Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
- VKG
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- Kamini
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
waiting..........
- rangila
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- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
thanks mitro
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
अपडेट 56
[विद्या दी मॅट उठा के झाड़ने लगी यह सब देख मुझे हँसने का मन हो रहा था]
दिलीप- अवन्तिका दी आपको वहम हुआ होगा
अरुणा- और नही तो क्या
[फिर हम सब बैठ के आम चूसने लगे
इस बार अवन्तिका दी मेरे सामने बैठी थी
दिलीप- बस और नही खा सकता
आप लोग खाओ
मैं और अवन्तिका दी मुँह धोके आते हैं
[अवन्तिका दी कुछ बोल पाती उससे पहले ही मैं उनका हाथ पकड़ के बगीचे वाले घर में ले गया
अवन्तिका- कितना बेशरम है अगर कोई देख लेता तो
[मैं अवन्तिका दी के होन्ट पे अपने होन्ट रखके चूसने लगा
अवन्तिका दी दी भी मेरे होन्ट चूसने लगी
कुछ देर बाद
ह्यूम किसी आने की आहट सुनाई दी
मैं जल्दी से बाथरूम में घुस गया
मुँह धोके बाहर आया
तो कोई नही था
मैं फिर बगीचे में गया
सब बहने मॅट पे बैठी थी
मैं भी जाके बैठ गया
वँया- दी चलो ना कुछ खेलते है
दिलीप- कबड्डी खेले
विद्या- तू अकेले खेल कबड्डी
हम तो हाइड आंड सीक खेलेंगे
दिलीप- ज़रा आप इसका देसी रूपांतरण करेंगी
वँया- छुपम छुपाइ
दिलीप- आप सब छुपो मैं ढूंढूंगा
[मैं अवन्तिका दी की तरफ देखके कहा]
मैने अपनी आँखें बंद कर ली और 1 से 20 तक गिना
मुझे तो सिर्फ़ अवन्तिका दी को ढूंडना था
मैं इधर उधर देखने लगा
मुझे पेड़ के पीछे कोई दिखा
मैं धीरे से गया तो यह मेघा दी थी
मैं दूसरी तरफ देखा वहाँ पे अरुणा दी थी
[मैं सोचा ऐसे नही होगा
मैं एक पेड़ पे चढ़ गया
और वहाँ से मैं सब को देख लिया
बड़े से पेड़ के कोने में अवन्तिका दी छुपि थी
मैं धीरे कदमो से उस तरफ जाने लगा
वहाँ पे पहुँच के मैने अवन्तिका दी को पीछे से गले लगा लिया
अवन्तिका दी ने पीछे मूड कर देखा
अवन्तिका- दिलीप कोई देख लेगा
[मैं अपने होन्ट अवन्तिका दी की गर्दन पे रखके सहलाने लगा]
अवन्तिका- बाबू प्लीज़ घर चलके जो करना हो कर्लेना यहाँ नही कोई देख लेगा
दिलीप- वादा
अवन्तिका- पक्का वादा
[फिर मैं वहाँ पर से आगे गया विद्या दी के पास
फिर मेघा दी सुनीता दी अरुणा दी
लास्ट में मैं वँया के पास गया]
कितनी देर से ढूँढ रहा हूँ
वँया- सबको ढूँढ लिया
दिलीप- हाँ अब चलो खाना खाने का समय हो गया है
फिर हम वहाँ से हँसी मज़ाक करते हुए घर पहुँचे
बड़ी नानी- आगया मेरा बेटा चल बैठ खाना खाले
हम बैठ गये बड़ी मामी और सी मामी खाना सर्फ करने लगी
मेरे बगल में बड़ी नानी बैठ गयी
मैं पहला नीवाला बड़ी नानी को खिलाया
विद्या- मुझे नही खिलाएगा
दिलीप- मैं विद्या दी को भी खिलाया
उसके बाद तो सबने भूख हड़ताल करदी
मैने सब बहनो को खिलाया
विद्या- मम्मी आप भी खाओ ना
भैया के हाथ से
[मैने बड़ी मामी को खिलाया
लास्ट में मैं अपने प्लेट में देखा तो आखरी नीवाला बचा था
मैं वो उठाके खुद खा लिया
जैसे ही मैं उठने वाला था कि सब बहनो ने मेरे प्लेट एक-2 नीवाला रख दिया
फिर हम सबने खाना खाया
और मैं अपने रूम में आगया
तभी मेरा फोन बजा
हेलो
अरविंद बोल रहा हूँ
दिलीप- जी एसपी सर
एसपी- तुम्हे जान के खुशी होगी कि एमएलए ने जितनी भी लड़किया विदेश में बेची थी
वो सब कल वापस अजाएँगी
दिलीप- यह तो बहुत अच्छी बात है
एसपी- एक और बात एमएलए की इल्लीगल प्रॉपर्टीस की कीमत 14000करोड़ है
उसमें से गवर्नमेंट ने 10 पर्सेंट तुम्हे देने को कहा है
दिलीप- इतने पैसे का मैं क्या करूँगा
एसपी- वो तुम जानो
तुम्हे जब भी अपने पैसे लेने हो
मुझे बता देना
फोन कट
मैं अपने रूम से बाहर आया और अवन्तिका दी के रूम पहुँचा
मैं धीरे से गेट खोला
उसके बाद जो मैने देखा
वो देखके मेरा दिमाग़ सुन्न हो गया...
[विद्या दी मॅट उठा के झाड़ने लगी यह सब देख मुझे हँसने का मन हो रहा था]
दिलीप- अवन्तिका दी आपको वहम हुआ होगा
अरुणा- और नही तो क्या
[फिर हम सब बैठ के आम चूसने लगे
इस बार अवन्तिका दी मेरे सामने बैठी थी
दिलीप- बस और नही खा सकता
आप लोग खाओ
मैं और अवन्तिका दी मुँह धोके आते हैं
[अवन्तिका दी कुछ बोल पाती उससे पहले ही मैं उनका हाथ पकड़ के बगीचे वाले घर में ले गया
अवन्तिका- कितना बेशरम है अगर कोई देख लेता तो
[मैं अवन्तिका दी के होन्ट पे अपने होन्ट रखके चूसने लगा
अवन्तिका दी दी भी मेरे होन्ट चूसने लगी
कुछ देर बाद
ह्यूम किसी आने की आहट सुनाई दी
मैं जल्दी से बाथरूम में घुस गया
मुँह धोके बाहर आया
तो कोई नही था
मैं फिर बगीचे में गया
सब बहने मॅट पे बैठी थी
मैं भी जाके बैठ गया
वँया- दी चलो ना कुछ खेलते है
दिलीप- कबड्डी खेले
विद्या- तू अकेले खेल कबड्डी
हम तो हाइड आंड सीक खेलेंगे
दिलीप- ज़रा आप इसका देसी रूपांतरण करेंगी
वँया- छुपम छुपाइ
दिलीप- आप सब छुपो मैं ढूंढूंगा
[मैं अवन्तिका दी की तरफ देखके कहा]
मैने अपनी आँखें बंद कर ली और 1 से 20 तक गिना
मुझे तो सिर्फ़ अवन्तिका दी को ढूंडना था
मैं इधर उधर देखने लगा
मुझे पेड़ के पीछे कोई दिखा
मैं धीरे से गया तो यह मेघा दी थी
मैं दूसरी तरफ देखा वहाँ पे अरुणा दी थी
[मैं सोचा ऐसे नही होगा
मैं एक पेड़ पे चढ़ गया
और वहाँ से मैं सब को देख लिया
बड़े से पेड़ के कोने में अवन्तिका दी छुपि थी
मैं धीरे कदमो से उस तरफ जाने लगा
वहाँ पे पहुँच के मैने अवन्तिका दी को पीछे से गले लगा लिया
अवन्तिका दी ने पीछे मूड कर देखा
अवन्तिका- दिलीप कोई देख लेगा
[मैं अपने होन्ट अवन्तिका दी की गर्दन पे रखके सहलाने लगा]
अवन्तिका- बाबू प्लीज़ घर चलके जो करना हो कर्लेना यहाँ नही कोई देख लेगा
दिलीप- वादा
अवन्तिका- पक्का वादा
[फिर मैं वहाँ पर से आगे गया विद्या दी के पास
फिर मेघा दी सुनीता दी अरुणा दी
लास्ट में मैं वँया के पास गया]
कितनी देर से ढूँढ रहा हूँ
वँया- सबको ढूँढ लिया
दिलीप- हाँ अब चलो खाना खाने का समय हो गया है
फिर हम वहाँ से हँसी मज़ाक करते हुए घर पहुँचे
बड़ी नानी- आगया मेरा बेटा चल बैठ खाना खाले
हम बैठ गये बड़ी मामी और सी मामी खाना सर्फ करने लगी
मेरे बगल में बड़ी नानी बैठ गयी
मैं पहला नीवाला बड़ी नानी को खिलाया
विद्या- मुझे नही खिलाएगा
दिलीप- मैं विद्या दी को भी खिलाया
उसके बाद तो सबने भूख हड़ताल करदी
मैने सब बहनो को खिलाया
विद्या- मम्मी आप भी खाओ ना
भैया के हाथ से
[मैने बड़ी मामी को खिलाया
लास्ट में मैं अपने प्लेट में देखा तो आखरी नीवाला बचा था
मैं वो उठाके खुद खा लिया
जैसे ही मैं उठने वाला था कि सब बहनो ने मेरे प्लेट एक-2 नीवाला रख दिया
फिर हम सबने खाना खाया
और मैं अपने रूम में आगया
तभी मेरा फोन बजा
हेलो
अरविंद बोल रहा हूँ
दिलीप- जी एसपी सर
एसपी- तुम्हे जान के खुशी होगी कि एमएलए ने जितनी भी लड़किया विदेश में बेची थी
वो सब कल वापस अजाएँगी
दिलीप- यह तो बहुत अच्छी बात है
एसपी- एक और बात एमएलए की इल्लीगल प्रॉपर्टीस की कीमत 14000करोड़ है
उसमें से गवर्नमेंट ने 10 पर्सेंट तुम्हे देने को कहा है
दिलीप- इतने पैसे का मैं क्या करूँगा
एसपी- वो तुम जानो
तुम्हे जब भी अपने पैसे लेने हो
मुझे बता देना
फोन कट
मैं अपने रूम से बाहर आया और अवन्तिका दी के रूम पहुँचा
मैं धीरे से गेट खोला
उसके बाद जो मैने देखा
वो देखके मेरा दिमाग़ सुन्न हो गया...
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )