ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का ) complete

Post Reply
User avatar
kunal
Pro Member
Posts: 2708
Joined: 10 Oct 2014 21:53

Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

Post by kunal »

मॉम ने उसे बाहर निकाल लिया और अपनी बेटी की चूत से निकला वो झूठा डिल्डो अपनी चूत में डाल दिया और उसकी चूत में एक बार फिर से अपनी जीभ डाल दी ...

''आआआआआआआआआआअहह मों.........य्ाआआआआआअ......... खा जाओ........अहह....ओह फुक्कककककककक...... आपकी जीभ में तो जादू है..... अहह.... चूसो मेरी चूत को.....मॉम...... य्ाआआआआआआस्स्स्सस्स्स्स ....''

वो पागल सोनिया ये नही जानती थी की उसके ये वर्ड्स मेरे उपर क्या प्रभाव डाल रहे है...
वैसे वो ये सब मेरे लिए ही कर रही थी...
मॉम से चूत चुस्वाकार वो खुद भी मज़े ले रही थी और अपनी लाईव हालत की कमेन्ट्री सुनाकर मुझे भी वो एहसास दे रही थी..



मैने अपने लंड को मसलना शुरू कर दिया..

और अचानक सोनिया दी का पूरा शरीर कांप सा गया और उनकी चूत से एक गाड़ा, मीठे पानी का फव्वारा 1 इंच तक हवा में उछल गया...
जिसका सारा पानी मॉम के चेहरे को भिगो गया...
उन्होने भी अपनी लाडली बेटी का ये अमूल्या अमृत वेस्ट नही होने दिया...
चपर -2 करके वो सारा पी गयी..

पीना तो मैं भी चाहता था वो रसीला पानी...
सोनिया को भी पता था की ये मुझे कितना पसंद है...
पर बेचारी अपने ही ऑर्गॅज़म में डूबी हुई मेरे निराश से चेहरे को देख ही नही पाई..

कुछ ही देर में जब सोनिया दी शांत हुई तो वो अपने बेड से उठी और उसने मॉम के चेहरे को पकड़ कर उनके मुँह से वो मिठास चटनी शुरू कर दी...
ऐसा लग रहा था जैसे दो ख़ूँख़ार बिल्लिया लड़ाई कर रही है...
प्यार भरी लड़ाई...



सोनिया ने मॉम को धक्का देकर घोड़ी बना दिया....
और मॉम भी अपनी बेटी का कहना मानकर ज़मीन पर अपने पाँव फेला कर खड़ी हो गयी....
सोनिया ने एक बार फिर से उस डिल्डो का सहारा लिया और उसे बड़ी ही बेरेहमी से मॉम की चूत में घुसेड दिया...

घोड़ी बनी मॉम बुरी तरह से हिनहीना उठी..

''आआआआआआआआआआहह उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़..... मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गयी रे.......... अहह.....''

पर उन्होने सोनिया की तरह उसे अंदर लेने से ज़रा भी मना नही किया...
एक-2 इंच करके सोनिया ने वो पूरा 9 इंच का मोटा डिल्डो मॉम की चूत में घुसा दिया...
इस बात से ही अंदाज़ा लगाया जा सकता था की उनकी गुफा में कितनी गहराई है....
मेरे लंड का अंदर जाने के बाद क्या हाल होगा, ये तो बाद मे ही पता चलेगा..
पर इस वक़्त तो मॉम को मज़ा मिल रहा था...

क्योंकि सोनिया ने उसे अंदर बाहर निकालकर मॉम की चूत मारनी शुरू कर दी थी..

''ओह बैबी....... मज़ा आ रहा है...ऐसे ही करो...शाबाश.....लीक इट....चाटो इसे अब......निकालो ये नकली प्लास्टिक...अपनी जीभ डालो अंदर..........खा जाओ इसे....मेरी...मेरी....चूत को.....खा जाओ....''

