ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का ) complete

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ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का ) complete

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ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

लेखक -आशु
दोस्तो ये कहानी आशु ने लिखी है मैं इसे इस फोरम पर पोस्ट कर रहा हूँ आप सब इस कहानी को ज़रूर एंजाय करेंगे
सोनू अपने स्कूल से घर जाते हुए आज कुछ ज़्यादा ही एक्साइटेड था...होता भी क्यों नहीं, आज उसकी बहन सोनिया जो आ रही थी हॉस्टल से..

सोनू और सोनिया जुड़वां भाई-बहन थे, दोनो अभी 12th क्लास में थे...

2 साल पहले 10th के बाद उनके पेरेंट्स ने सोनिया को देहरादून के एक हॉस्टिल में पढ़ने के लिए भेज दिया था.

कारण था उसका 10th में फैल हो जाना...

सोनू अपनी बहन के मुक़ाबले पढ़ाई में होशियार था, पर सोनिया का मन शुरू से ही पढ़ाई में नही लगता था... 9th तक तो वो किसी तरह पास होती रही... पर 10th में बोर्ड के एग्जाम्स थे, इसलिए उसकी कमज़ोरी सबके सामने आ गयी और वो फैल हो गयी... उसके पापा ने तुरंत उसे हॉस्टिल भेजने का इंतज़ाम कर दिया... वो बहुत गिड़गिड़ाई पर पापा का दिल नहीं पसीजा, सोनू भी बहुत रोया जब उसकी बहन जा रही थी... पर वो कुछ नही कर सकता था... पापा का गुस्सा सभी जानते थे... इसलिए उनकी मम्मी भी कुछ नही बोली.

और पिछले 2 सालो में सोनिया में आए बदलाव देखकर सभी को ये संतोष था की उसे हॉस्टिल भेजने का फ़ैसला सही था..

वो पढ़ाई में काफ़ी होशियार हो चुकी थी.

पर उसके घर वालो को ये बात पता नही थी की वो और भी चीज़ो में होशियार हो चुकी है...और वो किन-2 मामलों में होशियार हुई है, ये आपको धीरे-2 पता चल ही जाएगा.

खैर, सोनू जब घर पहुचा तो दरवाजा उसकी बहन ने ही खोला और दोनो एक दूसरे को देखकर चिल्लाते हुए गले लग गये...

''ऊऊऊऊ मेरा बच्चू ...... मेरे सोनू ........ मेरी जान........ ''

सोनिया ने जब उसे ये कहते हुए अपनी बाहों में भींचा तो छोड़ने का नाम ही नही लिया...

पहले तो सोनू खुशी के मारे कुछ रिएक्ट ही नही कर पाया पर कुछ देर बाद उसे एहसास हुआ तो वो झेंप सा गया... उसकी बहन ने उसे ज़ोर से भींचा हुआ था...सोनू के सीने से सोनिया की ब्रेस्ट बुरी तरह से रगड़ खा रही थी.

सोनू के लिए ये पहला मौका था जब वो किसी लड़की की ब्रेस्ट को इस तरह से महसूस कर पा रहा था...

उसे अच्छा तो बहुत लग रहा था,पर वो उसकी बहन थी..

उसके अंतरमन से एक आवाज़ आई.. 'ये क्या कर रहा है सोनू... ये तेरी सग़ी बहन है... छोड़ इसे .... ये ग़लत है'

वो तुरंत उसकी पकड़ से छूट गया...

और उसे देखते हुए बोला : "वाव सोनीया........ पूरे 8 महीने बाद आई है इस बार.... आई एम सो हैप्पी टू सी यू ... और तू कितनी बदल गयी है ....... शायद पहले से ज़्यादा मोटी भी हो गयी है...''

सोनू उसे उपर से नीचे तक देखते हुए बोला.

और सोनू का ये कहना बिल्कुल सही था.. बदलने का मतलब उसके कपड़ो से था...

हमेशा शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने वाली सोनिया ने इस वक़्त एक स्लीवलेस टॉप और निक्कर ही पहनी हुई थी... ऐसे फंकी कपड़ो में सोनू ने उसे आज तक नही देखा था...



और उसे मोटी उसने इसलिए कहा क्योंकि उसकी मोटी-2 टांगे उसने पहली बार देखी थी...
और वो मोटी और चिकनी टांगे किसी फिल्मी हेरोइन से कम नही लग रही थी..और टाइट टॉप की वजह से उसकी छातियाँ भी ज़रूरत से ज़्यादा बाहर निकल कर चमक रही थी... आज से पहले सोनू ने उसकी ब्रेस्ट का साइज नोट नहीं किया था पर ऐसे कपड़ों में वो उन्हें नरअंदाज भी नही कर सकता था

और कुछ देर पहले सोनू ने जिस तरह से उसके गुदाजपन को महसूस किया था, उसके हिसाब से तो उन छातियों में काफ़ी माल भरा हुआ था.

