दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete

Post Reply
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार )

Post by jay »

बबलू मुस्कराता हुआ बाहर निकल गया शोभा के दिल ने ज़ोर-2 से धड़कना शुरू कर दिया उसे समझ नही आ रहा था कि वो अब क्या करे वो कैसे रेणु का सामना कर पाएगी

बबलू वापिस अपने रूम में आ चुका था और वो बेड के पास आ गया और बेड पर बैठ गया रेणु अब भी सो रही थी बबलू ने अपना एक हाथ रेणु के चुचि पर रख दिया और उसे धीरे-2 मसलने लगा रेणु के नींद टूट गयी बबलू को अपने ऊपर झुकी हुए देख रेणु मुस्कराने लगी

रेणु:क्या बार है नींद नही आ रही

बबलू ने झुक कर रेणु के होंठो को अपने होंठो में ले लिया बदले में रेणु ने भी अपने होंठो को खोल लिया और अपनी बाहों को बबलू की पीठ पर कस लिया बबलू ने अपने होंठ हटाए और अपना एक हाथ को रेणु की टाँगों से नीचे ले जाकर रेणु को अपनी गोद में उठा कर खड़ा हो गया

रेणु:मुस्कुराते हुए) इस वक़्त उठा कर कहाँ ले जा रहे हो

बबलू: अपनी सास के कमरे में

रेणु;क्या नीचे उतारो मुझे प्लीज़ छोड़ो

बबलू: पर तुम ने ही तो कहा था और ये मेरा सर्प्राइज़ है तुम्हारे लिए

रेणु:प्लीज़ में इस हालत में माँ के सामने नही जा सकती मुझे नीचे उतारो

बबलू रेणु के बात को अनसुना करते हुए रेणु को उठाए हुए कमरे से बाहर आ गया और शोभा के रूम के तरफ बढ़ने लगा

रेणु;प्लीज़ जानुउऊ मान जाओ नाआ में तो मररर्ररर हीईई जाउन्गी

कुछ ही पलों में बबलू रेणु को उठाए हुए शोभा के रूम के बाहर खड़ा था अंदर शोभा की हालत भी रेणु जैसे ही थी वो बेड पर बिना किसी कपड़ों के लेटी हुई थी बाहर आहट सुन कर शोभा के दिल ने धड़कना बंद कर दिया और शोभा की साँसें थाम गये शोभा जल्दी से बेड पर करवट के बल लेट गयी और अपना फेस नीचे की ओर करके बेड शीट से सटा लिया डोर खुलने की आवाज़ से शोभा का दिल मानो जैसे थम गया हो रेणु ने अपने चहरे को बबलू की चेस्ट में छुपा लिया था बबलू रेणु को उठाए हुए अंदर आ गया और रेणु को बेड पर शोभा के बगल में लेटा दिया रेणु अपनी आँखें बंद की हुई थी बबलू बेड पर चढ़ कर रेणु के ऊपर लेट गया और उसके होंठो को चूसने लगा रेणु अपने हाथों से अपनी चुचियों को छुपाई हुई थी शोभा की पीठ उन दोनो की तरफ थी बबलू ने एक हाथ आगे बढ़ा कर शोभा की गान्ड पर रख दिया शोभा का पूरा बदन हिल गया

बबलू धीरे -2 अपनी उंगलियों को शोभा की गान्ड के दरार में रगड़ने लगा शोभा ने अपनी गान्ड को सिकोड लिया पर बबलू अपनी एक उंगली से शोभा की गान्ड के छेद को कुरेदने लगा रेणु के हाथों को उसकी चुचियों से हटा कर उसकी एक चुचि को मूँह में लेकर चूसने लगा रेणु ने अपने आप पर काबू रखने की पूरी कोशिश की पर उसके मूँह से अहह निकल ही गयी

उधर अपनी बेटी की मस्ती भरी आवाज़ सुन कर शोभा की चूत भी खुजलाने लगी बबलू ज़ोर से रेणु के एक निपल को चूस रहा था और हाथ से शोभा की गान्ड के छेद को रगड़ रहा था रेणु ने हिम्मत जुटा कर अपनी आँखें खोली और शोभा की तरफ देखा शोभा की नंगी पीठ और गान्ड देख रेणु पूरी तरह से हिल गयी रेणु ने देखा बबलू अपने हाथ से उसकी माँ की गान्ड की दरार में सहला रहा है रेणु ये सब एक टक देखे जा रही थी बबलू उठ कर घुटनों को बल बैठ गया और रेणु को भी खींच कर बैठा दिया फिर बबलू ने शोभा को कमर में हाथ डाल कर सीधा करने लगा पर शोभा अपनी पूरी ताक़त से सीधा होने से बचने की कोशिश कर रही थी पर आख़िर कार बबलू ने उसे सीधा कर ही दिया शोभा ने अपने हाथों से अपनी चुचियों को ढक लिया रेणु आँखें फाडे अपनी माँ के भरे पूरे बदन को देख रही थी उसकी बड़ी-2 चुचियों से रेणु की आँखें हट नही रही थी जबकि शोभा ने अपनी आँखें बंद कर रखी थी बबलू शोभा की जाँघो को फैला कर बीच में बैठ गया और रेणु को अपनी तरफ खींचते हुए बोला

बबलू;आज में तुम्हें वो छेद दिखाता हूँ यहाँ से तुम इस जहाँ में आई थी बबलू ने शोभा की जाँघो को घुटनों से मोड़ कर ऊपर की ओर उठा दिया जिससे शोभा की चूत रेणु और बबलू की आँखों के सामने आ गयी

शोभा:नहियीईईईईई बबलू
और शोभा ने अपने हाथो एक हाथ को अपनी चुचियों से हटा कर अपनी चूत के ऊपर रख लिया बबलू ने शोभा के हाथ को पकड़ कर झटक दिया

बबलू:आररीए सासू जी अगर आप ही ऐसे शरमाएँगी तो कैसे चलेगा आज नही तो कल ये होना ही है

बबलू रेणु के हाथ को पकड़ शोभा की चूत की तरफ बढ़ाने लगा
रेणु: घुटि हुई आवाज़ में)नही बब्लुउउुउउ
पर बबलू कहाँ मानने वाला था बबलू ने रेणु के हाथ को शोभा की चूत के छेद पर रख दिया शोभा ने अपनी आँखें बंद कर ली बबलू अपने हाथ से रेणु के हाथ को पकड़ कर शोभा की चूत को मसलने लगा शोभा अपनी आवाज़ और सिसकारियों को दबाने के पूरी कोशिश कर रही थी रेणु बबलू के बिल्कुल बगल में बैठी हुई थी

बबलू:अगर तुम दोनो मुझे प्यार करती हो तो जो में कहता हूँ बस मानती जाओ रेणु अपने दोनो हाथ से शोभा की चूत की फांकों को फैला दो मेरा लंड शोभा की चूत में जाने के लिए मचल रहा है

रेणु बबलू की ओर हैरानी से देखने लगी बबलू शोभा को उसके नाम से ऐसे बुला रहा था जैसे वो उसकी ही पत्नी हो रेणु वैसे ही बिना हिले घुटनो के बल बैठी रही बबलू ने अपना एक हाथ रेणु के पीछे ले जाकर रेणु के नरम चुतड़ों पर रख दिया और धीरे-2 सहलाने लगा रेणु की गान्ड उसकी पिंडलयों से सटी हुई थी बबलू ने गान्ड के नीचे हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया रेणु ने अपने चुतड़ों को थोड़ा सा ऊपर उठा लिया जिसका फ़ायदा उठाते बबलू ने अपने हाथ को आगे लेजा कर रेणु की चूत में अपनी एक उंगली को घुस दिया और अंदर बाहर करने लगा रेणु भी गरम होने लगी रेणु ने आगे झुक कर अपने हाथों से शोभा की चूत की फांकों को फैला दिया रेणु अपनी साँसें थामे शोभा की चूत को देख रही थी जो उसे अपनी चूत से बिल्कुल अलग नज़र आ रही थी


शोभा की चूत की फाँकें ज़्यादा बड़ी और लटकी हुई थी उसकी चूत का छेद रेणु की चूत के छेद से काफ़ी खुला हुआ था बबलू ने अपने लंड के सुपाडे पर थूक लगा कर अपने लंड के सुपाडे को शोभा की चूत के छेद के पास टिका दिया शोभा ने अपने दोनो हाथों से अपनी चुचियों को ढक रखा था बबलू ने अपनी कमर को पूरी ताक़त से आगे की तरफ धक्केल दिया लंड चूत की फांकों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया शोभा के मूँह से घुटि हुई अह्ह्ह्ह्ह्ह निकल गइई बबलू ने आगे झुक कर शोभा के हाथों को उसकी चुचियों से हटा दिया और शोभा की जाँघो को पकड़ कर धना धन शॉट लगाने लगा और अपने एक हाथ से रेणु की चूत में उंगली को अंदर बाहर करने लगा बबलू ने एक ज़ोर का झटका मारा लंड ठप की आवाज़ के साथ शोभा की चूत में जड तक घुस गया रेणु अपने आँखें फाडे देख रही थी बबलू ने एका एक रेणु को आगे करके शोभा के ऊपर झुका दिया और रेणु की एक टाँग उठा कर शोभा के ऊपर से दूसरी तरफ रख दी अब रेणु शोभा के ऊपर डॉगी स्टाइल में आ गयी थी नीचे शोभा लेटी हुई थी रेणु उसके ऊपर दोनो तरफ पैर करके घुटनों के बल झुकी हुई थी

रेणु:नहियीईईईईईईई ईईई क्या कार्ररर रही हो

बबलू ने बिना कुछ बोले शोभा की चूत से लंड निकाल लिया और थोड़ा सा ऊपर होकर रेणु की चूत पर अपने लंड के सुपाडे रगड़ने लगा शोभा अपनी आँखे बंद किए हुए थी उसे ये तो पता था कि रेणु अब उसके ऊपर है पर उसे पता नही था कि बबलू क्या कर रहा है रेणु अपनी चूत पर बबलू के लंड रगड़ने से गरम होने लगी थी

रेणु;अहह बब्लुउउुुुुुुुउउ क्या कर रहीईई हूऊऊ ओह मररर्र्ररर गीईईईई

बबलू ने एक ही झटके में रेणु की चूत में अपना पूरा का पूरा लंड पेल दिया था और रेणु की कमर पकड़ कर अपने लंड को अंदर बाहर करके चोदे जा रहा था शोभा ने अपनी आँखों को थोड़ा सा खोला और देखा रेणु उसपर झुकी हुई थी उसकी 36 साइज़ की चुचियाँ आगे पीछे उसके चहरे के ऊपर 1 इंच के दूरी पर हिल रही थी नीचे बबलू की जांघे रेणु के चुतड़ों पर चोट कर रही थी शोभा अपनी बेटी को ऐसी हालत में देख कर गरम होने लगी थी उसने अपनी जिंदगी में कल्पना भी नही की थी वो ऐसे भी अपनी बेटी को इतने करीब से चुदते हुए देखे गी बबलू ने अपने दोनो हाथों को रेणु के कंधों पर रख कर रेणु को शोभा के ऊपर झुकाने लगा रेणु अपनी चूत को अपनी जांघे खोल कर चुदवा रही थी रेणु की चुचियाँ शोभा की चुचियों पर रगड़ खाने लगी रेणु के तने हुए निपल्स शोभा के निपल्स से बार-2 रगड़ खा रहे थे कुछ ही पलों में रेणु की चुचियाँ शोभा की बड़ी-2 चुचियों में धँस गयी रेणु भी गरम हो चुकी थी

