घर के रसीले आम मेरे नाम complete

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rajaarkey
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Re: घर के रसीले आम मेरे नाम

Post by rajaarkey »

राज - जब मेने मम्मी का गदराया उठा हुआ पेट और गहरी नाभि को देखा था तब मुझे ऐसा लगा कि मम्मी का पेट इतना गुदाज और उठा हुआ है तो उसकी चूत कितनी फूली हुई होगी और मेरा लंड मम्मी के पेट को ही देख कर झटके मारने लगा था

रजनी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी और वह अपनी साड़ी के उपर से ही अपनी चूत के दाने को रगड़ती हुई उसे बुरी तरह मसल रही थी और उसे अपने बेटे की बातों से बड़ा मज़ा आ रहा था,

रश्मि- भैया मेरी गान्ड चाटोगे

राज - क्यो नही मेरी रानी चल घोड़ी बन जा और रश्मि झट से घोड़ी बन जाती है, रश्मि की मोटी गदराई गान्ड को देख कर राज उसकी मोटी गान्ड पर एक थपकी मारते हुए उसकी चूत और गान्ड को अपने हाथो से सहलाने लगता है और रजनी अपनी बेटी की मोटी पूरी खुली हुई गान्ड बड़े गौर से देखने लगती है और अपने मन में कितनी चुदासी हो गई है रश्मि कितना मज़ा आ रहा होगा उसे राज कितने प्यार से उसकी चूत और गान्ड का छेद सहला रहा है, राज उसकी गान्ड के पास बैठ कर अपने मुँह को उसकी गान्ड की गहरी दरार में भर कर कस कर दबोचने लगता है और रश्मि ओह भैया मज़ा आ रहा है थोड़ा अपनी जीभ से मेरी गान्ड के छेद को चाटो ना और राज उसकी गान्ड और चूत को अपनी जीभ निकाल कर चाटने लगता है कुछ देर तक रश्मि अपनी गान्ड को अपने हाथो से फैला-फैला कर अपने भैया को चाटती है फिर

रश्मि- भैया अब अपने मोटे लंड को मेरी चूत में कस कर पेल दो बहुत खुज़ला रही है

और राज अपने मोटे लंड को जब बाहर निकालता है तो रजनी अपने बेटे के मोटे खड़े लंड को देख कर अपनी चूत में दो उंगलिया कस कर पेलने लगती है और राज रश्मि की चूत की मोटी-मोटी फांको को खूब कस कर फैला लेता है और एक कस कर धक्का मारता है और उसका पूरा लंड रश्मि की चूत को चीरता हुआ जड़ तक फिट हो जाता है और रश्मि आह भैया मर गई रे करने लगती है, राज पहले धीरे-धीरे रश्मि की चूत में अपना मोटा लंड गहराई तक पेलता है उसके बाद जब रश्मि की चूत कुछ ज़्यादा चिकनी हो जाती है तब राज सतसट अपनी बहन की चूत को चोदने लगता है और रश्मि अपनी गान्ड के धक्को को पीछे की ओर अपने भैया के लंड पर मारने लगती है उनकी चुदाई से थप-थप की आवाज़ पूरे रूम में गूंजने लगती है और रजनी की चुत भी पानी-पानी हो जाती है वह बहुत मज़ा ले कर अपने बेटे और बेटी की चुदाई देख-देख कर मूठ मारने लगती है,

राज रश्मि की मोटी गान्ड पर थप्पड़ मारते हुए खूब कस-कस कर उसकी गान्ड चोदने लगता है और रश्मि घोड़ी बनी हुई बड़े मज़े से अपने भैया का मोटा लंड अपनी चूत में लेने लगती है.

लगभग 20 मिनट तक राज रश्मि की चूत मार-मार कर लाल कर देता है और जब उसकी रफ़्तार ज़्यादा तेज हो जाती है तो रश्मि कहती है भैया अपना रस मेरे मुँह में निकालना और रश्मि खूब रसीली होकर झड़ने लगती है और जैसे ही राज का पानी निकलने वाला होता है वह एक दम से अपना लंड बाहर खींच लेता है और रश्मि झट से घूम कर उसके मोटे लंड को अपने मुँह में भर कर चूसने लगती है और उसका सारा रस चूस-चूस कर पीने लगती है और रजनी अपना मुँह फाडे रश्मि को अपने बेटे के लंड का रस पीते हुए देखने लगती है,


कुछ देर बाद रश्मि कहती है भैया अब मुझे सोना है अब जाओ और आज मम्मी को भी चोद दो, उनकी बात सुन कर रजनी जल्दी से अपनी साड़ी नीचे करके अपने रूम में आ जाती है और आकर बेड पर लेट जाती है उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी और वह काफ़ी घबरा रही थी, तभी राज उसके रूम में आता है और अपनी मम्मी के पास बैठते हुए

राज - मम्मी अभी तक सोई नही

रजनी- हाँ बेटे तेरा ही वेट कर रही थी

राज - अपनी मम्मी पर झुक कर उसके होंठो को चूम कर मम्मी तुम बहुत खूबसूरत हो

रजनी-मुस्कुरा कर चल आ जा मेरे पास और अपनी मम्मी के सीने से लग कर सो जा

राज अपनी मम्मी के पास लेट जाता है और उसको अपनी बाँहो में भर कर चिपकते हुए

राज - मम्मी आज कुछ ठंड लग रही है ना

रजनी- आ अपनी मम्मी से अच्छे से चिपक कर सो जा बेटे आज तो मुझे भी ठंड लग रही है

राज - मम्मी तुमने कभी जीन्स पहना है

रजनी- मुस्कुराते हुए बेटे में इतनी मोटी हूँ मुझे क्या जीन्स आएगा

राज - कहाँ ज़्यादा मोटी हो और फिर आजकल तो तुमसे भी मोटी-मोटी औरते जीन्स पहनती है

रजनी- मुस्कुराते हुए क्यो तुझे अपनी मम्मी को जीन्स पहने हुए देखने का मन है क्या

राज - अपने मन में मम्मी अगर तुम जीन्स पहन कर घर में मेरे सामने घुमोगी तो तुम्हारी गदराई मोटी गान्ड देख कर मेरा लंड तुरंत पानी छोड़ देगा

राज - हाँ मम्मी मेरा बहुत मन करता है कि में आपको जींस पहने देखु

रजनी- मुस्कुराते हुए क्या कोई बेटा भी अपनी मम्मी को जीन्स पहने देखना चाहता है, तू जानता है अगर में जीन्स पहन लूँगी तो मेरे भारी-भारी चूतड़ बहुत बड़े-बड़े और अलग ही नज़र आएगे

राज - अपनी मम्मी के भारी-भारी चुतड़ों को सहलाता हुआ, मम्मी मुझे तो तुम्हारे ये मोटे-मोटे चूतड़ बहुत अच्छे लगते है

रजनी- चल बदमाश कहीं का भला कोई बेटा अपनी मम्मी के चुतड़ों को देखना चाहता है क्या और तू तो मेरे चुतड़ों को अपने हाथ से सहला भी रहा है

