Incest मैं अपने परिवार का दीवाना

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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 33
विद्या दी को कुछ ठीक नही लगा
वो अरुणा दी के रूम में जाती है
विद्या दी अरुणा दी को सब बता देती है
दोनो वँया के पीछे भागती है
वँया मेघा दी के रूम का जैसे ही गेट नॉक करती है
गेट खुल जाता है
और वँया क्या देखती है
मेघा दी के हाथ मे ब्लेड है
और वो अपनी कलाई पे ब्लेड रखती है और हटा लेती है
रखती है और हटा लेती है
तब तक विद्या दी और अरुणा दी पहुँच जाती
यह देखके उनके भी होश उड़ जाते हैं
तभी अरुणा दी धीरे कदमो से चलते हुए मेघा दी के पास पहुँच जाती है
और झट से मेघा दी के हाथ से ब्लेड छीन लेती है
और एक थप्पड़ मेघा दी को मारती है
अरुणा- यहाँ हम सब भैया को लेके परेशान हैं
और तू एक नयी मुसीबत तय्यार कर रही है हमारे लिए
मेघा दी चुप चाप सुन लेती है
विद्या यह सब देखके समझ जाती है कि कुछ बहुत बुरा हुआ है
मेघा के साथ
विद्या दी मेघा दी के पास पहुँचती है
विद्या- मेघा मुझे नही पता कि तुम ऐसा क्यूँ कर रही थी
पर मैं इतना ज़रूर जानती हूँ
कि अगर तुम्हे कुछ होगया तो चाचा जी और चाची जी भैया को कभी माफ़ नही करेंगे
वो यही समझेंगे कि भैया ने तुम्हारे साथ कुछ ग़लत किया और भाग गया
क्या तुम यह चाहती हो कि भैया फिर हमसब से दूर हो जाए
[मेघा दी अपना सर ना में हिलाती है]
अच्छा अब तू आराम कर
विद्या दी और अरुणा दी वँया का हाथ पकड़ के बाहर आ गई
विद्या- [अरुणा] तुम जाओ अपने कमरे में
विद्या दी वँया को अपने रूम में ले जाती है
विद्या- देख वानु मुझे पता है हम से ज़्यादा तुझे भैया की फ़िक़र है
लेकिन मेघा भी हमारी बहेन है
अगर तू अपना गुस्सा नही पी सकती
तो यहीं अपने रूम में बैठ
तेरी एक ग़लती से हम मेघा और भैया दोनो को हमेशा के लिए खोदेंगे
तू समझ रही हैना
वँया- हाँ दी
विद्या दी वँया के रूम से चली गयी
वँया गेट बंद करती है
और वही पे बैठके रोने लगती है
[4 घंटे बाद]
विद्या दी जो सुबह से अपने आप को संभालने की कोशिश कर रही थी
अब उनकी हिम्मत भी जवाब दे चुकी थी
उनकी आँखो से भी आँसू बहने लगे थे
यही हाल अरुणा अवन्तिका और सुनीता का भी था
सी मामा भी बहुत परेशान हो गये
सी मामा किसी को फोन लगाने लगे
सी मामा- हेलो आइजी साहेब आप हमारे घर आ सकते है थोड़े देर के लिए
जी बहुत ज़रूरी है
हम वेट कर रहे हैं
[ 1 घंटे बाद ]
सी मामा के घरके बाहर 1 गाड़ी आके रुकी
उसमे से आइजी साहेब बाहर निकले
वो घरके अंदर गये और सी मामा को प्रणाम किया
आइजी- ठाकुर साहेब आप कुछ परेशान दिख रहे हैं
सी मामा- आइजी साहेब बात दरअसल यह कि हमारा भांजा सुबह से लापता है
आइजी- वही जो गाओं से आया था
सी मामा- जी वही
आइजी- पूरी बात बताइए
सी मामा- कल हम ने गुस्से में अपने भानजे पे हाथ उठा दिया
आज 8 एएम हमारी बेटियाँ उसके रूम में गयी वो नही था
हम ने पूरे घर में देखा फिर भी वो नही मिला
हम ने उसे फोन भी किया पर फोन बंद है
आइजी- आप के भानजे की उमर कितनी है
सी मामा- 18 साल
आइजी- आप हमे अपने भानजे की एक फोटो उसका फोन नंबर दे दीजिए हम पता करते है
सी मामा अपने रूम में गये दिलीप की फोटो और फोन नंबर 1 कागज पे लिखके आइजी को दे दिया
आइजी साहेब चले गये......,.,.