पर इन गंदे ख्यालों के एक बार फिर से दिमाग़ में आते ही उसने उन्हे झटक दिया... ये कहते हुए... 'ये ग़लत है'.

दोनो अंदर आ गये और बैठकर काफ़ी देर तक एक दूसरे से बात की..

सोनू नोट कर रहा था की सोनिया भी उसे देखकर उतनी ही एक्साइटेड है जितना की वो...

इस बार वो कई महीनों के बाद वापिस आई थी... और वो भी पूरे 2 महीने के लिए...

वो दोनो बाते कर रहे थे और उनकी मॉम, वाणी अंदर आई और उन्हे खाने की टेबल पर आने को कहा...

वाणी ने भी अपने आप को काफी मेंटेन करके रख हुआ था वाणी एक डॉक्टर थी

आज घर मे सब कुछ सोनिया की पसंद का ही बना था... वैसे एक ख़ास बात थी, शुरू से ही जो सोनू को पसंद आता था,वही सोनिया को भी पसंद आता था.. इसलिए ये कहना ग़लत होगा की आज सब कुछ सिर्फ़ सोनिया की पसंद का बना था...सोनू को भी ये सब उतना ही पसंद था जितना उसकी बहन को..यानी राजमा-चावल, आलू का रायता, आलू पालक की सब्जी संग परांठे और मीठे में मलाई वाली खीर.

सबने मिलकर खाना खाया और एक बार फिर से दोनो भाई-बहन अपने रूम में जाकर गप्पे मारने लगे..

और अंदर जाते ही सबसे पहला सवाल जो सोनिया ने किया, उसे सुनकर सोनू की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी

वो बोली : "और सुना ब्रो.... तूने साक्षी के साथ कुछ किया क्या... किस्स-विस्स करी क्या उसको...''

साक्षी दरअसल सोनू की क्लास में ही थी... पिछली बार जब सोनिया घर आई थी तो साक्षी उसकी नोटबुक लेने घर आई थी... देखने में वो काफ़ी एट्रेक्टिव सी थी, बिल्कुल रिया सैन जैसी शक्ल थी उसकी...

उसके चले जाने के बाद सोनिया काफ़ी देर तक सोनू को साक्षी का नाम लेकर छेड़ती रही थी.... और अंत में उसने सोनू से ये बात उगलवा ही ली की वो वन साइडेड उसको लाइक करता है.

और आज वो ये जानना चाहती थी की सोनू ने उसे किस्स किया या नही.... WTF

ये कैसी बाते करने लगी है सोनिया एक दम से... इतनी फ्रेंक तो वो पहले कभी नही थी... सपनों को खुद ही शर्म आई की उसकी बहन उससे ये कैसा प्रश्न पूछ रही है... वो झेंप सा गया...

पर सोनिया ने उसका पीछा नही छोड़ा.... वो बार -2 उसकी ही बात करके सोनू को छेड़ती रही...

अंत में सोनू ने उससे पीछा छुड़वाने के लिए बोल ही दिया

''देखो सोनिया.... उसके और मेरे बीच की बात कहाँ तक पहुँची है,इससे तुम्हारा कोई मतलब नही होना चाहिए... मैने तो आज तक तुमसे तुम्हारी लाइफ के बारे में कुछ नही पूछा... तो तुम क्यो पूछ रही हो..''

वो बड़े ही कैज़ुअल तरीके से बोली : "अरे, तो इसमे क्या प्राब्लम है.... तू भी पूछ ले.... मेरी लाइफ के बारे में ...''

उसने ये बात आँख मारते हुए कही....
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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सोनू को थोड़ा अजीब सा लगा उसका ये तरीका...अपने भाई को आँख मारना.

फिर भी उसने दिल कड़ा करके पूछ ही लिया : "अच्छा तो बता तू.... ते.... तेरा कोई बी एफ है क्या वहां पर....''

उसने बड़े ही कूल तरीके से जवाब दिया : "हाँ .... है..''

सोनू की तो दिमाग़ की नसें फूल गयी ये सुनकर...

उसने अपने गुस्से पर कंट्रोल करके पूछा : "और....तूने..... कभी उसे.... आई मीन ....उसके साथ ...''

वो समझ गयी की सोनू उससे वो सवाल पूछने में घबरा रहा है , इसलिए उसने खुद ही उसका सवाल पूरा कर दिया और उसका जवाब भी दे दिया..

''यही ना की मैने उसके साथ किस्सी विस्सी की है या नही..... हाँ किया है... एन्ड आई रियली एंजोएड इट...''

इतना कहते हुए उसने एक बार फिर से उसे आँख मार दी.

सोनू की समझ में नही आ रहा था की वो क्या करे...

गुस्सा तो बहुत आ रहा था... मन कर रहा था की उसे एक थप्पड़ लगा दे ...
या मॉम डेड को जाकर बोल दे ... पर वो सब विचार और गुस्सा उसके अंदर ही रह गया...

वो कुछ देर तक उसे देखती रही और बोली : "चिल यार.... इतना टेंशन मत ले.... ऐसा कुछ नही है... मज़ाक कर रही थी...''

इतना कहकर वो बाथरूम में चेंज करने चली गयी.

पर सोनू को पता चल चूका था की वो मज़ाक नही था.... जिस अंदाज से वो बता रही थी, और जिस तरह से उसने किस्स वाली बात को एंजाय करके बताया था, उससे सॉफ पता चल रहा था की वो सच था.

यानी उसकी बहन...इस टीनेज उम्र में , किसी के साथ वो सब करती है..... किस्स करती है... क्या वो कुछ और भी करते होंगे... क्या उस लड़के ने उसके बूब्स भी दबाएँ होंगे....

छी .....ये मैं क्या-2 सोचने लगा.... वो मेरी बहन है.... .... मुझे ऐसा नही सोचना चाहिए... ये ग़लत है.

वैसे भी उसने बाद में बोला था की वो सब मज़ाक था...

शायद वो सही हो...

मुझे सताने के लिए ऐसा बोल रही हो..

सोनू ने वो सब विचार झटक दिए और अपना नाइट सूट लेकर वो बाथरूम की तरफ चल दिया...

और अंदर घुसते हुए सोनू को इतना भी ध्यान नही रहा की सोनिया अभी कुछ देर पहले ही अंदर गयी है... और उपर से उसकी फूटी किस्मत तो देखो, वो अंदर से दराजा बंद करना भी भूल गयी थी.

सोनू अपनी ही सोच में अंदर घुसा और अंदर का नज़ारा देखकर मेरी आँखे फटी रह गयी.

वो वाश्बेसन पर खड़ी होकर ब्रश कर रही थी... अपनी टी शर्ट उतार चुकी थी और सिर्फ़ ब्रा पहनी हुई थी उसने... और नीचे वही ब्लू कलर की निक्कर...

मुझे अंदर आता देखकर वो एकदम से मेरी तरफ घूमी और बोली : "ओह्ह शिटट्ट , मैं दरवाजा बंद करना ही भूल गयी...आई एम सॉरी सोनू... ''


इतना कहकर उसने किल्ली पर टंगा टावल उठाया और अपने सीने पर चुन्नी की तरह रखकर उसे ढक लिया. और वो भी उसने इसलिए किया ताकि सोनू उसे इस तरह हैरानी से देखना बंद कर दे..
पर तब तक जो नज़ारा सोनू को दिख चुका था, उसका क्या.

वो बेचारा शर्मिंदा सा होकर वापिस बाहर जाने लगा...तो सोनिया ने उसे टोका

''अरे भाई.... कहाँ चल दिया.... तू आजा,मैं बाहर जाकर चेंज कर लूँगी... मुझे तो इस तरहा ब्रा में नही सोया जाता...और हाँ , इस बार मैं बाहर से बंद कर रही हूँ .... कोई शरारत नही...''

इतना कहकर वो मुस्कुराती हुई बाहर निकल गयी और जाते -2 उसने एक बार फिर से आँख भी मारी.

सोनू की तो कुछ समझ में नही आ रहा था की ये हो क्या रहा है.... इतने कैज़ुअल तरीके से वो क्यों बात कर रही है... वो भी उन टॉपिक्स पर जिनके बारे में उन दोनो ने पहले कभी बात नही की....

पहले वो किस्स वाली बात... और अब ये ब्रा उतारकर सोने वाली बात... वो उसे क्यों बता रही है..

कही वो..... मुझे ..... नही

नही... नही...

ऐसा नही हो सकता....

एक बार फिर से उसने अपना तकिया कलाम दोहराया.

''ये सब मेरा वहम है... ऐसा नही सोचना चाहिए... ये ग़लत है.''

पर ना चाहते हुए भी उसका ध्यान दूसरी तरफ जा ही नही रहा था... बार-2 अपनी बहन का वो ब्रा वाला सीन उसकी आँखो के सामने आ रहा था.

पता नही और क्या-2 होने वाला था उसके साथ.
सोनू ने अपने कपड़े उतार कर एक निक्कर पहन ली.... अपनी अप्पर बॉडी को वो शीशे में देखकर पोज़ बनाने लगा... कुछ टाइम से उसे जिम जाने का शोंक चढ़ आया था... और आजकल वो बेंच प्रेस वाली एक्सरसाइज काफ़ी करता था... इसलिए उसकी बॉडी में कटाव से नज़र आने लगे थे... वो ये कर ही रहा था की बाहर से सोनिया की आवाज़ आई

"ओ मजनू.... तेरी लैला का मैसेज आया है... बोल रही है की कल उसकी बुक ज़रूर लेता आइयो''

सोनू समझ चुका था की वो साक्षी के मैसेज की बात कर रही थी...

सोनू का दिमाग़ ठनक गया ये सुनकर.... यानी सोनिया ने उसके मोबाइल के मैसेज पढ़ने शुरू कर दिए थे...

वो तुरंत बाहर आने लगा पर उसने तो बाहर से लॉक किया हुआ था...

सोनिया के हँसने की आवाज़ आई : "हा हा ..... बेचारा..... कैसे तड़प रहा है उसका मैसेज पढ़ने के लिए.... ''

वो अंदर से बड़ी ही बेसब्री भरी आवाज़ में बोला : "देखो दी.... ऐसे किसी के मैसेज पढ़ना ग़लत बात है....''

सोनिया : "अच्छा , बड़ी जल्दी भूल गया तू तो, लास्ट टाइम तूने भी तो मेरे सारे मैसेज पढ़ डाले थे... मेरी और मेरी सहेली की चैट पढ़कर तुझे भी तो बहुत मज़ा मिला था.... और एक को तो तूने रिप्लाइ भी कर दिया था...''
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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सोनू को याद आ गया की उसे छेड़ने के लिए पिछली बार उसने सोनिया के मोबाइल मे सारे मैसेज पढ़ डाले थे... और व्हाटसएप की डी पी देखकर एक दो लड़कियो को कमेंट भी कर दिया था...आज सोनिया उसका पूरा बदला लेने के मूड में थी शायद..

वो गिड़गिडाया : "प्लीज़ सोनिया.....दरवाजा खोलो.... आई एम सॉरी... प्लीज़ खोलो...''

उसे डर था की कहीं सोनिया उसके 'नॉटी बॉयज' ग्रूप के मैसेज ना पढ़ ले... उसका तो आडमिन भी वही था... और उसमें हर तरह के नॉन वेज जोक्स और लड़कियों की न्यूड पिक्स थी ...

सोनिया : "रुक जा ... रुक जा.... थोड़ा मज़ा तो लेने दे पहले तेरी लैला से....''

वो घबरा गया... पिछले कई समय से उसके मन में भी साक्षी के लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर था...कही कुछ ग़लत ना लिख कर भेज दे वो उसको...वरना रही सही रेप्युटेशन जो उसने बनाई है, वो भी चली जाएगी...

सोनू (गुस्से में ) : "प्लीज़ यार..... कुछ रिप्लाइ मत करना उसे.... ओपन द डोर...''
बाहर से कोई आवाज़ नही आई.... वो समझ गया की ज़रूर वो अपनी शरारतों को अंजाम देने में लगी है... पर बेचारा अंदर खड़ा हुआ कुछ कर ही नही सकता था...

सोनिया बाहर उसके मोबाइल से मैसेज करने में लगी रही



और करीब 2 मिनट के बाद दरवाजा खुला तो सोनू लपककर बाहर निकला... और वो सोनिया को धक्का देते हुए उससे अपना मोबाइल छीनने की कोशिश करने लगा... और उस छीना झपटी में दोनो के जिस्म कई बार छुए पर इस वक़्त सोनू को उन सबसे कोई मतलब नही था... वो बस अपना मोबाइल वापिस पाना चाहता था...

और आख़िरकार उसने मोबाइल ले ही लिया...

सोनिया हंस-हंसकर पागल हुए जा रही थी उसका उतावलापन देखकर....

सोनू ने तुरंत साक्षी वाली चैट खोलकर देखी .... सोनिया ने तो अच्छी ख़ासी बातचीत कर ली थी उसके साथ (सोनू बनकर)

सोनिया : "घबरा मत ..... तेरी सेटिंग करवा रही थी... मैने सोचा तुझसे तो होगा नही, इसलिए मैने ही हेल्प कर दी तेरी... अब देखना कल तुझे देखकर क्या बोलेगी....''

