Incest मैं अपने परिवार का दीवाना

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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 18
दिलीप- मैं धीमे कदमो से अंदर गया अंदर का नज़ारा देख के मैं दंग रह गया
मामा जी और बड़ी नानी बाते कर रहे थे
मामी जी अपने रूम में होंगी वँया पढ़ रही थी
[मैं समझ गया यह ज़रूर वँया की बच्ची ने किया है]
मैं दबे पावं अपने कमरे में जा रहा था कि वँया ने मुझे आवाज़ दी
ब मामा मेरी तरफ देखने लगे
[वँया की बच्ची तुझ से तो चुन चुन के बदले लूँगा]
ब मामा- दिलीप इधर आइए
दिलीप- जी मामा जी
ब मामा- कहाँ थे आप 6 घंटो से
दिलीप- अपने दोस्त के यहाँ गया था
ब मामा- कल आप शहेर जाएँगे [जतिन छोटे चाचा] के घर
और विद्या को अपने साथ लेके आएँगे
दिलीप- छोटे मामा का घर कहाँ है यह तो मुझे मालूम ही नही है
ब मामा-पहले पूरी बात सुनिए वँया भी आपके साथ जाएगी
दिलीप- जी मामा जी
[अब वँया मुझे घूर्ने लगी]
यह कहके मैं अपने रूम में गया डोर लॉक किया
मैं अपनी शर्ट पैंट उतार दिया
मैं देखा कि जला हुआ निशान छिल गया है
मैं अपना अंडरवेर भी उतार दिया
मेरा लंड आधा खड़ा था
मैं सोचा गरम पानी से नहाता हूँ आराम मिलेगा
मैं बाथरूम का डोर खोलने ही वाला था की बाथरूम का डोर खुला
मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी
सामने बड़ी मामी कमर से उपर पूरी नंगी खड़ी थी
[मैं तो समझ ही नही पाया कि यह क्या है
बड़ी मामी मेरे रूम के बाथरूम में क्या कर रही है]
बड़ी मामी भी मुझे नही मेरे लंड को देख रही थी
बड़ी मामी से जब मैं नज़रे मिलाई
ब मामी मुझे घूर्ने लगी
मेरी हालत खराब हो गयी
अब क्या होगा कहीं बड़ी मामी ने हिट्लर को बता दिया तो
मैं रोना चाहता था मगर मेरा रोना भी नही निकल रहा था
ब मामी ने मुझे थप्पड़ मार दिया
ब मामी प्लीज़ मुझसे ग़लती हो गयी मुझे नही पता था कि आप यहाँ हैं
बड़ी मामी मुझे माफ़ कर दीजिए
बड़ी मामी मुझे साइड हटके आगे बढ़ गयी
बड़ी मामी अलमारी से अपने कपड़े निकाल के पहनने लगी
[अब मेरे रूम में बड़ी मामी के कपड़े कहाँ से आए
जब मैने अलमारी चेक किया था तब तो अलमारी में मेरे कपड़े थे]
तभी मेरे दिमाग़ की घंटी बजी
अगर बड़ी मामी सच में गुस्सा होती
तो अभी तक वो ममाजी को बता चुकी होती
कहीं मामी मुझे सिड्यूस तो नही करना चाहती
पर ऐसा कैसे हो सकता है
मैं जल्दी से बाथरूम गया
डोर खुला ही रहने दिया
और अपने लंड को उपर नीचे करने लगा
अगर मामी मुझसे चुदवाना चाहती हैं
तो वो मुझे मूठ मारते हुए ज़रूर देखेंगी
मैं अपनी आधी आँखें बंद करके मूठ मारने लगा
मेरी नज़र डोर पे ही थी
अब मैं अपनी आवाज़ तेज कर दिया
ऐसा नही था कि मैं झड़ने वाला था
मैं धीरे धीरे गेट की तरफ बढ़ने लगा
गेट के बाहर झाँका तो मामी दीवार से सट के अपनी आँखें बंद करके अपनी चूत सहला रही थी
मैं मुस्कुरा दिया
मैं मामी के होन्ट पे अपने होन्ट रखके किस करने लगा
मामी होश में आई और मुझे धक्का देने लगी
मैने मामी को गले लगा लिया ज़ोर से किस करने लगा
मामी अभी भी अपने हाथ पैर मार रही थी
मैं मामी के होन्ट से अपने होन्ट अलग किया
ब मामी- दिलीप यह तुम क्या कर रहे छोड़ो मुझे
मैं तुम्हारी मामी हूँ
मेरी मामी होने से पहले आप एक औरत हैं
मामी की आँखों में मुझे नशा दिख रहा था
मैं फिर से मामी के होन्ट चूसने लगा
मामी भी मेरे होन्ट चूसने लगी
मैं मामी की ज़ुबान को मुँह में लेके चूसने लगा
अब मामी मेरी ज़ुबान को मुँह में लेके चूसने लगी
मैं मामी की पीठ सहलाते हुए किस कर रहा था
मेरा लंड मामी के पेट पे रगड़ खा रहा था
मामी मदहोश होने लगी
मैं मामी को अपनी गोद में उठाया और बेड पे ले जाके लिटा दिया
मैं मामी की गर्दन पे होन्ट रखके चूसने लगा
मामी मेरे सर पे उंगलिया फिराने लगी
अब मैं मामी के ब्रा की हुक खोल दिया
और मामी के दोनो दूध को आहिस्ता दबाने लगा
अब मैं मामी के दूध को ज़ोर से दबाने लगा
मामी आहें भरने लगी
मैं मामी के निपल को चूसने लगा और दूसरे निपल को उंगली से मरोड़ने लगा
एक एक करके मैं मामी के दोनो दूध को मुँह में भर के चूसने लगा
मैं मामी के दूध से नीचे आया
और मामी की नाभि पे किस करने लगा
ब मामी- दिलीप और ज़ोर से करो
दिलीप- मैं मामी की नाभि में और ज़ोर से ज़ुबान चलाने लगा
मामी का बदन अकड़ने लगा
मैं मामी की नाभि से मुँह हटा लिया
ब मामी- दिलीप
मामी ज़ोर से चिल्लाई
मैं मामी की नाभि से नीचे गया और मामी की पैंटी निकाल के फेंक दिया
मामी की चूत फूली हुई और एक दम गुलाबी थी
मामी की चूत देख के मेरे मुँह में पानी आ गया
मैं मामी की चूत पे अपना मुँह रख दिया
और चूसने लगा
मामी बोली दिलीप यह क्या कर रहे हो और ज़ोर से करो
मैं मामी की चूत चूस्ते हुए मामी की चूत में अपनी 2 उंगली डालके अंदर बाहर करने लगा
मामी से बर्दाश्त नही हो रहा था
मामी मेरा नाम लेके झड़ने लगी
मामी आँखें बंद करके अपनी साँसे काबू कर रही थी
मैं मामी का हाथ उठाके अपने लंड पे रख दिया
मामी ने अपनी आँख खोल के मुझे देखा
मामी मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी
मैं अपनी आँखें बंद करली
मामी मेरे लंड को अपने मुँह में लेके चूसने लगी
मैने सोचा नही था मामी मेरे लंड को चूसेंगी....

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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 19
दिलीप- मामी को मेरा लंड चूस्ते हुए 10 मिनिट हो गये थे
मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ
मैं मामी के मुँह से अपना लंड निकाल लिया
मामी मुझे घूर्ने लगी
मैने मामी को बेड पे लिटाया
और मामी की चूत पे अपना लंड सेट किया
मैं धक्का लगाने ही वाला था कि
कोई गेट नॉक करने लगा
मेरे और मामी के पैरो तले ज़मीन खिसक गयी
गेट और ज़ोर से नॉक होने लगा
मैं और मामी उसी पोज़िशन में बुत बने हुए थे
तभी किसीने गेट तोड़ दिया
मामी उसको देखते ही बेहोश हो गयी
उसकी आँखों में शोले दहक रहे थे
उसके दोनो हाथ में
बड़ी वाली बंदूक थी
वो मेरी तरफ बढ़ने लगा
मैं पीछे हटने लगा
पीछे हट ते हुए मैं दीवार से सट गया
तभी बड़े मामा ने बड़ी मामी पे दोनो बंदूक से गोली चला दी
मेरी चीख निकल गयी
और मैं होश में आया
मैं होश में आते ही
माआ माआ माआ करके आवाज़ देने लगा
1 घंटे तक मैं माआ को आवाज़ देता रहा
लेकिन माआ नही आई
और मैं बेहोश हो गया
जब मैं अपनी आँखें खोली तो देखा मैं बाथरूम के गेट पे ही सोया हूँ
तब मुझे याद आया कि मुझे अटॅक आया था
और मैं सपने में
मामी के साथ छी मैं इतना कैसे गिर गया
ब मामी अगर इस दुनिया की आखरी औरत भी हुई
तो भी मैं बड़ी मामी के साथ चुदाई नही करूँगा
[मैं सोचा कि पहले तो महीने में 1 बार अटॅक आता था
अभी तो हफ़्ता ही हुआ है
यह एक नयी मुसीबत
बचपन से ही मुझे ऐसा अटॅक आता है
जिसमे मैं खड़े खड़े खुली आँखों से सपने देखने लगता हूँ
और बड़े मामा मेरे सपने में आके किसी मार देते हैं
जब तक बड़े मामा मेरे सपने में किसिको नही मारते
तबतक मैं खुली आँखों से सपने देखता रहता हूँ
इसीलिए बड़ी नानी ने मेरा रूम ऐसा बनवाया है