उफ़फ्फ़.....
कितना असहाय था मैं ....
मॉम की इन रसीली बातो को सुनकर मेरा मन तो कर रहा था की मैं उन्हे अपनी कला का जोहर दिखा दूँ ....
जीभ तो क्या अपना लंड भी घुसा दूँ उनकी चूत में और दिखा दूँ उन्हे की इस प्लास्टिक के लंड में कुछ नही धरा है...
असली चीज़ यही होती है...
लॅंड..
देसी लॅंड.

पर उन्हे शायद मेरे मन की बात सुनाई नही दी....

सोनिया ने अपनी मॉम की बात मान ली और उस नकली लंड को बाहर निकाल फेंका...
और फिर मॉम की चूत पर अपना मुँह लगाकर सोनिया ने उसे चाटना शुरू कर दिया...



मॉम शायद बेड पर वापिस जाना चाहती थी...
ऐसे घोड़ी बनकर अपनी चूत चटवाने में उन्हे मज़ा नही आ रहा था..

पर सोनिया के दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था...
उसने उन्हे मेरे बेड की तरफ धकेलना शुरू कर दिया...
अपने मुँह और जीभ का ज़ोर लगाकर वो मॉम की गांड पर धक्का लगाती और कुछ ही देर में मॉम मेरे बेड तक पहुँच गयी...
और फिर जैसे ही वो घूमकर खड़ी हुई, सोनिया उनकी चूत पर एक बार फिर से टूट पड़ी...
बेचारी मॉम लड़खडाकर मेरे ही बेड पर गिर गयी...
मेरे पैरो से कुछ ही दूर ...



उफ़फ्फ़.....
ये सोनिया दी ने मुझे किस बंधन में बाँध दिया था...
मैं चाहकर भी कुछ नही कर पा रहा था...
मेरी खुद की माँ ..पूरी नंगी..मेरे ही बेड पर पड़ी थी...
और मैं दम साधकर सोने के अलावा कुछ नही कर पा रहा था..

मॉम ने कसमसाते हुए कहा : "आआआआआहह सोनी......रुक जा......रुक जा ना......अपने बेड पर चल....यहाँ नही......आआआआआआअहह....सोनू जाग जाएगा.....रुक ज़ाआाआआ अहह''

पर सोनिया ना रुकी....
वो अपनी कुशलता का पूरा इस्तेमाल करते हुए मॉम की चूत चूसती रही....

मॉम अब जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी थी...
शायद उनके अंदर एक नये ऑर्गॅज़म का निर्माण हो रहा था....
इसलिए वो भी उसी मज़े में डूब कर उस चूत चुसाई का मज़ा लेने लगी......
मचलने लगी....
तड़पने लगी.

और तड़पते -2 उनके हाथ मेरे घुटनो पर आ लगे...
एक पल के लिए तो वो भी रुक सी गयी...
पर सोनिया दी के हमलो ने उन्हे फिर से उस आनंदसागर में खींच लिया....
User avatar
kunal
Pro Member
Posts: 2708
Joined: 10 Oct 2014 21:53

Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

Post by kunal »

धीरे-2 उनके हाथो ने मेरे लंड पर पड़ी चादर को खींच कर अलग कर दिया....
मेरा लंड एफ्फ़िल टावर की तरह खड़ा था...
जिसके पीछे मुझे मॉम का चेहरा भी नही दिखाई दे रहा था....

अचानक सोनिया ने मॉम की क्लिट को अपने दांतो में दबोच लिया और मज़े के दर्द में बिलखती हुई मॉम का हाथ सीधा मेरे लंड पर आ लगा...



उनके मुँह से एक साथ 2 सिसकारियां निकल गयी....
एक अपनी क्लिट के नाम की और दूसरी मेरे लंड के नाम की...

एक पल के लिए फिर से मॉम का शरीर ठंडा पड़ गया...
कोई हलचल ही नही हुई...
जैसे कोई सदमे में हो...

