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अपडेट 31
दिलीप- वाह क्या लव स्टोरी है मज़ा आ गया
अखिल- अपन जाके घर का जुगाड़ करता है
दिलीप- मुझे भी कुछ काम है
[फिर मैं अखिल के घर से निकल गया]
मैं मार्केट गया कुछ ज़रूरी समान लेके एक बॅग में रखा
2 घंटे ऐसे ही बीत गये
अब इंतज़ार था अखिल के फोन आने का
मैने एक होटेल में रूम लिया फ्रेश हुआ सोचा थोड़ी देर टीवी देख लेता हूँ
टीवी चॅनेल पे 1 फिल्म चल रही थी
उस फिल्म को देखके मुझे 1 आइडिया आया पर आइडिया बहुत रिस्की था
1 घंटे बाद अखिल का फोन आया
अखिल- घर का जुगाड़ हो गया है किराया 30000
दिलीप- अरे अपने को कॉन्सा पूरा महीना रहना है
अखिल- तू आजा मैं सोसाइटी के बाहर हूँ
और हाँ कपड़े अच्छे पहेन के आना अपन को पहले घुसने नही दिया
जब अपन टिप टॉप कपड़े पहना तब अपन को सोसाइटी में एंट्री मिली
काफ़ी मालदार सोसाइटी है
दिलीप- अच्छा ठीक है
[मैं नये कपड़े मार्केट से लेके पहना और पहुँचा सोसाइटी में अखिल सोसाइटी के बाहर खड़ा था]
दिलीप- आज पहली बार किसी बंदर को कोट पैंट पहनते देखा है
अखिल- तू हर वक़्त अपन की बेज़्जती क्यूँ करता है
दिलीप- चल[मैं अखिल को धक्का देते हुए कहा]
मैने अखिल को पैसे दिए
थोड़ी देर बाद अखिल आ गया घर की चाभी लेके हम दोनो घर देखने लगे
दिलीप- शीतल का घर कॉन्सा है
अखिल- वो सामने वाला
दिलीप- अपना वाला तो साउंडप्रूफ तो हैना
अखिल- हाँ रे अब आगे क्या करना है
दिलीप- किडनॅप करेंगे और क्या
अखिल- करेंगे किसका
दिलीप- शीतल का वही हमे मदन तक ले जाएगी और मदन हमे एमएलए तक पहुँचाएगा
अखिल- करेंगे कैसे
दिलीप- तुझे पता है यह घर हम ने क्यूँ लिया
अखिल- नही
दिलीप- हमे शीतल के घरपे नज़र रखनी है
आज रात 9 बजे तक अगर मदन नही आया तो हम आज रात शीतल का किडनॅप करेंगे
अखिल- किडनप करके रखेंगे कहाँ
दिलीप- उसी के घरपे
अखिल- पागल तो नही हो गया तू
शीतल को अपन लोग उसी के घर पे किडनॅप करके रखेंगे
दिलीप- हाँ
अखिल- क्या हाँ
इसी बीच अगर कोई शीतल के घर पे हमारी मारने आ गया तो
दिलीप- वो भी मैने सोच लिया है यह देख
[मैने अपना बॅग खोलके उलट दिया]
अखिल- अबे तू तो पक्का पागल लगता है
[बॅग का समान]
ग्लब्स.रस्सी.टेप दो चाकू. 3आसिड बॉटल 2 वीडियो कॅमरा. 2 मास्टर की और भी बहुत समान थे
अबे तू यह समान लाया कहाँ से
दिलीप- चोर बाज़ार से
अखिल- पर तू आसिड क्यूँ लाया
दिलीप- बाद में बताउन्गा पहले प्लान सुन
अखिल- बोल
दिलीप- [मैने अखिल को पूरा प्लान समझा दिया] समझ गया ना
अखिल- यह प्लान का हिस्सा है या तू अपन की ले रहा है
दिलीप- प्लान है रे बस 2 चीज़ तुझे लानी है
अखिल- क्या
दिलीप- तुझे बेहोश करने वाली दवाई और वो लानी है
अखिल- अबे वो क्या
दिलीप- अबे वही जिसको खाने से जिस्मानी आग बढ़ जाती है
अखिल- तू बदला लेने का प्लान बना रहा है या रेप करने का देख
[मैं अखिल को बीच में टोकते हुए बोला]
दिलीप- मुझे भी रेप से नफ़रत है तू भरोसा रख मैं तुझे धोखा नही दूँगा
अखिल- ठीक है
दिलीप- दोनो दवाई का ज़रूर पूछ लेना कि कितना लेने से कितनी देर तक असर रहता है
अखिल- अपन अपनी डार्लिंग के साथ खाना ख़ाके ले आएगा दोनो चीज़
दिलीप- मेरे लिए भी खाना लाना क्या खाना बनाती है
अखिल- अबे तू कहीं ऐसा वैसा तो नही सोच रहा है
दिलीप- नही रे अब तू जा
[अखिल चला गया]
मैं शीतल के घर पे नज़र गढ़ा के बैठ गया..
