दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete

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jay
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Re: दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार )

Post by jay »

rangila wrote:mast mazedar update
thanks
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार )

Post by jay »

सुबह के 10 बज रहे थे घर में अभी सन्नाटा छाया हुआ था शोभा की आँख खुली और उसने अपने आप को कमरे में बेड पर नंगा पाया शोभा शरमाने लगी रूम का डोर भी खुला हुआ था शोभा ने बेड से उठ कर डोर लॉक किया और सीधा बाथरूम में घुस गयी फ्रेश होने के बाद शोभा नाइटी पहन कर किचन में आ गयी और चाइ बनाने लगी चाइ बनाते हुए उसके दिमाग़ में सुबह 4 बजे की सारी घटनाए सामने आने लगी और शोभा खड़ी-2 शरमाने लगी शोभा मन में सोचने लगी कि अब वो रेणु का सामना कैसे करेगी चाइ बन कर तैयार हो गयी पर शोभा ने बबलू और रेणु को उठाना ठीक नही समझा और खुद अपने रूम में आकर चाइ पीने लगी चाइ पीने के बाद शोभा नाश्ता तैयार करने लगी सुबह के 11 बज रहे थी रेणु और बबलू भी उठ चुके थी रेणु फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर आई उसके बदन पर केवल छोटा सा टवल था उसने अलमारी से साड़ी निकाली और पहनने लगी पर बबलू ने उसे साड़ी पहनने से मना कर दिया

बबलू: रेणु यार इतनी गरमी है और तुम साड़ी पहन रही हो कल रात वाली नाइटी ही पहन लो

रेणु:तो क्या मैं घर में वो नाइटी पहन कर घूमूं

बबलू: तुम मेरे लिए ये भी नही कर सकती

रेणु के होंठो पर मुस्कान आ गयी उसने साड़ी को अलमारी में वापिस रख दिया और ब्रा उठा कर पहनने लगी बबलू उठ कर बाथरूम में घुस गया जब बबलू 15 मिनट बाद बाहर आया तो रेणु रूम में नही थी बबलू रूम से बाहर आ गया और किचन के सामने हाल में सोफे पर बैठ गया शोभा और रेणु दोनो किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी दोनो आपस में कोई बात नही कर रही थी ना ही दोनो में से किसी की हिम्मत हो रही थी बबलू सोफे पर बैठा अपनी किस्मत पर इतरा रहा था बबलू उठ कर किचन में आ गया रेणु और शोभा दोनो की पीठ बबलू की तरफ थी दोनो ने पीछे मूड कर बबलू को देखा रेणु ने स्माइल किया पर शोभा ने रिएक्ट नही किया बबलू शोभा के पीछे आकर शोभा से सट कर खड़ा हो गया और अपने दोनो हाथों को शोभा के बड़े-2 चुतड़ों पर रख कर सहलाने लगा शोभा ने नाइटी के अंदर कुछ नही पहना था शोभा के दिल की धड़कने तेज हो गयी रेणु अपनी कनखियो से बबलू को देख रही थी रेणु के दिल की धड़कने तेज हो गयी थी बबलू शोभा की गान्ड को मसल्ने जा रहा था शोभा ने अपने हाथों से सेल्फ़ को कस्के पकड़ लिया

शोभा:धीमी आवाज़ में”)छोड़ो क्या कर रहे हो

बबलू ने शोभा की नाइटी को उठाना चालू कर दिया शोभा बेचारी चुप चाप खड़ी रही बबलू ने उसकी नाइटी को उसकी कमर तक उठा दिया शोभा के बड़े-2 चूतड़ बाहर आ गये बबलू दोनो हाथों से शोभा के चुतड़ों को फैला कर मस्ल रहा था रेणु सर झुकाए खड़ी सब देख रही थी रेणु से रहा नही गया और रेणु मूड कर बाहर की तरफ जाने लगी बबलू ने रेणु के हाथ को पकड़ लिया

बबलू:अर्रे तुम तो अभी भी शरमा रही हो

बबलू ने उसे सेल्फ़ के पास खींच कर खड़ा कर दिया रेणु की पीठ सेल्फ़ की तरफ थी जबकि शोभा का फेस सेल्फ़ की तरफ था

रेणु: बहुत धीमी आवाज़ में)प्लीज़ मुझे जाने दो

बबलू ने ना में सर हिला दिया और रेणु की रेड कलर की शॉर्ट नाइटी जो कि उसके जाँघो तक ही आ रही थी उसे ऊपर उठा दिया शोभा कनखियों से रेणु को देख रही थी रेणु की गोरी जांघे उसे सॉफ नज़र आ रही थी और दोनो जाँघो के बीच रेणु के वी शेप रेड कलर की पैंटी उसकी जाँघो को और सुदार बना रही थी बबलू जो कि शॉर्ट्स में था उसने अपना शॉर्ट्स नीचे सरका कर निकाल दिया बबलू का 8 इंच का लंड हवा में झटके खा रहा था बबलू ने अपने लंड के सुपाडे पर थूक लगा कर शोभा की जाँघो को थोड़ा सा फैला दिया और शोभा को सेल्फ़ पर झुका दिया और खुद थोड़ा सा अपने घुटनो को मोड़ कर नीचे होकर अपने लंड को शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया रेणु सर झुकाए सब देख रही थी रेणु ने शोभा के फेस की तरफ देखा शोभा अपनी आँखें बंद किए हुए थी और उसने अपने होंठो को अपने दाँतों में भींच रखा था बबलू ने दो चार धक्को में अपने लंड को जड तक शोभा की चूत में घुसा दिया शोभा की चुचियाँ सेल्फ़ के ऊपर हिल रही थी बबलू ने एक हाथ आगे बढ़ा कर रेणु को अपनी तरफ खींचा और रेणु के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अपनी कमर हिलाने लगा बबलू की जांघे शोभा की गान्ड से टकराने लगी और थप-2 की आवाज़ से पूरा घर गूंजने लगा बबलू ने एक हाथ नीचे लेकर रेणु की वीशेप पैंटी के अंदर डाल दिया और अपने हाथ से उसकी चूत की फांको को सहलाने लगा रेणु मचलने लगी बबलू ने जोश में आकर अपनी पूरी ताक़त से धक्के लगाने चालू कर दिए

