चुदाई घर बार की complete

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Jemsbond
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Re: चुदाई घर बार की

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ये क्या कर रही हो अप्प्प ठीक से चूसूऊऊऊऊ ना उनम्म्ममह बाजिीइईईई

पूरा मूह मैं ले के चूसूऊऊऊओ पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ की आवाजें करने लगा तो बाजी ने मेरी तरफ देखते हो अपना मूह खोला और आहिस्ता से मेरे लंड की कॅप को अपने मूह मैं भर के इन आउट करने लगी तो मैं और भी मज़े से बहाल होने लगा

और सस्स्सीईईईई बाजिीइईईईईईईईई ऊऊहह बाजी हाँ इसी तरह चूसो अपने भाई का लंड,द उंनमममह बाजी क्या लंड को चुस्ती हो आप आअहह बाजी

लगता है किसी गश्ती से चुस्वा रहा हूँ ऊऊहह मैं गया बाजिीइईईई की आवाज़ के साथ ही मेरे लंड ने पानी छोड दिया लेकिन बाजी ने तब भी मेरा लंड मूह से नहीं निकाला और पानी को चट गई मेरे लंड का सारा पानी चाटने क बाद बाजी ने मेरा लंड छोड दिया और सर उठा के मेरी तरफ देखने लगी और बोली क्यूं भाई मज़ा आया या नहीं तो मैं बाजी की बात सुनके के

उन की तरफ देखा और हंस के बोला बाजी सच पूछो तो बहुत मज़ा आया क्या चुस्ती हो आप

बाजी मेरी बात पे हंस पड़ी और बोली अब तुम्हारा पता भी चल जाता है के तुम अपनी बहन से इतना मज़ा लेने के बाद मुझे कितना मज़ा देते हो और इतना बोल के मुझे उठा दिया और खुद मेरी जगा लेट गई

मैं अपने घुटने ज़मीन पे टीका के बाजी चुत पे झुक गया और अपना मूह बाजी की चुत के पास ले जा कर अपनी ज़ुबान बाहर निकली और बाजी की चुत पे रख के चाटने लगा

मेरी ज़ुबान जैसे ही बाजी की चुत से लगी बाजी का पूरा जिस्म काँप सा गया और बाजी आअहह विकी उन्म्मह अपनी ज़ुबान को मेरी चूयः मैं पूरा घुसा के चाटो

भाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हाआअन्न्नननननननणणन् भाई अब अच्छा लग रहा हाईईईईईईईईईईईईई ऊऊहह भाई ऊपर से नीचे तक अपनी ज़ुबान को ज़रा दबा के चाटो पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई बड़ा

मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईई तेरी बहन को ऊऊहह भाई क्या जादू है आप की ज़ुबान
मैं हाँ भाईईईईईईईईईईईईईईईई खा जाओ आज अपनी बहन की चुत को भीईीईईईईईईईईईईईईईई ऊऊहह

भाईईईईईईईईईई की आवाज़ करने लगी
अब मैं भी बाजी की चुत जो के पहले ही गीली हो चुकी थगी अपने ही पानी से उसे अपनी ज़ुबान घुमा के और घुसा के चाटने लगा अपनी बहन की चुत को जिस मैं मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था

कोई 3 मिनट तक ही मैने बाजी की चुत को चटा होगा के बाजी के मूह से आअहह विकिईईईईईईईईईई मेरे भाई खा जाओ मेरी चुत को ऊऊहह भाई मेरा निकालने वाला हाईईईईईईईईईईईईईईई उन्म्मह भाईईईईईईईईईईईईईईईई मैं गैिईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ के साथ ही फरी बाजी ने मेरा सर पकड़ के अपनी चुत पे दबा दिया और साथ ही बाजी का जिस्म एक बार अकड़ के ढीला पड़ा तो बाजी की चुत से गरम गरम और गढ़ा नमकीन पानी मेरे मूह मैं गिरने लगा जिसे मैं मज़े से चाट गया

बाजी को फारिघ् कर के मैं उठा और बाजी के साथ ही चारपाई पे लेट गया और बाजी के बूबस को चूसने और मसालने लगा तो थोड़ी ही देर मैं मेरा लंड जो के अब हार्ड होना शरू हो चुका था फुल हार्ड हो गया तो बाजी ने मुझे इसी तरह लेता रहने दिया और खुद उठ के मेरे दोनो तरफ अपने पावं कर के मेरे पैरों की तरफ अपना फेस कर के खड़ी हो गई

और फिर पूरी तरह झुक के मेरे लंड को अपनी चुत पे सेट किया और नीचे बैठ गई जिस से मेरा लंड भी जैसे जैसे बाजी मेरे ऊपर बैठ जाती लंड भी मेरी बड़ी बहन की चुत मैं घुसता जाता बाजी पता नहीं किस से इस तरह के न्यू न्यू स्टाइल सिख रही थी और मेरे ऊपर आज़मा के मुझे पागल किए जा रही थी

अपनी चुत का इस तरह बाजी जब मेरे लंड को अपनी चुत से कॅप तक निकल के फिर से अपनी चुत मैं घुसती तो मेरा लंड ऐसे जैसे किसी मखमली सी चीज़ से रग़ाद ख़ाता हुआ मेरी बड़ी बहन की चुत मैं जाने लगता तो मेरे मूह से आअहह बाजिीइईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ निकल जाती क्यूं के इस तरह जो मज़ा आ रहा था लफ़्ज़ों मैं ब्यान करना मुमकिन नहीं है
फिर बाजी अचानक मेरे लंड से उठ के खड़ी हो गई और अपना फेस मेरी तरफ घुमा के फिर से बैठ गई मेरे लंड को अपनी चुत मैं ले के और मेरे ऊपर जैसे लेट सी गई और मुझे किस करने लगी और साथ ही अपनी चुत को भी हिलने लगी
जैसे जैसे मुझे किस करने के साथ अपनी चुत को भी आगे पीछे हिलती तो जैसे मेरे लंड की जान ही निकालने लगती और मेरे मूह से बे सखता ये आवाज़ निकल गई

आअहह बाजिीइईईईईईईईईई पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ऐसा मत करो नहीं तो मेरा पानी निकल जाएगा

मेरी बात सुनके के बाजी ने मुझे किस करना बंद किया और बोली क्यूं रे बस इतनी ही जान थी तेरे अंदर तुम तो बड़े जवान बने फिरते थे बस ज़रा से झट्के से जान बोल गई मेरे भाई की हाँ

मैने अब और कुछ नहीं बोला तो बाजी अब की बार मुझे उठा के बिताते हो खुद घोड़ी बन गई तो मैं भी उठ के खड़ा हो गया और अपने लंड को अपनी बड़ी बहन की चुत पे सेट कर के अंदर घुसने लगा

जैसे ही मैने झतका दिया और अपना लंड पूरा घुसाया बाजी के मूह से बस सस्स्सिईईई की हल्की सी आवाज़ निकली और फिर जैसे जैसे मैं झट्के तेज़ करता गया बाजी भी आहह ईईईईईईई और तेज़ छोड़ो भाईईईईईईईईईईईईई अपनी बहन की चुत फाड़ के रख दो आज मेरिइई जान भोसड़ा बना दे मेरी चुत का ऊऊहह विकिईईईईईईईईईईई सच मैं कितना मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईईईई उनम्म्मह और तेज़ भाई पूरा घुसा के झट्के मार.