उनका हाथ मेरे लंड पर था...
उन्होने उसे टटोल कर देखा ..
वो पूरा खड़ा था....
उपर से नीचे तक नापा उन्होने उसे...
उसकी लंबाई का अंदाज़ा लगाया...
अपना हाथ उसके चारो तरफ कसकर उसकी मोटाई नापी......
और फिर जैसे उन्हे कुछ हो गया....
वो एक झटके से उठ खड़ी हुई...
पास पड़ी चादर से उन्होने खुद को ढक लिया...

सोनिया भी ये देखकर हैरान रह गयी की ये मॉम को अचानक हुआ क्या है...

मों : "सोनी....ये..ये...सोनू ...ये..ये तो जाग रहा है....''

मेरी तो फट्ट कर हाथ में आ गयी....
हमारी चोरी पकड़ी जा चुकी थी....
अब हमारी खैर नहीं थी

सोनिया की नज़र सीधा मेरे खड़े लंड पर गयी और वो सब समझ गयी...
वो समझ गयी की मॉम का हाथ मेरे लंड पर आ लगा था...
ये देखकर वो मुस्कुरा दी...
क्योंकि यही तो उसका प्लान था...
वो यही चाहती थी की मॉम को मेरे खड़े लंड का पता चले..

सोनिया ने मुस्कुराते हुए कहा : "अर्रे मॉम ...मैने कहा था ना...ये घोड़े बेचकर सोता है...ये नही उठने वाला...''

मॉम अभी भी अपने नंगे शरीर को उस चादर से छुपाने का प्रयत्न कर रही थी...

उन्होने मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा : "पर...वो...वो उसका.....उसका पेनिस...वो तो अकड़ कर खड़ा है....''

सोनिया : "अर्रे मॉम ..ये तो नॉर्मल बात है...ये उम्र ही ऐसी है....बेचारा कोई सपना देख रहा होगा...तभी उसका ये टावर खड़ा हो गया है....''

वो मॉम को चेहरे को देखकर ये सब बोल रही थी....
और उनके चेहरे को पढ़ने की कोशिश भी कर रही थी की उनके मन में इस वक़्त क्या चल रहा है...

मॉम का चेहरा मेरे लंड पर ही लगा हुआ था...
शायद कुछ देर पहले उसे अपने हाथ में लेकर वो उसके प्रति बुरी तरह से आकर्षित हो गयी थी.....

सोनिया उठी और मॉम के पीछे आकर खड़ी हो गयी.....
उनके कंधे पर अपना सिर रखकर, उनकी कमर को अपने हाथो से जकड़कर उसने अपना एक हाथ फिर से उनकी चूत की तरफ सरका दिया...

और बोली : "पर देखो ना मॉम ....भाई का लंड कितना लंबा है....उम्म्म्ममम....अगर ये मेरा भाई ना होता तो .....अभी इसे खा जाती......वाउ.....कितना मोटा है......और लंबा भी.....''

मॉम का शरीर सोनिया का एक-2 शब्द सुनकर काँप सा रहा था....
उनके हाथ से चादर छूट कर नीचे गिर गयी...
मैने हल्की आँखे खोल कर मॉम की तरफ देखा, जो एकटक मेरे लंड को घूर रही थी...
उन्होने सोनिया की बातो को सुनकर उसे डाँटा भी नही की वो अपने भाई के बारे में ऐसा क्यों बोल रही है....
शायद उनके हिसाब से उस वक़्त ये ग़लत नही था...

सोनिया तो जैसे गर्म लोहे पर प्रहार कर रही थी....
एक प्रहार वो अपने हाथ से मॉम की चूत पर कर रही थी
और
दूसरा प्रहार वो अपनी बातों से उनके दिमाग़ पर..


और उसका असर भी दिख रहा था....
मॉम तो जैसे सम्मोहित सी हो गयी थी मेरे खड़े लंड को देखकर...
सोनिया ने मॉम को पुश करके बेड पर बिठा दिया...
ठीक मेरी कमर के पास...
अब उनका नंगा बदन मेरे जिस्म से टच कर रहा था...
मेरा लंड और कड़क हो गया...

