गाँव में जन्नत का मजा
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Re: गाँव में जन्नत का मजा
धीरे धीरे जन्नत मे जा रहे है
- shubhs
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Re: गाँव में जन्नत का मजा
अपडेट किधर है जन्नत के
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
- kunal
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Re: गाँव में जन्नत का मजा
काकी झड चुकी थी मेरी हालत खराब थी लंड अभी भी पूरे ताव मे खडा था । झडने के बाद काकी पूरी तरह नार्मल बर्ताव करने लगी अपने कपडे ठीक करते हुए बोली
"चल बेटवा घर चल काफी देर हो गई है कल फिर आना पडेगा फसल तो पूरी कटी नही "
मै-ठीक है काकी अब जहर तो नही है ना दूध मे
काकी - बडा भोला है रे तू कुछ नही समझता कोई जहर नही है सब ठीक है चल घर चल
मै- ठीक है काकी, लंड तो मेरा अभी भी खडा था मैने अपने कपडे सही किये और हम दोनो घर की ओर चल पडे
(दोनो बिल्कुल चुपचाप चल रहे थे फिर काकी ने ही चुप्पी तोड़ी)
काकी-बेटवा आज रात तू मेरे घर आ जा खाना खाने ऐसा स्वाद चखाऊंगी जिंदगी भर याद रखेगा
मै - ठीक है काकी मै भाभी से मना कर देता हू की आज मेरा खाना ना बनाए फिर आपे घर आता हू
काकी- जल्दी आना बेटवा रसमलाई परोसूंगी
( और चुदास भरी मुस्कान से देखने लगी ) काकी अपने घर चली गई और मै अपने घर आ गया
घर पर आते ही काजल भाभी से कह दिया की मेरा खाना ना बनाए काकी के घर खाऊँगा
काजल - ठीक है देवर बाबू लेकिन आप एकदम थके थके लग रहे है बडी मेहनत की है ऐसा प्रतीत होता है
मै- हा भाभी फसल काटने का अनुभव नही है ना तो थक गया
(हम दोनो रसोई मे खडे थे )
भाभी - फसल काटने का अनुभव नही है जानती हू लेकिन ..........
मै- क्या लेकिन भाभी ?
भाभी - जाने दिजिए छोडिए
मै - बताओ भाभी कोई बात नही छिपानी चाहिए
भाभी - देवर बाबू फसल काटने का अनुभव नही है ना लेकिन जहर चूसने का अनुभव करके आ रहे हो आप
(मै एकदम सन्न रह गया बहनचोद इसे कैसे पता चल गया?)
मै- क्या मतलब है आपका ?
भाभी - मतलब तो आप जानते ही है मै क्या बात कर रही हू
(मेरी गांड फट गई मै सख्ते मे आ गया आखिर इस बहन की लौडी को जहर वाली बात कैसे पता चली ?)
मै- भाभी आप साफ साफ बताइए क्या बोल रही हो
भाभी - देवर बाबू मैने सब देख लिया है मै वही सरपत के पीछे छिपकर खडी थी कैसे आपने काकी का जहर चूसा सब देखा है मैने
मै - भाभी प्लीज आप किसीसे बोलना नही
वो काकी को दर्द हो रहा था इसलिए मैने उनके कहने पर ऐसा किया मेरी नीयत गलत नही थी
भाभी - खूब समझती हू देवर बाबू आपकी नीयत को वो 50 साल की बुढिया ...
मै- माफ कर दिजिए भाभी आगे से नही करूंगा मेरा इरादा गलत नही था उन्होंने कहा तब मैने किया उनका दर्द देखा नही गया तब मैने उनका जहर चूसा
भाभी-देवर बाबू दर्द तो मुझे भी बहुत है आपने कभी मेरा जहर नही चूसा
मै- (भोला बनते हुए ) कहा है दर्द भाभी बताइए
भाभी-(मेरा हाथ पकड़कर सीधे अपनी बूर पर साडी के ऊपर से ही रखदी ) यहा है दर्द मुझे भी कल रात चीटी ने काट लिया पैंटी मे चीटी थी बिना देखे मैने पहन ली ( इतना कहकर रंडी मुस्कुराने लगी )
मै-( हाथ छूडाकर ) अपनेआप ठीक हो जाएगा , मै जा रहा हू काकी ने बुलाया है खाने पर
(साला मेरा लंड 50 साल की काकी को चोदने के लिए बेकरार था मै वहा से बाहर निकल आया मुझे पूरा यकीन था काकी मुझसे जरूर चूदवाएगी )
भाभी- देवर बाबू सुनिए तो ....
