Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
- rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
अपडेट 57
दिलीप- हुआ यह कि जब मैने गेट खोलके अंदर देखा
तो अवन्तिका दी अपने कान में हेडफोनर लगाए अपनी गान्ड पीछे किए हुए गोल-2 घुमा रही थी
दी बहुत टाइट कपड़े पहने हुए थी
मुझे कुछ सूझ ही नही रहा था
थोड़ी देर बाद अवन्तिका दी ने अपनी गान्ड घुमाना बंद कर दिया
और अवन्तिका दी पीछे मूड गयी
मैं होश में आया
अवन्तिका दी मेरे पास आई
अवन्तिका- तू कब आया
दिलीप- अभी आप क्या कर रही थी
अवन्तिका- क्या
दिलीप- वही जो अभी आप कर रही थी
अवन्तिका- सीधा बताना
दिलीप- अभी आप अपनी गांद गोल-2 क्यूँ घुमा रही थी
अवन्तिका- छ्ही कितनी गंदी बाते करता है तू
दिलीप- इसमें क्या गंदा है
अवन्तिका- चुप बेशरम
दिलीप- मैने दी को गले लगा लिया
दी की आह निकल गयी
मैं अपने होन्ट दी के होन्ट पे रखके किस करने लगा
दी भी मेरे साथ देने लगी
मैं दी के उपरी होन्ट को चूसने लगा
दी भी मेरे निचले होन्ट चूसने लगी
अब मैं दी की ज़ुबान अपने मुँह में लेके चूसने लगा
दी मेरे पीठ सहला रही थी
मैने अपनी ज़ुबान दी के मुँह में डाल दिया
दी मेरी ज़ुबान अपने मुँह में भरके चूसने लगी
अब हमे 10 मिनिट हो गये थे किस करते हुए
मेरी साँस फूल रही थी
दी किस तोड़ने को तय्यार ही नही थी
मैने किस तोड़ दिया
और लंबी-2 साँस लेने लगा
दी का भी यही हाल था]
अब बताइए आप क्या कर रही थी
अवन्तिका- एरोबिक्स
दिलीप- इससे क्या होता है
अवन्तिका- इससे हिप्स शेप में रहता है
दिलीप- अच्छा यह करने से गांद बड़ा नही होती
अवन्तिका- नही यह करने से हिप्स पे चर्बी जमा नही होती
दिलीप- [मैं फिर किस करने वाला था कि दी ने मुझे चपत लगा दी]
अवन्तिका- तू हर वक़्त किस क्यूँ करने लगता है
दिलीप- इसमें भी आपकी ग़लती है
अवन्तिका- मैने क्या किया
दिलीप- आपने मुझे जबसे किस किया है
मन करता है हर वक़्त आपको किस करता रहूँ
अवन्तिका- तेरी कोई गिर्ल्फ्रेंड थी क्या
दिलीप- नही
अवन्तिका- तो फिर तू इतना अच्छे से किस कैसे कर लेता है
दिलीप- [अब क्या कहूँ दी ने तो बॉम्ब फोड़ दिया]
वो स्कूल में एक लड़की के साथ किस किया था
अवन्तिका- सिर्फ़ किस या कुछ और भी किया था
दिलीप- उसको तो सिर्फ़ किस किया था पर आपके साथ कुछ और ज़रूर करूँगा
[मैने मुस्कुरा के कहा]
अवन्तिका- अच्छा मैं भी तो देखु मेरा बाबू मेरे साथ क्या करता है
दिलीप- सोच लीजिए एक बार शुरू कर दिया तो रुकुंगा नही चाहे कुछ भी हो जाए
अवन्तिका- अगर कोई आगया तो
दिलीप- तब भी नही रुकुंगा
अवन्तिका- अगर बड़े पापा आगाये तो
दिलीप- कौन बड़े पापा
अवन्तिका- वँया के पिताजी तेरे बड़े मामा और मेरे चाचा जी
दिलीप- [बड़े मामा का नाम सुनके मेरी फट गयी]
मुझे घबराया हुआ देखके दी मेरे पास आई
अवन्तिका- सॉरी बाबू अपनी दी को माफ़ कर्दे
दिलीप- नही दी आपको सॉरी बोलने की ज़रूरत नही है
मुझे पता है कि आप मज़ाक कर रही थी
[यह कहके मैने दी को किस किया और बाहर आगया]
मैने टाइम देखा अब स्कूल की छुट्टी हो गयी होगी
मैं बड़ी नानी का रूम नॉक किया
बड़ी नानी ने गेट खोला]
बड़ी नानी मैं बाजार जा रहा हूँ
आपको कुछ मंगाना है
बड़ी नानी- तुझे जाने की क्या ज़रूरत है
किसी नौकर को बोल दे वो चला जाएगा
दिलीप- विनय भी मेरे साथ जाएगा बाजार
बड़ी नानी- ठीक है पर जल्दी आ जाना
दिलीप- मेरी प्यारी बड़ी नानी
[यह कहके मैं बाहर आया अपनी बाइक पे बैठा और रीना मेडम के घर की तरफ चल दिया..
