प्यासे दिन और प्यासी रातें complete

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rangila
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Re: प्यासे दिन और प्यासी रातें

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ग्रुप सेक्स की तैयारी
जय के जाने के बाद में शावर लेकर फ्रेश हुई… तभी प्रीति का फोन आया… उसका फोन अभी ठीक होकर आया था।
फोन पर वो बहुत नाराज हुई, बोली- अगर मुझे कुछ हो जाए तो तू तो मिलने भी नहीं आएगी?
मैंने उसको सॉरी बोला… और उससे पूछा- क्या सोचा?
वो बोली- सोचना क्या है, जब तू कह रही है तो, यहाँ तो सोच सोच के चूत चिकनी हो रही है और उसका फायदा जय मेरी चूत फाड़ के ले रहा है।
मैंने कहा- ठीक है, मैं प्रोग्राम बनाती हूँ।
मैंने पायल से और रंगीला से बात करके शनिवार की रात का अपने घर का प्रोग्राम बनाया। खाना सभी ने साथ ही खाना था।
इस बीच में हम तीनों ब्यूटी पार्लर जाकर फुल बॉडी वेक्सिंग वगैरा करा आईं।
मेरे और पायल की मेहंदी भी बहुत हल्की पड़ गई थी तो तीनों ने ही मेहंदी भी लगवा ली।
हमने अपने पतियों को भी पूरी शेव करने को बोल दिया था।
शनिवार को रंगीला ने होटल से खाना मंगाने का इन्तजाम कर लिया ताकि मुझे थकान न हो।
शनिवार को 8 बजे तक तीनों कपल्स आ गए, सबने एक दूसरे को हग करके होठों पर किस किया।
सबको मालूम था कि किस लिए आये हैं।
हम लोग ड्राइंग रूम में बैठे, ड्रिंक रखी थीं, सब सेल्फ सर्व था, तीन गिलास व्हिस्की के थे और तीन बियर के पर जय ने हम लोगों की बियर में भी व्हिस्की टपका दी।
रंगीला ने डांस म्यूजिक लगा दिया था, सबने अपने अपने पैग खली किये और अपने जोड़ों में डांस करने लगे।
अपनी वाली के साथ डांस में मजा नहीं आ रहा था तो मेरी राय पर लाइट और म्यूजिक बंद कर दिया गया और सभी अलग अलग हो गए और म्यूजिक शुरू होते ही आपस में जोड़े बाबा कर डांस करने लगे, पता नहीं कौन किसके पास था… मैंने हल्की रोशनी खोल दी… मैं जय की बाँहों में थी, पायल रंगीला की और प्रीति राज की बाँहों में थी।
डांस शुरू हुआ और हमारे होंठ जुड़ गए।
राज और प्रीति तो बिल्कुल चिपट कर खड़े थे… राज के हाथ प्रीति के टॉप के अंदर घुस कर उसकी पीठ सहला रहे थे और प्रीति अपने हाथों से उसे कन्धों से दबा रही थी।
राज अपने लंड का दबाब उसकी चूत पर बनाये हुए था।
जय भी मेरे मम्मों को दबाता हुआ मुझे चूमे जा रहा था और रंगीला और पायल तो बस पूछो मत… दोनों ने एक दूसरे का चेहरा अपने हाथों से पकड़ा हुआ था और चूम रहे थे।
थोड़ी देर बाद सबने अपनी पोजीशन बदली और एक दूसरे की देखा देखी आदमी सभी लड़कियों के पीछे आ गए, सभी ने अब पार्टनर बदल लिए थे।
मैं राज के पास थी, रंगीला प्रीति के पास पायल जय के पास थी।
लड़के लड़कियों की गर्दन से हाथ डालकर उनके सीने पर ले आये। हम लड़कियों ने भी अपने हाथ पीछे ले जाकर उनके सर के पीछे रख रखे थे।
कामुकता का माहौल था।
राज के हाथ तो मेरे मम्मों पर पहुँच कर मेरे निप्पल दबा रहे थे और मैं भी अपने हाथों से उसका लंड टटोल रही थी।
प्रीति तो रंगीला का लंड निकाल चुकी थी और जय ने पायल का टॉप उतार कर उसे ऊपर से नंगी कर दिया था।
एक के कपड़े उतरते ही नंगा होने और करने की होड़ मच गई और दो तीन मिनट में ही सब नंगे थे… अब चुदाई का माहौल गर्म था। इसके लिए मैंने टेंट हाउस से गद्दे मंगा रखे थे जो सबने मिलकर बिछा लिए।
एक बार फिर चूम छाती के बाद पायल ने कहा- एक बार लाइट बंद करते हैं, सब म्यूजिक पर बदल बदल के फ़ास्ट डांस करेंगे और म्यूजिक बंद होते ही जिसके पास जो होगा, वही कपल चुदाई में साथ रहेगा।
पर प्रीति ने इसका विरोध किया, बोली- आगे पति ही पल्ले पड़ गया तो मजा नहीं आएगा।
तो फिर प्रीति से ही पूछा गया- कैसे हो?
तो प्रीति बोली- ग्रुप सेक्स है तो सब मिल कर चुदाई करेंगे… बदल बदल कर और शुरू करने के लिए चूंकि मैंने राज का लंड नहीं खाया है तो राज और मैं… जय के साथ रेखा क्योंकि दोनों की अच्छी पटती है और रंगीला और पायल…
सब खुश थे क्योंकि दिल से सब चाहते भी यही थे।
अब एक सेक्सुअल म्यूजिक प्ले हो रहा था और मैं जय की बाँहों में चली गई।
जय मझे चिपटा कर चूमता हुआ नीचे होने लगा और मुझे लिटा दिया और मेरी चूत को चाटने लगा… मैंने अपने हाथों से अपनी चूत के पास की खाल को खींच लिया था जिससे चूत खुल जाए।
मेरे पैरों के पास रंगीला और पायल गुंथे पड़े थे। वहाँ पायल रंगीला का लंड चूस रही थी और रंगीला उसकी चूत।
राज तो प्रीति के मम्मों को पागलों की तरह चूस रहा थ और प्रीति उसका लंड हिला रही थी।
अब राज और प्रीति भी 69 पोजीशन पर आ गए और आवाज करते हुए चूस रहे थे।
जय से बर्दाश नहीं हो रहा था तो वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी टांगें पंखे की ओर छत की तरफ करके अपना लंड मेरी लपलपाती चूत में घुसेड़ दिया।
पायल भी रंगीला के ऊपर बैठ कर उसे चोद रही थी, उसकी स्पीड में रंगीला भी नीचे से उछल उछल कर उसका साथ दे रहा था और अपने हाथों से उसके मम्मे दबा रहा था।
राज भी प्रीति की चूत को फाड़ने की तैयारी से पूरा घुस चुका था।
मेरे मम्मों पर प्रीति के हाथ आ गए थे और वो उन्हें जोर जोर से दबा रही थी।
हर ओर यह आवाज थी ‘और जोर से… फाड़ दो… हाँ आज नहीं छोडूँगा… आज जिन्दगी भर के मजे दूंगा… हाँ और चोदो मेरे राजा, मेरी चूत तो आज तुम्हारा लंड ख जायेगी…’
कोई शर्म नहीं थी सब यह भी भूल गए कि वो पार्टनर बदल भी सकते हैं… बस एक ही आलम था चुदाई चुदाई और चुदाई…
तो यह थी दोस्तो… ग्रुप सेक्स के नए जोड़ीदारों की कहानी…



end
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