मै वहा से निकल आया सीधे काकी के घर आया घर बाहर से बंद था
मैने दरवाजा खटखटाया
काकी- कौन है इतनी साॅझ को
मै - काकी मै हू आपने खाने पर बुलाया था ना
काकी- बेटवा तू (इतना कहकर दरवाजा खोला )
मै काकी को देखकर हैरा न रह गया केवल पेटीकोट मै वो भी पूरा भीगा हुआ चूची पर लपेटकर दरवाजा खोल रही थी
काकी - नहाने बैठी थी रे बिना नहाए रसोई मे नही जाती और गर्मी भी बहुत है
मै- हा काकी वो तो है [काकी ने दरवाजा बंद कर लिया )
काकी- अच्छा हुआ बेटवा तू इतनी जल्दी आ गया
मै- क्यू काकी
काकी- अरे निगोडे नहाने बैठी थी अपनी पीठ का मैल नही छुडा पा रही थी तू आ गया है तो जरा सा रगड दे ना (इतना कहकर वो आंगन मे चकपाल के पास बैठ गई और अपनी पीठ को नंगा कर दिया )
मेरी हालत खराब थी लंड लूंगी मे पूरा टाईट हो चूका था काकी की नजर भी उसपर पड चुकी थी
मै - ठीक है काकी
और मै काकी की पीठ का मैल छुडाने लगा
काकी- बेटवा जरा जोर से मल ना मर्द का हाथ चला
मै- हा काकी मल तो रहा हू मेरा लंड एकदम अपनी औकात मे आ गया था और मेरा तंबू काकी की पीठ मे चूभने लगा
काकी - बेटवा जरा बाल्टी मे पानी भर दे
मै-ठीक है काकी ( जैसे ही मै काकी के सामने हैंडपंप पर गया काकी की नजर मेरे तने हुए लंड पर पड़ी और उनका मुँह खुला का खुला रह गया ) वैसे तो वो मेरा लंड खेत मे देख चुकी थी लेकिन इस समय मेरा लंड अपनी पूरी औकात मे था )
"चल बेटवा घर चल काफी देर हो गई है कल फिर आना पडेगा फसल तो पूरी कटी नही "
मै-ठीक है काकी अब जहर तो नही है ना दूध मे
काकी - बडा भोला है रे तू कुछ नही समझता कोई जहर नही है सब ठीक है चल घर चल
मै- ठीक है काकी, लंड तो मेरा अभी भी खडा था मैने अपने कपडे सही किये और हम दोनो घर की ओर चल पडे
(दोनो बिल्कुल चुपचाप चल रहे थे फिर काकी ने ही चुप्पी तोड़ी)
काकी-बेटवा आज रात तू मेरे घर आ जा खाना खाने ऐसा स्वाद चखाऊंगी जिंदगी भर याद रखेगा
मै - ठीक है काकी मै भाभी से मना कर देता हू की आज मेरा खाना ना बनाए फिर आपे घर आता हू
काकी- जल्दी आना बेटवा रसमलाई परोसूंगी
( और चुदास भरी मुस्कान से देखने लगी ) काकी अपने घर चली गई और मै अपने घर आ गया
घर पर आते ही काजल भाभी से कह दिया की मेरा खाना ना बनाए काकी के घर खाऊँगा
काजल - ठीक है देवर बाबू लेकिन आप एकदम थके थके लग रहे है बडी मेहनत की है ऐसा प्रतीत होता है
मै- हा भाभी फसल काटने का अनुभव नही है ना तो थक गया
(हम दोनो रसोई मे खडे थे )
भाभी - फसल काटने का अनुभव नही है जानती हू लेकिन ..........
मै- क्या लेकिन भाभी ?
भाभी - जाने दिजिए छोडिए
मै - बताओ भाभी कोई बात नही छिपानी चाहिए
भाभी - देवर बाबू फसल काटने का अनुभव नही है ना लेकिन जहर चूसने का अनुभव करके आ रहे हो आप
(मै एकदम सन्न रह गया बहनचोद इसे कैसे पता चल गया?)
मै- क्या मतलब है आपका ?
भाभी - मतलब तो आप जानते ही है मै क्या बात कर रही हू
(मेरी गांड फट गई मै सख्ते मे आ गया आखिर इस बहन की लौडी को जहर वाली बात कैसे पता चली ?)