सोनिया का मम्मी को सम्मोहित करना चालू था

''देखो ना मॉम ....कितना बड़ा है.....आपके अंदर से निकले इस बेटे पर आपका पूरा हक है....आप इसे छू सकते हो मॉम ...टच करो...देखो उसे....बाहर निकालो इसको....''

और मॉम के काँपते हुए हाथ मेरी तरफ लहरा गये...
अभी कुछ देर पहले तक जो सैक्स उन दोनो के बीच हो रहा था , सोनिया दी ने बड़ी चालाकी से उसमें मुझे शामिल कर लिया था...
पर मुझे तो सोने का नाटक करना था...
और इस वक़्त मेरी सबसे कठिन परीक्षा चल रही थी..

मॉम के हाथ मेरी शॉर्ट्स के उपर आए और उन्होने एक बार फिर से मेरे लंड को दबोच लिया, उनकी पकड़ ही बता रही थी की अंदर कितनी प्यास भरी है उनके , फिर उन्होंने मेरी शॉर्ट्स को धीरे-2 नीचे सरकाना शुरू कर दिया...
मैने कुन्मूनाने का नाटक किया और अपनी गांड थोड़ी सी हवा में उठा दी...
उसी का फायदा उठा कर मॉम ने मेरी शॉर्ट पूरी नीचे खींच दी..

और फिर जो उनकी आँखो के सामने था, वो जैसे दुनिया का आठवा अजूबा था...

उनके बेटे का नंगा और जवान लंड.

एकदम कड़क...चमकता हुआ...मोटा लंड.



मॉम ने एक नज़र सोनिया दी को देखा, वो भी पलके झपकाए बिना मेरे लॅंड को देख रही थी..
हालाँकि आज से पहले वो कई बार इसे चूस चुकी थी...
अपनी चूत और गांड में ले चुकी थी
और आज एक बार फिर से उसे देखकर
और वो भी ऐसी सिचुएशन में, सोनिया दी की चूत में भी खुजली होने लगी..

सोनिया के मुँह से गुर्राती हुई सी आवाज़ निकली

''उम्म्म्मममम ओह माययययी गॉडsssssssss ....... इट्स टूऊssssssss सैक्सी ...... मॉम .......''

मॉम बेचारी ये भी नही बोल पाई की ऐसा मत कह तू
ये तेरे भाई का लंड है...
ये ग़लत है....
पर वो ग़लत काम तो वो खुद भी कर रही थी...
इसलिए वो भला कैसे कहती...

सोनिया के उकसाने पर मॉम के हाथ एक बार फिर से मेरे नंगे लंड पर आ लगे...
मेरी तो धड़कने ही बेकाबू हो गयी....

मॉम ने एक बार फिर से सोनिया की तरफ देखा और कन्फर्म किया : "पक्का ना...ये जागेगा नही....''

सोनिया : "नही मॉम ...नही जागेगा....कम ओंन ...करलो अपने दिल की..... बोलो...क्या करना चाहते हो....''

मॉम के होंठ लरज गये कुछ बोलने से पहले....

अब वो अपनी बेटी से कैसे बोलती की उसे वो लंड चूसना है..

पर शायद सोनिया ने वो बात ताड़ ली थी...
क्योंकि मॉम जिस अंदाज से उसे देख कर अपने सूखे होंठो पर जीभ फिरा रही थी
उससे सॉफ पता चल रहा था की उनके मन में क्या चल रहा है...
इसलिए सोनिया ने उनके कान में धीरे से कहा

''मॉम ... मैं अगर आपकी जगह होती ना...तो इसे चूम लेती.....चाट लेती और....और....''

बोलते-2 शायद सोनिया भी एक्साइटिड हो रही थी....
उसकी साँसे भी तेज हो गयी...
User avatar
kunal
Pro Member
Posts: 2708
Joined: 10 Oct 2014 21:53

Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

Post by kunal »

मॉम ने गहरी साँसे लेते हुए कहा : "और क्या सोनी...बोल ना....और क्या...''

सोनिया : "और चूस लेती इसे.....अपने मुँह में लेकर...अच्छी तरह से...और तब तक चूसती ...जब तक ये झड़ नही जाता मेरे मुँह में ....''



सोनिया का इतना कहना था की मॉम की आँखे फैलती चली गयी....
जैसे उन्हे विश्वास ही नही हो रहा था की उनकी खुद की बेटी, अपने भाई का लंड चूसने के लिए उसे उकसा रही है...
पर वो कुछ बोली नही..
क्योंकि
वो भी यही सुनना चाहती थी...
शायद

इसलिए एक बार फिर से उनके नर्म हाथ मेरे लंड से खेलने लगे....
और फिर वही हुआ जो सोनिया ने उन्हे करने को कहा था...
वो धीरे-2 मेरे लंड पर झुकने लगी...
जैसे कोई सम्मोहन उन्हें मेरे लंड की तरफ खींच रहा हो
वो पास आती चली गयी
और मुझे एहसास तब हुआ जब उनकी गर्म साँसे मेरे लंड पर पड़कर उसे झुलसाने लगी....
मैने आधी आँख खोल कर देखा तो मॉम बड़े प्यार से मेरे लंड को देख रही थी...
उनकी आँखो में हवस सॉफ देखी जा सकती थी....
और फिर उन्होने अपनी गर्म जीभ निकाल कर मेरे लंड पर लगा दी...
मैं चाहकर भी सिसकारी नही ले पाया...
मेरा बदन अकड़ गया...
बेड की चादर को मैंने अपने हाथों से भींच लिया



सोनिया ने बात संभाली : "देखा मॉम , भाई को लग रहा है की सपने में उनके साथ ये सब कोई कर रहा है...आप कंटिन्यू रखो ....शाबाश....चाट लो इसे...''

मेरा तो मन कर रहा था की चूम लू अपनी बहन को...
जिस अंदाज से वो मॉम को मेरी तरफ आकर्षित कर रही थी वो काबिले तारीफ़ था....
एक चुदाई तो इस बात की पक्की थी मेरी तरफ से उसके लिए..

फिर मॉम ने अपनी जीभ से मेरे लंड को पूरा चाट लिया....



चाट क्या लिया उसे पूरा नाप लिया अपनी जीभ से...
और फिर जब उनसे सब्र नही हुआ तो एक ही झटके में उन्होने मेरे लंड को अपने मुँह में भरकर चूस लिया..

ओह यसस्सस्स.......
क्या पल था वो दोस्तो....
मेरा लंड मेरी माँ के गर्म मुँह में था...
और इसकी गवाह मेरी नंगी बहन थी...
जिसके चेहरे की चमक सॉफ बता रही थी की अपनी योजना को सफल होते देखकर उसे कितनी खुशी हो रही है...

मॉम ने मेरे लंड को नीचे से पकड़ा और पूरा अंदर निगल गयी.....




ओह यारो

क्या फीलिंग होती है ये भी...
अपनी ही माँ से अपने लंड को चुसवाना...
हालाँकि अपनी बहन से लंड चुसवाना भी सुपर वाली फीलिंग भरा पल था..
पर ये तो सुपर से भी उपर हो गया..

मेरे चेहरे के भाव बता रहे थे की मेरे अंदर क्या चल रहा है....
सोनिया शायद उन एक्सप्रेशन्स को देखकर समझ गयी थी की ये देखकर मॉम भी समझ जाएगी की मैं जाग रहा हूँ ... इसलिए, वो मॉम के पीछे से घूमकर सामने की तरफ आ गयी...
और मेरी छाती की साइड में अपने नंगे कूल्हे सटाकर बैठ गयी...
अब उसका बदन मॉम के सामने था, फिर बड़ी चालाकी से वो थोड़ा सा झुकते हुए मेरे पेट पर अपनी छाती रखकर लेट सी गयी...और वो उसने इसलिए किया ताकि मॉम मेरा चेहरा ना देख पाए...