अपडेट 32
दिलीप- अब 4 घंटे हो गये थे मुझे शीतल के घर पे नज़र गढ़ाए हुए
भूख भी लगी थी और यह लुक्खा अभी तक नही आया था
तभी गेट नॉक हुआ
मैने गेट जाके खोला तो सामने अखिल घबराया हुआ खड़ा था
[अखिल जल्दी से अंदर आया और गेट बंद कर दिया]
दिलीप- अबे क्या हुआ कहीं किसी ने तेरी मार तो नही ली
अखिल- यह सब तेरी वजह से हुआ है और तुझे मज़ाक सूझ रहा है
दिलीप- लेकिन हुआ क्या
अखिल- अपन अभी मार्केट से आते वक़्त टॅक्सी में बैठ रहा था
2 मामू मतलब हवलदार तेरी फोटो दिखा के पूछ रहे थे कि कहीं देखा है इसको
वो तो अच्छा हुआ अपन को मामू लोग का एक्सपीरियेन्स है वरना
दिलीप- तो तेरी क्यूँ फट रही है
[अखिल मुझे आँखे फाड़ फाड़के देखने लगा]
[छोटे मामा के घर]
सुबह 8 बजे
विद्या दी और अरुणा दी दिलीप के रूम में गयी
विद्या- यहाँ तो सिर्फ़ मेघा है
[अरुणा दी मेघा को जगाने लगी]
मेघा- क्या हुआ दीदी
अरुणा- भैया कहाँ है
मेघा- क्या भैया नही है
विद्या- शायद वँया के रूम में होगा
[तीनो बहने वँया के रूम के तरफ दौड़ी]
[वँया का रूम नॉक करते ही खुल गया]
[वँया सोई हुई थी
विद्या- भैया तो यहाँ भी नही है
अरुणा- दीदी कही भैया
विद्या- ऐसा सोचना भी मत मेघा तुम अपने रूम में जाओ
मेघा- दीदी
अरुणा- मेघा दीदी ठीक कह रही हैं तू अपने रूम में जा
[मेघा वहाँ से रोते हुए चली गयी]
विद्या- अभी वँया को रहने देते हैं पहले हम पूरे घर में देखते हैं
हो सकता है भैया सुनीता अवन्तिका के रूम में हो
अरुणा- दी मैं सुनीता के रूम में जाती हूँ
विद्या- और मैं अवन्तिका के रूम में
[ विद्या दी ने अवन्तिका के रूम का गेट नॉक किया]
[अवन्तिका दी ने गेट खोला]
अवन्तिका- क्या हुआ दी
विद्या- भैया है अंदर
अवन्तिका- नही दी क्यूँ क्या हुआ
विद्या- भैया ना अपने रूम में है और नाही वँया के रूम में
[अरुणा दी और सुनीता दी दौड़ती हुई आई]
अरुणा- दी भैया सुनीता के रूम में भी नही है
विद्या- एक काम करते हैं मैं और अवन्तिका गार्डन में देखते हैं तू और सुनीता नीचे वाले रूम्स में देख
[ थोड़ी देर बाद हॉल में]
विद्या- पूरा घर छ्चान मारा पर भैया कही भी नही मिला
[छोटी मामी अपने बेडरूम से बाहर निकली]
छोटी मामी- क्यूँ सुबह सुबह इतना शोर मचाने लग गयी तुम सब
अरुणा- मम्मी भैया घर पे कहीं भी नही है
छोटी मामी- इसमें इतना परेशान होने वाली क्या बात है गया होगा कहीं मरने
[सब एक साथ चिल्लाके बोली मम्मी]
[ इतनी ज़ोर की आवाज़ सुनके सी मामा बाहर आए ]
छोटे मामा- क्या हुआ
अरुणा- पापा भैया घर पे नही है
छोटे मामा- इसमे इतना परेशन होने की क्या बात हैविद्या दिलीप को फोन करो
विद्या- चाचा जी हमारे पास दिलीप का नंबर नही है