राज - मम्मी मुझे तो अपनी मम्मी के चूतड़ ही सबसे अच्छे लगते है, में तुम्हारे चुतड़ों को सहला रहा हूँ तो क्या तुम्हे अच्छा नही लग रहा है

रजनी- हाँ अच्छा तो लग रहा है लेकिन बेटे

राज - लेकिन क्या मम्मी आप मुझसे अच्छे से चिपक जाओ में आपके मोटे-मोटे चुतड़ों को ऐसे ही सहलाना चाहता हूँ

राज अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को सहलाता हुआ उसके मोटे-मोटे दूध में अपना मुँह भर कर उससे कस कर चिपक जाता है, और अपनी एक टाँग उठा कर अपनी मम्मी की मोटी-मोटी जाँघो के उपर रख लेता है

राज - मम्मी तुम्हारा बदन तो बहुत गरम लग रहा है और कितना मुलायम है, और राज अपनी मम्मी की गदराई हुई मोटी जाँघो को दबाने लगता है, रजनी की फूली हुई चूत से पानी आने लग जाता है और वह राज के गालो को चूम लेती है

राज - मम्मी तुम्हारे होंठ बहुत सुंदर है

रजनी- मुस्कुराते हुए क्यो तुझे चूमने का मन कर रहा है

उसकी बात सुनते ही राज अपनी मम्मी के रसीले होंठो को कस कर अपने मुँह में भर कर पीने लगता है और अपने हाथ से अपनी मम्मी की मोटी गान्ड की गहरी दरार को सहलाने लगता है राज का टॉवेल खुल जाता है और उसका मोटा लंड अपनी मम्मी के पेडू में चुभने लगता है, रजनी अपने बेटे के मोटे लंड के अहसास से पागल होने लगती है और राज को अपने बदन से कस कर चिपका लेती है, राज अपनी मम्मी के होंठ चूस कर उसके गदराए हुस्न को देखने लगता है और रजनी उसकी और देख कर मुस्कुराने लगती है तभी राज फिर से अपनी मम्मी के रसीले होंठो को अपने मुँह में भर कर दूसरे हाथ से उसके गुदाज नंगे पेट को सहलाते हुए धीरे से अपनी मम्मी के दूध पर हाथ फेरने लगता है रजनी उसकी हरकत से अपनी आँखे बंद कर लेती है और राज धीरे से उसके ब्लौज का एक बटन खोल देता है रजनी के ब्ल्ौज के दो बटन तो पहले से ही खुले थे तीसरा बातों खुलते ही उसके मोटे-मोटे दूध आधे से ज़्यादा बाहर आ जाते है और राज अपनी मम्मी के दूध को सहलाता हुआ उसके रसीले होंठो को चूमने लगता है,
(¨`·.·´¨) Always
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(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
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Re: घर के रसीले आम मेरे नाम

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ab aage..........................


रजनी- बेटे क्या कर रहा है अब सो जा

राज - मम्मी में अपनी मम्मी को प्यार कर रहा हूँ

रजनी- मुस्कुराते हुए क्या इतना प्यार करता है अपनी मम्मी से

राज - सबसे ज़्यादा

रजनी- अच्छा बेटे में सो रही हूँ तू भी अब सो जा

राज - नही मम्मी आप आराम से सो जाओ आज में आपको रात भर प्यार करता रहूँगा

रजनी- मुस्कुराते हुए ठीक है तुझे जो करना है कर में सो रही हूँ और रजनी अपनी आँखे बंद करके पीठ के बल सीधी सो जाती है और राज अपनी मम्मी के उठे हुए गुदाज पेट को अपने हाथो से सहलाता हुआ उसकी मोटी जाँघो से अपने लंड को चुभाने लगता है, करीब 10 मिनट तक राज रजनी के पेट को उसकी सदी उसकी नाभि से कभी नीचे सरका कर सहलाता रहता है और फिर राज

राज - मम्मी सो गई क्या

रजनी- अपनी आँखे बंद किए लेटी रहती है पर कुछ बोलती नही है राज धीरे से अपने हाथ के पंजे को सीधा अपनी मम्मी की साड़ी के अंदर छुपी हुई फूली हुई चूत पर रख देता है अपनी मम्मी की गुदाज और उठी हुई गदराई चूत के अहसास से राज का मोटा लंड झटके मारने लगता है और वह अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को अपनी हथेलियो में कस कर दबोच लेता है और उसकी इस हरकत से रजनी अंदर ही अंदर मस्त होने लगती है राज अपनी मम्मी की चूत को खूब कस-कस कर दबोचते हुए उसके कानो के पास अपना मुँह ला कर धीरे से मम्मी कितनी मस्त और फूली हुई चूत है तुम्हारी आज तुम्हारा बेटा अपने मोटे लंड से तुम्हारी इस चूत को रात भर चोदेगा

अपने बेटे के मुँह से ऐसी बात सुन कर रजनी सिहर जाती है और राज अपनी मम्मी की साड़ी को उसकी कमर से खीच कर निकाल देता है और फिर वह अपनी मम्मी के पेटीकोत के नाडे को खीच कर खोल देता है और फिर जैसे ही वह अपनी मम्मी के पेटिकोट को नीचे सरकाता है अपनी मम्मी की गदराई उठी हुई फूली चिकनी चूत को देख कर पागल हो जाता है और बड़े प्यार से अपने हाथ को अपनी मम्मी की फूली हुई चूत पर फेरते हुए सहलाने लगता है, रजनी अपनी आँखे बंद किए हुए चुपचाप मज़ा लेती रहती है राज अपने दूसरे हाथ से अपनी मम्मी के ब्लाउज के पूरे बटन खोल कर उसके मोटे-मोटे दूध को पूरे नंगा कर देता है और उसके मोटे-मोटे दूध को दबाता हुआ अपनी मम्मी से कस कर चिपक जाता है और फिर राज अपनी मम्मी की फूली हुई चूत के उपर झुक कर अपने होंठो को सीधे उसकी गदराई चूत के उपर ले जाकर रख देता है और फिर अपने मुँह से अपनी मम्मी की चूत को खूब ज़ोर से दबाने लगता है और दूसरे हाथ से उसके मोटे-मोटे दूध को कस-कस कर मसल्ने लगता है,

और अपनी मम्मी को आँखे बंद किए हुए देख कर मम्मी तुम पूरी नंगी बहुत ही सेक्सी लग रही हो और फिर राज अपनी मम्मी की मोटी गदराई जाँघो को थोड़ा फैला कर अपनी मम्मी की फूली हुई चूत की मोटी-मोटी फांको को अपने दोनो हाथो से फैला कर देखता है और फिर उसकी चूत के गुलाबी भाग को देख कर अपनी जीभ से अपनी मम्मी की गुलाबी रसीली चूत को चाटने लगता है, रजनी एक दम से सिसकी मार देती है और अपनी जाँघो को थोड़ा फैला देती है राज अपनी मम्मी की चूत के पास आकर लेट जाता है और उसकी मोटी जाँघो को पूरी तरफ फैला कर उसकी मस्तानी चूत को खूब कस-कस कर चूसने लगता है और रजनी खूब सारा पानी छोड़ने लग जाती है रजनी से बर्दास्त करना मुश्किल हो जाता है तभी राज अपने सारे कपड़े निकाल कर पूरा नंगा हो जाता है और धीरे से अपनी मम्मी के पूरे नंगे गदराए बदन के उपर लेट जाता है और रजनी को कस कर अपने से चिपका कर चूमने लगता है,