बबलू: देखो शोभा तुम्हारी बेटी कैसे तुम्हारी चुचियों से चिपकी हुई है इसे अपनी बाहों में भर कर प्यार करो

शोभा बिना कुछ बोले अपने आँखें बंद किए लेटी रही बबलू अपनी पूरी ताक़त से रेणु की चूत में लंड पेल कर चोदने लगा

रेणु अहह ओह सीईईईईईईईईईईई करने लगी बबलू ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर शोभा की चूत के भगनासे (क्लिट ) को अपनी उंगलियों से मसलना चालू कर दिया शोभा के बदन में मानो जैसे करेंट दौड़ गया हो

शोभा:ओाहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नहियीईईईईईई मात्त्ततत्त कारूव

बबलू:चुप साली अब क्यों नखरे कर रही है चल अब अपनी बेटी को अपनी बाहों में लेकर उसकी चुचियों को चूसना चालू कर अब शोभा भी पूरी गरम हो चुकी थी ना चाहते हुए भी उसने रेणु को अपनी बाहों में भर लिए बबलू ने रेणु की चूत से लंड निकाला रेणु की चूत के पानी की कुछ बूंदे शोभा की चूत के ऊपर गिरने लगी बबलू ने अब नीचे होकर अपने लंड को शोभा की चूत पर टिका दिया और उसकी टाँगों को घुटनो से पकड़ कर अपनी कमर को आगे की तरफ धक्का दिया लंड शोभा की चूत के अंदर चला गया

शोभा;हइईईई मररर्र्ररर गइईईईई धीरीईई

बबलू धना धन शॉट लगा कर शोभा की चूत को चोदने लगा शोभा मस्ती से भर चुकी थी बबलू ने एक हाथ की एक उंगली को रेणु की चूत में घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगा रेणु भी अपनी माँ के साथ चिपकी हुई थी दोनो की साँसें एक दम तेज से चल रही थी बबलू ने रेणु के कंधों को पकड़ कर सीधा किया और उसके कान में बोला

बबलू: अपनी माँ के चुचियों को चूसो

और रेणु फिर से बेजान बुत की तरह शोभा पर झुक गयी और शोभा की चुचि को मूँह में ले लिया शोभा की चूत का ज्वाला मुखी अब फटने को तैयार था शोभा अपनी कमर उचका उचका कर अपनी चूत को बबलू के लंड पर मारने लगी थप-2 की आवाज़ पूरे रूम में गूंजने लगी और शोभा का बदन झटके खाने लगा और उसकी चूत ना पानी छोड़ दिया शोभा का बदन ढीला पड़ गया बबलू ने शोभा की चूत से लंड निकाल कर रेणु की चूत के छेद पर टिका दिया और रेणु की गान्ड को पकड़ कर पीछे की ओर खींचने लगा लंड चूत के दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुस गया बबलू रेणु की गान्ड को पकड़ कर आगे पीछे करने लगा और कुछ देर बाद उसने रेणु की गान्ड से अपने हाथ को हटा लिया रेणु ने आगे से झुक पीछे अपनी गान्ड को ऊपर उठा लिया जिससे उसकी चूत ऊपर की तरफ हो गयी और वो अपनी गान्ड पीछे धक्केल धक्केल कर बबलू का लंड अपनी चूत में अंदर बाहर लेकर चुदवाने लगी बबलू ने उसके चुतड़ों पर एक थप्पड़ जड दिया
रेणु:अहह दर्द्द्दद्ड होता हाईईईई
बबलू;और तेज कर मेरी रनीईईईइ रेणु ने भी पुर जोश में आकर अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेलना चालू कर दिया लंड तेज़ी से चूत के अंदर बाहर होने लगा

रेणु;अहह ओह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मेईईईईन्न्नननननननणणन् ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और रेणु की चूत ने भी पानी उगलना चालू कर दिया और वो शोभा की चुचियों पर गिर पड़ी बबलू ने रेणु की कमर को अपने हाथों से पकड़ लिया और ताबडतोड़ धक्के लगाने चालू कर दिए बबलू जैसे ही झड़ने के करीब आया बबलू ने रेणु की चूत से लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से दो तीन बार हिलाया बबलू के लंड से वीर्य की धार निकलने लगी और सीधा रेणु की चूत के ऊपर जाकर गिरने लगी एक के बाद एक बबलू के लंड से चार बार रुक रुक कर पिचकरी छूटी और रेणु की चूत को भीगो दिया रेणु की चूत से वीर्य बह कर शोभा की चूत पर गिरने लगा दोनो की चूत बबलू के काम रस से भीग चुकी थी दोनो को अपनी चूत पर बबलू के गरम वीर्य का अहस्सास हो रहा था जो रेणु और शोभा को बहुत अच्छा लग रहा था बबलू बेड से उतर कर खड़ा हो गया

बबलू:में सोने जा रहा हूँ रूम में आ जाना

और बबलू बाहर आकर रेणु के रूम जो अब दोनो का था में आ गया और बेड पर लेट गया रेणु बेड से उठ कर खड़ी हुई और शोभा की तरफ देखने लगी शोभा बेड पर लेटी गहरी साँसें ले रही थी उसकी आँखें अभी भी बंद थी शोभा की जांघे फैली हुई थी उसकी चूत की फाँकें अभी भी खुल हुई थी जिसपर बबलू का वीर्य भरा हुआ था रेणु ने अपनी जाँघो को फैला कर अपना एक हाथ नीचे लेजा कर अपनी चूत पे लगा कर देखा उसकी चूत पर भी बबलू का काम रस लगा हुआ था रेणु ने पास पड़े एक कपड़े से अपनी जाँघो को फैला कर अपनी चूत और जाँघो को साफ किया और रूम से बाहर आ गयी रेणु आज पहली बार इसतरह अपने घर में बिना कपड़ों के घूम रही थी ना चाहते हुए भी उसे ये अब बहुत अच्छा लग रहा था रेणु अपने रूम में आ गयी और उसने डोर लॉक कर दिया और बेड पर आकर लेट गये बबलू ने उसे अपनी तरफ खींच कर बाहों में भर लिया

बबलू; तो कैसा लगा मेरा सरप्राइज

रेणु:आप बहुत गंदे हो पता है मुझे कितनी शरम आ रही थी

बबलू: चल अब ये शरम छोड़ और सो जा में बहुत थक गया हूँ
रेणु बबलू की बाहों में नींद के आगोश में समा गयी
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार )

Post by jay »

rangila wrote:mast mazedar update
thanks
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार )

Post by jay »

सुबह के 10 बज रहे थे घर में अभी सन्नाटा छाया हुआ था शोभा की आँख खुली और उसने अपने आप को कमरे में बेड पर नंगा पाया शोभा शरमाने लगी रूम का डोर भी खुला हुआ था शोभा ने बेड से उठ कर डोर लॉक किया और सीधा बाथरूम में घुस गयी फ्रेश होने के बाद शोभा नाइटी पहन कर किचन में आ गयी और चाइ बनाने लगी चाइ बनाते हुए उसके दिमाग़ में सुबह 4 बजे की सारी घटनाए सामने आने लगी और शोभा खड़ी-2 शरमाने लगी शोभा मन में सोचने लगी कि अब वो रेणु का सामना कैसे करेगी चाइ बन कर तैयार हो गयी पर शोभा ने बबलू और रेणु को उठाना ठीक नही समझा और खुद अपने रूम में आकर चाइ पीने लगी चाइ पीने के बाद शोभा नाश्ता तैयार करने लगी सुबह के 11 बज रहे थी रेणु और बबलू भी उठ चुके थी रेणु फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर आई उसके बदन पर केवल छोटा सा टवल था उसने अलमारी से साड़ी निकाली और पहनने लगी पर बबलू ने उसे साड़ी पहनने से मना कर दिया

बबलू: रेणु यार इतनी गरमी है और तुम साड़ी पहन रही हो कल रात वाली नाइटी ही पहन लो

रेणु:तो क्या मैं घर में वो नाइटी पहन कर घूमूं

बबलू: तुम मेरे लिए ये भी नही कर सकती

रेणु के होंठो पर मुस्कान आ गयी उसने साड़ी को अलमारी में वापिस रख दिया और ब्रा उठा कर पहनने लगी बबलू उठ कर बाथरूम में घुस गया जब बबलू 15 मिनट बाद बाहर आया तो रेणु रूम में नही थी बबलू रूम से बाहर आ गया और किचन के सामने हाल में सोफे पर बैठ गया शोभा और रेणु दोनो किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी दोनो आपस में कोई बात नही कर रही थी ना ही दोनो में से किसी की हिम्मत हो रही थी बबलू सोफे पर बैठा अपनी किस्मत पर इतरा रहा था बबलू उठ कर किचन में आ गया रेणु और शोभा दोनो की पीठ बबलू की तरफ थी दोनो ने पीछे मूड कर बबलू को देखा रेणु ने स्माइल किया पर शोभा ने रिएक्ट नही किया बबलू शोभा के पीछे आकर शोभा से सट कर खड़ा हो गया और अपने दोनो हाथों को शोभा के बड़े-2 चुतड़ों पर रख कर सहलाने लगा शोभा ने नाइटी के अंदर कुछ नही पहना था शोभा के दिल की धड़कने तेज हो गयी रेणु अपनी कनखियो से बबलू को देख रही थी रेणु के दिल की धड़कने तेज हो गयी थी बबलू शोभा की गान्ड को मसल्ने जा रहा था शोभा ने अपने हाथों से सेल्फ़ को कस्के पकड़ लिया

शोभा:धीमी आवाज़ में”)छोड़ो क्या कर रहे हो

बबलू ने शोभा की नाइटी को उठाना चालू कर दिया शोभा बेचारी चुप चाप खड़ी रही बबलू ने उसकी नाइटी को उसकी कमर तक उठा दिया शोभा के बड़े-2 चूतड़ बाहर आ गये बबलू दोनो हाथों से शोभा के चुतड़ों को फैला कर मस्ल रहा था रेणु सर झुकाए खड़ी सब देख रही थी रेणु से रहा नही गया और रेणु मूड कर बाहर की तरफ जाने लगी बबलू ने रेणु के हाथ को पकड़ लिया

बबलू:अर्रे तुम तो अभी भी शरमा रही हो

बबलू ने उसे सेल्फ़ के पास खींच कर खड़ा कर दिया रेणु की पीठ सेल्फ़ की तरफ थी जबकि शोभा का फेस सेल्फ़ की तरफ था

रेणु: बहुत धीमी आवाज़ में)प्लीज़ मुझे जाने दो

बबलू ने ना में सर हिला दिया और रेणु की रेड कलर की शॉर्ट नाइटी जो कि उसके जाँघो तक ही आ रही थी उसे ऊपर उठा दिया शोभा कनखियों से रेणु को देख रही थी रेणु की गोरी जांघे उसे सॉफ नज़र आ रही थी और दोनो जाँघो के बीच रेणु के वी शेप रेड कलर की पैंटी उसकी जाँघो को और सुदार बना रही थी बबलू जो कि शॉर्ट्स में था उसने अपना शॉर्ट्स नीचे सरका कर निकाल दिया बबलू का 8 इंच का लंड हवा में झटके खा रहा था बबलू ने अपने लंड के सुपाडे पर थूक लगा कर शोभा की जाँघो को थोड़ा सा फैला दिया और शोभा को सेल्फ़ पर झुका दिया और खुद थोड़ा सा अपने घुटनो को मोड़ कर नीचे होकर अपने लंड को शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया रेणु सर झुकाए सब देख रही थी रेणु ने शोभा के फेस की तरफ देखा शोभा अपनी आँखें बंद किए हुए थी और उसने अपने होंठो को अपने दाँतों में भींच रखा था बबलू ने दो चार धक्को में अपने लंड को जड तक शोभा की चूत में घुसा दिया शोभा की चुचियाँ सेल्फ़ के ऊपर हिल रही थी बबलू ने एक हाथ आगे बढ़ा कर रेणु को अपनी तरफ खींचा और रेणु के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अपनी कमर हिलाने लगा बबलू की जांघे शोभा की गान्ड से टकराने लगी और थप-2 की आवाज़ से पूरा घर गूंजने लगा बबलू ने एक हाथ नीचे लेकर रेणु की वीशेप पैंटी के अंदर डाल दिया और अपने हाथ से उसकी चूत की फांको को सहलाने लगा रेणु मचलने लगी बबलू ने जोश में आकर अपनी पूरी ताक़त से धक्के लगाने चालू कर दिए

शोभा:अहह ओह धीरीईई बब्लुउउुुुुउउ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

रेणु अपनी माँ शोभा की सिसकारियों को सुन कर गरम होने लगी थी बबलू ने रेणु के होंठो से अपने होंठ हटाए

बबलू:हन्ंननणणन् बोल मेरे रानी कैसा लग रहा मेरा लौडा तेरी भोसड़ी में

रेणु बबलू के मुँह से ऐसे बातें सुन कर हैरान तो हो रही थी पर उसे बबलू की बातों से और मज़ा आ रहा था

शोभा बिना कुछ बोले अह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर रही थी बबलू ने शोभा की गान्ड को पकड़ कर और ताक़त से अपना लंड शोभा की चूत में पेलने लगा

बबलू:बोल्ल्ल्ल्ल्ल्ल साली रांद्द्द्दद्ड कैसा लग रहा हाईईइ बोल

शोभा से अब बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था बबलू का लंड सीधा शोभा की बच्चेदानी पे जाकर ठोकर मार रहा था

शोभा:ओह भ्तुउउउउउउउ अच्छा लगा र्हाअ हाईईइ मेरीई चूत्त्त्त को फद्द्द्दद्ड दूओ मीरीईई जमाइईईईईई राजा अहह ओह और्र्र्र्ररर चोद्द्द्द्द्द्द्द और चोद अपनी सास को

रेणु आँखे फाड़ कर ये सब देख और सुन रही थी

बबलू:चल साली खड़ी क्या हाईईईईई चल अपनी गान्ड हिला में थक गया हूँ

और शोभा ने अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेलना शुरू कर दिया
शोभा:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेंन्नननननननणणन् झड़ने वाली हुन्न्ञननननननणणन् ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और शोभा झड गयी और लंबी साँसें लेने लगी बबलू ने शोभा की गान्ड को पकड़ कर तेज़ी से धक्के लगाने चालू कर दिए और उसकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया कुछ देर बाद बबलू ने शोभा की चूत से लंड निकाला और रेणु को इशारे से नीचे बैठने को कहा शोभा पहले से नीचे घुटनो के बल बैठी अपनी साँसें दुरस्त कर रही थी दोनो माँ बेटी पास में बैठ गयी बबलू ने रेणु के हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया जो अब ढीला पड़ चुका था

बबलू:एक बार इस मूँह में लो ना मेरी जानणन्न्

रेणु ने अपना मुँह खोल कर बबलू के लंड को अंदर ले लिया और चूसने लगी रेणु को अपनी माँ और बबलू के पानी का स्वाद का अजीब ही मज़ा आ रहा था कुछ देर बाद रेणु ने बबलू के लंड को बाहर निकाला और बबलू नीचे बैठ गया और रेणु के होंठो को चूसने लगा दोनो माँ बेटी ने आँखें बंद कर रखी थी बबलू ने रेणु के होंठो को छोड़ा और शोभा के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसना चालू कर दिया 1 मिनट तक शोभा के होंठो को चूसने के बाद बबलू ने अपने होंठो को हटाया और रेणु के कान में बोला
बबलू:एक बार मेरे सामने अपनी माँ के होंठो को चूसो

रेणु ने अपनी आँखें खोली और बबलू के तरफ देखा उसके फेस पर सावलिया निशान थी पर फिर रेणु में नज़ाने कहाँ से हिम्मत आ गयी उसने आगे बढ़ कर अपने हाथों से शोभा के फेस को पकड़ कर अपने होंठों को शोभा के होंठो पर रख दिया जैसे ही रेणु के होंठ शोभा के होंठो पर पड़े शोभा के दिल की धड़कने बढ़ गई शोभा ने अपनी आँखें खोल कर देखा रेणु उसके होंठो को चूस रही थी शोभा ने अपने होंठो को आपस में सटा रखा था शोभा ने अपनी आँखें बंद कर ली और कुछ देर बाद अपने होंठो को खोल दिया रेणु को भी बहुत अच्छा लग रहा था जैसे ही शोभा ने अपने होंठो को ढीला छोड़ा रेणु ने शोभा के ऊपर वाले होंठ को होंठों में लेकर चूसना चालू कर दिया और शोभा रेणु के नीचे वाले होंठ को चूसने लगी दोनो एक दूसरे के होंठों को चूस रही थी दोनो को किस करते हुए 2 मिनट हो चुके थी बबलू पास में बैठा देख कर मुसकरा रहा था

बबलू;अर्रे भाई बस भी करो तुम माँ बेटी तो मुझे भूल ही गयी

दोनो जैसे नींद से जागी हों एक दम से अलग हो गयी शोभा खड़ी हो कर जल्दी से बाहर चली गयी रेणु वहीं सर झुकाए नीचे बैठ हुई थी उसके गाल शरम के मारे लाल हो चुके थे

बबलू:क्यों कैसा लगा मेरे हजूर

रेणु: शरमाते हुए) सच बताऊं

बबलू:हां

रेणु:पहले कुछ अजीब सा लगा पर बाद में अच्छा लगाने लगा था

बबलू:चलो एक काम करतें है नाश्ता करने के बाद कहीं घूमने चलते हैं और दोपहर का खाना भी किसी रेस्टोरेंट में कर लेंगे

रेणु:ठीक है में तैयार हो कर आती हूँ आप माँ को भी बता देना

तीनो नाश्ता करने लगे और तैयार होकर घर से निकल पड़े

रेणु:हम जा कहाँ रहे हैं

बबलू: पहले तो चल कर किसी माल में शॉपिंग करतें है और बाद में मूवी देखने चले जाएँगे

रेणु;हां ये ठीक रहेगा और लास्ट मे लंच करके घर वापिस चलेंगे

कुछ ही देर में तीनो एक शॉपिंग माल में पहुँच गये शोभा बबलू और रेणु से कुछ आगे चल रही थी बबलू ने रेणु के कान में कुछ कहा रेणु के होंठो पर मुस्कान आ गयी रेणु एक लॅडीस अंडरगार्मेंट की शॉप के सामने आ कर खड़ी हो गयी रेणु ने शोभा को आवाज़ दी शोभा ने पीछे मूड कर देखा तो रेणु ने उसे इशारे से शॉप में आने के लिए कहा शोभा रेणु के पीछे शॉप में चली गयी बबलू ने शोभा से बोला आप शॉपिंग करो में ज़रा घूम कर आता हूँ शॉप के अंदर जैसे ही शोभा आई तो अपने चारो तरफ डिज़ाइनर ब्रा देख कर शोभा हैरान हो गयी शोभा ने जिंदगी में पहली बार इस तरह की ब्रा देखी थी दोनो काउंटर पर खड़ी हो गयी एक 18 19 साल की लड़की उनके पास आई और पूछा मेडम क्या चाहिए आपको
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार )

Post by jay »

रेणु:जी हमें कुछ ब्रा और पैंटी लेने है और हां शॉर्ट नाइटी भी

लड़की:श्योर मेडम आप मेरे साथ आइए

रेणु और शोभा उस लड़की के साथ शॉप के अंदर लास्ट काउंटर पर चली गयी

लड़की:मेडम साइज़ बताइए

रेणु;माँ अपना साइज़ बताओ

शोभा:में नही मुझे कुछ नही चाहिए तुम अपने लिए ले लो

रेणु:प्लीज़ माँ जल्दी अपना साइज़ बताओ

शोभा:38

रेणु ने लड़की के कान में कुछ में कहा और लड़की ने थोड़ी देर में कुछ ब्रा और पैंटी के सेट शोभा के सामने रख दिए

रेणु: माँ इनमे से कोई पसंद कर लो

शोभा ब्रा को उठा कर देखने लगी सभी ब्रा और पैंटी बहुत ही फॅन्सी थी पैंटी वीशेप की थी और ब्रा फ्रंट साइडेड ओपन थी

शोभा:पर ये तूऊ

रेणु:अरी माँ कोई भी पसंद कर लो

उधर बबलू शॉप के बाहर खड़ा होकर सब देख रहा था उसके चहरे पर मुस्कान थी कुछ देर बाद शोभा और रेणु दोनो बाहर आ गयी उन्होने ने शॉपिंग कर ली थी उसके बाद तीनो मूवी देखने चले गये मूवी देखने के बाद तीनो ने लंच किया और घर वापिस आ गये शाम के 3 बज चुके थे तीनो बहुत थके हुए थी बबलू रेणु को रात का सारा प्लान समझा चुका था शोभा और रेणु बबलू अपने अपने रूम में सो गये तीनो के तीनो घोड़े बेच कर सोए हुए थे शाम के 7 बजे चुके थे पर घर पर अभी सन्नाटा छाया हुआ था शोभा की नींद टूटी शोभा उठ कर बैठ गयी और अपनी आँखों को मलते हुए दीवार पर लगी घड़ी की और देखा शोभा एक दम चोंक गयी

शोभा:हे भगवान 7 बज गये टाइम का पता नही चला शोभा जल्दी से खड़ी हुई और बाथरूम में घुस गयी और मूँह हाथ धो कर बाहर आ गयी घर में अंधेरा फैला हुआ था शोभा ने सबसे पहले घर की लाइट्स ऑन की और उसके बाद जाकर रेणु के रूम के डोर को नॉक किया आवाज़ सुन का बबलू उठा और डोर खोला

शोभा:रात के 7 बज रहे हैं उठना नही है क्या

बबलू:शोभा को अपनी तरफ खींच कर बाहों में लेते हुए) आप ने कह दिया और हम उठ गये

शोभा: क्या कर रहो कहीं भी शुरू हो जाते हो

बबलू; जब पास में दो दो हसीन चुते हों तो कॉन सबर कर सकता हैं

शोभा:तुम बहुत बोलने लगे हो

बबलू ने शोना के होंठो को अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगा थोड़ी देर शोभा के होंठो को चूसने के बाद उसने अपने होंठो को हटा लिया शोभा शरमाने लगी बबलू ने उसे छोड़ दिया

शोभा:चलो रेणु को भी उठा दो में खाना की तैयारी करती हूँ

शोभा किचन में चली गयी बबलू ने रेणु को उठाया रेणु भी टाइम देख कर हैरान हो गयी

बबलू:रात के प्लान याद है ना

रेणु: मुस्कराते हुए) हां याद हैं पर आप ये सब सोच कैसे लेते हो

बबलू:बस ऐसे ही दिमाग़ में आ गया था

रेणु उठ कर बाथरूम में घुस गये बबलू हाल में आकर टीवी देखने लगा शोभा किचन में खाना तैयार कर रही थी कुछ देर बाद रेणु बबलू के सामने ऊपर छत पर चली गयी बबलू के होंठो पर मुस्कान आ गयी रात के करीब 10 बजे तीन डिन्निंग टेबल पर बैठे खाना खा रहे थे बबलू ने रेणु से इशारे से कुछ पूछा रेणु ने हां में सर हिला दिया तीनो ने खाना खाया और शोभा और रेणु बर्तन उठाने लगी बर्तन सॉफ करने के बाद शोभा अपने रूम में आकर बेड पर लेट गयी कुछ देर बाद बबलू शोभा के रूम में आया उसके हाथ में एक हॅंड बॅग था बबलू ने उसे शोभा को दिया

शोभा:क्या है ये

बबलू: खोल कर देख लो और हां इन्हें पहन कर ऊपर आ जाना आज हम ऊपर ही सोउंगी

और बबलू बाहर चला गया बबलू के जाने बाद शोभा बेड से उठ कर खड़ी हुई और हॅंड बॅग को खोल कर देखने लगी शोभा ने उसमे रखे समान को बेड पर पलट दिया शोभा की आँखें फटी की फटी रह गयी सामने एक पिंक कलर की नाइलॉन ब्रा और पैंटी थी और पिंक कलर का ही एक शॉर्ट गाउन था शोभा का दिल जोरों से धड़कने लगा शोभा ने पैंटी को हाथ में पकड़ कर उठा लिया और पैंटी को देखने लगी शोभा ने पैंटी की इलास्टिक में दोनो हाथों की उंगलियों को डाल कर खींचा और देखने लगी


पैंटी बहुत ही छोटी थी वी शेप पैंटी नीचे से बहुत ही पतली से पट्टी थी शोभा के गाल शरम के मारे लाल हो गये तभी उसका डोर खुला और बबलू अंदर आ गया शोभा हाथ में पैंटी पकड़े हुए थी

बबलू: क्या हुआ इतनी देर क्यों लगा रही हो

शोभा:बबलू में ऐसे कपड़े पहन कर ऊपर नही आ सकती

बबलू:तुम तो जानती हो हमारे घर के आस पास दूर-2 तक कोई 2 मंज़िला घर नही है और छत पर कैसे दिखेगा वैसे 5 फुट के बाउंड्री वाल भी हैं जल्दी कर ऊपर आ जा

शोभा ने ब्रा पैंटी और गाउन को उठाया और बाथरूम में घुस गयी शोभा ने अपनी नाइटी उतार दी शोभा ने नीचे कुछ नही पहना हुआ था शोभा ने सबसे पहले ब्रा पहनी जिसके हुक्स सामने की तरफ थे शोभा ब्रा के हुक्स को बंद करने लगी शोभा की चुचियाँ छोटी सी ब्रा में कस गये फिर उसने पैंटी उठाई और झुक कर उसे अपनी टाँगों में डाल कर ऊपर करने लगी पैंटी बहुत ही छोटी थी पर बहुत ही फ्लेक्षिबल थी शोभा ने अपनी जाँघो को थोड़ा सा फैला कर पैंटी को अपने चुतड़ों पर चढ़ा लिया वीशेप पैंटी में शोभा की चूत की फांके भी समा नही पा रही थी और ना ही शोभा इस तरह की पैंटी पहनने की आदि थी शोभा की चूत की एक फाँक पैंटी से बाहर झाँक रही थी शोभा ने अपने दोनो हाथों की उंगलियों को पैंटी की पट्टी में डाल कर उसे अपनी चूत की फांकों पर सेट किया और पीछे हाथ ले जाकर अपनी दोनो हाथों की उंगलियों से अपनी गान्ड की दरार में घुसी हुई पैंटी को ठीक किया शोभा ने पिंक कलर का गाउन उठाया और उसे पहनने लगी पर ये क्या ये तो सामने से बिल्कुल खुला था गाउन के सामने की तरफ कमर के पास दोनो तरफ एक पिंक कलर का बेल्ट नुमा कपड़ा लटक रहा था शोभा ने उसे पकड़ कर बाँधा और बाथरूम से बाहर आ गयी कुछ देर सोचने के बाद शोभा कमरे से बाहर आकर छत की तरफ बढ़ने लगी