छोटे मामा- मैं बताता हूँ नंबर
[सी मामा नंबर बताने लगे]
[ विद्या दी ने फोन लगाया
पर यह क्या नंबर तो बंद है]
[ अखिल ने सुबह 6 बजे ही दिलीप के मोबाइल में से सिम निकाल दिया था ]
विद्या- चाचा जी नंबर बंद है
[ अब तो छोटे मामा भी घबरा गये ]
छोटे मामा- अभी थोड़ी देर इंतजार करते है हो सकता है दिलीप आजाए तुम सब अपने अपने रूम में जाओ
[सब बहने अपने रूम में चली गयी]
[वँया का रूम]
वँया उठती है नहा कर तय्यार होती है और चल देती है दिलीप के रूम में पर यह क्या दिलीप तो अपने रूम में नही है वो विद्या दी के रूम में जाती है विद्या दी उसे सब बता देती है वँया का चेहरा गुस्से से लाल हो गया था
वँया की आँखो से आँसू बह रहे थे
वँया विद्या दी के रूम से बाहर निकलती है और सीधा मेघा के रूम की तरफ बढ़ जाती है…
Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
- rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
thanks bhai
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
अपडेट 33
विद्या दी को कुछ ठीक नही लगा
वो अरुणा दी के रूम में जाती है
विद्या दी अरुणा दी को सब बता देती है
दोनो वँया के पीछे भागती है
वँया मेघा दी के रूम का जैसे ही गेट नॉक करती है
गेट खुल जाता है
और वँया क्या देखती है
मेघा दी के हाथ मे ब्लेड है
और वो अपनी कलाई पे ब्लेड रखती है और हटा लेती है
रखती है और हटा लेती है
तब तक विद्या दी और अरुणा दी पहुँच जाती
यह देखके उनके भी होश उड़ जाते हैं
तभी अरुणा दी धीरे कदमो से चलते हुए मेघा दी के पास पहुँच जाती है
और झट से मेघा दी के हाथ से ब्लेड छीन लेती है
और एक थप्पड़ मेघा दी को मारती है
अरुणा- यहाँ हम सब भैया को लेके परेशान हैं
और तू एक नयी मुसीबत तय्यार कर रही है हमारे लिए
मेघा दी चुप चाप सुन लेती है
विद्या यह सब देखके समझ जाती है कि कुछ बहुत बुरा हुआ है
मेघा के साथ
विद्या दी मेघा दी के पास पहुँचती है
विद्या- मेघा मुझे नही पता कि तुम ऐसा क्यूँ कर रही थी
पर मैं इतना ज़रूर जानती हूँ
कि अगर तुम्हे कुछ होगया तो चाचा जी और चाची जी भैया को कभी माफ़ नही करेंगे
वो यही समझेंगे कि भैया ने तुम्हारे साथ कुछ ग़लत किया और भाग गया
क्या तुम यह चाहती हो कि भैया फिर हमसब से दूर हो जाए
[मेघा दी अपना सर ना में हिलाती है]
अच्छा अब तू आराम कर
विद्या दी और अरुणा दी वँया का हाथ पकड़ के बाहर आ गई
विद्या- [अरुणा] तुम जाओ अपने कमरे में
विद्या दी वँया को अपने रूम में ले जाती है
विद्या- देख वानु मुझे पता है हम से ज़्यादा तुझे भैया की फ़िक़र है
लेकिन मेघा भी हमारी बहेन है
अगर तू अपना गुस्सा नही पी सकती
तो यहीं अपने रूम में बैठ
तेरी एक ग़लती से हम मेघा और भैया दोनो को हमेशा के लिए खोदेंगे
तू समझ रही हैना
वँया- हाँ दी
विद्या दी वँया के रूम से चली गयी
वँया गेट बंद करती है
और वही पे बैठके रोने लगती है
[4 घंटे बाद]
विद्या दी जो सुबह से अपने आप को संभालने की कोशिश कर रही थी
अब उनकी हिम्मत भी जवाब दे चुकी थी
उनकी आँखो से भी आँसू बहने लगे थे
यही हाल अरुणा अवन्तिका और सुनीता का भी था
सी मामा भी बहुत परेशान हो गये
सी मामा किसी को फोन लगाने लगे
सी मामा- हेलो आइजी साहेब आप हमारे घर आ सकते है थोड़े देर के लिए
जी बहुत ज़रूरी है
हम वेट कर रहे हैं
[ 1 घंटे बाद ]
सी मामा के घरके बाहर 1 गाड़ी आके रुकी
उसमे से आइजी साहेब बाहर निकले
वो घरके अंदर गये और सी मामा को प्रणाम किया
आइजी- ठाकुर साहेब आप कुछ परेशान दिख रहे हैं
सी मामा- आइजी साहेब बात दरअसल यह कि हमारा भांजा सुबह से लापता है
आइजी- वही जो गाओं से आया था
सी मामा- जी वही
आइजी- पूरी बात बताइए
सी मामा- कल हम ने गुस्से में अपने भानजे पे हाथ उठा दिया
आज 8 एएम हमारी बेटियाँ उसके रूम में गयी वो नही था
हम ने पूरे घर में देखा फिर भी वो नही मिला
हम ने उसे फोन भी किया पर फोन बंद है
आइजी- आप के भानजे की उमर कितनी है
सी मामा- 18 साल
आइजी- आप हमे अपने भानजे की एक फोटो उसका फोन नंबर दे दीजिए हम पता करते है
सी मामा अपने रूम में गये दिलीप की फोटो और फोन नंबर 1 कागज पे लिखके आइजी को दे दिया
आइजी साहेब चले गये......,.,.
विद्या दी को कुछ ठीक नही लगा
वो अरुणा दी के रूम में जाती है
विद्या दी अरुणा दी को सब बता देती है
दोनो वँया के पीछे भागती है
वँया मेघा दी के रूम का जैसे ही गेट नॉक करती है
गेट खुल जाता है
और वँया क्या देखती है
मेघा दी के हाथ मे ब्लेड है
और वो अपनी कलाई पे ब्लेड रखती है और हटा लेती है
रखती है और हटा लेती है
तब तक विद्या दी और अरुणा दी पहुँच जाती
यह देखके उनके भी होश उड़ जाते हैं
तभी अरुणा दी धीरे कदमो से चलते हुए मेघा दी के पास पहुँच जाती है
और झट से मेघा दी के हाथ से ब्लेड छीन लेती है
और एक थप्पड़ मेघा दी को मारती है
अरुणा- यहाँ हम सब भैया को लेके परेशान हैं
और तू एक नयी मुसीबत तय्यार कर रही है हमारे लिए
मेघा दी चुप चाप सुन लेती है
विद्या यह सब देखके समझ जाती है कि कुछ बहुत बुरा हुआ है
मेघा के साथ
विद्या दी मेघा दी के पास पहुँचती है
विद्या- मेघा मुझे नही पता कि तुम ऐसा क्यूँ कर रही थी
पर मैं इतना ज़रूर जानती हूँ
कि अगर तुम्हे कुछ होगया तो चाचा जी और चाची जी भैया को कभी माफ़ नही करेंगे
वो यही समझेंगे कि भैया ने तुम्हारे साथ कुछ ग़लत किया और भाग गया
क्या तुम यह चाहती हो कि भैया फिर हमसब से दूर हो जाए
