ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का ) complete

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kunal
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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सोनू का पूरा शरीर झनझना उठा इस ख़याल से की वो अपनी चूत मरवाने की तैयारी कर रही है उससे...
और ये ख़याल आते ही ना जाने क्या हुआ सोनू को की उसने अपने लंड को पकड़ कर साइड में कर लिया...

चाँदनी के चेहरे पर हैरानी के भाव आ गये..

वो बोली : "हे...क्या हुआ....सब ठीक है ना...''

पर सोनू के दिमाग़ मे कुछ और ही चल रहा था...
वो चाँदनी से नज़रें ही नही मिला रहा था.

चाँदनी : "क्या हुआ तुम्हे अचानक...लास्ट मूमेंट पर आकर ऐसा मत करो प्लीज़....डू इट नाउ ... आई एम बर्निंग फ्रॉम इनसाइड...''

उसके बदन की आग उसके चेहरे पर सॉफ झलक रही थी...
सोनू : "आई...आई एम सॉरी चाँदनी...बट ...बट मैं ये नही कर सकता....''

चाँदनी का मुँह खुला रह गया ये सुनकर
वो बोली : "यू मीन्स फकिंग...ओह्ह गॉड ... व्हाई.... ऐसा क्यों ..?? ''

सोनू : "वो..वो मैं.. आई एम् स्टिल वर्जिन .... एन्ड ये फर्स्ट टाइम...मैं किसी ख़ास के लिए बचा कर रखना चाहता हूँ''

हालाँकि इस वक़्त सोनू को भी पता नही था की वो ख़ास कौन है उसके हिसाब से...
सोनिया, साक्षी या तनवी...
पर कम से कम वो पहली ही बार में चाँदनी को अपने लंड की पहली बौछार से नहलाना नही चाहता था.

चाँदनी भी शायद उसकी बात समझ गयी थी...
वो पप्पी फेस बना कर बोली : "ओले ओले.... शो स्वीट ...योर स्पेशल वन इस वेरी लक्की ...वरना ऐसी हालत में आकर तो कोई भी लड़का ना रुके...''

बात तो सही थी, पर सोनू उत्तेजना में बहकर इस वक़्त ये ग़लती नही करना चाहता था.

चाँदनी ने उसके होंठों को चूमा और बोली : "ओके , ठीक है, मान ली तुम्हारी बात...पर आज के लिए मेरा तो दिल ना तोड़ो...''

सोनू : "पुस्सी फकिंग के अलावा कुछ भी करवा लो..बंदा हाजिर है...''

उसके कॉन्फिडेंस को देखकर वो बोली : "ओके देन, वॉट अबाउट ऐस्स फकिंग..''

ऐस्स फकिंग यानी गांड मराई....
ये सुनते ही सोनू की आँखे फिर से फैल गयी...

चाँदनी : "देखो डार्लिंग...ऐसे तो मैं तुम्हे आज छोड़ने वाली नही हूँ ...सो जस्ट फक्क माय ऐस्स एंड ऐसा करने से तुम्हारी पुस्सी फकिंग करने की वर्जिनिटी भी सलामत रहेगी और मेरी प्यास भी बुझ जाएगी...''

सोनू सोचने लगा की बात तो वो सही कह रही थी...
इस बारे में तो उसने आज तक सोचा ही नही था.

उसके लंड में फिर से तनाव आता देखकर वो बोली : " मतलब मैं हाँ समझू ...''

सोनू मुस्कुराया और उसने हाँ में सिर हिलाया
फिर बोला : "चलो ठीक है, मान ली तुम्हारी बात भी...मैं तैयार हूँ .पर ये अभी पूरा तैयार नही हुआ है...'

उसने लंड की तरफ इशारा किया..

चाँदनी अपने मोटे मुममे उसकी छाती पर रगड़ते हुए बोली : "अर्रे, इसे तो मैं एक मिनट में तैयार कर दूँगी...''

