पर आज के लिए जितना होना था वो हो चुका था...
इसलिए अपने दोबारा खड़े हो चुके लंड को मैने बड़ी मुश्किल से बिठाकर चुप करवाया...
क्योंकि , अभी तो बहुत कुछ होना बाकी था....
शाम को भी...और रात को भी.
नहा धोकर हम दोनो बाहर निकल आए और सोनिया दी मेरे बेड पर आकर मेरे साथ ऐसे ही लेट गयी...नंगी...गीली.
उपर फेन चल रहा था जो हमारे जिस्मों पर पड़ी पानी की बूँदो को सुखा रहा था...
ऐसे एक दूसरे के साथ नंगे लेटकर बहुत मज़ा आ रहा था..
सोनिया ने मेरी छाती पर आ रहे हल्के बालों को अपनी उंगलियो से सहलाते हुए कहा : "भाई...सच में ... जब से ये सब हमारे बीच स्टार्ट हुआ है, उसके बाद लाइफ एक्साईटिड हो गयी है...''
वो मेरी जाँघो के चारो तरफ अपनी चूत को रगड़ कर ये बात बोल रही थी...
यानी वो कहना चाह रही थी की उसकी चूत की खुजली को मैने अच्छे से शांत किया है..
हमारी हालत उस नवविवाहित जोड़े की तरह थी जिसे शादी के बाद रोज चुदाई करने को मिलती है...
रात - दिन दोनो को जब भी मौका मिले वो चुदाई कर लेते है...
ठीक वैसा ही हमारे साथ भी हो रहा था..
फ़र्क सिर्फ़ इतना था की हमारी शादी नही हुई थी...
उपर से हम भाई बहन थे..
पर मज़ा वही मिल रहा था जो उन्हे मिलता होगा.
मैं भी सोच रहा था की मेरी लाइफ ने बहुत कुछ देख लिया है पिछले 1-2 महीने में...
कहां तो मैं अपना हाथ जगन्नाथ करता फिरता था और अब चारो तरफ चूतें ही चूतें बिखरी पड़ी है...
और बाकी लाइन में लगी हुई है....
पर जो भी था, सोनिया के सामने सब फीके थे...
जो प्यार और सैक्स का स्वाद मुझे सोनिया से मिला था वैसा किसी और से मिल ही नही सकता था..
इसलिए अपनी प्यारी बहन को खुश रखना मेरा फ़र्ज था.
पर आजकल तो वो मुझे खुश करने में लगी हुई थी....
पहले तनवी को मेरे लिए तैयार किया और अब मोंम को भी कर रही है..
मोंम का ख्याल आते ही मुझे सोनिया दी की बात याद आ गयी जो उसने चुदाई से पहले कही थी की मुझे सिर्फ़ सोते रहना है, बाकी का काम वो कर लेगी..
मैने उसका मतलब पूछा तो उन्होने मुस्कुराते हुए अपना चेहरा मेरी छाती से उठाया और बड़े प्यार से मुझे देखते हुए, अपनी छातियो को मेरे सीने से रगड़ते हुए बोली : "ट्रस्ट मी ब्रदर...मेरे दिमाग़ में जो प्लान है, अगर सब कुछ वैसा ही चला तो तुम्हे बहुत मज़ा मिलेगा... और जैसा की मैने पहले भी कहा था की तुम सोने की एक्टिंग करते रहना और कुछ भी नही करना...तुम्हारे साथ कुछ भी हो, तुम्हारी वो नकली नींद नही खुलनी चाहिए...समझे..''
मैं समझ तो गया था की वो क्या करना चाहती है
पर डर भी रहा था की मोंम के सामने अगर हमारी चालाकी पकड़ी गयी तो वो हमारा क्या हाल करेगी...
पर सोनिया दी को अपने प्लान पर हद से ज़्यादा भरोसा था, इसलिए मैने भी उनकी हां में हां मिला कर उनका साथ देने का वादा कर दिया.
शाम होने तक हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे की बाहो में नंगे लेटे रहे और मोंम के आने से पहले हम दोनो तैयार होकर नीचे आ गये..
