Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
plz update
- rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
अपडेट 37
अखिल- आइटम अपन के सामने घुटने के बल बैठ गयी
आइटम अपन का लंड अपन के पैंट के उपर से सहलाने लगी
अपन भी तो यही चाहता था
अपन की आँखें बंद हो गयी
आइटम ने अपन का पैंट खोलके नीचे कर दिया
अंडरवेर भी नीचे कर दिया
और अपन के लंड को मुट्ठी में पकड़ के मूठ मारने लगी
थोड़ी देर में अपन का लंड एक दम खड़ा हो गया
अपन ने आइटम के सर पे हाथ रखा आइटम समझ गयी
आइटम ने अपना ज़ुबान निकाला
और अपन के लंड को
उपर से नीचे चाटने लगी
आइटम अब अपन के सुपाडे अपने मुँह में लेके चूसने लगी
ऐसा लग रहा था कि आइटम को बहुत प्रॅक्टीस है
अब आइटम ने अपना दोनो हाथ मेरी गंद पे रख दिया
और अपना मुँह आगे पीछे करके अपन के लंड को चूसने लगी
अपन को बहुत मज़ा आ रहा था
अपन का लंड गपगाप आइटम के मुँह में अंदर बाहर कर रहा था
आइटम ने फिर अपन का लंड पकड़ा और मूठ मारने लगी
और अपन के आंडो को मुँह में लेके चूसने लगी
आइटम कभी अपन के अंदो को ज़ोर से चुस्ती
तो कभी चाट लेती
आइटम ने अब अपन का पूरा लंड मुँह डालके अंदर बाहर करने लगी
अपन का लंड आइटम के थूक से पूरा गीला हो गया
अब अपन झड़ने वाला था
अपन ने आइटम का सर पकड़ा
और आइटम के मुँह में अपना लंड पेलने लगा
आइटम की आँखें चौड़ी हो गई
अब अपन और ज़ोर्से अपना लंड आइटम के मुँह पेलते हुए झड़ने लगा
आइटम अपन का सारा कम पी गयी
आइटम- अब करोगे ना मदद
अखिल- रात में कब आऊँ
आइटम अपन को घूर्ने लगी
आइटम- 11 पीएम आ जाना
अखिल- फिर अपन तेरे पास आ गया
प्रेज़ेंट
दिलीप- जब अखिल ने मुझे देखा तो उसकी फट गयी
अभी मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था
मैं अपना गुस्सा कंट्रोल करते हुए कहा
[मैने तुझे बोला था
कि तू उस लड़की के पास जाएगा
उस लड़की से बोलेगा तुझे उससे अकेले में बात करनी है
जब वो लड़की अकेले में बात करने के लिए तय्यार हो जाए तो उससे कहना
कि तू उसे पसंद करता है
और तू उसके साथ सेक्स करना चाहता है
यह सुनके वो लड़की तुझे मारेगी गाली देगी पोलीस की धमकी देगी
तू उसे डाँट कर चुप कराएगा और बोलेगा
कि तुझे अगर कोई लड़की पसंद आती है तो तू
उसे अकेले में ले जाकर सॉफ सॉफ बोल देता है
कि तू उसके साथ सेक्स करना चाहता है
तू कभी किसी लड़की को देखके उसके बारे में गंदा नही सोचता
तू कभी सेक्स के लिए
किसी लड़की की फीलिंग्स के साथ नही खेलता
तू कभी किसी लड़की को सिड्यूस नही करता
क्यूंकी जो लड़किया सिड्यूस होती हैं
बाद में सबसे ज़्यादा तकलीफ़ उसी लड़की को होती है
तू कभी किसी लड़की को अपने प्यार के जाल में फँसा कर उसकी इज़्ज़त बर्बाद नही करता
तू कभी अपनी वजह से किसी भी लड़की को चोट नही पहुँचाता
