ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का ) complete

Post Reply
User avatar
kunal
Pro Member
Posts: 2708
Joined: 10 Oct 2014 21:53

Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

Post by kunal »

सोनिया ने उन्हे गले लगाकर चुप कराया...
आस पास के सभी लोग रुककर उन माँ बेटी को देखने लगे..

सोनिया : " आई एम् सॉरी मॉम .... मुझे ये सब नही बोलना चाहिए था... आई केन अंडरस्टॅंड युवर सिचुएशन नाउ.... प्लीज़ आप चुप हो जाओ....''
वो धीरे - 2 चुप हो गयी..

सोनिया ने मूड चेंज करने के मकसद से कहा : "और वैसे भी, अब आपको अपने पति की क्या ज़रूरत है... मैं हूँ ना... उयू केन टेक माय सर्विसेज एनी टाइम ....''

मॉम : "हाँ ...पर तुम भी तो छुट्टियों के बाद चली जाओगी... फिर से मैं अकेली...''

सोनिया : "तभी तो बोल रही थी मैं मॉम ....सोनू को पकड़ो...वहां से ही आपको असली मज़ा भी मिलेगा और मेरे जाने के बाद तक मिलेगा...''

पिछली बार की तरह इस बार मॉम के चेहरे पर कोई गुस्सा नही आया..
सोनिया के लिए इतना बहुत था..

वो आगे बोली : "और वैसे भी, ऐसा करके आप कोई ग़लत काम नही करोगी, बल्कि उसपर एहसान ही होगा ये...''

मॉम : "वो कैसे ??''

सोनिया : "मैने देखा है उसको...सोते हुए बेचारा अपना मसलता रहता है.... और मॉर्निंग में तो उसका बुरा हाल होता है...एकदम कुतुब मीनार की तरहा खड़ा होता है...और बाथरूम में भी अक्सर उसके माल के निशान दिखते रहते हैं ''

मॉम ने थोड़ा गुस्से में कहा : "वो तुम्हारा भाई है...और तुम उसके बारे में ऐसा बोल रही हो...''

सोनिया : "मॉम , भाई वो अपनी जगह है, और ये सब देखकर मैं अपनी आँखे तो बंद नही कर सकती ना...''

मॉम ने सकुचाते हुए पूछा : "तो क्या तुमने कभी....उसके साथ...आई मीन ... तुम्हारे मन में भी क्या उसके लिए कुछ है ??''

सोनिया : "मॉम, मैं आपसे झूट नही बोलूँगी...वो सब देखकर सच में मुझे कुछ - कुछ होता है... अगर वो मेरा भाई ना होता ना...तो कसम से...मैं कब का उसके कुतुब मीनार को अपने ताज महल में घुस्वा चुकी होती...''

अपने भाई के साथ हुई चुदाई को उसने बड़ी सफाई से छुपा लिया..

मॉम की आँखे गोल हो गयी ये सुनकर और उनकी हँसी भी निकल गयी : "एक नंबर की बेशरम हो गयी है तू... हॉस्टल जाकर भी नही सुधरी तू...''

सोनिया : "बेशरम होने का ठेका क्या सिर्फ़ मर्दो ने ले रखा है क्या... मॉम, मैं तो कहती हूँ की आ जाओ मेरे साथ,हम दोनो मिलकर दिखा देंगे इस दुनिया के मर्दो को की एक औरत जब बेशरम बनती है तो क्या-2 कर सकती है...कितना मज़ा ले सकती है''

मॉम ने उसे घूरते हुए कहा : "मैं देख रही हूँ की आजकल तुम उड़ने के लिए कुछ ज़्यादा ही फड़फडा रही हो... इरादे क्या है तुम्हारे...''

सोनिया : "कुछ नही मॉम, मैं तो बस तुम्हे खुश देखना चाहती हूँ ... और कुछ नही...''

मॉम : "अपने ही बेटे के साथ रीलेशन बनाकर... नही...ये नही हो पाएगा मुझसे...मैं नही कर सकूँगी ये...''

सोनिया : "अर्रे...आपको कौन बोल रहा है कुछ करने को...मैं हूँ ना... मैं आपकी हेल्प करूँगी...''

मॉम : "पर तुम्हे कैसे पता की वो भी मान ही जाएगा...हो सकता है की वो मना कर दे..उसके लिए भी तो ये सब करना ग़लत होगा ना...''

'ये ग़लत होगा' वाली बात सुनकर सोनिया को एकदम से सोनू याद आ गया...
और मन ही मन वो हंस दी...
और सोचने लगी की ये सोनू और मॉम एक तरह का ही सोचते है...
वो भी अगर उनकी तरह सोचने वाली होती तो यहां तक ना पहुँच पाती..

सोनिया अब तक ये बात अच्छे से समझ चुकी थी की उसकी मॉम को सोनू के साथ कुछ करने के लिए तैयार है...
और यही मौका था उसके लिए अपनी बात को भी मनवाने का...

वो बोली : "मॉम , वो आप मुझपर छोड़ दो...हम दोनो जुड़वा है, और मैं जानती हूँ की उसे क्या पसंद है और क्या नही... मैं सिचुएशंस ही ऐसी क्रियेट करूँगी की वो मना कर ही नही पाएगा... पर मेरी भी एक शर्त है...''

मॉम : "शर्त....वो क्या ?''

सोनिया एक सैक्सी सी स्माइल लाते हुए बोली : "वो ये की जब आप सॅटिस्फाइ हो जाओगे तो मुझे भी मौका दोगे...''

मॉम का चेहरा एक बार फिर से पहले की तरह गुस्से वाला हो गया..

सोनिया : "मॉम , ट्राइ टू अंडरस्टॅंड...ऐसा करने से घर की बात घर में ही रह जाएगी...सोचो, मैं अगर अपने हॉस्टल में रहकर..किसी और लड़के के साथ ये सब कर लूं तो यहां बैठकर आपको क्या पता चलेगा...और किसी के थ्रू पता भी चला तो उसमे बदनामी आप की भी होगी..ऐसा करने में किसी को कुछ पता नही चलेगा...''

मॉम ने शक्की नज़रों से उसे देखते हुए कहा : "मुझे तो लग रहा है की ये सारा खेल तो अपने लिए खेल रही है... तेरा असली मकसद खुद उसके साथ मज़े लेना है...''

अब सोनिया भला मॉम से क्या बोलती...
वो जिस मज़े की बात कर रहे थे वो तो वो पिछले 15 दिनों से ले रही थी...
और 2 दिन पहले अपनी चूत की सील भी सोनू से टुड़वा चुकी थी वो...
पर ये सब मॉम को बोलकर वो उन्हें और गुस्सा नही दिलवाना चाहती थी..

वो बड़ी ही नटखट आवाज़ में बोली : "मॉम, मैं आपके भले के लिए सोच रही हूँ और आप मुझपर ही शक कर रहे हो... मैं तो बस बहते पानी में हाथ धोने की बात कर रही थी...और आई थिंक इसमें आपको कोई प्राब्लम नही होनी चाहिए...''

मॉम अब तक पूरी बात को समझ चुकी थी और अपनी लाइफ का एक बड़ा डिसीसन भी ले चुकी थी...
और वैसे भी, अपने ही बेटे के साथ सैक्स करने की बात सुनकर वो कुछ ज़्यादा ही रोमांचित हो रही थी...
उनकी चूत का बुरा हाल हो रहा था...
वो ऐसे टपक रही थी जैसे उनकी चूत का नल खोल दिया हो किसी ने...

वो बोली : "ओके ..ओके ...ठीक है...पर अभी के लिए जल्दी से लू की तरफ चलो...इट्स अर्जेंट...''

सोनिया भी मुस्कुरा दी...
वो समझ गयी थी की उसकी बाते सुनकर मॉम गर्म हो गयी है...

और उसी गर्म लोहे पर हथौड़ा मारने, वो भी उनके पीछे-2 लपक ली..
User avatar
kunal
Pro Member
Posts: 2708
Joined: 10 Oct 2014 21:53

Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

Post by kunal »


लेडीज़ वॉशरूम में घुसते ही मॉम ने सोनिया को वही खड़ा रहने को बोला और सीधा एक केबिन में घुस गयी और अपनी सलवार खोलकर उन्होने अपनी पेंटी को देखा...

उसका हाल देखकर वो खुद पर ही शर्मिंदा हो गयी...
ऐसा गंद तो उन्होने आज तक नही मचाया था...
उनकी कच्छी बुरी तरह से गीली हुई पड़ी थी...



और वो पहनने की हालत में बिल्कुल भी नही थी..
उन्होने उसे निकाल कर साइड में पड़े डस्टबिन में डाल दिया और बाहर खड़ी सोनिया से बोली : "सोनी बेटा, ज़रा अंदर आओ...''

सोनिया तो जैसे इसी बात का इंतजार कर रही थी...
वो झट्ट से अंदर घुस गयी...
वैसे भी पूरे बाथरूम में उनके सिवा कोई और लेडी नही थी..

अंदर घुसते ही उसने डस्टबिन में पड़ी मॉम की कच्छी देखी और अपनी हँसी रोक नही पाई वो

''हा हा..... अपने बेटे के बारे में सोचकर ये हाल हुआ है तो जब उसके साथ फकिंग करोगी तो हमारा घर डूब ही जाना है आपकी मलाई में.....''

मॉम फिर से शरमा गयी....
वो बोली : "अब ये पहनने की हालत में नहीं है , जरा वो नयी पेंटी निकाल कर दे मुझे ''

उन्होने सोनिया के हाथ से अंडरगार्मेंट्स वाला पैकेट लेना चाहा तो उसने हाथ पीछे कर लिया...

और आगे बढ़कर उसने अपना दूसरा हाथ सीधा अपनी मॉम की चूत पर रख कर ज़ोर से दबा दिया..

एक तो पहले ही उनकी हालत खराब थी
उपर से सोनिया की इस हरकत ने आग में घी का काम किया...
वो ज़ोर से सीसीया उठी...

''आआआआआआआआआहह सोनी बैबी....... ये क्या कर रही हो....''

सोनिया ने मॉम को चूमते हुए कहा : "मैं देखना चाहती हूँ की भाई के बारे में सोचकर आपकी पुस्सी कितनी गर्म हुई है....''



आज वो अपनी मॉम की चूत की गर्मी में अपनी कच्ची जवानी को पूरी तरह से पका लेना चाहती थी.

इतना कहते हुए उसने अपने बेग्स साइड मे रखे और उनके बूब्स को मसलते हुए अपने दूसरे हाथ की 2 उंगलियाँ उनकी चूत में घुसेड दी...

बेचारी मोंम अपने पंजो पर खड़ी होकर मचल उठी...

''आआआआआआआआआहह मत्तत्त करो........ मर जाउंगी मैं ....''

पर सोनिया कहाँ मानने वाली थी....

ऐसी सिचुएशन में वो अपनी माँ की चूत में से , अपने भाई के नाम का हलवा निकलता देखकर, भला कैसे पीछे रह जाती...

उसने मोंम को पकड़ा और उनके होंठों पर टूट पड़ी...



एक 5 स्टार होटल जैसे मॉल के बाथरूम में खड़े होकर, दोनो माँ बेटियां जो काम कर रही थी, उसका पता दुनिया में किसी को नही था..

मोंम से भी अब सब्र करना मुश्किल हो गया...
उन्होने भी सोनिया की बूबिया पकड़कर ज़ोर से निचोड़ डाली...

सुबह उन्हे चूस्कर जो ताज़गी का एहसास उन्होने लिया था, वही लेने के लिए वो एक बार फिर से उतावली हो गयी...

इस वक़्त उन्होने ये भी नही सोचा की वो एक पब्लिक टाय्लेट में है
उन्हे तो बस अपनी गर्मी को शांत करना था..

मोंम ने सोनिया दी की टी शर्ट को उपर किया
उसकी ब्रा को नीचे किया
और उसके कड़क निप्पल्स पर टूट पड़ी...



सोनिया ने अपनी मोंम के मुँह में अपना पूरा थन ठूस दिया और उनके सिर को सरकल मोशन में घुमाते हुए सीत्कार उठी...

''आआआआआआआआहह मोंम ........ ज़ोर से चूसो..... ऐसे ही सोनू भी आपके बूब्स चूसेगा..... ज़ोर से चूसेगा..... अब तो वो बड़ा हो गया है...... अब काटेगा नही.......सिर्फ़ चूसेगा....''

मोंम ने अपना चेहरा उपर उठाया और बड़े ही भोलेपन से पूछा : "नही काटेगा ...पक्का ना...''

मोंम की बात सुनकर सोनिया दी खिलखिलाकर हंस दी....
मोंम भी दुगनी ताक़त से अपनी प्यारी बेटी के नर्म थनो को चूसने लगी...

एक माँ के लिए कितना अजीब होता है ना, अपने ही अंदर से निकाली हुई बेटी के शरीर के उन अंगो से खेलना जो उन्ही के सामने निखर कर बड़ी हुई है...
मोंम को तो ऐसा लग रहा था जैसे वो सोनिया के नही बल्कि अपने खुद के बूब्स को चूस रही है...
वो भी ठीक ऐसी ही थी अपने स्कूल टाइम में ...
हालाँकि उस वक़्त वो अपने बूब्स को खुद टेस्ट नही कर पाई थी पर आज सोनिया की नर्म चुचिया मुँह में लेकर अपना ही स्वाद आ रहा था उन्हे..

उन्होने सोनिया के निप्पल्स को चूस-चूस्कर लाल सुर्ख कर दिया...



सोनिया के हाथ अभी भी उनकी चूत को मसल रहे थे....
वो उन्हे निकालना ही नही चाहती थी...
जैसे अपने लिए अंदर से कोई चॉकलेट ढूँढ रही हो..

मोंम कसमसाते हुए बोली : "आआआआआआआअहह बैबी......... काश......इस वक़्त कोई होता यहाँ पर..... ''
User avatar
kunal
Pro Member
Posts: 2708
Joined: 10 Oct 2014 21:53

Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

Post by kunal »


मोंम की बात सुनकर सोनिया मुस्कुरा दी..

वो बोली : "मोंम ...आप सीधा क्यो नही बोलती की काश सोनू होता यहां ...''

मोंम के चेहरे के एक्सप्रेशन और ख़तरनाक हो गये..

वो बोली : "उम्म्म्म........ काश.....ऐसा हो पाता...... तो क्या ग़लत है और क्या सही...उसकी परवाह किए बिना...अभी के अभी.....यही...बाथरूम में ..... उसके लंड को अपनी चूत में घुस्वा लेती मैं....''

उफफफ्फ़.....
कितने सैक्सी तरीके से उन्होने ये बात कही थी....
काश सोनिया के पास कोई रिकॉर्डर होता तो वो बात रिकॉर्ड कर लेती और बाद में सोनू को सुनाती की देख ले भाई, तेरी माँ को मैने कैसे तेरे लंड के लिए तैयार कर दिया है...