मै- भाभी आप साफ साफ बताइए क्या बोल रही हो
भाभी - देवर बाबू मैने सब देख लिया है मै वही सरपत के पीछे छिपकर खडी थी कैसे आपने काकी का जहर चूसा सब देखा है मैने
मै - भाभी प्लीज आप किसीसे बोलना नही
वो काकी को दर्द हो रहा था इसलिए मैने उनके कहने पर ऐसा किया मेरी नीयत गलत नही थी
भाभी - खूब समझती हू देवर बाबू आपकी नीयत को वो 50 साल की बुढिया ...
मै- माफ कर दिजिए भाभी आगे से नही करूंगा मेरा इरादा गलत नही था उन्होंने कहा तब मैने किया उनका दर्द देखा नही गया तब मैने उनका जहर चूसा
भाभी-देवर बाबू दर्द तो मुझे भी बहुत है आपने कभी मेरा जहर नही चूसा
मै- (भोला बनते हुए ) कहा है दर्द भाभी बताइए
भाभी-(मेरा हाथ पकड़कर सीधे अपनी बूर पर साडी के ऊपर से ही रखदी ) यहा है दर्द मुझे भी कल रात चीटी ने काट लिया पैंटी मे चीटी थी बिना देखे मैने पहन ली ( इतना कहकर रंडी मुस्कुराने लगी )
मै-( हाथ छूडाकर ) अपनेआप ठीक हो जाएगा , मै जा रहा हू काकी ने बुलाया है खाने पर
(साला मेरा लंड 50 साल की काकी को चोदने के लिए बेकरार था मै वहा से बाहर निकल आया मुझे पूरा यकीन था काकी मुझसे जरूर चूदवाएगी )
भाभी- देवर बाबू सुनिए तो ....
मै वहा से निकल आया सीधे काकी के घर आया घर बाहर से बंद था
मैने दरवाजा खटखटाया
काकी- कौन है इतनी साॅझ को
मै - काकी मै हू आपने खाने पर बुलाया था ना
काकी- बेटवा तू (इतना कहकर दरवाजा खोला )
मै काकी को देखकर हैरा न रह गया केवल पेटीकोट मै वो भी पूरा भीगा हुआ चूची पर लपेटकर दरवाजा खोल रही थी
काकी - नहाने बैठी थी रे बिना नहाए रसोई मे नही जाती और गर्मी भी बहुत है
मै- हा काकी वो तो है [काकी ने दरवाजा बंद कर लिया )
काकी- अच्छा हुआ बेटवा तू इतनी जल्दी आ गया
मै- क्यू काकी
काकी- अरे निगोडे नहाने बैठी थी अपनी पीठ का मैल नही छुडा पा रही थी तू आ गया है तो जरा सा रगड दे ना (इतना कहकर वो आंगन मे चकपाल के पास बैठ गई और अपनी पीठ को नंगा कर दिया )
मेरी हालत खराब थी लंड लूंगी मे पूरा टाईट हो चूका था काकी की नजर भी उसपर पड चुकी थी
मै - ठीक है काकी
और मै काकी की पीठ का मैल छुडाने लगा
काकी- बेटवा जरा जोर से मल ना मर्द का हाथ चला
मै- हा काकी मल तो रहा हू मेरा लंड एकदम अपनी औकात मे आ गया था और मेरा तंबू काकी की पीठ मे चूभने लगा
काकी - बेटवा जरा बाल्टी मे पानी भर दे
मै-ठीक है काकी ( जैसे ही मै काकी के सामने हैंडपंप पर गया काकी की नजर मेरे तने हुए लंड पर पड़ी और उनका मुँह खुला का खुला रह गया ) वैसे तो वो मेरा लंड खेत मे देख चुकी थी लेकिन इस समय मेरा लंड अपनी पूरी औकात मे था )
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- kunal
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Re: गाँव में जन्नत का मजा
मै हैंडपंप चलाने के लिए जैसे ही झूकता मेरा तना हुआ लंड लूंगी से बाहर आ जाता ये देखकर काकी का हाथ उनकी बूर पर चला गया
मै - काकी बाल्टी भर गई
काकी लंड को देख रही थी और मेरी नजर भी उनकी चुचियो पर टिकी थी
जो पेटीकोट की कैद से बाहर थी
मेरा लंड अब झटके ले रहा था
काकी- बडी तकलीफ दे रही हू ना बेटवा तू घबराना नही आज तुझे खूब पकवान खिलाऊंगी