रजनी जैसे ही अपने बेटे को पूरा नंगा होकर अपने उपर महसूस करती है उसके सब्र का बाँध टूट जाता है और वह अपने हाथो से राज को कस कर दबोच लेती है और पागलो की तरह चूमने लगती है,

राज अपनी मम्मी के रसीले होंठो को चूमते हुए ओह मम्मी तुम बहुत मस्त माल हो तुम्हे चोद कर तो मज़ा आ जाएगा बोलो अपने बेटे का मोटा लंड अपनी चूत में लोगि

रजनी- राज को चूमते हुए आह राज यह क्या कर रहा है बेटे आह और राज अपने लंड को अपनी मम्मी के उपर सोते हुए ही उसकी चूत का रास्ता दिखा देता है और रजनी भी अपनी जांघे खोल देती है और राज का मोटा लंड रजनी की चिकनी फूली हुई चूत के छेद से भिड़ जाता है राज ज़रा सी अपनी मम्मी की चूत पर अपने मोटे लंड को दबाता है और उसका मोटा गुलाबी सुपाडा सॅट से उसकी मम्मी की चूत के छेद में फस जाता है रजनी अपनी दोनो टाँगे उपर उठा देती है और राज एक कस कर धक्का अपनी मम्मी की फूली हुई चूत पर मार देता है और उसका मोटा लंड उसकी मम्मी की चूत में जड़ तक
पहुच जाता है और रजनी के मुँह से आह की आवाज़ निकल जाती है और वह अपनी जाँघो को पूरा खोल कर राज को अपने नंगे बदन से कस कर चिपका लेती है

राज - अपने मम्मी के मोटे-मोटे दूध को कस कर दबाते हुए अपने मोटे लंड को सतसट अपनी मम्मी की गदराई चूत पर मारने लगता है और रजनी नीचे से अपनी मोटी गान्ड उठाते हुए ओह बेटे आह आह बहुत मज़ा आ रहा है कब से तड़प रही हूँ तेरे इस मोटे लंड के लिए आह और तेज और तेज चोद बेटे आज फाड़ दे अपनी मम्मी की पूरी चूत खूब कस कर चोद

बेटे, राज अपनी मम्मी की बात सुन कर सतसट अपने लंड को उसकी चूत में कस-कस कर पेलने लगता है

रजनी खूब ज़ोर-ज़ोर से अपने बेटे के लंड पर अपनी चूत मारने लगती है और एक दम से आह आह करती हुई अकड़ जाती है और उसकी चूत पानी छोड़ने लगती है पर राज अभी-अभी झड कर आया था इसलिए उसका पानी नही निकल पाता है और वह अपनी मम्मी की चूत को कुछ देर तक और मारता रहता है और रजनी फिर से गरम हो जाती है राज अपने मोटे लंड को बाहर निकाल कर अपनी मम्मी को घोड़ी बनने को कहता है और रजनी अपनी मोटी गदराई गान्ड को अपने बेटे की और उठा देती है,

राज तुरंत अपनी मम्मी की फूली हुई चूत से लेकर उसकी गहरी कसी हुई गुदा तक अपनी जीभ निकाल कर फेरने लगता है और रजनी आह आह करने लगती है राज अपनी मम्मी की फूली हुई चूत और गुदा को अपनी जीभ और होंठो से कस-कस कर चाटने लगता है, फिर राज अपने दोनो हाथो से अपनी मम्मी की फूली हुई चूत की बड़ी-बड़ी फांको को पूरी तरह फैला कर उसके मस्ताने भोस्डे के गुलाबी छेद को चाटने लगता है और अपनी मम्मी की चूत से बहता नमकीन पानी चाट-चाट कर उसकी चूत को अपने मुँह से खूब कस-कस कर रगड़ने लगता है, राज अपनी एक उंगली में थूक लगा कर अपनी मम्मी की चूत को चूस्ता हुआ अपनी उंगली उसकी गुदा में डाल कर कस-कस कर पेलते हुए चूत को खूब ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगता है और
रजनी आह आह बेटा बहुत मज़ा आ रहा है और चाट खूब पी ले बेटा अपनी मम्मी की प्यासी चूत को खूब चूस राज और चूस,

राज करीब 10 मिनट तक अपनी मम्मी की चूत और गान्ड को चाट-चाट कर पूरी लाल कर देता है फिर
राज अपने मुँह से थूक निकाल कर रजनी की गुदा में भर देता है और अपने लंड को अपनी मम्मी की गान्ड के मोटे छेद में लगा कर कस कर धक्का मारता है और रजनी एक दम से आहह आहह करती हुई चिल्लाने लगती है और राज के लंड का मोटा टोपा अपनी मम्मी की कसी हुई गुदा में फस जाता है

रजनी- बेटे निकाल ले ओह बहुत दर्द कर रहा है राज प्लीज़ बेटे निकाल ले

राज अपनी मम्मी की चूत में हाथ भर कर सहलाते हुए उसकी मोटी गान्ड को थाम कर एक दूसरा धक्का खूब कस कर मार देता है और और रजनी मर गई रे आह राज में मर जाउन्गी निकल ले बेटे

राज - बस मम्मी थोड़ा सा और बचा है और फिर अपनी मम्मी की चूत में अपनी दो उंगलिया भर कर उसकी चूत को मसल्ते हुए अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को अपने लंड की ओर दबाते हुए अपने लंड को उसकी गुदा की ओर दबाने लगता है और उसका लंड धीरे-धीरे उसकी मम्मी की गान्ड के छेद को फैलाता हुआ अंदर जाने लगता है और रजनी आह आह करती हुई सीसीयाने लगती है,

रजनी- राज रुक जा बेटे फटी जा रही है रुक प्लीस और राज अपने लंड की धीरे-धीरे आगे पीछे करने की कोशिश करने लगता है रजनी की गान्ड राज के मोटे लंड को खूब कसे रहती है और राज पूरी ताक़त लगा कर अपने लंड को अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के छेद में अपने लंड को जड़ तक एक तगड़ा धक्का मार कर उतार देता है और रजनी की आवाज़ बंद हो जाती है और वह गहरी-गहरी साँसे लेते हुए अपनी गान्ड के छेद को कभी कस्ति है और कभी फैलाने लग जाती है, राज अपनी मम्मी के मस्ताने भोस्डे को खूब कस-कस कर सहलाते हुए उसकी कसी हुई गान्ड में अपने लंड को आगे पीछे करने लगता है और धीरे-धीरे लेकिन गहरे धक्के के साथ अपनी मम्मी की कसी हुई गान्ड चोदने लगता है,
राज - मम्मी अब कैसा लग रहा है