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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 34
[1 घंटे बादपोलीस हेडक्वॉर्टर]
आइजी साहेब अपने कॅबिन में बैठे किसी का इंतज़ार कर रहे थे
तभी उनके कॅबिन का गेट खुलता है
और एक 26 साल का नौजवान
लड़का- एसपी अरविंद राणा रिपोर्टिंग सर
आइजी- बैठ जाओ तुम्हे इस लड़के को ढूंडना है
[ आइजी ने फोटो अपने डेस्क पे रखते हुए कहा]
यह रहा इस लड़के का नंबर अभी यह नंबर बंद है
[यह सुनके एसपी को इतना तेज़ गुस्सा आया
उसकी आँखें लाल हो गयी]
एसपी- ओके सर
आइजी- कुछ कहना है
एसपी- नो सर
आइजी- तुम मेरे साले हो इसलिए जो दिल में है बोल डालो
एसपी- सर आज इस सिटी में गुमशुदा होने की 120 एफआइआर दर्ज हुई है वो भी लड़कियो की
और आपने इस एक लड़के को ढूँडने के लिए मुझे बुलाया है जबकि यह काम कोई इंस्पेक्तेर भी कर सकता है
आइजी- तुम ठाकुर धर्मेश वीर परताप सिंग को जानते हो
एसपी- यह वही ठाकुर तो नही जिसकी ज़मीन पे यह सिटी बनी है
आइजी- तुमने सही सोचा और भी बहुत कुछ है जो तुम्हे नही पता
अभी बस इतना जानलो कि यह लड़का बड़े ठाकुर का भांजा है
और बड़े ठाकुर ने 18 साल पहले इस लड़के के लिए क्या किया था
तुमने हमारी टॉप फाइल्स में पढ़ा होगा

एसपी- यस सर
आइजी- जल्द से जल्द इस लड़के को ढुंढ़ो तुम्हारे पास सिर्फ़ 4 दिन है
एसपी- ओके सर
[तब से यह लोग दिलीप को ढूंड रहे हैं]
[प्रेज़ेंट]
दिलीप- अबे मुझे ऐसे क्यूँ देख रहा है मैं उस टाइप का नही हूँ
अखिल- अबे तो अप्पुन तुझे उस टाइप का लगता है
दिलीप- वैसे एक बात बता इस शहेर का सबसे ईमानदार पोलीस वाला कौन है
अखिल- इस शहेर का सबसे बड़ा मामू तो एसपी अरविंद राणा है
दिलीप- जल्द ही मुलाक़ात होगी
अखिल- तेरा दिमाग़ तो खराब नही हो गया वो एसपी जब से यहाँ आया है
तबसे अपन जैसे बड़े बड़े भाई लोग चिंदी चोर बनके घूम रहे हैं
दिलीप- ऐसा क्यूँ
अखिल- सुन जिस दिन एसपी यहाँ आया उसी दिन एसपी ने अपने सारे पोलीस वालो को ऑर्डर दिया
कोई भी कितना भी बड़ा आदमी हो भाई हो टपोरी हो अगर किसी जुर्म में पकड़ा जाता है तो ना उसे ठोका जाएगा
ना उसे अंदर किया जाएगा उसको नंगा करके उसकी फोटो खींची जाएगी और नेट पे डाल दिया जाएगा
और अगर कोई पोलीस वाला कोई भी ग़लत काम करते हुए पकड़ा गया तो उसके साथ भी यही होगा
अब बोल ऐसा कोई पोलीस वाला होता है
दिलीप- एसपी से बड़े पोलीस वालो ने उसे नही रोका
अखिल- क्या घंटा रोकेगा यहाँ का आइजी जो है वो एसपी का जीजा है
दिलीप- मतलब जीजा साले ने मिलके तुम सब की मार ली
[ यह कहके मैं ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा मेरी हँसी रुक ही नही रही थी]
अखिल- देख अगर तूने हँसना बंद नही किया तो अपन यहा से चला जाएगा
दिलीप- अच्छा सॉरी मेरे लिए खाना लाया
अखिल- यह ले ठूंसले
दिलीप- [मैं उसके हाथ से खाना लिया और फिर हँसने लगा]
अखिल- तू फिर हँसने लगा अपन तेरे साथ नही रहेगा
अपन सोसाइटी वाले पार्क में जा रहा है
दिलीप- [ यह कहके वो चला गया]
मैने 30 मिनिट में खाना खाया
वीडियो कॅमरा शीतल के घर की तरफ सेट करके मेन गेट लॉक किया
और पार्क की तरफ जाने लगा पार्क में पहुँचके लुक्खे को ढूँडने लगा
लुक्खा बेंच पे बैठके सिगरेट पी रहा था पर उसकी नज़र कही ऑर थी
मैने उसकी नज़र का पीछा किया तो मुझे यक़ीन नही हुआ कुछ लड़किया बॅडमिंटन खेल रही थी
यह लुक्खे की नज़र उन लड़कियो की गान्ड पे थी
[ मैं धीरे से उसके पीछे गया और बोला]
एसपी आ गया
[यह सुनके]
अखिल- अरषि[कहते हुए चीख पड़ा]..,,.