शोभा:अहह ओह धीरीईई बब्लुउउुुुुउउ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

रेणु अपनी माँ शोभा की सिसकारियों को सुन कर गरम होने लगी थी बबलू ने रेणु के होंठो से अपने होंठ हटाए

बबलू:हन्ंननणणन् बोल मेरे रानी कैसा लग रहा मेरा लौडा तेरी भोसड़ी में

रेणु बबलू के मुँह से ऐसे बातें सुन कर हैरान तो हो रही थी पर उसे बबलू की बातों से और मज़ा आ रहा था

शोभा बिना कुछ बोले अह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर रही थी बबलू ने शोभा की गान्ड को पकड़ कर और ताक़त से अपना लंड शोभा की चूत में पेलने लगा

बबलू:बोल्ल्ल्ल्ल्ल्ल साली रांद्द्द्दद्ड कैसा लग रहा हाईईइ बोल

शोभा से अब बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था बबलू का लंड सीधा शोभा की बच्चेदानी पे जाकर ठोकर मार रहा था

शोभा:ओह भ्तुउउउउउउउ अच्छा लगा र्हाअ हाईईइ मेरीई चूत्त्त्त को फद्द्द्दद्ड दूओ मीरीईई जमाइईईईईई राजा अहह ओह और्र्र्र्ररर चोद्द्द्द्द्द्द्द और चोद अपनी सास को

रेणु आँखे फाड़ कर ये सब देख और सुन रही थी

बबलू:चल साली खड़ी क्या हाईईईईई चल अपनी गान्ड हिला में थक गया हूँ

और शोभा ने अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेलना शुरू कर दिया
शोभा:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेंन्नननननननणणन् झड़ने वाली हुन्न्ञननननननणणन् ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और शोभा झड गयी और लंबी साँसें लेने लगी बबलू ने शोभा की गान्ड को पकड़ कर तेज़ी से धक्के लगाने चालू कर दिए और उसकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया कुछ देर बाद बबलू ने शोभा की चूत से लंड निकाला और रेणु को इशारे से नीचे बैठने को कहा शोभा पहले से नीचे घुटनो के बल बैठी अपनी साँसें दुरस्त कर रही थी दोनो माँ बेटी पास में बैठ गयी बबलू ने रेणु के हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया जो अब ढीला पड़ चुका था

बबलू:एक बार इस मूँह में लो ना मेरी जानणन्न्

रेणु ने अपना मुँह खोल कर बबलू के लंड को अंदर ले लिया और चूसने लगी रेणु को अपनी माँ और बबलू के पानी का स्वाद का अजीब ही मज़ा आ रहा था कुछ देर बाद रेणु ने बबलू के लंड को बाहर निकाला और बबलू नीचे बैठ गया और रेणु के होंठो को चूसने लगा दोनो माँ बेटी ने आँखें बंद कर रखी थी बबलू ने रेणु के होंठो को छोड़ा और शोभा के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसना चालू कर दिया 1 मिनट तक शोभा के होंठो को चूसने के बाद बबलू ने अपने होंठो को हटाया और रेणु के कान में बोला
बबलू:एक बार मेरे सामने अपनी माँ के होंठो को चूसो

रेणु ने अपनी आँखें खोली और बबलू के तरफ देखा उसके फेस पर सावलिया निशान थी पर फिर रेणु में नज़ाने कहाँ से हिम्मत आ गयी उसने आगे बढ़ कर अपने हाथों से शोभा के फेस को पकड़ कर अपने होंठों को शोभा के होंठो पर रख दिया जैसे ही रेणु के होंठ शोभा के होंठो पर पड़े शोभा के दिल की धड़कने बढ़ गई शोभा ने अपनी आँखें खोल कर देखा रेणु उसके होंठो को चूस रही थी शोभा ने अपने होंठो को आपस में सटा रखा था शोभा ने अपनी आँखें बंद कर ली और कुछ देर बाद अपने होंठो को खोल दिया रेणु को भी बहुत अच्छा लग रहा था जैसे ही शोभा ने अपने होंठो को ढीला छोड़ा रेणु ने शोभा के ऊपर वाले होंठ को होंठों में लेकर चूसना चालू कर दिया और शोभा रेणु के नीचे वाले होंठ को चूसने लगी दोनो एक दूसरे के होंठों को चूस रही थी दोनो को किस करते हुए 2 मिनट हो चुके थी बबलू पास में बैठा देख कर मुसकरा रहा था

बबलू;अर्रे भाई बस भी करो तुम माँ बेटी तो मुझे भूल ही गयी

दोनो जैसे नींद से जागी हों एक दम से अलग हो गयी शोभा खड़ी हो कर जल्दी से बाहर चली गयी रेणु वहीं सर झुकाए नीचे बैठ हुई थी उसके गाल शरम के मारे लाल हो चुके थे

बबलू:क्यों कैसा लगा मेरे हजूर

रेणु: शरमाते हुए) सच बताऊं

बबलू:हां

रेणु:पहले कुछ अजीब सा लगा पर बाद में अच्छा लगाने लगा था

बबलू:चलो एक काम करतें है नाश्ता करने के बाद कहीं घूमने चलते हैं और दोपहर का खाना भी किसी रेस्टोरेंट में कर लेंगे

रेणु:ठीक है में तैयार हो कर आती हूँ आप माँ को भी बता देना

तीनो नाश्ता करने लगे और तैयार होकर घर से निकल पड़े

रेणु:हम जा कहाँ रहे हैं

बबलू: पहले तो चल कर किसी माल में शॉपिंग करतें है और बाद में मूवी देखने चले जाएँगे

रेणु;हां ये ठीक रहेगा और लास्ट मे लंच करके घर वापिस चलेंगे

कुछ ही देर में तीनो एक शॉपिंग माल में पहुँच गये शोभा बबलू और रेणु से कुछ आगे चल रही थी बबलू ने रेणु के कान में कुछ कहा रेणु के होंठो पर मुस्कान आ गयी रेणु एक लॅडीस अंडरगार्मेंट की शॉप के सामने आ कर खड़ी हो गयी रेणु ने शोभा को आवाज़ दी शोभा ने पीछे मूड कर देखा तो रेणु ने उसे इशारे से शॉप में आने के लिए कहा शोभा रेणु के पीछे शॉप में चली गयी बबलू ने शोभा से बोला आप शॉपिंग करो में ज़रा घूम कर आता हूँ शॉप के अंदर जैसे ही शोभा आई तो अपने चारो तरफ डिज़ाइनर ब्रा देख कर शोभा हैरान हो गयी शोभा ने जिंदगी में पहली बार इस तरह की ब्रा देखी थी दोनो काउंटर पर खड़ी हो गयी एक 18 19 साल की लड़की उनके पास आई और पूछा मेडम क्या चाहिए आपको
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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Re: दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार )

Post by jay »

रेणु:जी हमें कुछ ब्रा और पैंटी लेने है और हां शॉर्ट नाइटी भी

लड़की:श्योर मेडम आप मेरे साथ आइए

रेणु और शोभा उस लड़की के साथ शॉप के अंदर लास्ट काउंटर पर चली गयी

लड़की:मेडम साइज़ बताइए

रेणु;माँ अपना साइज़ बताओ

शोभा:में नही मुझे कुछ नही चाहिए तुम अपने लिए ले लो

रेणु:प्लीज़ माँ जल्दी अपना साइज़ बताओ

शोभा:38

रेणु ने लड़की के कान में कुछ में कहा और लड़की ने थोड़ी देर में कुछ ब्रा और पैंटी के सेट शोभा के सामने रख दिए

रेणु: माँ इनमे से कोई पसंद कर लो

शोभा ब्रा को उठा कर देखने लगी सभी ब्रा और पैंटी बहुत ही फॅन्सी थी पैंटी वीशेप की थी और ब्रा फ्रंट साइडेड ओपन थी

शोभा:पर ये तूऊ

रेणु:अरी माँ कोई भी पसंद कर लो

उधर बबलू शॉप के बाहर खड़ा होकर सब देख रहा था उसके चहरे पर मुस्कान थी कुछ देर बाद शोभा और रेणु दोनो बाहर आ गयी उन्होने ने शॉपिंग कर ली थी उसके बाद तीनो मूवी देखने चले गये मूवी देखने के बाद तीनो ने लंच किया और घर वापिस आ गये शाम के 3 बज चुके थे तीनो बहुत थके हुए थी बबलू रेणु को रात का सारा प्लान समझा चुका था शोभा और रेणु बबलू अपने अपने रूम में सो गये तीनो के तीनो घोड़े बेच कर सोए हुए थे शाम के 7 बजे चुके थे पर घर पर अभी सन्नाटा छाया हुआ था शोभा की नींद टूटी शोभा उठ कर बैठ गयी और अपनी आँखों को मलते हुए दीवार पर लगी घड़ी की और देखा शोभा एक दम चोंक गयी

शोभा:हे भगवान 7 बज गये टाइम का पता नही चला शोभा जल्दी से खड़ी हुई और बाथरूम में घुस गयी और मूँह हाथ धो कर बाहर आ गयी घर में अंधेरा फैला हुआ था शोभा ने सबसे पहले घर की लाइट्स ऑन की और उसके बाद जाकर रेणु के रूम के डोर को नॉक किया आवाज़ सुन का बबलू उठा और डोर खोला