मेरे एक दोस्त का लगातार फोन आ रहा था, इसलिए मैं तो उससे मिलने के लिए निकल गया और करीब 2 घंटे बाद ही वापिस लौटा..
तब तक मॉम और डेड घर आ चुके थे...
मॉम ने नाईटी पहनी हुई थी , जिसमे उनका भरंवा शरीर काफ़ी सैक्सी लग रहा था...
सोनिया ने एक छोटी सी निक्कर और टी शर्ट पहनी हुई थी...
पापा अपनी चेयर पर बैठकर पेग बना रहे थे.
मैं भी फ्रेश होकर सोनिया दी के साथ आकर बैठ गया...
सोनिया ने धीमी आवाज़ में बात करके एक बार फिर से अपनी योजना मुझे समझा दी...
मॉम ने सभी के लिए डिन्नर लगा दिया......
पापा ने तो पी रखी थी इसलिए खाना खाते ही वो गहरी नींद मे सो गये..
मैं भी थके होने का बहाना करके अपने रूम में आ गया और ये मैने इसलिए किया क्योंकि ऐसा करने के लिए मुझे सोनिया दी ने ही कहा था.
अब मेरे उपर जाने के बाद सोनिया और मॉम किचन समेटने लगे..
अचानक सोनिया ने मॉम को पीछे से पकड़ कर उन्हे अपनी बाहो में जकड़ लिया.
मॉम : "अर्रे, ये क्या कर रही है पगली...काम करने दे...''
सोनिया ने मॉम की गर्दन पर एक गीली सी पप्पी दे दी...
मॉम की आँखे बंद हो गयी और उनके मुँह से एक सिसकारी निकल गयी
''सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... क्या कर री है..... छोड़ ना.... काम करने दे...''
सोनिया : "आपको प्यार करने का मन कर रहा है....''
इतना कहकर उसने अपने हाथ उपर किए और अपनी मॉम की मोटी ब्रेस्ट को पकड़ कर उन्हें ज़ोर से दबा दिया...
कोई और मौका होता तो मॉम की चीख पूरे मोहल्ले को सुनाई दे जाती...
पर मॉम ने बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज़ को दबाया...और कांपती हुई आवाज़ में बोली : "छ्चोड़ ना सोनी....ऐसा मत कर...सुबह ही तो प्यार किया था...अब फिर से तुझपर क्या भूत चढ़ गया है...''
मॉम की बात को अनदेखा करके सोनिया अपने काम में लगी रही...
और फिर वही हुआ जो हमेशा औरतो के साथ होता है जब इनके बूब्स को इतने एरॉटिक तरीके से दबाया जाए...
मॉम भी एक्साईटिड हो गयी...
वो अपने पंजो पर खड़ी होकर , अपनी छाती को और उभार कर, अपना भार सोनिया पर छोड़कर और आँखे बंद करके किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँच गयी...
ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का ) complete
- kunal
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- kunal
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनिया ने मॉम की गांड वाले हिस्से पर घिस्से लगाने शुरू कर दिए...
जैसे कोई मर्द पीछे से गांड मारता है, ठीक वैसे ही...
और मॉम भी उसका साथ देने लगी..
अपनी उभरी हुई गांड को उसने अपनी बेटी की चूत से लगा कर ज़ोर से घिसना शुरू कर दिया...
उनके ऐसा करने से सोनिया की भी हालत बुरी होने लगी, अपनी माँ की भरी हुई गांड का एहसास जब उसे अपनी चूत पर मिला तो वो भी पनिया गयी...
मॉम : "उम्म्म्म.......... बैबी........ तू फिर से शुरू हो रही है..... ये मॉल नही है, जहाँ तूने बेरोक-टोक सब कुछ कर लिया था....तेरे पापा और भाई घर पर ही है...कोई भी आ गया तो....आआआअहह...मुश्किल हो जाएगी.....''
वो ये बोल भी रही थी और साथ ही साथ अपनी बेटी के हाथो से अपनी छातियो को भी ज़ोर से दबवा रही थी...