इतना कहते हुए उसने फिर से सोनू के लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया...



और जल्द ही वो फिर से फुफकारते हुए तैयार हो गया...

चाँदनी बेड पर ओंधी होकर घोड़ी बन गयी और सोनु से बोली : "चल , आजा मेरे शेर...आज अपने लंड का कमाल दिखा अंदर डाल कर...''

अब तक तो सोनू भी जान चुका था की चाँदनी अच्छे से खेली खाई लड़की है, अपनी चूत के साथ-2 गांड भी मरवा चुकी है वो पहले से...

सोनू उठा और अपने लंड पर ढेर सारी थूक मलकर उसने उसे चाँदनी की गांड के छेद पर रख दिया और ज़ोर से धक्का मारा..

चाँदनी चिल्ला पड़ी और बोली : "आआआआआआहह धीरे मेरे शेर...धीरे.... ये गोल छेद है, पुस्सी की तरह फैला हुआ नही...ये थोड़ा टाइट होता है...और मज़ा भी दुगना मिलता है....''

सोनू उसके द्वारा समझाई हुई परिभाषा समझ गया और अगली बार उसने ज़ोर से धक्का देने की बजाए धीरे-2 अपने लंड को उसकी गांड में उतारा...

सोनू का लोड्*ा इंच ब इंच अंदर जाने लगा...
और हर इंच के साथ चाँदनी की हालत पतली होती जा रही थी...
शायद अपनी गांड में पहली बार इतना मोटा बंबू ले रही थी वो..



''उम्म्म्ममममममममममममममममममम...... ओह्ह्ह बैबी....... वॉट ए कॉक...... इट्स टू बिग एंड थिक्क...... ओह ययाआआआआआआअ........ पूरा डाल दो अंदर..... फाड़ दो मेरी गांड को....आआआआआआआअहह ओह्ह गॉड .... इट्स फीलिंग टू गुड..''
वो खुद ही अपनी फेली हुई गांड को आगे पीछे करने लगी...
सोनू तो घुटनो पर खड़ा हुआ बस उसके नंगे बदन की थिरकन को देखता रह गया...

ये पहला एहसास था उसकी लाइफ का, जब उसका लंड इस तरह से किसी लड़की के अंग में फँसा हुआ था...
हालाँकि उसने शुरूवात उल्टी की थी
लोग पहले चूत मारते है और फिर बाद में गांड, सोनू ने अपनी लाइफ में चुदाई की शुरूवात गांड से की थी, आगे चलकर वो क्या-2 करने वाला था इसका शायद उसे भी अंदाज़ा नही था.

पर ये लंड को अंदर डालने की फीलिंग उसे बहुत अच्छी लग रही थी, इसलिए उसने चाँदनी के गांड के दोनो पाटों को अपने हाथों में पकड़ा और अपना लंड पूरा अंदर धकेलते हुए ज़ोर-2 से उसकी गांड पेलने लगा..

''ओह्ह्ह याआआआआ... यसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऐसे ही करो.....अहह यु आर सो गुड.... आई लव इट..... ऐसी फीलिंग ....आज तक नही हुई ''
वो साथ ही साथ अपनी चूत की पंखुड़ियों को भी बुरी तरह से अपने हाथ से मसल रही थी...
लंड की फीलिंग पीछे से लेकर वो उंगलियों से चूत रगड़ कर झड़ने के करीब पहुँच रही थी...

सोनू का लंड भी कभी भी पिचकारी मार सकता था...

चाँदनी चिल्लाई : "बाहर मत निकाल लेना....अंदर ही निकालो अपना माल...अहह...... अंदर हि निकालो....''
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kunal
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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अब ये बात तो सोनू भी जानता था की माल गांड के छेद में जाने से वो प्रेगञेन्ट नही होगी....
इसलिए उसने खुद ही अपने सारे घोड़े खुल्ले छोड़ दिए और उन्हे दौड़ाता हुआ उत्तेजना की चरम सीमा को लाँघकर , ऑर्गॅज़म का बाँध तोड़कर, उसकी नन्ही सी गांद के छेद में झड़ने लगा...

सोनू के लंड से निकले लावे की गर्मी में झुलसकर चाँदनी भी जल उठी, और जोरदार आवाज़ें निकालती हुई वो भी झड़ने लगी..

''आआआआआआआआआआहह ओह माई गॉड ......... ओह माय गॉड ...... यू फकिंग बीस्ट..... यू आर सोओ गुड ...... अहह वॉट ए फकिंग.......''

पूरी तरह से शांत होने के बाद पक्क की आवाज़ के साथ जब सोनू ने अपना लंड बाहर निकाला तो उसके लंड के साथ-2 ढेर सारा सफेद और गाड़ा पानी भी बाहर निकल आया....
सोनू और चाँदनी एक दूसरे से लिपटकर गहरी साँसे लेने लगे...

चाँदनी ने उसके चेहरे को बड़े प्यार से सहलाते हुए कहा : "तुम ऐस्स फकिंग इतनी जबरदस्त करते हो तो पुस्सी की फकिंग करते हुए तो तुम धमाल मचा दोगे...प्रोमिस मी, जब भी तुम अपनी लव बर्ड की पुस्सी फकिंग कर लोगे उसके बाद एक बार मेरे साथ वो ज़रूर करोगे...''

सोनू ने मुस्कुराते हुए उसे प्रोमिस कहा और एक बार फिर से वो दोनो एक गहरी स्मूच में डूब गये..

तभी सोनू का मोबाइल बज उठा...वो साक्षी का फोन था, शायद वो बाहर बैठी हुई बोर हो रही थी...

सोनू ने फोन उठाकर जल्द से बाहर आने की बात कही और जल्दी-2 कपड़े पहन कर तैयार हो गया...
साक्षी को टाइम लगने वाला था, उसे लहँगा चोली पहनने में टाइम लगना था...
इसलिए वो उसे बाय कहकर बाहर आ गया...

साक्षी से नज़र मिलाते हुए उसके चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल थी.

पर ना तो साक्षी ने उससे कुछ पूछा और ना ही सोनू ने उसे बताना सही समझा...

पर साक्षी के हाव भाव से सॉफ पता चल रहा था की अब उसके अंदर कुछ करने की कुलबुलाहट शुरू हो चुकी है...
और ये कुलबुलाहट वो सोनू से आज की रात ही शांत करवाने के चक्कर में थी.

कुछ देर जब सोनू और साक्षी खाना खा रहे थे तो चाँदनी वहां आ गयी और सीधा आकर साक्षी के गले से लग गयी..

और उसके कान में बोली : "थॅंक्स ए लॉट स्वीटी, आज तुम्हारी वजह से मुझे इतना मज़ा मिला... एन्ड यू आर वेरी लक्की , ही इस सेविंग हिज़ वर्जिनिटी फॉर यू , अच्छे से एंजाय करना...''

शायद वो सोच रही थी की वो लक्की लड़की साक्षी ही है..

चाँदनी की बात सुनकर साक्षी भी मुस्कुरा दी, शायद ये सुनकर की सोनू ने अंदर जाकर उसकी चूत नही मारी, उसे कुछ ज़्यादा ही खुशी हो रही थी.

वो काफ़ी देर तक उनसे बाते करती रही, रह-रहकर वो सोनू को भी देखे जा रही थी और उसे इशारों-2 में छेड़ भी रही थी..

सोनू एक बात तो जान ही चुका था की उसकी चुदाई की लिस्ट में चाँदनी ने अपना नाम लिखवा लिया है.

डिन्नर करने के बाद वो दोनो बाहर आ गये, गाड़ी उन्होने रिज़ॉर्ट की बैक साइड में बनी पार्किंग में खड़ी की थी, जो शायद एक खाली खेत था.

वहां उस वक़्त काफ़ी अंधेरा था, गाड़ी के पास पहुँचते ही साक्षी ने सोनू को कस कर पकड़ लिया और उसे एक जोरदार स्मूच दे डाली...

सोनू भी एकदम से मिले इस उपहार को पाकर हैरान रह गया लेकिन बाद में वो उसका साथ देने लगा.
करीब 2 मिनट बाद जब किस्स टूटी तो सोनू ने पूछा : "ये किसलिए था ??''

साक्षी ने मुस्कुराते हुए बड़े प्यार से कहा : "बस...ऐसे ही....आज बहुत प्यार आ रहा है तुमपर...''

प्यार तो उसे भी आ रहा था उसपर...
सोनू ने आस पास देखा, घुपप अंधेरा था और काफ़ी सुनसानियत थी वहां पर..
वो दोनो कार में जाकर बैठ गये और अंदर से लॉक कर लिया और एक बार फिर से एक दूसरे को पकड़ कर बुरी तरह से चूमने लगे..
ऐसा लग रहा था जैसे वो दोनो एक दूसरे को खा ही जाएँगे.



सोनू ने साक्षी की साड़ी का पल्लू खोलकर उसने नीचे गिरा दिया और उसके बूब्स पर टूट पड़ा...
ब्लाउस के उपर से ही उन्हे दबा-दबाकर उनके मुलायमपन का भरपूर मज़ा ले रहा था वो..

साक्षी ने खुद ही अपने ब्लाउस के हुक्स खोल कर अपनी जवानी के दरवाजे खोल दिए...
अंदर एक सेक्सी सी ब्रा पहनी हुई थी उसने जिसे नीचे करने में सोनू को एक पल भी नही लगा और जैसे ही उसके बेर से सजे कश्मीरी सेब सामने आए वो एक गहरी साँस लेकर उनपर टूट पड़ा और अपने पैने दांतों से कुतर -2 कर उसके सेबों को खाने लगा...

''आआआआआआआआआआआआअहह ओह माय हीरो....सक्क इट हार्ड.....''

वो लगभग उसी अंदाज में अपने मोम्मे चुस्वा रही थी जैसे चाँदनी ने चुस्वाए थे अभी कुछ देर पहले...

अब तक सोनू को इस बात का अच्छे से पता चल चुका था की हर बूब को चूसने मे अलग मज़ा मिलता है...
कोई मीठा होता है, जैसे उसकी बहन सोनिया का है...
कोई हल्का खट्टापन लिए हुए जैसा की चाँदनी का था...
कोई तो मिक्स फ्रूट जूस जैसे स्वाद देते है जैसे की तनवी के है
और अब ये साक्षी के बूब्स जो इस वक़्त बियर जैसा स्वाद दे रहे थे उसे...
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shubhs
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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बिंदास
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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साक्षी ने सोनू की पेंट की जीप खोलकर एक ही झटके में उसके लॅंड को कान पकड़ कर बाहर खींच लिया...



उत्तेजना इतनी अधिक बढ़ चुकी थी उसमे की उसे साँस लेने में भी मुश्किल हो रही थी...

सोनू का लंड बाहर निकलते ही वो उसपर टूट पड़ी...
और सोनू एक हाथ कार के स्टेयरिंग पर और दूसरा उसके सिर पर रखकर,आँखे बंद करके एक जोरदार सिसकारी मारते हुए अपना लंड चुसवाने लगा...



ये वही लंड था जो कुछ देर पहले चाँदनी की गांड में जाकर हाहाकार मचा रहा था
और अब उसी लंड को साक्षी चूस रही थी...
सोनू को अपने लंड पर अभिमान सा हो रहा था इस वक़्त, उसी की बदौलत वो ये सब मज़े ले पा रहा था..
कुछ देर तक उसके लंड को चूसने के बाद वो फिर से उपर आई और अपनी छातियों को एक बार फिर से सोनू के हवाले कर दिया..
सोनू ने उसके निप्पल्स को एक-2 करके जब चूसा तो उसने सोनू के सिर को पकड़ कर ज़ोर से अंदर दबा लिया और उछलकर उसकी गोद में आ गयी...
उसकी साड़ी बुरी तरह से अस्त-व्यस्त सी हो चुकी थी पर उसे शायद अब उसकी चिंता नही रह गयी थी
उसने साड़ी को पकड़ कर पेटीकोट समेत उपर खींच लिया और अपनी चूत को सीधा उसके खड़े लंड पर रखकर दबा दिया...

