अपडेट 35
पार्क में सब लोग हमे घूर रहे थे
अखिल इधर उधर देखने लगा
दिलीप- और लुक्खे कैसा लगा
[अखिल पीछे मुड़ा उसकी शकल देखके मन किया ठहाका लगाऊ]
अखिल- आज तुझे नही छोड़ूँगा
दिलीप- पहले पकड़ तो ले
[यह कहके मैं भागने लगा]
अखिल मेरे पीछे भागता रहा पर मुझे पकड़ नही पाया
थोड़ी देर बाद अखिल ज़मीन पे बैठके हाँफने लगा
मैं वहाँ पे एक अंकल से पानी की बॉटल माँगा और अखिल के पास गया
दिलीप- यह ले
[अखिल बॉटल का सारा पानी गटक गया मैं अखिल के साथ ज़मीन पे बैठ गया]
ठीक तो है
अखिल- अपन की लेने में तेरे को बहुत मज़ा आता हैना
अगर अपन का हार्ट फैल हो जाता तो आपुन की जान अरषि का क्या होता
दिलीप- तूने ऐसी ग़लती ही क्यूँ की
अखिल- अपन ने क्या किया
दिलीप- लड़कियो के पिछवाड़े को घूर्ना क्या अच्छी बात है
अखिल- अच्छा वो देख तेरे को तो पता है अपन जहाँ पैदा हुआ वो कितनी गंदी जगह थी वहाँ यह सब ऐसा था जैसे साँस ले रहा हो तो अपन का ऐसा होना भी आम बात है अपन आज तलक किसी लड़की के बारे में यह नही सोचा कि अपन इसका रेप करे हाँ अपन आँखें ज़रूर सेकता है
दिलीप- बस कर रुलाएगा क्या वैसे तू है लुक्खा पर बात बहुत अच्छी करता है
अखिल- यह तो मेरी जान अरषि का कमाल है
पहले अपन हर बात में गाली देता था
धीरे धीरे अरषि की वजह से अपन का चाल चलन थोड़ा सुधरा है
दिलीप- इसका मतलब तू और लड़कियो के साथ सोता भी होगा
अखिल- हाँ
दिलीप- अरषि को पता है
अखिल- अपन ने अरषि को
अपन के बारे में सब बता दिया था
दिलीप- अरषि ने कुछ नही कहा तुझे
अखिल- उसको तो जब भी मैं कोई बात बोलता हूँ
वो कहती है जैसी आपकी मर्ज़ी
दिलीप- और तू इतना घटिया क़ी
वो तुझे इतना प्यार करती है तुझे पूजती है
और तू उसके लिए यह सब नही छोड़ सकता
अखिल- पहले अपन रोज नयी लड़की के साथ सोता था
अरषि के प्यार की वजह से अब अपन हफ्ते में एक बार करता है
इससे ज़्यादा अपन के बस में नही है
अपन कई बार कोशिश किया
इससे ज़्यादा अपने आपको रोकने की
पर अपन नही रोक पाया
यह अपन की लत बन चुकी थी
दिलीप- [लुक्खे की बात सुनके मन किया लुक्खे को गले लगा लूँ पर यहा पे लोग थे
कही कुछ ग़लत ना सोचने लगे]
वैसे एक बात बता
अखिल- क्या
दिलीप- जब तू डर से चीखा
तो तेरे मुँह से अरषि का नाम क्यूँ निकला
अखिल- वो इसलिए की अपन का इस दुनिया में
अपन की जान अरषि अलावा कोई है ही नही
तो जब अपन को डर लगेगा
तो अपन तो अपन की
जान को ही पुकरेगा ना
दिलीप- आहहाहा बाबा लुक्खेश्वर महाराज की जै जै जै
अखिल- तू फिर शुरू हो गया
दिलीप- तुझे उन सब लड़कियो में सबसे ज़्यादा कौन पसंद है
अखिल- लड़किया पसंद नही है
लड़कियो का बड़ा पिच्छवाड़ा पसंद है अपन को
दिलीप- हाँ वही किसका पसंद है
अखिल- वो जो लंबी सी है
दिलीप- उसमें ऐसा क्या है
अखिल- अबे उसका पिछवाड़ा देख कितना बड़ा है
देखके ही लगता है बहुत गन्ने खाए है इसने
दिलीप- तो इरादा क्या है
अखिल- अपन का इरादा कुछ भी हो
अपन हिलाने के सिवा क्या करसकता है
दिलीप- मेरे पास 1 आइडिया है
अखिल- तू अपना आइडिया अपने पास रख
दिलीप- सुन तो बहुत बढ़िया आइडिया है
अखिल- सच में तेरे पास आइडिया है
दिलीप- हाँ रे
अखिल- सुना
दिलीप- मैने अखिल के कान में अपना आइडिया सुनाया
[आइडिया सुनके अखिल ने ऐसा मुँह बनाया
जैसे मैने उसकी मार ली हो].....
Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
अपडेट 36
दिलीप- कैसा लगा आइडिया
अखिल- घंटा इसमें तो तेरा फ़ायदा होगा
दिलीप- यह आइडिया से तुझे ही फ़ायदा होगा
अखिल- फ़ायदा नही नुकसान होगा
दिलीप- तुझे यह करना पड़ेगा
अखिल- को ज़बरदस्ती है क्या
दिलीप- हाँ वरना तेरी मेरी दोस्ती ख़तम
अखिल- क्या मुसीबत है
तेरे जैसा दोस्त हो तो दुश्मन की ज़रूरत ही नही है
दिलीप- तू जा रहा है कि नही
अखिल- जा रहा हूँ
दिलीप- और सुन उस लड़की से बात करते हुए
अगर तूने टपोरी शब्द यूज़ किया तो अपना मुँह मत दिखाना
अखिल- ठीक है जाता हूँ
दिलीप- मैं उधर ही ज़मीन पे बैठ गया
अखिल और वो लड़की एक घर में चले गये
1 घंटे बाद अखिल मुझे आता हुआ दिखा
लुक्खे ने आके मुझे गले लगा लिया अब छोड़ मैं उस टाइप का नही हूँ
अखिल- दोस्त हो तो तेरे जैसा क्या आइडिया दिया था तूने
रात 11 बजे बुलाया है आइटम ने आज मज़ा आएगा
दिलीप- थोड़ी देर पहले मुझे दुश्मन बोल रहा था
अखिल- माफ़ कर्दे ना
दिलीप- 1 घंटे तक तू क्या कर रहा था
अखिल- उसने अपन को हल्का किया
और अपन ने उसको
दिलीप- [घर चल और पूरे विस्तार से बता क्या हुआ हम दोनो घर पहुँचे]
अब बता
[अब सुनिए आइडिया क्या था अखिल की ज़ुबानी]
अखिल- [मैं पहुँचा उस लड़की के पास]
हाई[मैने उस लड़की को बोला]
लड़की- हेलो
क्या मैं आपको जानती हूँ
अखिल- नही मैं आज ही शिफ्ट हुआ हूँ यहाँ
लड़की- ओह
अखिल- मुझे आपसे कुछ बात करनी है
[तभी वहाँ पे खड़ी दूसरी लड़की बोली]
अभी आप कॉमेडी कर रहे हैं क्या
[मन किया साली को रखके दूं]
लड़की- जी कहिए
अखिल- कहीं अकेले में बात करें
लड़की- ओके
[फिर वो मुझे अपने घर ले गयी अपन को समझ आ गया बहुत चालू है]
अखिल- घर बहुत खूबसूरत है
लड़की- मेन पॉइंट प्लीज़
अखिल- मेरा दोस्त आपको पसंद करता है
लड़की- तो मुझे सब पसंद करते हैं
अखिल- वो आपके साथ सेक्स करना चाहता है
[यह सुनते ही चटाक़ चटाक़ चटाक़ तीन थप्पड़ पड़े मुझको]
लड़की- तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ऐसी घटिया बात कहने की घर में माँ बहेन नही है क्या
अखिल- आप पहले मेरी पूरी बात सुनिए
लड़की- मुझे तुम जैसे घटिया आदमी की कोई बात नही सुननी निकलो मेरे घर
ऑर आइ कॉल दा पोलीस
अखिल- [पोलीस शब्द सुनके मेरी]
जैसी आपकी मर्ज़ी बाद में मत कहना कि मैने आपको वॉर्न नही किया
लड़की- तुम मुझे धमकी दे रहे हो
अखिल- धमकी नही दे रहा हूँ समझा रहा हूँ पूरी बात सुनो पहले
लड़को- बोलो
अखिल- जब तुम पार्क में थी तो मेरा दोस्त तुम्हे घूर रहा था
मैने उसे बोला घूर के क्या मिलेगा अगर पसंद है तो जाके सीधा बात कर
मेरा दोस्त बोला अगर उसने थप्पड़ मार दिया तो तुझे तो पता है
अपन को कोई लड़की थप्पड़ मार्दे तो अपन उसको हाथ काट देता है
[यह सुनके आइटम की फट गई]
लड़की- मुझे पता है तुम मुझे डराना चाहते हो लेकिन मैं डरने वाली नही हूँ