सोनू उसे गुस्से से देखता हुआ कमरे से बाहर आया... अपनी टी शर्ट पहन कर वो बाहर निकल गया और घर के सामने बने पार्क में पहुँच गया... और वहाँ जाकर उसने मोबाइल के मैसेज पढ़ने शुरू किए

साक्षी : "हाय .... कल मेरी बुक याद से ले आना.... 2 दिन से भूल रहा है....''

सोनू (यानी सोनिया) : "ओके .... ले आऊंगा .... उसके लास्ट पेज पर एक लेटर भी होगा... वो भी पढ़ लेना ...''

साक्षी : "लेटर ? कैसा लेटर ?"

सोनू : "लव लेटर ''

साक्षी : "आर यू सीरीयस ?''

सोनू : "यस आई एम ....''

साक्षी : "और मुझे लगा की तुम कभी बोलॉगे ही नही...''

सोनू : "इट मीन्स.. की तुम भी .. वाव...... पर कब से...''

साक्षी : "डफर ..... ऐसे नहीं .... कल मिल ज़रा स्कूल में , बताती हूँ तुझे ... बाय...''

और लास्ट वाली लाइन के बाद उसकी तरफ से एक धड़कता हुआ दिल भी आ चुका था...

यानी जो काम वो पिछले एक साल से करना चाह रहा था वो सोनिया ने 5 मिनट में ही कर दिया.... और वो उसे कितना बुरा भला कह रहा था..

वो तुरंत घर की तरफ चल दिया... उसे अपनी सिस्टर को थेंक्स जो कहना था... जाते हुए उसने उसकी फ़ेवरेट चॉक्लेट कोन वाली आइस्क्रीम भी ले ली..

दरवाजा उसी ने खोला.... और दोनो के चेहरे पर एक ब्रॉड वाली स्माइल थी...
और हंसते-2 सोनिया ने आगे बढ़कर अपने भाई को गले से लगा लिया...



सोनू भी मुस्कुराता हुआ उसके कंधे पर सिर रखकर बोला : "थेंक्स दी.... एन्ड सॉरी ऑल्सो.... मैने बेकार में आपको बुरा भला कहा...''

वैसे तो वो दोनो जुड़वा थे, पर कभी भी सोनिया अच्छा काम करती थी तो सोनू के मुँह से उसके लिए 'दी' निकल ही जाता था...और रिस्पेक्ट भी...

सोनिया ने उसे और ज़ोर से भींचते हुए कहा : "मैने तो पहले ही कहा था की मैने तेरी सेट्टिंग करा दी है... तू ही बेकार में गुस्सा हो रहा था उस वक़्त...''

और इस बार सोनू को एहसास हुआ की उसके साथ क्या हो रहा है...

वो अपनी बहन के गले से लगा हुआ था जिसने बिना ब्रा के टी शर्ट पहनी हुई थी... और उसने सॉफ महसूस किया की उसकी ब्रेस्ट के निप्पल उसे चुभ रहे है...

वो हड़बड़ा सा गया... उसकी समझ मे नही आ रहा था की क्या करे और क्या नही... उसने अपनी तरफ से पकड़ ढीली कर दी ताकि वो भी छोड़ दे...पर सोनिया ने और ज़ोर से जकड़ लिया उसे...और उसकी आँखो में देखती हुई बोली : "वैसे मुझे भी तुझे सॉरी बोलना चाहिए...मैने तेरा मोबाइल बिना तेरी इजाज़त के देखा''

सोनू : "अरे नही दी.... इट्स ओके .... ''

वो देखती नहीं तो इतना बड़ा काम होता कैसे

सोनिया के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गयी और अपने होंठों को तिरछा करते हुए बोली : "पर मैने तेरे 'नॉटी बाय्स' वाले मैसेज भी देख लिए हैं ...''

इतना कहकर वो अंदर भागती चली गयी...और जाते-2 उसने सोनू के हाथ से अपनी चॉकलेट कोन भी झपट ली...

वो भी उसके पीछे भागा पर उसने रूम में जाकर दरवाजा अंदर से लॉक कर लिया , वो बेचारा अपना सिर पकड़कर वही बैठ गया... उसकी समझ में नही आ रहा था की वो अब क्या करे... गुस्सा करे या शर्मिंदा होकर एक कोने में बैठ जाए...