भाई उनम्म्मह कितना मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईई मेरी जानं आआहह मैं गई ईईईईईईईईईईईईईईई मेरा निकालने वाला हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ के साथ अपनी गांड को भी पीछे की तरफ जब मैं अपने लंड को झट्के से बाजी की चुत मैं घुसता तो बाजी भी अपनी गांड पीछे की तरफ दबा देती जिस से रूम मैं ताआप्प्प्प्प्प्प ताआप्प्प की आवाज़ भी गूंजने लगती

क्यूं के मैं खुद मज़े से पागल हो रहा था इस लिए अब बाजी की भी कोई बात नहीं सुनके रहा था और जब मेरा पानी फरी बाजी की चुत मैं निकला तो उसी वक़्त बाजी की चुत ने भी पानी छोड दिया तो उस के बाद हम दोनो बहन भाई अलग हो के साथ ही लेट गये और किस करने लगे

थोड़ी देर तक किस करने के बाद बाजी ने मुझे अलग किया और बोली चलो उठो अब जा के नहा लो और कपड़े पहाँ लो तो मैं उठ क बैठ गया और बाजी की चुत की तरफ देखा मुझे अपनी चुत की तरफ देखते पाके बाजी हंस पड़ी और फिर बोली क्या देख रहे हो

भाई तो मैने कहा कुछ नहीं बाजी बस आप की चुत पे लगा हम दोनो का मिक्स्ड जुस देख रहा था

बाजी भी हंस पड़ी और बोली अच्छा अब चलो उठो यहाँ से और मेरी चादर लपेट के अपने कपड़े उठाओ और निकलो यहाँ से तो मैं उठा और बोला क्या बाजी आप भी ना बस मुझे अपने पास नहीं रुकने देती हो

बाजी हेरनी से मेरी तरफ देख के बोली विकी तुम कितने बड़े कामीने हो अपना सब कुछ तो मैने तुम्हारे हवाले कर दिया है लेकिन तुम अभी भी ना . ही हो तो मैं बाजी की बात पे हंस पड़ा और बोला अच्छा बाजी सच ब्ताना क्या आप का अबू क साथ भी हो चुका है

बाजी मेरी तरफ देख के बोली भाई अगर तुम्हारा साथ पाने के लिए मुझे सारी दुनिया के मर्दों से भी चुदवाना पड़ा तो मैं चुदवा लूंगी समझे ये तो फिर भी अबू से ही किया है
पर भाई जो मज़ा तुम्हारे साथ है वो अब्बू के साथ नहीं... बस वो एक समझोता है.. अपने और तुम्हारे ,,,,

बाजी की बात ने मुझे पूरी तरह सिहर दिया तो मैं फिर से बैठ के बाजी को किस करने लगा तो बाजी ने मुझे धक्का दिया जिस से मैं साइड मैं हट गया तो बाजी अपने बाज़ू मूह पे रख क लेट गई

बाजी के इस तरह करने से शरमाने से मैं हंस दिया और बाजी का दुपटा उठा के अपने आप को लपेट लिया और कपड़े उठा के बाहर निकल गया तो देखा की अबू सामने ही बैठे मेरी तरफ ही देख रहे थे और हल्का सा मुस्कुरा भी रहे थे जिस से मुझे शरम आने लगी

अबू को इस तरह अपनी तरफ देखता पाके मैने शर्मिंदगी से अपना सर झुका लिया और ट्यूबवेल की तरफ चल दिया और ट्यूबवेल चला के नहाने लगा तो अबू कुछ देर बैठे रहने के बाद उठे और रूम की तरफ चल दिए तो अबू को रूम मैं बाजी के पास जाता देख के मुझे अबू से जलन सी होने लगी लेकिन मैं बोला कुछ नहीं और नहा के घर की तरफ चल दिया
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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Re: चुदाई घर बार की

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बिल्लो और फरजाना

घर पहुचने तक मैं अबू और बाजी के बारे मैं ही सोचता रहा की वो अभी क्या कर रहे होंगे लेकिन सिर्फ़ सोच ही सकता था कर कुछ नहीं सकता था और इन्ही सोचों मैं घर पहुँच गया

घर आते ही मैं सीधा रूम मैं जा लेता उस के बाद दोपहर का खाना भी रूम मैं ही खाया और फिर से लेट गया अपनी आखें बंद किए और अपनी लाइफ मैं आने वाली तब्दीली के बारे मैं सोचने लगा की मैं क्या से क्या बन गया हूँ

तभी मुझे अपने रूम मैं हल्की सी आहत महसूस हुयी तो मैं झट से अपनी आँखों को खोल के देखा तो फ़रीदा बाजी नज़र आईईईईई जो की मेरे बिलकुल पास ही अपना सर झुका के खड़ी अपनी फिंगरस को मरोड़ रही थी

मैं फ़रीदा बाजी को इस तरह अपने पास खड़ा देख के जल्दी से उठ बैठा और बोला बाजी आप यहा इस वक़्त खैर तो है ना बाजी....
अपना सर उठा के मेरी तरफ देखा और भीगी आवाज़ मैं बोली पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई मुझे माफ कर दो

मैं... क्यूं बाजी आप किस बात के लिए माफ़ी माँग रही हो भला आप ने कोई ग़लती थोडा ही की है

बाजी.... पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई जो कुछ मैने उस दिन देखा था मुझे उस से शक़ हुआ तो मैने अम्मी को बोल दिया जो की मुझे नहीं बोलना चाहिए था मैं.. नहीं बाजी आप ने बहुत अच्छा किया

जो अम्मी को ये बोल दिया की मेरा अपनी ही बड़ी बहन के साथ चक्कर है

बाजी... मेरी बातों से रोने लगी और फिर मेरे पैरों की तरफ चारपाई पे बैठकर अपने हाथ मेरे पैरों पे रख दिए और बोली पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई मुझ से ग़लती हो गई मुझे माफ कर दो मैं आज के बाद ऐसी कोई ग़लती नहीं करुँगी बस भाई एक बार माफ कर दो

मैं....बाजी के हाथ अपने पैरों से हटा ते हए बाजी से बोला पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बाजी आप ये क्या कर रही हो छोडो मेरे पैरों को मैने आप को माफ कर दिया है और मैं आप से गुस्सा भी नहीं हूँ

बाजी.... मेरी बात सुनके के सर उठा के मेरी तरफ देखते हो बोली सच भाई तुम अब मेरे साथ गुस्सा नहीं हो और तुम ने मुझे माफ भी कर दिया है

मैं.... हाँ मैं सर हिलाते हो बोला जी बाजी अब मैं आप से नाराज़ नहीं हूँ लेकिन दोबारा अगर कोई बात आप को नज़र आती है तो आप मुझे एक बार बात ज़रूर कर लेना कहीं ये ना हो की बिना किसी बात के फिर से बतंगद बन जाए और हल्का सा हँसने लगा

मेरी बात सुनके के बाजी का फेस खुशी से चमक उठा और फिर बाजी अचानक ही मेरी तरफ खिसकी और फिर मेरे सीने से लग गई जिस से बाजी के बूबस मेरे सीने से प्रेस होने लगे और बाजी के बूबस को महसूस करते ही मेरा लंड भी सलवार के अंदर झट्के ख़ाता हुआ खड़ा होने लगा

अब जहाँ बाजी के बूबस का मेरे सीने से रग़ाद खाना मुझे मज़ा दे रहा था और ऊपर से बाजी जो मेरे गालों और सर पे किस भी कर रही थी और साथ ही ओह मेरा सोहना भाई कितना अच्छा है वहीं मेरे लंड के खड़ा होने से भी मुझे परेशानी हो रही थी की अगर बाजी को इस अगर मेरे लंड के खड़ा होने का एहसास हो गया तो बाजी को कितना बुरा लगेगा

खैर थोड़ी देर मुझे लीपेट के प्यार करने के बाद बाजी मुझ से अलग हो गई और फिर खड़ी हो के मेरी तरफ देख के मुस्कुराते हो रूम से निकल गई तो मेरी रुकी हुयी साँस बहाल हुयी

