प्यासी जिंदगी complete

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rangila
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Re: प्यासी जिंदगी

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मेरा जिस्म ढीला पड़ गया और मैं बाजी के सीने के दोनों उभारों के बीच अपना चेहरा रखे.. आँखें बंद किए तेज-तेज साँसें लेकर अपने हवास को बहाल करने लगा।
मुझे ऐसा ही महसूस हो रहा था.. कि जैसे मेरे जिस्म में अब जान ही नहीं रही है और मैं कभी उठ नहीं पाऊँगा।
मुझे अपने अन्दर इतनी ताक़त भी नहीं महसूस हो रही थी कि अपनी आँखें खोल सकूँ। मेरे जेहन में भी बस एक काला अंधेरा सा परदा छा गया था।
जब मेरे होशो-हवास बहाल हुए और मैं कुछ महसूस करने के क़ाबिल हुआ.. तो मुझे अपनी हालत का अंदाज़ा हुआ। मेरा लण्ड अभी भी बाजी की चूत के अन्दर ही था और पूरा बैठा तो नहीं लेकिन अब ढीला सा पड़ गया था।
मेरे हाथ ढीले-ढाले से अंदाज़ में बाजी के जिस्म के दोनों तरफ कार्पेट पर मुड़ी-तुड़ी हालत में पड़े थे.. मेरा बायाँ गाल बाजी के सीने के दोनों उभारों के बीच में था।
बाजी ने अपनी टाँगों को अभी भी उसी तरह मेरी कमर पर क्रॉस कर रखा था.. लेकिन उनकी गिरफ्त अब ढीली थी। बाजी ने एक हाथ से मेरे गाल को अपनी हथेली में भर रखा था और दूसरा हाथ मेरे बालों में फेरते सिर सहला रही थीं।
मैंने अपनी आँखें खोलीं और काफ़ी ताक़त इकट्ठा करके अपना सिर उठाया।
मैंने बाजी के चेहरे को देखा.. उनके चेहरे पर मेरे लिए गहरे सुकून और शदीद मुहब्बत के आसार थे।
बाजी ने फ़िक्र मंदी से कहा- वसीम क्या हालत हो जाती है तुम्हारी.. बिल्कुल ही बेजान हो जाते हो।
‘कुछ नहीं बाजी बस पहली बार है.. तो ऐसा तो होता ही है..’
‘नहीं वसीम.. तुम्हारी हालत हमेशा ही ऐसी हो जाती है..’
‘बाजी आपके साथ जब से तब ऐसी हालत हो रही है ना.. क्योंकि जो-जो कुछ आपके साथ किया है मैंने.. वो सब पहली-पहली बार ही किया है ना।’
‘अच्छा बहस को छोड़ो.. अब उठो काफ़ी देर हो गई है.. कुछ ही देर में सब उठ जाएंगे।’
बाजी ने ये कहा और मेरे कंधों पर हाथ रख कर उठने लगीं।
मैं सीधा हुआ तो मेरा लण्ड हल्की सी ‘पुचह..’ की आवाज़ से बाजी की चूत से बाहर निकल आया.. मेरा लण्ड बाजी के खून और अपनी औरत की जवानी के रस से सफ़ेद हो रहा था।
मैंने एक नज़र बाजी की चूत पर डाली तो वहाँ भी मुझे कुछ ऐसा ही मंज़र नज़र आया।
अनजानी सी लज़्ज़त और जीत की खुशी मैंने अपने चेहरे पर लिए हुए बाजी से कहा- बाजी उठ कर ज़रा अपना हाल देखो!
बाजी उठ कर बैठीं.. एक नज़र मेरे लण्ड पर डाली और फिर अपनी टाँगों को मज़ीद खोल कर अपनी चूत को देखने लगीं।
फिर वे बोलीं- कितने ज़ालिम भाई हो तुम.. कितना सारा खून निकाल दिया अपनी बहन का!
मैंने हँस कर जवाब दिया- फ़िक्र ना करो मेरी प्यारी बहना जी.. अगली बार खून नहीं निकलेगा.. बस वो ही निकलेगा जिससे तुम्हें मज़ा आता है.. वैसे बाजी मुझसे ज्यादा मज़ा तो तुमको आया है.. मैंने एक मिनट के लिए बाहर किया निकाला था.. कैसी आग लग गई थी ना?
फिर मैंने बाजी की नक़ल उतारते हुए चेहरा बिगड़ा-बिगड़ा कर कहा- हायईईई.. वसीम.. निकाल क्यों लिया.. अन्दर डालो नाआअ वापस..
बाजी एकदम से शर्म से लाल होती हुई चिड़ कर बोलीं- बकवास मत करो.. उस वक़्त मुझसे बिल्कुल कंट्रोल नहीं हो रहा था अच्छा..
बाजी ने बात खत्म की तो मैंने कुछ कहने के लिए मुँह खोला ही था कि बाजी ने एकदम शदीद परेशानी से मेरे कंधे की तरफ हाथ बढ़ा कर कहा- ये क्या हुआ है वसीम?
मैंने अपने कंधे को देखा तो वहाँ से गोश्त जैसे उखड़ सा गया था जिसमें से खून रिस रहा था।
मैंने बाजी की तरफ देखे बगैर अपनी कमर को घुमा कर बाजी के सामने किया और कहा- जी ये आपके दाँतों से हुआ था और ज़रा कमर भी देखो.. यहाँ आपके नाखूनों ने कोई गुल खिलाया हुआ है।
‘या मेरे खुदा.. आह.. वसीम..’
बाजी ने बहुत ज्यादा फ़िक्रमंदी से ये अल्फ़ाज़ कहे.. तो मैं उनकी तरफ से परेशान हो गया और पलट कर उनकी तरफ देखा.. तो बाजी अपने मुँह पर हाथ रखे एकटक मेरे जख्मों को देख रही थीं।
उनके चेहरे पर शदीद परेशानी के आसार थे और फटी-फटी आँखों में आँसू आ गए थे।
मैंने बाजी की हालत देखी तो फ़ौरन उनको अपने गले लगाने के लिए आगे बढ़ते हुए कहा- अरे कुछ नहीं है बाजी.. छोटे-मोटे ज़ख़्म हैं.. परेशानी की क्या बात इसमें?
मैंने अपनी बात खत्म करके बाजी को अपनी बाँहों में लेना चाहा.. तो उन्होंने मेरे सीने पर हाथ रख कर पीछे ढकेल दिया और रोते हुए कहा- ये.. ये मैंने क्या है.. वसीम.. कितना दर्द हो रहा होगा ना तुम्हें?
मैंने अब ज़बरदस्ती बाजी को अपनी बाँहों में भरा.. उनकी कमर को सहलाते और उनके चेहरे को अपने सीने में दबाते हुए कहा- नहीं ना बाजी.. कुछ भी नहीं हो रहा.. क्यों परेशान होती हो.. छोटे से ज़ख़्म हैं.. और सच्ची बात कहूँ.. तो इस छोटी सी तक़लीफ़ में भी बहुत ज्यादा लज्जत है.. और ये ज़ख़्म मुझे इसलिए आए हैं कि मेरी बहन अपनी तक़लीफ़ बर्दाश्त कर रही थी.. जो मैंने दी थी.. तो मुझे तो ये जख्म बहुत अज़ीज़ हैं.. प्लीज़ आप परेशान ना हों।
मैं इसी तरह कुछ देर बाजी की कमर को सहलाता और तस्सली देता रहा.. तो उनका मूड भी बदल गया और वो रिलैक्स फील करने लगीं।
मैंने हँस कर कहा- चलो बाजी अब अम्मी वगैरह भी उठने वाले होंगे.. जाओ आप अपने ज़ख़्म और खून साफ करो और मैं अपना कर लेता हूँ।
बाजी ने भी हँस कर मुझे देखा और मेरे होंठों पर एक किस करके खड़ी हो गईं।
मैं भी उनके साथ खड़ा हुआ.. तो बाजी दरवाज़े की तरफ बढ़ते हो बोलीं- वसीम, इन जख्मों पर एंटीसेप्टिक ज़रूर लगा लेना.. अम्मी उठने वाली होंगी.. वरना मैं ये लगा कर जाती।
मैंने कहा- अरे जाओ ना बाबा.. परेशान क्यों होती हो.. कुछ भी नहीं हुआ है मुझे.. बेफ़िक्र रहो और अपने कपड़े बाहर से उठा लो और पहन कर ही नीचे जाना।
बाजी ने कहा- हाँ अब तो पहन कर ही जाऊँगी.. कोई ऐसे नंगी ही तो नहीं जाऊँगी ना?