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
अपडेट 58
थोड़ी देर बाद मैं [रीना मेडम ] के घर पहुँचा
यह डोर बेल को भी आज ही खराब होना था
मैं घर के पीछे वाले हिस्से में बाइक लेके गया
शूकर है खिड़की खुली थी
मैं खिड़की से अंदर गया
रीना के घर में 2 रूम्स थे
अब मैं पहले रूम से बाहर निकला और दूसरे रूम की तरफ गया
दूसरा रूम भी बंद था
मैं एक टेबल लिया उसपे चढ़ गया
जैसे ही मैं अंदर झाँका अंदर वही प्रिन्सिपल और रीना की चुदाई चल रही थी थी
मैं मोबाइल निकाला और लगा रेकॉर्डिंग करने
10 मिनिट तक चुदाई प्रोग्राम चलता रहा
मैं टेबल से नीचे उतरा
टेबल साइड में किया और एक कोने में छिप गया
थोड़ी देर बाद प्रिन्सिपल रूम से बाहर निकला और घर से बाहर चला गया
रीना ने मैनगेट लॉक किया और अपने रूम के बाथरूम में चली गयी
मैं रूम में गया और बेड पे बैठ गया
थोड़ी देर बाद रीना अपने जिस्म पे टवल लपेटे हुए बाथरूम से बाहर निकली
रीना ने जब मुझे देखा तो चौंक गयी
रीना- दिलीप तुम यहाँ क्यूँ आए हो
दिलीप- आपसे मिलने और क्या
रीना- पर क्यूँ
दिलीप- आपको दो ऑप्षन देता हूँ
आप प्रिन्सिपल से पीछा छुड़ाना चाहती है
या उसे बर्बाद करना चाहती हैं
रीना- मुझे प्रिन्सिपल को बर्बाद करना है
दिलीप- तो ठीक है अब मेरी बात ध्यान से सुनिए
मैने रीना को अपना प्लान बताया
रीना- अगर मुझे कुछ होगया तो मेरे पति का क्या होगा
दिलीप- तो फिर आप ऑप्षन आ चुन लीजिए
रीना- अगर मैं बच भी गयी तो प्रिन्सिपल किसी और की जिंदगी बर्बाद कर देगा
इसीलिए अब जो होगा देखा जाएगा
दिलीप- ठीक है कल मैं 8 बजे सुबह आ जाउन्गा आप प्रिन्सिपल को 9बजे बुला लेना
[यह कहके मैं बाहर आया
अपनी बाइक उठाई और चल दिया मार्केट मार्केट में जलेबी की दुकान पे गया
जलेबी पॅक करवाया और पहुँचा हवेली
जैसे ही मैने अंदर पावं रखा सब लड़किया एक साथ हॉल में बैठी थी
सब बहने मुझे देखके मेरे पास आगयि
विद्या- इसमें क्या लाया है
दिलीप- जलेबी
अरुणा- वाउ जलेबी ला मुझे दे मैं प्लेट में रखके लाती हूँ
[अरुणा दी जलेबी लेके चली गयी]
वँया ने मुझे पानी लाके दिया
मैं पानी पिया और सोफे पे बैठ गया
अवन्तिका- इतनी गर्मी में तुझे बाहर जाने की क्या ज़रूरत थी
दिलीप- अपने दोस्त के साथ गया था
मेघा- ला मैं तेरे पैर दबा देती हूँ
दिलीप- अरे मैं बाइक से गया था कोई पैदल थोड़ी गया था
सुनीता- मैं भी पैर दबाउन्गी
दिलीप- आप का भी जवाब नही मैं मेघा दी को समझाने की कोशिश कर रहा हूँ
[मेरे बोलने का कुछ फ़ायदा नही हुआ
दोनो जुड़वा बहने मेरे दोनो पैर दबाने लगी]
[मैं तो सोचने लगा कि यह कोई सपना तो नही है]
अरुणा दी जलेबी लेके आगयि
दिलीप- बड़ी नानी को तो बुलाए
विद्या- माँ चाची और बड़ी दादी बात कर रहे हैं
दिलीप- बड़े मामा छ्होटे मामा अभी तक नही आए
विद्या- नही
अब कोई सवाल नही
दिलीप- अच्छा ठीक है
मैने सब बहनों को जलेबी खिलाई
मौका देखके मैने एक जलेबी अपने जेब में डाल ली
ऐसे ही हम सबने जलेबी खा ली]
फिर हम सब टीवी देखने लगे
दिलीप- दी मैं अपने रूम में जा रहा हूँ
विद्या- हम सब भी अपने रूम में जा रहे हैं
दिलीप- मैं अपने रूम में आगया
टाइम पास करने के लिए मैं मोबाइल पे गेम खेलने लगा
थोड़ी देर बाद कंधे में दर्द होने लगा
मैं ऐसे ही बेड पे लेट गया
थोड़ी देर बाद नींद अ गई
सपने में मैं देखा कि अवन्तिका दी मेरे रूम में आई
और मुझे किस करने लगी
मैने दी को ज़ोर से अपनी बाहो में भीच लिया
तभी अवन्तिका दी ने मेरे गाल पे थप्पड़ मार दिया
मेरी आँख खुल गयी
मैने देखा मेरे सामने गुस्से में लाल पीली हुई विद्या दी खड़ी थी.,....,.,
थोड़ी देर बाद मैं [रीना मेडम ] के घर पहुँचा
यह डोर बेल को भी आज ही खराब होना था
मैं घर के पीछे वाले हिस्से में बाइक लेके गया
शूकर है खिड़की खुली थी
मैं खिड़की से अंदर गया
रीना के घर में 2 रूम्स थे
अब मैं पहले रूम से बाहर निकला और दूसरे रूम की तरफ गया
दूसरा रूम भी बंद था
मैं एक टेबल लिया उसपे चढ़ गया
जैसे ही मैं अंदर झाँका अंदर वही प्रिन्सिपल और रीना की चुदाई चल रही थी थी
मैं मोबाइल निकाला और लगा रेकॉर्डिंग करने
10 मिनिट तक चुदाई प्रोग्राम चलता रहा
मैं टेबल से नीचे उतरा
टेबल साइड में किया और एक कोने में छिप गया
थोड़ी देर बाद प्रिन्सिपल रूम से बाहर निकला और घर से बाहर चला गया
रीना ने मैनगेट लॉक किया और अपने रूम के बाथरूम में चली गयी
मैं रूम में गया और बेड पे बैठ गया
थोड़ी देर बाद रीना अपने जिस्म पे टवल लपेटे हुए बाथरूम से बाहर निकली
रीना ने जब मुझे देखा तो चौंक गयी
रीना- दिलीप तुम यहाँ क्यूँ आए हो
दिलीप- आपसे मिलने और क्या
रीना- पर क्यूँ
दिलीप- आपको दो ऑप्षन देता हूँ
आप प्रिन्सिपल से पीछा छुड़ाना चाहती है
या उसे बर्बाद करना चाहती हैं
रीना- मुझे प्रिन्सिपल को बर्बाद करना है
दिलीप- तो ठीक है अब मेरी बात ध्यान से सुनिए
मैने रीना को अपना प्लान बताया
रीना- अगर मुझे कुछ होगया तो मेरे पति का क्या होगा
दिलीप- तो फिर आप ऑप्षन आ चुन लीजिए
रीना- अगर मैं बच भी गयी तो प्रिन्सिपल किसी और की जिंदगी बर्बाद कर देगा
इसीलिए अब जो होगा देखा जाएगा
दिलीप- ठीक है कल मैं 8 बजे सुबह आ जाउन्गा आप प्रिन्सिपल को 9बजे बुला लेना
[यह कहके मैं बाहर आया
अपनी बाइक उठाई और चल दिया मार्केट मार्केट में जलेबी की दुकान पे गया
जलेबी पॅक करवाया और पहुँचा हवेली
जैसे ही मैने अंदर पावं रखा सब लड़किया एक साथ हॉल में बैठी थी
सब बहने मुझे देखके मेरे पास आगयि
विद्या- इसमें क्या लाया है
दिलीप- जलेबी
अरुणा- वाउ जलेबी ला मुझे दे मैं प्लेट में रखके लाती हूँ
[अरुणा दी जलेबी लेके चली गयी]
वँया ने मुझे पानी लाके दिया
मैं पानी पिया और सोफे पे बैठ गया
अवन्तिका- इतनी गर्मी में तुझे बाहर जाने की क्या ज़रूरत थी
दिलीप- अपने दोस्त के साथ गया था
मेघा- ला मैं तेरे पैर दबा देती हूँ
दिलीप- अरे मैं बाइक से गया था कोई पैदल थोड़ी गया था
सुनीता- मैं भी पैर दबाउन्गी
दिलीप- आप का भी जवाब नही मैं मेघा दी को समझाने की कोशिश कर रहा हूँ
[मेरे बोलने का कुछ फ़ायदा नही हुआ
दोनो जुड़वा बहने मेरे दोनो पैर दबाने लगी]
[मैं तो सोचने लगा कि यह कोई सपना तो नही है]
अरुणा दी जलेबी लेके आगयि
दिलीप- बड़ी नानी को तो बुलाए
विद्या- माँ चाची और बड़ी दादी बात कर रहे हैं
दिलीप- बड़े मामा छ्होटे मामा अभी तक नही आए
विद्या- नही
अब कोई सवाल नही
दिलीप- अच्छा ठीक है
मैने सब बहनों को जलेबी खिलाई
मौका देखके मैने एक जलेबी अपने जेब में डाल ली
ऐसे ही हम सबने जलेबी खा ली]
फिर हम सब टीवी देखने लगे
दिलीप- दी मैं अपने रूम में जा रहा हूँ
विद्या- हम सब भी अपने रूम में जा रहे हैं
दिलीप- मैं अपने रूम में आगया
टाइम पास करने के लिए मैं मोबाइल पे गेम खेलने लगा
थोड़ी देर बाद कंधे में दर्द होने लगा
मैं ऐसे ही बेड पे लेट गया
थोड़ी देर बाद नींद अ गई
सपने में मैं देखा कि अवन्तिका दी मेरे रूम में आई
और मुझे किस करने लगी
मैने दी को ज़ोर से अपनी बाहो में भीच लिया
तभी अवन्तिका दी ने मेरे गाल पे थप्पड़ मार दिया
मेरी आँख खुल गयी
मैने देखा मेरे सामने गुस्से में लाल पीली हुई विद्या दी खड़ी थी.,....,.,
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
अपडेट 59
दिलीप- दी आप यहाँ कुछ काम था क्या
[विद्या दी ने कुछ नही बोला]
मैने देखा विद्या दी के होंठो पे लिपस्टिक फैली हुई है
मैने अपनी उंगली अपने होन्ट पे लेजाके पोछा
यह क्या मेरी उंगली पे लिपस्टिक लगा हुआ है
मैने विद्या दी के पास जाने के लिए अपना पैर बढ़ाया ही था
कि मेरे कंधे में दर्द होने लगा
मैं अपना कंधा पकड़के वही पे बैठ गया
विद्या दी दौड़के मेरे पास आई
विद्या- क्या हुआ बाबू
दिलीप- कुछ नही बस कंधे में दर्द हो रहा है
मुझे माफ़ कर दीजिए मैने आपको
विद्या- माफी तो मुझे माँगनी चाहिए
मैने बिना सोचे तुझे थप्पड़ मार दिया
तू तो नींद में था
[विद्या दी मुझे सहारा देके बेड पे ले गई और मेरा सर अपनी गोद में रखके बैठ गई]
दिलीप- दी आपने सच में मुझे माफ़ कर दिया
विद्या- हाँ बाबू
दिलीप- लेकिन यह हुआ कैसे
विद्या- मैं तुझे बताने आई थी कि पापा ने कहा है कि तुझे और वँया को कल से स्कूल जाना है
जैसे मैं तेरे पास पहुँची तूने मुझे गले लगा लिया और
दिलीप- अब आप जाओ
मैं आता हूँ थोड़ी देर में
विद्या दी चली गयी
मैं अपनी जेब से जलेबी निकालके अलमारी में रखके बाथरूम गया
जब मैं बाथरूम से बाहर आया तो देखा बड़ी नानी बड़े मामा और डॉक्टर बेड पे बैठे थे]
मैं बड़ी नानी के पास गया
बड़ी नानी- इधर आके बैठ
[मैं बैठ गया]
दिलीप- [डॉक्टर मुझे चेक करने लगा]
डॉक्टर- अपनी शर्ट उतार दो
[मैने अपनी शर्ट उतार दिया]
[फिर डॉक्टर ने मेरा चेक अप किया दवाई दिया उपर से बॅंडेज भी लगाके चला गया
बड़ी मामा भी चले गये]
बड़ी नानी- अब अपना ख्याल रखना
वरना मैं तुझसे बात नही करूँगी
[यह सुनके मैं हँसने लगा]
दिलीप- आप और मुझसे बात नही करेंगी
बड़ी नानी मेरे गले लग गयी
बड़ी नानी- अब तू आराम कर
[फिर बड़ी नानी बाहर चली गयी]
मैं लेटने ही वाला था कि वँया गेट खोलके अंदर आगयि
वँया- ज़्यादा दर्द है
दिलीप- कोई दर्द नही है और तुम्हारी आँखों में आँसू
[वँया मेरे गले लग्के रोने लगी]
मैने वँया को रोने दिया
थोड़ी देर बाद वँया चुप हो गई
वँया- मैं तुम्हारे लिए खाना लेके आती हूँ
[वँया खाना लेके आ गई
और मुझे अपने हाथ से खिलाने लगी]
वँया- और लेके आऊँ
दिलीप- नही अब तुम भी जाके खाना ख़ालो
मैने 2 एएम का अलार्म लगाके थोड़ी देर बाद मैं सो गया
ठीक 2 एम मैं उठा अलमारी से जलेबी निकाला
मास्टर के जेब में रखा
और पहुँचा अवन्तिका दी के रूम पे
मेरे हाथ लगते ही गेट खुल गया
मैं अंदर आया गेट लॉक किया
धीरे से मैं अवन्तिका दी के पास पहुँचा
दी सोते हुए बहुत प्यारी लग रही थी
मैं दी के साथ लेट गया और दी की गरम सांसो को महसूस करने लगा
मैं अपने होंठ दी की गर्दन पे रखके चूमने लगा
दी नींद में ही सिसकने लगी
अचानक दी की आँख खुल गयी
दी चीखने ही वाली थी कि मैं अपने होंठ दी के होंठो पे रखके चूसने लगा
मैने किस तोड़ दिया
दिलीप- मेरी प्यारी दी
अवन्तिका- बाबू अभी टाइम क्या हुआ है
दिलीप- अभी मुझे आपको प्यार करने का टाइम है
अवन्तिका- अच्छा जी कैसे
[दी उठके बैठ गयी
दिलीप-[मैने जलेबी अपने मुँह मे लगा ली]
अवन्तिका- तू यह सब सोच कैसे लेता है
[मैं जलेबी दी के होंठो पे लगा दी
दी ने मुस्कुरा के अपना मुँह खोला और जलेबी अपने मुँह मे ले लिया
जैसे-2 जलेबी ख़तम हो रही थी वैसे-2 हमारे होंठ एक दूसरे के करीब आरहे थे
शुकर है जलेबी ख़तम हुई और हम एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे
मैं दी कि पीठ सहला रहा था
और दी मेरे सर में अपनी उंगली फिरा रही थी
जलेबी की मिठास किस करते हुए हम दोनो के मुँह में घुल रही थी
मैने किस तोड़ दिया
और हाँफने लगा
दी का भी यही हाल था
मैं फिर दी को किस करने लगा
दी भी पूरे जोश के साथ मेरे होंठो को चूस रही थी
मैं दी की ज़ुबान अपने मुँह में लेके चूसने लगा
दी के होंठ चूस्ते हुए मैने दी को खींचके अपनी गोद में बिठा लिया
और पूरे जोश के साथ दी की ज़ुबान चूसने लगा
अब मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा था
तो दी की क्या हालत होगी
मैने किस तोड़ दिया
और हाँफने लगा
मैं बेड से उठ गया
दी मुझे प्यासी नज़रो से देख रही थी
मैं दी के गाल पे किस किया
और रूम से बाहर निकलके अपने रूम में आया
बाथरूम गया अपनी पैंट उतारके अपने लंड पे ठंडा पानी डाला
फिर मैं अलमारी से निक्कर निकालके पहेन लिया
बेड पे लेटते ही मुझे नींद आ गयी..,.,.'
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- Kamini
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- Joined: 12 Jan 2017 13:15
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
mast update
- naik
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- Joined: 05 Dec 2017 04:33
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
apdate dia kerye raj bhai jo kahani achchi hoti h woh apdate hi nahi de te kia baat h
plz apdate ker dia kare
plz apdate ker dia kare