लेकिन जो भी था, आज सोनिया ने वो सारे मैसेज देखकर उसकी प्राइवेट लाइफ को पूरा ख़त्म सा कर दिया था.
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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आगे चलकर वो ना जाने क्या-2 करेगी, ये सोचकर उसे डर लग रहा था.
वो ज़मीन पर बैठा सोच ही रहा था की उसकी मॉम वहां से निकलते हुए बोली : "अर्रे सोनू.... ऐसे नीचे क्यों बैठा है....अंदर जाओ... इट्स टाइम तो स्लीप ....''

सोनू : "मॉम .... वो ..... सोनिया..... अंदर....''

माँ : "ओफफो..... तुम दोनो ने पहले दिन ही लड़ाई शुरू कर दी....''

इतना कहकर वो आगे आई और दरवाजा खड़काकर बोली : "सोनिया.... सोनिया..... ओपन द डोर.....''

उन्हे ज़्यादा कहने की ज़रूरत नही पड़ी.... सोनिया ने तुरंत दरवाजा खोल दिया...और मॉम कुछ बोल पाती,उसने बड़ा ही भोला सा चेहरा बना लिया और बोली : "मॉम .... सोनू मुझे मार रहा था....इसलिए मैने डोर बंद कर लिया...''

सोनू तो उसकी चालाकी देखकर दंग सा रह गया....उसने तो सोचा भी नही था की उसकी बहन चालक भी बन चुकी है... पर वो बेचारा कुछ बोल ही नही पाया...उसे डर था की वो माँ को वो नॉटी बाय्स वाले मैसेज का सच ना बता दे...इसलिए मम्मी की फटकार सुनकर वो चुपचाप अंदर आ गया..

यहाँ मैं आपको बता दूँ की सोनू और सोनिया दोनो एक ही रूम में सोते थे.... ग्राउंड फ्लोर पर मॉम डेड का रूम था, ड्रॉयिंग और किचन भी...और एक गेस्ट रूम था जिसे मॉम ने क्लिनिक़ बना रखा था...अक्सर कई पेशेंट्स वो वहां देख लेती थी...वरना मार्केट में बने एक नर्सिंग होम में वो रैगुलर डॉक्टर थी...

सोनू चुपचाप अंदर आ गया और अपने बेड पर लेट गया...उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया...सोनिया भी दरवाजा लॉक करके दूसरे बेड पर जाकर लेट गयी...

सोनू के मन में अपनी बहन का ज़्यादा डर नही था, डर था तो बस इस बात का की कल साक्षी क्या बात करेगी उससे, कैसे करेगी.... वो कैसे जवाब दे पाएगा... वगेरह-2..

वो ये सोच ही रहा था की पीछे से आकर सोनिया उसके बेड पर लेट गयी और उसकी पीठ से चिपक कर बड़े ही प्यार से बोली : "सॉरी भाई.... वो क्या था ना की मुझे पिछली बार वाली बात याद आई तो मैने सारे मैसेज देख डाले...''

उसके कहने का तरीका ही इतना मासूमियत से भरा था की सोनू का दिल पिघल गया..

पर साथ ही उसकी हालत भी खराब होने लगी... सोनिया जिस तरह उसकी पीठ पर अपना सीना दबा कर लेटी हुई थी उससे सोनू को 'कुछ-कुछ' हो रहा था..

क्योंकि गौरतलब बात ये थी की दोनो ने सिर्फ़ एक कॉटन की टी शर्ट ही पहनी हुई थी...इस वजह से उसके नन्हे उरोजों पर लगे भाले की नोक जैसे निप्पल उसे पीठ पर सॉफ महसूस हो रहे थे...उसका पूरा शरीर काँप सा गया..

वो शायद समझ चुकी थी, इसलिए शरारती टोन में उसने पूछा : "क्या हुआ... कुछ प्राब्लम है क्या...''

वो जान बूझकर अपनी दबिश उसकी पीठ पर ज़्यादा कर रही थी.... सोनू की तो समझ में नही आ रहा था की वो ऐसा क्यों कर रही है... क्या उसकी बहन उसे रिझाने की कोशिश कर रही है.... पर ये तो ग़लत है ना..

वो तुरंत बोला : "नही...कुछ भी तो नही... चल अब सो जा... गुड नाइट.... मुझे मॉर्निंग में जल्दी उठना है...''

सोनिया बेमन से उठी और जाते-2 बोली : "ठीक है ठीक है... लगता है साक्षी से मिलने की कुछ ज़्यादा ही जल्दी है...''

अब वो बेचारा उसे क्या बोलता...की साक्षी से मिलने की नही बल्कि अपना उभार छुपाने की उसे जल्दी है...
अगली सुबह जब सोनू स्कूल पहुँचा तो उसकी नज़रें साक्षी को ही ढूँढ रही थी...

और जल्द ही उसे वो दिख भी गयी..

वो आज स्कूल ड्रेस में नही थी....आज उसकी बेडमींटन क्लास थी, इसलिए कैजुअल में आई थी वो.. दोनो की नज़रें मिली और दोनो ही मुस्कुरा दिए...



सोनू उसके पास पहुँचा और बड़े ही प्यार से उसे गुड मॉर्निंग कहा.... उसने भी मुस्कुरा कर अपना हाथ आगे करते हुए उसे विश किया..

सोनू वही बेंच पर उसके साथ बैठ गया... उसकी तो हिम्मत ही नही हो रही थी उससे कुछ कहने की...

साक्षी : "मुझे पता था,की तुम सामने आते ही ऐसे हो जाओगे...''

सोनू : "मैं...कैसा ??"

साक्षी ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे दबाते हुए बोली : "अरे बुद्धू , कब सीखोगे....आजकल के लोग कितने फास्ट है...और तुम हो की कुछ समझते ही नही...''

बेचारे सोनू का बुरा हाल था.... साक्षी ने खुले आम उसका हाथ पकड़ा हुआ था... और बोले जा रही थी...उसे डर सा लग रहा था की स्कूल मे दूसरे लोग उसे देखेंगे तो क्या सोचेंगे...उसके दोस्त तो उसकी टाँग खींचना पूरे साल नही छोड़ेंगे...

पर वहां कोई नही था...और होता भी तो उनके स्कूल में तो ये आम बात थी...लगभग हर लड़की का कोई ना कोई बाय्फ्रेंड था...सिर्फ़ सोनू ही ऐसा था जिसकी कोई जी एफ नही थी..

अचानक साक्षी बोली : "वो देखो.....रेणु को....वो अभी हमसे एक क्लास पीछे है...लेकिन बाकी के हर मामले में आगे निकल चुकी है...''
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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रेणु काफ़ी एट्रेक्टिव थी...हर कोई उसे एक बार चलते हुए देख लेता तो आहें भरकर रह जाता...वो अपने छोटे-2 कूल्हे कुछ ज़्यादा ही मटका कर चलती थी...उन्होने देखा की वो अपने बी एफ के साथ जल्दी-2 चलती हुई स्कूल के पीछे वाले एरिया में जा रही है...ये एक ऐसा हिस्सा था जहाँ दो बिल्डिंगो के बीच काफ़ी पेड़ थे, और उनके बीच छुपकर अक्सर प्रेमी लड़के-लड़किया मज़े लिया करती थी...सोनू ने एक दो बार छुप कर वहां के नज़ारे देखे थे, पर बाद में कभी हिम्मत नही हुई उसकी...

साक्षी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लगभग घसीटती हुई उस तरफ ले गयी

''चलो ना.....देखते है,वो आख़िर रोज वहां क्या -2 करते है...''

सोनू का दिल भी धड़क रहा था, वो उसके पीछे चलता चला गया.

बिल्डिंग के पीछे जाकर उन्होने देखा की रेणु और उसका बी एफ एक दूसरे को चूम रहे है...

साक्षी की आँखे गुलाबी हो गयी वो देखकर....उसके हाथ का दबाव सोनू पर बढ़ सा गया...दोनो छुपकर उन्हे देखने लगे..

लड़के ने रेणु के बूब्स प्रेस करे..उसके उपर के 3 बटन खोलकर , उसकी ब्रा को नीचे करके उसने रेणु की नन्ही ब्रेस्ट को सक किया....वो सब देखकर सोनू का तो बुरा हाल था ही, साक्षी के दिल की धड़कने बुरी तहर से धड़क रही थी...

अचानक वो बोली : "तू....तुमने जो कल फोन पर कहा था.... उस...उसका जवाब सुनना चाहते हो....''

सोनू का दिल भी धड़क उठा....वो उसके थरथराते हुए होंठों को देखकर बोला : "हाँ .....बोलो...''
सोनू का इतना कहना था की वो किसी लोमड़ी की तरह उसपर झपटी और अपने गर्म होंठ उसने सोनू के होंठों पर रख दिए और उन्हे जोरों से पीसती हुई बुदबुदाई : "उम्म्म.....आई लव यु .....आई लव यु सोनू.....आई लव यु ....''



और उसने सोनू का हाथ पकड़कर खुद ही अपनी छाती पर रख दिया...और सिसक उठी

एक तो सोनू की जिंदगी का पहला चुम्मा और उपर से पहली बार वो किसी की ब्रेस्ट को पकड़ रहा था...

एक ही दिन में उसकी जवान होती जिंदगी में 2 झटके लग चुके थे...और वो भी उस लड़की के द्वारा जिसके बारे में सोच सोचकर उसने ना जाने कितनी बार मुठ मारी थी....आज वो खुद ही अपने आप को उसके उपर उड़ेल सी रही थी...साक्षी का मदमस्त शरीर अपनी बाहों में लेकर वो भी फूला नही समा रहा था...और ख़ासकर उसके मोटे-2 मुम्मों पर हाथ रखकर तो उसे मज़ा ही आ गया था....आज उसे पता चला था की ये मम्मे कितने मुलायम होते है...उन्हे दबाने में उसे सच में काफ़ी मज़ा आ रहा था...

अचानक स्कूल की घंटी बज गयी....पहला पीरियड स्टार्ट हो चुका था....रेणु और उसका बी एफ भी वापिस आने लगे...और ये दोनो भी अपनी क्लास में आ गये...

उसके बाद पूरा दिन दोनो एक दूसरे के साथ ही बैठे रहे...साक्षी तो उससे चिपक कर ऐसे बैठी थी जैसे उसके सिवा किसी और का हक ही नही रह गया सोनू पर...

इसी तरह पूरा टाइम बीत गया और स्कूल के बाद खुशी-2 सोनू वापिस घर आ गया...

इस वक़्त घर पर मॉम तो होती नही थी, पापा भी ऑफीस में थे....सोनू के पास शुरू से ही घर की चाबी रहती थी
वो बेग लेकर अपने रूम में आया तो उसके बाथरूम से शावर की आवाज़ आ रही थी...यानि उसकी बहन नहा रही थी

पर कमरे के फर्श पर बिखरे कपड़ों को देखकर उसका दिमाग़ भन्ने गया...

सोनिया के बिस्तर से लेकर बाथरूम तक उसके कपड़े बिखरे पड़े थे....उसकी शॉर्ट, टी शर्ट और लास्ट में उसकी पेंटी...



और उसके पहनने वाले कपड़े और टावल वहीं उसके बिस्तर पर पड़ा था....यानी वो अंदर नंगी गयी थी और उसे वो सब लेने के लिए बाहर ऐसे ही आना पड़ेगा...एक ही मिनट में सोनू के दिमाग़ में सब बातें घूम गयी...

एक तो वैसे ही साक्षी की वजह से उसका लंड सुबह से अब तक बैठने का नाम नही ले रहा था, उपर से ये सब देखकर उसके दिमाग़ में शैतान ने सिर उठाना शुरू कर दिया...

पर अगले ही पल उसने वो सब विचार अपने दिमाग़ से झटक डाले और कमरे से बाहर निकलता हुआ बोला : "नही...नही...ये ग़लत है...ये ग़लत है...''

वो दरवाजा बंद करके जैसे ही बाहर निकला तो उसे शावर बंद होने की आवाज़ आई...और साथ ही दरवाजा खुलने और सोनिया के गुनगुनाने की आवाज़ भी आई...

उसके पैर वहीँ जम कर रह गये...और वो जाते-2 वापिस पलट गया..
उसके माथे पर पसीना छलक रहा था...उसके दिल की धड़कनें इतनी ज़ोर से धड़क रही थी की उसे डर था की कहीं उसकी आवाज़ सोनिया ना सुन ले...उसका हाथ अभी तक दरवाजे के हेंडल पर था...दरवाजा अभी तक थोड़ा सा खुला हुआ था...

अंदर से आ रही भीनी-2 शेंपू और पानी की महक ने उसे मदहोश सा कर दिया... उसके कदम वहीं जम कर रह गये....

अंदर से उसके गुनगुनाने की आवाज़ आ रही थी..

''मेरे ख्वाबों में जो आए, आके मुझे छेड़ जाए, उससे कहो कभी सामने तो आए....''

उसकी मीठी आवाज सुनकर उसे कुछ - २ हो रहा था , सोनू को आज महसूस हो रहा था की उसके अंदर भी एक शैतान है.... वो शैतान जिसने उसे अपनी बहन के रूम के बाहर अभी तक रोक कर रखा हुआ था... कोई और भाई होता तो कब का नीचे जा चुका होता, पर ये सोनू के अंदर का वो शैतान ही था जो उसे नीचे जाने ही नही दे रहा था...आज सोनू का अपने शरीर पर कोई कंट्रोल ही नही रह गया था..

उसके होंठ तो अभी तक बुदबुदा रहे थे 'ये ग़लत है...ये ग़लत है...'
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