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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 35
पार्क में सब लोग हमे घूर रहे थे
अखिल इधर उधर देखने लगा
दिलीप- और लुक्खे कैसा लगा
[अखिल पीछे मुड़ा उसकी शकल देखके मन किया ठहाका लगाऊ]
अखिल- आज तुझे नही छोड़ूँगा
दिलीप- पहले पकड़ तो ले
[यह कहके मैं भागने लगा]
अखिल मेरे पीछे भागता रहा पर मुझे पकड़ नही पाया
थोड़ी देर बाद अखिल ज़मीन पे बैठके हाँफने लगा
मैं वहाँ पे एक अंकल से पानी की बॉटल माँगा और अखिल के पास गया
दिलीप- यह ले
[अखिल बॉटल का सारा पानी गटक गया मैं अखिल के साथ ज़मीन पे बैठ गया]
ठीक तो है
अखिल- अपन की लेने में तेरे को बहुत मज़ा आता हैना
अगर अपन का हार्ट फैल हो जाता तो आपुन की जान अरषि का क्या होता
दिलीप- तूने ऐसी ग़लती ही क्यूँ की
अखिल- अपन ने क्या किया
दिलीप- लड़कियो के पिछवाड़े को घूर्ना क्या अच्छी बात है
अखिल- अच्छा वो देख तेरे को तो पता है अपन जहाँ पैदा हुआ वो कितनी गंदी जगह थी वहाँ यह सब ऐसा था जैसे साँस ले रहा हो तो अपन का ऐसा होना भी आम बात है अपन आज तलक किसी लड़की के बारे में यह नही सोचा कि अपन इसका रेप करे हाँ अपन आँखें ज़रूर सेकता है

दिलीप- बस कर रुलाएगा क्या वैसे तू है लुक्खा पर बात बहुत अच्छी करता है
अखिल- यह तो मेरी जान अरषि का कमाल है
पहले अपन हर बात में गाली देता था
धीरे धीरे अरषि की वजह से अपन का चाल चलन थोड़ा सुधरा है
दिलीप- इसका मतलब तू और लड़कियो के साथ सोता भी होगा
अखिल- हाँ
दिलीप- अरषि को पता है
अखिल- अपन ने अरषि को
अपन के बारे में सब बता दिया था
दिलीप- अरषि ने कुछ नही कहा तुझे
अखिल- उसको तो जब भी मैं कोई बात बोलता हूँ
वो कहती है जैसी आपकी मर्ज़ी
दिलीप- और तू इतना घटिया क़ी
वो तुझे इतना प्यार करती है तुझे पूजती है
और तू उसके लिए यह सब नही छोड़ सकता
अखिल- पहले अपन रोज नयी लड़की के साथ सोता था
अरषि के प्यार की वजह से अब अपन हफ्ते में एक बार करता है
इससे ज़्यादा अपन के बस में नही है
अपन कई बार कोशिश किया
इससे ज़्यादा अपने आपको रोकने की
पर अपन नही रोक पाया
यह अपन की लत बन चुकी थी

दिलीप- [लुक्खे की बात सुनके मन किया लुक्खे को गले लगा लूँ पर यहा पे लोग थे
कही कुछ ग़लत ना सोचने लगे]
वैसे एक बात बता
अखिल- क्या
दिलीप- जब तू डर से चीखा
तो तेरे मुँह से अरषि का नाम क्यूँ निकला
अखिल- वो इसलिए की अपन का इस दुनिया में
अपन की जान अरषि अलावा कोई है ही नही
तो जब अपन को डर लगेगा
तो अपन तो अपन की
जान को ही पुकरेगा ना
दिलीप- आहहाहा बाबा लुक्खेश्वर महाराज की जै जै जै
अखिल- तू फिर शुरू हो गया
दिलीप- तुझे उन सब लड़कियो में सबसे ज़्यादा कौन पसंद है
अखिल- लड़किया पसंद नही है
लड़कियो का बड़ा पिच्छवाड़ा पसंद है अपन को
दिलीप- हाँ वही किसका पसंद है
अखिल- वो जो लंबी सी है
दिलीप- उसमें ऐसा क्या है
अखिल- अबे उसका पिछवाड़ा देख कितना बड़ा है
देखके ही लगता है बहुत गन्ने खाए है इसने
दिलीप- तो इरादा क्या है
अखिल- अपन का इरादा कुछ भी हो
अपन हिलाने के सिवा क्या करसकता है
दिलीप- मेरे पास 1 आइडिया है
अखिल- तू अपना आइडिया अपने पास रख
दिलीप- सुन तो बहुत बढ़िया आइडिया है
अखिल- सच में तेरे पास आइडिया है
दिलीप- हाँ रे
अखिल- सुना
दिलीप- मैने अखिल के कान में अपना आइडिया सुनाया
[आइडिया सुनके अखिल ने ऐसा मुँह बनाया
जैसे मैने उसकी मार ली हो].....
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