बाजी ये कह कर बाहर निकल गईं..
मैंने एक नज़र कार्पेट को देखा, गहरे रंग का होने की वजह से बहुत गौर से देखने पर मुझे वहाँ खून के चंद धब्बे नज़र आए। मैंने किसी कपड़े की तलाश में आस-पास नज़र दौड़ाई तो कोई कपड़ा ऐसा ना नज़र आया कि जिससे मैं ये साफ कर सकूँ।
मैं बाहर निकला.. तो बाजी अपनी सलवार पहन चुकी थीं और अब क़मीज़ पहन रही थीं।
मैंने बाजी को देख कर कहा- बाजी वो कार्पेट पर खून के धब्बे हैं यार वो..
मैंने अभी इतना ही कहा था तो बाजी मेरी बात काट कर बोलीं- हाँ वो मैं पहले ही देख चुकी हूँ.. तुम जाओ अपने कमरे में.. वो मैं साफ कर दूँगी।
मैंने बाजी की बात सुन कर सोचा यार बहन हो तो ऐसी कि हर बात का ख़याल रहता है बाजी को..
मैंने कहा- चलो ठीक है बाजी.. मैं जाता हूँ.. ज़रा फ्रेश हो लूँ।
ये कह कर मैं अपने दरवाज़े पर पहुँचा तो बाजी ने आवाज़ दी- वसीम बात सुनो।
मैं रुक कर बाजी की तरफ घूमा.. तो वो अपने कपड़े पहन चुकी थीं।
बाजी मेरे पास आईं और मेरे कंधे के ज़ख़्म पर फिर से हाथ फेरा और फिर मेरे होंठों को चूम कर शरारत से कहा- वसीम याद है.. जब तुमने मेरी टाँगों के बीच में थप्पड़ मार कर बदला लिया था.. जब मुझे मेनसिस चल रहे थे और पैड होने की वजह से मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा था तुम्हारे थप्पड़ का याद है वो दिन?
मैंने कुछ ना समझ आने वाले लहजे में जवाब दिया- हाँ याद है मुझे.. क्यों वो बात क्यों याद करवा रही हो?
बाजी ने अपने निचले होंठ को दाँतों में दबा कर काटा और बोलीं- उस दिन मैंने तुमसे कहा था कि मैंने भी तुमसे एक बात का बदला लेना है.. मैं सही टाइम पर ही बदला लूँगी.. अभी नहीं.. देखो शायद वो टाइम आ जाए और हो सकता है कि ऐसा टाइम कभी ना आए.. याद है मेरा ये जुमला..??
मैंने कहा- हाँ याद है मुझे.. कि आपने ऐसा कहा था।
बाजी ने शरारत से भरी एक गहरी नज़र मेरे चेहरे पर डाली और कहा- जब मैंने तुम्हारी टाँगों के बीच में मारा था ना.. तो उस वक़्त तुमने गुस्से में मुझे गाली दी थी.. तुमने थप्पड़ खाते ही चिल्ला कर कहा था ‘बहन चोद बाजीयईईई..’ बस मुझे उस गाली का बदला लेना रहता था। और वो बदला में अब लूँगी क्यों कि अब टाइम आ गया।
फिर बाजी हँसते हुए बोलीं- मैं नहीं तुम खुद हो बहन चोद.. समझे?
यह बोल कर बाजी सीढ़ियों की तरफ चल दीं और मैं वहीं दरवाज़े पर खड़ा बेचारा सा मुँह लेकर अपना कान खुजाने लगा।
बाजी सीढ़ियों से नीचे उतर गईं और मैं बाजी की बात को सोचता हुआ अपने कमरे की तरफ चल पड़ा।
कमरे में जाते ही मैंने अपना लण्ड साफ किया और बहुत थका हुआ होने की वजह से लेटते ही सो गया।
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Re: प्यासी जिंदगी

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सुबह आँख काफ़ी लेट खुली तो देखा तो टाइम साढ़े ग्यारह का हो रहा था, मुझे बहुत थकान महसूस हो रही थी इसलिए थोड़ी देर रुक कर मैं उठा और नहा कर फ्रेश हुआ।
ज़ुबैर मेरे उठने से पहले ही स्कूल जा चुका था.. मैं कपड़े पहन कर नीचे गया तो अम्मी ने नाश्ता दिया.. मैंने नाश्ता करते हुए अम्मी से पूछा- बाजी कहाँ हैं?
तो अम्मी ने बताया कि वो यूनिवर्सिटी गई हुई हैं।
कॉलेज तो मैं जा नहीं सका.. तो नाश्ता करने के बाद मैंने सोचा कि दुकान पर ही चला जाता हूँ.. शाम तक दुकान का काम देख लूँगा.. यह सोचते हुए मैंने अम्मी को बताया कि मैं दुकान पर जा रहा हूँ.. और घर से निकल गया।
दुकान पर पहुँच कर दुकान के काम में लग गया.. पर बाजी के साथ जो रात को सेक्स किया और जिस तरह बाजी को प्यार किया.. वो मेरे जेहन में सारा दिन एक वीडियो की तरह चलता रहा।
दुकान का काम निपटाते हुए मुझे काफी टाइम हो गया.. करीब साढ़े सात हो रहे थे, मैंने मुलाज़िमात को कहा- दुकान टाइम से बंद करके जाएं.. मैं घर जा रहा हूँ।
मैं खुद वहाँ से निकल आया।
रास्ते में मुझे याद आया कि मैंने तो अपने लण्ड का पानी बाजी की चूत में ही निकाल दिया था.. तो कहीं बाजी उससे प्रेगनेंट ना हो जाएं.. इसलिए बेहतर है कि मैं आई-पिल ले चलूँ।
मैंने मेडिकल स्टोर पर रुक कर उससे टेब्लेट्स लीं.. और साथ अपनी टाइमिंग बढ़ाने वाली कुछ टेब्लेट्स भी ले लीं।
दोनो किस्म की टेब्लेट्स ले कर मैं वहाँ से घर की तरफ निकला और वहाँ से सीधा घर आ गया।
बाजी को बच्चा ना होने की दवाई दी
घर आकर मैं बाजी को ढूँढने लगा, बाजी बावर्चीखाने में काम कर रही थीं।
मैं बाजी के पास गया.. पर मेरे कुछ बोलने से पहले ही बाजी ने धीमी सी आवाज़ में मुझसे कहा- तुम ऊपर चलो.. मैं ऊपर ही आती हूँ.. यहाँ कोई बात नहीं..
मैं बाजी की बात सुन कर उनको ‘ओके’ बोल कर वहाँ से चला गया।
मैंने अपने कमरे में जाकर में फौरन कपड़े उतारे और वॉशरूम में घुस गया। कुछ लम्हे बाद मैं फ्रेश होकर बिस्तर पर लेट गया और बाजी का इन्तजार करने लगा।
करीब दस मिनट बाद बाजी कमरे में आईं तो मैं खुशी से बाजी की तरफ बढ़ा और उनको गले से लगा लिया। मैंने उनके होंठों पर एक किस की.. तो बाजी ने भी किस शुरु कर दी।
कुछ चुम्मियों के बाद उन्होंने रुक कर कहा- वसीम, मैं आज नहीं आ पाऊँगी।
मैंने बाजी की गिरफ्त ढीली करते हुए कहा- क्यों बाजी.. क्या हुआ है.. आप नाराज़ हो क्या?
बाजी ने मेरे बालों में हाथ फेरते हुए कहा- भला अब मैं अपने भाई से कैसे नाराज़ हो सकती हूँ।
मैंने पूछा- फिर आप क्यों नहीं आओगी?
तो बाजी ने बताया कि गाँव वाली खाला बस अभी हमारे घर पहुँचती ही होंगी.. और वो रात को भी यहाँ ही रहेंगी।
यह सुन कर मैं पीछे होने लगा..
तो बाजी ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और कहा- वसीम मेरे राजा.. क्यों नाराज़ होते हो.. आज नहीं तो कल सही.. कल वो लोग चले जाएंगे और एक मज़े की खबर ये है कि अम्मी.. ज़ुबैर और हनी भी उनके साथ जाएंगे.. वो लोग मुझे साथ चलने का कह रहे थे.. पर मैंने मना कर दिया है.. मैं तो अपने भाई को छोड़ कर कैसे जाऊँ.. उसे प्यार कौन करेगा। और वो लोग वहाँ 4 से 5 दिन तक रहेंगे.. शायद खाला का कोई जानने वाला बीमार है.. इस वजह ज़ुबैर और हनी को खाला के बच्चों के पास छोड़ कर उनकी तबीयत का पता करने उनके घर जाएंगे।
मैंने बाजी की बात सुन कर बाजी से कहा- फिर कल सारी रात आपको मेरे साथ रहना पड़ेगा.. क्योंकि पापा तो जल्द ही सो जाते हैं.. और वो सुबह ही उठेंगे।
बाजी ने कहा- मेरा सोहना भाई.. क्या मेरे भाई का बहुत दिल करता है मुझे चोदने को.. जो सारी रात रहने का प्रोग्राम बना रहा है।
मैंने बाजी से कहा- मेरा बस चले तो मैं आपको अपनी बीवी बना कर रखूँ.. हर रात को आपके साथ सेक्स किया करूँ और आपको सारी रात प्यार करता रहूँ।
बाजी ने मुझे बांहों में भर कर कहा- अच्छा मेरे राजा.. कल सारी रात तुम्हारे साथ रहूँगी.. अपने सोहने भाई के साथ.. तुम जितना मर्ज़ी चाहो.. सेक्स कर लेना और मेरे साथ जितना मर्ज़ी प्यार करना.. पर अभी मुझे जाने दो.. खाने का इंतज़ाम करना है.. खाला भी आती होंगी।
मुझे होंठों पर बाजी ने किस की और ज़ोर से अपनी चूत को मेरे लण्ड के साथ लगा दी। मैं भी पूरे जोश से उनको चुम्मी करने लगा।
बाजी मेरे होंठ ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं और मेरी कमर पर ज़ोर-ज़ोर से हाथ चलाने लगीं।
क्योंकि मैंने पूरे ज़ोर से अपना लण्ड बाजी की चूत से लगाया हुआ था और हल्का-हल्का रगड़ रहा था.. तो बाजी भी पूरे जोश से मुझे रिस्पॉन्स दे रही थीं।
कुछ मिनट इसी तरह किस करने के बाद बाजी ने कहा- वसीम अब मैं चलती हूँ.. बहुत टाइम हो गया है।
मेरी गिरफ्त से निकल कर बाजी जाने लगीं.. तो मैंने भी गिरफ्त ढीली कर दी और बाजी को छोड़ दिया।
बाजी दरवाज़े की तरफ जाने लगीं तो अचानक मुझे याद आया कि बाजी को वो दवा दे दूँ।
मैंने बाजी को आवाज़ दी- बाजी एक मिनट रूको..!
दरवाज़े पर ही बाजी रुक गईं और उन्होंने मुड़ कर मेरी तरफ देखा.. तो मैंने कहा- एक मिनट रूको..
मैं जो टेबलेट ले कर आया था.. वो दराज से निकाल कर बाजी को दे दी।
बाजी ने पूछा- यह क्या है वसीम?
तो मैंने कहा- कल रात को मैंने अपना पानी आपकी चूत में ही निकाल दिया था। ये प्रेगनेंसी रिमूवल टेब्लेट्स हैं.. आप आज याद से एक टेबलेट ले लेना ताकि आप प्रेगनेंट ना हों।
बाजी ने कहा- थैंक्स वसीम.. मैं तो भूल ही गई थी। तुमने इतनी खुशी दी है मुझे मेरे राजा कि बता नहीं सकती।
तभी मैंने आगे बढ़ कर बाजी के माथे पर चुम्मी की और कहा- बाजी आई लव यू.. आप तो मेरी जान हो.. फिर अपनी जान का ध्यान तो रखना है ना।
बाजी ने कहा- आई लव यू टू वसीम..
और वो मुझे आँख मार कर नीचे जाने लगीं।
मैंने उन्हें फिर पुकारा- बाजी..
‘अब क्या है?’
‘बाजी कल रात हम दोनों के लिए ख़ास होने वाली हो सकती है क्या?’
‘कैसी ख़ास?’
‘क्या आप कल मेरे लिए दुल्हन का लिबास पहन सकती हो?’
बाजी ने मेरी सोच को समझते हुए कहा- मेरे राजा मैं तो तुम्हारी हूँ इसलिए जो कहोगे वैसा करूँगी.. तैयार भी हो जाऊँगी और तुम्हारी मर्जी के कपड़े भी अच्छे से पहन लूँगी.. और कुछ?
तो मैंने बाजी से कहा- बस मेरी जान आप इतना कर दो.. बाकी काम मैं करने जा रहा हूँ।
मैंने बाजी को सीधा करके उनके होंठों पर किस की और कहा- मैं आधे घन्टे में आ जाऊँगा.. आप भी तब तक तैयार हो जाना।
बाजी ने कहा- ठीक है.. हो जाऊँगी।
अगले दिन शाम को दूकान से निकल कर सीधा फूलों वाली दुकान पर पहुँच गया और वहाँ से फूलों की पत्तियां लीं और बाजी के लिए मैंने ‘रेड रोज़’ लिया और वहाँ से सीधा में ज्वेलरी की शॉप पर गया और वहाँ से बाजी के लिए मैंने इयर-रिंग्स लिए और साथ गारमेंट्स की शॉप से दो ब्रा के सैट खरीद लिए और सीधा घर आ गया।
घर आया तो बाजी अपने रूम में थीं.. और रूम अन्दर से लॉक था। मैंने नॉक किया.. तो बाजी ने थोड़ा सा दरवाज़ा खोला।
मैंने बाजी से कहा- आप तैयार हो गईं कि नहीं..
तो बाजी ने कहा- अभी नहीं बाबा.. बस 20 मिनट में हो जाऊँगी।
मैं बाजी को वो जो चीज़ें लेकर आया था वो दे दीं और कहा- आप इनको पहन लो.. ये मैं आपके लिए ही लाया हूँ।
बाजी ने वो चीजें ले लीं और मुझे ‘थैंक्स’ कह कर दरवाज़ा बंद कर लिया।
मैं भी अपने रूम में चला गया और बेडशीट ठीक करके पूरे बिस्तर पर फूलों की पत्तियां बिखेर दीं.. बल्ब की रोशनी भी बंद कर दी। मैंने धीमी वाली लाईट ऑन कर दी और बाजी का इन्तजार करने लगा।
तभी बाजी की आवाज़ आई- वसीम..
तो मैं भाग कर नीचे गया तो बाजी दरवाज़े से मुँह निकाले खड़ी थीं। मैंने पूछा- क्या हुआ बाजी?
तो बाजी ने कहा- मुझे वॉशरूम से हेयर ब्रश पकड़ा दो.. मेरा वाला तो मिल ही नहीं रहा है।
मैंने कहा- ओके..
मैं वॉशरूम की तरफ चला गया.. वहाँ से ब्रश ले कर मैं वापिस आया तो देखा कि बाजी के कमरे का दरवाज़ा खुला है। मैं अन्दर गया तो हैरान हुआ कि बाजी रूम में नहीं थीं। मैंने टीवी लाउन्ज में भी देखा.. बाजी वहाँ भी नहीं थीं।
तब अचानक मेरे जेहन में आया कि कहीं ये सोच कर मेरे रूम में ना चली गईं हों कि मैं वहाँ ही आ जाऊँगा।
मैं सीढ़ियाँ चढ़ कर ऊपर गया तो कमरे में वो ही मद्धिम लाईट ऑन थी।
मैं अन्दर चला गया..
अन्दर जाते ही मैंने देखा तो मेरी खुशी की इंतिहा ही नहीं थी.. बाजी घूँघट में बिस्तर पर बैठी हुई थीं.. एकदम दुल्हन की तरह का ब्लैक कलर का लहंगा पहने हुए वो बेहद खूबसूरत लग रही थीं।
मैं समझ गया कि बाजी ने मुझसे छिप कर रूम में आने के लिए मुझे नीचे बुलाया था।
मैंने कमरे का दरवाजा बंद किया और बिस्तर की तरफ बढ़ने लगा। बिस्तर के पास पहुँच कर मैं बाजी के पास बिस्तर पर बैठ गया और बाजी का घूँघट उठाने लगा। मैंने आहिस्ता-आहिस्ता बाजी का घूँघट उठाया और मेरे मुँह से खुद बा खुद ही निकल गया।
‘बाजी.. आपको मेरी नज़र ना लग जाए.. आप इंतिहा खूबसूरत लग रही हो.. आप मेरी जान निकाल लोगी बाजी.. कसम से..’
मेरे पास एक गोल्ड का छल्ला था.. जो कि मैं कभी-कभार पहना करता था.. मैं उठा.. वो छल्ला अपनी दराज से निकाला और बाजी के पास जा कर मैं बैठ गया।
मैंने कहा- इस वक्त मेरे पास मेरी बीवी को देने के लिए इस छल्ले से कीमती और कोई चीज़ नहीं है..
और यह कहते ही मैंने छल्ला बाजी का हाथ को पकड़ कर बाजी की उंगली में पहना दिया।
उस छल्ले को बाजी ने किस किया और कहा- ये मेरी ज़िंदगी का सब से अनमोल तोहफा है और आज का दिन मेरी ज़िंदगी का सबसे बेहतर दिन है। मैं ये सब कभी नहीं भूल पाऊँगी.. और मैं अब शादी नहीं करूँगी.. मेरी शादी आज तुमसे हो गई है बस..
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Re: प्यासी जिंदगी

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बाजी की आँखों से आंसू निकलने लगे जो मैंने गिरने से पहले ही थाम लिए और कहा- मेरी जान रो ना बाजी.. आप प्लीज़.. आपके आंसू मुझसे नहीं देखे जाते।
मैंने बाजी के आंसू साफ कर दिए, मैंने बाजी से कहा- अब इजाजत दें.. तो आपको आज मैं फिर से अपनी बीवी बना लूँ?
बाजी ने कहा- हाँ वसीम प्लीज़ मुझे अपनी बीवी बना लो..
बाजी ने कहा- मुझे आज अपना बना लो वसीम..
और बाजी की ‘हाँ’ मिलते ही मैंने बाजी माथे पर किस की और बाजी का दुपट्टा उतार दिया।
मैंने बाजी के गाल पर किस की और इसी के साथ बाजी के इयर रिंग्स उतार दिए। ये वही इयर रिंग्स थे.. जो कि मैं बाजी के लिए लेकर आया था।
अब मैंने बाजी के कान के नज़दीक जाकर कहा- थैंक्स बाजी.. आपने मेरे लिए मेरी दी हुई चीजें पहनी हैं..
मैं बाजी के कान को चूसने लगा और कान को चूसते हुए मैं बाजी की गर्दन पर आ गया और बाजी को प्यार करने लगा।
चूमने के साथ ही मैंने पीछे से बाजी की कमीज की ज़िप खोल दी और बाजी को कहा- बाजू उठाओ..
बाजी ने बाजू उठा दिए और मैंने बाजी की कमीज को ऊपर उठा कर उतार दी।
कमीज के अन्दर का नजारा देखा तो पाया कि बाजी ने मेरी दी हुई ब्रा पहनी हुई थी.. जिसे देख कर एक बार फिर मुझे बहुत खुशी हुई।
अब मैंने बाजी के निचले कपड़े को खोला और खींच कर बाजी की टाँगों से अलग कर दिया।
अब बाजी मेरे सामने बस ब्रा और पैन्टी में थीं।
मैंने बाजी को एक नज़र ऊपर से नीचे तक देखा और कहा- बाजी आप बेहद खूबसूरत हो.. आपका जिस्म बहुत ही प्यारा है.. आज एक अजीब सी कशिश है आप में.. जो मुझे आपका दीवाना बना रही है। आज मैं आपके जिस्म में समा जाना चाहता हूँ.. बाजी आपको आज मैं जी भर के चोदूँगा.. और जी भर के प्यार करूँगा। बाजी आप किसी और की मत होना.. बस मेरी ही रहना।
तो बाजी ने कहा- मैं बस तुम्हारी हूँ वसीम.. सिर्फ़ तुम्हारी..
फिर मैंने भर कर बाजी के होंठों पर किस की और पीछे हो गया.. तो बाजी ने मुझे नजदीक खींच कर मेरे सर से पकड़ा और कहा- वसीम क्यों तड़फा रहे हो मुझे..
उन्होंने इतना कह कर मुझे ज़ोर-ज़ोर से चूमना शुरू कर दिया, मेरे होंठों पर अपने होंठ धर दिए.. और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं।
वो अपने हाथों को मेरे सर में फेरने लगीं और ज़ोर से मेरे मुँह को अपने मुँह में घुसाने की कोशिश करने लगीं।
इस अचानक हुए हमले से मेरे होश भी गुम हो गए और मैंने बाजी को बांहों में भर लिया, मैं पूरे जोश से उन्हें किस करने लगा।
बाजी ने आज लिपस्टिक लगाई हुई थी जिससे किस करने का और भी ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैंने इतने ज़ोर से किस की कि बाजी से सम्भला नहीं गया और वो ऐसे ही तकिए के ऊपर जा गिरीं।
उनके साथ ही मैं भी बाजी के ऊपर गिर गया.. पर हमने किसिंग नहीं रोकी और पूरे जोश से हम दोनों कुछ मिनट तक किस करते रहे।
कुछ मिनट बाद बाजी ने मेरे सर को बालों से पकड़ कर उठाया और कहा- वसीम अपने कपड़े जल्दी उतारो.. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
यह कहते हुए वे खुद ही जल्दी से मेरे कपड़े उतारने लगीं.. पर जल्दी में बाजी ने बटन खोलने की बजाए ज़ोर लगा के खींचा तो सारे बटन टूट गए। उन्होंने इससे बेपरवाह होते हुए मेरी शर्ट उतार कर दूर फेंक दी और जल्दी से मेरी बेल्ट खोल कर मेरी पैन्ट भी उतार दी। अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था और बाजी ब्रा और पैन्टी में थीं।
मैंने जल्दी से बाजी की ब्रा का हुक खोला तो बाजी के वो मम्मे.. जो मैं रोज चूसा करता था.. उछल कर मेरे सामने आ गए।
मैंने बिना देर किए ही बाजी को फिर से लिटा दिया और बाजी के मम्मों को चूसने लगा।
मैं बेसब्री से बाजी के निपल्स को चूसने लगा।
बाजी मादक सिसकारियाँ भरने लगीं ‘आह्ह.. जोऊररर.. से चूसो.. वसीम और ज़ूओररर सेई..आह्ह.. वसीम आज अपनी बहन को अपनी बीवी का दरजा दे दो वसीम.. और ज़ूओर.. से चूसो.. आह्ह.. यस.. दूसरे को भी चूसोऊ..’
यह कहते हुए बाजी ने मेरा सर उठा कर दूसरे चूचे पर रख दिया और मैं बाजी के दूसरे निप्पल को सक करने लगा।
बाजी मादक आहें भरती जा रही थीं।
‘आआअहह.. वसीम तुम मेरी जान हो.. वसीम.. आह्ह.. अपनी बहन को आज सब खुशियाँ दे दो.. और जोर्रर.. से सक करो.. आआअहह.. उफ्फ़..’
बाजी की चूत
मैं उनके मम्मों को चूसता हुआ नीचे आने लगा और बाजी की बेली को चूसने लगा और पेट पर चूसते-चूसते मैंने बाजी की पैन्टी उतार दी।
अब मैं उनकी चूत को देखने लगा और एकदम से मैंने बाजी की चूत पर अपना मुँह रख दिया और जोर-जोर से चूत चूसने लगा।
मेरे एकदम से चूत पर मुँह रख कर चूसने से बाजी के मुँह से बेइख्तियार सिसकारी निकली- ऊऊऊहह.. कमीने.. चूस..ले..