रजनी- आह बेटा बहुत अच्छा लग रहा है थोड़ा तेज-तेज मार ना

राज - कस कर धक्का मरते हुए ऐसे मम्मी

रजनी- अपनी गान्ड को उसके मोटे लंड पर मारती हुई, हाँ बेटे ऐसे ही थोड़ा और कस कर चोद अपनी मम्मी को, आज फाड़ दे अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को, तुझे बहुत अच्छी लगती है ना अपनी मम्मी की मोटी गान्ड, में जानती हूँ तू खूब कस-कस कर मेरी गान्ड चोदना चाहता है

राज - कस कर धक्का मारते हुए हाँ मम्मी तुम्हारी गान्ड बहुत मस्त है तुम्हारी मोटी गान्ड ने तो मुझे बहुत पागल कर रखा था आज में तुम्हारी गान्ड मार-मार कर लाल कर दूँगा

रजनी- बेटे लंड पूरा बाहर निकाल कर फिर खूब कस कर मेरी गान्ड में मार बहुत अच्छा लग रहा है

राज - अपने लंड को बाहर तक खींच कर फिर खच्च से अपनी मम्मी की गान्ड में पेल देता है और लो मम्मी ऐसे ही ना

रजनी-आह हाँ बेटे ऐसे ही और चोद खूब कस-कस कर चोद और मेरी चूत भी मसलता जा बहुत मज़ा आ रहा है हाँ राज ऐसे ही हाँ और तेज और तेज खूब चोद , खूब कस-कस कर चोद बेटे आह आह आह

राज तबीयत से अपनी मम्मी की चूत मसल्ते हुए अपने मोटे लंड को उसकी गान्ड में पेलने लगता है और अपनी मम्मी के चुतड़ों के मोटे-मोटे पाटो कभी कस कर दबाता है कभी उन्हे अपने हाथो से थप्पड़ मारते हुए अपने लंड को खूब कस-कस कर अपनी मम्मी की गुदा में ठोकने लगता है और उसे बहुत मज़ा आने लगता है

राज - हे मम्मी बहुत ही कसा हुआ जा रहा है तुम्हारी मोटी गान्ड में मेरा लंड

रजनी- आह हाँ बेटे तेरा लंड भी तो कितना मोटा है बहुत मज़ा दे रहा है बेटे तेरा लंड और चोद खूब कस कर चोद आह आह आह आह

राज सतसट अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को चोदने लगता है और उसकी रफ़्तार जब बहुत तेज हो जाती है तो राज अपनी मम्मी की गान्ड में अपने लंड के सतसट 4-5 धक्के जड़ तक पेलता हुआ कस कर अपनी मम्मी की गुदा में अपने लंड को जड़ तक फसा कर अपनी मम्मी की गान्ड से चिपकते हुए रुक-रुक कर अपने लंड से पिचकारी अपनी मम्मी की मोटी गान्ड की गहराई में छोड़ने लगता है, और रजनी पेट के बल लेट जाती है और खूब गहरी-गहरी साँसे लेने लगती है राज भी अपने मोटे लंड को अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के छेद में फसाए हुए उसकी नंगी गान्ड के उपर लेट जाता है और फिर दोनो माँ बेटे 5 मिनट तक ऐसे ही पड़े रहते है और फिर सीधे लेट कर एक दूसरे को चूमते हुए एक दूसरे के लंड और चूत को सहलाते हुए चिपक जाते है,

राज अपनी मम्मी के उपर चढ़ा कर उससे पूरी तरह चिपक कर

राज -मम्मी आज रात भर में आपके उपर ऐसे ही नंगा चिपक कर सोउंगा

रजनी- उसकी बाते सुन कर मुस्कुराते हुए, बेटे तू बहुत अच्छा चोदता है आज तूने मेरी चूत और गान्ड दोनो को मस्त कर दिया है,

राज - मम्मी आज तो सारी रात में तुम्हे पूरी नंगी रख कर चोदता ही रहूँगा

रजनी- अच्छा क्या तुझे मेरी चूत इतनी पसंद आई है

राज - मम्मी अपने बेटे को अपनी चूत पिलाओगी ना

रजनी- अभी तो पिया है ना तूने

राज - मम्मी ऐसे नही तुम मेरे मुँह पर बैठ कर मुझे अपनी चूत पिलाओ

रजनी- मुझे उस तरह तेरे मुँह पर बैठने में शर्म आती है

राज - अच्छा चलो में तुम्हारी शर्म अभी दूर कर देता हूँ और वह अपनी मम्मी को उठा कर बाथरूम में लेकर जाता है और वहाँ उसे बैठने को कहता है

राज - अपनी मम्मी के सामने मूतने की स्टाइल में बैठ कर अपनी मम्मी के मोटे भोस्डे पर हाथ फेरता हुआ मम्मी पेशाब लगी है

रजनी- सीसियाते हुए हाँ

राज - तो मुतो ना

रजनी- तू पहले अपना हाथ तो हटा

राज - नही में ऐसे ही तुम्हारी चूत सहलाता जाउन्गा तुम ऐसे ही मुतो

रजनी- लेकिन बेटे

राज - अपने हाथ से उसकी गुदा को सहलाता हुआ उसकी चूत के छेद में उंगली पेल कर मुतो ना

रजनी- आह और फिर रजनी की चूत से एक मोटी धार निकलती है और राज कस के उसके भज्नाशे को अपनी उंगली से दबा लेता है और रजनी का मूत एक दम से रुक जाता है,

रजनी- यह क्या कर रहा है बेटे

राज - मम्मी ऐसे नही थोड़ा रुक-रुक कर मुतो

रजनी- अपनी चूत से रुक-रुक कर मूतने लगती है और राज उसकी पूरी चूत को सहलाने लगता है रजनी उसकी इस हरकत से पागल हो जाती है और फिर रुक-रुक कर मूतने लगती है जब वह मुतती है तो राज उसकी पूरी चूत को ज़ोर-ज़ोर से सहलाने लगता है और जब वह रुक जाती है तो राज गच से अपनी दो उंगलिया उसकी चूत के छेद में पेल देता है राज अपनी मम्मी की चूत को सहलाते हुए उसके पास सरक कर उसके रसीले होंठो को चूस्ते हुए अपनी मम्मी की चूत को मसल्ने लगता है,

राज - मम्मी क्या हुआ मुतो ना

रजनी- बस बेटे अब नही आ रहा है

राज - अच्छा कोई बात नही और अपनी दो उंगलिया अपनी मम्मी की फटी हुई चूत में पेलते हुए उसके एक दूध को कस कर मसल्ते हुए उसके रस भरे होंठो का रस पीने लगता है, रजनी बहुत चुदासी हो जाती है और बैठे-बैठे ही अपनी गान्ड मटकाने लगती है, फिर राज उसको खड़ी करके अपनी मम्मी के फूले हुए भोस्डे को अपने हाथो में भर कर कस कर दबोचने लगता है और रजनी अपने बेटे का खड़ा लंड अपने हाथो में कस कर दबाने लगती है

राज - मम्मी क्या फूली हुई चूत है तुम्हारी

रजनी- अपने बेटे का लंड मसल्ते हुए, तेरा लंड भी तो कितना बड़ा और मोटा है, मेरी तो चूत और गान्ड मस्त हो गई है तेरे मोटे लंड से चुद-चुद कर

राज - चलो अब मुझे अपनी चूत पिलाओगी ना

रजनी- चलते हुए हाँ बेटे आज में तुझे अपनी पूरी चूत खोल कर तेरे मुँह में भर दूँगी राज उसके साथ चलता हुआ उसकी गान्ड को दबोचते जा रहा था उसके बाद राज सीधा जा कर लेट जाता है और रजनी उसके उपर दोनो टाँगे फैला कर अपनी फूली हुई चूत को सीधे उसके मुँह पर दे देती है और राज अपने हाथो से अपनी मम्मी की चूत को फैला-फैला कर कस-कस कर चाटने लगता है, रजनी पागलो की तरह सीसियाते हुए अपनी चूत अपने बेटे के मुँह में मारने लगती है, राज अपनी मम्मी की चूत से बहते हुए रस को खूब कस-कस कर चूस्ता है और उसकी मम्मी की चूत पूरी लाल हो जाती है, और वह अपनी फूली हुई चूत अपने बेटे के मुँह से दबाती हुई

रजनी- राज अब मुझसे नही रहा जाता है अब अपनी मम्मी की चूत खूब कस-कस कर अपने मोटे लंड से मार दे बेटा

राज - अपनी मम्मी की बात सुन कर एक बार कस कर उसकी पूरी चूत को अपने मुँह में भर कर चूसने लगता है और फिर रजनी से बर्दास्त नही होता है और वह साइड में लुढ़क जाती है, और राज अपनी मम्मी के मोटे-मोटे दूध को अपने मुँह में भर कर खूब ज़ोर-ज़ोर से उसके निप्पल से दूध पीने लगता है रजनी उसे अपने उपर चढ़ा लेती है और उसका मोटा लंड पकड़ कर अपनी चूत से जैसे ही लगाती है राज कस के एक तगड़ा धक्का अपनी मम्मी की फूली हुई चूत में मार देता है और उसका पूरा लंड एक ही बार में अपनी माँ के भोस्डे में उसकी बच्चेदानी तक समा जाता है और जब राज अपनी मम्मी को कस-कस कर ठोकने लगता है तो उसका हर धक्का अपनी मम्मी की बच्चेदानी से लगता है और उसके लंड की ऐसी मस्त ठुकाई से रजनी की चूत में पानी ही पानी भर जाता है और वह पागलो की तरह चिल्लाते हुए आह बेटे खूब कस कर मार फाड़ दे अपनी मम्मी की पूरी चूत को आह आह और ठोंक और कस कर चोद बेटे और रजनी अपनी दोनो जाँघो को उठाकर अपने पैर को अपने बेटे की कमर से बाँध लेती है और राज अपने दोनो हाथो को अपनी मम्मी की मोटी गदराई गान्ड के नीचे लेजकर उसकी पूरी गान्ड को दबोच कर उपर उठा लेता है और फिर खूब कस-कस कर अपनी मम्मी की चूत ठोकने लगता है,


Rajni- bete kya kar raha hai ab so ja

Raj - mummy men apni mummy ko pyar kar raha hu

Rajni- muskurate huye kya itna pyar karta hai apni mummy se

Raj - sabse jyada

Rajni- achcha bete men so rahi hu tu bhi ab so ja

Raj - nahi mummy aap aaram se so jao aaj men aapko rat bhar pyar karta rahunga

Rajni- muskurate huye thik hai tujhe jo karna hai kar men so rahi hu aur Rajni apni aankhe band karke pith ke bal sidhi so jati hai aur Raj apni mummy ke uthe huye gudaj pet ko apne hatho se sahlata hua uski moti jangho se apne lund ko chubhane lagta hai, karib 10 minat tak Raj Rajni ke pet ko uski sadi uski nabhi se kabhi niche sarka kar sahlata rahta hai aur phir Raj

Raj - mummy so gai kya

Rajni- apni aankhe band kiye leti rahti hai par kuch bolti nahi hai Raj dhire se apne hath ke panje ko sidha apni mummy ki sadi ke andar chupi hui phuli hui chut par rakh deta hai apni mummy ki gudaj aur uthi hui gadaraai chut ke ahasaas se Raj ka mota lund jhatke marne lagta hai aur vah apni mummy ki phuli hui chut ko apni hatheliyo men kas kar daboch leta hai aur uski is harkat se Rajni andar hi andar mast hone lagti hai Raj apni mummy ki chut ko khub kas-kas kar dabochte huye uske kano ke pas apna munh la kar dhire se mummy kitni mast aur phuli hui chut hai tumhari aaj tumhara beta apne mote lund se tumhari is chut ko rat bhar chodega

apne bete ke munh se aisi bat sun kar Rajni sihar jati hai aur Raj apni mummy ki sadi ko uski kamar se khich kar nikal deta hai aur phir vah apni mummy ke petikot ke nade ko khich kar khol deta hai aur phir jaise hi vah apni mummy ke petikot ko niche sarkata hai apni mummy ki gadaraai uthi hui phuli chikni chut ko dekh kar pagal ho jata hai aur bade pyar se apne hath ko apni mummy ki phuli hui chut par pherte huye sahlane lagta hai, Rajni apni aankhe band kiye huye chupchap maza leti rahti hai Raj apne dusre hath se apni mummy ke balauj ke pure baton khol kar uske mote-mote doodh ko puar nanga kar deta hai aur uske mote-mote doodh ko dabata hua apni mummy se kas kar chipak jata hai aur phir Raj apni mummy ki phuli hui chut ke upar jhuk kar apne hontho ko sidhe uski gadaraai chut ke upar le jakar rakh
deta hai aur phir apne munh se apni mummy ki chut ko khub jor se dabane lagta hai aur dusre hath se uske mote-mote doodh ko kas-kas kar masalne lagta hai,

aur apni mummy ko aankhe band kiye huye dekh kar mummy tum puri nangi bahut hi sexy lag rahi ho aur phir Raj apni mummy ki moti gadaraai jangho ko thoda phaila kar apni mummy ki phuli hui chut ki moti-moti phanko ko apne dono haatho se phaila kar dekhta hai aur phir uski chut ke gulabi bhag ko dekh kar apni jeebh se apni mummy ki gulabi rasili chut ko chatne lagta hai, Rajni ek dam se siski mar det hai aur apni jangho ko thoda phaila deti hai Raj apni mummy ki chut ke pas aakar let jata hai aur uski moti jangho ko puri taraf phaila kar uski mastani chut ko khub kas-kas kar chusne lagta hai aur Rajni khub sara pani chodane lag jati hai Rajni se bardast karna mushkil ho jata hai tabhi Raj apne sare kapde nikal kar pura nanga ho jata hai aur dhire se apni mummy ke pure nange gadaraaye badan ke upar let jata hai aur Rajni ko kas kar apne se chipka kar chumne lagta hai,

Rajni jaise hi apne bete ko pura nanga hokar apne upar mehsus karti hai uske sabra ka bandh tut jata hai aur vah apne haatho se Raj ko kas kar daboch leti hai aur paglo k tarah chumne lagti hai,
Raj apni mummy ke rasile hontho k chumte huye oh mummy tum bahut mast mal ho tumhe chod kar to maza aa jayega bolo apne bete ka mota lund apni chut men logi

Rajni- Raj ko chumte huye aah Raj yah kya kar raha hai bete aah aur Raj apne lund ko apni mummy ke upar sote huye hi uski chut ka rasta dikha deta hai aur Rajni bhi apni janghe khol deti hai aur Raj ka mota lund Rajni ki chikni phuli hui chut ke ched se bhid jata hai Raj jara si apni mummy ki chut par apne mote lund ko dabata hai aur uska mota gulabi supada sat se uski mummy ki chut ke chhed men phas jata hai Rajni apni dono tange upar utha deti hai aur Raj ek kas kar dhakka apni mummy ki phuli hui chut par mar deta hai aur uska mota lund uski mummy ki chut men jad tak
pahuch jata hai aur Rajni ke munh se aah ki aawaj nikal jati jai aur vah apni jangho ko pura khol kar Raj ko apne nange badan se kas kar chipka leti hai
Raj - apne mummy ke mote-mote doodh ko kas kar dabate huye apne mote lund ko satasat apni mummy ki gadaraai chut par marne lagta hai aur Rajni niche se apni moti gaanD uthate huye oh bete aah aah bahut maza aa raha hai kab se tadap rahi hu tere is mote lund ke liye aah aur tej aur tej chod bete aaj phad de apni mummy ki puri chut khub kas kar chod

bete, Raj apni mummy ki bat sun kar satasat apne lund ko uski chut men kas-kas kar pelne lagta hai
Rajni khub jor-jor se apne bete ke lund par apni chut marne lagti hai aur ek dam se aah aah karti hui akad jati hai aur uski chut pani chodane lagti hai par Raj abhi-abhi jhad kar aaya tha isliye uska pani nahi nikal pata hai aur vah apni mummy ki chut ko kuch der tak aur marta rahta hai aur Rajni phir se garam ho jati hai Raj apne mote lund ko bahar nikal kar apni mummy ko ghodi banne ko kahta hai aur Rajni apni moti gadaraai gaanD ko apne bete ki aur utha deti hai,

Raj turant apni mummy ki phuli hui chut se lekar uski gahri kasi hui guda tak apni jeebh nikal kar pherne lagta hai aur Rajni aah aah karne lagti hai Raj apni mummy ki phuli hui chut aur guda ko apni jeebh aur hontho se kas-kas kar chatne lagta hai, phir Raj apne dono haatho se apni mummy ki phuli hui chut ki badi-badi phanko ko puri tarah phaila kar uske mastane bhosde ke gulabi ched ko chatne lagta hai aur apni mummy ki chut se bahta namkeen pani chat-chat kar uski chut ko apne munh se khub kas-kas kar ragdne lagta hai, Raj apni ek ungli men thuk laga kar apni mummy ki chut ko chusta hua apni ungli uski guda men dal kar kas-kas kar pelte huye chut ko khub jor-jor se chusne lagta hai aur
Rajni aah aah beta bahut maza aa raha hai aur chat khub pi le beta apni mummy ki pyasi chut ko khub chus Raj aur chus,

Raj karib 10 minat tak apni mummy ki chut aur gaanD ko chat-chat kar puri lal kar deta hai phir
Raj apne munh se thuk nikal kar Rajni ki guda men bhar deta hai aur apne lund ko apni mummy ki gaanD ke mote ched men laga kar kas kar dhakka marta hai aur Rajni ek dam se aa aa karti hui chillane lagti hai aur Raj ke lund ko mota topa apni mummy ki kasi hui guda men phas jata hai Rajni- bete nikal le oh bahut dard kar raha hai Raj please bete nikal le Raj apni mummy ki chut men hath bahr kar
sahlate huye uski moti gaanD ko tham kar ek dusra dhakka khub kas kar mar deta hai aur aur Rajni mar gai re aah Raj men mar jaungi nikal le bête

Raj - bas mummy thoda sa aur bacha hai aur phir apni mummy ki chut men apni do ungliya bhar kar uski chut ko masalte huye apni mummy ki moti gaanD ko apne lund ki aur dabate huye apne lund ko uski guda ki aur dabane lagta hai aur uska lund dhire-dhire uski mummy ki gaanD ke ched ko phailata hua andar jane lagta hai aur Rajni aah aah karti hui sisyane lagti hai,

Rajni- Raj ruk ja bete pahti ja rahi hai rik pleas aur Raj apne lund ki dhire-dhire aage piche karne ki koshish karne lagta hai Rajni ki gaanD Raj ke mote lund ko khub kase rahti hai aur Raj puri takat laga kar apne lund ko apni mummy ki moti gaanD ke ched men apne lund ko jad tak ek tagda dhakka mar kar utar deta hai aur Rajni ki aawaj band ho jati hai aur vah gahri-gahri sanse lete huye apni gaanD ke ched ko kabhi kasti hai aur kabhi phailane lag jati hai, Raj apni mummy ke mastano bhosde ko khub kas-kas kar sahlate huye uski kasi hui gaanD men apne lund ko aage piche kaarne lagta hai aur dhire-dhire lekin gahre dhakke ke sath apni mummy ki kasi hui gaanD chodane lagta hai,
Raj - mummy ab kaisa lag raha hai

Rajni- aah beta bahut achcha lag raha hai thoda tej-tej mar na

Raj - kas kar dhakka marte huye aise mummy

Rajni- apni gaanD ko uske mote lund par marti hui, ha bete aise hi thoda aur kas kar chod apni mummy ko, aaj phad de apni mummy ki moti gaanD ko, tujhe bahut achchi lagti hai na apni mummy ki moti gaanD, men janti hu tu khub kas-kas kar meri gaanD chodana chahta hai
Raj - kas kar dhakka marte huye ha mummy tumhari gaanD bahut mast hai tumhari moti gaanD ne to mujhe bahut pagal kar rakha tha aaj men tumhari gaanD mar-mar kar lal kar dunga

Rajni- bete lund pura bahar nikal kar phir khub kas kar meri gaanD men mar bahut achcha lag raha hai

Raj - apne lund ko bahar tak khinch kar phir khachch se apni mummy ki gaanD men pel deta hai aur lo mummy aise hi na

Rajni-aah ha bete aise hi aur chod khub kas-kas kar chod aur meri chut bhi masalta ja bahut maza aa raha hai ha Raj aise hi ha aur tej aur tej khub chod , khub kas-kas kar chod bete aah aah aah
Raj tabiyat se apni mummy ki chut masalte huye apne mote lund ko uski gaanD men pelne lagta hai aur apni mummy ke chutdon ke mote-mote pato kabhi kas kar dabata hai kabhi unhe apne haatho se thappad marte huye apne lund ko khub kas-kas kar apni mummy ki guda men thokne lagta hai aur use bahut maza aane lagta hai

Raj - hay mummy bahut hi kasa hua ja raha hai tumahri moti gaanD men mera lund

Rajni- aah ha bete tera lund bhi to kitna mota hai bahut maza de raha hai bete tera lund aur chod khub kas kar chod aah aah aah aah

Raj satasat apni mummy ki moti gaanD ko chodane lagta hai aur uski raftar jab bahut tej ho jati hai to Raj apni mummy ki gaanD men apne lund ke satasat 4-5 dhakke jad tak pelta hua kas kar apni mummy ki guda men apne lund ko jad tak phasa kar apni mummy ki gaanD se chipakte huye ruk-ruk kar apne lund se pichkari apni mummy ki moti gaanD ki gahrai men chodane lagta hai, aur Rajni pet ke bal let jati hai aur khub ghari-ghari sanse lene lagti hai Raj bhi apne mote lund ko apni mummy ki moti gaanD ke ched men phasaye huye uski nangi gaanD ke upar let jata hai aur phir dono ma bete 5 minat tak aise hi pade rahte hai aur phir sidhe let kar ek dusre ko chumte huye ek dusre ke lund aur chut ko sahlate huye chipak jate hai,

Raj apni mummy ke upar chdha kar usse puri tarah chipak kar

Raj -mummy aaj rat bhar men aapke upar aise hi nanga chipak kar sounga

Rajni- uski bate sun kar muskurate huye, bete tu bahut achcha chodta hai aaj tune meri chut aur gaanD dono ko mast kar diya hai,

Raj - mummy aaj to sari rat men tumhe puri nangi rakh kar chodta hi rahunga

Rajni- achcha kya tujhe meri chut itni pasand aai hai

Raj - mummy apne bete ko apni chut pilaogi na

Rajni- abhi to piya hai na tune

Raj - mummy aise nahi tum mere munh par baith kar mujhe apni chut pilao

Rajni- mujhe us tarah tere munh par baithne men sharm aati hai

Raj - achcha chalo men tumhari sharm abhi dur kar deta hu aur vah apni mummy ko utha kar bathroom men lekar jata hai aur vaha use baithne ko kahta hai
Raj - apni mummy ke samne mutne ki style men baith kar apni mummy ke mote bhosde par hath pherta hua mummy peshab lagi hai

Rajni- sisiyate huye ha

Raj - to muto na

Rajni- tu pahle apna hath to hata

Raj - nahi men aise hi tumhari chut sahlata jaunga tum aise hi muto

Rajni- lekin bête

Raj - apne hath se uski guda ko sahlata hua uski chut ke ched men ungli pel kar muto na

Rajni- aah aur phir Rajni ki chut se ek moti dhar nikalti hai aur Raj kas ke uske bhagnashe ko apni ungli se daba leta hai aur Rajni ka mut ek dam se ruk jata hai,

Rajni- yah kya kar raha hai bête

Raj - mummy aise nahi thoda ruk-ruk kar muto

Rajni- apni chut se ruk-ruk kar mutne lagti hai aur Raj uski puri chut ko sahlane lagta hai Rajni uski is harkat se pagal ho jati hai aur phir ruk-ruk kar mutne lagti hai jab vah mutti hai to Raj uski puri chut ko jor-jor se sahlane lagta hai aur jab vah ruk jati hai to Raj gach se apni do ungliya uski chut ke chhed men pel deta hai Raj apni mummy ki chut ko sahlate huye uske pas sarak kar uske rasile hontho ko chuste huye apni mummy ki chut ko masalne lagta hai,

Raj - mummy kya hua muto na
Rajni- bas bete ab nahi aa raha hai

Raj - achcha koi bat nahi aur apni do ungliya apni mummy ki phati hui chut men pelte huye uske ek doodh ko kas kar masalte huye uske ras bhare hontho ka ras pine lagta hai, Rajni bahut chudasi ho jati hai aur baithe-baithe hi apni gaanD matkane lagti hai, phir Raj usko khadi karke apni mummy ke phule huye bhosde ko apne haatho men bhar kar kas kar dabochne lagta hai aur Rajni apne bete ka khada lund apne haatho men kas kar dabane lagti hai

Raj - mummy kya phuli hui chut hai tumhari
Rajni- apne bete ka lund masalte huye, tera lund bhi to kitna bada aur mota hai, meri to chut aur gaanD mast ho gai hai tere mote lund se chud-chud kar

Raj - chalo ab mujhe apni chut pilaogi na

Rajni- chalte huye ha bete aaj men tujhe apni puri chut khol kar tere munh men bhar dungi Raj uske sath chalta hua uski gaanD ko dabochte ja raha tha uske bad Raj sidha ja kar let jata hai aur Rajni uske upar dono tange phaila kar apni phuli hui chut ko sidhe uske munh par de deti hai aur Raj apne haatho se apni mummy ki chut ko phaila-phaila kar kas-kas kar chatne lagta hai, Rajni paglo ki tarah sisyate huye apni chut apne bete ke munh men marne lagti hai, Raj apni mummy ki chut se bahte huye ras ko khub kas-kas kar chusta hai aur uski mummy ki chut puri lal ho jati hai, aur vah apni phuli hui chut apne bete ke munh se dabati hui

Rajni- Raj ab mujhse nahi raha jata hai ab apni mummy ki chut khub kas-kas kar apne mote lund se mar de beta

Raj - apni mummy ki bat sun kar ek bar kas kar uski puri chut ko apne munh men bhar kar chusne lagta hai aur phir Rajni se bardast nahi hota hai aur vah side men ludhak jati hai, aur Raj apni mummy ke mote-mote doodh ko apne munh men bhar kar khub jor-jor se uske nippal se doodh pine lagta hai Rajni use apne upar chadha leti hai aur uska mota lund pakad kar apni chut se jaise hi lagati hai Raj kas ke ek tagda dhakka apni mummy ki phuli hui chut men mar deta hai aur uska pura lund ek hi bar men apni ma ke bhosde men uski bachchedani tak sama jata hai aur jab Raj apni mummy ko kas-kas kar thokne lagta hai to uska har dhakka apni mummy ki bachchedani se lagta hai aur uske lund ki aisi mast thukai se Rajni ki chut men pani hi pani bhar jata hai aur vah paglo ki tarah chillate huye aah bete khub kas kar mar phad de apni mummy ki puri chut ko aah aah aur thonk aur kas kar chod bete aur Rajni apni dono jangho ko uthakar apne per ko apne bete ki kamar se bandh leti hai aur Raj apne dono haatho ko apni mummy ki moti gadaraai gaanD ke niche lejkar uski puri gaanD ko daboch kar upar utha leta hai aur phir khub kas-kas kar apni mummy ki chut thokne lagta hai,

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Re: घर के रसीले आम मेरे नाम

Post by rajaarkey »

रजनी आह आह करती हुई अपनी मस्तानी चूत को अपने बेटे के मोटे लंड पर कस-कस कर मारने लगती है और उसकी चूत का दाना फड़फडाने लगता है, वह राज को अपने सीने से कस कर दबा लेती है और राज अपनी मम्मी के रसीले होंठो को चूस्ता हुआ उसके गदराए जिस्म को दबोचे हुए उसकी चूत मार-मार कब लाल कर देता है,

उसका लंड उसकी मम्मी की फूली हुई चूत में बहुत तेज़ी से सतसट अंदर बाहर होने लगता है और रजनी पागलो की तरह राज के होंठो को चुस्ती हुई अपनी फूली हुई चूत को खूब कस कर राज के लंड से दबोच लेती है और राज को लगता है कि उसकी मम्मी अब पानी छोड़ने वाली है तब राज अपनी मम्मी के होंठो को अपने मुँह में भर कर चूस्ते हुए उसकी मोटी गान्ड को कस कर अपने लंड की ओर दबा कर सतसट 8-10 तगड़े धक्के अपनी मम्मी की चूत की गहराई में बच्चेदानी तक अपने लंड की तगड़ी ठोकर मार-मार कर एक दम से अपने मोटे लंड को अपनी मम्मी की फूली हुई चूत से कस कर चिपका देता है और उसकी चूत की गहराई में रुक-रुक कर पिचकारी छोड़ने लगता है और रजनी हाँफती हुई उसे चूमने लगती है और कुछ देर तक दोनो का पानी एक साथ एक दूसरे के लंड और चूत को भिगोता रहता है, करीब 2 मिनट तक राज अपनी मम्मी की फूली हुई चूत से चिपका रहता है और फिर कुछ देर बाद दोनो अलग-अलग होकर गहरी साँसे लेते हुए पड़े रहते है,

कुछ देर बाद उनके बदन में ठंडक महसूस होने लगती है और राज अपनी मम्मी से फिर से चिपक कर उसके होंठो को चूसने लगता है और रजनी उसे अपने मोटे-मोटे दूध से लगा कर दबोच लेती है,

राज - मम्मी मज़ा आया या नही

रजनी-मुस्कुराते हुए बेटे आज तूने अपनी मम्मी की चूत मार-मार कर पूरी लाल कर दी है, सच आज तो बहुत मस्त मज़ा आया, तूने तो अपनी मम्मी की चूत मार-मार कर उसे फिर से जवान घोड़ी बना दिया है, अब तो में रोज तेरे साथ पूरी नंगी होकर ही सोउंगी,

राज - क्यो नही मम्मी अब में भी तुम्हे चोदे बिना नही रह सकता हूँ, इस तरह राज अब रोज रात को कभी अपनी बहन और कभी अपनी मम्मी को चोदने लगा और हफ्ते में एक दो बार कोमल की चूत भी मार देता था उधर कोमल भी अपने पापा के लंड से लगभग रोज अपनी चूत मराने लगी थी

तो दोस्तो इस तरह राज इन तीनो घोड़ियों के मस्ती करते हुए अपनी लाइफ को एंजाय कर रहा है
अब हमे क्या करने दो उसकी जिंदगी है वो जाने हम सब तो अब किसी नये सफ़र पर चलने की तैयारी करेंगे

दोस्तो राजशर्मास्टॉरीज पर ये थी इस साल के शुरुआत की मस्त कहानी आगे का सफ़र कहाँ का होगा ये तो नही पता पर इतना पता है कि जहाँ भी होंगे आप सब मेरे साथ रहेंगे इसी के साथ दोस्तो इस कहानी को अलविदा
*****दा एंड*****


Rajni aah aah karti hui apni mastani chut ko apne bete ke mote lund par kas-kas kar marne lagti hai aur uski chut ka dana phadphadane lagta hai, vah Raj ko apne sine se kas kar daba leti hai aur Raj apni mummy ke rasile hontho ko chusta hua uske gadaraaye jism ko daboche huye uski chut mar-mar kab lal kar deta hai,
uska lund uski mummy ki phuli hui chut men bahut teji se satasat andar bahar hone lagta hai aur Rajni paglo ki tarah Raj ke hontho ko chusti hui apni phuli hui chut ko khub kas kar Raj ke lund se daboch leti hai aur Raj ko lagta hai ki uski mummy ab pani chodane wali hai tab Raj apni mummy ke hontho ko apne munh men bhar kar chuste huye uski moti gaanD ko kas kar apne lund ki aur daba kar satasat 8-10 tagde dhkke apni mummy ki chut ki gahrai men bachchedani tak apne lund ki tagdi thokar mar-mar kar ek dam se apne mote lund ko apni mummy ki phuli hui chut se kas kar chipka deta hai aur uski chut ki gahrai men ruk-ruk kar pichkari chodane lagta hai aur Rajni hafti hui use chumne lagti hai aur kuch der tak dono ka pani ek sath ek dusre ke lund aur chut ko bhigota rahta hai, karib 2 minat tak Raj apni mummy ki phuli hui chut se chipka rahta hai aur phir kuch der bad dono alag-alag hokar gahri sanse lete huye pade rahte hai,

kuch der bad unke badan men thandak mehsus hone lagti hai aur Raj apni mummy se phir se chipak kar uske hontho ko chusne lagta hai aur Rajni use apne mote-mote doodh se laga kar daboch leti hai,

Raj - mummy maza aaya ya nahi

Rajni-muskurate huye bete aaj tune apni mummy ki chut mar-mar kar puri lal kar di hai, sach aaj to bahut mast maza aaya, tune to apni mummy ki chut mar-mar kar use phir se jawan ghodi bana diya hai, ab to men roj tere sath puri nangi hokar hi soungi,

Raj - kyo nahi mummy ab men bhi tumhe chode bina nahi rah sakta hu, is tarah Raj ab roj rat ko kabhi apni bahan aur kabhi apni mummy ko chodane laga aur hafte men ek do bar Komal ki chut
bhi mar deta tha udhar Komal bhi apne papa ke lund se lagbhag roj apni chut marane lagi thi
*****The End*****


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Re: घर के रसीले आम मेरे नाम complete

Post by vnraj »

कहान का अन्त भी अच्छा लगा । अब एक नई शुरुआत कर दीजिए
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rajaarkey
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Re: घर के रसीले आम मेरे नाम complete

Post by rajaarkey »

vnraj wrote:कहान का अन्त भी अच्छा लगा । अब एक नई शुरुआत कर दीजिए
shukriya dost nayi kahani jald hi shuru hogi
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