Incest मैं अपने परिवार का दीवाना

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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 28
[मैने माँ को भी पिक्निक के बारे में झूठ कहा सुनीता की तबीयत ठीक नही थी तो वो कॉलेज नही गयी
इस लिए माँ भी आसानी से मान गयी]
मेघा- मैं बहुत खुश थी
शीतल मेरी एक ही फ़्रेंड थी
शीतल को उसके बर्तडे पे मेरा साथ चाहिए था
प्रेज़ेंट-
मेघा- भैया वो देखो
दिलीप- मेन गेट की तरफ देखा
ऐसा लग रहा था कि कोई हमारी बाते सुनने की कोशिश कर रहा है
[यह वँया ही होगी] आप चिंता मत करो
मेघा- हमारी बाते कोई सुन रहा है
दिलीप- सुनता है तो सुनने दीजिए वो जिंदगी भर बाहर खड़ा रहे
इस रूम से आवाज़ बाहर जाएगी ही नही तो वो सुनेगा क्या
मेघा- तुम्हे कैसे पता
दिलीप- आप बताइए ना जो बता रही थी
पास्ट
मेघा- मैं सुबह होके रेडी हो गयी
शीतल ने कहा था कि 10 बजे माल में आजना
मैं 8 बजे ही निकल गयी पापा ने 1घंटा पहले ही बोला जानेको
मैं सोचने लगी
2 घंटे पहले माल जाके क्या करूँगी शीतल के घर ही चली जाती हूँ
शीतल के पापा बिज्निस मॅन हैं और वो दूसरे सिटी में रहते हैं उन्होने शीतल के लिए अलग घर ले रखा है
शीतल के साथ केर्टेकर भी रहती है
मैं पहुँची शीतल के घर
मेन गेट खुला था
मैं अंदर गयी
शीतल के रूम से कुछ आवाज़ आ रही थी
मैं सीढ़ियो से उपर जाने लगी
जब मैं उपर पहुँची तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी
जिस लड़के मदन को मैने थप्पड़ मारा था
वो और मेरी बेस्ट फ़्रेंड शीतल सेक्स कर रहे थे
मेरी आँखों से आँसू बहने लगे
मदन- मेरी जान आज हमारा प्लान पूरा हो जाएगा
शीतल- हाँ मेरा राजा
आज हम सुनीता से बदला लेंगे उसकी बहेन को बर्बाद करके
मेघा- [सुनीता से बदला पर आज तक सुनीता का किसी के साथ झगड़ा तो नही हुआ]
मदन- हाँ मेरी जान
शीतल- मदन तुम्हे तो सुनीता से बदला लेना चाहिए
मदन- बेस्ट फ़्रेंड का नाटक करते करते कहीं सच में तो
शीतल- मदन तुम ऐसा कैसे सोच सकते हो तुम्हारे लिए मैं इस कॉलेज में आई हूँ तुम्हारे लिए मैने मेघा से दोस्ती की
मदन- सॉरी जान गुस्सा मत हो बताता हूँ मेरा प्लान क्या है हम पहले मेघा को यूज़ करेंगे
और जब हमें सही मौका मिलेगा तब हम सुनीता पे वार करेंगे
शीतल- उसके बाद मेघा और सुनीता तुम्हारी रखैल और मेरी गुलाम होगी
मेघा- सुनीता के बारे में ऐसा सुनके मैं अपने आप को रोक नही पाई
शीतल.........................
