ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का ) complete

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rajaarkey
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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Happy New Year Dosto


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kunal
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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अपने रूम में पहुँचते ही सोनिया ने बड़ी बेबाकी से अपनी टी-शर्ट को अपने जिस्म से उतार कर एक तरफ फेंक दिया...
और अब वो सोनू के सामने टॉपलेस होकर खड़ी थी..
एक के बाद एक, अलग-2 साइज़ के बूब्स देखकर सोनू तो आज पागल सा हुआ जा रहा था....

रात का 1 बज रहा था, इसलिए नीचे से मॉम-डेड के आने का ख़तरा नही था
दरवाजा भी बंद था, ऐसे में सोनिया अपने हिसाब से कपड़े पहन कर घूम रही थी.

उसने जब सोनू की फटी हुई आँखो को देखा तो वो बोली : "ऐसे क्या देख रहे हो तुम...मैं तो पहले भी ऐसे ही लेटी हुई थी अपने बेड पर...वो तो नीचे जाते हुए ये टी शर्ट पहनी वरना मुझे तो ऐसे ही सोने का शोंक है...इनफॅक्ट नीचे भी मैं कुछ पहनना पसंद नही करती सोते हुए..''

ये कहकर उसने सोनू को एक आँख मारी, जैसे सोनू से पूछ रही हो की अपनी वो निक्कर भी उतार दे या नही...

पर उससे पहले सोनू को अपने कपड़े उतारने थे
अपना कोट-पेंट और शर्ट उतारकर जब वो सिर्फ़ अंडरवेर में रह गया और मुँह हाथ धोकर वापिस रूम में आया तो सोनिया को अपने बिस्तर पर बड़े कामुक पोज़ में नंगी लेटे पाया...सोनू ने नीचे देखा तो सोनिया की वो छोटी सी निक्कर भी ज़मीन पर पड़ी थी...
और अपनी बाहें फैला कर वो सोनू को अपने पास बुला रही थी...

वो तो वैसे भी उसके पास जाने वाला था, पर इस तरह के सेंसुअल तरीके का बुलावा उसे बहुत पसंद आया..

वो जैसे ही बेड पर चड़ने लगा तो सोनिया ने उसे टोक दिया और बोली : "रूको...ये भी उतारो...नो क्लोथ एलाउड टुनाइट..''

अब तो उसका लंड पूरा खड़ा हो गया...अंडरवीयर उतारते हुए भी उसके खूँटे की तरह खड़े लॅंड ने बड़ी परेशानी की..

बेड पर लेटते ही सोनिया उसके कंधे पर सिर रखकर उससे लिपट गयी..
दोनो पूर्ण रूप से नंगे थे और ऐसे में सोनिया ने जब अपना सिर उसके कंधे पर रखा, अपनी बाहें उसके सीने पर रखकर दबाया, अपने बूब्स उसकी छातियों पर रखकर ज़ोर से दबाए और अपनी टांगे उसके लंड के इर्द गिर्द घुमाते हुए उसे जकड़ा तो सोनू किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँच गया...

दोनो के होंठ एक दूसरे से जा चिपके और सोनू अपनी बहन के होंठो का अमृत आँखे बंद करके पीने लगा..

कुछ देर तक चूसने के बाद सोनिया ने उसके सिर को पकड़ कर अपनी छाती की तरफ धकेल दिया...
वो समझ गया की उसके निप्पल्स में खुजली हो रही है जिसे सोनू को अपने होंठों और दांतो से बुझानी होगी...

वो बुरी तरह से उन्हे चूसता हुआ उनपर टूट पड़ा..

''आआआआआआआआआहह बैबी.....उम्म्म्ममममममम....... मज़ा आ गया....''

फिर वो बोली : "आज लगता है कुछ ख़ास हुआ है वहां पर....बताओ मुझे....सब कुछ.....बोलो...आआआआहह''

सोनू ने अपना सिर उपर उठाया...
एक पल के लिए तो उसे लगा की तनवी की तरह साक्षी ने भी उसकी बहन को सब बता दिया है...
पर ऐसा तो हो नही सकता था...दोनो एक दूसरे को जानती भी नही थी...

पर आज जो भी हुआ था, उसे अपनी बहन से छुपाने का भी कोई फायदा नही था...
वो सोनिया के साथ ऐसी पारदर्शिता के साथ रहना चाहता था जिसकी वजह से उसे कभी भी झूट ना बोलना पड़े..

इसलिए उसने धीरे-2 करके उसे सारी बात बता दी...
सोनिया भी मंद-2 मुस्कुराते हुए अपने भाई के कारनामे सुनती रही...
हालाँकि उसे ये सुनकर आश्चर्य हुआ की आज सोनू ने साक्षी की फ्रेंड चाँदनी की गांड मारी, जो की उसकी लाइफ का पहला छेद था जिसमें उसने अपना लंड घुसाया था, पर ये सुनकर की उसने लगातार चाँदनी और साक्षी की चूत मारने से मना कर दिया वो अंदर से काफ़ी खुश हुई...

फिर वो उसके होंठो को चूमती हुई बोली : ''मेरा शोना बैबी.... तो तुम्हे क्या लगता है, अपनी लाइफ में ये पहली बार तुम किसके साथ करना चाहोगे...कौन है वो स्पेशल वन''

उसकी आँखो में एक आस सी थी....
शायद अपना नाम सुनने की.

सोनू ने उसकी प्यासी आँखो में देखा...
एक के बाद एक उसके सामने सभी के चेहरे घूम गये....
तनवी का...
साक्षी का...
चाँदनी का और सोनिया का...
और बार -2 सिर्फ़ और सिर्फ़ सोनिया का ही चेहरा सभी से आगे आकर खड़ा हो रहा था...
और इस तरह से उसे खुद ही इस सवाल का जवाब मिल गया...

हाँ ..
वो सोनिया ही थी....
जो उसके अंदर इस कदर समा चुकी थी की वो अपनी लाइफ की पहली चुदाई उसी के साथ करना चाहता था...
उसे अब इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ रहा था की ये उसकी खुद की सग़ी बहन है...
इन संबंधो की शुरूवात करते हुए भी उन्होने दुनिया भर की कसमें खायी थी...
नियम बनाए थे...
क्या ग़लत है और क्या सही है ये सब पहले से निर्धारित कर लिया था...
और उसी के अनुसार आज तक उनके संबंध हर कसोटी को पार करके बढ़ते चले आ रहे थे...
और आज आलम ये था की सिर्फ़ चुदाई को छोड़कर उन्होने एक दूसरे के जिस्मों के साथ प्यार करने के हर तरीके को इस्तेमाल कर लिया था..
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kunal
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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सोनू ने उसकी गुलाबी आँखो मे देखते हुए कहा : "तुम्हारे साथ दी...तुम्हारे साथ...''

उसके इतना कहने की देर थी की सोनिया उसके होंठों पर टूट पड़ी...
अपने नंगे जिस्म को उसके शरीर से रगड़ती हुई, अपनी टूटी हुई सांसो से उसने पूछा : "और....और ये...ये ग़लत तो नही होगा ना...''

सोनू जानता था की उसकी बहन उसे छेड़ने के लिए ऐसा ज़रूर पूछेगी...
पर वो अब जान चुका था की इस बात को बार-2 कहकर वो अपनी लाइफ की सबसे बड़ी भूल कर रहा था...