तेरी बात सुनके वो लड़की हाँ बोलेगी या ना बोलेगी
हाँ बोलेगी तो तेरी ऐश
और अगर ना भी बोलती है तो भी तुझे फ़ायदा ही होगा
क्यूंकी तेरी बात सुनके
वो लड़की तेरे बारे में कभी ग़लत नही सोचेगी
हो सकता आगे चलके वो तुझे खुद आके बोले कि वो तेरे साथ सेक्स करना चाहती है]
लेकिन तू इतना गिरा हुआ निकला कि तूने उसके डर का फ़ायदा उठाया
आज मुझे पता चला कि मैं पहली बार किसिको अपना दोस्त चुना
लेकिन दोस्त तो बहुत दूर की बात है
तू इंसान भी नही बन पाया
आज अभी इसी वक़्त मैं तुझसे अपना हर रिश्ता तोड़ता हूँ
चल निकल मेरे घर से
और मैने अखिल को धक्के मारके बाहर निकाल दिया
और उसके मुँह पर गेट बंद कर दिया
अखिल- आइटम अपन के सामने घुटने के बल बैठ गयी
आइटम अपन का लंड अपन के पैंट के उपर से सहलाने लगी
अपन भी तो यही चाहता था
अपन की आँखें बंद हो गयी
आइटम ने अपन का पैंट खोलके नीचे कर दिया
अंडरवेर भी नीचे कर दिया
और अपन के लंड को मुट्ठी में पकड़ के मूठ मारने लगी
थोड़ी देर में अपन का लंड एक दम खड़ा हो गया
अपन ने आइटम के सर पे हाथ रखा आइटम समझ गयी
आइटम ने अपना ज़ुबान निकाला
और अपन के लंड को
उपर से नीचे चाटने लगी
आइटम अब अपन के सुपाडे अपने मुँह में लेके चूसने लगी
ऐसा लग रहा था कि आइटम को बहुत प्रॅक्टीस है
अब आइटम ने अपना दोनो हाथ मेरी गंद पे रख दिया
और अपना मुँह आगे पीछे करके अपन के लंड को चूसने लगी
अपन को बहुत मज़ा आ रहा था
अपन का लंड गपगाप आइटम के मुँह में अंदर बाहर कर रहा था
आइटम ने फिर अपन का लंड पकड़ा और मूठ मारने लगी
और अपन के आंडो को मुँह में लेके चूसने लगी
आइटम कभी अपन के अंदो को ज़ोर से चुस्ती
तो कभी चाट लेती
आइटम ने अब अपन का पूरा लंड मुँह डालके अंदर बाहर करने लगी
अपन का लंड आइटम के थूक से पूरा गीला हो गया
अब अपन झड़ने वाला था
अपन ने आइटम का सर पकड़ा
और आइटम के मुँह में अपना लंड पेलने लगा
आइटम की आँखें चौड़ी हो गई
अब अपन और ज़ोर्से अपना लंड आइटम के मुँह पेलते हुए झड़ने लगा
आइटम अपन का सारा कम पी गयी
आइटम- अब करोगे ना मदद
अखिल- रात में कब आऊँ
आइटम अपन को घूर्ने लगी
आइटम- 11 पीएम आ जाना
अखिल- फिर अपन तेरे पास आ गया
प्रेज़ेंट
दिलीप- जब अखिल ने मुझे देखा तो उसकी फट गयी
अभी मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था
मैं अपना गुस्सा कंट्रोल करते हुए कहा
[मैने तुझे बोला था
कि तू उस लड़की के पास जाएगा
उस लड़की से बोलेगा तुझे उससे अकेले में बात करनी है
जब वो लड़की अकेले में बात करने के लिए तय्यार हो जाए तो उससे कहना
कि तू उसे पसंद करता है
और तू उसके साथ सेक्स करना चाहता है
यह सुनके वो लड़की तुझे मारेगी गाली देगी पोलीस की धमकी देगी
तू उसे डाँट कर चुप कराएगा और बोलेगा
कि तुझे अगर कोई लड़की पसंद आती है तो तू
उसे अकेले में ले जाकर सॉफ सॉफ बोल देता है
कि तू उसके साथ सेक्स करना चाहता है
तू कभी किसी लड़की को देखके उसके बारे में गंदा नही सोचता
तू कभी सेक्स के लिए
किसी लड़की की फीलिंग्स के साथ नही खेलता
तू कभी किसी लड़की को सिड्यूस नही करता
क्यूंकी जो लड़किया सिड्यूस होती हैं
बाद में सबसे ज़्यादा तकलीफ़ उसी लड़की को होती है
तू कभी किसी लड़की को अपने प्यार के जाल में फँसा कर उसकी इज़्ज़त बर्बाद नही करता
तू कभी अपनी वजह से किसी भी लड़की को चोट नही पहुँचाता
तेरी बात सुनके वो लड़की हाँ बोलेगी या ना बोलेगी
हाँ बोलेगी तो तेरी ऐश
और अगर ना भी बोलती है तो भी तुझे फ़ायदा ही होगा
क्यूंकी तेरी बात सुनके
वो लड़की तेरे बारे में कभी ग़लत नही सोचेगी
हो सकता आगे चलके वो तुझे खुद आके बोले कि वो तेरे साथ सेक्स करना चाहती है]
लेकिन तू इतना गिरा हुआ निकला कि तूने उसके डर का फ़ायदा उठाया
आज मुझे पता चला कि मैं पहली बार किसिको अपना दोस्त चुना
लेकिन दोस्त तो बहुत दूर की बात है
तू इंसान भी नही बन पाया
आज अभी इसी वक़्त मैं तुझसे अपना हर रिश्ता तोड़ता हूँ
चल निकल मेरे घर से
और मैने अखिल को धक्के मारके बाहर निकाल दिया
और उसके मुँह पर गेट बंद कर दिया
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
अपडेट 38
दिलीप- मुझे अपने आप पे बहुत गुस्सा आ रहा था
आइडिया तो मैने ही दिया था अखिल को और मजबूर भी
वो कितना भी सुधर जाए पर लत का कोई इलाज नही होता
मैं बाथरूम में गया शवर लेके बाहर आ गया
8 तो बज ही गया था सोचा होटेल में खाना खा लेता हूँ
1 घंटे बाद शीतल को किडनॅप भी करना है
[उधर एसपी को सिम कंपनी से पता चला दिलीप का नंबर शाम 6 बजे से बंद है
और मोबाइल के आइएमईआइ नंबर से भी कुछ पता नही चला
तो एसपी लास्ट लोकेशन पे छान्बीन करने लगा
वहाँ भी उसे कुछ पता नही चला
एसपी ने आस पास होटेल में भी दिलीप की फोटो दिखा कर
पूछ ताछ की वहाँ भी खाली हाथ
तभी उसे कोई पुराना मुजरिम एक सस्ते होटेल में जाता हुआ दिखता है
एसपी भी अंदर चला जाता है
अंदर जाते ही एसपी होटेल के स्टाफ से टकरा जाता है
और उसके हाथ से दिलीप की फोटो गिर जाती है
काउंटर पे बैठा हुआ लड़का दिलीप की फोटो को देखता है
लड़का- साहब इसने कोई लफडा किया है क्या
एसपी- तुम इसे जानते हो
लड़का- नही साहब जानता तो नही पर सुबह यह लड़का होटेल में आया था
एक रूम बुक किया और थोड़ी देर में चला गया
एसपी- किस तरफ गया
लड़का- नही पता साहब
एसपी का माथा गरम हो गया]
दिलीप- [मैं ने मेनगेट खोला ही था कि सामने अखिल खड़ा दिखा
मैं वहाँ से जाने लगा
तो अखिल मेरे सामने आ गया]
सामने से हट जा
अखिल- तुझे अपन को जितना मारना है मार ले पर अपन तेरे को छोड़ के नही जाएगा
दिलीप- क्यूँ मैं तेरा हूँ ही कौन
अखिल- ऐसा मत बोल
जब उस लड़की ने अपन को थप्पड़ मारा तो अपन खुद को रोक नही पाया
पर अपन ने उससे माफी भी माँग ली है
अब तू भी अपन को माफ़ कर्दे
दिलीप- ठीक है माफ़ किया
[अखिल मेरे गले लग गया]
चल मेरे साथ
[मैं अखिल का हाथ पकड़ के उस लड़की के घर जाने लगा
अखिल बहुत घबराया हुआ लग रहा था
मैने डोरबेल बजाया
उसी लड़की ने गेट खोला
पहले तो वो मुझे देख के चौंक गयी
पर जब उसने अखिल को देखा]
लड़की- अंदर आओ
दिलीप- [मैं और अखिल अंदर गये]
मैं इसका वही दोस्त हूँ
जिसके बारे में इसने तुमसे बात की थी
[वो लड़की डर कर पीछे हट गयी
अखिल अपनी गर्दन नीचे किए खड़ा था]
डरो मत मैं तुमसे माफी माँगने आया हूँ
आज तुम्हारी वजह से मेरी आँखें खुल गयी
जब यह तुम्हारे घर से आया
तो मैने इसे ब्लॅकमेल करके यहाँ की सारी बात जान लिया
मैने इसे बहुत पीटा
फिर इसने एक लड़की के बारे में बहुत गंदी बातें की
मैं उस लड़की से प्यार करता हूँ
मुझे बहुत गुस्सा आया
तब इसने मुझे समझाया
जिससे तू प्यार करता है
उसके बारे में कुछ ग़लत सुनने से तुझे गुस्सा आ गया
तू तो खुद हर किसी के साथ ग़लत करता है
उनसब को कैसा लगता है
दिलीप- प्लीज़ मुझे माफ़ करदो
लड़की- इट्स ओके
दिलीप- मैं दिलीप हूँ
और यह अखिल
लड़की- मैं सुरभि
दिलीप- [फिर मैं और अखिल सुरभि के घर से बाहर आ गये]
अखिल- दिलीप
दिलीप- कुछ कहने की ज़रूरत नही है
मुझे पता है कि तूने सुरभि से माफी नही माँगी थी
अखिल- तू अपन को माफ़ कर्दे
दिलीप- वो तो कब का कर दिया
और हाँ लास्ट वाली लाइन याद है ना
अखिल- हाँ याद है
अपन अब किसी के साथ कभी ग़लत नही करेगा
दिलीप- चल खाना ख़ाके आते हैं
9पीएम शीतल को उठाना है
फिर हम दोनो खाना ख़ाके घर आ गये.....
दिलीप- मुझे अपने आप पे बहुत गुस्सा आ रहा था
आइडिया तो मैने ही दिया था अखिल को और मजबूर भी
वो कितना भी सुधर जाए पर लत का कोई इलाज नही होता
मैं बाथरूम में गया शवर लेके बाहर आ गया
8 तो बज ही गया था सोचा होटेल में खाना खा लेता हूँ
1 घंटे बाद शीतल को किडनॅप भी करना है
[उधर एसपी को सिम कंपनी से पता चला दिलीप का नंबर शाम 6 बजे से बंद है
और मोबाइल के आइएमईआइ नंबर से भी कुछ पता नही चला
तो एसपी लास्ट लोकेशन पे छान्बीन करने लगा
वहाँ भी उसे कुछ पता नही चला
एसपी ने आस पास होटेल में भी दिलीप की फोटो दिखा कर
पूछ ताछ की वहाँ भी खाली हाथ
तभी उसे कोई पुराना मुजरिम एक सस्ते होटेल में जाता हुआ दिखता है
एसपी भी अंदर चला जाता है
अंदर जाते ही एसपी होटेल के स्टाफ से टकरा जाता है
और उसके हाथ से दिलीप की फोटो गिर जाती है
काउंटर पे बैठा हुआ लड़का दिलीप की फोटो को देखता है
लड़का- साहब इसने कोई लफडा किया है क्या
एसपी- तुम इसे जानते हो
लड़का- नही साहब जानता तो नही पर सुबह यह लड़का होटेल में आया था
एक रूम बुक किया और थोड़ी देर में चला गया
एसपी- किस तरफ गया
लड़का- नही पता साहब
एसपी का माथा गरम हो गया]
दिलीप- [मैं ने मेनगेट खोला ही था कि सामने अखिल खड़ा दिखा
मैं वहाँ से जाने लगा
तो अखिल मेरे सामने आ गया]
सामने से हट जा
अखिल- तुझे अपन को जितना मारना है मार ले पर अपन तेरे को छोड़ के नही जाएगा
दिलीप- क्यूँ मैं तेरा हूँ ही कौन
अखिल- ऐसा मत बोल
जब उस लड़की ने अपन को थप्पड़ मारा तो अपन खुद को रोक नही पाया
पर अपन ने उससे माफी भी माँग ली है
अब तू भी अपन को माफ़ कर्दे
दिलीप- ठीक है माफ़ किया
[अखिल मेरे गले लग गया]
चल मेरे साथ
[मैं अखिल का हाथ पकड़ के उस लड़की के घर जाने लगा
अखिल बहुत घबराया हुआ लग रहा था
मैने डोरबेल बजाया
उसी लड़की ने गेट खोला
पहले तो वो मुझे देख के चौंक गयी
पर जब उसने अखिल को देखा]
लड़की- अंदर आओ
दिलीप- [मैं और अखिल अंदर गये]
मैं इसका वही दोस्त हूँ
जिसके बारे में इसने तुमसे बात की थी
[वो लड़की डर कर पीछे हट गयी
अखिल अपनी गर्दन नीचे किए खड़ा था]
डरो मत मैं तुमसे माफी माँगने आया हूँ
आज तुम्हारी वजह से मेरी आँखें खुल गयी
जब यह तुम्हारे घर से आया
तो मैने इसे ब्लॅकमेल करके यहाँ की सारी बात जान लिया
मैने इसे बहुत पीटा
फिर इसने एक लड़की के बारे में बहुत गंदी बातें की
मैं उस लड़की से प्यार करता हूँ
मुझे बहुत गुस्सा आया
तब इसने मुझे समझाया
जिससे तू प्यार करता है
उसके बारे में कुछ ग़लत सुनने से तुझे गुस्सा आ गया
तू तो खुद हर किसी के साथ ग़लत करता है
उनसब को कैसा लगता है
दिलीप- प्लीज़ मुझे माफ़ करदो
लड़की- इट्स ओके
दिलीप- मैं दिलीप हूँ
और यह अखिल
लड़की- मैं सुरभि
दिलीप- [फिर मैं और अखिल सुरभि के घर से बाहर आ गये]
अखिल- दिलीप
दिलीप- कुछ कहने की ज़रूरत नही है
मुझे पता है कि तूने सुरभि से माफी नही माँगी थी
अखिल- तू अपन को माफ़ कर्दे
दिलीप- वो तो कब का कर दिया
और हाँ लास्ट वाली लाइन याद है ना
अखिल- हाँ याद है
अपन अब किसी के साथ कभी ग़लत नही करेगा
दिलीप- चल खाना ख़ाके आते हैं
9पीएम शीतल को उठाना है
फिर हम दोनो खाना ख़ाके घर आ गये.....
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
अपडेट 39
दिलीप- चल जल्दी तय्यार हो जा
[मैने अपने मुँह पे मास्क लगाया ग्लॉब्स पहना
1 मास्टर की खुद रखा
1 अखिल को दिया
बाकी सब चीज़ एक थैले में रखा]
बेहोश करने वाली दवा और वो लाया
अखिल- हां यह ले
दिलीप- बढ़िया है ना
अखिल- एक दम ओरिजिनल
[हम दोनो पहुँचे शीतल के घर
मैने मास्टर की से मेनगेट खोला]
एक काम कर तू इस साइड देख मैं उस साइड देखता हूँ
[मैने किचन में देखा हॉल में देखा बाहर चार रूम्स थे उनसब में देखा
यह अखिल 1 रूम में इतनी देर से क्या कर रहा है
जैसे ही मैं 5वे रूम में एंटर हुआ इतनी तेज़ बदबू आई दम घुटने लगा
और अखिल खड़ा पता नही क्या कर रहा था
मैं आगे जाके उसकी गांद पे लात मार दिया उसकी चीख निकल गयी]
अखिल- अबे मार डालेगा क्या
दिलीप- लुक्खे हम यहाँ पिक्निक मनाने आए हैं
अखिल- अबे उधर देख
दिलीप- [जैसे ही मैने मूड के देखा मेरा दिल दहल गयाशीतल की लाश बेड पे पड़ी थी
मैं कितना भी अपने जज़्बात को कंट्रोल करू पर एक लड़की की लाश वो भी पूरी नंगी
तभी अखिल ने मुझे हिलाया]
अखिल- अबे क्या हुआ
दिलीप- अबे यह क्या है
अखिल- और कर प्लान किडनॅपिंग की
दिलीप- पर यह मरी कैसे इसके जिस्म पर कोई निशान भी नही है
अखिल- अबे इसे ज़हर दिया गया है
दिलीप- तुझे कैसे पता
अखिल- देख इसके होन्ट नीले पड़ गये हैं
दिलीप- मुझे लग रहा है इसका रेप हुआ है
अखिल- रेप नही गॅंगरेप हुआ है
दिलीप- तुझे ऐसा क्यूँ लगता है
अखिल- देख इसके बदन पे खरोंच और काटने के निशान हैं
और इसकी चूत पे खून जम गया है
यह तो पक्का है कि
यह पहले चुदवा चुकी थी
सील टूटने के बाद खून तभी निकलता है
जब लगातार कम्से कम 10 बार चुदाई होती है
दिलीप- एक काम कर इधर उधर देख कही कुछ मिल जाए
अखिल- अबे यहाँ पे एक लाश पड़ी है और तुझे
दिलीप- जो बोला है वो कर
अखिल- अबे कुछ नही है
दिलीप- चल चलते हैं यहाँ से
[मैं आगे बढ़ा ही था
कि मेरा पैर किसी चीज़ से टकराया यह कचरे का डब्बा था
मैं नीचे झुक के देखा तो उपर एक काग़ज़ था
मैने उसे उठा लिया यह एक फोन नंबर था
मैने उस नंबर पे फोन लगाया
तो वो किसी ट्रॅवेल एजेन्सी का नंबर था
तभी मेरे दिमाग़ की घंटी बजी]
सुन तू अभी पता लगा सकता है कि एमएलए का बेटा कहाँ पे है
अखिल- अबे लेकिन हुआ क्या
दिलीप- तू करेगा कि नही
[अखिल ने जल्दी से फोन पे नंबर मिलाया
फोन पे बात करते हुए उसका चेहरे का हाव भाव अजीब था
अखिल- अबे यह एमएलए का बेटा कल ही अमेरिका चला गया
दिलीप- लवदे पे गया सारा प्लान
अखिल- क्यूँ
दिलीप- अबे मेरा प्लान था
कि शीतल के ज़रिए मदन को किडनॅप करेंगे
और मदन की मदद से एमएलए को किडनॅप करेंगे
अखिल- आगे
दिलीप- अबे यहाँ पे प्लान ही ख़तम हो गया और तू आगे का पूछ रहा है
अखिल- तो क्या हुआ तू कोई और प्लान सोच
दिलीप- अबे मैं कोई बचपन से प्लान बना रहा हूँ जो 1 मिनिट में प्लान तय्यार
मेरे प्लान की मेन कड़ी मदन था
अखिल- तो अब क्या करना है
दिलीप- इंतज़ार जब तक मदन अमेरिका से वापस नही आता
और सुन मैं आज ही वापस जा रहा हूँ
[हम दोनो बात कर रहे थे कि किसीने डोर बेल बजाई इस बार अखिल के साथ मेरी भी फॅट गयी]
अखिल- अबे कौन आगया इस वक़्त हमारी मारने
दिलीप- जाके देख
अखिल- मैं नही जाउन्गा
दिलीप- जाता है कि नही
[अखिल धीरे से आयेज बढ़ा और की होल से देखने लगा....