मदन और शीतल मुझे देखते ही बुत बन गये
तू ही मेरी एक फ़्रेंड थी और तूने ही मुझे धोखा दिया मैं तुम दोनो का वो हाल करूँगी
इसके आगे मैं कुछ बोल पाती उससे पहले ही किसी ने मेरी गर्दन पे इंजेक्षन लगा दिया
मेरी आँखें भारी होने लगी और मैं बेहोश हो गयी जब मेरी आँख खुली तो मेरे होश उड़ गये
मेरे हाथ पैर दोनो बँधे हुए थे एक टेबल के बीच वाले हिस्से पे मुझे बाँध के लिटाया हुआ था
मेरे दोनो पैर टेबल के अलग साइड में बँधे थे मुझे एहसास हुवा कि मेरे बदन पे एक भी कपड़ा नही था
मदन मेरी फोटो खींच रहा था मैं रोती रही बिलखती रही चिल्लाती रही पर मदन टेबल के चारो तरफ घूम के मेरे नंगे जिस्म की फोटो खींचता रहा मैं दुआ कर रही थी कि मुझे मौत आजाए
तभी मेरे कानो में पोलीस साइरन की आवाज़ पड़ी मैने डर से अपनी आँखें बंद कर ली
मेरी गर्दन पे फिर किसी ने इंजेक्षन लगा दिया और मैं फिर बेहोश हो गयी
उसके बाद जब मेरी आँख खुली तो मैं अपने कमरे में थी
मेरे पास मेरा पूरा परिवार था
प्रेज़ेंट
अब तुम ही बताओ अगर मैं पापा को यह सारी बाते बता दूं तो क्या पापा चुप बैठेंगे
नही वो शीतल और मदन को कहीं से भी ढूंड निकालेंगे और जान से मार देंगे
फिर वो अपने आप को पोलीस के हवाले करदेंगे उन्हे या तो फाँसी होगी या उम्रक़ैद
फिर मेरी माँ और मेरी बहनों का क्या होगा
दिलीप- होगा तो मदन और शीतल के साथ वो जो ना कभी किसीने देखा होगा और ना कभी किसी सुना होगा
[यह सब बात मैं बहुत ज़्यादा गुस्से में कह रहा था]
मेघा- देखा इसी लिए मैं नही बता रही थी
तुम्हे मेरी कसम यह सब बात भूल जाओ
दिलीप- ठीक है आप मेरी कसम खा के कहिए आप कभी शूसाइड करने की कोशिश नही करेंगी
मेघा- मैं तुम्हारी कसम नही खाउन्गी
दिलीप- तो मैं भी आपकी कसम नही मानूँगा
मेघा- मैं तुम्हारी कसम खाती हूँ मैं कभी शूसाइड नही करूँगी
दिलीप- ठीक है आप यही सो जाइए
मेघा- मैं अपने कमरे में जा रही हूँ
दिलीप- नही
[मैने मेघा दी का हाथ पकड़ा अपने बेड पे ले गया मेघा दी का सर अपनी गोद में रखा]
सो जाइए
मेघा- भैया हमेशा मेरे साथ रहोगे ना
दिलीप- हाँ दीदी अब सो जाइए
[मेघा दी सो गयी]
आज का दिन ही अजीब था शाम 6 बजे ही लग रहा था कि रात हो गयी
[मैने गेट खोला तो देखा वँया दीवार से सट के सो रही थी
मैने वँया को गोद में उठाया और उसके रूम में लेजाके सुला दिया
मैने अरुणा दी का रूम नॉक किया
अरुणा दी ने गेट खोला
अरुणा- मेघा कहाँ है
दिलीप- सो रही है आप भी आराम करो
[एक एक करके मैं सब बहनो के रूम में गया]
6 घंटे ऐसे ही बीत गये
कोई भी खाना खाने नही आया मैं अपने रूम में गया
[कोट पैंट पहना अपने पैसे अपना मोबाइल जेब में रखा]
[मैं मेघा दी को देखा]
मेघा दी मुझे माफ़ करदेना मैं आपकी कसम तोड़ रहा हूँ कल आप मुझे कसम देती तो शायद मैं नही तोड़ता
लेकिन आज भाई का फ़र्ज़ पूरा करना है मैं घर से बाहर आया और निकल पड़ा
अपनी जिंदगी की बाजी खेलने
अपनी बहेन के लिए....