सोनिया ने जितना सोचा था, उससे कही ज़्यादा रंडीपन भरा हुआ था उसकी माँ में.

सोनिया : "उसकी तो आप फ़िक्र ही ना करो मोंम .... आप देखना...जल्द ही सोनू का लंड यहां पर होगा...''

उसने मोंम की चूत में अपनी 3 उंगलियाँ एक साथ घुसा कर उनकी क्लिट को रगड़ डाला..

वो तड़पकर सोनिया से लिपट गयी.....
और उसके कान को मुँह मे लेकर चुभलाने लगी और बोली : "वो तो जब होगा...तब होगा.....अभी क्या करू..... प्लीज़ कुछ कर दे.....सोनिया...कुछ कर दे....''

बेचारी सीधा ये भी नही बोल पा रही थी की मेरी चूत चूस ले बेटी...

पर सोनिया के पास उससे भी बढ़िया एक उपाय था...

उसने अपना बेग उठाया और अंदर वाली जीप खोलकर उसने कुछ निकाला...

मोंम देख तो नही पाई पर कुछ लंबा-2 सा दिखा ज़रूर और उसे देखकर कुछ समझ भी नही पाई..

सोनिया ने वो लंबा-2 सा ले जाकर अपनी मोंम की चूत पर लगा दिया...

वो उसका डिल्डो था..

वही डिल्डो जो उसके हॉस्टिल में उसका सच्चा साथी था....
जिसे अपनी चूत से मसलकर उसने कई राते रंगीन की थी.

वही डिल्डो जिसे अपनी सहेली तनवी के साथ उसने कई बार शेयर किया था...
और सोनू ने भी उसे 1-2 बार उसे अपनी चूत में लेते हुए देखा था.

और आज वो उसी डिल्डो को मार्केट भी ले आई थी...
शायद वो जानती थी की मोंम के साथ आज ऐसी स्थिति बन सकती है.

छूट पर लंड जैसी कठोरता का एहसास मिलते ही मोंम तड़प उठी...
और इससे पहले की वो कुछ समझ पाती, सोनिया ने उसका स्विच ओंन कर दिया और वो वाइब्रेट होने लगा....

उन्होने तो सपने में भी नही सोचा था की सोनिया अपनी पॉकेट में डिल्डो लेकर घूमती है...
पर अच्छा हुआ जो ये उसके पास था...
वरना इस तड़पन में वो लड़की भला क्या कर लेती..
ज़्यादा से ज़्यादा फिंगरिंग करके या सकिंग करके शांत कर देती...
पर ये डिल्डो जब अंदर जाएगा और वो भी तिरकते हुए तो चूत रानी की तो बल्ले-2 हो जानी है...

आवेश में भरकर मोंम ने सोनिया को एक गहरी स्मूच दे डाली और बोली : "वाउsssssss ...... अब मज़ा आएगा..... इसका इनाम मैं तुझे घर जाकर दूँगी....पर अभी के लिए....ये घुसा दे.....मेरे अंदर....पूरा अंदर...''

सोनिया : "यससस्स मोंम ..... तभी तो ये लाई थी मैं अपने साथ.... पर आप इसे प्लास्टिक का ना समझ कर सोनू का असली लंड समझो..तभी आपको भी ज़्यादा मज़ा आएगा....''

मोंम ने तड़पकर कहा : "ये बार-2 सोनू का नाम लेकर तू मुझे ज़्यादा मत तरसा...वरना यही मॉल में किसी को पकड़ कर उसका ले लूँगी अंदर...सोनू का समझकर...समझी...''

मोंम का पागलपन देखकर सोनिया को पक्का विश्वास हो गया की अब वो जाल में पूरी तरह से फँस चुकी है....
इसलिए उसने भी उन्हे ज़्यादा तरसाना सही नही समझा...

पर उससे पहले वो एक काम और करना चाहती थी....
उसने मोंम के सारे कपड़े निकालने शुरू कर दिए...
हालाँकि उन्होने मना किया पर सोनिया नही मानी और कुछ ही देर में उन्हे पूरी नंगी कर दिया...
और बाद में उसने खुद भी अपने कपड़े उतार दिए...

एक छोटे से बाथरूम में कितना कुछ हो रहा था और किसी को कुछ पता भी नही था...

अब दोनो माँ बेटियां वहां पूरी नंगी होकर खड़ी थी....
एक दूसरे के नंगे शरीर को निचोड़ती हुई..



सोनिया की नज़रें उनके रसीले बदन पर थी और मोंम की नज़रें कोमोड के उपर पड़े डिल्डो पर....

सोनिया ने उसे हाथ मे पकड़ा और उसपर थूक लगा कर उसे चिकना बना दिया...

अब वो लंड शक्ल का डिल्डो अच्छे से चमक रहा था



मोंम : "उम्म्म्ममममम....जल्दी डाल इसे.....मुझसे और बर्दाश्त नही हो रहा ....''