उस के बाद बाकी सारा दिन और रात कोई ख़ास्स बात नहीं हुयी और हम लोग रात का खाना खा के अपनी अपनी जगह पे जा क सोने क लिए लेट गये सुबह मेरी आँख खुली तो अबू शहर जाने की तैयारी कर रहे थे और वहीँ फरी की भी तबीयत कुछ खराब थी तो फ़रज़ाना फ़रीदा के साथ खतों मैं चली गई क्यूं की भेंसों का चारा तो अबू बना के रख आए थे लेकिन उन को चारा डालना और पानी पीलना भी था
अम्मी घर पे ही रुकी थी घर के कामो के लिए मैं भी उठ के नहा धो के नाश्ते से फारिघ् हुआ तो तब तक अबू भी शहर क लिए निकल चुके थे तो मैं बाजी के पास चला गया और बाजी के पास बैठ क बोला क्या हुआ

बाजी आप को तबीयत क्यूं खराब हो रही है बाजी मेरी बात पे हल्का सा हंस पड़ी और बोली कामीने कल तुम्हारे बाद अबू ने भी तो एक बार किया था ना इसी लिए मेरा जिस्म काफ़ी थका हुआ है तो सोचा की क्यूं ना आज घर पे ही आराम किया जाए
मैं बाजी की बात सुनके के थोडा मुह बनाते हो बोला तो लगता है आज का कुछ नहीं होने वाला है

बाजी ने कहा हाँ भाई आज सच मैं दिल नहीं कर रहा किसी भी काम के लिए तो मैने बाजी के सर पे हल्की सी किस कर उठा और अपने रूम मैं आ गया और एक नॉवाले निकल के पढ़ने लगा

कोई 10.30 पे पारीदा बाजी घर आ गई तो मैने कहा क्यूं बाजी क्या बात है आप इतनी जल्दी घर क्यूं आ गई तो फ़रीदा बाजी ने कहा भाई वो काम तो ख़तम हो गया है

मैने सोचा की चलो खाना ही ले आती हूँ

मैने कहा बाजी आप ऐसा करो आप घर पे ही रहो खाना मैं ले जाओंगा आप 5 6 बजे तक आराम कर के खेतों मैं आ जाना तो बाजी ने हाँ मैं सर हिला दिया और बोली चलो ठीक है भाई वैसे तो वहाँ अब कोई काम नहीं है और अगर हुआ भी तो

फ़रज़ाना है ना वहाँ

उसके बाद कोई 11.30 पे मैं घर से खाना ले के निकला और खेतों की तरफ चल दिया तो जब मैं खेतों के करीब पहुँचा तो मुझे ट्यूबवेल के चलने की आवाज़ सुनाई देने लगी तो मुझे बड़ी हेरनी हुयी की ये कों ट्यूबवेल चला के बैठा है तो अचानक मेरे दिमाग मैं आया की हो ना हो ये फ़रज़ाना ही होगी जो की नहा रही होगी और ये सोच आते ही मेरे पुरे जिस्म मैं सनसनाहट सी होने लगी

मैं तेज़ तेज़ चलने लगा और जब मैं ट्यूब वाले के पास पहुँचा तो वहाँ जो नज़ारा था उसे देखते ही मेरा लंड झट्के से खड़ा हो गया क्यूं की वहाँ फ़रज़ाना अपनी सहेली बिल्लो के साथ सिर्फ़ ब्रा और पनटी मैं नहा रही थी और मस्ती कर रही थी
मैं वहीं खड़ा होके उन दोनो की जवानी भर मस्त आधे नंगे जिस्मों को घूरने लगा तो तभी फ़रज़ाना की नज़र भी मुझ पे पड़ी और उस का फेस सफ़ेद पड़ गया और वो झट पानी से निकल के रूम की तरफ भागी और मैं उस के हिलते चुत्तडों को देख के अपने लंड को मसालने लगा तो तभी मुझे बिल्लो की आक्ख़्हू ओउन्न्ं की आवाज़ आयी जो की

उस ने मुझे अपनी तरफ तवजू दिलाने के लिए किया था मैने बिल्लो की तरफ देखा तो वो मेरी तरफ ही देख क हल्का सा मुस्कुरा रही थी जिस से मुझे काफ़ी शरम भी आयी तो मैं वहाँ से वापिस मौड़ने ही लगा था की बिल्लो ने मुझे आवाज़ दी और बोली विक्की भाई क्या मैं आप को अच्छी नहीं लगी जो आप नज़र चुरा के जा रहे हो

मैने उस की तरफ देखे बिना ही कहा...वो तुम कपड़े पहाँ लो मैं फिर आ जाता हूँ तो बिल्लो ने कहा

क्यूं विक्की भाई क्या हुआ इतना क्यूं शर्मा रहे हो अभी आप फ़रज़ाना को तो बड़ा घूरते देख रहे थे मैं बिल्लो की बात सुनके के झट्के से सर उठा की बिल्लो की तरफ देखते हो बोला न...नहीं.. वो तो बस ऐसे ही कोई ख़ास नहीं

अभी मैने इतना ही बोला था की फ़रज़ाना कपड़े वहाँ से बाहर निकल आयी और बिल्लो की तरफ देखते हो बोली जाओ कपड़े बदल लो तब तक मैं भेंसों को देख के आती हूँ और दूसरी तरफ निकल गई

फ़रज़ाना के जाते ही बिल्लो बड़ी अदा से पानी से निकली और रूम की तरफ चल दी और रूम के दरवाजे मैं खड़ी हो के मेरी तरफ पलटी और मुझे देख के मुस्कुराती हुयी रूम मैं चली गई लेकिन दरवाजे पूरा खुला ही रहने दिया

बिल्लो की तरफ से इतने इशारो के बाद मैने थोड़ी हिम्मत की और रूम से ज़रा फ़ासले पर ही लेकिन ऐसी जगह पे जा के खड़ा हो गया की मुझे बिल्लो रूम मैं खड़ी अपनी ब्रा खोलती सॉफ नज़र आने लगी

बिल्लो ने ब्रा उतार के मेरी तरफ देखा और कुछ ऐसे खड़ी हो गई जैसा की मुझे अपने पूरे बूबस अच्छी तरह दिखना चाहती हो ,
कुछ देर मुझे अपने बूबस दिखाने के बाद अपनी पनटी की तरफ मुतवाजे हुयी और उसे भी निकल के फैंक दिया और मेरी तरफ देख के मुस्कुराने लगी

बिल्लो को इस तरह खड़ा देख के मेरा लंड फटने तक आ गया था की तभी मुझे फ़रज़ाना की आवाज़ सुनाई दी जो की बिल्लो को ही आवाज़ लगाते हुयी हुमारी तरफ चली आ रही थी तो मैं जल्दी से वहाँ से हटा और ट्यूबवेल के पास जा खड़ा हुआ और बिल्लो ने भी फ़रज़ाना की आवाज़ क्यूं की सुनके ली थी तो उस ने भी जल्दी से आगे बढ़ के दरवाजे बंद कर दिया और तभी फ़रज़ाना भी वहाँ आ गई

फ़रज़ाना के आने और बिल्लो के कपड़े बदल के आने के बाद हम ने मिल के खाना खाया और तो
बिल्लो फ़रज़ाना की तरफ देख के बोली अच्छा यार मैं तो अब चलती हूँ और घर की तरफ निकल गई

बिल्लो के जाने के बाद मैं अब इस सोच मैं पड़ गया की आख़िर किस तरह बिल्लो को अपने नीचे
लाया जाय

