ए दिले नादान complete

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kunal
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Re: ए दिले नादान

Post by kunal »


रात के ग्यारह बजे मैंने एक बार चेक किया सब लोग सो रहे थे गली में सन्नाटा छाया हुआ था मैं सावधानी से छत से उतरा और दबे पाँव ताई के घर की तरफ बढ़ निकला अब दिक्कत ये थी की रात को कुछ लोग घर के बाहर भी सोते थे तो कोई देख ना ले
ऊपर स इस तरह का काम कभी किया नहीं था पर चूत का नशा जो चढ़ा था छुपते छुपाते मैं ताई के घर पहुच गया और दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया वो बिना आवाज के खुल गया और मैं घुस गया अंदर सांकल लगाई और बढ़ा ताई के कमरे में
ताई जाग ही रही थी मुझे देख कर खुश हो गयी और मैंने भी उसको भर लिया अपनी बाहों में
ताई- आ गया मैं सोची नहीं आएगा
मैं- तू बुलाये और मैं ना आऊ ऐसा हो सकता है क्या मेरी जान , बस अब कोई बात नहीं अब तो काम होगा पहले पता है कितना तड़प रहा हु मैं
ताई- और मेरा कुछ नहीं
मैं- तो फिर देर किस बात की
मैंने ताई के घाघरे का नाडा खीच दिया औ ताई निचे से पूरी नंगी हो गयी अन्दर कच्छी तो पहनी ही नहीं थी उसने पूरी तयारी करके बैठी थी , मैंने फटाफट अपने कपड़ो को भी आजाद किया और ताई को पीछे से पकड़ के उसकी चूची चोली के ऊपर से ही दबाने लगा
मैं- आज समझा की चोली के पीछे क्या है
वो- क्या है
मैं- बोबे है तेरे वो उस गाने में नहीं बोलती की चोली के पीछे क्या है अब जाके समझा हु मतलब उस बात का
ताई- उतार दे चोली को
और बस एक मिनट बाद हम दोनों नंगे चिपके हुए थे एक दुसरे से ताई ने अपना हाथ पीछे किया और मेरे लंड को पकड़ लिया उसकी नरम उंगलियों ने जैसे मुझे पागल ही कर दिया था उसके नाख़ून मेरे सुपाडे को खरोंच रहे तो मेरे हाथ भी उसके चुच्को को मसल रहे थे
मैं ताई के कान को अपने दांतों से काटने लगा तो ताई की पलके भारी होने लगी वो अपनी गांड को मेरे अगले हिस्से से रगड़ने लगी
“मुझे तो तूने पागल ही कर दिया है छोरे ” बोली ताई
मैं- तू भी कम नहीं है , कितना रस टपकता है तेरे हुस्न से तू ऐसा प्याला है नशे का की जितना पियो उतना कम जी करता है की तेरे इस रस को बस चखता ही जाऊ
ताई- तेरे लिए समंदर खोल दिया है आ डूब जा मुज में
मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और ताई की एक टांग को थोडा सा ऊपर किया मेरे लंड ने जैसे ही महसूस किया ताई की चूत को तो वो मचल गया और जैसे ही मैंने उसे आगे को धकेला वो ताई की चूत में घुसने लगा और जल्दी ही गहराइयों में जाकर गुम हो गया
मैंने धीमे से ताई के कान को काटा
“उम्म्म्म ”
मैंने लंड को आगे पीछे करना शुरू किया और साथ ही उसकी चूची मसलने लगा तो ताई ने अपनी आहो से सुलगा ही दिया कमरे को मैं सोचने लगा की कितनी चुदासी औरत है ये और ताऊ तो साल में दो तीन बार ही आता है तो क्या इसके मेरे आलावा और किसी से भी सम्बन्ध होंगे
क्योंकि उसमे इतनी आग भरी थी की हर कोई उसमे झुलस जाए ताई की रस छोडती चूत को फैलाते हुए मेरा लंड ताई को अपने चरम की और धकेल रहा था ताई की चूत बहुत टाइट हो रही थी और उसके मुलायम चुतड जो धीरे धीरे रगड़ खा कर मुझे पागल कर रहे थे
पर अभी थोडा और जलना बाकी था, मैंने ताई की चूत से लंड बाहर खीचा और ताई को बिस्तर पर ले आया मैं लेट गया और ताई मेरे ऊपर आ गयी कुछ देर वो अपनी चूत के दाने पर मेरे सुपाडे को रगड़ती रही ताई का चेहरा उत्तेजना से एक दम लाल हुआ पड़ा था
और धीरे धीरे मेरे लंड पर बैठने लगी, बड़े प्यार से वो अपने चूतडो को मटकाते हुए मेरे लंड को ले रही थी अन्दर और फिर उसक चुतड मेरे अन्डकोशो से टकराए मैंने अपने दोनों हाथो में उसके बड़े बड़े नितम्बो को थाम लिया और ताई ने अपनी गांड को पटकना चालू किया
उसकी चुचिया मेरे मुह पर लटक रही थी तो मैंने उसको अपने मुह में भर लिया और चूसने लगा तो ताई और जोश में आकर चुदाई करने लगी इन बीते कुछ दिनों में हम दोनों एक दुसरे के कितने करीब अ गए थे ऐसा मैंने कभी सोचा नहीं था
पर चलो जो है वो ठीक है अपने को तो चूत से मतलब था और वो अपने को मिल रही थी ठप्प ठप्प उसकी गांड मेरे लंड पर पड़ रही थी और जब वो बार बार अपनी चूत को कस लेती तो कसम से मजा ही आ जाता ऐसे ही कई देर तक वो करती रही
उसके बाद मैं उसके ऊपर आ गया उसने अपनी टांगो को ऊपर उठा लिया और बस आँखे बंद करके मेरे धक्को का मजा लेने लगी एक बार फिर से हम दोनों के होंठ आपस में जुड़ चुके थे और किस करते हुए हम दोनों झड़ने की तरफ बढ़ रहे थे
दिल में अरमान मचल रहे थे और जज्बात तो शोलो में बदल कर भड़के हुए थे और फिर मैंने अपनी रफ़्तार को एक पल के लिए रोका और ताई की चूत में अपना वीर्य गिराने लगा ताई ने मुझे जकड़ लिया अपनी बाहों में और झड़ने लगी कुछ देर तक हम दोनों एक दुसरे को महसूस करते रहे झाड़ते हुए
मैं ताई की बगल में लेट गया वो भी मुझ से चिपक गयी कुछ देर हम लेटे रहे पर रात भी अपनी ही थी और ताई भी अपनी ही तो एक बार और चुदाई की हमने उसके बाद करीब तीन बजे मैं उसके घर से निकला और अपने घर पंहुचा सब लोग सोये पड़े थे तो मैंने भी छत पर अपना बिस्तर पकड़ लिया
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