बाजी ने अपने हाथ मेरे सर पर रख कर दबाने लगीं, उन्होंने मस्ती में अपनी आँखें बंद करके सर को पीछे तकिए पर रख दिया।
अब वे अपनी चुदास को अपने ‘आहों’ के जरिए खारिज कर रही थीं।
‘आह्ह.. वसीम.. जोओररर्र से.. आहह.. ऊओह.. शिट आआह..ह वसीम ज़ुबान अन्दर तक डालो प्लीज़.. आआअहह और ज़ोरर्र से चूसो..’
मैंने चूसते हुए ही अपनी ज़ुबान बाजी की चूत में दाखिल कर दी और चूत के अन्दर ही हिलने लगा।
बाजी और जोर से मेरे सर के बालों को खींचने लगीं और कहने लगीं ‘वसीम अन्दर तक करो.. और अन्दर.. आआहह.. अम्मीई.. आअहह.. ऊओह वसीम.. शिट.. मैं गई वसीम..’
बाजी का जिस्म अकड़ने लगा और साथ ही बाजी की चूत ने पानी छोड़ दिया.. जो कि सीधा मेरे मुँह में आने लगा।
मैं भी बाजी का सारा पानी पी गया और बाजी की चूत चाट कर साफ कर दी।
चूत चूसने और चाटने के बाद मैंने सर ऊपर उठाया तो बाजी ने कहा- वसीम आज का दिन मुझे सारी ज़िंदगी याद रहेगा।
बाजी ने मेरे होंठों पर चूमना शुरू कर दिया और एक मिनट बाद कहा- अपने लण्ड का नज़ारा नहीं करवाओगे.. देखो कैसे तम्बू बना हुआ है।
मैंने कहा- इसे खुद ही बाहर निकाल लो।
बाजी ने मेरा लंड चूसा
बाजी ने अपना हाथ बढ़ा कर मेरा अंडरवियर उतारा और लण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगीं, बाजी के हाथ बहुत तेज़ी से चल रहे थे।
मैं बिस्तर पर वहीं पीछे की तरफ लेट गया और आँखें बंद करके बाजी के हाथों का स्पर्श अपने लण्ड पर महसूस करने लगा।
तभी अचानक मुझे याद आया कि मैं तो टाइमिंग बढ़ाने वाली टेबलेट भी लाया हुआ हूँ और क्यों ना कैमरा भी ऑन कर लिया जाए.. तो मैंने बाजी को कहा- बाजी एक मिनट रूको..
बाजी ने लण्ड पकड़े हुए कहा- नहीं वसीम प्लीज़ मत उठो.. मैं इसे नहीं छोड़ना चाहती हूँ।
पर मैंने बाजी से कहा- बस एक मिनट बाजी..
मैं बिना उनकी ‘हाँ’ के जल्दी से उठ गया और मैंने भाग कर टेबलेट निकाली और पानी से खा गया। बाजी ने मुझे टेबलेट खाते हुए देख लिया था।
तभी मैंने कैमरा भी साइड टेबल की दराज से निकाला और उसको भी सैट करके लगा दिया।
बाजी ने कहा- वसीम किन कामों में लगे हो.. और तुमने खाया क्या है?
मैंने बाजी को किस करते हुए कहा- बाजी, टाइमिंग बढ़ाने वाली टेबलेट खाई है इससे मैं आपको ज्यादा देर तक चोद सकूँगा और आपको भी पूरी संतुष्टि होगी।
बाजी ने मुझे पीछे को धक्का दिया और कहा- तुम बस लेट जाओ..
वो एकदम दीवानों की तरह मेरा लण्ड चूसने लगीं, बाजी बहुत तेजी से मेरा लण्ड चूस रही थीं।
मैं भी मज़े में बाजी के सर को अपने हाथों से ऊपर-नीचे कर रहा था और कभी-कभी उनके मुँह के अन्दर अपने लौड़े को पूरा घुसेड़ते हुए बाजी के सर को भी नीचे को दबा देता था जिससे मेरा लण्ड बाजी के हलक तक चला जाता था.. और फिर मैं एकदम से बाजी के सर को छोड़ देता।
ऐसा करने से बाजी की साँसें तेज हो जाती थीं और बाजी फिर से लण्ड को चूसने लग जातीं।
इस तरह बाजी ने मेरे लण्ड को एक दफ़ा अपने मुँह में सांस के साथ खींचा.. जिससे मुझे इतना मज़ा आया कि मैंने अपने चूतड़ों को ऊपर उठाया और बाजी के मुँह में ही झड़ने लगा।
झड़ते समय मैंने ऊपर से बाजी के सर को दबा दिया.. जिससे सारा पानी बाजी के गले में उतरने लगा और बाजी ने वो सारा अपनी पी लिया।
जब मैंने बाजी का सर छोड़ा तो बाजी एकदम पीछे को गिर गईं और बिस्तर पर लेट गईं।
वो कहने लगीं- ऊऊहह उउफफ्फ़ वसीम.. क्या लण्ड है तुम्हारा.. मुझे लगता है ये मेरी जान ले कर छोड़ेगा।
अब मैं सीधा होकर बाजी के ऊपर लेट गया और बाजी को किस करने लगा।
मैंने बाजी की चूत चाटी
बाजी ने कहा- वसीम, मेरी चूत में आग लगी है।
मैंने किसिंग छोड़ कर बाजी की चूत को को चूसना शुरू कर दिया.. जिससे बाजी ने अपना हाथ मेरे सर पर रखा और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगीं और साथ ही वे तेज़ी से सिसकारी भरने लगीं।
‘ऊऊहह वसीम.. आआहह ऊऊहह.. चूसो और तेज़ी से चूसो.. बहनचोद हो ना तुम.. अपनी बहन की चूत को खा जाओ वसीम.. आआहह उफफ्फ़.. अम्मीई..’
इतना कहने के साथ ही बाजी ने अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया और मैंने वो सारा पानी अपनी ज़ुबान से चाट लिया और एक साइड में होकर लेट गया।
बाजी ने मुझे उठाया और कहा- ऐसे मेरी आग नहीं बुझने वाली.. अब तुमने चिंगारी लगा दी है.. अब आग भी पूरी ठंडी भी करो ना.. डालो ना अपना लण्ड.. मेरी चूत में.. मुझे जल्दी से चोद दो।
मैंने कहा- जरूर बाजी.. पर पहले अपने इसको तो खड़ा करो।
मैंने अपने लण्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा..
तो बाजी ने कहा- तुमने तो टेबलेट खाई थी.. उसका असर तो हुआ नहीं.. ये क्यों छूट गया?
मैंने कहा- बाजी टेबलेट का असर खाने के आधे घन्टे बाद होता है.. अभी इसको उठाओ.. फिर मैं आपकी चूत की आग को ठंडा करूँगा।
झट से बाजी ने मेरे लण्ड पर मुँह रखा और तेज़ी से लण्ड को चूसने लगीं। बाजी के लण्ड चूसने में इतना जोश था कि एक मिनट बाद ही मेरा लण्ड तन कर अकड़ गया।
खड़ा लौड़ा देख कर बाजी ने कहा- चलो उठो.. अब डालो ना मेरी चूत में.. क्यों तड़फा रहे हो।
बाजी का यही जुनून था.. जो उस दिन भी बाजी पर चढ़ा था और बाजी ने खुद ही मेरे लण्ड को चूत में ले लिया था।
मैंने कहा- अच्छा बाबा.. लो डाल देता हूँ..
मैंने उठ कर बाजी को सीधा लेटाया.. बाजी की कमर के नीचे तकिया रखा और बाजी की एक टांग मैंने अपने कंधे पर रख कर अपने लण्ड को हाथ में पकड़ा और बाजी की चूत पर रगड़ने लगा।
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बाजी ने बेसब्र होते हुए कहा- वसीम एक ही झटके में पेल दो.. इस निगोड़ी चूत में बहुत आग लगी है।
मैंने कहा- ये लो मेरी जान.. झेलो।
और ये कहने के साथ ही मैंने बाजी की चूत पर निशाना साधा और पीछे होकर एक ज़ोरदार धक्का मारा।
मेरा लण्ड जड़ तक बाजी की चूत में उतर गया। इस तरह अन्दर जाने की वजह से बाजी की एकदम से चीख निकली ‘आअहह.. मररर्र.. गई.. आआअहह फट गई मेरी चूत.. आअहह.. उफफ्फ़..’