मैं अभी पोलीस को फोन करती हूँ
अखिल- करो मेरा क्या जाएगा
पोलीस बिना सबूत के तुमपे विश्वास नही करेगी
और तुम पोलीस को रिश्वत भी नही दे पाओगी
तुमको एक और बात बताता हूँ वो मेरा कोई दोस्त नही है
वो मुझे ब्लॅकमेल कर रहा है वरना मुझे किसी पागल कुत्ते ने नही काटा है
जो मैं किसी लड़की से डाइरेक्ट यह बात कहूँ
[अब तो आइटम की पूरी तरह फट गई]
लड़की- मुझे बचा लो प्लीज़
अखिल- मैं तुम्हारी कोई मदद नही कर सकता
लड़की- प्लीज़
इसके बदले मैं तुम्हारे साथ सेक्स करलूंगी
अखिल- मैं मजबूरी का फ़ायदा नही उठाता
लड़की- जब मैं कह रही हूँ कि मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूँ तो तुम्हे क्या प्राब्लम है
अखिल- नो
[आइटम ने वो किया जो अपन ने कभी सपने में भी नही सोचा था...
दिलीप- कैसा लगा आइडिया
अखिल- घंटा इसमें तो तेरा फ़ायदा होगा
दिलीप- यह आइडिया से तुझे ही फ़ायदा होगा
अखिल- फ़ायदा नही नुकसान होगा
दिलीप- तुझे यह करना पड़ेगा
अखिल- को ज़बरदस्ती है क्या
दिलीप- हाँ वरना तेरी मेरी दोस्ती ख़तम
अखिल- क्या मुसीबत है
तेरे जैसा दोस्त हो तो दुश्मन की ज़रूरत ही नही है
दिलीप- तू जा रहा है कि नही
अखिल- जा रहा हूँ
दिलीप- और सुन उस लड़की से बात करते हुए
अगर तूने टपोरी शब्द यूज़ किया तो अपना मुँह मत दिखाना
अखिल- ठीक है जाता हूँ
दिलीप- मैं उधर ही ज़मीन पे बैठ गया
अखिल और वो लड़की एक घर में चले गये
1 घंटे बाद अखिल मुझे आता हुआ दिखा
लुक्खे ने आके मुझे गले लगा लिया अब छोड़ मैं उस टाइप का नही हूँ
अखिल- दोस्त हो तो तेरे जैसा क्या आइडिया दिया था तूने
रात 11 बजे बुलाया है आइटम ने आज मज़ा आएगा
दिलीप- थोड़ी देर पहले मुझे दुश्मन बोल रहा था
अखिल- माफ़ कर्दे ना
दिलीप- 1 घंटे तक तू क्या कर रहा था
अखिल- उसने अपन को हल्का किया
और अपन ने उसको
दिलीप- [घर चल और पूरे विस्तार से बता क्या हुआ हम दोनो घर पहुँचे]
अब बता
[अब सुनिए आइडिया क्या था अखिल की ज़ुबानी]
अखिल- [मैं पहुँचा उस लड़की के पास]
हाई[मैने उस लड़की को बोला]
लड़की- हेलो
क्या मैं आपको जानती हूँ
अखिल- नही मैं आज ही शिफ्ट हुआ हूँ यहाँ
लड़की- ओह
अखिल- मुझे आपसे कुछ बात करनी है
[तभी वहाँ पे खड़ी दूसरी लड़की बोली]
अभी आप कॉमेडी कर रहे हैं क्या
[मन किया साली को रखके दूं]
लड़की- जी कहिए
अखिल- कहीं अकेले में बात करें
लड़की- ओके
[फिर वो मुझे अपने घर ले गयी अपन को समझ आ गया बहुत चालू है]
अखिल- घर बहुत खूबसूरत है
लड़की- मेन पॉइंट प्लीज़
अखिल- मेरा दोस्त आपको पसंद करता है
लड़की- तो मुझे सब पसंद करते हैं
अखिल- वो आपके साथ सेक्स करना चाहता है
[यह सुनते ही चटाक़ चटाक़ चटाक़ तीन थप्पड़ पड़े मुझको]
लड़की- तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ऐसी घटिया बात कहने की घर में माँ बहेन नही है क्या
अखिल- आप पहले मेरी पूरी बात सुनिए