शोभा:रात के 7 बज रहे हैं उठना नही है क्या

बबलू:शोभा को अपनी तरफ खींच कर बाहों में लेते हुए) आप ने कह दिया और हम उठ गये

शोभा: क्या कर रहो कहीं भी शुरू हो जाते हो

बबलू; जब पास में दो दो हसीन चुते हों तो कॉन सबर कर सकता हैं

शोभा:तुम बहुत बोलने लगे हो

बबलू ने शोना के होंठो को अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगा थोड़ी देर शोभा के होंठो को चूसने के बाद उसने अपने होंठो को हटा लिया शोभा शरमाने लगी बबलू ने उसे छोड़ दिया

शोभा:चलो रेणु को भी उठा दो में खाना की तैयारी करती हूँ

शोभा किचन में चली गयी बबलू ने रेणु को उठाया रेणु भी टाइम देख कर हैरान हो गयी

बबलू:रात के प्लान याद है ना

रेणु: मुस्कराते हुए) हां याद हैं पर आप ये सब सोच कैसे लेते हो

बबलू:बस ऐसे ही दिमाग़ में आ गया था

रेणु उठ कर बाथरूम में घुस गये बबलू हाल में आकर टीवी देखने लगा शोभा किचन में खाना तैयार कर रही थी कुछ देर बाद रेणु बबलू के सामने ऊपर छत पर चली गयी बबलू के होंठो पर मुस्कान आ गयी रात के करीब 10 बजे तीन डिन्निंग टेबल पर बैठे खाना खा रहे थे बबलू ने रेणु से इशारे से कुछ पूछा रेणु ने हां में सर हिला दिया तीनो ने खाना खाया और शोभा और रेणु बर्तन उठाने लगी बर्तन सॉफ करने के बाद शोभा अपने रूम में आकर बेड पर लेट गयी कुछ देर बाद बबलू शोभा के रूम में आया उसके हाथ में एक हॅंड बॅग था बबलू ने उसे शोभा को दिया

शोभा:क्या है ये

बबलू: खोल कर देख लो और हां इन्हें पहन कर ऊपर आ जाना आज हम ऊपर ही सोउंगी

और बबलू बाहर चला गया बबलू के जाने बाद शोभा बेड से उठ कर खड़ी हुई और हॅंड बॅग को खोल कर देखने लगी शोभा ने उसमे रखे समान को बेड पर पलट दिया शोभा की आँखें फटी की फटी रह गयी सामने एक पिंक कलर की नाइलॉन ब्रा और पैंटी थी और पिंक कलर का ही एक शॉर्ट गाउन था शोभा का दिल जोरों से धड़कने लगा शोभा ने पैंटी को हाथ में पकड़ कर उठा लिया और पैंटी को देखने लगी शोभा ने पैंटी की इलास्टिक में दोनो हाथों की उंगलियों को डाल कर खींचा और देखने लगी


पैंटी बहुत ही छोटी थी वी शेप पैंटी नीचे से बहुत ही पतली से पट्टी थी शोभा के गाल शरम के मारे लाल हो गये तभी उसका डोर खुला और बबलू अंदर आ गया शोभा हाथ में पैंटी पकड़े हुए थी

बबलू: क्या हुआ इतनी देर क्यों लगा रही हो

शोभा:बबलू में ऐसे कपड़े पहन कर ऊपर नही आ सकती

बबलू:तुम तो जानती हो हमारे घर के आस पास दूर-2 तक कोई 2 मंज़िला घर नही है और छत पर कैसे दिखेगा वैसे 5 फुट के बाउंड्री वाल भी हैं जल्दी कर ऊपर आ जा

शोभा ने ब्रा पैंटी और गाउन को उठाया और बाथरूम में घुस गयी शोभा ने अपनी नाइटी उतार दी शोभा ने नीचे कुछ नही पहना हुआ था शोभा ने सबसे पहले ब्रा पहनी जिसके हुक्स सामने की तरफ थे शोभा ब्रा के हुक्स को बंद करने लगी शोभा की चुचियाँ छोटी सी ब्रा में कस गये फिर उसने पैंटी उठाई और झुक कर उसे अपनी टाँगों में डाल कर ऊपर करने लगी पैंटी बहुत ही छोटी थी पर बहुत ही फ्लेक्षिबल थी शोभा ने अपनी जाँघो को थोड़ा सा फैला कर पैंटी को अपने चुतड़ों पर चढ़ा लिया वीशेप पैंटी में शोभा की चूत की फांके भी समा नही पा रही थी और ना ही शोभा इस तरह की पैंटी पहनने की आदि थी शोभा की चूत की एक फाँक पैंटी से बाहर झाँक रही थी शोभा ने अपने दोनो हाथों की उंगलियों को पैंटी की पट्टी में डाल कर उसे अपनी चूत की फांकों पर सेट किया और पीछे हाथ ले जाकर अपनी दोनो हाथों की उंगलियों से अपनी गान्ड की दरार में घुसी हुई पैंटी को ठीक किया शोभा ने पिंक कलर का गाउन उठाया और उसे पहनने लगी पर ये क्या ये तो सामने से बिल्कुल खुला था गाउन के सामने की तरफ कमर के पास दोनो तरफ एक पिंक कलर का बेल्ट नुमा कपड़ा लटक रहा था शोभा ने उसे पकड़ कर बाँधा और बाथरूम से बाहर आ गयी कुछ देर सोचने के बाद शोभा कमरे से बाहर आकर छत की तरफ बढ़ने लगी


जैसे ही शोभा छत पर पहुँची तो सामने का नज़ारा देख शोभा एक दम सन्न रह गयी छत पर कोई नही था छत के बीचो -बीच एक बड़ा सा बिस्तर लगा हुआ था जिसपर रेड महरूण कलर की बेड शीट बिछी हुई थी और उसपर गुलाब के फूलों की पंखुड़ियाँ सजी हुई थी शोभा काँपते दिल के साथ बिस्तर की तरफ बढ़ने लगी चारो तरफ गुलाब के फूल बिखरे हुए थी फूलों की खुसबू महॉल को और मादक बना रही थी शोभा बिस्तर पर आ कर बैठ गयी और अपने हाथ की हथेली को बिस्तर पर रखी गुलाब की पंखुड़ियों पर फेरने लगी शोभा की चूत ने अभी से पानी छोड़ना शुरू कर दिया था उसे समझ में आ चुका था कि आज उसकी और रेणु की जम कर चुदाई होने वाली है खुले आसमान के नीचे चुदाई का तो अलग ही मज़ा आएगा ये सोच कर शोभा गरम होने लगी थोड़ी ही देर में बबलू भी छत पर आ गया शोभा अपने ख्यालों में खोई हुए नीचे बिस्तर पर बैठी थी बबलू शोभा के पीछे आकर बैठ गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया शोभा एक दम से घबरा गयी और बबलू की बाहों में सिमट सी गयी


बबलू ने शोभा की नेक पर अपने होंठो को रख दिया और उसकी नेक को चूमने लगा

शोभा:अहह सीईईईई बबलू अगर तुम मेरी जिंदगी में ना होते तो मेरी जिंदगी में ये दिन रातें ये हसीन लम्हे ना होते

बबलू ने शोभा के फेस को पीछे की तरफ घुमा कर उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए शोभा ने अपने होंठो को ढीला छोड़ दिया बबलू उसके होंठो का रस चूसने में मगन हो गया बबलू बिना रुके शोभा के होंठो का रस चूसे जा रहा था कि अचानक रेणु भी ऊपर आ गयी शोभा ने अपने होंठो को बबलू के होंठो से अलग किया और सर झुका कर बैठ गयी

रेणु मुस्कुराते हुए दोनो के पास आकर बैठ गयी आसमान एक दम खिला हुआ था तारे आसमान में चमक रहे थे ठंडी -2 हवा चल रही थी और गुलाब के फूलो के महक महॉल को और दिल कश बना रही थी बबलू ने शोभा को दोनो कंधों से पकड़ कर उसे बिस्तर पर पीठ के बल लेटा दिया और खुद उसके बगल में करवट के बल लेट कर उसके ऊपर झुक कर उसके फेस को चूमने लगा शोभा ने अपनी आँखें बंद कर ली रेणु शोभा के दूसरी तरफ उसके पास आकर करवट के बल लेट चुकी थी बबलू और रेणु दोनो तरफ से शोभा से एक दम सटे हुए थे

बबलू रेणु को सर के पीछे से हाथ डाल कर उसके फेस को भी शोभा के फेस के पास ले आया और रेणु के होंठो को चूसने लगा बबलू कभी शोभा तो कभी रेणु के होंठो को चूस्ता दोनो माँ बेटी की साँसें तेज़ी से चल रही थी दोनो के दिलों की धड़कने बढ़ गयी थी बबलू ने शोभा की एक बाजू को पकड़ अपने सर के नीचे रख लिया शोभा का हाथ बबलू के सर से नीचे होते हुए उसके कंधों के पास पीठ पर आ चुका था रेणु ने शोभा के दूसरे हाथ को पकड़ कर बबलू ने जिसे अपने सर के नीचे ले जाकर अपनी पीठ पर रख लिया अब शोभा अपनी दोनो बाहों में रेणु और बबलू को कसे हुए थी बबलू ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर शोभा के गाउन की बेल्ट नुमा रिब्बन की गाँठ को खींच दिया और शोभा का गाउन दोनो तरफ़ से हट गया शोभा के सामने का हिस्सा खुल गया उसके बदन पर पिंक कलर की ब्रा और पैंटी थी

शोभा की साँसें तेज़ी से चलने लगी बबलू ने अपने हाथ से शोभा की ब्रा के फ्रंट साइडेड हुक्स खोल दिए जैसे ही ब्रा के हुक्स खुले कसी हुई ब्रा के कप्स साइड मंर खिसक गये शोभा की 38 साइज़ की चुचियाँ बाहर आ गयी शोभा की चुचियों के काले मोटे निपल्स एक दम तने हुए थी बबलू ने झुक कर शोभा की एक चुचि को मूँह में लेकर चूसना चालू कर दिया और रेणु को आँख मार कर इशारा किया रेणु भी तुरंत शोभा के ऊपर झुक गयी और उसकी दूसरी चुचि को मूँह में लेकर चूसने लगी अपनी दोनो चुचियों को रेणु और बबलू के मूँह में महसूस कर शोभा सिसकियाँ भरने लगी दोनो चुचियों को एक साथ चुसवाने में शोभा को बहुत मज़ा आ रहा था शोभा एक दम मस्त हो चुकी थी