दिलीप- चल जल्दी तय्यार हो जा
[मैने अपने मुँह पे मास्क लगाया ग्लॉब्स पहना
1 मास्टर की खुद रखा
1 अखिल को दिया
बाकी सब चीज़ एक थैले में रखा]
बेहोश करने वाली दवा और वो लाया
अखिल- हां यह ले
दिलीप- बढ़िया है ना
अखिल- एक दम ओरिजिनल
[हम दोनो पहुँचे शीतल के घर
मैने मास्टर की से मेनगेट खोला]
एक काम कर तू इस साइड देख मैं उस साइड देखता हूँ
[मैने किचन में देखा हॉल में देखा बाहर चार रूम्स थे उनसब में देखा
यह अखिल 1 रूम में इतनी देर से क्या कर रहा है
जैसे ही मैं 5वे रूम में एंटर हुआ इतनी तेज़ बदबू आई दम घुटने लगा
और अखिल खड़ा पता नही क्या कर रहा था
मैं आगे जाके उसकी गांद पे लात मार दिया उसकी चीख निकल गयी]
अखिल- अबे मार डालेगा क्या
दिलीप- लुक्खे हम यहाँ पिक्निक मनाने आए हैं
अखिल- अबे उधर देख
दिलीप- [जैसे ही मैने मूड के देखा मेरा दिल दहल गयाशीतल की लाश बेड पे पड़ी थी
मैं कितना भी अपने जज़्बात को कंट्रोल करू पर एक लड़की की लाश वो भी पूरी नंगी
तभी अखिल ने मुझे हिलाया]
अखिल- अबे क्या हुआ
दिलीप- अबे यह क्या है
अखिल- और कर प्लान किडनॅपिंग की
दिलीप- पर यह मरी कैसे इसके जिस्म पर कोई निशान भी नही है
अखिल- अबे इसे ज़हर दिया गया है
दिलीप- तुझे कैसे पता
अखिल- देख इसके होन्ट नीले पड़ गये हैं
दिलीप- मुझे लग रहा है इसका रेप हुआ है
अखिल- रेप नही गॅंगरेप हुआ है
दिलीप- तुझे ऐसा क्यूँ लगता है
अखिल- देख इसके बदन पे खरोंच और काटने के निशान हैं
और इसकी चूत पे खून जम गया है
यह तो पक्का है कि
यह पहले चुदवा चुकी थी
सील टूटने के बाद खून तभी निकलता है
जब लगातार कम्से कम 10 बार चुदाई होती है
दिलीप- एक काम कर इधर उधर देख कही कुछ मिल जाए
अखिल- अबे यहाँ पे एक लाश पड़ी है और तुझे
दिलीप- जो बोला है वो कर
अखिल- अबे कुछ नही है
दिलीप- चल चलते हैं यहाँ से
[मैं आगे बढ़ा ही था
कि मेरा पैर किसी चीज़ से टकराया यह कचरे का डब्बा था
मैं नीचे झुक के देखा तो उपर एक काग़ज़ था
मैने उसे उठा लिया यह एक फोन नंबर था
मैने उस नंबर पे फोन लगाया
तो वो किसी ट्रॅवेल एजेन्सी का नंबर था
तभी मेरे दिमाग़ की घंटी बजी]
सुन तू अभी पता लगा सकता है कि एमएलए का बेटा कहाँ पे है
अखिल- अबे लेकिन हुआ क्या
दिलीप- तू करेगा कि नही
[अखिल ने जल्दी से फोन पे नंबर मिलाया
फोन पे बात करते हुए उसका चेहरे का हाव भाव अजीब था
अखिल- अबे यह एमएलए का बेटा कल ही अमेरिका चला गया
दिलीप- लवदे पे गया सारा प्लान
अखिल- क्यूँ
दिलीप- अबे मेरा प्लान था
कि शीतल के ज़रिए मदन को किडनॅप करेंगे
और मदन की मदद से एमएलए को किडनॅप करेंगे
अखिल- आगे
दिलीप- अबे यहाँ पे प्लान ही ख़तम हो गया और तू आगे का पूछ रहा है
अखिल- तो क्या हुआ तू कोई और प्लान सोच
दिलीप- अबे मैं कोई बचपन से प्लान बना रहा हूँ जो 1 मिनिट में प्लान तय्यार
मेरे प्लान की मेन कड़ी मदन था
अखिल- तो अब क्या करना है
दिलीप- इंतज़ार जब तक मदन अमेरिका से वापस नही आता
और सुन मैं आज ही वापस जा रहा हूँ
[हम दोनो बात कर रहे थे कि किसीने डोर बेल बजाई इस बार अखिल के साथ मेरी भी फॅट गयी]
अखिल- अबे कौन आगया इस वक़्त हमारी मारने
दिलीप- जाके देख
अखिल- मैं नही जाउन्गा
दिलीप- जाता है कि नही
[अखिल धीरे से आयेज बढ़ा और की होल से देखने लगा....
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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