीचे बैठ गई जिस से मेरा लंड बिल्लो की चुत मैं घुसता घुसने लगा. केवल मेरे लंड का कप की बिल्लो की चुत में चूसा था .

मेरे मोटे लंड से बिल्लो को शायद दर्द हो रहा था वो हलके हलके ही मेरे सुपाडे को अंदर करके चुद रही थी और ओह आज के आवाज निकल रही थी..

तभी बाजी ने बोला , भाई जान ..तुम्हारा मोटा लंड बिल्लो की चुत मैं ऐसे नहीं जाएगा.
तुम इसकी चुत में झट्के से डोलो. यह अभी इतने मोटे लंड से नहीं चुदी है बस अब्बू का पतला लंड लेके ही खुश है.

आज इसको पता चलेगा की मोटे लंड से कितना मज़ा आता है. बिल्लो जो की मेरे लंड का केवल सुपाडा की अपनी चुत मै ली थी..

बाजी के बात से मै थोडा सीधा हुआ और बिल्लो को अपने साथ लिटाया लिया और झट्के से अपना आधा लंड बिल्लो की चुत पे पेल दिया . बिल्लो दर्द से गनगना उठी ..और चिलाने लगी.. आ बाजीनहीं चुदना मुझे.. प्लीएसा भाई जी निकल लो अपना लंड ..ओह....माआआआअ.मर गयी...
बाजी उसकी बात पे हंस दी ...बोली बिल्लो रानी अभी तो भाई का लंड आधा की चुत के अन्दर गया है... पूरा जाएगा तब क्या होगा..

मै बिल्लो को वसे ही जकड के पदके रहा और धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करता रहा.बाजी ने बिल्लो के बूबस को हलके हलके दबाना चालू किया , जिससे उसको थोडा आराम मिलने लगा मै बीच बीच मै बिल्लो के होंठो को किस करने लगा..

इसी तह २-३ मिनट चुदाई करता रहा तभी बाजी ने मुझे इशारा किया और मेने अपना लंड हल्का सा बाहर किया और चाप के एक झट्के से बिल्लो के चुत पे पेल दिया. बिल्लो दर्द से तिलमिला उठी.. और जोर जोर चिलाते हुयी रोने लगी लगी..

उसकी चिलाह्त इतनी जोर की थी बाहर अब्बू ने भी सुन ली और वो भी घबरा के ,सुनके बाहर से अब्बू ने आवाज दी क्या हुआ फरी ....... कुछ परेशानी... बोलो

बाजी हंसके ,,आबू से बोली कुछ नहीं अब्बू .

भाई जान ने अपना लंड बिल्लो रानी चुत पे पेल दिया..........

अब्बू.. के ही ही ही.. और जोर से हसने ... की आज सुनाई दी .. मै बिल्लो को जकड के पकड़ा हुआ था ..
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
*****************
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
*****************
Jemsbond
Super member
Posts: 6659
Joined: 18 Dec 2014 12:09

Re: चुदाई घर बार की

Post by Jemsbond »

सच मै बिल्लो की आखों मै आसूं आ गए थे. बाजी ने कहा बही बस अब हो गया तुम धीरे धीरे बिल्लो की चुत की चुदाई करते रहो..

बिल्लो कह रही थी ..नहीं बाजी.. नहीं चुदना मुझे इस गधे जसे लंड से .. निकल लो अपना लंड.... और.. आह और दर्द से कहर रही थी ....

मैं उस को अपने साथ चिपका के बैठा हुआ उस के बूबस को चूस कर रहा था जिस से अब उसको भी मज़ा आने लगा.
उसका दर्द अब कुछ कम हो गया था. और वो भी धीरे द्जीरे अपनी गांड उठाके .अब चुदाई का मज़ा लेने लगी थी...

मेने उसको चोदने की रफ़्तार बड़ा दी.. जिस से वो अब पूरे मज़े थी.. ओह ओह्ह्ह आह बही चोदो छोड़ा अपने मोटे लंड से...की आजा निकल रही थी .. ओह बही मेरा गिरा ओह.. सच मैं बहुत मज़ा आ रहा है मोटे लंड चुदने मै... ओह भाई ..आआआआअह मैं फारिग.. ओह.. और उसका बदन दीला पड़ गया ..

मै अब उसको धीरे धरी चोद रहा था .की तभी बाजी ने मेरे कंधे से पकड़ के हिलाया और बोली

क्या भाई तुम दोनो ने ही मज़ा करना है क्या मैं हेरनी से बाजी की तरफ देखते हो बोला क्यूं बाजी बारी बारी ही करूँगा ना अब मेरे पास 2 लंड तो है नहीं की मैं तुम दोनो को एक साथ चोद सकों तो

बाजी ने हंसते हो कहा की बिल्लो अब फारिग हो गई है तुम मूह से मेरी चुत को मज़ा दो ,

बाजी की बात सुनके के मैं समझ गया की बाजी क्या चाहती हैं और मैं बिल्लो को छोड के जैसे ही बिस्तेर पे लेता तो बाजी ने अपना फेस बिल्लो की तरफ किया और अपनी चुत को मेरे मूह पे रख के बैठ गई

अब मेरी बड़ी बहन की चुत मेरे फेस पे थी जिसे मैं अपनी ज़ुबान से चाट रहा था

तभी बाजी बिल्लो से बोली बिल्लो भाई के लंड की सवारी करो तो बिल्लो मेरे लंड पे बैठी बड़े मज़े से ऊपर नीचे
हो के मेरे लंड से अपनी चुत को चुदवाके पूरा मज़ा ले रही थी और ऊपर से बाजी के साथ किस्सिंग और बूबस भी मसल रही थी

कुछ देर तक हम तीनो इसी तरह मज़ा लेते रहे तो बाजी मेरे मूह मैं ही फारिघ् हो के अपना पानी मेरे मूह मैं ही गिरा के उठी तो मैने बाजी की चुत का सारा पानी चाट ते ही बिल्लो को भी लंड से उतार दिया और फिर

बिल्लो को सीधा लिटा के बाजी को उसके ऊपर ही उल्टा लिटा दिया अब मैं इन दोनो की पीछे आ गया और अपने लंड को फरी बाजी की चुत पे पीछे से सेट किया और पूरी जान से धुसा दिया लंड बड़े आराम से बाजी की चुत मैं चला गया

लेकिन बाजी के मूह से सस्स्सीईईईई आअहह विक्की बहन चोद हरमिीईईई आराम से नहीं घुसा सकता था क्या ऊऊहह की आवाज़ निकल गई तो पता नहीं क्यूं मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आया और

मैने इसी मज़े मैं बाजी को उस के बलों से पकड़ के झटका दिया जिस से बाजी का सर ऊपर को उठ गया तो मैं एक बार फिर अपने लंड को बाजी की चुत से बाहर निकल के बाजी की चुत मैं घुसने लगा

मैं जैसे जैसे बाजी की चुत मैं झट्के से लंड घुसता जाता बाजी के मूह से सस्सिईईईई आआहह विक्की मेरे बहन चोद भाईईईईईईईईईईईईईई क्या . चुदाई करता है रे तो ऊऊहह मेरी मा उनम्म्मह भाईईईईईईईईईईईईईईईईई और तेज़ करो प्पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाईईईईईईईईईईईईईईईईई फाड़ डालो अपनी बहन की चुत कूऊऊऊऊओ की आवाज़ कर रही थी और अपनी गांड को पीछे मेरे लंड की तरफ ढकिल रही थी जिस से चुदाई का मज़ा और भी ज़्यादा हो रहा था

कोई ७-८ मिनट की इस लगातार चुदाई ने ही बाजी की चुत मैं फिर से सेलाब बहा दिया और बाजी निढाल सी हो गई तो