सोनिया ने मॉम के कान को मुँह में भर लिया और उसे चुभलाते हुए कहा : "आआआआअहह मॉम ..... वहां तो वो लड़की (साक्षी) का डर था...पर यहां किसी का नही है.....उम्म्म्ममममम... पापा तो पी कर सो रहे है, उन्हे कोई फ़र्क नही पड़ता.....''
मॉम ने एक गहरी सिसकारी मारी और बोली : "आआआआअहह......और....वो.........सोनू......उम्म्म्म....उसका क्या ??''
सोनिया ने मॉम की गर्दन पर ड्रॅक्यूला की तरह अपने दाँत गाड़ दिए और हिसहीसाई : "सोनू.....उम्म्म्मम......काश वो आ जाए अभी.....मज़ा आ जाएगा....''
मॉम ने उसे प्यार भरी चपत लगाई और मुस्कुराते हुए बोली : "धत्त ...पागल कही की.....''
पर अंदर ही अंदर वो इस बात को सोचकर और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गयी थी की काश सोनू उन्हे ऐसा करते हुए देख ले और बीच में कूद कर सारा कंट्रोल अपने हाथ में ले ले....
फिर तो पूरी रात चुदाई ही चुदाई होगी..
सोनिया : "हे हे...मैं तो मज़ाक कर रही थी....और वैसे भी, उसकी नींद भी पापा से कम नही है...वो तो बिना पीए ही घोड़े बेचकर सोता है...रूम में अगर स्पीकर भी चला दिया तो वो उठने वाला नही है...''
इतना कहकर उसने मॉम को अपनी तरफ घुमाया और उनके होंठो पर बुरी तरह से टूट पड़ी....
मॉम तो बरसो से प्यासी थी, उन्हे तो कच्ची जवानी का जितना भी पानी मिल जाए, कम था...
इसलिए उन्होने भी अपने मोटे-2 होंठो से अपनी बेटी के संतरे की फाँक जैसे रसीले होंठ चूसने शुरू कर दिए...
सोनिया ने मॉम के गाउन के स्ट्रेप्स को नीचे गिरा कर उनका गाउन नीचे खींच दिया...
और वो टॉपलेस होकर खड़ी थी अपनी बेटी के सामने..
सोनिया ने अपना मुँह उनके बूब पर लगाकर उन्हे चूसना शुरू कर दिया.
मॉम ने भी कराहते हुए अपने बूब को हाथ में पकड़ा और उसकी नोक बनाकर अपनी बेटी के मुँह से लगा दिया...
ठीक वैसे ही जैसे वो उसे बचपन में दूध पिलाया करती थी..
पर सोनिया को सिर्फ़ दूध ही नही पीना था, मलाई भी खानी थी...
इसलिए उसने फ्रिज खोलकर दूध के पतीले में से उपर की मलाई उतारी और उस परत को अपनी मॉम के निप्पल के चारो तरफ फेला कर उसे ढक दिया...
और अपना मुँह उसपर लगाकर उस मलाई को चाटकार खाने लगी...
ठंडे दूध की 3-4 लकीरे मॉम के शरीर को चूत तक ठंडा करती चली गयी..
.और अपनी छाती पर ठंडी मलाई को महसूस करके तो वो और भी ज़्यादा कसमसा गयी....
उसके हसबैंड ने भी एक बार ऐसे ही फ्रिज में से मलाई निकाल कर उसके बूब्स पर रखकर खाई थी...
और अब वही काम उनकी बेटी ने भी कर दिया था...
जैसा बाप, वैसी बेटी..
पर ये वक़्त उन पुरानी बातो को याद करने का नही था बल्कि अभी मिल रहे मज़े को महसूस करने का था...
मॉम तो अपनी चूची की मलाई चटवाकर इतनी उत्तेजित हो गयी की उसने फ्रिज में से और मलाई निकाल ली और अपनी छाती पर लगाकर सोनिया के सामने रख दी..
बाकी का काम सोनिया ने कर दिया...
एक बार फिर से मॉम की छाती पर लगी ठंडी-2 मलाई पर अपनी गर्म जीभ चलाकर उसे चाटने लगी...
एक दम किसी कुतिया की तरह..
मॉम की नंगी छातियां मलाई लगने की वजह से चमक रही थी..
पर सोनिया जो करना चाहती थी उसके लिए थोड़ा और आगे बढ़ने की ज़रूरत थी...
इसलिए उसने मॉम का गाउन पकड़ा और उसे उठाकर उनके शरीर से निकाल दिया...
एक ही पल में मॉम पूरी नंगी होकर खड़ी थी...
सोते हुए तो वो वैसे भी ब्रा-पेंटी पहनती नही थी...
इसलिए अपनी बेटी के सामने अब वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी.
मॉम का पूरा शरीर हिचकोले लेते हुए सुलग रहा था...
वो बोली : "उम्म्म........ये क्या कर रही है....कम से कम अंदर तो चल....यहां ये सब सही से नही हो पाएगा...''
और यही तो सोनिया भी चाहती थी...
पर उससे पहले उसे भी तो अपने कपड़े उतारने थे..
उसने भी जल्द से जल्द अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मॉम की तरह वो भी अब किचन में नंगी होकर खड़ी थी.
वैसे सोनिया को मज़ा तो इस वक़्त इतना आ रहा था की वो चाहती तो सारा खेल वो यही किचन में खेल सकते थे...
पर उस प्लान का भी तो ध्यान रखना था जिसके लिए वो ये सब कर रही थी..
वो बोली : "ओके ...अब चलो...''
सोनिया ने मॉम का हाथ पकड़ा और उन्हे उपर की तरफ ले जाने लगी..
मॉम ने चोंकते हुए कहा : "ये कहां जा रही है....''
उन्होने सोचा था की वो शायद मॉम के बेडरूम में जाएँगे जहां उसके पापा दारू पीकर भांड होकर सो रहे थे...
इसलिए पकड़े जाने का कोई ख़तरा ही नही था..
सोनिया : "उपर मॉम ...मेरे रूम में ...एंड ट्रस्ट मी मॉम...सोनू के उठने का सवाल ही नही है...''
वो मॉम के चूतड़ सहलाती हुई उन्हे किस्स भी कर रही थी , जैसे उन्हे वशीभूत करने का यही तरीका हो
इतना कहकर उसने मॉम का हाथ पकड़ा और उन्हे खींचकर उपर ले आई..
सीढ़ियों पर चढ़ रही नंगी मॉम का सीना धाड़ -2 कर रहा था...
जैसे पूरी नंगी होकर वो अपने बेटे से चुदने जा रही हो.
कमरे में घुपप अंधेरा था...
मैं तो कब से , बेसब्री से, उनके उपर आने का वेट कर रहा था...
और जब अंधेरे में उन दोनो को नंगे अंदर आते देखा तो मेरे लंड का बुरा हाल हो गया...
मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा था की सोनिया अपने साथ मॉम को नंगा करके उपर लाएगी..
उसने ये सब कैसे किया होगा, ये सब बाद में उससे ज़रूर पूछूँगा..
पर अभी के लिए तो मुझे वो काम करना था जो सोनिया ने मुझे दिया था..
यानी गहरी नींद में सोने का नाटक.
पर मुझे नही पता था की ये गहरी नींद वाला नाटक मेरे लिए कितना कठिन होने वाला था.
जैसे कोई मर्द पीछे से गांड मारता है, ठीक वैसे ही...
और मॉम भी उसका साथ देने लगी..
अपनी उभरी हुई गांड को उसने अपनी बेटी की चूत से लगा कर ज़ोर से घिसना शुरू कर दिया...
उनके ऐसा करने से सोनिया की भी हालत बुरी होने लगी, अपनी माँ की भरी हुई गांड का एहसास जब उसे अपनी चूत पर मिला तो वो भी पनिया गयी...
मॉम : "उम्म्म्म.......... बैबी........ तू फिर से शुरू हो रही है..... ये मॉल नही है, जहाँ तूने बेरोक-टोक सब कुछ कर लिया था....तेरे पापा और भाई घर पर ही है...कोई भी आ गया तो....आआआअहह...मुश्किल हो जाएगी.....''
वो ये बोल भी रही थी और साथ ही साथ अपनी बेटी के हाथो से अपनी छातियो को भी ज़ोर से दबवा रही थी...
सोनिया ने मॉम के कान को मुँह में भर लिया और उसे चुभलाते हुए कहा : "आआआआअहह मॉम ..... वहां तो वो लड़की (साक्षी) का डर था...पर यहां किसी का नही है.....उम्म्म्ममममम... पापा तो पी कर सो रहे है, उन्हे कोई फ़र्क नही पड़ता.....''
मॉम ने एक गहरी सिसकारी मारी और बोली : "आआआआअहह......और....वो.........सोनू......उम्म्म्म....उसका क्या ??''
सोनिया ने मॉम की गर्दन पर ड्रॅक्यूला की तरह अपने दाँत गाड़ दिए और हिसहीसाई : "सोनू.....उम्म्म्मम......काश वो आ जाए अभी.....मज़ा आ जाएगा....''
मॉम ने उसे प्यार भरी चपत लगाई और मुस्कुराते हुए बोली : "धत्त ...पागल कही की.....''
पर अंदर ही अंदर वो इस बात को सोचकर और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गयी थी की काश सोनू उन्हे ऐसा करते हुए देख ले और बीच में कूद कर सारा कंट्रोल अपने हाथ में ले ले....
फिर तो पूरी रात चुदाई ही चुदाई होगी..
सोनिया : "हे हे...मैं तो मज़ाक कर रही थी....और वैसे भी, उसकी नींद भी पापा से कम नही है...वो तो बिना पीए ही घोड़े बेचकर सोता है...रूम में अगर स्पीकर भी चला दिया तो वो उठने वाला नही है...''
इतना कहकर उसने मॉम को अपनी तरफ घुमाया और उनके होंठो पर बुरी तरह से टूट पड़ी....
मॉम तो बरसो से प्यासी थी, उन्हे तो कच्ची जवानी का जितना भी पानी मिल जाए, कम था...
इसलिए उन्होने भी अपने मोटे-2 होंठो से अपनी बेटी के संतरे की फाँक जैसे रसीले होंठ चूसने शुरू कर दिए...
सोनिया ने मॉम के गाउन के स्ट्रेप्स को नीचे गिरा कर उनका गाउन नीचे खींच दिया...
और वो टॉपलेस होकर खड़ी थी अपनी बेटी के सामने..
सोनिया ने अपना मुँह उनके बूब पर लगाकर उन्हे चूसना शुरू कर दिया.
मॉम ने भी कराहते हुए अपने बूब को हाथ में पकड़ा और उसकी नोक बनाकर अपनी बेटी के मुँह से लगा दिया...
ठीक वैसे ही जैसे वो उसे बचपन में दूध पिलाया करती थी..
पर सोनिया को सिर्फ़ दूध ही नही पीना था, मलाई भी खानी थी...
इसलिए उसने फ्रिज खोलकर दूध के पतीले में से उपर की मलाई उतारी और उस परत को अपनी मॉम के निप्पल के चारो तरफ फेला कर उसे ढक दिया...
और अपना मुँह उसपर लगाकर उस मलाई को चाटकार खाने लगी...
ठंडे दूध की 3-4 लकीरे मॉम के शरीर को चूत तक ठंडा करती चली गयी..
.और अपनी छाती पर ठंडी मलाई को महसूस करके तो वो और भी ज़्यादा कसमसा गयी....
उसके हसबैंड ने भी एक बार ऐसे ही फ्रिज में से मलाई निकाल कर उसके बूब्स पर रखकर खाई थी...
और अब वही काम उनकी बेटी ने भी कर दिया था...
जैसा बाप, वैसी बेटी..
पर ये वक़्त उन पुरानी बातो को याद करने का नही था बल्कि अभी मिल रहे मज़े को महसूस करने का था...
मॉम तो अपनी चूची की मलाई चटवाकर इतनी उत्तेजित हो गयी की उसने फ्रिज में से और मलाई निकाल ली और अपनी छाती पर लगाकर सोनिया के सामने रख दी..
बाकी का काम सोनिया ने कर दिया...
एक बार फिर से मॉम की छाती पर लगी ठंडी-2 मलाई पर अपनी गर्म जीभ चलाकर उसे चाटने लगी...
एक दम किसी कुतिया की तरह..
मॉम की नंगी छातियां मलाई लगने की वजह से चमक रही थी..
पर सोनिया जो करना चाहती थी उसके लिए थोड़ा और आगे बढ़ने की ज़रूरत थी...
इसलिए उसने मॉम का गाउन पकड़ा और उसे उठाकर उनके शरीर से निकाल दिया...
एक ही पल में मॉम पूरी नंगी होकर खड़ी थी...
सोते हुए तो वो वैसे भी ब्रा-पेंटी पहनती नही थी...
इसलिए अपनी बेटी के सामने अब वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी.
मॉम का पूरा शरीर हिचकोले लेते हुए सुलग रहा था...
वो बोली : "उम्म्म........ये क्या कर रही है....कम से कम अंदर तो चल....यहां ये सब सही से नही हो पाएगा...''
और यही तो सोनिया भी चाहती थी...
पर उससे पहले उसे भी तो अपने कपड़े उतारने थे..
उसने भी जल्द से जल्द अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मॉम की तरह वो भी अब किचन में नंगी होकर खड़ी थी.
वैसे सोनिया को मज़ा तो इस वक़्त इतना आ रहा था की वो चाहती तो सारा खेल वो यही किचन में खेल सकते थे...
पर उस प्लान का भी तो ध्यान रखना था जिसके लिए वो ये सब कर रही थी..
वो बोली : "ओके ...अब चलो...''
सोनिया ने मॉम का हाथ पकड़ा और उन्हे उपर की तरफ ले जाने लगी..
मॉम ने चोंकते हुए कहा : "ये कहां जा रही है....''
उन्होने सोचा था की वो शायद मॉम के बेडरूम में जाएँगे जहां उसके पापा दारू पीकर भांड होकर सो रहे थे...
इसलिए पकड़े जाने का कोई ख़तरा ही नही था..
सोनिया : "उपर मॉम ...मेरे रूम में ...एंड ट्रस्ट मी मॉम...सोनू के उठने का सवाल ही नही है...''
वो मॉम के चूतड़ सहलाती हुई उन्हे किस्स भी कर रही थी , जैसे उन्हे वशीभूत करने का यही तरीका हो
इतना कहकर उसने मॉम का हाथ पकड़ा और उन्हे खींचकर उपर ले आई..
सीढ़ियों पर चढ़ रही नंगी मॉम का सीना धाड़ -2 कर रहा था...
जैसे पूरी नंगी होकर वो अपने बेटे से चुदने जा रही हो.
कमरे में घुपप अंधेरा था...
मैं तो कब से , बेसब्री से, उनके उपर आने का वेट कर रहा था...
और जब अंधेरे में उन दोनो को नंगे अंदर आते देखा तो मेरे लंड का बुरा हाल हो गया...
मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा था की सोनिया अपने साथ मॉम को नंगा करके उपर लाएगी..
उसने ये सब कैसे किया होगा, ये सब बाद में उससे ज़रूर पूछूँगा..
पर अभी के लिए तो मुझे वो काम करना था जो सोनिया ने मुझे दिया था..
यानी गहरी नींद में सोने का नाटक.
पर मुझे नही पता था की ये गहरी नींद वाला नाटक मेरे लिए कितना कठिन होने वाला था.
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
Very nice update... Waiting for next update brother ...
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
Kya baat hai. Maa bete ka milan hone wala hai
- rangila
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
mast mazedar
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )