Incest मैं अपने परिवार का दीवाना

Post Reply
User avatar
rangila
Super member
Posts: 5698
Joined: 17 Aug 2015 16:50

Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

Post by rangila »

अपडेट 13
विनय- अब आप बताओ मैं क्या करूँ
अगर जीजा जी ने दूसरी शादी कर ली तो मेरी दीदी का क्या होगा
दिलीप- तू चिंता क्यूँ करता मैं तेरा भाई हूँ ना
मैं कुछ सोचता हूँ
अब तू घर जा
विनय चला गया
[मुझे कुछ नही पता था विनय की मदद कैसे करूँगा]
अब सुधा ही मेरी मदद कर सकती है
मैं वहाँ से घर आया घर पहुँचके
दिलीप- बड़ी नानी कहाँ है सुधा से मैने पूछा
सुधा- बड़ी ठकुराइन बाहर गयी है छोटे मालिक
दिलीप- अच्छा सुधा आज तुमसे उसने कुछ पूछा कि रात को कौन आया था
सुधा- किसने
दिलीप- जिसके साथ तुम चुदवा रही थी
सुधा- नही वो तो आज मुझसे बात भी नही कर रहा है
दिलीप- आज तुम जल्दी आ जाना रात को
कल तो मैं चला जाउन्गा
सुधा- छोटे मालिक आपको बड़ी जल्दी है
दिलीप- ऐसा नही है मुझे कुछ और बात करनी है
सुधा- ठीक है छोटे मालिक
दिलीप- मैं अपने रूम में जा रहा हूँ
बड़ी नानी आजाए तो मुझे बुला लेना
थोड़ी देर बाद बड़ी नानी आगयि मैं नीचे गया हम ने साथ में खाना खाया और मैं अपने रूम में जाके सो गया
शाम को बड़ी नानी ने मुझे उठाया
ब नानी- बेटा उठ जा चाइ पीले फिर कल ले जाने के लिए अपना समान निकाल लेना मैं पॅक कर दूँगी
दिलीप- जी बड़ी नानी मैं चाइ पीके अपना जो समान मेरे काम का था उसे निकाल लिया
थोड़ी देर बाद बड़ी नानी आके मेरा समान पॅक करने लगी
दिलीप- बड़ी नानी मुझे समझ नही आता आप मेरे लिए खाना खुद बनाती है मेरे साथ खाती है
आप मेरे कपड़े भी धोती है
मेरा समान कहाँ रखा है मैं ढूंडता रहता हूँ
आप बिना देखे बता देती हो कि मेरी ये चीज़ वहाँ रखी है
ब नानी- क्यूंकी तू मेरा बेटा है तेरे लिए ही मैं जी रही हूँ
दिलीप- बड़ी नानी यह आप कैसी बातें कर रही हैं
अगर मैं कहूँ मैं आपके बिना कैसे जीऊँगा यह कह के
मैं बड़ी नानी के गले लग के रोने लगा
ब नानी- मेरा बहादुर बेटा रो रहा चुप हो जा मेरे लाल
अब नही कहूँगी चुप हो जेया
दिलीप- मैं अपने आँसू पोछे
चलिए अब खाना खाते हैं
आज बड़ी नानी को मैं अपने हाथों से खाना खिलाया
खाना ख़ाके जब मैं उपर अपने कमरे में जाते हुए मैं सुधा को देख रहा था
सुधा ने मुझे अपने हाथों की दस उंगली दिखाई
मैं समझ गया सुधा 10पीएम आएगी
अभी 9पीएम बजे थे
मैं सोचा एक घंटा पढ़ाई कर लेता हूँ
मैं पढ़ाई करने लगा मुझे पढ़ते हुए 10 बज गये
मैं फिर पढ़ाई करने लगा
अब 11 बज गये
मुझे गुस्सा आने लगा
तभी किसीने गेट नॉक किया
मैं गेट खोला तो सामने सुधा खड़ी थी
मैं उसे देखता रह गया
आज पहली बार किसी औरत को मैं इस हालत में देख रहा था
सुधा लाल साड़ी पहेने होंटो पे लाल लिपस्टिक
इससे नीचे देखने की मेरी हिम्मत नही हुवी
अगर मैं और नीचे देखता तो मैं बहेक सकता हूँ
दिलीप- सुधा यह सब क्या है
सुधा- क्यूँ आपको अच्छा नही लगा
दिलीप- 1 घंटा लेट आती हो और पूछती हो अच्छा नही लगा
सुधा- वो तय्यार होने में 1 घंटा लग गया
दिलीप-अच्छा आओ अंदर
सुधा अंदर आ गयी
मैं डोर लॉक कर दिया
बेड पे बैठो पहले तुम से एक ज़रूरी बात करनी है
सुधा- जी वोही करने तो आई हूँ
दिलीप- अभी चुदाई वाली बात नही करनी है
मैं इतना बड़ा महापुरुष नही हूँ
कि एक जवान खूबसूरत लड़की मुझे चुदाई के बारे में बताए और मैं बहेकू ना
सुधा अपनी तारीफ़ सुनके शर्मा गयी
अब सुनो यह ज़रूरी बात है
बीच में टोकना मत


मेरा एक दोस्त है उसकी बहेन की शादी को 2 साल हो गये उसको अभी तक बच्चा नही हुवा इसलिए उसका पति दूसरी शादी करना चाहता है
सुधा- छोटे मालिक आपको पता है बच्चा कैसे होता है और कहाँ से निकलता है
दिलीप- हाँ पता है बच्चा शादी करने से होता है और माँ के पेट से निकलता है
सुधा- छोटे मालिक आप कितने भोले हैं
दिलीप- यह तुम तारीफ़ कर रही हो या ताना मार रही हो
सुधा- तारीफ़ कर रही हूँ बाबा
दिलीप- अब बताओ भी मैं अपने दोस्त को वादा किया है कि मैं उसकी मदद करूँगा
सुधा- यह बताइए कि उसकी पति ने या उसने डॉक्टर से बात की है
दिलीप- छी यह सब बात भी कोई डॉक्टर से करता है
सुधा- आप पहले बताइए तो
दिलीप- मुझे नही लगता कि उन्दोनो ने डॉक्टर से इस बारे में बात की है
सुधा- आप अपने दोस्त को बोलिए कि वो अपनी बहेन को डॉक्टर से दिखाने के लिए बोले
और अपनी बहेन को बोले सिर्फ़ अपने आपको डॉक्टर से दिखाना है
दिलीप- ऐसा क्यूँ
सुधा- इससे दो बाते सॉफ होगी
पहली अगर उसकी बहेन का रिपोर्ट ठीक आया तो इसका मतलब
उसकी बहेन में कोई कमी नही है
दूसरी इससे यह बात सॉफ हो जाएगी कि कमी उसकी बहेन के पति में है
दिलीप- इससे अच्छा तो दोनो एक साथ डॉक्टर को दिखाए
सुधा- ऐसा नही कर सकते किसी भी मर्द को यह बोला जाए कि कमी उसमें है उसकी पत्नी में नही
वो मर्द अपनी जान दे देगा लेकिन यह कभी नही स्वीकार करेगा कि कमी उसमें है
हाँ कुछ मर्द होते हैं जो यह बात स्वीकार भी करते हैं और अपना इलाज भी करवाते हैं
सुधा- उसका पति मानेगा ही नही कि कमी उसमें है
और अगर वो लड़की चाहती है कि उसकी ज़िंदगी बर्बाद ना हो तो उसे किसी और मर्द से चुदवाना होगा
और उसका बच्चा पैदा करना होगा
दिलीप- क्य्ाआआआअ.......
User avatar
rangila
Super member
Posts: 5698
Joined: 17 Aug 2015 16:50

Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

Post by rangila »

अपडेट 14
दिलीप- पर बच्चा तो शादी के बाद होता हैं ना
सुधा- नही छोटे मालिक मुझे चुदाई के बारे में जितना पता है मैं आपको बताती हूँ
और आप चुप चाप सुनेंगे
दिलीप- [सुधा को ऐसे बोलते देख मेरी बोलती बंद हो गई] ठीक है
सुधा- आप अपने सारे कपड़े उतार दीजिए और बेड पे लाइट जाइए
दिलीप- आज पहली बार मुझे शरम आ रही थी
मैं अपना शर्ट उतारा पैंट उतारा और अपना अंडरवेर भी उतार दिया
मैं मैं बेड पे लेट गया
सुधा अपनी साड़ी उतारने लगी मेरा लंड अपनी औकात में आने लगा
अब सुधा अपना ब्लाउस उतारने लगी
मेरे दिल बड़ी तेज़ी से धड़क रहा था
सुधा अपना पेटिकोट का नाडा खोला
पेटीकोत एक झटके में नीचे गिरा
सुधा ने छोटी चड्डी पहनी हुई थी लाल रंग की
सुधा ने हाथ पीछे ले जाके हुक खोला
और अपने दूध को आज़ाद कर दिया
सुधा अपनी चड्डी उतारने लगी जब उसने अपनी चड्डी उतारी
मेरा मन किया अभी जाके सुधा को अपनी बाहो में ले लूँ
मैं बार बार अपने आप को समझा रहा था सुधा मेरे पास आने लगी
सुधा-अब मैं जैसे करूँ आप भी वैसे ही करना
दिलीप- सुधा मेरे होन्ट चूसने लगी [यह सब तो मुझे पता है
तभी मेरे लंड की आवाज़ मेरे कानो में पड़ी
मेरे लंड ने मुझे 3 4 गाली दी और धमकी भी दी
अगर अभी कुछ सोचा है तूने तो कभी खड़ा नही होऊँगा]
मैं भी सुधा के होन्ट चूसने लगा
सुधा जैसे मेरे होन्ट चूस रही थी
मैं भी वैसे चूसने लगा
सुधा अब मेरे उपरी होंठ चूस रही थी
मैं वैसे ही सुधा के निचले होन्ट चूसने लगा
अब मेरी साँस अटकने लगी थी
फिर भी मैं सुधा के होन्ट चूस्ता रहा
जब सुधा को बर्दाश्त नही हुआ तो सुधा ने मेरे होन्ट से अपने होन्ट अलग किया
हम दोनो ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगे
सुधा- छोटे मालिक आपने किस क्यूँ नही तोड़ा
दिलीप- किस मतलब
सुधा- यह जो हम अभी एक दूसरे के होन्ट चूस रहे थे उसे किस कहते हैं
जब आपको लगे कि आप और किस नही कर पाएँगे तो आप किस तोड़ देना
क्यूंकी हर लड़की चाहती है कि जो उसे किस कर रहा है वो किस पहले तोड़े
दिलीप- ठीक है
सुधा फिर से मुझे किस करने लगी
सुधा ने अब मेरे मुँह में अपनी ज़ुबान डाल दी
मैं उसकी ज़ुबान चूसने लगा
अब वो मेरी ज़ुबान चूसने लगी
मैं अपने होन्ट अलग किए
हम दोनो अपनी सांसो को कंट्रोल करने लगे
सुधा- यह हम अभी एक दूसरे की ज़ुबान चूस के क्या कर रहे थे
दिलीप- किस
सुधा- किस नही फ्रेंच किस
दिलीप- अच्छा
सुधा- अब मैं लेटती हूँ आप को जो आता है कीजिए मैं बीच में आपको बताती रहूंगी
दिलीप- मैं सुधा के राइट गाल को चूमने लगा अब मैने अपने हाथ सुधा के दूध रख दिए
और सहलाने लगा मैं सुधा के लेफ्ट गाल को चूसने लगा
मैं सुधा के गाल से अपने होन्ट हटके सुधा की गर्दन पे रख के चूसने लगा