मै - काकी आज पता है क्या हुआ मैने आपसे एक बात छिपाई
काकी - कौन सी बात रे निगोडे (अपने शरीर पर पानी डालते हुए )
मै- वही बात मैने आपसे दोपहर मे खेत मे भी नही बताइ बहुत डर लख रहा था
काकी- कौन सी बात बेटवा डर मत मै तेरी काकी हू मुझसे बिल्कुल मत डर (भीगा हुआ पेटीकोट बदन पर चिपका हुआ था जिसकी काकी को कोई परवाह नही थी )
मै- काकी मुझे बहुत दर्द है दो दिन से
काकी - कहा बेटवा कहा दर्द है
मै - काकी वो मेरी नूनी मे दो दिन से बहुत दूख रहा है कल जब मै नहाकर अंडरवियर पहना तो उसमे कोई कीडा था जो मेरी नूनी पर काट लिया?(मैने बहाना बनाया था मै चाहता था काकी मेरा लंड चूसे )
तभी मेरे लंड ने ठुनकी मारी
मै- आहहहहहहहह काकी
काकी- क्या हुआ बेटवा
मै- काकी बहुत तेज दर्द हो रहा है नूनी मे
काकी - हाय राम दिखा तो जरा ( काकी अभी भी पूरी भीगी हुई थी ) मै अपनी लूंगी हटाकर अपना खडा लंड काकी के पास ले जाकर खडा हो गया काकी मेरे लंड को हाथ मे पकड ली
(बहुत ही सुखद अनुभव था पहली बार किसी ने मेरे लंड को छुआ था ) फिर काकी मेरे लंड को टटोलकर चमडी उलाटकर देखने लगी )
काकी- कहा दर्द है बेटवा
मै - काकी पूरी नूनी दूख रही है लगता है कीडे ने काटा है तो जहर फैल गया है क्या करू काकी आहहहहहहहह
काकी - तू घबरा मत बेटवा (इतना कहकर उकडू बैठ गई जिससे मेरा लंड सीधे उनके मुंह के पास आ गया ) मै तेरा सारा दर्द खीच लूंगी सारा जहर निकाल दूंगी ।
मै - काकी पूरी नूनी दूख रही है लगता है कीडे ने काटा है तो जहर फैल गया है क्या करू काकी आहहहहहहहह
काकी - तू घबरा मत बेटवा (इतना कहकर उकडू बैठ गई जिससे मेरा लंड सीधे उनके मुंह के पास आ गया ) मै तेरा सारा दर्द खीच लूंगी सारा जहर निकाल दूंगी ।
.....................
मै- कैसे काकी जहर तो कल का फैल गया होगा पूरा अंदर तक कैसे निकालोगी जहर ?
काकी- बेटवा तू अपनी ऑखे बंद कर ले और सबकुछ भूलकर शरीर को निढाल छोड़ दे
मै- ठीक है काकी
(काकी का पूरा शरीर भीगा हुआ था और उकडू बैठने की वजह से काकी की चूची पेटीकोट से बाहर आ गई थी और पेटीकोट शरीर पर चिपक गया था )
काकी के कहेनुसार मैने अपनी ऑखे बंद कर ली। ऑखे बंद करते ही काकी ने मेरी लूंगी खोलकर एक किनारे रख दिया ।
मै- काकी आपने मेरी लूंगी क्यू हटा दी मुझे शर्म आ रही है
( मेरा लंड पूरे ताव मे था यही सोचकर की आज पहली बार कोई औरत मेरे लंड को चूसनेवाली है मै सब जानता था कि काकी क्या करने जा रही है लेकिन फिर भी भोला बनने का ढोंग कर रहा था )
काकी- अरे बेटवा क्यू लजाता है रे ऐसे ही जहर वाला लेकर घूमेगा तो कल को कुछ होगा तब क्या करेगा
मै- ठीक है काकी आप किसी तरह मेरी नूनी से जहर निकाल दिजिए
काकी- बडा बउचट है रे तू
मै- वो क्यू काकी
काकी - और क्या कहू ये तेरी अब नूनी थोडी ना रह गई ये तो अब वो बन गया है
(इतना कहकर काकी ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड लिया
उसी समय मन मे एक गाना बजा "लगे 440 वोल्ट छूने से तेरे " काकी लंड को पकड़कर सहला रही थी धीरे धीरे )
मै - (भोला बनते हुए ) क्या बन गया है काकी ?