वो बोला : "नही दी... मुझे नही पता की ये क्या चीज़ है जो मुझसे ये सब करवा रही है..मैं आज तक यही सोचता था की शायद ये सैक्स की भूख है हम दोनो के बीच जो हमे हर बार इस तरह से एक दूसरे की तरफ आकर्षित कर रही है और इसलिए मैं फकिंग को छोड़कर सब कुछ करने के लिए तैयार था...और हमने वो सब किया भी...पर आज जो मेरे साथ हुआ, उसके बाद मुझे पता चला की सैक्स तो मैं उनके साथ भी कर सकता था, उनके साथ करने मे कुछ ग़लत भी नही होता...पर मेरे अंदर से जो आवाज़ आई उसे सुनकर मुझे पता चला की शायद मुझे तुमसे प्यार हो गया है...हाँ दी, आई लव यू ...और ये शायद ग़लत होगा की एक भाई अपनी बहन से इस तरह का प्यार करे, पर अब ये मेरे बस की बात नही रह गयी है...आई एम् हेल्पलेस...और शायद यही हाल तुम्हारा भी है...मैने हर कोशिश करके देख ली है, पर अब मुझसे रहा नही गया और आज मैं आपसे अपने दिल की बात कह रहा हूँ दी, ये ग़लत नही है...और मैं अपनी लाइफ का पहला प्यार आपको देना चाहता हूँ ....''

सोनिया अपनी गर्म साँसों के बीच अपने भाई का ये कबूलनामा सुनती रही...
और फिर उसकी आँखे भीग आई...
शायद यही वो भी सुनना चाहती थी...
यही वो भी कहना चाहती थी....
और इसलिए अब इस प्यार को अपनी मंज़िल पर पहुँचाना ज़रूरी था.

दोनो का एक होने का समय आ चुका था.

वो भी भर्रायी हुई आवाज़ में बोल पड़ी : "हाँ भाई....आई लव यू टू....और ये बिल्कुल भी ग़लत नही होगा....हम सब कुछ करेंगे और बाकी सभी बातों का भी ध्यान रखेंगे...पर अब और रुका नही जाएगा ....''

इतना कहते हुए वो बेड पर लेट गयी और सोनू को उपर आने के लिए कहा...

ये वो पल था जब उन दोनो के बीच बची एक मात्र धागे जितनी पतली दीवार भी टूटने वाली थी....
दोनो ने एक दूसरे की आँखो में देखा
हर तरफ प्यार ही प्यार था...
और आज की पूरी रात वो इस प्यार को एक दूसरे पर लूटा देना चाहते थे...

सोनिया ने बड़े प्यार से सोनू के लंड को अपने मुँह में लिया और उसे अच्छे से चूमा, चूसा और इतना गीला और कड़क कर दिया की वो उसकी चूत में आसानी से घुस सके..
सोनू ने अपने कड़क लंड को पकड़ कर सोनिया की चूत के परों को फेला कर उसपर लगा दिया....
छूट की पंखुड़िया इतनी नर्म और गीली थी की उन्होंने सोनू के लंड के टोपे को तितली के परों की तरह पूरी तहर से धक लिया.

और फिर सोनू ने उसके मोम्मे पकड़कर धीरे से धक्का लगाया.....
लंड थोड़ा सा अंदर चला गया...

सोनिया कराह उठी
सोनू : "देखो दी...अगर तकलीफ़ हो तो बता देना, मैं वहीं रुक जाऊंगा''

उसने हामी भरी, इस वक़्त तो वो अपनी लाइफ की सबसे ब्यूटिफुल मूमेंट जी रही थी, दर्द होने का तो सवाल ही नही उठता था...

सोनू ने अपनी बहन की टांगे दोनो तरफ फेलाइ और एक करारा शॉट मार दिया...
ये वो शॉट था जिसने सोनू के लंड को सोनिया की चूत की बौंड्री के उस पार पहुँचा दिया...
एक तीखा दर्द सोनिया को अपनी चूत पर महसूस हुआ, जो शायद उसकी चूत की झिल्ली के फ़टने की वजह से हुआ था....
हल्की गरमाहट अंदर से बाहर की तरफ निकलने लगी
जिन बातों को दोनो भाई ग़लत बोलकर नरंदाज करते आ रहे थे वही सब आज कितना सही लग रहा था ये उनसे ज़्यादा कोई और जान ही नहीं सकता था...
सोनू के झटकों की वजह से सोनिया के मुँह से सिसकारिके साथ-2 दर्द भी उभर रहा था..

''उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआआअहह...... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... धीरे कर....... ध्ीएरए.....''

सोनू को लगा की शायद सोनिया को ज़्यादा ही तकलीफ़ हो रही है, इसलिए उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया...

वो किसी ज़ख्मी नागिन की तरहा फुफ्कार उठी..

''वापिस डाल उसे....वापिस डाल जल्दी..... डोंट टेक इट बेक सोनू..... जस्ट फक्क मी......''

सोनू तो एक पल के लिए डर ही गया....
पर सोनिया अब इस मोड़ पर आकर वापिस नही जाना चाहती थी...
वो चाहती थी की ये जो दर्द है एक ही बार में मज़े में बदल जाए..
ये जो झिझक है एक ही बार में निकल जाए...
ये जो ग़लत है एक ही बार में सही हो जाए...
क्या पता फिर उन दोनो में ये सब करने की हिम्मत कभी आ पाए या नही.

इसलिए जो होना है वो आज ही हो जाने दो...

सोनू ने एक बार फिर से जोरदार धक्के के साथ अपना लंड सोनिया की चूत में पेल दिया...
और इसी झटके ने एक ही बार में उन दोनो भाई बहन के रिश्तों को लीन लिया...
दोनो एक हो गये..
अंदर तक...
सोनू का लंड पूरा का पूरा अंदर घुस चुका था...

वो बेड पर पड़ी हुई कसमसा रही थी
दर्द से और मज़े से छटपटा रही थी
पर अब सोनू उसकी कोई भी बात सुनने को राज़ी नही था..

वो उसकी चूत में अपने लंड को जोरदार तरीके से पेलने में लगा था
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kunal
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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अचानक सोनू ने अपना लंड उसकी चूत से एक बार फिर से निकाल लिया...
सोनिया की तो ऐसी हालत हो गयी जैसे उसके अंदर से उसकी जान निकाल ली हो किसी ने...
वो छटपटा उठी...
और वो सोनू को फिर से लंड अंदर डालने को बोल पाती, इससे पहले ही सोनू ने अपनी बलशाली बाजुओं का प्रयोग करते हुए उसकी गांड को हवा में लहराया और उसकी चूत को उपर तक लाकर अपने मुँह से लगा लिया...
सोनिया का सर अभी तक बेड पर ही लगा हुआ था...
और उसकी चूत सोनू के मुँह में ऐसी फंसी हुई थी जैसे बाज ने कोई गिलहरी दबोच ली हो...

अपनी चूत में लंड के बदले सोनू की गर्म जीभ का एहसास पाकर वो जल बिन मछली की तरह छटपटा उठी और उसी की तरह अपना पूरा बदन लहराते हुए इस अजीबोगरीब पोज़ में अपनी चूत की चुसवायी अपने भाई से करवाने लगी...
भले ही लंड के मुक़ाबले जीभ की लंबाई उतनी नही थी पर मज़ा उसमें भी वही मिल रहा था....

और उसी मज़े को महसूस करते-2 सोनिया ने एक जोरदार धक्का देकर अपनी भाई को बेड पर चित्त कर दिया...
अब उसके उपर चड़ने की बारी सोनिया की थी...
उसने सोनू के चेहरे को दबोचकर अपने बूब्स के नीचे दबा लिया और उसके लंड को अपनी चूत पर लाकर धीरे-2 पीछे खिसकने लगी...

''उम्म्म्ममममममममममममम..... ओफफफ्फ़ सोनू....... माई लव......... मज़ा आ रहा है....... इट्स सो गुड..... ये हमने पहले क्यो नही किया...... काश.....ये हमारी नज़र में ....पहले ही सही होता....अहह.... कितना मज़ा मिस किया हमने....... ..पर ...अब ...और नही.....अब तो मुझे...ये मज़ा....रोज चाहिए....रोज....जब तक....मैं यहां हूँ ....तब तक.....रोज.....अह फकक मी नाउ.....फक्क मी यू बास्टर्ड .....''

और अपनी बहन का हुक्म मानकर सोनू ने उसकी गांड को दोनो हाथों में भरकर अपने लंड को उसकी चूत के हाइवे पर पूरा उतार दिया और फूल स्पीड पर उसे चोदने लगा.....
चोदने का ये सिलसिला करीब आधे घंटे तक चलता रहा..
कभी सोनू उपर आता तो कभी सोनिया...

कभी वो उसे घोड़ी बना देता और कभी उसकी चूत को चूस लेता....
ऐसा करते -2 जब उनसे सहन करना मुश्किल हो गया तो आख़िर में जाकर सोनू के ऑर्गॅज़म ने उसके लंड पर दस्तक दे ही दी...
और अपनी समझदारी का परिचय देते हुए सोनू ने एंड मूमेंट पर अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और उसकी चूत के दरवाजे पर जोरदार तरीके से अपने रस की बौछार कर दी..
लंड से निकली पिचकारियों ने उसकी गुफा को ऐसे ढक दिया जैसे अभी-2 वहां स्नोफॉल हुआ हो....
कुछ पिचकारियाँ उपर तक जाकर उसके स्तनों के पर्वत को भी भिगो गयी...
और अंत में आकर जब उसने आख़िरी बूँद को भी लंड से निचोड़कर अपनी बहन के नाम कुर्बान कर दिया तो वो साइड में लुढक गया...


और वही दूसरी तरफ सोनिया अपने उपर सफेद रस की चादर लिए एक अलग ही खुशी में सराबोर होकर मुस्कुराए जा रही थी..
अपनी लाइफ की इस पहली खुशी को वो हमेशा के लिए समेत कर रख लेना चाहती थी....
उसने अपनी नर्म उंगलियों से उस रस को पूरे शरीर पर रगड़ -2 कर क्रीम की तरह मल लिया..
उसे अपनी उंगलियों से समेट कर चूसा भी...
और उसके बाद बाथरूम में जाकर वो गर्म पानी से नहाई भी...
वापिस आकर वो ऐसे ही आकर सोनू से लिपट कर सो गयी.

सोनू उसके नंगे जिस्म को सहलाता हुआ अपनी लाइफ में आने वाले रंगीन दिनों के सपने देखने लग...
क्योंकि अब वो झिझक हट चुकी थी जो उसे दूसरो को चोदने से रोक रही थी
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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अग्ले दिन संडे था और मोम्-डेड दोनो ही देर तक सोते थे इसलिए इन दोनो को भी जल्दी उठकर कपड़े पहन्ने का डर नही था ।

सोनु तो आराम से घोड़े बेचकर सो रहा था
उसकी लाइफ रियल में ही नही बल्कि सपनों में भी बदल चुकी थी
पहले उसे सपने आया करते थे कि वो किसी लड़की को नहाते हुए देख रहा है, पर आजकल सपनों मे वो लड़की उसके साथ नहा रही होती थी ।

पहले वो किसी को किस्स करने के सपने देखा करता था और अब उसे सपने में ही बुरी तरह से स्मूच किया जाता था और पहले वो लड़कियों के बारे मे सोच कर सपने में भी मुट्ठ मारा करता था और अब उसके लंड को सपनों में भी चूसा जाता था ।
और सभी सपनों में एक ही समानता थी कि अब वाले सभी काम सिर्फ उसकी बहन ही कर रही होती थी ।
सपनों में भी उसने पूरा कब्जा जमाया हुआ था ।

आज भी सपने में सोनिय उसका लंड चूस रही थी
एक मीठा सा एह्सास उसके पूरे शरीर में दौड़ रहा था कि उसके घोड़े को वो प्यार कर रही है ।

लेकिन ये एह्सास सपने से कुछ ज्यादा ही था , क्योंकि अपने लंड पर गीला एह्सास मिलते ही उसने आँखे खोल दी और अपनी आशा के अनुरूप उसकी बहन सोनिया घोड़ी बनकर उसका लंड चूस रही थी ।
दोस्तो, ये एक ऐसी फीलिंग थी जिसका कोई और मुकाबला नही है
सुभह उठकर जब आपके लंड पर नर्म और गर्म होंठों का शिकन्जा मिल जाये तो पूरा दिन ठंडक से भरा निकलता है ।

मैने मुस्कुराते हुए उसके रेश्मी बालो को सहलाया और प्यार से उसे गुड मोर्निग बोला
वो भी मेरे लिसड़े हुए लंड को मुन्ह से निकालकर, अपना पप्पी फेस बनाकर बोली : ''गुड मोर्निग सेक्सी, मुझे लगा जब तक तुम सो रहे हो मै ब्रुश कर लेती हूँ ''

इतना कहकर उसने मुस्कुराते हुए एक बार फिर से मेरे कड़क लंड को मुन्ह में भर लिया फिर लंड के सुपाडे को अपने मोती जैसे दान्तो पर घिस्स कर वो ब्रुश करने का नाटक करने लगी ।
मुझे ये देखकर काफी अच्छा लगा कि वो गन्दे समझे जाने वाले काम कितने मजे लेकर कर रही है ।

लड़कियों कि ऐसी बातो पर ही तो हम लड़कों को इतना प्यार आता है
मैने सोनिया दी को उपर खींचकर उन्हे चूमना चाहा पर वो अपने फेवरेट टॉय को छोड़ने के लिए राजी हि नही हुइ ।

वो अपनी कड़क चुचियो से मेरी जाँघों को ड्रिल कर रही थी और मेरे लंड को मुंह में लेकर बुरी तरह से चूस रही थी, ऐसे लग रहा था जैसे वो मेरे लंड से निकले माल से ही नाश्ता करने का मूड बना चुकी थी ।

और जब वो ऐसा नाश्ता कर सकती है तो मुझे भी वैसा नाश्ता करने मे भला क्या प्रोब्लम होनी थी ।
मुझे भी उनकी चूत की प्यास एक्दम से जग गयी और मैने सोनिया के नंगे बदन को अपने उपर घड़ी की सुइ की तरह घुमाते हुए उसकी चूत को अपने मुंह पर लाकर रोक लिया, 69 की पोजीशन में ।



चूत को अपने चेहरे के उपर लाकर मुझे ये एह्सास हुआ कि वो कितनी बुरी तरह से रिस रही है
ऐसा लग रहा थ जैसे मेरे चेहरे के उपर कोइ शहद का छत्ता लाकर रख दिय हो, जिसमें से बून्द-२ करके शहद बाहर निकल रहा था । और जब शहद दीखता है तो मुन्ह में पानी आ ही जाता है
मैने अपनी जीभ निकाली और टूट पड़ा उस शहद की दुकान पर.



वो कहते है न पहली धार कि शराब का कोइ मुकाबला नही है, झूट होता है वो सब
मेरे अनुसार तो सुभह -२ चूसी गयी चूत के रस का कोई मुकाबला नही है.

ऐसा रसीलापन निकलकर बाहर आता है कि मुंह पूरा भर जाये पर चूत का रिसना बन्द न हो ।

मैने 69 कि पोजीशन में अच्छी तरह से दीदी को दबोच कर उन्हे चूसना शुरु कर दिया
वो भी मेरे खड़े हुए लंड को मुंह में ले रही थी ।
रात को इसी चूत के अन्दर मैने लंड को पेला था , और उसी वजह से आज सोनिया दी की चूत की शक्ल बदली - 2 सी लग रही थी


मेरी जीभ भी कुछ ज्यादा अन्दर तक जा रही थी , जो मुझे काफी सुखद एह्सास दे रही थी.


सोनिया की क्लीट तक मै अब अच्छे से पहुँच पा रहा था
उसे मुंह में डालकर दान्तो से जब मैने चुभलाया तो वो जल बिन मछली कि तरह तड़प उठी..... पर मैने उनकी चूत के दाने को मुन्ह से नही निकलने दिया ।
चूत मारने के बाद के फायदे काफी अच्छे दिखायी दे रहे थे ।
फेले हुए छेद में मेरी जीभ बिना रोक टोक के अन्दर बाहर हो रही थी ।



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