जैसे ही शोभा छत पर पहुँची तो सामने का नज़ारा देख शोभा एक दम सन्न रह गयी छत पर कोई नही था छत के बीचो -बीच एक बड़ा सा बिस्तर लगा हुआ था जिसपर रेड महरूण कलर की बेड शीट बिछी हुई थी और उसपर गुलाब के फूलों की पंखुड़ियाँ सजी हुई थी शोभा काँपते दिल के साथ बिस्तर की तरफ बढ़ने लगी चारो तरफ गुलाब के फूल बिखरे हुए थी फूलों की खुसबू महॉल को और मादक बना रही थी शोभा बिस्तर पर आ कर बैठ गयी और अपने हाथ की हथेली को बिस्तर पर रखी गुलाब की पंखुड़ियों पर फेरने लगी शोभा की चूत ने अभी से पानी छोड़ना शुरू कर दिया था उसे समझ में आ चुका था कि आज उसकी और रेणु की जम कर चुदाई होने वाली है खुले आसमान के नीचे चुदाई का तो अलग ही मज़ा आएगा ये सोच कर शोभा गरम होने लगी थोड़ी ही देर में बबलू भी छत पर आ गया शोभा अपने ख्यालों में खोई हुए नीचे बिस्तर पर बैठी थी बबलू शोभा के पीछे आकर बैठ गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया शोभा एक दम से घबरा गयी और बबलू की बाहों में सिमट सी गयी


बबलू ने शोभा की नेक पर अपने होंठो को रख दिया और उसकी नेक को चूमने लगा

शोभा:अहह सीईईईई बबलू अगर तुम मेरी जिंदगी में ना होते तो मेरी जिंदगी में ये दिन रातें ये हसीन लम्हे ना होते

बबलू ने शोभा के फेस को पीछे की तरफ घुमा कर उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए शोभा ने अपने होंठो को ढीला छोड़ दिया बबलू उसके होंठो का रस चूसने में मगन हो गया बबलू बिना रुके शोभा के होंठो का रस चूसे जा रहा था कि अचानक रेणु भी ऊपर आ गयी शोभा ने अपने होंठो को बबलू के होंठो से अलग किया और सर झुका कर बैठ गयी

रेणु मुस्कुराते हुए दोनो के पास आकर बैठ गयी आसमान एक दम खिला हुआ था तारे आसमान में चमक रहे थे ठंडी -2 हवा चल रही थी और गुलाब के फूलो के महक महॉल को और दिल कश बना रही थी बबलू ने शोभा को दोनो कंधों से पकड़ कर उसे बिस्तर पर पीठ के बल लेटा दिया और खुद उसके बगल में करवट के बल लेट कर उसके ऊपर झुक कर उसके फेस को चूमने लगा शोभा ने अपनी आँखें बंद कर ली रेणु शोभा के दूसरी तरफ उसके पास आकर करवट के बल लेट चुकी थी बबलू और रेणु दोनो तरफ से शोभा से एक दम सटे हुए थे

बबलू रेणु को सर के पीछे से हाथ डाल कर उसके फेस को भी शोभा के फेस के पास ले आया और रेणु के होंठो को चूसने लगा बबलू कभी शोभा तो कभी रेणु के होंठो को चूस्ता दोनो माँ बेटी की साँसें तेज़ी से चल रही थी दोनो के दिलों की धड़कने बढ़ गयी थी बबलू ने शोभा की एक बाजू को पकड़ अपने सर के नीचे रख लिया शोभा का हाथ बबलू के सर से नीचे होते हुए उसके कंधों के पास पीठ पर आ चुका था रेणु ने शोभा के दूसरे हाथ को पकड़ कर बबलू ने जिसे अपने सर के नीचे ले जाकर अपनी पीठ पर रख लिया अब शोभा अपनी दोनो बाहों में रेणु और बबलू को कसे हुए थी बबलू ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर शोभा के गाउन की बेल्ट नुमा रिब्बन की गाँठ को खींच दिया और शोभा का गाउन दोनो तरफ़ से हट गया शोभा के सामने का हिस्सा खुल गया उसके बदन पर पिंक कलर की ब्रा और पैंटी थी

शोभा की साँसें तेज़ी से चलने लगी बबलू ने अपने हाथ से शोभा की ब्रा के फ्रंट साइडेड हुक्स खोल दिए जैसे ही ब्रा के हुक्स खुले कसी हुई ब्रा के कप्स साइड मंर खिसक गये शोभा की 38 साइज़ की चुचियाँ बाहर आ गयी शोभा की चुचियों के काले मोटे निपल्स एक दम तने हुए थी बबलू ने झुक कर शोभा की एक चुचि को मूँह में लेकर चूसना चालू कर दिया और रेणु को आँख मार कर इशारा किया रेणु भी तुरंत शोभा के ऊपर झुक गयी और उसकी दूसरी चुचि को मूँह में लेकर चूसने लगी अपनी दोनो चुचियों को रेणु और बबलू के मूँह में महसूस कर शोभा सिसकियाँ भरने लगी दोनो चुचियों को एक साथ चुसवाने में शोभा को बहुत मज़ा आ रहा था शोभा एक दम मस्त हो चुकी थी

शोभा:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

शोभा रेणु और बबलू के होंठो को अपने चुचियों पर एक साथ महसूस करके कसमसाने लगी शोभा की चूत में आग लग चुकी थी बबलू शोभा की चुचि को छोड़ कर नीचे का तरफ बढ़ने लगा शोभा अपनी नाभि पर बबलू के होंठो को महसूस करके ऐंठने लगी बबलू चूमता हुआ नीचे आ गया और शोभा की वीशेप पैंटी के ऊपर से जो मुस्किल से उसकी चूत की फांकों को ढक पा रही थी अपनी जीभ निकाल कर चाटने लगा

शोभा;अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई बब्लुउउुुुुुुुुुउउ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
Post Reply