कि मैं अपने रूम कितना भी चिल्लाऊं
आवाज़ मेरे रूम से बाहर नही जाती और मुझे अटॅक तब आता है
जब मैं अकेला होता हूँ
इसी लिए मैं बड़े मामा से इतना डरता हूँ
मैं बड़ी नानी से कई बार पूछा कि मेरे हर सपने में बड़े मामा
किसी को क्यूँ मार देते हैं और यह सपने मुझे क्यूँ आते हैं
बड़ी नानी यही कहती हैं कि वो सिर्फ़ एक सपना है
मैं उठा बाथरूम जाके नाहया अब थोड़ा सुकून मिला
मैं अलमारी खोलके अपने कपड़े निकाला
अलमारी में दराज भी थे
मैं एक दराज खोलके देखा तो उसमें बहुत सारी रिस्ट . थी
मैने एक अपने हाथ में पहेन ली
मैं दूसरा दराज खोला तो उसमें 2 बटन वाला 2 टच वाला मोबाइल था
मैं दोनो एक एक उठाके साइड में रखा
तभी किसीने गेट नॉक किया
दिलीप- आरहा हूँ
मैने जल्दी से पैंट शर्ट पहना
अभी भी गेट नॉक हो रहा था अरे आरहा हूँ
मैने गेट खोला वँया मुँह बनाए खड़े थी
वँया- इतनी देर से नॉक कर रही हूँ गेट क्यूँ नही खोल रहे हो
दिलीप- बोला तो था कि आरहा हूँ
वँया- कितना झूठ बोलते हो कब बोला था
दिलीप- अच्छा छोड़ो यह बताओ क्या काम है
वँया- नही पहले तुम बोलो कि तुमने झूठ बोला था
दिलीप- मैने झूठ नही बोला है
हर वक़्त मुझ से झगड़ने का बहाना ढूंडती रहती हो
वँया- मैं नही तुम हर वक़्त झगड़ा करते हो झगड़ालू बैल कही का
दिलीप- मुझे झगड़ालू बैल बोलती है तू खुद चीखी चुहिया हर वक़्त चीखती रहती है
वँया- मैं चुहिया नही हूँ
दिलीप- सही कहा तू चुहिया नही चीखी चुहिया है
ब नानी- क्यूँ झगड़ रहे हो अब तुम दोनो बच्चे नही रहे
दिलीप- आपको कैसे पता चला
ब नानी- मेरा बेटा कितना भोला है
तू इतना धीरे बोल रहा था कि पूरे घर में तेरी आवाज़ सुनाई दे रही थी
वँया- यह झगड़ालू बैल है धीरे नही गला फाड़ के बात करता है
दिलीप- और तू चीखी चुहिया है हमेशा चीखती रहती है
ब नानी- अब बंद भी करो लड़ना कि बुलाऊं धर्मेश को
दिलीप- बड़ी नानी मामा जी की बुलाने की ज़रूरत क्या है
हम दोनो तो मज़ाक कर रहे हैं क्यूँ वँया
वँया- हां बड़ी दादी
ब नानी- पर तुम दोनो लड़ क्यूँ रहे थे
वँया- देखिए ना बड़ी दादी मैं इसे खाने के लिए बुलाने आई थी और यह है कि मुझे झुटि बोल रहा है
ब नानी- क्यू रे तू इसे झुटि क्यूँ बोल रहा है
दिलीप- ब नानी जब यह गेट नॉक कर रही थी तब मैं बोला की आ रहा हूँ
फिर भी ये गेट पीट रही थी उपर से मुझे ही झूठा बोल रही है
वँया- हां तो जब मैने सुना ही नही है तो तुम झुटे ही हुए ना
ब नानी- तुम दोनो में से कोई झूठा नही है
दिलीप के रूम से आवाज़ ना बाहर जाती और ना ही अंदर आती है
दिलीप- मैं बड़ी नानी को देखने लगा

यह कह के बड़ी नानी चली गयी
वँया- चलो खाना खाने
दिलीप- नही खाना है
वँया- क्यूँ नही खाना है तुम्हे खाना पड़ेगा
दिलीप- कोई ज़बरदस्ती है क्या मेरी मर्ज़ी मैं खाना खाउ या ना खाउ
वँया- तो ठीक है मैं भी खाना नही खाउन्गी
दिलीप- वँया की इस बात ने मेरी बोलती बंद करदी अच्छा ठीक चलो
वँया- मुझे नही खाना
दिलीप- अब क्या हुआ देखो वँया मेरी तबीयत ठीक नही है मुझे और परेशान मत करो
वँया मेरा हाथ पकड़ के मुझे लेजाने लगी
जब हम बाहर पहुँचे तो वँया ने मेरा हाथ छोड़ दिया शायद मामा जी को देखके
मैं मामा जी को नमस्ते किया और बैठ गया
मामी और वँया ने सबको खाना परोसा
मैं पहला नीवाला बड़ी नानी को खिलाया
बड़ी नानी ने भी मुझे पहला नीवाला खिलाया
मैं दूसरा नीवाला अपने मुँह में डालने ही वाला था कि
ब मामा ने एक ऐसा सवाल पूछा जो मेरे लिए किसी बॉम्ब से कम नही था........
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 20
ब मामा- तुम्हें कोई लड़की पसंद है जिससे तुम शादी करना चाहते हो
दिलीप- नही मामा जी
ब मामा- ठीक है खाना खाओ
दिलीप- [क्या खाना खाओ सारा मूड कराब कर दिया]
मैं खाना खा रहा था
वँया मुझे घूर रही थी
ममाजी और मामा जी खाना ख़ाके अपने रूम में चले गये
बड़ी नानी मैं सुबह शहेर बाइक पे जाऊँगा
मैं बड़ी नानी से पूछा
वँया- मैं नही हम जाएँगे
दिलीप- हाँ पता है
ब नानी- नही बेटा तू कार लेके जाएगा
दिलीप- मुझे कहाँ कार चलानी आती है
ब नानी- ड्राइवर भी तो होगा
दिलीप- सुबह कितने बजे जाना है यहाँ से
ब नानी- 11 बजे
दिलीप- अच्छा ठीक है मैं सोने जा रहा हूँ मैं अपने रूम में आके लेट गया
अभी 9 बजे थे 1 घंटे बाद मैने अपना दोनो मोबाइल जेब में रखा
और वँया के रूम की तरफ जाने लगा
मैं गेट नॉक किया
वँया ने गेट खोला
वँया- क्या है
दिलीप- कुछ नही तुमसे बात करनी थी
वँया- बोलो
दिलीप- गेट पे ही
वँया साइड हो गयी मैं अंदर गया और वँया का रूम देखने लगा
वँया- मेरा रूम देखने आए हो
दिलीप- मैने अपना टच वाला मोबाइल निकाला तुम्हे यह चलना आता है
वँया- क्यूँ तुम्हें नही आता
दिलीप- आता तो तुम्हे क्यूँ बोलता
वँया मेरे हाथ से मोबाइल लेके चलाने लगी मैं ध्यान से देख रहा था
वँया- यह लो वँया ने मोबाइल देते हुए मुझे कहा
दिलीप- बस इतना ही
वँया- 1 घंटे से बता रही हूँ
दिलीप- लेकिन तुमने मोबाइल चलाना कहाँ से सीखा तुम्हारे पास तो मोबाइल भी नही है
वँया- प्रिया दी ने ही मुझे सिखाया
दिलीप- तुमसे एक सवाल पुछु बुरा तो नही मनोगी
वँया- क्या
दिलीप- मेरे हवेली आने से पहले तुम मुझसे ठीक तरह से बात नही करती थी ऐसा क्यूँ
वँया- तुम मेरे एक सवाल का जवाब दो तुम बड़ी दादी से कितना प्यार करते हो
दिलीप- मैं इस दुनिया में सबसे ज़्यादा अपनी बड़ी नानी से प्यार करता हूँ
वँया- बड़ी दादी किसी से बात ना करती हो और ना ही उसे पसंद करती हो तो
दिलीप- तो मैं भी उससे बात नही करूँगा और उससे दूर रहूँगा
[अब मेरी समझ में आ गया कि वँया क्या कहना चाहती है
बड़े मामा हर वक़्त मुझे डाँटते थे मुझे पसंद नही करते थे
इसी लिए वँया भी मुझसे दूर रहती थी]
मैं अपनी सोच में डूबा हुआ था
वँया ने मुझे हिलाया
वँया- कहाँ खो गये
दिलीप- कहीं नही वँया मुझे माफ़ करदो मैने तुम्हे ग़लत समझा
वँया- कोई बात नही
दिलीप- लेकिन आज तुमने मेरे साथ मज़ाक क्यूँ किया
वँया- उसमें भी तुम्हारी ग़लती है आज तुम घर पे आए मुझसे बात भी नही की और बाहर चले गये
दिलीप- अच्छा ठीक है तुम सो जाओ मैं जाता हूँ
वँया- एक मिनिट वँया मेरे हाथ से मोबाइल लेके हम दोनो का एक साथ फोटो खींच लिया
दिलीप- अब जाउ नही तो ममाजी को पता चल जाएगा