काकी- तू सचमुच नही जानता बेटवा ? मै कैसे कहू
मै - कह दो ना काकी आपका बेटवा बुद्धू है कुछ भी नही जानता
काकी- हाय राम कैसे कहू रे की तेरी नूनी अब लंड बन गई है साड़ के लंड की तरह
मै - ( भोला बनते हुए ) खेत वाला साड़ क्या काकी?
काकी- हा बेटवा खेत वाले साड़ की तरह ही बदमाश
(इतना कहकर काकी ने लंड को कसकर मरोड दिया )
मै- आहहहह काकी बहुत दर्द हो रहा है
काकी - अभी दर्द ठीक करती हू तू ऑखे बंद कर लेना और कुछ बोलना नही बेटवा मै जो करूंगी करने देना जो कुछ कहना होगा बाद मे कहना
मै- ठीक है काकी
काकी- ऑखे बंद है ना बेटवा
इतना कहकर काकी मेरे लंड पर झूक गई और अपने नरम काॅपते होठो को मेरे लंड पर रखकर चूमने लगी । मै हल्की ऑखे खोलकर सब देख रहा था और सिसक रहा था
काकी ने अब मेरे लंड को पूरा अपने मुँह मे भर लियाऔर पागलो की तरह चूसने लगी
मै - आहहहहहहह काकी और दर्द बढ रहा है लेकिन बहुत अच्छा लग रहा है ( मैने उनके सिर पर हाथ रख कर अपनी कमर इधर उधर उचकाने लगा )
काकी ने दोनो हाथो से मेरे कमर को पकडकर स्थिर किया और खूब कसकर चूसने लगी और तरह तरह की आवाज आने लगी काकी लगातार एकदम फास्ट ट्रेन की तरह लंड चूस रही थी
मै- आहहहहहहहहहहहहह काकी बहूत अच्छा लग रहा है ( मै उनके सिर को सहलाते हुए सिसक रहा था )
फिर काकी ने वो किया जो मैने कभी सोचा नही था ।अपने मुँह से लंड निकाल कर मेरी गोटीयो को पागलो की तरह चूसने लगी ।
मै - आहहहहहहह काकी बहुत अच्छा लग रही है ओहहहहहहहह काकी आप मेरी सबसे अच्छी काकी हो पूरा जहर निकाल दो काकी बहूत दर्द है ।
काकी ने फिर से लंड को मुह मे लिया और अपना मुंह आगे पीछे करने लगी । ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था और पहली बार कोई औरत इतने जंगली तरीके से मेरे लंड को चूस रही थी ।
मै- काकी ऐसा लग रहा है कुछ निकलनेवाला है आहहहहहहहहहह काकी हट जाइए जल्दी से कुछ निकलेगा नूनी के अंदर से
( काकी कुछ नही बोल रही थी बस जानवरो की तरह चूप रहकर लंड चूस रही थी ।)
काकी ने मेरे कमर को कसकर जकड लिया ताकी मै छटक कर दूर ना जाऊ
मै - आहहहहहहहह काकी मुह हटाओ कुछ निकल रहा है सूसू जैसा काकी
( इतना सुनते ही काकी ने कमर को और कसकर जकड लिया और तेजी से सर हिलाकर लंड चूसने लगी )
मै-आहहहहहहह ओहहहहहहहहह सीईईईईईईईईईई आईईईईईईईईईईऊ हहहहह काकी मै गया आहहहहह
इतना कहते ही मै काकी के मुह मे झड गया फिर भी काको ने लंड को मुॅह से बाहर नही निकाला मेरे वीर्य की एक एक बूंद पी जाना चाहती थी । जाने कब से प्यासी थी रंडी ।
इसतरह कुछ देर तक रहने के बाद उन्होंने ने लंड को बाहर निकाला और कहा जा बेटवा लंड को अच्छे से साफ कर ले जहर निकल गया और हल्के से मुस्कातेहुए अपने होठ पर लगी वीर्य की बूंद को चाटने लगी ।
मै - काकी ये जो आपके होठो पर लगा है वही जहर है क्या
काकी- हा बेटवा यही वो जहर है जो मेरे लल्ला के लंड मे चढ गया था ।
काकी का शरीर पहले से भीगा हुआ था लेकिन मै साफ देख सकता था उनके शरीर के पसीने को उनकी चुचिया पूरी तरह टाइट हो गई थी और दोपहर की चूची चुसाई के कारण अब भी लाल थी ।
मै- काकी बहुत अच्छा लगा रहा है
आपसे कुछ पूछना चाहता हू काकी ?...................
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!