मैने बाजी को बिल्लो के ऊपर से हटा दिया और खुद बिल्लो की टाँगों को खोल क अपना लंड उस की चुत मैं घुसा के उस क ऊपर ही लेट गया
एस बार पुअर लंड बिल्लो की चुत मै आराम से जाने हलके दर्द गया और चुदाई करने के साथ चूमने भी लगा तो बिल्लो ने भी मुझे अपने साथ लिपटा लिया और मेरा साथ देने लगी

अब मैं बिल्लो की चुत मैं अपना लंड पूरा घुसा के बाहर निकला और फिर से पूरी जान लगाके वापिस झट्के से चुत मैं घुसा देता

जिस से बिल्लो भी मज़े से पागल होने लगी और आअहह विक्कीईईईईईईईईईईईईईईई मा चोद रमिीईईईईईईईईईईई

तेरी मा की चुत फाडेगा क्या साले और तेज़ चोद मुझी फाड़ डॉल आज मेरी चुत को अपने इस हरामी मोटे लंड से सीईईईईईईई ऊऊहह विक्कीईईईईईई मेरी जान मैं गैिईईईईईईईईईईई की आवाज़ करने लगी
तेरे अब्बू के छोटे लंड से ज्यादा तेरे मोटे लंड से चुदने मै मज़ा है ....होह्ह्ह्ह
बिल्लो की इन आवाज़ों और बातों ने मुझे भी अपने फारिग होने के करीब दिया था और मैं भी हाँ सलिइीईईईईई

ये ले पूरा लंड,द तेरी चुत मैं घुसा क टेरिइईईई चुत का बजा बजा दूँगागा सलिइीईई हराम ज़दिइईईईईईईईईई


ओह विक्की तू पहले क्यूं नहीं मिला कितना मस्त लंड है तेरा , बहुत मज़े देता है... ओह्ह तभी फरी बाजी दीवानी है तेरे लंड की.....

ओह भाई जान ...जोर से जोर...मेरा ,,,,,ओह चोद मादरचोद बेहन्चोद ......कटी हुयी दुबर फारिग हो गयी. उसके बाद.. मैं गया की तेज़ आवाज़ और 2 3 मिनट मैं तेज़ झतकों मैं ही मैं बिल्लो की चुत मैं ही फारिघ् हो

थोड़ी देर तक हम तीनो आराम से लेते, अभी हुयी चुदाई के मजेदार पल को एंजाय करते रहे

फिर बाजी ने पूछा क्यूं बिल्लो मज़ा आया मेर भाईजान के गधे जसे लंड से, तो बिल्लो हंस के मुझे और बाजी कोएक एक किस दी.
और फिर बाजी उठी और कपड़े पहन के बाहर निकल गई

बिल्लो जो की मेरे साथ ही नंगी लेती हुयी थी करवट बदल के मेरी तरफ मूह कर के लेट गई और बोली क्यूं विक्की जी कुछ मज़ा भी आया है आप को

मैं.. सच पूछो तो जो मज़ा आज तुम्हारे और बाजी के साथ आया है अभी तक नहीं आया

और इतना बोलते ही बिल्लो को अपनी तरफ खींच लिया और अपने होठों को बिल्लो के तपते होंठो पे रख दिए और किस करने लगा थोड़ी देर हम दोनो इसी तरह किस करते रहे और फिर एक दूसरे से अलग हो के लेट गये तो बिल्लो ने मेरी तरफ देखते हो कहा विक्की एक बात पूछ तुम से अगर तुम सच बताओ तो

मैने हाँ मैं सर हिला दिया और बोला यार पहले पूछो तो सही फिर अगर मैं सच नहीं बताऊ तब बोलना

बिल्लो... विक्की क्या तुम ने शहर मैं भी किसी लड़की क साथ किया है क्या मैं... हाँ किया है लेकिन चाकले पे जा
गस्तियों के जहाँ पैसे दे के कोई भी किसी लड़की के साथ कर सकता है

बिल्लो... हंसते हो मेरे सर पे हाथ से मरते हो बोली नीरे गढ़े हो तुम भी विक्की मैं उन लड़कियों की बात नहीं कर रही हूँ मैं तुम्हारे साथ पढ़ने वाली लड़कियों का पूछ रही हूँ

मैं... नहीं यार अब हुमारी इतनी क़िस्मत कहाँ की कोई लड़की मुझे भी इस तरह लिफ्ट करेवाए और हम मज़े कराईं

बिल्लो... विक्की तुम हो बहुत कामीने हो सच्ची मैं... अच्छा अब अगर मैं भी तुम से कुछ पूछों तो क्या मुझे सच बतोगे
बिल्लो.... हाँ विक्की पूछो जो पूछना है अब मैं तुम से कोई बात नहीं चुपाओंगी

मैं... यार तुम ने सब से पहला सेक्स किस के साथ किया था

बिल्लो.. मुस्कुराती आँखों से मेरी तरफ देखती रही और बोली क्या ये पूछना ज़रूरी हैतुम्हारे लिए

मैं.. नहीं अगर तुम ना ब्ताना चाहो तो तुम्हारी मर्ज़ी

बिल्लो... कुछ देर तक सोचती रही और फिर मेरी तरफ देख के मुस्कुरा दी और बोली हाँ अब क्या फराक पड़ता है छुपाने से और फिर बिल्लो ने जिस का नाम लिया वो कोई और नहीं बल्कि मेरा अपना बाप ही था

मैं... कुछ देर तक हेरान नज़रों से बिल्लो की तरफ देखता रहा और बोला क्या तुम सचबोल रही हो

बिल्लो ... हाँ यार अगर तुम्हें यक़ीन नहीं आ रहा तो खुद अपने अबू से ही पूछ लेना बता देगा तुम्हें

मैं... कुछ देर तक सोच मैं दोबा रहा और फिर बोला बिल्लो तुम कब से ये सब कुछ कर रही हो अबू के साथ

बिल्लो... हंसते हो बोली यार तुम तो पोलीस वालों की तरह पूछ रहे हो चलो ये भी बता देती हूँ 2 साल हो गये हैं

मैं... बिल्लो क्या फ़रज़ाना को भी पता है की तुम ये सब करती हो और किस क साथ करती हो

बिल्लो... बड़े ध्यान से मेरी आँखों मैं देखते हो बोली विक्की एक बात सच बताना क्या तुम्हारी नियत अब फ़रज़ाना पे भी तो नहीं है

मैं...नहीं यार अब ऐसा भी नहीं हूँ मैं

बिल्लो... वेसे एक बात बताओ उसे अभी ये तो पता नहीं है की मेरा किस के साथ चक्कर है

लेकिन इतना उसे भी पता है की मेरा किसी के साथ कोई चक्करहै ज़रूर और मैं उस के साथ

मज़े भी करती हूँ

मैं... तो क्या फ़रज़ाना ने कभी तुम से पूछने की कोशिश नहीं की की तुम्हारा किस के

साथ चक्कर है

बिल्लो.... पूछती तो बहुत है और यहाँ तक भी मुझे बोल चुकी है की अगर हो सके

तो मेरा भी भला करवा दो अगर बंदा ऐतबार का है जो मुझे कहीं बदनाम ना करवा दे

मैं... तो फिर तुम ने क्या कहा उस को

बिल्लो... अभी तक उसे बस दिलासा ही दे रही हूँ लेकिन अब सोचती हूँ की उसे भी तुम से

या अंकल से ही करवा दूँगा क्यूं की इस से उस को बदनामी का भी कोई डर नहीं होगा और

मज़ा भी ज़्यादा मिलेगा तुम्हारे मोटे लंबे लंड से

मैं... नहीं यार अभी वो बची है ऐसा नहीं होना चाहिए

बिल्लो... भोले राजा तुम्हारी बहन अपनी स्वीट...उम्र मैं है और ये उम्र ही मज़े लेने और देने की होती है और अगर तुम ने या तुम्हारे अबू ने नहीं करना तो ठीक है

मैं किसी और क साथ उसे सेट करवा देती हूँ

मैं... अच्छा अभी उठो और कपड़े पहनो अम्मी खाना ले के आने वाली होगी बाद मैं कुछ सोचते हैं फ़रज़ाना का भी

उस क बाद हम दोनो उठे और कपड़े पहाँ के बाहर निकल आए तो देखा की अबू बाहर बाजी के साथ चारपाई पे लेते थे

और वो दोनो कोई बात भी कर रहे थे आपस मैं

हमें बाहर आता देख के अबू और बाजी भी उठ के बैठ गये तो

बिल्लो अबू की तरफ देख के बोली अच्छा अंकल जी अब मैं चलती हूँ बाद मैं आऊँगी काफ़ी देर हो गई घर से निकले हो

अबू ने भी हाँ मैं सर हिला दिया और बोले क्यू बिल्लो रानी...चीख क्यूं निकली तुम्हरी वसे तो बहुत..... और हसने लगे..

तो बिल्लो भी शरमाते हुए खेतों से घर की तरफ चल दी तो अबू ने कहा विक्की आ जाओ बेटा बेतो यहाँ
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
*****************
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
*****************
Jemsbond
Super member
Posts: 6659
Joined: 18 Dec 2014 12:09

Re: चुदाई घर बार की

Post by Jemsbond »

मैं अबू की बात सुनके के शरमाता हुआ उन के पास जा क बैठ गया तो अबू ने अपना बाज़ू मेरे दोनो कंधों पे फैला दिया और बोले देखो यार विक्की अब तुम मुझ से इतना शरमाया नहीं करो अब हम सिर्फ़ बाप बेटा ही नहीं बल्कि बहुत अच्छे दोस्त और राज़ दार भी बन चुके हैं

और फिर तुम जवान हो मज्ब्बोत हो... ...और... अच्छा ..ही की तुम ..एस काम मै ...मेरे जैसे ..नहीं हो.....

मैने सर उठा के अबू की तरफ देखा जो की अभी हल्का सा मुस्कुरा रहे थे तो मैने हाँ मैं सर हिला दिया और उस के बाद थोड़ी देर वेसे ही हम लोग गुप शुप करते रहे

तो अबू किसी काम से उठे तो मैने बाजी को अम्मी के बारे मैं पूछा की अब उन का क्या करना है क्यूं क अम्मी से हुयी बात मैं बाजी को बता चुका था तो बाजी ने कहा भाई

तुम कोई टेन्सन नहीं लो मैने अबू को सब कुछ बता दिया है अब जो भी करना है अबू को ही करना है

बाजी से बात कर के मैं थोडा रिलॅक्स हो गया की चलो अबू को भी पता चल गया है की अम्मी को हम पे शक हो गया है और

अब अबू खुद ही अम्मी से भी निपट लेंगे इस लिए मैं आराम से चारपाई पे लेट गया बाजी के करीब ही कुछ देर तक मैं ऐसे ही लेता रहा तो बाजी ने कहा क्यूं भाई कुछ मज़ा भी आया बिल्लो के साथ या फिर टाइम ही खराब हुआ तुम्हारा मैं... नहीं बाजी सच कहों तो मज़ा तो आया है लेकिन जितना मज़ा आप के साथ करने से मिलता है उतना मज़ा बिल्लो के साथ नहीं आया

बाजी... विक्की लगता है की तू ना पक्का बहनचोद बन गया है कामीने तुझे इतनी अच्छी लड़की के साथ भी मज़ा नहीं आया

मैं... हाँ बाजी बहनचोद तो मैं बन ही चुका हूँ तो फिर क्यूं ना अपनी ही बहन से पूरी तरह मज़ा लिया जाए

बाजी... अच्छा अब ये बता के क्या इरादा है तेरा मैं... यार बाजी मैं सोच रहा था के अगर अबू अम्मी को सेट कर दूँ तो हम ज़रा खुल के एंजाय कर सकैं गे क्यू फिर हमें किसी किस्म की टेन्सन नहीं रहे गी और हम घर पे भी मज़ा कर सकैंगे

बाजी.... क्यूं भाई घर मैं सिर्फ़ अम्मी ही तो नहीं होती फरीदा और फ़रज़ाना भी तो होती हैं उन का क्या करोगे

मैं... यार बाजी जब एक बहन को चोद के बहन चोद बन ही चुका हूँ तो बाकी 2 की चुत का मज़ा भी लेने की कोशिश करूँगा

बाजी... मेरी बात सुनके के हेरनी से मेरी तरफ देखते हो बोली भाई कहीं तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया पता है की अगर उन मैं से किसी एक साथ भी कोई हरकत की ना तुमने तो तो सारा काम खराब हो सकता है

मैने बाजी की बात सुनके के उन्हें बिल्लो से होने वाली फ़रज़ाना के बारे मैं बात बताई तो बाजी भी काफ़ी हेरान हुयी और साथ थोड़ी परेशान भी हो गई और बोली लेकिन भाई फ़रज़ाना तो अभी काफ़ी छोटी है कहीं कोई मसाला ना हो जाए

मैने भी बाजी को दिलासा दिया और कहा बाजी मैं अगर कुछ करूँगा भी तो ये ख्याल ज़रूर रखों गा के कोई मसाला ना हो जाए बाजी मेरी बात सुनके के चुप हो गई और किसी सोच मैं पड़ गई और फिर एक लंबी सी साँस लेते हो बोली ठीक है भाई लेकिन ख्याल करना के कोई गडबड ना हो जाए और उठ के साइड को चल दी और मैं अकेला लेता रह गया

बाजी के जाने के कोई 15 20 मिनट के बाद ही अम्मी भी खाना ले के आ गई और मुझे अकेला देख के बोली क्या बात है बेटा यहाँ इस तरह क्यूं लेते हो हो तुम्हारे अबू और फरी कहाँ हैं नज़र नहीं आ रही

मैं जल्दी से उठ के बैठ गया और अम्मी को देख के बोला के अबू तो काफ़ी देर से कहीं गये हैं और बाजी अभी कोई 15 मिनट पहले ही कहीं गई है

अम्मी ने खाना चारपाई पे रखा और रूम से एक चटाई ला के छाव मैं बिछा दी और खाना वहाँ रख के पानी भी भर के रखा और
अबू और बाजी को बुलाने चल दी अम्मी के जाने के बाद मैं उठा और हाथ मूह धो के वापिस मुड़ा तो देखा के बाजी अकेली चली आ रही थी और अम्मी अबू के साथ कुछ पीछे खड़ी थी और दोनो कुछ बात भी कर रहे थे बाजी के आते ही

मैने बाजी से पूछा के बाजी आप को कुछ अंदाज़ा है के अम्मी और अबू के दरमियाँ क्या बात हो रही है

मेरी बात सुनके के बाजी ने बड़ी अजीब नज़रों से मेरी तरफ देखा और बोली थोडा सबर करो फिर तुम्हें भी पता चल जाएगा और ट्यूबबेल से हाथ मूह धो के चताई पे आ के बैठ गई


मैं भी खामोशी से बाजी के पास जा के बैठ गया और अबू और अम्मी का इंतजार करने लगा जो की कोई 10 मिनट बाद आए उस के बाद हम ने मिल के खाना खाया

जिसके दरमियान अम्मी बार बार मेरी तरफ बड़ी मीठी नज़रों से भी देख रही थी जिससे की मुझे बड़ी उलझन मैं हो रही थी
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
*****************
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
*****************
Post Reply