शोभा:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

शोभा रेणु और बबलू के होंठो को अपने चुचियों पर एक साथ महसूस करके कसमसाने लगी शोभा की चूत में आग लग चुकी थी बबलू शोभा की चुचि को छोड़ कर नीचे का तरफ बढ़ने लगा शोभा अपनी नाभि पर बबलू के होंठो को महसूस करके ऐंठने लगी बबलू चूमता हुआ नीचे आ गया और शोभा की वीशेप पैंटी के ऊपर से जो मुस्किल से उसकी चूत की फांकों को ढक पा रही थी अपनी जीभ निकाल कर चाटने लगा

शोभा;अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई बब्लुउउुुुुुुुुुउउ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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jay
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Re: दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार )

Post by jay »

शोभा एक दम मस्त हो चुकी थी उसकी पैंटी उसकी चूत के पानी से पहले से ही गीली हो चुकी थी शोभा से बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था रेणु शोभा की चुचियों चूस्ते हुए बबलू को देख रही थी रेणु ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर शोभा की पैंटी को नीचे से पकड़ कर एक साइड में कर दिया पैंटी की पट्टी शोभा की चूत से हट कर साइड में हो गयी बबलू ने दोनो हाथों से शोभा की चूत को फैला कर अपने होंठो को शोभा की चूत पर लगा दिया और शोभा की चूत को चाटने लगा

शोभा:अहह माररर्ररर गेइईईईई ओह नहियीईईईईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

बबलू अपनी जीब निकाल शोभा की चूत के छेद को अपनी जीभ से चोदने की कोशिश कर रहा था शोभा मस्ती में आकर अपनी कमर हिलाने लगी शोभा की चूत की आग बढ़ती जा रही थी बबलू ने शोभा की पैंटी को दोनो साइड से पकड़ कर खींचना चालू कर दिया शोभा ने मस्ती में आकर अपनी गान्ड ऊपर उठा ली ताकि बबलू उसकी छोटी सी वीशेप पैंटी को आसानी से निकाल सके बबलू ने शोभा की पैंटी को निकाल कर एक तरफ रख दिया और खुद घुटनो के बल बैठ कर अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार दिया बबलू का 8 इंच का लंड हवा में झटके खाने लगा

शोभा ने अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर फैला लिया शोभा की चूत का छेद फुदक रहा था बबलू का लंड लेने के लिए मचल रहा था बबलू शोभा की जाँघो के बीचे में आ गयी और अपने लंड के सुपाडे को शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया रेणु अभी भी शोभा की चुचियों को चूस रही थी बबलू ने अपने लंड को हाथ में पकड़ कर एक धक्का मारा लंड आधा चूत में घुस गया शोभा के होंठो पर ऐसी मुस्कान आ गयी जैसे किसी ने जलती भट्टी में पानी डाल कर उसे ठंडा कर दिया हो बबलू ने अपना हाथ लंड से हटा कर एक और ज़बरदस्त धक्का मारा लंड पूरा का पूरा चूत में घुस गया और लंड का सुपाडा सीधा बच्चेदानी से जा टकराया .

बबलू शोभा के ऊपर झुक गया और शोभा की एक चुचि को चूसना चालू कर दिया शोभा एक दम गरम हो चुकी थी बबलू अपना लंड डाले उसके ऊपर लेटा हुआ था शोभा से रुका नही गया और शोभा ने अपनी चूत को ऊपर की तरफ उछालना शुरू कर दिया लंड अंदर बाहर होने लगा अपनी माँ को इतना उत्तेजित देख रेणु भी गरम होने लगी थी शोभा अपनी गान्ड उछाल-2 कर बबलू का लंड चूत में लेकर चुदवाने लगी

शोभा;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर्नूऊऊऊऊ नाआआआआअ अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहुत मज़ा आआआआआ रा हाईईईईईईईईईईईईईईईईई ज़ोर सीईईई फाड़ दो मेरईईईईईई चूतत्त्त्त्त्त्त्त्त

बबलू ने भी जोश में आकर अपनी कमर को हिलाना चालू कर दिया शोभा की चूत पानी से भीगी हुई थी बबलू का लंड भी शोभा की चूत के काम रस से भीग गया और लंड फतच-2 की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर होने लगा खुले आसमान में फतच-2 की आवाज़ा फैलने लगी शोभा की सिसकियाँ बदस्तूर जारी थी

शोभा;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हन्ंननननननननननननननणणन् मेरईईईई जमाई राजा अहह ओह और चोदो मेरी भोसड़ी की प्यास बुझा डूऊऊऊ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू धना-धन शोभा की चूत को चोदे जा रहा था शोभा झड़ने के बहुत करीब थी शोभा की गान्ड अब बिस्तर से 3 इंच ऊपर उछलने लगी थी शोभा अपनी जाँघो को पूरा फैला कर अपनी छूत को बबलू के लंड पे पटक रही थी

शोभा:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेईईईईईईईईन्न्ननननननणणन् गइईईईईईई
औईईईईईईईईईए शोभा नीचे लूड़क कर भारी साँसें लेने लगी बबलू का मन अभी नही भरा था बबलू ने शोभा की चूत से लंड निकाला शोभा के सर की तरफ आ गया और रेणु के सर को पकड़ कर अपने लंड पर झुका दिया रेणु ने बबलू के लंड को हाथ में पकड़ कर अपने मूँह में ले लिया शोभा भारी साँसें लेते हुए ये सब देख रही थी बबलू का लंड ठीक उसकी आँखों के ऊपर था और उसकी लाडली बेटी बबलू का लंड मूँह में लेकर चूस रही थी रेणु का सर तेज़ी से आगे पीछे हो रहा था लंड रेणु के मूँह के अंदर बाहर हो रहा था रेणु ने बबलू के लंड को बाहर निकाला और अपनी जीभ निकाल कर बबलू के लंड के सुपाडे के चारो तरफ घुमा -2 कर चाटने लगी फिर रेणु ने अपने होंठो को बबलू के लंड के सिरे से जड तक रगड़ कर सॉफ किया और बबलू की गोलियों को मूँह में लेकर चूसना चालू कर दिया