मैं बैठा बिल्लो के बारे मैं ही सोच रहा था की तभी मुझे अखुऊन्णन की आवाज़ सुनाई दी और मैने जब चौंक के देखा तो वो फ़रज़ाना ही थी जो मेरे सामने ही चारपाई पे बैठी मेरी तरफ देख के मुस्कुरा रही थी

मैं... हाँ क्या बात है इस तरह दाँत क्यूं निकल रही हो फ़रज़ाना ...
नहीं भाई बस मैने ये पूछ ना था आप से की अगर आप यहाँ रूकोगे तो मैं घर चली जाती हूँ मैं... थोडा सोचते हो बोला हाँ ठीक है तुम जाओ
लेकिन घर जा के बाजी फरी को भेज देना क्यूं की शाम को भेंसों का दूध भी निकलना है मुझ से तो निकाला नहीं जाता तो बाजी को ही भेज देना

फ़रज़ाना... चारपाई से उतार गई और बर्तन उठा के घर की तरफ चल पड़ी और थोडा आगे जा के

मेरी तरफ मुड़ी और एक सेक्सी स्माइले देते हो बोली भाई अगर आप कहो तो बिल्लो को ही भेज दूँ वो दूध ठीक से निकल देगी और हहेहेहहे कर के भाग गई
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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Re: चुदाई घर बार की

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फ़रज़ाना के जाने के बाद मैं फिर से चारपाई पे लेट गया और अपने लंड को सलवार से निकल के सहलाने लगा और बिल्लो के नंगे और सेक्सी जिस्म को ध्यान मैं रख के आहें भरने लगा

लेकिन इस के साथ मुझे काफ़ी हेरनी भी हो रही थी की आख़िर बिल्लो है क्या चीज़ क्यूंकी जिस तरह उस ने बिना झिझके मेरे सामने ब्रा और पनटी उतार के नंगी हुयी थी उस की वो बात ही मुझे हेरान कर देने के लिए काफ़ी थी जिस से मुझे अब बिल्लो पे शक़ हो रहा था की वो अब कच्ची कली नहीं है बल्कि फूल बन चुकी है और अपना रस भी किसी को पीला चुकी है

(मैं बस अपने लंड को प्यार से आहिस्ता आहिस्ता सहला ही रहा था लेकिन मूठ नहीं लगा रहा था)
इन ख्याल मैं कितना वक़्त गुज़रा पता ही नहीं चला की फरी बाजी भी खेतों मैं आ गई और मुझे इस तरह अपना लंड हाथ मैं लिए हिलाते देख के बोली विक्की थोड़ी तो शरम किया करो ये सब करना होता है तो सामने रूम मैं चले जाया करो यहाँ अच्छा नहीं है

मैं बाजी की आवाज़ सुनके के चौंक गया और साथ ही उठ क बैठ गया तो बाजी को मुस्कुराता देख के बोला यार बाजी क्या बताऊ आज बड़ी खुमारी चढ़ रही है इस लिए ध्यान ही नहीं रहा

बाजी मेरी बात सुनके के हँसती हुयी आगे बढ़ी और बोली क्यूं भाई कहीं छोटी पे तो गरम नहीं हो रहे क्यूंकी वो ही यहाँ से गई है और अब तुम अपने हत्यार को सहला रहे हो

मैने हंसते हो अरे नहीं बाजी फ़रज़ाना नहीं उस की सहेली बिल्लो गरम कर गई है साली पूरा नंगा जिस्म दिखा गई है तो बाजी हेरान हो के बोली क्या मतलब ज़रा पूरी बात बता मुझे

मैने बाजी को सारी बात बता दी जो कुछ हुआ था तो बाजी ने मेरा हाथ पकड़ के मुझे उठाया और रूम मैं ले गई और मुझे कपड़े उतरने को बोली तो मैं खुश हो गया

लेकिन तभी बाजी ने कहा ज़्यादा खुश होने की ज़रूरत नहीं है अभी सिर्फ़ ऊपर ऊपर से ही मैं तुम्हें फारिघ् कर देती हूँ कुछ करने नहीं दूँगागी क्यूं जो भी होगा आज रात को ही होगा

मैं बाजी की बात से हेरान हुआ तो बाजी ने कहा अभी कुछ पूछना नहीं क्यूंकी ये भी सर्प्राइज़ है और अपने कपड़े उतार के नंगी हो गई और मेरी तरफ बढ़ने लगी तो मैं चारपाई पे लेट गया जो के रूम मैं ही पे पड़ी हुआ थी

बाजी मेरे पास आयी और नीचे बैठ के अपने हाथ मैं मेरा लंड पकड़ लिया और और फिर थोडा नीचे को झुकी और अपना मूह मेरे लंड की तरफ झुकाके हल्की किस कर दी मेरे लंड पे

उस के बाद बाजी ने आहिस्ता से अपना मूह खोला और मेरे लंड को अपने मूह मैं ले क चूसने लगी और अपना एक हाथ नीचे ले जा कर मेरे लंड क नीचे की गोलियों को सहलाने लगी और कभी चाटने लगती जिस से मेरा मज़े के मारे बुरा हाल होने लगा

और मेरे मूह से आअहह बाजिीइईईईईई ऊऊहह मैं ग्याआ बाजी ये क्या कर रही हूऊऊऊऊ उनम्म्ममह मेरिइईईईईईई बाजिीइईईईईईई पूरा मूह मैं लो

पल्ल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ की आवाज़ करने लगा और साथ ही बाजी का सर अपने लंड की तरफ दबाने लगा की
तभी मुझे लगा की मेरा पानी निकालने वाला है तो मैने बाजी का सर ज़ोर से अपने लंड की तरफ दबा दिया और अपना लंड अपनी बड़ी बहन के मूह मैं घुसने की कोशिश करने लगा मेरे जिस्म को झटका सा लगा और मेरे लंड ने पानी निकल दिया जो की सारा मेरी बहन के मूह मैं गिरा और कुछ होठोंस पे लग गया तब मैं आअहह की आवाज़ निकलते ही बाजी का सर छोड के अपनी आखें बंद कर के लेट गया

थोड़ी देर बाद बाजी मुझे हिलाया और बोली चलो भाई उठो अब और खुद बाहर निकल गई तो मैने भी उठ के अपनी सलवार बांधी और बाहर निकल के बाजी के पास जा के बैठ गया जो के चारपाई पे बैठ चुकी थी और बाजी का हाथ पकड़ के बोला बाजी आप ने बताया नहीं की आज रात क्या ख़ास्स बात ह गी

बाजी मेरी बात सुनके के हंस पड़ी और बोली अरे मेरी जान इतना परेशान होने की कोई बात नहीं बस मज़ा ही कराईंगे हम और वो भी घर पे ही लेकिन किस तरह ये मत पूछना क्यूंकी मैं नहीं बताउंगी मैं बाजी की बात से ये तो समझ गया था की बाजी का इरादा पूरी रात चुदवाने का है

लेकिन ये सब होगा किस तरह सब घर वालों की मोजूदगी मैं ये समझ नहीं आ रही थी क्यूंकि 1 आध रात का तो कोई मसाला ही नहीं था जब चाहे कर सकते थे

लेकिन पूरी रात ये समझ नहीं आ रहा था खैर मैने अपना सर झटका और बाजी की तरफ मुस्कुराके और बोला ठीक है बाजी मैं अब आप से कुछ नहीं पूछूँगा और रात के होने का इंतज़ार करूँगा

बाजी भी मुस्कुराते हुए मेरी गॉल खींच के बोली हाँ भाई ये ही अच्छा है की तुम अभी कुछ ना बोलो और फिर उस के बाद हम दोनो इधर उधर की बातें करते रहे की अचानक बाजी ने कहा विकी क्या तेरा दिल कर रहा बिल्लो के साथ करने के लिए.