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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 29
दिलीप- मैं निकल तो गया घर से पर कुछ समझ ही नही आरहा था पहली बार बाहर अकेले
डर नही लग रहा था पर बेचैनी ज़रूर थी मैं चलने लगा
1 घंटे तक चलता रहा
तभी 1 पार्क दिखा मैं पार्क के अंदर गया और 1 बेंच पे बैठ गया
एक तो रात उपर से ठंड उपर से छोटे मामा ने जो पीटा उससे जल्द ही नींद आ गई
पता नही कितनी देर तक मैं सोया रहा
मुझे ऐसा लगा कोई मेरी जेब टटोल रहा है
मैने उसका हाथ पकड़ा और ज़ोर से दबा दिया
आँख खोला तो देखा यह मेरी ही उमर का लड़का है
तभी लड़के ने मेरे मुँह पे एक मुक्का मार दिया
पूरा जबड़ा हिल गया
वो अपना हाथ छुड़ाके भागने की कोशिश कर रहा था
मैने भी उसके मुँह पे एक मुक्का मार दिया
लड़का- अया हाथ है या हथौड़ा
दिलीप- [मैने एक और मुक्का उसके मुँह पे मारा]
लड़का- सॉरी माफ़ कर्दे आगे से कभी पंगा नही लूँगा
दिलीप- [मैने उसका हाथ छोड़ दिया]
तू सुबह 5 बजे मेरी जेब क्यूँ टटोल रहा था
लड़का- चोरी करने के लिए अपुन पैसे के लिए कुछ भी करेगा
दिलीप- कुछ भी
लड़का- हाँ
दिलीप- 1 खून करने का कितना लेगा
[वो लड़का मुझे नीचे से उपर घूर्ने लगा]
लड़का- अपुन सारे काम करता है पर खून और रेप कभी नही
दिलीप- 1 लड़की की इन्फर्मेशन निकालने का कितना लेगा
लड़का- उस लड़की का स्टेटस पता होना माँगता
दिलीप- किसी बिज्निस की बेटी है यहाँ अकेली रहती है
लड़का- 15000
दिलीप- 10000 दूँगा
लड़का- 15000 से एक रुपया भी कम नही
दिलीप- तो फिर रहने दे
लड़का- अरे तू तो गुस्सा हो गया
दिलीप- 10000
लड़का- डन
लड़का- नाम तो बता लड़की का
दिलीप- फोटो है
लड़का- भेज भेज मेरे मोबाइल पे
दिलीप-[मैने अपना मोबाइल निकाला]
लड़का- रुक रुक 1 मिनिट तेरा मोबाइल दिखा
दिलीप- [वो लड़का अपनी जेब से एक सिम कार्ड निकाल के मेरे मोबाइल में डालने लगा]
यह क्या कर रहा है
लड़का- तुझे देखके लगता है तू कोई झोल पार्टी है
मैं तेरे मोबाइल में खांचा सिम कार्ड डाल रहा हूँ
दिलीप- मेरे मोबाइल में सिम तो है
लड़का- कल अगर तू किसी लफडे में अंदर होगया तो पोलीस तेरा नंबर चेक करेगी उसमें तो मेरा नंबर दिख जाएगा ना अप्पुन किसी लफडे में ना फँसे इसी लिए अपन तेरे मोबाइल में खांचा कार्ड डाल रहा है इसका नंबर ही नही दिखता है
दिलीप- पर मैं तो फोटो भेज रहा हूँ फोन थोड़ी कर रहा हूँ
लड़का- अरे यह पोलीस वाले बहुत बड़े मामू होते हैं यह पता कर लेते हैं कि मोबाइल कहाँ है यह तो सिम कार्ड है
इसीलिए अगर कोई लफडे वाला काम है तो मोबाइल और सिमकार्ड दोनो फेन्क दे
दिलीप- [फिर उसने मेरे मोबाइल से फोटो भेजा और अपना सिम निकालने लगा]
यह सिम कितने का देगा
लड़का- 1000
दिलीप- यह ले 1000 और 5000 5 काम होने के बाद
लड़का- 4 घंटे बाद यही पे मिलना
दिलीप- धोखा तो नही देगा
लड़का- अपन ग़लत काम भी सही तरीके से करता है
दिलीप- [मैं आँख बंद करके सोचने लगा] थोड़ी देर बाद किसी के हँसन की आवाज़ आई
मैने आँख खोलके देखा तो 3 4 लड़किया आपस में बाते करके हंस रही थी
घड़ी में टाइम देखा तो 7बजे थे
[तभी मेरे दिमाग़ में 1 आइडिया आया]
मैं उन लड़कियों के पास गया
मैने हाथ जोड़ के कहा
धन्यवाद देवियो
वो सब मुझे आँखें फाड़ फाड़ के देखने लगी
मैं पार्क से बाहर निकलके आगे बढ़ गया मैं एक सस्ते होटल गया
500 में 12 घंटे
मैं रूम में गया नहाया धोया फ्रेश हुवा
वही कपड़े दोबारा पहेन के वापस पार्क में आके बैठ गया
आधे घंटे बाद वो लड़का आ गया
लड़का- इस लड़की का नाम शीतल वर्मा है यह पहले किसी और कॉलेज में पढ़ती थी
अचानक कुछ दिन पहले यह दूसरे कॉलेज में पढ़ने लगी इसका हरामी एमएलए के बेटे के साथ चक्कर है
पहले इसके साथ एक केयरटेकर रहती थी
1 हफ्ते पहले इसकी केयरटेकर गायब हो गई अप्पुन ने पता किया
2दिन से यह घर से बाहर नही निकली
यह इस सोसाइटी में रहती है
दिलीप- अच्छा एक बात बता तूने एमएलए को हरामी क्यूँ कहा
लड़का- जब 1000 कमिने मरते हैं तो 1 हरामी पैदा होता है
और जब वैसे 1000 हरामी मरते हैं तो एमएलए जैसा महहरामी पैदा होता है
यह हरामी एमएलए इस शहेर का सबसे बड़ा रंडीखाना चलता हैऔरतो और बच्चो की तस्करी करता है
पहले यह हरामी एमएलए इसी रंडीखाने का एक भडवा था
दिलीप- [यह कहते हुए उस लड़के की आँखों में आँसू आ गये]
तू रो क्यूँ रहा है
लड़का- क्यूंकी अप्पुन भी उसी रंडीखाने की उपज है मैं तो बहुत खुश हूँ कि मेरी माँ मुझे जानम देते हुए ही मर गयी वरना दुनिया के ताने सुन सुन के मर जाती और अपन एक एक को चीर देता अपन ने 2 बार एमएलए को मारने की कोशिश की पर मार नही पाया तू सोच रहा है अपन तेरे को यह बात क्यूँ बता रहा है तेरी आँखो में अपन ने एक ऐसा दर्द देखा है
जो एक बिन माँ बाप का बच्चा ही समझ सकता है
दिलीप- मैं तुझे एक बात बताता हूँ मैं नेता के बेटे से बदला लेना चाहता हूँ
और अगर तू एमएलए से बदला लेना चाहता है तो हम दोनो का दुश्मन एक है
लड़का- अपन सिर्फ़ एमएलए को ठोकना चाहता है और अपन आज से तेरे साथ है हाथ मिला
दिलीप- मैं दिलीप
लड़का- मैं अखिल
दिलीप- यह ले बाकी पैसे
अखिल- यह पैसे तू अपने पास रख और बता तूने कुछ सोचा है आगे क्या करेगा
दिलीप- शीतल जहाँ रहती है वहाँ हमे एक घर चाहिए और यह याद रखना वो घर साउंडप्रूफ हो
अखिल- हो जाएगा
दिलीप- हमारे पास सिर्फ़ 4दिन है
[ पाँच5वे दिन बड़े मामा नही ठाकुर धर्मेश वीर परताप सिंग यमराज बनके आएँगे]..,
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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 30
अखिल- अपन एमएलए को 4 साल से मार नही पा रहा है और तू 4 दिन बोल रहा है
दिलीप- वो सब मैं सोच लूँगा तू जाके घर देख
अखिल- पहले कुछ ठुसने तो दे
दिलीप- किसी होटेल में चलते हैं
अखिल- होटेल की ऐसी की तैसी अपन के घर चल मस्त नाश्ता करेंगे
दिलीप- तू तो ऐसे बोल रहा है जैसे तेरी घरवाली ने तेरे लिए नाश्ता बनाया होगा
अखिल- तुझे नाश्ते से मतलब है या मेरा दिमाग़ खाने से
दिलीप- चल
अखिल ने एक टॅक्सी रुकाई हम उसमें बैठ गये 30 मिनिट बाद हम पहुँचे अखिल के घर
अखिल का घर बहुत भीड़ वाले इलाक़े में था अखिल अपने घर के अंदर गया मैं भी उसके पीछे अंदर गया
अखिल- मेरी डार्लिंग मेरी जानू कहाँ है तू मेरी रानी
[एक लड़की किचन से बाहर आई]
कौन है
अखिल- तेरा नन्हा मुन्ना अखिल
लड़की- अरे आप आ गये बैठिए नाश्ता तयार ही है
[उस लड़की की नज़र मुझपे पड़ी]
यह कौन हैं
अखिल- यह अपन का दोस्त है यह भी नाश्ता करेगा
लड़की- नमस्ते
दिलीप- मैं भी नमस्ते किया
फिर वो किचन में चली गयी
[मैं धीरे से अखिल को कहा]
मैं तो मज़ाक में कहा था सच में यह तेरी बीवी है
अखिल- नही रे अपन अभी 20 साल का है और यह 19 की
अपन 21 साल का होते ही इससे शादी मनाएगा और पूरी क्रिकेट टीम पैदा करेगा
दिलीप- पर तेरे जैसे लंगूर को यह अंगूर कहाँ से मिल गया
अखिल- तू अपन की तारीफ़ कर रहा है या बेज़्जती
दिलीप- तारीफ़ कर रहा हूँ
[लूक्के मैं बड़बड़ाया]
अखिल- वो मैं तुझे नही बताउन्गा अपन की जान बताना चाहे तो बता सकती है
दिलीप- [इसकी थोड़ी लेता हूँ] वैसे जान का नाम क्या है
अखिल- अबे वो तेरी भाभी है अरषि जान सिर्फ़ अपन की है
दिलीप- लेकिन मैं तो जान ही कहूँगा
अखिल- जा मैं तेरे साथ नही करता
दिलीप- अच्छा सॉरी
अरषि- यह लीजिए नाश्ता तय्यार है
अखिल- आहहा कितनी रापचिक खुसबु है खाने में कितना मज़ा आएगा
दिलीप- बहुत अच्छी खुश्बू है
[फिर हम तीनो ने नाश्ता किया नाश्ता करने के बाद]
अखिल- तू तय्यार हो जा तुझे कॉलेज छोड़ देता हूँ
अरषि- नही आज कॉलेज बंद है टीचर्स ने हड़ताल करदी है
अखिल- यह मास्टर लोगो ने बहुत अच्छा किया
अरषि- क्या आप भी चलिए हाथ धो लीजिए
अखिल- अच्छा सुन यह मेरा दोस्त है
यह हुमारी लवस्टोरी जानना चाहता है
अरषि- जैसी आपकी मर्ज़ी
अखिल- तू कभी नही सुधरेगी अच्छा जा तू आराम कर
[अरषि चली गयी]...
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अपडेट 30ब
अखिल- हां तो सुन
पास्ट
यह बात 1 साल पहले की है उस वक़्त अपन बहुत गुस्से वाला था
अपन चोरी करता था डाके डालता था और मारा मारी भी करता था
अपुन के गॅंग बॉस ने बोला आज हमें लड़किया सप्लाइ करनी है
[एमएलए जो लड़किया लाता था वो मेरे गॅंग बॉस के यहाँ ही रखता था क्यूंकी मेरा गॅंग बॉस एमएलए का पुराना वफ़ादार था आज 60 लड़कियो की जिंदगी बर्बाद होने वाली थी]
अखिल- देखो बॉस अपन आपको पहले भी बोला है अपन यह लड़की वाला काम नही करेगा आपके लिए अपन जान भी दे सकता है
गॅंग बॉस- चल ठीक है मैं खुद चला जाउन्गा
[बॉस वहाँ से लड़कियो को ट्रक में डालके ले गया]
अपन अड्डे पे ही घूमने लगा
तभी 2 लुक्को की बाते मुझे सुनाई दी
वो लुक्खे बोल रहे थे कि आज बॉस पे हमला होगा और 60 लड़कियो में से 5 लड़कियो को टपका देंगे
[ अपन को पता था कि 5 लड़कियो का कम होना मतलब हरामी एमएलए बॉस को जान से मार्देगा
और अपन बॉस को कुछ नही होने दे सकता था बॉस ने ही अपन को पाला था]
अपन उन दो लुक्खो को बहुत पीटा और उन लुक्खो की बाइक पे निकल गया बॉस को रोकने
अपन रास्ते में ही बॉस को सब बता दिया बॉस ने दूसरे रास्ते से जाने को बोला
सारी लड़किया हरामी एमएलए के रंडीखाने में पहुँचा दी गई अपन वहाँ से जाना चाहता था
पर बॉस ने अपन को जाने नही दिया
1 घंटे बाद लड़कियो की नीलामी शुरू हुई
नीलामी नीचे हो रही थी
और अपन यह घटिया खेल उपर वाला फ्लोर से देख रहा था
50 लड़किया रोती बिलखती सिसकती हुई नीलाम हो गयी
आखरी में बची 10 लड़किया जिनकी बोली 5 लाख से शुरू हुई
अपन अपना मुँह दूसरी तरफ घुमाया हुवा था
आपुन ने जब आखरी लड़की का सुना तो अपन को उसको देखने का मन हुआ
अपन ने जब उस लड़की का चेहरा देखा
तो अपन उस लड़की को देखता रह गया
दूध जैसा सफेद रंग
अपन ने आज तक किसी लड़की पे इतनी मासूमियत कभी नही देखी थी
वो लड़की रो रही थी अपन को आज पहली बार किसी और का दर्द देखके
ऐसा लगा कि अपन का किसीने दिल चीर दिया हो
तब अपन ने सुना की उस लड़की की नीलामी 15 लाख में हुई
उस लड़की को एक बुड्ढ़ा अपने साथ ले जा रहा था
वो उसके साथ जा ही नही रही थी
अपन ने बिना सोचे 25 फीट उपर से छलान्ग लगा दी...
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अपडेट 30सी
सब अपन को देखने लगे
अपन उस लड़की का हाथ पकड़ के अपने साथ ले जाने लगा
तभी बॉस अपन के सामने आ गया बॉस अपन को यह लड़की चाहिए
बॉस- तुझे पता है बिकी हुई लड़की वापस नही मिलती और तेरे पास 15 लाख भी नही है
अखिल- बॉस अपुन को यह लड़की चाहिए
[तभी एमएलए के मॅनेजर ने अपने गुणडो को इशारा किया मॅनेजर के गुंडे अपन को मारने लगे
जब अपन ने उस लड़की का हाथ छोड़ा तो ऐसा लगा कि अपन की किसीने जिंदगी छीन ली हो
अपन को वो गुंडे मारते रहे अप्पुं खून से लथपथ ज़मीन पे गिर पड़ा]
अपन तड़प्ते हुए
बॉस अपन को इस लड़की से अलग मत करो
[बॉस ने अपना मुँह फेर लिया]
बॉस अपन ने आपकी जान बचाई है
[वो बूढ़ा ज़बरदस्ती उसे ले जा रहा था]
बॉस अपन को जान से मार दो पर अपन को यह लड़की दे दो
बॉस अपन ने आज तक तुमसे कुछ नही माँगा तुम्हारे लिए सारे ग़लत काम किए बिना कोई कीमत लिए