सुधा मोन करने लगी अब मैं सुधा की गर्दन चूस्ते हुए सुधा के दूध को धीरे धीरे दबाने लगा
अब मैं सुधा के दूध ज़ोर से दबाने लगा सुधा मेरी पीठ पे हाथ फेर रही थी
मैं अपने होन्ट सुधा की गर्दन से हटा कर सुधा के लेफ्ट दूध पे रख दिया और चूसने लगा
अब मैं सुधा के राइट दूध को चूस्ते हुए सुधा का लेफ्ट दूध दबाने लगा
अब मैं दूध के निपल को अपने दांतो में फँसाया दूसरे दूध के निपल को अपनी दो उंगली में फँसा कर खींचने लगा
मैं अपना दूसरा हाथ सुधा की चूत पे रख के सहलाने लगा
सुधा अपन होंठ अपने मुँह पे रखे हुई थी
अब मैं ज़ोर ज़ोर से सुधा के दूध चूसने लगा
मैं अब सुधा की चूत की तरफ बढ़ रहा था कि सुधा ने मुझे रोक दिया
सुधा- अब मेरी नाभि में ज़ुबान डालके चुसिये
दिलीप- [मुझे अजीब लगा तभी मेरा लंड चिल्लाया]
मैं जल्दी से सुधा की नाभि में ज़ुबान डालके चूसने लगा
मैं अपने हाथ सुधा के दूध पे रखके दबाने लगा
मैं सुधा की नाभि में तेज़ी से ज़ुबान चलाने लगा
सुधा से अब बर्दाश नही हो रहा था सुधा ने मुझे रोका
मैं सुधा की चूत की तरफ बढ़ा अपने दोनो हाथ से सुधा की चूत को फैलाया
और अपनी ज़ुबान निकाल के चाटने लगा चूसने लगा
मैं सुधा की चूत चूस्ते हुए सुधा की चूत में दो उंगली घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा
मैं अपना दूसरा हाथ सुधा के दूध पे रख के दबाने लगा
सुधा- और ज़ोर से छोटे मालिक मेरा पानी निकलने वाला है
मैं ज़ोर से सुधा की चूत चूस्ते हुए सुधा की चूत में उंगली अंदर बाहर करने लगा
सुधा अपने दोनो हाथ मेरे सर पे रखके अपनी चूत पे दबाने लगी मैं अपनी गति और तेज़ करदी
तभी सुधा छोटे मालिक कहती हुई झड़ने लगी
उसकी चूत से कुछ चिपचिपा सा निकला और मेरे मुँह में चला गया
मैं अपना मुँह हटा ही नही पाया
पहले तो थोड़ी उल्टी आई
फिर मैं सोचा अब तो मुँह में चला गया है
मैं सुधा की चूत चाट चाट के वो चिपचिपा सा पानी पी गया
सुधा- छोटे मालिक आज से ज़्यादा मज़ा कभी नही आया
दिलीप- तुम्हे अच्छा लगा
सुधा- अच्छा नही बहुत अच्छा लगा
दिलीप- यह चिपचिपा सा क्या है
सुधा- यह वीर्य है इसे इंग्लीश में स्पर्म कहते हैं इसी से बच्चा पैदा होता है
दिलीप- मतलब मेरे लंड से भी एसा ही वीर्य निकलेगा
तो फिर आदमी को बच्चा पैदा क्यूँ नही होता
सुधा- आप मुझे चोदेन्गे तब मैं आपको बताउन्गी बहुत खुजली हो रही है चूत में
दिलीप- कल ही तो चुदवा रही थी
सुधा- वो भी मेरे पति की तरह जल्दी झड जाता है
मेरा पति 5 मिनिट में झड जाता है और वो 10 मिनिट में
जब से आप का लंड को देखा है
जल्दी चोदिये ना.......
User avatar
rangila
Super member
Posts: 5698
Joined: 17 Aug 2015 16:50

Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

Post by rangila »

अपडेट 15
दिलीप- सुधा ने अपनी गान्ड के नीचे तकिया रखा
मैने सुधा की चूत पे अपना लंड सेट किया और हल्का दबाव डालने लगा
लंड अंदर जा ही नही रहा था
[यह तो मेरा पोपट हो रहा है]
उपर से लंड में भी दर्द हो रहा था मैं सुधा को देखा
सुधा- छोटे मालिक आप अपने लंड को पकडीए और हल्का धक्का मारिए फिर वैसा ही एक और धक्का मारिए फिर एक बार में पूरा डाल दीजिएगा और बिना रुके आगे पीछे कीजिएगा
दिलीप- मैने अपने लंड को पकड़ा और हल्का धक्का मारा
मेरे लंड का आगे वाला भाग अंदर गया मैं एक और धक्का मारा
अब मेरा आधा लंड सुधा की चूत में था
सुधा- अब आगे पीछे कीजिए इसके आगे जब आप मेरी चूत में लंड डालेंगे तो मुझे दर्द होगा
जब मैं अपनी कमर हिलाऊ तो समझ जाइएगा कि मुझे मज़ा आ रहा है और मुझे किस करते हुए ज़ोर ज़ोर से धक्के मारिएगा रुकियगा नही मेरे दूध भी चूसिएगा मेरी चूत के दाने को सहलाइयेगा
दिलीप- मैं सुधा की कमर पकड़ के अपने आधे लंड को सुधा की चूत में आगे पीछे करने लगा
10 मिनिट बाद सुधा अपनी कमर हिलाने लगी मैं समझ गया सुधा को मज़ा आ रहा है
मैं सुधा के होन्ट पे अपने होन्ट रख दिए और पूरी ताक़त के साथ धक्का मारा
मेरा लंड सुधा की चूत को चीरता हुवा किसी चीज़ से टकराया
सुधा की चीख मेरे मुँह मे ही दब गयी सुधा तड़प रही थी
मैं अपना लंड सुधा की चूत के मुँह तक निकाला और पेल दिया
अब मैं एक हाथ से सुधा के दूध दबा रहा था
और एक हाथ से सुधा की चूत सहला रहा था
मैं हल्का हल्का धक्का लगाने लगा
जब सुधा ने फिर से अपनी कमर हिलाना शुरू किया
मैं सुधा की कमर को पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा
सुधा- छोटे मालिक और ज़ोर से कीजिए
दिलीप- अभी तो चीख रही थी
सुधा- छोटे मालिक आपका लंड तो रंडी की भी चीख निकाल देगा
पूरे रूम में सुधा की सिसकी और थप थप की आवाज़ गूँज रही थी
अब मेरे पैर दर्द करने लगे थे
मैं--सुधा मेरे पैर दर्द कर रहे हैं
सुधा- छोटे मालिक अब आप लेट जाइए
दिलीप- मैने अपना लंड सुधा की चूत से बाहर निकाला और लेट गया
सुधा ने अपना मुँह मेरी तरफ किया और अपनी चूत को मेरे खड़े लंड पे रखके बैठने लगी
सुधा धीरे बैठ रही थी मैने सुधा की कमर पकड़ा
इससे पहले कि सुधा कुछ समझ पाती मैं अपना लंड सुधा की चूत में पेल दिया
सुधा अपने मुँह पे हाथ रखे हुए थी
मैं अपनी कमर नीचे उपर करने लगा
सुधा तुम जी खोलके चिल्ला सकती हो
मेरे रूम से आवाज़ बाहर नही जाती
सुधा ज़ोर ज़ोर से कुछ बोलने लगी
मेरी तो कुछ समझ नही आ रहा था
अब मेरी भी पानी निकलने वाला था मैं सुधा की चूत में ही झड़ने लगा
सुधा भी मेरे साथ झड़ने लगी
मैं और सुधा ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगे
अब बताओ बच्चा कैसे पैदा होता है
सुधा- जैसे आप मेरी चूत चुदाई करने में झड़े हैं
वैसे ही मैं माँ बन जाउन्गी
दिलीप- इसका मतलब अब तुम माँ बन जाओगी
सुधा- नही मैं प्रेग्नेन्सी की गोली खा लूँगी उससे बच्चा पैदा नही होता
जब आप किसी कुँवारी लड़की को चोदेन्गे
तो अपने लंड पे तेल या क्रीम लगा लीजिएगा आप अपनी 1 उंगली धीरे धीरे उसकी चूत में डालेंगे और आगे पीछे करेंगे जब आप को लगे कि वो झड़ने वाली है तो आप अपने लंड से वैसे ही चुदाई करेंगे जैसे आपने मेरी की है
पहली बार जब कोई कुँवारी लड़की चुदती है तो उसकी चूत से खून निकलता है तो डरना मत
हमेशा अपने पास यह दोनो गोली रखिएगा
एक प्रेगञेंसी की है और दूसरी पेन किल्लर है
चुदाई के बाद यह ध्यान रखिएगा कि वो कोई भी हो आप के सामने प्रेगञेंसी वाली गोली खाए
अब दूसरी बात यह लीजिए यह कॉंडम है जब भी आप किसी चुदि हुई लड़की या औरत को चोदे
तो इसे अपने लंड पे लगाके उसे चोदियेगा [सुधा ने मेरे लंड पे कॉंडम लगा दिया]
और हां जब आप किसी औरत को चोदे तो उसकी चूत चाट चाट के उसका पानी निकालिएगा
और उससे भी अपना लंड चुसवाना
दिलीप- अब मैं समझ गया अगर मेरे दोस्त की बहेन में कमी नही हुई
तो उसे किसी और से चुदवाना होगा
सुधा- हाँ
दिलीप- अगर वो नही मानी तो
सुधा- तो आपको उसे सिड्यूस करना होगा
मतलब आप को उसे अपने जाल में फँसा कर करीब एक हफ़्ता रोज बिना कॉंडम के और बिना प्रेगञेंसी वाली गोली के चोदना होगा
दिलीप- मैं यह सब नही करूँगा मैं अपने दोस्त को धोका नही दूँगा
सुधा- अच्छा आप सोचिए अगर वो तय्यार हो गयी किसी और चुदवाने को
तो कोई ना कोई उसे चोदेगा ही और उसका फ़ायदा उठाए तो
दिलीप- उसे जान से मार दूँगा
सुधा- इसी लिए तो कह रही हूँ आपको ही उसे चोदना पड़ेगा
दिलीप- और अगर उसमें कमी हुई तो
सुधा- तो उसका पति दूसरी शादी कर लेगा और उसकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी
दिलीप- सुधा यह कहके चली गयी और मेरे दिमाग़ में यही बात घूमने लगी
मेरे दोस्त की बहेन की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी
मैने टाइम देखा तो 2एएम
मैने पैंट पहना अपना रूम ठीक किया
और 3 बजे मैं सो गया.,,.......:
User avatar
rangila
Super member
Posts: 5698
Joined: 17 Aug 2015 16:50

Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

Post by rangila »

अपडेट 16
दिलीप- सुबह 8 बजे मेरी आँख खुली
मैं उठा नाहया धोया तय्यार होके नीचे जाने लगा
तभी सुधा सीधी से उपर आती हुई दिखी
सुधा- छोटे मालिक आपसे बात करनी है
हम दोनो मेरे रूम में आए
दिलीप- बताओ क्या बात है
सुधा ने अपनी गर्दन नीचे कर ली
सुधा- मैं आपसे झूठ नही बोलना चाहती
आपको पता है मैने आपको सेक्स करना क्यूँ सिखाया
दिलीप- नही पता लेकिन इतना भरोसा है कि तुम मुझे धोका नही दोगि
सुधा- मुझे किसी से बदला लेना है जो आप मेरे छोटे मालिक मेरे लिए लेंगे
दिलीप- कैसा बदला सुनो सुधा मैं ऐसा कोई ग़लत काम नही करूँगा जिससे मेरी बड़ी नानी को तकलीफ़ हो
सुधा- छोटे मालिक आप को मेरी कहानी सुनके यह फ़ैसला करना होगा
कि आप मेरी मदद करेंगे कि नहीं सुधा मेरी आँखों में देखने लगी
दिलीप- सुधा पहले मैं अपने दोस्त की मदद कर लूँ फिर तुम्हारी कहानी भी सुनूँगा अगर मुझे सही लगा तो मैं तुम्हारे लिए बदला भी लूँगा [सच बात यह थी कि सुधा की आँखों में अभी आँसुओं का सैलाब आया हुआ था
उसकी आँखों में एक ऐसा दर्द था जिसे शायद मैं समझ नही पाया लेकिन मेरा दिल समझ गया
मेरी बड़ी नानी कहती हैं कि अगर किसी बात का हल ना निकले तो उस बात को थोड़े समय के लिए टाल देना चाहिए ]
अब तुम जाओ और अपना ख्याल रखना
सुधा मेरी तरफ बढ़ी और मेरे होन्ट पे किस किया
सुधा- आप भी अपना ख्याल रखना छोटे मालिक
दिलीप- सुधा नीचे चली गयी
मैं भी नीचे गया
बड़ी नानी मैने ज़ोर से 3 4 बार आवाज़ दी
तभी पीछे से
क्यूँ इतनी ज़ोर से बड़ी माँ को आवाज़ दे रहे हो
मैं पीछे मुड़ा
[मर गया यह तो हिट्लर है कुछ सोच दिलीप वरना तेरा यह हिट्लर मामा तेरा दिल निकाल लेगा]
आइडिया
मैं बड़े मामा के पास गया और उनके पैर छुए
ब मामा- खुश रहिए
दिलीप- बड़ी नानी भी आ गई
[बच गया]
बड़ी नानी हम कब जाएँगे
ब नानी- बस बेटा 30 मिनिट में
दिलीप- [मुझे यहाँ से खिसक लेना चाहिए]
बड़ी नानी मैं बाहर बैठा हूँ
ब नानी- बेटा एक काम कर तू अपनी बाइक पे निकल मैं और तेरे बड़े मामा आते हैं
दिलीप- ठीक है बड़ी माँ मैं वहाँ से निकला बाइक पे बैठा और चल दिया बड़े मामा के घर
आज पहली बार दरबान ने मुझे नही रोका
मैं अंदर गया और
ब मामी को नमस्ते किया
ब मामी मुझसे नज़रे चुरा रही थी
ब मामी .. छोटी मासी प्रिया और वँया कहाँ है
ब मामी- वँया स्कूल गयी है और
सीमित्रा और प्रिया वापस शहर चले गये
दिलीप- आप मुझसे नाराज़ हैं
ब मामी- नही
दिलीप- आप ने मुझे अभी तक पानी के लिए भी नही पूछा
ब मामी- अभी लाती हूँ
दिलीप- नही मामी मैने तो ऐसे ही बोल दिया मैं अब इस घर का सदस्य हूँ कोई मेहमान थोड़ी हूँ
बड़ी मामी मुस्कुरा दी
मेरा कमरा कौनसा है
ब मामी- यह है तुम्हारा रूम
दिलीप- बहुत अच्छा है
पहले किसका था
ब मामी- यह तुम्हारा ही कमरा है अब तुम आराम करो
दिलीप-यह कहके बड़ी मामी चली गयी
मैं अपना कमरा देखने लगा कमरा बहुत अच्छा था
मेरे लिए कपड़े शूस क्रीम आयिल यहाँ तक कि मेरे अंडरवेर तक थे कमरे में
मैने सोचा विनय से मिल लेता हूँ मैं बाहर आया बड़ी मामी शायद अपने कमरे में थी
मैं बड़ी मामी के कमरे पे पहुँचा तो बड़ी मामी ब्रा और पैंटी पहने हुए अपनी साड़ी कबाड़ में से निकाल रही थी
मेरे तो होश ही उड़ गये मुझे सुधा को नंगा देखने में जितना मज़ा आया था
उससे कहीं ज़्यादा मुझे बड़ी मामी को ब्रा और पैंटी में देख मज़ा आ रहा था
मैं एकटक बड़ी मामी के पीठ को देख रहा था बड़ी मामी एक दम गोरी थी
[तभी मेरे दिमाग़ ने मेरे लंड को 2 4 गालियाँ दी और कहा अपनी औकात में रह वो बड़ी मामी है
वरना तू कभी खड़ा नही हो पाएगा]
मैने वहाँ से भागा किचन में 3 गिलास पानी पिया मैं किचन से निकला तो बड़ी मामी नीली सारी में सोफे पे बैठी थी
बड़ी मामी मैं अपने दोस्त के यहाँ जा रहा हूँ
बड़ी मामी ने गर्दन हां में हिला दी मैं बाइक पे बैठा और चल दिया विनय के घर
विनय कैसा है तू
विनय- ठीक हूँ भैया
दिलीप- माँ कैसी है
विनय- वो भी ठीक है
दिलीप- मुझे दीदी से मिलना है
विनय- ठीक है चलिए
दिलीप- चल बैठ बाइक पे
विनय बाइक पे बैठ गया वो मुझे रास्ता बताता गया
मैं बाइक चलाता रहा
आख़िर 2 गाओं पार करके हम दीदी के ससुराल पहुँच गये
यहाँ पे मैं बता दूं मेरी और विनय की दोस्ती 10 साल से है
लेकिन बड़ी नानी ने मुझे बाहर घूमने से मना किया था
इसी लिए गाओं के कुछ लोग ही मुझे जानते हैं......
विनय की दीदी भी मुझे नही जानती है
आज पहली बार मैं विनय की दीदी को देखूँगा....
User avatar
rangila
Super member
Posts: 5698
Joined: 17 Aug 2015 16:50

Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

Post by rangila »

अपडेट 17
विनय अपनी दीदी को आवाज़ देने लगा विनय की दीदी बाहर आई
दीदी- मेरा भैया कैसा है तू और माँ कैसी है
विनय- मैं ठीक हूँ और माँ भी ठीक है
दीदी मेरी तरफ देखने लगी दीदी यह छोटे मालिक हैं
दिलीप- मैने दीदी को नमस्ते किया
दीदी ने भी मुझे नमस्ते किया
मैने विनय को बोला एक ज़रूरी बात करनी है
विनय- दीदी आप अंदर जाओ हम अभी आते हैं
दिलीप- मैने एक जोरदार मुक्का विनय की पीठ पे मारा
दोस्त बोलने में शरम आती है
विनय- मुँह से निकल गया
दिलीप- अच्छा सुन यह ले 1000 के दो नोट
विनय- यह किस लिए
दिलीप- देख पहली बार मैं दीदी के घर आया हूँ और को गिफ्ट भी नही लाया तू जा और दीदी के लिए एक अच्छी सी साड़ी लेके आ
विनय- उसके लिए तो शहर जाना पड़ेगा शहर जाने आने में 2 घंटे तो लग ही जाएँगे
दिलीप- [2 नही 3 घंटे लगेंगे] तू जाता है या एक और मुक्का मारू
विनय- अभी लेके आता हूँ
दिलीप- मैं घर के अंदर गया दीदी ने मुझे पानी दिया मैं पानी पीने लगा
दीदी- विनय कहाँ है
दिलीप- थोड़ी देर में आ जाएगा दीदी मुझे आपसे कुछ बात करनी है
दीदी- जी कहिए
दिलीप- आप जीजा जी से ज़्यादा प्यार करती हैं या अपने भाई से
दीदी- जी यह कैसा सवाल है
दिलीप- बस आप जवाब दीजिए
दीदी- मैं एक पतिवर्ता स्त्री हूँ मेरे लिए सबसे पहले मेरे पति आते हैं
दिलीप- तो आपका मतलब है कि कल अगर आपके भाई में या आपके पति में से किसी एक को चुनना पड़े तो आप अपने पति को चुनेंगी
दीदी- ऐसा क्या हुआ है जो आप ऐसी बातें कर रहे हैं
दिलीप- क्या फ़ायदा जब आप को अपने भाई की चिंता ही नही है
दीदी- नही आप बताइए मुझे जानना है
दिलीप- मैने दीदी को सारी बात बता दी दीदी रोने लगी
दीदी- यह क्या हो गया मेरी वजह से कहीं मेरे भाई की जिंदगी ना बर्बाद हो जाए
दिलीप- ऐसा कुछ नही होगा मैने कुछ सोचा है आप को पहले किसी डॉक्टर से अपना चेकप करवाना होगा
दीदी- क्यूँ
दिलीप- डॉक्टर से चेकप करवाने पे हमें यह पता चलेगा कि कमी आप में है या जीजा जी में
दीदी- इससे क्या होगा कमी मुझमे हो या ना हो यह दूसरी शादी करेंगे ही
दिलीप- और विनय बर्बाद हो जाएगा
दीदी- यह आप क्या बोल रहे हैं छोटे मालिक
दिलीप- दीदी अगर आप अपना चेकप करवाएगी तो हो सकता है इसका कोई इलाज हो मैं विनय को अपना भाई मानता हूँ इसी वजह से आप मेरी दीदी हुई मेरी यह बात मान लीजिए और मैं दीदी के पैर पकड़ लिए
दीदी- मेरे पैर छोड़िए छोटे मालिक
दिलीप- आप जब तक हाँ नही कहेंगी मैं आपके पैर नही छोड़ूँगा