आज बाजी की चूत को खुल कर चोदने का मौका मिला था..
मैंने बाजी को चूमना चालू कर दिया और नीचे से हल्के हल्के धक्के लगाने लगा।
बाजी की चूत इतनी टाइट थी कि मेरे लंड को चारों तरफ से खिंचाव सा महसूस हो रहा था.. पर मैंने धक्के लगाने जारी रखे।
कुछ ही देर बाद बाजी ने कहा- वसीम, थोड़ा ज़ोर से लगाओ ना..
तो मैं उठा और अपने बाजुओं को बाजी की दोनों साइडों में रख कर ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा।
बाजी की मादक सिसकारियाँ निकलने लगीं ‘आहह ऊऊऊऊओह.. मेरे बहनचोद भाई.. ज़ोर से चोद मुझे हरामी.. ऊऊऊओह.. आअहह.. ऑश.. मैं गई वसीम..’
अब बाजी की फुद्दी ने खूब पानी छोड़ना शुरू कर दिया.. जिससे मेरा लण्ड बड़े आराम से बाजी की फुद्दी में अन्दर-बाहर होने लगा।
बाजी की फुद्दी ने इस दफ़ा जो पानी छोड़ा था.. उसने मुझे हैरान कर दिया था, उनका पानी इतना ज्यादा निकला था कि नीचे से चादर भी काफ़ी गीली हो गई थी।
मैंने अपने झटके जारी रखे और साथ बिस्तर से फूलों की पत्तियाँ उठा कर बाजी के नंगे बदन पर फेंकने लगा और बाजी के मम्मों को चूसने लगा।
इस तरह मैंने बाजी को बहुत देर तक चोदा।
फिर लण्ड बाहर निकाले बिना ही बाजी को अपनी बांहों में उठाया और खुद लेट गया.. अब बाजी मेरे ऊपर आ गईं।
मैंने बाजी से कहा- बाजी अब आपकी बारी है.. आप मुझे कितना चोदती हो..
तो बाजी ने मेरे सीने में नाख़ून गड़ा दिए और जोर-जोर से ऊपर-नीचे होने लगीं।
बाजी चुदाई के साथ गर्म आहें भी भरने लगीं ‘आआअहह.. ऊओह वसीम.. तुमने पहले क्यों नहीं चोदा मुझे.. इतने दिनों से.. इस खेल में इतना मज़ा आता है.. मुझे पता होता तो कब से तुम से चुदवा चुकी होती।
बहन को दोनों भाइयों से चुदाई की तलब
तब मैंने कहा- बाजी, आज जम कर आपको चोद रहा हूँ.. अब हर रोज़ ऐसे ही चोदूँगा और ज़ुबैर के आ जाने के बाद हम दोनों मिल कर आपकी चुदाई किया करेंगें।
तो बाजी ने कहा- हाँ दोनों चोदोगे.. तो ही मेरी आग बुझेगी वरना मुझे ठंडा नहीं कर पाओगे तुम लोग।
धकापेल चुदाई के बाद मैंने बाजी को अपने ऊपर से उतारा और घोड़ी बना कर बाजी की चूत मारने लगा।
मैं ज़ोर से स्ट्रोक लगा रहा था और बाजी मजे से मादक आहों की झड़ी लगा रही थीं।
काफी देर तक इस तरह स्ट्रोक लगाने के बाद मैंने बाजी से कहा- बाजी अब मैं झड़ने वाला हूँ।
बाजी ने कहा- मेरी चूत में ही अपना पानी छोड़ दो।
कुछ तगड़े झटकों के साथ ही मैंने ज़ोर से सिसकारी भरी ‘आआआअहह मैं गया बाजी..’ और मैं बाजी की चूत में ही पानी छोड़ने लगा। मेरे लण्ड की पहली धार ही बाजी की चूत में गिरी थी कि बाजी की भी मादक सिसकारी निकली ‘आहह उफफ्फ़.. मैं भी गई वसीम..’
बाजी की चूत ने मेरे लण्ड को झकड़ लिया और ढेर सारा पानी छोड़ दिया।
मैंने भी बाजी के अन्दर ही पानी छोड़ दिया और निढाल होकर बाजी के ऊपर गिर गया।
बाजी ने हाँफते हुए कहा- दवा का वाकयी बहुत असर था.. इससे तो काफ़ी लंबी चुदाई हो जाती है।
मैंने कहा- बाजी अभी तो इसका फुल असर नहीं हुआ था.. वरना ये तो एक-एक घन्टे तक चूत को ठुकवा देती और उसके बाद भी लण्ड को खड़ा रखती है।
बाजी ने कहा- अभी देख लेते हैं।
यह कहते हुए बाजी ने मेरे लण्ड पर हाथ रखा और सहलाने लग गईं।
वो कहने लगीं- वसीम, ज़ुबैर का क्या करना है?
तो मैंने कहा- बाजी आप बताओ.. जैसे आप कहोगी वैसे कर लेंगें।
बाजी कहने लगीं- है तो वो भी मेरा भाई.. पर पता नहीं.. क्यों मेरा दिल उसके साथ नहीं लगता है.. हालांकि वो तुम से ज्यादा घर पर हुआ करता है.. पर मैं उसके साथ ऊपर नहीं जाती थी.. तुम्हारे आने के बाद ही ऊपर आती थी।
मैंने कहा- बाजी फिर आप फ़ैसला कर लो कि क्या करना है.. उससे चुदवाना है कि नहीं.. क्योंकि मैंने अभी तक उसे नहीं बताया कि मैंने आपको चोद लिया है.. बल्कि उससे यही कहा है कि बाजी अभी तक नाराज़ हैं।
बाजी ने कहा- वसीम तुम ही बताओ.. मैं क्या करूँ.. दिल तो करता है कि उससे भी चुदवा लूँ.. क्योंकि अगर उससे ना चुदवाया.. तो मैं रात को तुम्हारे पास भी नहीं आ सका करूँगी।
मैंने कहा- हाँ बाजी आप उससे भी चुदवा लो.. ताकि रास्ता तो खुला रहे।
बाजी ने कहा- चलो आता है तो उसकी मौज भी लगा देते हैं।
बात करने के साथ-साथ बाजी मेरा लण्ड भी सहला रही थीं।
बाजी ने मुझे कहा- वसीम तुमने मुझे यहाँ तक पहुँचाया है अब अगर तुमने मुझे कहीं रास्ते में मेरा साथ छोड़ दिया तो?
मैंने कहा- बाजी कैसी बातें करती हो आप यार.. आज तो इतनी खुशी का दिन है और मैं ये घर छोड़ कर थोड़ी कहीं चला जाऊँगा.. जब भी आपको लगे कि मैंने कुछ ग़लत किया है.. तो मेरे कान खींच देना। आपकी कसम मैं ठीक हो जाऊँगा.. पर उस दिन की नौबत नहीं आएगी।
बाजी ने कहा- अच्छा जी.. मुझे यकीन है तुम पर.. और ये इस चूत में फिर से शोले जल रहे हैं.. अभी इसका कुछ करो न..
बहन ने भाई का लंड खड़ा किया
यह कहते हुए बाजी उठीं और मेरे लण्ड को पकड़ कर मेरे पेट पर लेटते हुए मेरे ऊपर आ गईं और अपनी चूत को मेरे लण्ड के ऊपर फिट करके ऊपर से ही रगड़ने लगीं। वे मुझे किस करने लगीं.. मैं भी हल्का-हल्का जोश में आ रहा था।
मैंने बाजी के सर को पकड़ा और बाजी के होंठों को चूसने लगा.. काटने लगा।
बाजी की सारी लिपस्टिक चुस चुकी थी।
अचानक बाजी ने मुझसे अपना सर छुड़वाया और खुद मेरे सर को पकड़ कर मेरे होंठों को अपने मुँह में भरके ज़ोर-ज़ोर से मुँह में खींचने लगीं। मेरी ज़ुबान को भी अपने मुँह में खींच के चूसने लगीं।
मेरे सर को बाजी ने इतनी ज़ोर से पकड़ा था कि मैं हिल भी नहीं पा रहा था और बस बाजी के चूसने का मज़ा ले रहा था।
बाजी नीचे से अपनी चूत को रगड़ रही थीं.. जिससे मेरा लण्ड फिर से फुल टाइट हो गया था। बाजी लण्ड के खड़े हो जाने के बाद भी चूत को रगड़े जा रही थीं।
मैं बाजी की कमर पर हाथ रख कर उनके दूधों को अपने सीने पर दबाने लगा। बाजी जब अपनी चूत रगड़ कर ऊपर होतीं.. तो मेरा लण्ड भी ऊपर को उठता था.. पर मुझे नहीं पता था कि बाजी ऐसे भी कर सकतीं हैं।
मेरी वो बहन जो अबाए के बिना नहीं रहती थी.. वो चूत मरवाने में इतनी तेज होगी।
बाजी ने अचानक से अपनी चूत को रगड़ना बंद कर दिया और थोड़ा सा ऊपर उठ कर आगे को हो कर मुझे और तेज़ी से किस करने लगीं। बाजी के ऊपर होने की वजह से मेरा लण्ड भी हल्का सा जोश में था।
मुझे बाजी की किसिंग में इतना मज़ा आया कि मैं भूल गया कि मेरा लण्ड भी तैयार खड़ा है। पर बाजी मेरे लण्ड पर पूरी नज़र लगाए हुए थीं और अपनी चूत का निशाना सैट कर चुकी थीं।
फिर अचानक बाजी ने नीचे को अपने जिस्म को धकेला और लण्ड चूत से रगड़ता हुआ सीधा चूत में जड़ तक उतर गया।
मेरे मुँह से खुद ही ‘आआअहह..’ निकल गई और बाजी भी ‘आह..’ भरते हुए हँसने लगीं।
वो कहने लगीं- देखा.. मैंने भी तुम्हारी सिसकारी निकाल दी ना.. इसलिए मुझ से बच के रहना..
और बाजी हँसने लगीं।
मैंने कहा- अच्छा बच्चू.. लो फिर मज़े..
यह कहते हुए मैंने बाजी को बांहों में लिया और तेज़ी से बाजी को धक्के लगाने लगा.. तो बाजी सिसकारियाँ लेने लगीं ‘आहह.. रुक तो.. आआहह.. वसीम रूको.. मुझे तुमको चोदना है।’
मैंने बाजी के मुँह से यह बात सुनी तो रुक गया।
बाजी ने कहा- अपने शौहर को मैं खुद चोदूँगी।
बाजी ने ज़ोर-ज़ोर से ऊपर-नीचे होना शुरु कर दिया और तेज़ी से मुझे चोदने लगीं।
मैंने बाजी को अपनी बांहों में भरा और धक्के मारना बंद कर दिए।
बाजी ने अपना काम जारी रखा और आहें भरते हुए चुदवाती रहीं- आह्ह.. उफ़.. वसीम मेरी जान.. आआहह.. दूध चूसो प्लीज़.. आआअहह!
बाजी की बात सुन कर मैंने बाजी के मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और खुद भी नीचे से धक्के लगाने लगा।
तभी बाजी ने कहा- वसीम ज़ोर से धक्के मारो.. मैं झड़ने वाली हूँ.. आअहह.. आआहह..
मैंने कुछ तगड़े जर्क मारे तो बाजी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया।
मैं अभी दवा के असर में था तो मैं झड़ा नहीं था, मैंने कुछ पल रुकने के बाद धक्के लगाना फिर से शुरू कर दिए।
इस तरह काफ़ी देर तक ऊपर से चुदने के बाद बाजी ने कहा- अब तुम्हारी बारी है.. मुझे नीचे करो।
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मैंने बाजी को बिस्तर पर लेटाया और एक साइड से पीछे खुद लेट कर मैंने एक ही झटके में अपना फौलादी लण्ड बाजी की चूत में डाल दिया.. और धक्के मारने लगा।
इस तरह से बाजी काफ़ी मज़े से चुदवा रही थीं।
बाजी ने मुझसे कहा- वसीम इस स्टाइल में ही चोदते रहो.. इस तरह बहुत मज़ा आ रहा है।
तो मैंने उसी तरह बाजी को तेज़ी से चोदना जारी रखा।
बाजी मस्ती में आहें भर रही थीं- अहह.. वसीम अब तेज़ करो.. स्पीड को बढ़ा दो.. प्लीज़ और तेज़ करो.. आआहह ऊहह.. वसीम मैं फिर गई..’
तो मैंने कहा- बाजी अब मैं भी झड़ने लगा हूँ।
हम दोनों एक साथ ही झड़ने लगे।
इस दफ़ा बाजी की चूत ने फिर से बहुत सारा पानी छोड़ा और मेरा लण्ड भी बाजी की चूत में ही फारिग हो गया।
हम दोनों वहीं वैसे ही पड़े रहे।
कुछ देर बाद बाजी ने मुझसे कहा- वसीम अभी हमारे पास बहुत दिन हैं.. तो अब सो जाते हैं.. ताकि कल फिर जम कर चुदाई कर सकें।
मैंने कहा- ठीक है बाजी, सो जाते हैं।
बाजी ने कपड़े पहने और मुझे एक लंबी किस करके नीचे चली गईं।
बाजी के नीचे जाने के बाद मैंने कैमरा की रिकॉर्डिंग बंद की और मैं भी ऐसे ही सो गया। जब सुबह उठा तो हिम्मत जवाब दे रही थी। किसी तरह मैं नहा-धो कर नीचे गया तो अब्बू सामने बैठे थे।
उन्होंने कहा- मैं तुम्हारा ही वेट कर रहा था.. ये लो चाभियाँ.. और तेरी बाजी यूनिवर्सिटी चली गई है.. वो भी साथ में चाभियाँ ले गई है.. तुम भी ले जाओ।
मैंने नाश्ता किया और कॉलेज चला गया।
कॉलेज से वापसी में मैं दुकान पर नहीं गया.. सीधा ही घर आ गया और जब मैं घर पहुँचा तो देख कर परेशान हो गया कि अम्मी वगैरह सब वापिस आ गए हुए हैं।
मैंने दुआ-सलाम की और सीधा अपने कमरे में आ गया।
मैं ज़ुबैर को डांटने लगा- तुमसे एक काम नहीं ठीक से होता।
वो कुछ बोलता इससे पहले बाजी कमरे में आ गईं और मजे लेकर कहने लगीं- इसका कोई कसूर नहीं है.. वो जिसका पता करने अम्मी ने जाना था.. वो किसी डॉक्टर को दिखाने दूसरे सिटी चला गया है.. इसलिए अम्मी आ गई हैं। अब जब वो आएगा तब वे दोबारा जाएंगी।
बाजी ने मुझे होंठों पर किस की और कान में कहा- आज रात को मुझे दो लण्ड चाहिए.. मेरी चूत बहुत आग से मचल रही है।
मैंने कहा- मेरी जान मिल जाएंगे..
आज बाजी को ज़ुबैर का लण्ड भी खाना था।
बाजी ने मुझे किस की और नीचे चली गईं।
भाई को बाजी की चूत चुदाई की वीडियो दिखाई
मैं नहा-धो कर कपड़े बदले और बिस्तर पर बैठा ही था कि ज़ुबैर ने मुझसे पूछा- बाजी मान गईं क्या?
तो मैंने कहा- अब मुझसे क्या पूछते हो.. एक काम तो तुमसे ठीक से होता नहीं है और बाजी के मानने की पड़ी है।
ज़ुबैर कहने लगा- भाई, इसमें मेरा कोई कसूर नहीं.. अब वो लोग ही डॉक्टर के पास चले गए हैं.. तो मैं क्या करता.. इसी वजह से सारा काम खराब हो गया है। आप गुस्सा क्यों करते हो.. मैं जानबूझ कर थोड़ी अम्मी को वापिस लाया हूँ।
यह कह कर ज़ुबैर मुझे मनाने लगा.. तो मैंने कहा- अच्छा ठीक है.. अब आराम से बैठ जाओ।
उसने फिर कुछ देर रुक कर दोबारा पूछा- भाई बाजी मान गई हैं ना?
तो मैंने कहा- तुमने देख ही लिया है.. तो फिर पूछ क्यों रहे हो?
वो बोला- फिर बताओ ना.. कैसे मनाया बाजी को आपने.. और बाजी इतनी खुश क्यों हैं.. और वो बदली-बदली सी लग रही हैं.. अब तो वो हँसती और खुश रहतीं हैं। मैं जब से आया हूँ.. तब से देख रहा हूँ।
तो मैंने कहा- लगता है तुमको सब बताना ही पड़ेगा.. बिना बताए तुम्हारे पल्ले कुछ भी पड़ने वाला नहीं है।
ज़ुबैर मेरी तरफ देखने लगा।
‘अच्छा.. अब ध्यान से सुनो..’
मैंने ज़ुबैर को सब कुछ बताया जो उस पहली रात को हमारे सोने के बाद हुआ था और कैसे बाजी ने मुझे नीचे जा कर चोदा था और उसके बाद जो हमने किया था।
मैंने उसे ये भी बताया कि मुझे बाजी ने अपनो शौहर बना लिया है और अब वो मेरी ही रहेंगी और हमेशा मुझसे चुदवाएंगी.. मेरे साथ रहेंगी। हम दोनों ने कल ही सुहागरात मनाई है। मैंने कल रात को बाजी को दुल्हन बना कर दो बार चोदा है।
ज़ुबैर मेरी बातें सुन कर चौंक कर बोला- ऐसा नहीं हो सकता.. बाजी तो आपको अपनी चूत में लण्ड नहीं डालने देती थीं.. तो चुदवा कैसे लिया.. मुझे यकीन नहीं आ रहा है।
मैंने कहा- मेरे पास सबूत भी है।
उठ कर मैंने दराज़ से कैमरा निकाला और जो मैंने बाजी की वीडियो बनाई थी.. वो चला कर उसे दिखाई। ज़ुबैर आँखें फाड़-फाड़ कर उसे देखे जा रहा था।
मैंने कहा- क्यों जनाब अब यकीन आया कि नहीं?
तो उसने कहा- भाई ये तो सच में आप बाजी को चोद रहे हो और बाजी कितने जोश और मज़े से चुदवा रही हैं।
मैंने कहा- बस मैंने कहा था ना.. कि देखते जाओ मैं क्या-क्या करता हूँ… और तुमको कहाँ-कहाँ की सैर करवाता हूँ।
ज़ुबैर ने कहा- हाँ भाई.. आपने तो वाकयी बाजी को चोद दिया है.. आपको तो बहुत मज़ा आया होगा।
मैंने कहा- यार बाजी को खुदा ने बहुत गरम बनाया है.. बाजी में बहुत आग है.. और वो अब हमें ही निकालनी है.. पर आराम-आराम से.. एकदम नहीं।
तो ज़ुबैर ने कहा- भाई फिर बाजी को चोदने की मेरी बारी कब है या बाजी आपकी बीवी बन गई हैं.. तो मेरा नम्बर खत्म कर दिया बाजी ने?
तो मैंने कहा- नहीं यार.. तुम्हारी बारी भी है और अभी हमारे साथ तुम भी शामिल हो और आज रात को बाजी आएंगी और हम तीनों जम कर चुदाई करेंगे। अब बाजी अब खुद आया करेंगी कि मेरी चूत मारो।
ज़ुबैर ने खुश होकर कहा- वाह ये ठीक हुआ है भाई.. अब मज़ा आएगा। फिर तो आज रात को बाजी की चूत में मैं भी अपना लण्ड डालूंगा।
ज़ुबैर अपने लण्ड को सहलाने लगा।
मैं उठा और नीचे चला गया।
अम्मी अपने कमरे में आराम कर रही थीं और हनी भी अपने रूम में थी, बाजी किचन में खाना बना रही थीं।
बाजी और मेरा प्यार
मैं बाजी के पास गया और बाजी को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया और प्यार करने लगा। बाजी ने आह भरी ‘आअहह..’ और मुझे पीछे को धक्का दे दिया।
वे मुड़ कर मुझे देखने लगीं, बाजी ने कहा- वसीम तुम बहुत बेशरम हो.. कोई आ गया तो?
मैंने कहा- बाजी कोई नहीं आएगा और बीवी को तो किसी भी वक्त प्यार कर सकते हैं।
बाजी ने कहा- वो तो ठीक है.. पर मैं रिस्क नहीं लेना चाहती.. अगर अम्मी को शक भी हो गया तो हमारा रात का सिलसिला सब खराब हो जाएगा।
ये कह कर बाजी ने मुझसे कहा- इधर आओ मेरे पास..
मैं आगे बढ़ा.. तो बाजी ने ज़ोर से मेरे गाल खींचे कहा- एक मिनट यहीं रूको।
बाजी ने फ्रिज से एक जग निकाला.. जिसमें दूध था, उन्होंने मुझे जग दिया और कहा- वसीम ये लो.. इस सारे दूध को पी जाओ।
तो मैंने कहा- बाजी इतना दूध में कैसे पिऊँगा?
बाजी ने कहा- मुझे तुम्हें कमज़ोर नहीं करना है.. इसलिए तुम्हें ये पीना ही पड़ेगा.. मेरी खुशी के लिए तुम इतना भी नहीं कर सकते?
मैंने कहा- बाजी आपके लिए जान भी हाज़िर है.. माँग कर तो देखो।
बाजी ने कहा- जान तुम्हारे अन्दर ही रहे.. मुझे जो चाहिए होगा मैं वो माँग लूँगी.. अभी तुम ये दूध पियो।
मैंने जग को मुँह से लगाया और एक घूँट भरा, फिर बाजी से कहा- बाजी कमजोर तो आप भी हो जाओगी.. तो आपने दूध पीया कि नहीं?
बाजी ने कहा- नहीं.. मुझे नहीं पीना.. बस तुम इसे पूरा पियोगे।
तो मैंने कहा- मुझसे प्यार करती हो।
बाजी ने कहा- हाँ कोई शक है क्या?
‘फिर आओ.. साबित करो..’
और मैंने अपने मुँह में एक घूँट भरा और बाजी को आने का इशारा किया कि आओ ये पियो।
बाजी ने कहा- बस इत्ती सी बात..
उन्होंने आगे बढ़ा कर मेरे सर को पकड़ा और अपने होंठ मेरे मुँह से लगा कर खोल दिए। मैंने सारा दूध बाजी के मुँह में निकाल दिया.. जिसे बाजी मज़े से पी गईं और मुझे किस करके बोलीं- वसीम मेरे साथ ऐसे मत किया करो कि मैं इन चीज़ों की आदी हो जाऊँ और बाद में ये मुझे ना मिल सकें।
तो मैंने कहा- बाजी मैं थोड़ी मरने जा रहा हूँ.. जो आपको छोड़ कर चला जाऊँगा।
बाजी ने फ़ौरन अपने होंठ मेरे होंठों में मिला दिए और किसिंग करने लगीं।
बाजी ने मुझसे कहा- वसीम आइन्दा ऐसे मत कहना.. वरना मैं तुम्हारा मुँह नोंच लूँगी.. चलो अब पूरा दूध पियो।
मैंने एक घूँट लगा कर बाजी से कहा- बाजी में आइन्दा ऐसे नहीं कहूँगा.. पर तब अगर आप भी मेरे साथ पियोगी.. तो एक घूँट में लगाऊँगा और एक आप लगाओगी।
बाजी ने कहा- अच्छा चलो लगाओ घूँट.. फिर मैं लगाती हूँ।
मैंने घूँट लगा कर बाजी को जग दिया.. तो बाजी ने एक घूँट लगा कर मुझे दे दिया। इस तरह सारा दूध मैंने और बाजी ने पिया। आखिरी घूँट बाजी के हिस्से में आया.. बाजी ने घूँट भर के जग को साइड में रखा और मेरे होंठों को अपने मुँह में खींच कर दूध मेरे मुँह में दे दिया और हम दोनों की दूध वाली किसिंग स्टार्ट हो गई।
बाजी ने चूमने के बाद कहा- वसीम ये हमारे प्यार के नाम..
तो मैंने भी बाजी को चूमा और बाजी ने कहा- अब तुम बाहर बैठो.. मैं दस मिनट में आती हूँ.. फिर बातें करते हैं।
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