मैने बाजी की तरफ देखा और बाजी की आँखों मैं मुस्कान देख के हिम्मत पकड़ी और हाँ मैं सर हिला दिया और बोला लेकिन बाजी ये सब होगा कैसे बाजी ने कहा विक्की ये काम तुम मुझ पे छोड दो कल का दिन तो नहीं परसों बिल्लो को मैं तुम्हारे पास भेज दूँगागी तो दिल खोल के मज़े करना वो तुम्हें मना नहीं करेगी ठीक है

जहाँ बिल्लो का सुनके कर के परसों उस की चुत मेरे सामने होगी खुशी हुयी वहाँ थोड़ी हेरनी भी हुयी की आख़िर बाजी बिल्लो को किस तरह मनाईंगी मेरे लिए और वो किस तरह बाजी की बात मान के मेरे चुदवाने आएगी और ये बात मैने बाजी से भी बोली की बाजी बिल्लो को आप मानोगी किस तरह बाजी मेरी बात सुनके के हंसते हो बोली अरे मेरे भोले भाई तुम क्या समझते हो की

अगर तुम्हारी बहन या रीदा अपने ही भाइयों से चुदवा सकती हैं तो क्या बिल्लो को किसी का लंड अपनी चुत के लिए नहीं मिल सकता बाजी की बात सुनके के मैने थोडा हेरनी से बाजी की तरफ देखते हो बोला लेकिन बाजी बिल्लो तो फ़रज़ाना से कोई 1 साल ही बड़ी होगी तो क्या वो अभी से इन सब चक्कर मैं पड़ चुकी है

बाजी मेरी बात पे हहेहेहेहहे कर के हंसते हो बोली भाई तुम किस दुनिया मैं रहते हो यहाँ तो फ़रज़ाना से 2 3 साल छोटी लड़कियाँ भी बड़े बड़े लंड पूरे मज़े से अपनी चुत मैं ले के चुदवाती हैं

उस के बाद मैं चुप हो गया और सोच मैं पड़ गया की अगर बिल्लो जो की मेरी छोटी बहन की सहेली है और बाजी के कहेअनुसार पूरा मज़ा ले चुकी है तो क्या मेरी छोटी बहन फ़रज़ाना भी यहाँ तक आ के मेरा जहन इस बात को मानने से इनकार कर देता की नहीं मेरी छोटी बहन ऐसी नहीं हो सकती
शाम तक मैं इन्ही सोचों मैं गुम रहा और बाजी ने भेंसों को चारा पानी डाला उस के बाद दूध भी निकल लिया तो हम दोनो बहन भाई घर की तरफ चल दिए और घर पहुँच के देखा की अबू आ चुके थे लेकिन सर दर्द की वजा से चारपाई पे लेते आराम कर रहे थे तो मैने भी अबू का हाल चाल पूछा और फिर सब ने रात का खाना खाया तो
अम्मी ने फरी बाजी को बोला की चलो बेटी आज तुम्हारे अबू की तबीयत ठीक नहीं तो तुम ही मेरे साथ खेतों पे चलो

बाजी ने फॉरन ही अम्मी से कहा की अम्मी मेरी भी तबीयत खराब है कल से ये तो अबू नहीं थे और भाई को दूध निकलना नहीं आता था तो मुझे जाना पड़ा आप फरीदा को ही अपने साथ ले जाओ

अम्मी बाजी की बात सुनके के सोच मैं पड़ गई और फिर फ़रीदा को ही साथ ले के चली गई तो अबू ने फरी बाजी से कहा की उन को ज़रा सहारा दे कर उन के रूम मैं ले चलो तो मैं भी उठा और अबू को सहारा दे के उन के क रूम की तरफ चल दिया और जब मैं और बाजी अबू को ले के उन के रूम मैं दाखिल हो तो अबू सीधे हो के खुद ही अपने बिस्तेर पे चले गये

अबू के इस तरह सीधे होने पे जहाँ मैं हेरान हुआ तो वहीं बाजी के फेस पे स्माइले आ गई और बाजी ने मुझे देख के बोली भाई मेरा ख्याल है की तुम भी आज रात यहाँ अबू के पास ही सो जाओ

मैने हाँ मैं सर हिलाया और अबू के करीब बिछे बिस्तेर पे लेट गया जो की अम्मी का था तो बाजी हम दोनो को रूम मैं ही छोड के निकल गई और हम दोनो छत की तरफ देखते हो चुप लेटे रहे

हम दोनो मैं से कोई भी एक दूसरे की तरफ ना तो देख रहा था और ना ही कोई बात कर रहा था कोई 1 घन्टेसे ऊपर ही टाइम गुज़र चुका था हमें इस तरह लेते हुए की तब जा के बाजी रूम मैं आयी और दरवाजे को अंदर से लॉक कर दिया और हुमारी तरफ देख के मुस्कुराने लगी
बाजी भी थोड़ी देर तक हुमारी तरफ देख मुस्कुराती रही और फिर अपनी क़मीज़ पकड़ के उतार दी तो अबू उठ के बैठ गये . बाजी ऊपर से बिलकुल नंगी हो गयी बिना ब्रा के

फिर बाजी ने अपनी सलवार भी निकल दी और हुमारी तरफ देखने लगी तो मैं भी उठ बैठा और बाजी को बिना कपड़ों के सिर्फ़ पनटी मैं अपने बाप और भाई के सामने खड़ा देखने लगा तो बाजी ने अपने हाथ अपनी पनटी पे रखे और पनटी निकालने लगी

पनटी उतार के बाजी हुमारे करीब आ गई और हुमारी तरफ देखते हो बोली क्यूं जी आप कपड़े नहीं उतरोगे क्या तो अबू ने मेरी तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दिए तो मैं भी सर झुका के हल्का सा हंस दिया तो

अबू बिस्तेर से उतरे और अपने कपड़े उतरने लगे तो बाजी ने कहा चलो भाई अब तुम भी अपने कपड़े निकालो इसी तरह बैठे रहगे यहाँ , बाजी की बात सुनके के मैं भी उठ बैठा और अपने कपड़े उतार के साइड मैं फैंक दिए

तो बाजी बारी बारी हम दोनो बाप और भाई के लंड को देख के मुस्कुराने लगी
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Jemsbond
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Re: चुदाई घर बार की

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इस तरह अपने लोड़ों की तरफ देखता पा के मैने बाजी का हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया और जैसे ही बाजी मेरे सीने से लगी
मैने जौर दार बाजी को किस की और फिर बाजी को बिस्तेर पे धक्का दे के गिरा दिया और बाजी की टांगे पूरी तरह खोल दीं जिस से बाजी की चुत हुमारे सामने खुल के आ गई बाजी की चुत जिस पे हल्के बाल भी थे

उसे देख के अबू थोडा आगे बढ़े और अपने हाथ की फिंगर से बाजी की चुत को सहलाने लगे थोड़ी देर तक अबू बाजी की चुत को इसी तरह सहलाते रहे और फिर मेरी तरफ देख के हल्का सा मुस्कुराए और बाजी की चुत की तरफ इशारा किया तो मैं भी हल्का सा मुस्कुरा के अपनी बड़ी बहन की चुत पे थोडा सा झुका और और बाजी की चुत के होठों से अपने होंठ मिला दिए और बाजी की चुत को चाटने लगा जिस से बाजी पूरा जिस्म मचलने लगा

मैं जैसे जैसे बाजी की चुत को चाट रहा था बाजी के मूह से आआहह भाईईइ उंन्नमममह खा जाओ अपनी बहन की चुत कूऊऊऊऊओ ऊओह मेरे ईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ के साथ बाजी अपनी चुत को भी उठा के मेरे मूह की तरफ दबाने लगी