[मेघा दी अपना सर ना में हिलाती है]
अच्छा अब तू आराम कर
विद्या दी और अरुणा दी वँया का हाथ पकड़ के बाहर आ गई
विद्या- [अरुणा] तुम जाओ अपने कमरे में
विद्या दी वँया को अपने रूम में ले जाती है
विद्या- देख वानु मुझे पता है हम से ज़्यादा तुझे भैया की फ़िक़र है
लेकिन मेघा भी हमारी बहेन है
अगर तू अपना गुस्सा नही पी सकती
तो यहीं अपने रूम में बैठ
तेरी एक ग़लती से हम मेघा और भैया दोनो को हमेशा के लिए खोदेंगे
तू समझ रही हैना
वँया- हाँ दी
विद्या दी वँया के रूम से चली गयी
वँया गेट बंद करती है
और वही पे बैठके रोने लगती है
[4 घंटे बाद]
विद्या दी जो सुबह से अपने आप को संभालने की कोशिश कर रही थी
अब उनकी हिम्मत भी जवाब दे चुकी थी
उनकी आँखो से भी आँसू बहने लगे थे
यही हाल अरुणा अवन्तिका और सुनीता का भी था
सी मामा भी बहुत परेशान हो गये
सी मामा किसी को फोन लगाने लगे
सी मामा- हेलो आइजी साहेब आप हमारे घर आ सकते है थोड़े देर के लिए
जी बहुत ज़रूरी है
हम वेट कर रहे हैं
[ 1 घंटे बाद ]
सी मामा के घरके बाहर 1 गाड़ी आके रुकी
उसमे से आइजी साहेब बाहर निकले
वो घरके अंदर गये और सी मामा को प्रणाम किया
आइजी- ठाकुर साहेब आप कुछ परेशान दिख रहे हैं
सी मामा- आइजी साहेब बात दरअसल यह कि हमारा भांजा सुबह से लापता है
आइजी- वही जो गाओं से आया था
सी मामा- जी वही
आइजी- पूरी बात बताइए
सी मामा- कल हम ने गुस्से में अपने भानजे पे हाथ उठा दिया
आज 8 एएम हमारी बेटियाँ उसके रूम में गयी वो नही था
हम ने पूरे घर में देखा फिर भी वो नही मिला
हम ने उसे फोन भी किया पर फोन बंद है
आइजी- आप के भानजे की उमर कितनी है
सी मामा- 18 साल
आइजी- आप हमे अपने भानजे की एक फोटो उसका फोन नंबर दे दीजिए हम पता करते है
सी मामा अपने रूम में गये दिलीप की फोटो और फोन नंबर 1 कागज पे लिखके आइजी को दे दिया
आइजी साहेब चले गये......,.,.
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
अपडेट 34
[1 घंटे बादपोलीस हेडक्वॉर्टर]
आइजी साहेब अपने कॅबिन में बैठे किसी का इंतज़ार कर रहे थे
तभी उनके कॅबिन का गेट खुलता है
और एक 26 साल का नौजवान
लड़का- एसपी अरविंद राणा रिपोर्टिंग सर
आइजी- बैठ जाओ तुम्हे इस लड़के को ढूंडना है
[ आइजी ने फोटो अपने डेस्क पे रखते हुए कहा]
यह रहा इस लड़के का नंबर अभी यह नंबर बंद है
[यह सुनके एसपी को इतना तेज़ गुस्सा आया
उसकी आँखें लाल हो गयी]
एसपी- ओके सर
आइजी- कुछ कहना है
एसपी- नो सर
आइजी- तुम मेरे साले हो इसलिए जो दिल में है बोल डालो
एसपी- सर आज इस सिटी में गुमशुदा होने की 120 एफआइआर दर्ज हुई है वो भी लड़कियो की
और आपने इस एक लड़के को ढूँडने के लिए मुझे बुलाया है जबकि यह काम कोई इंस्पेक्तेर भी कर सकता है
आइजी- तुम ठाकुर धर्मेश वीर परताप सिंग को जानते हो
एसपी- यह वही ठाकुर तो नही जिसकी ज़मीन पे यह सिटी बनी है
आइजी- तुमने सही सोचा और भी बहुत कुछ है जो तुम्हे नही पता
अभी बस इतना जानलो कि यह लड़का बड़े ठाकुर का भांजा है
और बड़े ठाकुर ने 18 साल पहले इस लड़के के लिए क्या किया था
तुमने हमारी टॉप फाइल्स में पढ़ा होगा
एसपी- यस सर
आइजी- जल्द से जल्द इस लड़के को ढुंढ़ो तुम्हारे पास सिर्फ़ 4 दिन है
एसपी- ओके सर
[तब से यह लोग दिलीप को ढूंड रहे हैं]
[प्रेज़ेंट]
दिलीप- अबे मुझे ऐसे क्यूँ देख रहा है मैं उस टाइप का नही हूँ
अखिल- अबे तो अप्पुन तुझे उस टाइप का लगता है
दिलीप- वैसे एक बात बता इस शहेर का सबसे ईमानदार पोलीस वाला कौन है
अखिल- इस शहेर का सबसे बड़ा मामू तो एसपी अरविंद राणा है
दिलीप- जल्द ही मुलाक़ात होगी
अखिल- तेरा दिमाग़ तो खराब नही हो गया वो एसपी जब से यहाँ आया है
तबसे अपन जैसे बड़े बड़े भाई लोग चिंदी चोर बनके घूम रहे हैं
दिलीप- ऐसा क्यूँ
अखिल- सुन जिस दिन एसपी यहाँ आया उसी दिन एसपी ने अपने सारे पोलीस वालो को ऑर्डर दिया
कोई भी कितना भी बड़ा आदमी हो भाई हो टपोरी हो अगर किसी जुर्म में पकड़ा जाता है तो ना उसे ठोका जाएगा
ना उसे अंदर किया जाएगा उसको नंगा करके उसकी फोटो खींची जाएगी और नेट पे डाल दिया जाएगा
और अगर कोई पोलीस वाला कोई भी ग़लत काम करते हुए पकड़ा गया तो उसके साथ भी यही होगा
अब बोल ऐसा कोई पोलीस वाला होता है
दिलीप- एसपी से बड़े पोलीस वालो ने उसे नही रोका
अखिल- क्या घंटा रोकेगा यहाँ का आइजी जो है वो एसपी का जीजा है
दिलीप- मतलब जीजा साले ने मिलके तुम सब की मार ली
[ यह कहके मैं ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा मेरी हँसी रुक ही नही रही थी]
अखिल- देख अगर तूने हँसना बंद नही किया तो अपन यहा से चला जाएगा
दिलीप- अच्छा सॉरी मेरे लिए खाना लाया
अखिल- यह ले ठूंसले
दिलीप- [मैं उसके हाथ से खाना लिया और फिर हँसने लगा]
अखिल- तू फिर हँसने लगा अपन तेरे साथ नही रहेगा
अपन सोसाइटी वाले पार्क में जा रहा है
दिलीप- [ यह कहके वो चला गया]
मैने 30 मिनिट में खाना खाया
वीडियो कॅमरा शीतल के घर की तरफ सेट करके मेन गेट लॉक किया
और पार्क की तरफ जाने लगा पार्क में पहुँचके लुक्खे को ढूँडने लगा
लुक्खा बेंच पे बैठके सिगरेट पी रहा था पर उसकी नज़र कही ऑर थी
मैने उसकी नज़र का पीछा किया तो मुझे यक़ीन नही हुआ कुछ लड़किया बॅडमिंटन खेल रही थी
यह लुक्खे की नज़र उन लड़कियो की गान्ड पे थी
[ मैं धीरे से उसके पीछे गया और बोला]
एसपी आ गया
[यह सुनके]
अखिल- अरषि[कहते हुए चीख पड़ा]..,,.
[1 घंटे बादपोलीस हेडक्वॉर्टर]
आइजी साहेब अपने कॅबिन में बैठे किसी का इंतज़ार कर रहे थे
तभी उनके कॅबिन का गेट खुलता है
और एक 26 साल का नौजवान
लड़का- एसपी अरविंद राणा रिपोर्टिंग सर
आइजी- बैठ जाओ तुम्हे इस लड़के को ढूंडना है
[ आइजी ने फोटो अपने डेस्क पे रखते हुए कहा]
यह रहा इस लड़के का नंबर अभी यह नंबर बंद है
[यह सुनके एसपी को इतना तेज़ गुस्सा आया
उसकी आँखें लाल हो गयी]
एसपी- ओके सर
आइजी- कुछ कहना है
एसपी- नो सर
आइजी- तुम मेरे साले हो इसलिए जो दिल में है बोल डालो
एसपी- सर आज इस सिटी में गुमशुदा होने की 120 एफआइआर दर्ज हुई है वो भी लड़कियो की
और आपने इस एक लड़के को ढूँडने के लिए मुझे बुलाया है जबकि यह काम कोई इंस्पेक्तेर भी कर सकता है
आइजी- तुम ठाकुर धर्मेश वीर परताप सिंग को जानते हो
एसपी- यह वही ठाकुर तो नही जिसकी ज़मीन पे यह सिटी बनी है
आइजी- तुमने सही सोचा और भी बहुत कुछ है जो तुम्हे नही पता
अभी बस इतना जानलो कि यह लड़का बड़े ठाकुर का भांजा है
और बड़े ठाकुर ने 18 साल पहले इस लड़के के लिए क्या किया था
तुमने हमारी टॉप फाइल्स में पढ़ा होगा
एसपी- यस सर
आइजी- जल्द से जल्द इस लड़के को ढुंढ़ो तुम्हारे पास सिर्फ़ 4 दिन है
एसपी- ओके सर
[तब से यह लोग दिलीप को ढूंड रहे हैं]
[प्रेज़ेंट]
दिलीप- अबे मुझे ऐसे क्यूँ देख रहा है मैं उस टाइप का नही हूँ
अखिल- अबे तो अप्पुन तुझे उस टाइप का लगता है
दिलीप- वैसे एक बात बता इस शहेर का सबसे ईमानदार पोलीस वाला कौन है
अखिल- इस शहेर का सबसे बड़ा मामू तो एसपी अरविंद राणा है
दिलीप- जल्द ही मुलाक़ात होगी
अखिल- तेरा दिमाग़ तो खराब नही हो गया वो एसपी जब से यहाँ आया है
तबसे अपन जैसे बड़े बड़े भाई लोग चिंदी चोर बनके घूम रहे हैं
दिलीप- ऐसा क्यूँ
अखिल- सुन जिस दिन एसपी यहाँ आया उसी दिन एसपी ने अपने सारे पोलीस वालो को ऑर्डर दिया
कोई भी कितना भी बड़ा आदमी हो भाई हो टपोरी हो अगर किसी जुर्म में पकड़ा जाता है तो ना उसे ठोका जाएगा
ना उसे अंदर किया जाएगा उसको नंगा करके उसकी फोटो खींची जाएगी और नेट पे डाल दिया जाएगा
और अगर कोई पोलीस वाला कोई भी ग़लत काम करते हुए पकड़ा गया तो उसके साथ भी यही होगा
अब बोल ऐसा कोई पोलीस वाला होता है
दिलीप- एसपी से बड़े पोलीस वालो ने उसे नही रोका
अखिल- क्या घंटा रोकेगा यहाँ का आइजी जो है वो एसपी का जीजा है
दिलीप- मतलब जीजा साले ने मिलके तुम सब की मार ली
[ यह कहके मैं ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा मेरी हँसी रुक ही नही रही थी]
अखिल- देख अगर तूने हँसना बंद नही किया तो अपन यहा से चला जाएगा
दिलीप- अच्छा सॉरी मेरे लिए खाना लाया
अखिल- यह ले ठूंसले
दिलीप- [मैं उसके हाथ से खाना लिया और फिर हँसने लगा]
अखिल- तू फिर हँसने लगा अपन तेरे साथ नही रहेगा
अपन सोसाइटी वाले पार्क में जा रहा है
दिलीप- [ यह कहके वो चला गया]
मैने 30 मिनिट में खाना खाया
वीडियो कॅमरा शीतल के घर की तरफ सेट करके मेन गेट लॉक किया
और पार्क की तरफ जाने लगा पार्क में पहुँचके लुक्खे को ढूँडने लगा
लुक्खा बेंच पे बैठके सिगरेट पी रहा था पर उसकी नज़र कही ऑर थी
मैने उसकी नज़र का पीछा किया तो मुझे यक़ीन नही हुआ कुछ लड़किया बॅडमिंटन खेल रही थी
यह लुक्खे की नज़र उन लड़कियो की गान्ड पे थी
[ मैं धीरे से उसके पीछे गया और बोला]
एसपी आ गया
[यह सुनके]
अखिल- अरषि[कहते हुए चीख पड़ा]..,,.
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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