ये तो अच्छा था की उसने इस वक़्त पेंटी पहनी हुई थी वरना सोनू तो क्या उसके फरिश्ते भी आज उसके लंड को साक्षी की चूत में जाने से नही रोक सकते थे...

साक्षी के चेहरे पर उत्तेजना के भाव सॉफ देखे जा सकते थे
वो इस वक़्त चुदने के लिए बुरी तरह से फड़फड़ा रही थी...
हालाँकि वो भी अभी तक कुँवारी थी पर ना जाने आज क्यो वो सब कुछ करने पर आमादा थी...
उसकी गोद में बैठी हुई साक्षी आगे-पीछे होकर अपनी चूत पर उसके लंड की रगड़ का आनंद ले रही थी..

''ओह... बैबी....... निकालो मेरी पेंटी को ........आई एम डायिंग तो टटेक यू इनसाइड....आआआआआआआआअहह डू इट नाउ......''

एक ही दिन में चुदाई का दूसरा ऑफर मिलने से सोनू की हालत पतली हो गयी....
चाँदनी को तो उसने ये कहकर की, वो किसी स्पेशल के लिए ये सब बचाकर रख रहा है, टरका दिया था.
पर अब साक्षी को वो भला क्या बोले...
वो तो इस वक़्त खुद को वही स्पेशल वन समझ कर उसके उपर आ चढ़ी थी.

पर एक बार फिर से सोनू ने वही कहा : "नही डियर...अभी नही...इट्स नोट द राईट टाइम....आंड नोट ए सेफ प्लेस...''

और कोई होता तो ऐसी हालत में ऐसा एक्सक्यूज़ देने की जुर्रत भी ना करता
एक प्रेमी प्रेमिका के लिए इससे अच्छा मौका तो कोई और हो ही नही सकता था...
आस पास कोई भी नही था...
बाहर से भी अंदर का कुछ देखा नही जा सकता था...
पर फिर भी सोनू के अंतर्मन से जो आवाज़ आ रही थी वो सुनकर उसने साक्षी को भी अपने लंड से मिलने वाली पहली चुदाई से वंचित कर दिया...
और सबसे बड़ी बात ये थी की अभी भी वो खुद नही जानता था की वो ये सब क्यो कर रहा है...
तनवी के लिए या सोनिया के लिए...
पर साक्षी को मना करके वो उसे उन संभावित नामो की सूची से निकाल चुका था जिसके साथ वो पहली चुदाई करना चाहता था.

साक्षी को भी उसकी बात सही लगी की ये जगह सही नही है...
वैसे भी ये उसकी पहली चुदाई थी
ऐसे एक छोटी सी कार में बैठकर वो इस यादगार लम्हे को जल्दी में जीना नही चाहती थी...
पर उत्तेजना का ज्वार ही ऐसा चड़ा हुआ था उसपर की वो ऐसा करते हुए कुछ सोच ही नही पाई..

पर एक बात तो थी
अपनी चूत पर पहली बार एक लंड की दस्तक महसूस करके उसकी चूत के दरवाजे खुद ही बोल रहे थे की अब तो रहा नही जाता ...
आने दो इस बांके लंड को अंदर...
टूट जाने दो हमें
और
ले लो मज़ा जिंदगी की उस हसीन सौगात का
जिसे लोग चुदाई कहते है.
साक्षी ने अपने प्यारे सोनू के चेहरे को पकड़ कर एक बार फिर से अपने होंठों से लगा लिया और उसके लिप्स को किसी बंगाली रसगुल्ले की तरहा चूसने लगी...
आज सच में उसे सोनू पर बहुत प्यार आ रहा था.