ये सब देख शोभा हैरान हो गयी उसे यकीन नही हो रहा था कि उसकी अपनी बेटी उसके सामने बबलू का लंड मूँह में लेकर चूस रही थी और उसकी अपनी खुद की चूत के पानी को चाट चाट कर सॉफ कर रही है बबलू ने रेणु के सर को पकड़ कर पीछे कर दिया रेणु ने एक झटके में अपनी नाइटी को उतार फेंका रेणु के बदन पर अब ब्लू कलर की पैंटी और ब्रा थी रेणु ने अपने हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा के हुक्स खोल कर उसे निकाल दिया फिर बड़ी नज़ाकत के साथ अपनी दोनो टाँगों को पास करके अपनी गान्ड को थोड़ा सा उठा के अपनी पैंटी को दोनो हाथों से पकड़ कर नीचे करने लगी थोड़ी ही देर में रेणु एक दम नंगी बिना कपड़ों के शोभा और बबलू के सामने थी रेणु शोभा के ऊपर आ गयी और अपने पैरो को शोभा की कमर के दोनो तरफ करके उसके ऊपर डॉगी स्टाइल में आ गयी रेणु ने अपनी चुचि को अपने हाथ में पकड़ कर दबाया चुचि का निपल बाहर की तरफ निकल आया रेणु अपनी चुचि के निपल को शोभा के होंठो के पास ले आई शोभा आँखे फाडे सब देख रही थी

बबलू;देख क्या रही हो सासू जी अब रेणु को भी मज़ा दो ना

शोभा ने हिम्मत जुटा के रेणु की चुचि को मूँह में ले लिया और निपल को चूसने लगी

रेणु:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू रेणु के पीछे आ गया और झुक कर रेणु की चूत की फांकों को फैला कर अपने होंठो को रेणु की चूत के छेद पर लगा दिया रेणु की कमर भी झटके खाने लगी रेणु शोभा के गालों को चूमने लगी अब शोभा भी इन सब बातों के लिए नॉर्मल हो रही थी शोभा ने रेणु की दूसरी चुचि को हाथ में लेकर मसलना चालू कर दिया रेणु की तनी हुई मुलायम चुचियों का अहसास बहुत अच्छा लग रहा था रेणु भी मस्त हो चुकी थी और अपनी कमर हिला हिला कर अपनी चूत को बबलू के होंठो पर रगड़ रही थी

रेणु;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जानीउऊुुुुुउउ अहह हाआाआआन्णन्न् आईसीईईईईईईई हीईईईई और जोर्र्र्रर से चूसोन्ंननननणणन् अहह बहुत मज़ा आआआआ र्हहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हन्ंनननननननणणन् अपणीईीईईईईई जीईभह मेरीईई चूत्त्त्त्त्त्त्त्त्त मेंन्ननणणन् घुसाा दूऊव ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू पागलों की तरह रेणु की चूत को चूस-2 कर लाल कर चुका था बबलू सीधा हो कर घुटनों के बल बैठ गया और अपने लंड के सुपाडे को रेणु की चूत की फांकों पर रगड़ने लगा

रेणु:क्य्ाआअ कर र्हाईईई हूओ जल्दीीईई घुस्साआ नाआआ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह माँ मेरईईईई चूत्त्त्त क्ीईए को फैला नाआअ अहह मेरे चूत्त्त्त्त्त लंड्ड लेने के लिए तरस रही हाईईईईईई

शोभा को यकीन नही हो रहा था कि उसकी अपनी बेटी उसे कह रही कि उसकी माँ उसकी चूत को फैला कर खुद लंड डलवाए

रेणु:क्या सोच रहियिइ हो माआआअ जल्दीीई करूऊऊओ ना

शोभा ने अपने काँपते हाथों को नीचे लेजा कर रेणु की चूत की फांकों को हाथों से फैला दिया रेणु की गुलाबी चूत का छेद बबलू के आँखों सामने आ गया जो चाँद की रोशनी में और भी हसीन लग रहा था बबलू ने अपने लंड के सुपाडे को रेणु की चूत के छेद पर टिका कर रेणु की कमर को पकड़ कर ज़ोर दर धक्का मारा . धक्का इतना तेज था कि रेणु चीख पड़ी और रेणु धक्का लगाने के कारण आगे की तरफ हो गयी रेणु के निपल पच पच की आवाज़ से शोभा के मूँह से बाहर आ गये

रेणु:हाययइईईई इतनीईीईईईईईई बहरहमी क्योंन्ननणणन् देखाा रहिी हूऊओ चूत को छील कर रख दिया जालिम अह्ह्ह्ह्ह्ह
बबलू ने अपना लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करना चालू कर दिया कुछ ही देर में बबलू का लंड रेणु की चूत में पूरा अंदर बाहर होने लगा और सीधा जाकर रेणु की बच्चेदानी से टकराने लगी

रेणु:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरीईई ज़ाआआआं हाआअँ और्र्र्र्र्र्ररर जोर्र्र्र्र्र्र्ररर सीईए चोदूऊ अहह बहुत मजाआ आआआअ रहा हाीइ बबलू रेणु की कमर को दोनो हाथों से थामे धना धन धक्के मार रहा था रेणु ने अपनी चुचि को पकड़ कर फिर से शोभा के होंठो पर अपने निपल को रगड़ना चालू कर दिया और शोभा ने भी अपने होंठो को खोल कर अपनी बेटी के निपल को मूँह में लेकर चूसना चालू कर दिया

रेणु;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह बहुत्त्त्त्त्त्त्त्त मज़ा आ रहा हहियीई और्र्र्र्ररर जोर्र्र्र्र्र्र्र्ररर से चोदूऊऊऊ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
रेणु ने शोभा का हाथ पकड़ कर अपनी दूसरी चुचि पर रख दिया और अपने हाथ से शोभा का हाथ अपनी चुचि पर दबाने लगी शोभा को भी इस खेल में अब मज़ा आने लगा था शोभा भी धीरे-2 रेणु की चुचि को मसल रही थी और दूसरी चुचि को चूस रही थी रेणु एक दम गरम हो चुकी थी उसके गाल उतेजना के मारे लाल हो चुके थी आँखें वासना के कारण बंद हो गयी मस्ती इस कदर चढ़ चुकी थी कि वो अपने होंठो को दाँतों में भींच कर काटने लगी और अपनी गान्ड को पीछे की तरफ फेंक-2 कर बबलू का लंड चूत में लेकर चुदवा रही थी

रेणु;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जाआअनीउऊुउउ ओह बहुत मज़ा आआआआआआ रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईई मेरिइईई चूत्त्त्त्त्त्त्त्त की सारी खुजली मिटा दूऊऊऊओ अपने काम रस्सस्स से मेरी चूत और्र्ररर बच्चेदानी को भर दूऊऊऊ अहह मुझीईए माँ और्र्ररर माआ कूऊऊऊ नानी बनन्नाआ दूऊव

शोभा रेणु की बातें सुन कर गरम होने लगी थी और रेणु भी झड़ने के बिल्कुल करीब आ चुकी थी बबलू ने अपनी कमर को और तेज़ी से हिलाना चालू कर दिया रेणु अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करके झड़ने लगी और गहरी साँसें लेते हुए शोभा के ऊपर लूड़क गयी बबलू भी झड़ने के करीब आ चुका था बबलू ने अपना लंड बाहर निकाला और हाथ 3 4 बार हिलाया और बबलू के लंड से वीर्य की धार निकल कर रेणु की चूत के ऊपर पड़ने लगी 1 के बाद 1 बबलू के लंड ने चार बार पिचकारी मार कर अपना लावा रेणु की चूत के ऊपर उगल दिया तीनो तेज़ी से साँसें ले रहे थे रेणु की चूत से बबलू का वीर्य बह कर शोभा की चूत पर गिरने लगा दोनो माँ बेटी की चूत बबलू के वीर्य से सन गयी थी

बबलू शोभा के बगल में आकर लेट गया और रेणु बबलू के दूसरी तरफ लेट गयी बबलू दो दो चुतो के बीच लेटा हुआ था 2 घंटे चली लंबी इस वासना के खेल में तीनो थक चुकी थी खुले आसमान में ठंडी हवा के झोंके उन्हे सुस्त करने लगे और तीनो को नींद आने लगी तीनो नींद के आगोश में समा गये रात का 1 बज रहा था शोभा अभी उसी हालत में सोई हुई थी कि अचानक उसकी किसी आवाज़ से नींद टूटी उसने सबसे पहले अपने आप को देखा और अपने को देख वो शरमा गयी उसने बिस्तर की दूसरी तरफ नज़र डाली पर वहाँ कोई नही था अचानक उसका ध्यान छत के चारो तरफ बनी बौंडरी वॉल के एक तरफ गया शोभा एक दम सन्न रह गयी रेणु बाउंड्री वॉल पर अपने दोनो हाथों के रख कर झुक कर खड़ी थी उसके जिस्म पर कुछ भी नही था उसके पीछे बबलू खड़ा उसकी गान्ड को थामें धना-धन रेणु को चोद रहा था रेणु के बाल बिखरे हुए थे रेणु की सिसकारियाँ शोभा सॉफ सुन सकती थी और रेणु भी अपनी गान्ड को पीछे धकेल -2 कर बबलू का लंड अपनी चूत में लेकर चुदवा रही थी बबलू पागलों की तरह पूरी रफतार में रेणु को कमर हिला कर चोद रहा था कुछ ही देर में दोनो शांत पड़ गये बबलू ने जैसे ही अपना लंड बाहर निकाला रेणु लड़खड़ा कर नीचे बैठ गयी और हाँफने लगी शोभा बिना कुछ बोले और बिना हिले वैसे ही पड़ी रही बबलू अपनी जगह पर आकर लेट गया और कुछ देर बाद रेणु भी अपनी गान्ड हिलाते हुए बबलू के पास आकर लेट गयी शोभा को अंदाज़ा हो गया था कि बबलू ने रेणु की ज़बरदस्त तरीके से चुदाई की है उसके बाद तीनो सो गये
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