आज अपन उन सारे कामो का हिसाब माँगता है
[बॉस ने जाके उस बुड्ढे को धक्का दिया और मुझे आके उठाया]
बॉस- मैं इस लड़की का 20 लाख दूँगा मेनेज़र से कहा
मॅनेजर- यह लड़की बिक चुकी है
बॉस- मैं मालिक से बात करलूंगा
मॅनेजर- मालिक दिल्ली गये हैं
बॉस- शायद तुमने सुना नही मैं मालिक से बात करलूंगा
मेनेज़र-ठीक है
अखिल- [बॉस अपने साथ अपन को और उस लड़की को अपने पुराने घर लेके आए]
यह ले इस घर की चाभी और अपना पैर कभी उस इलाक़े की तरफ मत मोड़ना आज से तेरा मेरा सारा हिसाब चुकता
[यह कहके बॉस चला गया]
अखिल- अपन उस लड़की की तरफ देखा
तेरा नाम क्या है
[उसने अपना नाम अरषि बताया]
तेरे माँ बाप है
अरषि- मेरी सौतेली माँ ने ही मुझे 50000 में बेच दिया
[यह कहके अरषि रोने लगी]
अखिल- अच्छा अब रोना बंद कर तू जब तक चाहे मेरे पास रह सकती हो
अरषि- पर आपने तो मुझे खरीदा है
अखिल- अपन ने तुझे खरीदा नही है अपन ने सिर्फ़ अपने प्यार को बचाया है
[अरषि मुझे देखने लगी]
अरषि- इसका मतलब आप मेरे जिस्म से नही मुझसे प्यार करते हैं
अखिल- हाँ
अरषि- अपनी आँखें बंद कीजिए
अखिल- क्यूँ
अरषि- कीजिए ना
अखिल- अपन ने अपनी आँखें बंद कर ली
अरषि- अब अपनी आँखें खोलिए
अखिल- अपन ने जब आँख खोला तो देखा अरषि के जिस्म पे एक कपड़ा भी नही है
वो बिल्कुल नंगी अपन के सामने खड़ी हो गयी उसकी आँखें बंद थी
अपन जल्दी से गया और अरषि के बदन पे एक चादर लपेट दिया
अपन ने आरषि को 2 थप्पड़ मारा अरषि मेरे पैरो पे गिर गयी
अरषि- आज से मेरे लिए आप ही मेरे भगवान हैं
अखिल- अच्छा उठ रो मत तूने ऐसा किया ही क्यूँ कि मैने तुझपे हाथ उठाया पता है अपन को कितनी तकलीफ़ हुई
अरषि- मुझे लगा आप भी मुझसे नही मेरे जिस्म से प्यार करते हैं
अखिल- अपन को माफ़ कर्दे
अरषि- आप माफी मत मांगिए आप मेरे भगवान हैं
अखिल- अरे मैं तेरा पति बनना चाहता हूँ और तू मुझे भगवान बना रही है
अरषि- हां तो पति भी तो प्रमेश्वर ही होता हैना
अखिल- अच्छा सुन अगर मैं तेरे साथ वैसा करता तो तू क्या करती
अरषि- अपनी जान देदेति
अखिल- दोबारा ऐसा मत कहना
ऐसे ही 6 महीने गुजर गये
1 दिन अपन के दिमाग़ में बात आई कि अपन तो पढ़ नही पाया क्यूँ ना अरषि को पढ़ाऊं
अखिल- अरषि तू कितने तक पढ़ी है
अरषि- 10थ तक
अखिल- आगे पढ़ेगी
अरषि- नही
अखिल- क्यूँ
अरषि- आप से दूर नही रह सकती
अखिल- पर अपन तो चाहता है कि तू पढ़े
अरषि- आप चाहते हैं तो ठीक है
अखिल- अपन ने जुगाड़ करके अरषि का एक अच्छे कॉलेज में अड्मिशन करवा दिया
दिन ऐसे ही बीतते गये एक दिन मैं अरषि से पूछा
अखिल- तू अपन से प्यार नही करती
अरषि- क्यूँ
अखिल- आज तक तूने अपन से प्यार वाली बात नही की
खलीफोखत भगवान बनाया हुआ है अपन को
अरषि- मैं आपसे प्यार करती हूँ पर उससे ज़्यादा मैं आपकी पूजा करती हूँ
अखिल- क्यूँ
अरषि- मैं आपको बताती हूँ मेरी माँ कहती थी जो जान बचाता है वो इंसान होता है और जो ज़िंदगी देता है वो भगवान होता है
अखिल-[उसके बाद अपन के पास कुछ बोलने को नही बचता था]
प्रेज़ेंट
यह थी अपन और अरषि की लव स्टोरी....
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