वो जान चुकी थी की अभी के लिए चुदाई तो पॉसिबल नही है
पर इस वक़्त चुदाई से कम कुछ भी करने मे उसका दिल नही मान रहा था...
इसलिए वो वही करती रही जो अभी तक कर रही थी...
यानी अपनी पेंटी से ढकी चूत को उसके नंगे लंड पर रगड़ कर मज़ा.

ऐसा करते हुए वो ज़ोर-2 से सिसकारियाँ भी मार रही थी...
आज से पहले सोनू ने किसी भी लड़की को इतना अधिक उत्तेजित नही देखा था...

सोनू के लंड का निचला हिस्सा इस वक़्त उसकी चूत की फांकों के बीच बुरी तरह से फँसा हुआ था
और वो साक्षी के अनार दाने की मसाज करके उसे उसकी लाइफ के सबसे शक्तिशाली ऑर्गॅज़म के करीब ला रहा था...

साथ ही साथ वो उसके कश्मीरी सेब पर लगे दाने को भी अपने दाँतों से चबा रहा था...
उसकी गोरी -2 छातियों को अपने दाँत और जीभ से चूसकर उसपर टैटू बना रहा था.

और जल्द ही सोनू की इन सभी कलाकारीयों को अपनी चूत और छातियों पर महसूस करके वो बुरी तरह से चिल्लाती हुई झड़ने लगी...
''आआआआआआआआआआआआआआअहह मेरी ज़ाआाआआआन् .....फ़आआआआअक्कककककककक...... अहह..... आई एम कमिंग........ आयी एम् कमिंग डार्लिंग.......''

और सोनू ने सॉफ महसूस किया की उसकी पेंट का अगला हिस्सा बुरी तरह से गीला कर दिया है उसने...

वो गहरी साँसे लेती हुई उसके उपर ओंधी होकर गिर पड़ी.....
और बाद में सोनू ने उसे बड़े प्यार से दूसरी सीट पर बिठा दिया..

सोनू ने एक टावल लेकर उसे गीला किया और अपनी पेंट सॉफ की...
वो अभी भी साथ वाली सीट पर आधी नंगी होकर सोनू को बड़े प्यार से देख रही थी...
सोनू नही झड़ा था
क्योंकि एक घंटे पहले ही वो चाँदनी की गांड में झड़कर आया था
अगली बार उसका माल निकलने में काफ़ी टाइम लगने वाला था...
और अभी के लिए इतना टाइम नही था उनके पास..
इसलिए उसने साक्षी के, लंड चूसकर झड़ने के, प्रोपोसल को भी अभी के लिए मना कर दिया

अपने-2 कपड़े ठीक करके वो घर की तरफ चल दिए..
साक्षी को उसके घर उतारने से पहले भी उसने काफ़ी देर तक उसे स्मूच किया...और बाद में अपने घर आ गया.

बाहर पहुँचकर उसने सोनिया को कॉल करके बोल दिया की वो आ चुका है
बाकी सब सो चुके थे, इसलिए वही दरवाजा खोलने के लिए आई...
और उसके कपड़े देखकर वो एक बार फिर से उसकी हिम्मत का कायल हो गया...
उसने वही नन्ही सी निक्कर पहनी हुई थी जो आज तक उसने सिर्फ़ अपने बेडरूम में ही पहनी थी...
और साथ में एक छोटी सी टी शर्ट, जिसमें उसके निप्पल्स सॉफ चमक रहे थे, यानी उसने अंदर ब्रा भी नही पहनी थी...

सोनू के चेहरे पर एक बार फिर से शैतानी मुस्कान आ गयी...
आज की रात वो कुछ ख़ास करने के मूड में आ चुका था.
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