पर ऐसा करके सोनिया दी ने मेरे लंड की अकड़ में और इज़ाफा ही किया...
क्योंकि उनके नंगे बूब्स मेरे पेट पर बुरी तरह से चुभ रहे थे...
नीचे की तरफ मॉम के नंगे मोम्मे मेरी जाँघो पर चुभ रहे थे...

एक साथ 4 मोम्मे मेरे बदन की मालिश कर रहे थे...

मॉम के चेहरे के ठीक सामने सोनिया दी का चेहरा था...
वो उनकी तरफ भूखी नज़रों से देख रही थी...
और आँखो ही आँखो में कह रही थी की थोड़ा मुझे भी चूसने दो ना मॉम ..

पर मॉम थी की अपनी ही धुन में मेरे लंड को चूसती जा रही थी...



सोनिया दी के बीच मे आकर लेटने की वजह से मुझे आँखे बंद रखने की ज़रूरत नही थी...
मैं आँखे खोलकर सोनिया दी की नंगी और सैक्सी पीठ को देख रहा था...
वो पीछे से भी उतनी ही खूबसूरत थी जितनी की आगे से...
मन तो कर रहा था की उनकी नंगी पीठ को चूम लू..
मैं ऐसा नही सकता था...
पर उसे हाथ तो लगा ही सकता था...
वैसे भी ना तो मेरा चेहरा और ना ही मेरा हाथ मॉम को दिख रहा था...
इसका फायदा उठाकर मैने अपने हाथ से सोनिया दी की नंगी पीठ को छू लिया....
एक तरंग सी दौड़ गयी उनके बदन में ...
उनकी छातियाँ थोड़ी और बाहर निकल आई...
एक लंबी सी सिसकारी निकल गयी उनके मुँह से...

''आआआआआआआआआअहह ...... ओह यसस्स्स्स्स्स्सस्स....''
मॉम की तंद्रा भंग हुई...
उन्होने आँखे खोल कर सोनिया को देखा, जो ठीक उनके सामने, प्यासी नज़रों से, अपने होंठों पर जीभ फेरती हुई पड़ी थी...

मॉम को उसपर दया आ गयी...
और उन्होने अपना मुँह मेरे लंड से निकाल लिया.

और उन्होने बड़े प्यार से वो लंड सोनिया दी की तरफ लहरा दिया...

फिर तो उन दोनो के लिए वो मेरा लंड खिलौना सा बन कर रह गया...
पर उनके इस खेल ने मेरी हालत खराब कर दी...
मॉम के गर्म मुँह से निकल कर जब सोनिया दी के तड़पते मुँह में मेरा लंड गया तो मैने पीछे से उनके बालो को कस के पकड़ लिया...
पर उनपर कोई असर नही पड़ा...
वो मेरे लंड को एक ही बार में अंदर तक घुसाकर चूसती चली गयी...



उफफफ्फ़......
मेरा मन तो कर रहा था की चीखे मारु....
गालियां दू उन दोनो माँ बेटियो को....
ठूस कर अपना लंड उनके मुँह में बारी-2 से घुसाऊ...

पर सोनिया दी की कसम ने मेरे मुँह और आँखो पर ताला लगा रखा था...
मैं वो सब सिर्फ़ महसूस कर सकता था..
अपने मज़े को बयान नही कर सकता था...
ये कैसा टॉर्चर भरा काम दे दिया था सोनिया दी ने मुझे...

पर जो प्रोमिस मैंने किया था, उसे बचाने के लिए मैं चुपचाप लेटा रहा...
पर मेरे लंड पर मेरा कोई कंट्रोल नही था...
वो तो बेकाबू सा होकर, जंगली घोड़े की तरह, हिनहिनाता हुआ..कभी मॉम के मुँह में तो कभी सोनिया दी के मुँह में जाकर मज़े ले रहा था...
और उसकी ये खुशी उसके चेहरे से टपक भी रही थी...
बूँद-2 करके...

और ये बूंदे उस आने वाले तूफान का संकेत थी, जो मेरी बॉल्स के अंदर उबाले खा रहा था...

और जल्द ही, उनके इस खेल की वज से , वो पल भी आ ही गया, जब मेरे लंड का वो चिपचिपा बरसाती पानी, अपने अंदर की सारी सीमाओं को तोड़कर , माँ -बेटी के रिश्तो की परवाह किए बिना, उन्हे अपने तूफ़ान में लेकर बहता चला गया....



एक के बाद एक कई पिचकारियां मेरे लंड से निकल कर हवा में उछलने लगी...
और उन दोनों के बीच जैसे होड़ सी लगी हुई थी की कौन कितना माल पी कर जाएगा...
सोनिया दी को तो पहले से ही मेरा मिल्कशेक पसंद था...
अब उस जूस की चाह रखने वालो में एक और नाम भी जुड़ चुका था...
मेरी मॉम का...
क्योंकि आज मेरे लंड से निकले माल की ज़्यादा बूंदे , मॉम ने ही अपनी जीभ से समेत कर अपने अंदर पहुँचाई थी...

सोनिया दी ने अपना ज़ोर लगाकर मुझे बेड पर बाँधकर नही रखा होता तो मेरी कमर का तीर कमान बन गया होता...

और उन्ही की वजह से मैं , आँखे खोलकर, अपने चेहरे के पूरे एक्सप्रेशन्स के साथ उस ऑर्गॅज़म को महसूस कर पाया था...
मेरे हाथ आख़िर तक उनके बालों को खींचते रहे और इस वजह से मुझे भी झड़ने में काफ़ी आनंद आया..

मुझे तो अभी भी विश्वास नही हो पा रहा था की मेरी बहन और माँ ने मिलकर, नींद ही नींद में , मेरे लॅंड के साथ बलात्कार कर दिया था..

पर जो भी हुआ था बहुत अच्छा हुआ था...
क्योंकि ये वो पहली सीढ़ी थी, जो बहुत उपर तक आकर, आनंद के वो दरवाजे खोलने वाली थी, जिसके बाद हर दिन और हर रात मस्ती से भरी होने वाली थी...
पर सोनिया दी ने सब अपने हिसाब से सोचकर ही किया था...और आगे भी उन्होने ही करना था..



इसलिए मेरे लंड को अच्छे से चाटकर, सॉफ करके, उन्होने फिर से पैक कर दिया और मुझपर चादर डालकर मुझे सोने के लिए छोड़ दिया...

मॉम अपना चेहरा धोकर आई तो वो कुछ बोल ही नही पा रही थी..

सोनिया : "कुछ ना बोलो मॉम ...आज रहने दो...जो भी हुआ है, उसके बारे में कल बात करेंगे...अभी आप जाकर सो जाओ...गुड नाइट..''

इतना कहकर उसने मॉम के होंठो को चूमा, उन्हे गले से लगाया और उन्हे नीचे भेज कर दरवाजा बंद करके मेरे पास आई...

मैं एक झटके से उठकर बैठ गया...
जैसे बरसों से मुर्दा बनकर लेटा हुआ था, और आज ही किसी शक्ति ने मुझे जगाया था....

बहुत सी बाते करनी थी अभी तो सोनिया दी से...
बहुत सी बातों का जवाब लेना था...
कुछ अधूरा बचा हुआ मज़ा पूरा करना था अभी तो..
saras
Posts: 19
Joined: 01 Apr 2017 07:19

Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

Post by saras »

Abhi to party shuru hui hai...
Vinay86731
Posts: 35
Joined: 12 Apr 2017 22:29

Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

Post by Vinay86731 »

Wow jabardast
Post Reply