कुछ देर तक मैं बाजी की चुत को चुत चाटता रहा और अबू भी बाजी के बूबस को दबाते और सहलाते रहे और बाजी आअहह अबू दबाओमेरे बूबस ज़ोर सीईए पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़् आआहह भाईईईईईईईईईई मैं गैिईईईईईई की आवाज़ करती रही और फिर बाजी की चुत से पानी निकला जो की सारा मेरे मूह मैं गिरा जिसे मैं चाटके सॉफ कर गया

बाजी के फारिघ् होते ही अबू ने बाजी के बूबस को छोड़ा और बाजी के साथ ही लेट गये और बाजी को अपने लंड की तरफ इशारा किया तो बाजी उठी और अबू के लंड को हाथ मैं पकड़ लिया और मुस्कुराते हुए अबू के लंड की तरफ देखने लगी और अबू के लंड को अपने मूह मैं लेने लगी

बाजी थोड़ी देर तक अबू के लंड को अपने मूह मैं ले के चुस्ती और चाटती रही और अबू आअहह फरीईईई बेटिईई आराम से ऊऊहह मेरी जान की आवाज़ निकलते रहे

और फिर अबू ने बाजी के मूह से अपना लंड निकल लिया और खुद उठ के बैठ गये और बाजी को बिस्तेर पे लिटा दिया और खुद बाजी की टाँगों को खोल के दरमियाँ बैठ गये और अपना लंड अपनी ही बड़ी बेटी की चुत पे रख दिया


बूबस को सहलाने लगा के तभी अबू ने अपना लंड थोडा पीछे किया और फरी की चुत के सोराख पे टीका के हल्का सा झटका दिया तो अबू के लंड की कॅप बाजी की चुत मैं बड़े आराम से घुसती चली गई
क्यूंकि अब्बू का लंड बहुत छोटा और पतला था मेरे लंड से आधा ही रहा होगा

और बाजी के मूह से आअहह की आवाज़ निकली तो अबू ने बाजी की टाँगों को पूरा उठा के अपनी पूरी ताक़त लगा के के झटका दिया तो अबू का लंड बाजी की चुत मैं पूरा घुसता चला गया और बाजी आअहह अबू आप कितने अच्छे हो

उनम्म्मह चोदो मुझे अबू ऊऊहह आजज्ज अपनी बेटी की चुत को पूरी जान से चोदो की आवाज़ निकालने और अपनी गांड को अबू के लंड की तरफ दबाने लगी
जिस से अबू का लंड पूरी तरह बाजी की चुत मैं जा घुसता और अबू फिर से अपना लंड बाजी की चुत से निकलते और एक बार फिर ताआप्प्प्प्प्प से वापिस अपनी बेटी की चुत मैं घुसा देते

थोड़ी देर बाद अबू ने बाजी की चुत से अपना लंड बाहर निकल लिया और बाजी को डोगी बना के बाजी क चौतरों को अपने हाथों से खोला और अपने लंड को बाजी की चुत पे सेट किया और फिर बड़े प्यार और आराम से बाजी की चुत मैं घुसा के चोदने लगे

अबू और बाजी की इस चुदाई ने मुझे इतना ज़्यादा गरम कर दिया था की मुझसे और ज़्यादा बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था तो मैं उठा और आगे जा के बाजी क नीचे घुस गया और मेरा लंड बाजी के मूह के पास आ गया जिसे बाजी ने मुस्कुराते हो पकड़ लिया और मूह मैं ले के चूसने लगी

अब बाजी मेरा लंड मूह मैं लिए चूस रही थी और अबू बाजी की चुत मैं लंड घुसा के चोद रहे थे


कोई १-२ मिनट तक इसी तरह लगातार चुदाई के बाद अब्बू जल्दी ही बाजी की चुत पे फारिग हो गए
मेरा लंड अब बाजी के चूसने से बहुत ज्यादा कड़ा हो गया था.

तो बाजी ने पास पड़े कपडे से अब्बू का माल अपनी चुत से साफ़ किया और बोली भाई जान मुझे चोदो जल्दी से............ अब्बू ने मेरे चुत पे आग लड़ा दी है.

मै अब बाजी की टांगो को छोड़ा कर के उसकी चुत के मुह पे अपना मोटा बड़ा लंड रख के एक हल्का से झटका दिया तो बाजी की मुह से हलकी चीख निकल गयी.

मेने धीरे से अपना लंड अब बाजी की चुत पके अंदर डालना चालू किया. बाजी अब पूरे मज़े मै आ गयी थे. और ओह्ह्ह्हआह्ह्ह के आज निकल रही थी

चोद मुझे मरे भाई..बुझा दे मेरी चुत के आग... जो अब्बू ने लगा दी है.. हाँ भाई अपने मोटे लंबे लंड से चोद मुझे..

बाजी के बातें सुनके मुझे भी जोश आने लगा . और मै जोर जोर से बाजी की चुत मरने लगा.. मेने पीछे मुड के देखा तो अब्बू चारपाई पे लेटे हुए जोरजोर से साँस ले रही थे... उनकी आखों में मेने थोडा शर्मिदी दिखी थे

मैं बाजी की चुत मैं ही फारिघ् हो गया. अब्बू अभी भी तेज तेज सांसे ले रहे थे... और हम दोनों को देख रहे थे

आज मुझे इस बात का पता चाल गया था की अब्बू मै अब ज्यदा सेक्स स्टैमिना नहीं है. शायद बाजी ने इसी बात का फायदा उठाया है.

और दूसरा की अगर अम्मी को मेरे लंड की ताकत पता चल गयी तो वो भी मुझसे चुदवा सकती हैं

उस रात अबू ने एक बार और मैने दो बार बाजी की चुत मारी और उसके बाद मैं अपने रूम मैं और बाजी अपने रूम मैं जा के सो गई और सुबह जब मैं उठा तो 9 बज चुके थे तो मैं जल्दी से उठा और नहा के बाहर आ के सीधा रूम मैं चला गया

तो अम्मी जो की मुझे जागता देख चुकी थी मेरे लिए नाश्ता ले आयी और नाश्ता मेरे सामने चारपाई पे रखने के लिए झुकी तो मेरी नज़र सीधी अम्मी के गिरेबान मैं बिना ब्रा के बूबस पे जा अटकी जो की अम्मी के झुकने कीवजह से लटक रहे थे और हल्के से हिल भी रहे थे लेकिन ये नहीं के अम्मी के बूबस कोई ज़्यादा ढीले हूँ

ये नज़ारा देख के मेरा लंड एक बार फिर से अंगड़ाई लेने लगा की तभी अम्मी मेरी तरफ देख के बोली विक्की क्या बात है बेटा कहाँ गुम हो

मैं अम्मी की बात सुनके के चौंक सा गया और हड़बड़ा के अपनी आखें अम्मी की तरफ से हटा के बोला नहीं कहीं नहीं अम्मी भला मैं कहाँ गुम हूँ और नाश्ते की तरफ हाथ बढ़ाया ही था क अम्मी की बात सुनके के मेरे हाथ मैं पकड़ा नीवाला गिर गया लेकिन मैने जल्दी से अपने आप को संभाला

अम्मी .... बेटा क्या बात है आज रात लगता है तुम्हें और फरी को नींद नहीं आयी है क्यंकि वो भी काफ़ी देर से जागी है और लगता है तुम्हारे अबू भी रात ठीक से नहीं सोए हैं
मैं... डब्ल्यू...वो नहीं अम्मी बस रात को हम सब बैठे शहर की बातें करते रहे शैयद इसी लिए

अम्मी... मेरी आँखों मैं देखते हो अच्छा तो ये बात है लगता है की तुम्हारे अबू भी तुम लोगों के साथ मिल के बातें हांकने लगे हैं

मैं अम्मी की बात कोई जवाब नहीं दे सका और सर झुका के खामोशी से नाश्ता करने लगा और नाश्ते के बाद जब अम्मी एक बार फिर से झुक के बर्तन उठाने लगी तो मेरी नज़र अम्मी के बूबस जो की अम्मी की क़मीज़ का गला खुला होने की वजह से कुछ ज़्यादा ही नज़र आ रहे थे बोली मुझे अपने बूबस को घूरता देख के हल्का सा मुस्कुरा दी और बोली बेटा कभी मेरे साथ भी थोड़ी गप लगा लिया करो आख़िर मैं भी तुम्हारी अम्मी हूँ

इतना बोलते वक़्त अम्मी के फेस पे बड़ी अजीब सी मुस्कान नज़र आ रही थी जो की मुझे बहुत कुछ सोचने पे मजबौर कर रही थी तो मैं भी हल्का सा मुस्कुरा दिया और बोला जी अम्मी क्यूं नहीं

अम्मी मेरी बात सुनके के थोडा खुश हो गई और बर्तन उठा के बाहर निकल गई तो मैं उठा और बाहर जाने की तैयारी करने लगा तो फरी बाजी जो की अभी तक खेतों मैं नहीं गई थी मेरे रूम मैं आ गई तो मैने बाजी को देखते ही कहा बाजी लगता है अम्मी को हुमारे बारे मैं शक़ हो गया है

बाजी हाँ मैं सर हिलाते हो बोली हाँ भाई मुझे भी कुछ ऐसा ही लगता है क्यूंकि अम्मी आज बड़ी अजीब निगाहों से मुझे घूरती रही हैं इसी लिए तो मैं यहाँ आयी हूँ तुम से बात करने

मैने भी अभी अम्मी से होने वाली सारी बातें बाजी को बता दीं तो बाजी ने कहा चलो ठीक है अबू से बात करती हूँ देखो क्या होता है और बाहर जाने लगी तो मैने कहा बाजी अगर खेतों की तरफ जा रही तो मैं भी चालों आप क साथ तो बाजी ने हाँ मैं सर हिला दिया
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Re: चुदाई घर बार की

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मैं और बाजी एक साथ घर से निकले और खेतों की तरफ चल दिए अभी हम थोड़ी दूर ही गये थे की पीछे से बिल्लो की आवाज़ सुनाई दी जो बाजी को रुकने के लिए बोल रही थी बिल्लो की आवाज़ सुनके के हम दोनो रुक गये और बिल्लो के पास आने का इंतजार करने लगे तो बिल्लो ने पास आते ही बाजी को कुछ इशारा किया तो बाजी ने मेरी तरफ देख के कहा भाई तुम चलो आगे मैं आती हूँ

मैं बाजी की बात सुनके के खेतों की तरफ चल दिया और बाजी बिल्लो के साथ आहिस्ता आहिस्ता
बातें करती मेरे पीछे आने लगी मैं खेतों मैं पहुँच के चारपाई पे बैठ गया और बाजी का इंतज़ार करने लगा जो की थोड़ी ही देर मैं बिल्लो क साथ वहाँ आ गई और

तभी अबू भी चारा उठाए वहाँ आ गये और बिल्लो को वहाँ देख के मुस्कुरा दिए और बोले क्या बात है आज तो बिल्लो भी आयी है

बिल्लो भी अबू को देख के मुस्कुरा दी और बोली क्यूं चाचा जी लगता है अब आप की हर ज़रूरत फरी से ही पूरी हो जाती है जो आप को इतने दिनों से मेरी याद नहीं आयी और हल्का सा मुस्कुरा दी

बिल्लो की बात ने मुझे हेरात का एक झटका दिया क्यूं की बिल्लो की बातों से साफ़ ज़ाहिर हो रहा था की बिल्लो को ना सिर्फ़ अबू और फरी की चुदाई के बारे मैं पता है बल्कि मुझे अब ये भी यक़ीन हो रहा था की बिल्लो खुद भी अबू से चुदवा चुकी होगी जो के मेरे लिए शॉकिंग था

बिल्लो की बात सुनके के अबू ने मेरी तरफ देखा और बिल्लो से बोले अरे नहीं बेटी भला तुम को मैं कैसे भूल सकता हूँ तुम तो जान हो मेरी और ये सब तुम्हारी ही वजह से तो हुआ है

बाजी अब आजे बढ़ी और अबू की तरफ देख के बोली अबू बिल्लो बोल रही है की उसे थोडा टाइम व्क्कि के साथ गुज़रना है अबू बाजी की बात सुनके के बोले ठीक है बेटी ऐसा करो तुम तीनो अंदर रूम मैं चले जाओ और मज़े करो

मुझे अभी बहुत सारा काम करना है और वैसे भी मैं

काफ़ी थका हुआ हूँ अबू की बात सुनके के बाजी ने मेरी तरफ देखा और बोली भाई तुम बिल्लो के साथ रूम मैं चलो मैं अभी आती हूँ

बाजी की बात सुनके के मैने बिल्लो की तरफ देखा जो मेरी तरफ ही देख रही थी तो मैं हल्का सा मुस्कुरा दिया और बिना कुछ बोले रूम की तरफ चल दिया तो बिल्लो भी मेरे साथ मेरे पीछे ही रूम मैं आ गई

रूम मैं आते ही मैने बिल्लो के हाथ पकड़ के उसे चारपाई पे बिता दिया और बोला तो

ये तुम थी जिस ने फरी बाजी को अबू से चुदवाने मैं मदद की थी

बिल्लो हल्का सा मुस्कुरा दी और बोली जी विक्की जी अगर मैं फरी की मदद ना करती तो तुम लोग अभी तक इतना खुल के सेक्स का मज़ा नहीं ले पाते तो मैं भी बिल्लो की बात सुनके के

हल्का सा हंस दिया और खड़ा हो के अपने कपड़े उतरता हुआ बोला हाँ ये तो तुम्हारा एहसान है हम पे और आज मैं तुम्हारे उस एहसान के बदले मैं तुम्हारी चुत को ठंडा करूँगा

मैने अपनी सलवार उतरी और बिल्लो के नज़दीक अपना खड़ा लंड कर दिया तो बिल्लो मेरा इतना बड़ा लंड देख की दंग रह गयी, उसके चेहरे पे हलकी सी मुस्कान आ गयी

बिल्लो ने भी बिना देर किए अपना मूह खोला और अपनी ज़ुबान निकल के मेरे लंड की कॅप पे घूमने लगी बिल्लो के इस तरह लंड की कॅप पे ज़ुबान घूमने से मेरे मूह से आआहह की आवाज़ निकल गई तो बिल्लो ने अपना सर उठा के मेरी तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दी

और फिर मेरे लंड को छोड क खड़ी हो गई और मुझे अपनी जगह चारपाई पे लिटा दिया

खुद साइड मैं बैठ के मेरे लंड पे झुक गई और अपना मूह खोल क मेरे लंड को मूह मैं भर के चूसने लगी
थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसने के बाद बिल्लो ने मेरा लंड छोड दिया और मेरी तरफ देखने लगी तो मैं भी उठ के बैठ गया और उसे अपनी तरफ खींच के अपने साथ चिपका लिया और किस करने लगा

किस करते वक़्त उस के मूह मैं अपनी ज़ुबान घुसा के किस करता रहा और फिर हम दोनो अलग हो गये तो मैं बिल्लो की तरफ देख के बोला

क्या कपड़े उतरे बिना ही चुदवाना है क्या तो बिल्लो भी हंस दी और सीधी हो के कपड़े उतरने लगी