वँया- तुम पिताजी से इतना डरते क्यूँ हो
दिलीप- क्यूँ तुम नही डरती हो
वँया- डरती हूँ पर उतना नही नही जितना तुम डरते हो
दिलीप- एक बार मेरे जैसा सपना देख लो मैं बड़बड़ाया
वँया- कुछ कहा तुमने
दिलीप- नही तो यह कहके मैं भागा वहाँ से अपने रूम में आके कपड़े चेंज किया
मोबाइल में सुबह 8बजे का अलार्म लगाया बेड पे लेट ते ही नींद आ गयी
सुबह अलार्म के बजने से मेरी नींद खुली मैं उठा नाहया धोया कपड़े पहना
अपने रूम से बाहर निकला तो हिट्लर पेपर पढ़ रहे थे
ममाजी ने मुझे देखा और फिर पेपर पढ़ने लगे
मैं बड़ी नानी को ढूँडने लगा
बड़ी नानी मामी जी के साथ किचन में थी मैं बड़ी नानी के पास गया
और पीछे से उनकी आँखों पे अपना हाथ रख दिया
ब नानी- मेरा प्यारा बेटा
दिलीप- आप हमेशा मुझे पहचान लेती हैं
ब नानी- क्यूँ तुझे अच्छा नही लगता
दिलीप- बहुत अच्छा लगता है
मैं विनय से मिलके आउ
ब नानी- अभी तो तुझे शहेर जाना है
दिलीप- 1 घंटे में आ जाउन्गा
ब नानी- अच्छा ठीक है पहले नाश्ता करले
दिलीप- विनय के यहाँ करलूंगा
मैं बाहर जाने ही वाला था कि हिट्लर ने मुझे आवाज़ दी
ब नानी- धर्मेश
ब मामा- जी बड़ी माँ
मैं मौका देख के अपनी बाइक से निकल गया
सबसे पहले मोबाइल साइलेंट पे लगाके मोबाइल में 45 मिनिट बाद का अलार्म लगाया
मैं विनय के घर पहुँचा विनय के घर पे ताला लगा था
विनय और माँ शायद खेत गये होंगे
विनय के पड़ोस में बिम्ला रहती थी वो विधवा थी उसकी एक बेटी मेरी ही उमर की थी
और मेरे साथ ही पढ़ती थी
बात यह थी कि विमला के घर से कुछ आवाज़ आ रही थी
और मुझे पक्का यकीन था कि यह चुदाई की आवाज़ है
पहले तो सोचा की रहने दूं फिर सोचा कि बिम्ला तो विधवा है फिर ये चुदवा किससे रही है
मेन गेट बंद था मुझे याद आया कि घर की दूसरी तरफ खिड़की है
मैं उस तरफ गया तो मेरा दिमाग़ घूम गया
बिम्ला की बेटी खिड़की के पास खड़ी थी इसे तो स्कूल में होना चाहिए था
मैं चुपके से खिड़की के पास गया अंदर का नज़ारा देख के मैं दंग रह गया
बिम्ला घोड़ी बनी हुवी थी और गाओं का सरपंच बिम्ला की गंद में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था
पहली बार मैं किसी औरत को गांद मराते हुए देख रहा था
उपर से बिम्ला की बेटी अपनी चूत सहला रही थी मेरा लंड तो खड़ा होगया
मैने अपना मोबाइल निकाला और लगा रेकॉर्डिंग करने जब सरपंच झड गया
तो बिम्ला की बेटी पीछे मूडी मुझे देख के उसकी चीख निकलने वाली थी
कि मैं उसके मुँह पे अपना हाथ रख दिया और कहा
चिल्लाओ मत वरना तुम्हारी माँ की ही बदनामी होगी मैने अपना हाथ हटा लिया
और रेकॉर्डिंग बंद करदी मैं वहाँ से निकलना ही ठीक समझा
1 घंटा होने में 15 मिनिट ही बचा था......
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