लड़की- मुझे तुम जैसे घटिया आदमी की कोई बात नही सुननी निकलो मेरे घर
ऑर आइ कॉल दा पोलीस
अखिल- [पोलीस शब्द सुनके मेरी]
जैसी आपकी मर्ज़ी बाद में मत कहना कि मैने आपको वॉर्न नही किया
लड़की- तुम मुझे धमकी दे रहे हो
अखिल- धमकी नही दे रहा हूँ समझा रहा हूँ पूरी बात सुनो पहले
लड़को- बोलो
अखिल- जब तुम पार्क में थी तो मेरा दोस्त तुम्हे घूर रहा था
मैने उसे बोला घूर के क्या मिलेगा अगर पसंद है तो जाके सीधा बात कर
मेरा दोस्त बोला अगर उसने थप्पड़ मार दिया तो तुझे तो पता है
अपन को कोई लड़की थप्पड़ मार्दे तो अपन उसको हाथ काट देता है
[यह सुनके आइटम की फट गई]
लड़की- मुझे पता है तुम मुझे डराना चाहते हो लेकिन मैं डरने वाली नही हूँ
मैं अभी पोलीस को फोन करती हूँ
अखिल- करो मेरा क्या जाएगा
पोलीस बिना सबूत के तुमपे विश्वास नही करेगी
और तुम पोलीस को रिश्वत भी नही दे पाओगी
तुमको एक और बात बताता हूँ वो मेरा कोई दोस्त नही है
वो मुझे ब्लॅकमेल कर रहा है वरना मुझे किसी पागल कुत्ते ने नही काटा है
जो मैं किसी लड़की से डाइरेक्ट यह बात कहूँ
[अब तो आइटम की पूरी तरह फट गई]
लड़की- मुझे बचा लो प्लीज़
अखिल- मैं तुम्हारी कोई मदद नही कर सकता
लड़की- प्लीज़
इसके बदले मैं तुम्हारे साथ सेक्स करलूंगी
अखिल- मैं मजबूरी का फ़ायदा नही उठाता
लड़की- जब मैं कह रही हूँ कि मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूँ तो तुम्हे क्या प्राब्लम है
अखिल- नो
[आइटम ने वो किया जो अपन ने कभी सपने में भी नही सोचा था...
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
-
- Novice User
- Posts: 274
- Joined: 06 Jul 2016 04:23
- Contact:
- Kamini
- Novice User
- Posts: 2112
- Joined: 12 Jan 2017 13:15
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
plz update
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
अपडेट 37
अखिल- आइटम अपन के सामने घुटने के बल बैठ गयी
आइटम अपन का लंड अपन के पैंट के उपर से सहलाने लगी
अपन भी तो यही चाहता था
अपन की आँखें बंद हो गयी
आइटम ने अपन का पैंट खोलके नीचे कर दिया
अंडरवेर भी नीचे कर दिया
और अपन के लंड को मुट्ठी में पकड़ के मूठ मारने लगी
थोड़ी देर में अपन का लंड एक दम खड़ा हो गया
अपन ने आइटम के सर पे हाथ रखा आइटम समझ गयी
आइटम ने अपना ज़ुबान निकाला
और अपन के लंड को
उपर से नीचे चाटने लगी
आइटम अब अपन के सुपाडे अपने मुँह में लेके चूसने लगी
ऐसा लग रहा था कि आइटम को बहुत प्रॅक्टीस है
अब आइटम ने अपना दोनो हाथ मेरी गंद पे रख दिया
और अपना मुँह आगे पीछे करके अपन के लंड को चूसने लगी
अपन को बहुत मज़ा आ रहा था
अपन का लंड गपगाप आइटम के मुँह में अंदर बाहर कर रहा था
आइटम ने फिर अपन का लंड पकड़ा और मूठ मारने लगी
और अपन के आंडो को मुँह में लेके चूसने लगी
आइटम कभी अपन के अंदो को ज़ोर से चुस्ती
तो कभी चाट लेती
आइटम ने अब अपन का पूरा लंड मुँह डालके अंदर बाहर करने लगी
अपन का लंड आइटम के थूक से पूरा गीला हो गया
अब अपन झड़ने वाला था
अपन ने आइटम का सर पकड़ा
और आइटम के मुँह में अपना लंड पेलने लगा
आइटम की आँखें चौड़ी हो गई
अब अपन और ज़ोर्से अपना लंड आइटम के मुँह पेलते हुए झड़ने लगा
आइटम अपन का सारा कम पी गयी
आइटम- अब करोगे ना मदद
अखिल- रात में कब आऊँ
आइटम अपन को घूर्ने लगी
आइटम- 11 पीएम आ जाना
अखिल- फिर अपन तेरे पास आ गया
प्रेज़ेंट
दिलीप- जब अखिल ने मुझे देखा तो उसकी फट गयी
अभी मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था
मैं अपना गुस्सा कंट्रोल करते हुए कहा
[मैने तुझे बोला था
कि तू उस लड़की के पास जाएगा
उस लड़की से बोलेगा तुझे उससे अकेले में बात करनी है
जब वो लड़की अकेले में बात करने के लिए तय्यार हो जाए तो उससे कहना
कि तू उसे पसंद करता है
और तू उसके साथ सेक्स करना चाहता है
यह सुनके वो लड़की तुझे मारेगी गाली देगी पोलीस की धमकी देगी
तू उसे डाँट कर चुप कराएगा और बोलेगा
कि तुझे अगर कोई लड़की पसंद आती है तो तू
उसे अकेले में ले जाकर सॉफ सॉफ बोल देता है
कि तू उसके साथ सेक्स करना चाहता है
तू कभी किसी लड़की को देखके उसके बारे में गंदा नही सोचता
तू कभी सेक्स के लिए
किसी लड़की की फीलिंग्स के साथ नही खेलता
तू कभी किसी लड़की को सिड्यूस नही करता
क्यूंकी जो लड़किया सिड्यूस होती हैं
बाद में सबसे ज़्यादा तकलीफ़ उसी लड़की को होती है
तू कभी किसी लड़की को अपने प्यार के जाल में फँसा कर उसकी इज़्ज़त बर्बाद नही करता
तू कभी अपनी वजह से किसी भी लड़की को चोट नही पहुँचाता
तेरी बात सुनके वो लड़की हाँ बोलेगी या ना बोलेगी
हाँ बोलेगी तो तेरी ऐश
और अगर ना भी बोलती है तो भी तुझे फ़ायदा ही होगा
क्यूंकी तेरी बात सुनके
वो लड़की तेरे बारे में कभी ग़लत नही सोचेगी
हो सकता आगे चलके वो तुझे खुद आके बोले कि वो तेरे साथ सेक्स करना चाहती है]
लेकिन तू इतना गिरा हुआ निकला कि तूने उसके डर का फ़ायदा उठाया
आज मुझे पता चला कि मैं पहली बार किसिको अपना दोस्त चुना
लेकिन दोस्त तो बहुत दूर की बात है
तू इंसान भी नही बन पाया
आज अभी इसी वक़्त मैं तुझसे अपना हर रिश्ता तोड़ता हूँ
चल निकल मेरे घर से
और मैने अखिल को धक्के मारके बाहर निकाल दिया
और उसके मुँह पर गेट बंद कर दिया
अखिल- आइटम अपन के सामने घुटने के बल बैठ गयी
आइटम अपन का लंड अपन के पैंट के उपर से सहलाने लगी
अपन भी तो यही चाहता था
अपन की आँखें बंद हो गयी
आइटम ने अपन का पैंट खोलके नीचे कर दिया
अंडरवेर भी नीचे कर दिया
और अपन के लंड को मुट्ठी में पकड़ के मूठ मारने लगी
थोड़ी देर में अपन का लंड एक दम खड़ा हो गया
अपन ने आइटम के सर पे हाथ रखा आइटम समझ गयी
आइटम ने अपना ज़ुबान निकाला
और अपन के लंड को
उपर से नीचे चाटने लगी
आइटम अब अपन के सुपाडे अपने मुँह में लेके चूसने लगी