एक औरत जब ये शब्द बोलती है की ''जल्दी डाल'' तो इसका मतलब है वो सैक्स को अच्छे से एंजाय करने वालो में से है....
मोंम का भी यही हाल था इसलिए सोनिया उन्हे ज़्यादा तरसाना नही चाहती थी...

उसने उसे ओंन किया और उस थिरकते हुए टॉय लंड को अपनी माँ की चूत में घुसेड़ दिया...

पूरा का पूरा

''आआआआआआआआआआआआआआआआआअहह उम्म्म्मममममममममममममम....... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.......''




और ये आवाज़ इतनी तेज थी की बाहर खड़ी एक लड़की को भी सुनाई दे गयी, जो कुछ देर पहले ही बाथरूम में आई थी और शीशे के सामने खड़ी होकर अपने बूब्स को सही कर रही थी..

चीख सुनते ही वो समझ गयी की बाथरूम केबिन में कुछ चल रहा है....
वो भी पहुँची हुई चीज़ थी...
वो साथ वाले टाय्लेट में घुसी और कोमोड पर खड़ी होकर अंदर का नज़ारा देखने लगी...

वहां जो उसने देखा वो देखकर वो खुद अपनी चूत में उंगली किए बिना नही रह सकी...

अपनी ही उम्र की लड़की को , अपनी माँ के साथ नंगी होकर वो सब करते देखकर, वो भी गर्म हो गयी...

इन सबसे अंजान दोनो अपने काम में लगी हुई थी.

सोनिया ने आज ही अपने डिल्डो में नई बेटरी डाली थी और उसी का कमाल था की वो मशीन की तरह अंदर बाहर हो रहा था....
मोंम की आँखे बंद थी और उन बंद आँखो के पीछे वो अपने बेटे से चुदाई करवा रही थी...

पूरी दुनिया से अंजान इस वक़्त वो गर्म माँ अपनी ही दुनिया में खोई हुई सिसकारिया मारती हुई, सोनू के बारे में सोच रही थी...जो उसे, उसी के बेड पर, पागलो की तरह चोद रहा था..



और जैसे ही उसे वो एहसास अंदर तक महसूस हुआ
उसकी चूत की कलई खुल गयी
और अंदर से नर्म-गर्म पानी निकल कर सोनिया के डिल्डो का अभिषेक करने लगा..

''आआआआआआआआआआआआआआआअहह ओह बैबी...... ......माय सोनिया........ अहह......''

और उन्होने उन्माद में भरकर सोनिया के गुलाबी बूब्बे को मुँह में लेकर ज़ोर से काट लिया...

वो भी तड़प उठी...

''आआआआआआआआअहह.... धीरे मोंम ......धीरेए..... अभी तो बहुत काम आने है ये...''

मोंम भी अपने ऑर्गॅज़म से उभर चुकी थी ...
वो मुस्कुराते हुए बोली : "हाँ ..हाँ ....अपने भाई से चुसवाएगी ना इन्हे.... उसी के लिए संभाल कर रख रही है ना....''

सोनिया अब उन्हे क्या बोलती
सोनू के लिए संभाल कर रखी इस अमानत को वो कब का उसके हवाले कर चुकी थी....
अब तो उसे खुद भी याद नही था की पिछले 15 दिनों में सोनू ने कितनी बार उसके बूब्स को चूसा है...

पर, वो कुछ बोल पाती, इससे पहले ही साथ वाली टाय्लेट में , कोमोड के उपर चड़कर उनका तमाशा देख रही वो लड़की बोल पड़ी : "वो भाई के लिए संभाल रही है और आप अपने उसी बेटे के लिए.... भई, कमाल की फ़ेमिली है आपकी...काश मैं भी इसका हिस्सा बन पाती...''

दोनो माँ बेटी ने चोंकते हुए उसकी तरफ देखा....
और एक अंजान लड़की को अपना शो इतनी बेशरमी से देखते हुए वो हैराना रह गयी...
उन्होने तो सोचा भी नही था की इस मस्ती भरे पल का कोई गवाह बन जाएगा..
और वो भी एक अंजान सी लड़की..

दोनो के चेहरो पर शर्म और भय सॉफ दिख रहा था...
User avatar
kunal
Pro Member
Posts: 2708
Joined: 10 Oct 2014 21:53

Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

Post by kunal »

सोनिया ने बात को संभालते हुए अपना पक्ष रखा

"अरे , वो तो हम दोनो..ऐसे ही बोल रहे थे.....ऐसा बोलने से मॉम काफ़ी एक्सआईटीड हो जाती है ना...इसलिए....''

उस लड़की के चेहरे के एक्सप्रेशन्स बता रहे थे की वो उनकी बात का मतलब समझ रही है...
वो मंद -2 मुस्कुराते हुए बोली : "चलो, मान लिया...जो तुमने कहा..पर ये सब यहाँ करने की क्या ज़रूरत थी... तुम दोनो ये सब घर पर भी तो कर सकते हो ना....''