बिल्लो अपनी सलवार भी उतरती जा रही थी और मेरी तरफ देख हल्का सा मुस्कुरा भी रही थी जिस से मेरा लंड फटने की हद तक जा पहुँचा था और फिर बिल्लो अपनी सलवार उतार के साइड मैं रख के लेट गई
बिल्लो को इस तरह लेटा देख मैं हल्का सा मुस्कुरा दिया और उसके करीब बैठ गया और बोला क्या क़मीज़ नहीं उतरोगी अपनी तो वो हल्का सा हंसते हो बोली

क्यूं क्या सिर्फ़ अपनी बहन के कपड़े ही उतार सकते हो मेरे नहीं उतरोगे तो मैने अपना हाथ आगे बढ़ाया और बिल्लो की क़मीज़ को पकड़ के निकल दिया तो वो सिर्फ़ ब्रा और पनटी मैं ही मेरे सामने रह गई तो

तभी मेरी नज़र पहली बार बिल्लो की पनटी पे पड़ी जो की उस की अपनी चुत के पानी से गीली हो रही थी
बिल्लो की पनटी को चुत वाली जगह से देख के मेरा अपना भी हाल खराब होने लगा और मैं बिल्लो के साथ लेट गया और उसे अपनी तरफ खींच के अपने सीने से लगा लिया और किस करने लगा

थोड़ी देर तक हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे को किस करते रहे और अपने हाथों से भी एक दूसरे को सहलाते और मसालते रहे तो उस के बाद मैने बिल्लो को खुद से अलग किया

और उस का फेस दूसरी तरफ घुमा के पीछे से चिपक गया और अपना लंड बिल्लो की गांड जो के अभी तक पनटी मैं फँसी हुयी मेरे सामने थी टीका दिया और अपने हाथ बिल्लो के बूबस पे रख के दबाने लगा और पीछे से हिलने लगा

तभी फरी बाजी भी रूम मैं इन हो गई जिसे देख के मैं बिल्लो से थोडा पीछे हट गया और बाजी की तरफ देख के बाजी को भी पास आने का इशारा किया

बाजी भी हुमारे पास आ गई तो मैने बिल्लो की तरफ देखते हो कहा चलो यार अब ये बाकी के बचे हो कपड़े भी निकल दो और खुद बाजी के कपड़े जो बाजी उतार चुकी थी और उस वक़्त सिर्फ़ पनटी और ब्रा मैं ही खड़ी थी उतरने लगा और

उस के बाद मैं बिस्तेर से उठा और बाजी को बिल्लो क साथ लिटा दिया और दोनो को टोंगो खोलने का बोला और जैसे ही बिल्लो और बाजी ने अपनी टांगो खोली मैं दोनो की चुत देखने लगा और अंदाज़ा करने लगा इन मैं से किस की चुत ज़्यादा प्यारी और सेक्सी है तो अच्छी तरह देखने के बाद

मुझे मानना पड़ा की फरी बाजी की चुत बिल्लो से ज़्यादा गीली हो रही थी और हल्की पिंक होने की वजह से और भी ग़ज़ब ढा रही थी लेकिन मैने बाजी की चुत से अपना ध्यान हटाया और बिल्लो की चुत की तरफ झुक गया , बिल्लो की चुत आज पहली बार मिल रही थी लेकिन बाजी तो मेरे पास ही होती थी जब दिल चाहे चोद डालो बाजी ने कौन सा मना करना था

मैं अब बिल्लो की चुत पे झुका और अपनी ज़ुबान निकल के बिल्लो की चुत पे घूमने लगा और साथ ही अपना हाथ बाजी की चुत की तरफ बढ़ाया और अपनी फिंगर से बाजी की चुत को सहलाने लगा और साथ ही अपनी फिंगर को बाजी की चुत मैं भी घुसा के चोदने लगता

मेरे इस तरह दोनो की चुत से छेड़ खानी करने से बाजी और बिल्लो दोनो ही मचलने लगी

सस्सीईईईई उनम्म्मह आअहह की आवाज़ों के साथ महॉल को और भी गरम किए हो तीन थोड़ी देर तक इसी तरह बिल्लो की चुत पे अपनी ज़ुबान घूमने और बाजी की चुत मैं उंगली घुसते रहने क बाद मैं उठा और बिल्लो को उठा दिया और खुद उस की जगह लेट गया और उसे बोला की जान जी चलो आ जाओ आज तुम्हें अपने लंड की सवारी करवाता हूँ

बिल्लो मेरी बात सुनके के खड़ी हो गई और मैं अपने बाज़ू पीछे की तरफ मौजोद के बिस्तेर पे टीका के बैठ गया तो बिल्लो अपनी दोनो टाँगों को खोल के मेरे दोनो तरफ कर के खड़ी हो गई जिस से

बिल्लो की चुत मेरे मूह के सामने आ गई और फिर बिल्लो आहिस्ता से नीचे को झुकती गई और मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ के अपनी चुत पे सेट किया और आराम से नीचे बैठ गई जिस से मेरा लंड बिल्लो की चुत मैं घुसता घुसने लगा. केवल मेरे लंड का कप की बिल्लो की चुत में चूसा था .

मेरे मोटे लंड से बिल्लो को शायद दर्द हो रहा था वो हलके हलके ही मेरे सुपाडे को अंदर करके चुद रही थी और ओह आज के आवाज निकल रही थी..

तभी बाजी ने बोला , भाई जान ..तुम्हारा मोटा लंड बिल्लो की चुत मैं ऐसे नहीं जाएगा.
तुम इसकी चुत में झट्के से डोलो. यह अभी इतने मोटे लंड से नहीं चुदी है बस अब्बू का पतला लंड लेके ही खुश है.

आज इसको पता चलेगा की मोटे लंड से कितना मज़ा आता है. बिल्लो जो की मेरे लंड का केवल सुपाडा की अपनी चुत मै ली थी..

बाजी के बात से मै थोडा सीधा हुआ और बिल्लो को अपने साथ लिटाया लिया और झट्के से अपना आधा लंड बिल्लो की चुत पे पेल दिया . बिल्लो दर्द से गनगना उठी ..और चिलाने लगी.. आ बाजीनहीं चुदना मुझे.. प्लीएसा भाई जी निकल लो अपना लंड ..ओह....माआआआअ.मर गयी...
बाजी उसकी बात पे हंस दी ...बोली बिल्लो रानी अभी तो भाई का लंड आधा की चुत के अन्दर गया है... पूरा जाएगा तब क्या होगा..

मै बिल्लो को वसे ही जकड के पदके रहा और धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करता रहा.बाजी ने बिल्लो के बूबस को हलके हलके दबाना चालू किया , जिससे उसको थोडा आराम मिलने लगा मै बीच बीच मै बिल्लो के होंठो को किस करने लगा..

इसी तह २-३ मिनट चुदाई करता रहा तभी बाजी ने मुझे इशारा किया और मेने अपना लंड हल्का सा बाहर किया और चाप के एक झट्के से बिल्लो के चुत पे पेल दिया. बिल्लो दर्द से तिलमिला उठी.. और जोर जोर चिलाते हुयी रोने लगी लगी..

उसकी चिलाह्त इतनी जोर की थी बाहर अब्बू ने भी सुन ली और वो भी घबरा के ,सुनके बाहर से अब्बू ने आवाज दी क्या हुआ फरी ....... कुछ परेशानी... बोलो

बाजी हंसके ,,आबू से बोली कुछ नहीं अब्बू .

भाई जान ने अपना लंड बिल्लो रानी चुत पे पेल दिया..........

अब्बू.. के ही ही ही.. और जोर से हसने ... की आज सुनाई दी .. मै बिल्लो को जकड के पकड़ा हुआ था ..
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