दीदी- छोटे मालिक मेरे पैर छोड़िए
दिलीप- मेरे लिए नही तो अपने भाई के लिए ही मान जाइए
दीदी-ठीक है मैं तय्यार हूँ
दिलीप- मैने दीदी का पैर छोड़ दिया
दीदी- आज मैं मेरे पति से बात करूँगी
दिलीप- कौन सी बात
दीदी- यही डॉक्टर से चेकप करवाने की
दिलीप- आप जीजा जी से कुछ भी नही कहेंगी
दीदी- क्यूँ दीदी मुझे घूर्ने लगी
दिलीप- आपको डॉक्टर से दिखाने के लिए जीजा जी कभी नही मानेंगे
दीदी- वो मेरे पति हैं मैं उनको किसी भी तरह मना लूँगी
दिलीप- वो आपके पति होने से पहले एक मर्द हैं
[दीदी मेरी बात समझ गयी कि मैं क्या कहना चाहता हूँ]
दीदी- फिर भी मैं उनको बताऊंगी
दिलीप- [दीदी तो मान ही नही रही हैं एक बार और कोशिश करता हूँ]
ठीक है आप जीजा जी को बता देना उससे पहले आप को मेरी एक बात सुननी होगी
दीदी ने अपनी गर्दन हाँ में हिलाई
दिलीप--मान लीजिए अपने जीजा जी को मना लिया डॉक्टर ने आपका चेकप किया
आपका रिपोर्ट सही आया तो
दीदी- क्या मतलब
दिलीप- मतलब आप में कमी होगी तो आप अपना इलाज करवा लेंगी
लेकिन जीजा जी कभी अपना इलाज नही करवाएँगे और दूसरी शादी करेंगे
विनय बर्बाद हो जाएगा और माँ आप दोनो के दुख में मर जाएँगी
दीदी- नही मैं कराउन्गी अपना चेकप पर इनको क्या कहूँगी डॉक्टर तो शहर में है यह कभी नही मानेंगे
दिलीप- आप जीजा जी को बोलिए कि माँ की तबीयत खराब है आप को गाओं जाना है
जीजा जी जब आपसे पूछे कि कितने दिन के लिए जाना है तो आप कह देना 1 महीना तो लग ही जाएगा
दीदी- ठीक है मैं इनको मना लूँगी मैं खाना बनाती हूँ
दिलीप- 1 घंटे बाद
देखिए विनय भी आ गया
विनय- दीदी यह लो आपके लिए
दीदी गिफ्ट को खोलने लगी उसमे एक खूबसूरत सारी थी
दीदी- भैया यह तो बहुत महँगी है 1700 रुपये की तेरे पास इतने पैसे कहाँ से आए
विनय- दीदी यह तो
दिलीप- तभी मैने विनय का हाथ पकड़ा और कहा दीदी यह हम दोनो की तरफ से है
दीदी- आप दोनो बैठो मैं खाना लगाती हूँ
दिलीप- हम दोनो ने खाना खाकर हम ने दीदी को बाइ बोला मैं बाइक चलाने लगा
अच्छा विनय तू एक घंटा लेट कैसे हुवा
विनय- क्या बताऊ भैया 1 घंटा जाने में लगा दुकान पे गया तो कोई साड़ी पसंद ही नही आ रही थी
एक औरत ने मेरी मदद की 1 घंटा दुकान में लग गया
दिलीप- मैं अपनी हँसी कंट्रोल कर रहा था
मैने विनय को घर छोड़ा और चल पड़ा मेरे नये घर जो हिट्लर का था
जब मैं गेट पे पहुँचा
दरबान- छोटे मालिक कहाँ थे आप 5 घंटे से ठाकुर जी बहुत गुस्से में है
दिलीप- यह सुनके मेरी हालत खराब हो गयी....,..
Post Reply