इस बार मॉम बोली : "बेटा, वो...पता नही क्या हुआ मुझे.....एकदम कुछ करने का मन सा हुआ और हम दोनो ने ये भी नही सोचा की यहां ये सब करना सही नही है....इसलिए...''

लड़की : "ओव्व्व्व सो क्यूट, और किसने कहा की सही नही है.... ऐसे पब्लिक प्लेस में करने में जो मज़ा है वो कही और कहा.... मेरी तो फेंटेसी है की मेरा बी एफ मुझे ऐसी ही किसी जगह पर लाकर फक्क करे....''

इतना कहते हुए वो अपने ही रंगीन सपनो में खो सी गयी...
जैसे उसका बाय्फ्रेंड उसे उसी तरह, टाय्लेट में चोद रहा हो.



सोनिया समझ गयी की इससे डरने वाली कोई बात नही है...

वो भी उन्ही की तरह, सैक्स की मारी एक कमसिन चूत है, जो उनका खेल देखकर गर्म हो चुकी है...

सोनिया के दिमाग़ में कुछ आया और वो बोली : "अगर तुम बुरा ना मानो तो तुम भी हमारे साथ जॉइन कर सकती हो....''

उसका ये कहना था की उस लड़की के चेहरे पर चमक सी आ गयी...

मॉम तो झड़ ही चुकी थी पर उसके बावजूद उनकी चूत में दोबारा एक कसक सी उठ गयी..

सोनिया को तो वैसे भी कोई कटीली और जवान जीभ चाहिए थी जो उसकी चूत की तंग गलियों में घुसकर वहां की मसाज कर सके...
हालाँकि उसकी मॉम भी ये काम अच्छे से कर सकती थी पर इस वक़्त उसे कुछ और ही सूझ रहा था..

वो लड़की भी काफ़ी उत्तेजित हो गयी
वो तुरंत उतरकर उनके केबिन में आ गयी...
अब उस छोटे से केबिन में तीनो खड़े थे...
सोनिया ने उसके कपड़ो की तरफ इशारा करते हुए कहा

''तुम्हे नही लगता की तुम्हे अब ये उतार देना चाहिए ...''

वो लड़की मुस्कुराइ और उसने अपनी जेकेट की जिप्प खोलनी शुरू कर दी...

ज़िप्पर के नीचे उसने सिर्फ़ ब्रा पहनी हुई थी...
जो इस बात का प्रमाड था की वो भी कम नही है...
नीचे उसने लोंग स्कर्ट पहनी हुई थी, जिसके अंदर पेंटी नही थी...
यानी नीचे से खुल्ली हवा उसकी चूत को ठंडक पहुँचा रही थी...
एक ही मिनट में वो भी उन्ही की तरह पूरी नंगी होकर खड़ी थी...
और सच में, उस लड़की के कपड़े उतारकर सोनिया ने अच्छा ही किया था
क्या कमाल का जिस्म था उसका...
एकदम कड़क स्तन थे, सामने की तरफ तने हुए...



हल्का गेहुंआ रंग, सपाट पेट और निकली हुई गांड ...



जैसे कोई मॉडल हो...
और सामने की तरफ पाव रोटी जैसी फूली हुई, सील बंद चूत, एकदम सफाचत सी...




कुल मिलाकर वो नंगी होकर कहर ढा रही थी



सोनिया से रहा नही गया और उसने उसके घुंघराले बालो को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसके होंठो पर टूट पड़ी...

जैसी वो दिखने में थी, वैसा ही उसका स्वाद भी था...
एकदम मीठा....
रसीला.....
शहद की तरह.



मॉम ने भी उसे पीछे से पकड़ कर उसके नन्हे कबूतर निचोड़ने शुरू कर दिए...
मॉम की भभक मर रही चूत उसकी गांड की अच्छे से सिकाई भी कर रही थी...
और उसमे से अभी तक रिस रहा मीठा तेल उसकी चूतड़ो की तेल मालिश कर रहा था...

मॉम ने उसके बूब्स कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से रगड़ दिए

''आआआआआआआहह.....आंटी.....थोड़ा धीरे करो ना......दर्द होता है.....''

मॉम : "ये वो खेल है , जिसमें जितना रॅफ तरीके से पेश आया जाए, उतना ही मज़ा मिलता है...अभी दर्द होगा पर धीरे-2 मज़ा भी मिलेगा...''

इतना कहते हुए उन्होने अपनी बीच वाली उंगली बिना किसी चेतावनी के उसकी चूत में घुसेड दी...

और ठीक उसी वक़्त सोनिया ने नीचे झुकते हुए उसके दाँये बूब को मुँह में लेकर ज़ोर से चुभला दिया...

एक साथ दोनो तरफ से हुए हमले से उसकी हालत बुरी हो गयी और अपने पंजो पर खड़ी होकर वो ज़ोर से चिल्लाई

''आआआआआआआआआआआआआहह........ तुम दोनो माँ बेटी तो मुझे मार ही डालगी.....साली कुतियां......''

उसने बड़ी बेशर्मी से उन दोनो को कुतियों की उपाधि दे डाली...

और जब एक उपाधि मिल जाए तो उसपर सार्थक होना ही पड़ता है....
इसलिए वो और बुरी तहर से अपना कुतियापन दिखाती हुई, उसके उपर टूट पड़ी...

वो लड़की को ऐसा लग रहा था जैसे वो दोनो बरसो से प्यासी है....
पर उनके नर्म नाज़ुक जिस्मो के बीच अपने आप को सेंडविच बनाकर पेश करने में मज़ा तो उसे भी आ रहा था...

उसने सोनिया के होंठों को अच्छी तरह से चूसा, उसके सिर को पकड़ कर अपने बूब्स पर बारी-2 से घुमाया...
और मॉम की उंगली की करामात महसूस करके होले - 2 डांस भी किया...

User avatar
kunal
Pro Member
Posts: 2708
Joined: 10 Oct 2014 21:53

Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

Post by kunal »

फिर उसके लरज रहे होंठो मे भी एक प्यास उजागर हुई और उसने अपना मुँह नीचे करके सोनिया के निप्पल को मुँह में लेकर चूस लिया...

''आआआआआआआआआआआहह ....ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... तुम्हारे लिप्स बता रहे है की तुम एक अच्छी सक्कर हो.....''

उस लड़की ने अपना मुँह उपर उठाया और बोली : "वो तो मैं हूँ ही...मेरा बी एफ भी यही बोलता है...''

सोनिया : "साली, आज तेरा बी एफ भी तेरे साथ होता तो कितना मज़ा आता...''

उसकी बात सुनकर उस लड़की के साथ-2 मॉम भी हंस दी...

और बोली : "शायद ये भी एक दिन हो सके...''

तीनो उस दिन को इमेजीन करने लगे..

पर आज के लिए जो हाथ में था, पहले उसका तो स्वाद ले लेना चाहिए था ...

मॉम ने अपनी उंगलियो की थिरकन थोड़ी तेज कर दी और सोनिया उसे चूमती हुई, उसके बूब्स को काटती हुई धीरे-2 नीचे जाने लगी...
और खुद ही उसने अपनी माँ की उंगलिया उसकी चूत से निकाली, उन उंगलियो को अपने मुँह में लेकर चूसा और फिर अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा दी....



इतनी कसी हुई चूत तो तनवी की भी नही थी....
उसने उसकी चूत की तितली के दोनो पर खोले और उसके बीच अपनी जीभ घुसा दी...
सोनिया को ऐसा लगा जैसे वो जीभ दो पाटों के बीच फँस गयी है...
इतनी टाइटनेस थी उसकी चूत के मसल्स में...

सोनिया ने उसकी चूत संभाली और मॉम ने उसके बूब्स...
एक बार फिर से लंबी और गर्म सिसकारियो का खेल शुरू हो गया...
और जल्द ही वो सिसकारिया तेज होने लगी....
इतनी देर से उसके जिस्म में जिस ऑर्गॅज़म का निर्माण हो रहा था वो अपने चरम पर आ चुका था....
और जल्द ही उसकी चूत का फुव्वारा फुट गया और उसमे से गरमा गर्म जूस निकलकर सोनिया के मुँह में जाने लगा...

''आआआआआआआआआआआआआआआहह.... ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... इतनी ज़्यादा सॅटिस्फाइ मैं आजतक नही हुई....आआआआआआआआआआआहह...आई इम लविंग इट....''

उसने सोनिया को उपर खींचा और उसके मुँह से मुँह लगाकर अपनी चूत से निकला प्यार आपस में ही बाँट लिया...
मॉम भी बीच में आ गयी और अब एक साथ 3 जोड़े नर्म होंठ आपस में छीना झपटी करते हुए स्मूच करने में लगे थे..

अब सोनिया की बारी थी...
उसने उस लड़की को पंजो पर बिठा दिया और अपनी एक टाँग उठा कर कोमोड पर रखी और दूसरी उसके कंधे पर... और साथ ही अपनी लश्कारे मार रही चूत को उसके मुँह के पास लाकर लटका दिया...

बाकी का काम उस लड़की ने बेख़ुबी किया
अपनी लंबी जीभ से उसने जब सोनिया की टपक रही चूत की मलाई चाटनी शुरू की तो सोनिया ने अपना सिर झटका मारकर पीछे किया, मॉम ना होती तो वो गिर ही जाती...
पर मॉम ने अपनी लाडली बेटी के नंगे जिस्म को बड़े ही सलीके से अपनी नर्म छाती से चिपका कर उसकी छातियो की मालिश करनी शुरू कर दी...

नीचे से नर्म जीभ की कसमसाहट और उपर से मॉम के प्यार भरे हाथो की मालिश...
सोनिया का मन तो कर रहा था की उसी पोज़िशन में सो जाए...
दुनिया जाए भाड़ में.

सोनिया ने उस लड़की के घुंघराले बालो को पकड़ कर अपनी चूत के उपर ज़ोर-2 से घिसना शुरू कर दिया....
उस लड़की ने सिर्फ़ अपनी जीभ निकाली हुई थी, बाकी का काम सोनिया उससे करवा रही थी...
उसके सिर को पकड़ कर उपर नीचे करते हुए वो अपनी चूत की पुताई उसकी जीभ से करवा रही थी..



मॉम की चूत भी पनिया गयी ये सब देखकर और वो भी खिसककर आगे आ गयी...
और उसने भी अपनी नंगी चूत का खुल्ला दरबार उसके सामने पेश कर दिया...

पहले बेटी लगी हुई थी और अब माँ भी आ गयी थी...
पर वो लड़की शायद इससे और भी ज़्यादा एक्ससाईटिड हो गयी थी...
उसने बारी-2 से दोनो की चूत को चूसा, उनके अंदर अपनी जीभ डालकर वो खजाना खोजने की कोशिश की जिसे निकालने के बाद वो झड़ सकती थी...
पर दोनो अपने-2 तरीके से उस खजाने को ज़्यादा से ज़्यादा देर तक अपने अंदर समेट कर रखना चाहती थी...

पर जब उत्तेजना ज़्यादा बढ़ जाए तो ऐसा करना संभव नही होता
उस लड़की की करामाती जीभ के सामने जल्द ही दोनो ने अपने हथियार डाल दिए और एक के बाद एक दोनो माँ -बेटियां उसके नंगे बदन को देखते हुए, मन ही मन , सोनू के बारे में सोचते हुए, झड़ने लगी...

''आआआआआआआआआआआआहह ओह्ह्ह्ह माय गोड .........आई एम कमिंग.....''

मॉम भी चिल्लाई : "ओफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़.... लगातार दूसरी बार झाड़ रही हूँ मैं ..... तूने तो मेरी जान ही निकाल दी.....आआआआआआआआआहह.... मज़ा आ गया.....''



वैसे, आज के दिन ये तीसरी बार झड़ी थी .....
मॉम की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी..

उन दोनो माँ बेटी की चूत से निकला गन्ने का रस पीकर उस लड़की के चेहरे पर एक अलग ही चमक आ चुकी थी...

वो अपने चेहरे से उस रस को सॉफ करती हुई बोली : "तुम दोनो के जूस का टेस्ट एक दम सेम है... कोई सिर्फ़ इसे चखकर ही बता सकता है की तुम माँ बेटी हो...''

सभी खिलखिलाकर हंस दी...


टाइम काफ़ी हो चुका था, और उनकी किस्मत अच्छी थी की उसके बाद अभी तक कोई और बाथरूम में नही आया था, वरना कुछ भी हो सकता था...

उन तीनो ने अपने-2 कपड़े पहने और फिर बाहर निकल आई...
कुछ ही देर में सब आपस में काफ़ी घुल मिल चुकी थी...
सोनिया ने मॉम को पटा कर उस लड़की को अपने घर चलने को राज़ी कर लिया...
वो उसे अपने भाई से मिलवाना चाहती थी...
ताकि उसे पता चल सके की वो उसका कितना ध्यान रखती है...
पहले अपनी सहेली को, फिर मॉम को और अब इस लड़की को उसके लिए अरेंज करवा रही है...

और वो लड़की भी उस भाई से मिलने के लिए उत्सुक थी जिसकी वजह से वो दोनो माँ बेटियाँ पब्लिक प्लेस पर ही, उसके बारे में सोचते हुए शुरू हो गयी थी...

पर जाने से पहले , सोनिया ने उसे अच्छे से समझा दिया था की भाई के सामने वो ऐसा कुछ भी उजागर ना करे की उसे पता चल सके की उसकी माँ और बहन, उसी के बारे में सोचकर , मॉल के बाथरूम में , एक दूसरे की मूठ मार रही थी...

यानी कुल मिलाकर उस लड़की को सिर्फ़ घर पर लेजाकर मिलवाना ही था सोनू से...
बाकी बाद में देखी जाएगी..

पर उन्हे नही मालूम था की वो क्या करने जा रहे है...

दुनिया कितनी छोटी होती है..

क्योंकि, घर जाकर जब उन्होने बेल बजाई और सोनू ने दरवाजा खोला तो सोनू उस लड़की को देखकर और वो लड़की सोनू को देखकर एकदम से सकते में आ गये...

सोनू के मुँह से सिर्फ़ ये निकला : "साक्षी....तुम....और यहाँ ..मेरे घर में ....मॉम,सोनिया, ये तुम्हे कहां मिल गयी.....''

सोनिया तो साक्षी के बारे में अच्छे से जानती थी, अपने भाई की स्कूल वाली जी एफ के बारे में उसने काफ़ी सुन रखा था..

और साक्षी की तो हालत खराब थी....
उसने तो सोचा भी नही था की उसका बी एफ ही वो लड़का है जिसके बारे में सोचकर उसकी माँ और बहन बाथरूम में वो मस्तियाँ कर रहे थे...
और उसने भी तो अपना रंडीपन दिखाते हुए उनका भरपूर साथ दिया था...
उसकी समझ में नही आ रहा था की ये क्या हो रहा है..
Post Reply