ऐसा लग रहा था कि आइटम को बहुत प्रॅक्टीस है
अब आइटम ने अपना दोनो हाथ मेरी गंद पे रख दिया
और अपना मुँह आगे पीछे करके अपन के लंड को चूसने लगी
अपन को बहुत मज़ा आ रहा था
अपन का लंड गपगाप आइटम के मुँह में अंदर बाहर कर रहा था
आइटम ने फिर अपन का लंड पकड़ा और मूठ मारने लगी
और अपन के आंडो को मुँह में लेके चूसने लगी
आइटम कभी अपन के अंदो को ज़ोर से चुस्ती
तो कभी चाट लेती
आइटम ने अब अपन का पूरा लंड मुँह डालके अंदर बाहर करने लगी
अपन का लंड आइटम के थूक से पूरा गीला हो गया
अब अपन झड़ने वाला था
अपन ने आइटम का सर पकड़ा
और आइटम के मुँह में अपना लंड पेलने लगा
आइटम की आँखें चौड़ी हो गई
अब अपन और ज़ोर्से अपना लंड आइटम के मुँह पेलते हुए झड़ने लगा
आइटम अपन का सारा कम पी गयी
आइटम- अब करोगे ना मदद
अखिल- रात में कब आऊँ
आइटम अपन को घूर्ने लगी
आइटम- 11 पीएम आ जाना
अखिल- फिर अपन तेरे पास आ गया
प्रेज़ेंट
दिलीप- जब अखिल ने मुझे देखा तो उसकी फट गयी
अभी मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था
मैं अपना गुस्सा कंट्रोल करते हुए कहा
[मैने तुझे बोला था
कि तू उस लड़की के पास जाएगा
उस लड़की से बोलेगा तुझे उससे अकेले में बात करनी है
जब वो लड़की अकेले में बात करने के लिए तय्यार हो जाए तो उससे कहना
कि तू उसे पसंद करता है
और तू उसके साथ सेक्स करना चाहता है
यह सुनके वो लड़की तुझे मारेगी गाली देगी पोलीस की धमकी देगी
तू उसे डाँट कर चुप कराएगा और बोलेगा
कि तुझे अगर कोई लड़की पसंद आती है तो तू
उसे अकेले में ले जाकर सॉफ सॉफ बोल देता है
कि तू उसके साथ सेक्स करना चाहता है
तू कभी किसी लड़की को देखके उसके बारे में गंदा नही सोचता
तू कभी सेक्स के लिए
किसी लड़की की फीलिंग्स के साथ नही खेलता
तू कभी किसी लड़की को सिड्यूस नही करता
क्यूंकी जो लड़किया सिड्यूस होती हैं
बाद में सबसे ज़्यादा तकलीफ़ उसी लड़की को होती है
तू कभी किसी लड़की को अपने प्यार के जाल में फँसा कर उसकी इज़्ज़त बर्बाद नही करता
तू कभी अपनी वजह से किसी भी लड़की को चोट नही पहुँचाता
तेरी बात सुनके वो लड़की हाँ बोलेगी या ना बोलेगी
हाँ बोलेगी तो तेरी ऐश
और अगर ना भी बोलती है तो भी तुझे फ़ायदा ही होगा
क्यूंकी तेरी बात सुनके
वो लड़की तेरे बारे में कभी ग़लत नही सोचेगी
हो सकता आगे चलके वो तुझे खुद आके बोले कि वो तेरे साथ सेक्स करना चाहती है]
लेकिन तू इतना गिरा हुआ निकला कि तूने उसके डर का फ़ायदा उठाया
आज मुझे पता चला कि मैं पहली बार किसिको अपना दोस्त चुना
लेकिन दोस्त तो बहुत दूर की बात है
तू इंसान भी नही बन पाया
आज अभी इसी वक़्त मैं तुझसे अपना हर रिश्ता तोड़ता हूँ
चल निकल मेरे घर से
और मैने अखिल को धक्के मारके बाहर निकाल दिया
और उसके मुँह पर गेट बंद कर दिया
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )