वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete

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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

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Kamini wrote:superb updates super story
shukriya Kamini
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

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उधर दूसरी तरफ अपने भाई का लंबा और मोटा लंड अपने अंदर लेते ही शाज़िया की फुद्दि में अजीब सी खारिश शुरू हो गई थी. और शाज़िया को यूँ महसूस हो रहा था कि उस की फुद्दि उस के भाई के लंड के आगे जैसे पिघल ही गई हो.

अब अपने भाई के मुँह से ये गरम कल्मत सुन कर शाज़िया मज़ीद जल उठी.और अब वो भी अपने भाई ज़ाहिद की गर्दन पकड़ अपनी भारी गान्ड को उठा उठा कर अपनी गरम प्यासी चूत को ज़ाहिद के मोटे लंबे लंड पर ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे करते हुए कहने लगी.“हाआआआआआआआआआआअहह,कितना गरम लंड है आप का भाई, उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मारो मेरी चूत अपने मोटी लंड से, बहुत प्यासी है तुम्हरी बहन की चूत मेरे भाईईईईईई”.

“मेरी जान मेने अपना पूरा लंड तो डाल दिया है तुम्हारी प्यासी चूत में, अब तुम को चोद चोद कर खूब मज़ा दूँगा में” अपने नीचे लेटी हुई अपनी बहना को इस तरह अपनी गान्ड हिलाते देख कर ज़ाहिद भी मस्ती में आया.



और वो भी शाज़िया के ऊपर उछल उछल कर ज़ोर दार झटके मारते हुए अपनी बहन की गरम फुद्दि को जोश से चोदने लगा.

कमरे में इस वक्त दोनो बहन भाई के जिस्मो के आपस में टकराने की वजह से“थप थप “ और तेज साँसों की आवाज़ें गूँज रही थी.

साथ ही साथ शाज़िया की गरम फुद्दि से लगा तार निकलते हुए पानी, और दोनो जवान और गरम बहन भाई के मोटे और बड़े लंड और प्यासी और गरम चूत के आपस में मिलने की वजह से “पच पुच पक्फह” की आवाज़ आ रही थी.

इस चुदाई के दौरान शाज़िया ने कितनी बार अपनी चूत का पानी छोड़ा और कितना बार वो झडी ये बात वो खुद ही भूल गई थी

शाज़िया की चूत के पानी ने उस की फुद्दि से निकल निकल कर उस के नीचे बिछी हुई बिस्तर की चादर को पूरी तरह से गीला कर दिया था.

जब कि ज़ाहिद का जिस्म उस की भड़क रफ़्तार चुदाई की वजह से पसीने से लत पथ हो रहा था.



अपनी बहन की चूत मारते हुए ज़ाहिद साथ ही साथ आगे झुक कर अपनी बहन के मोटे और भारी मम्मो को अपने हाथों से दबा और चूस भी रहा था.

“व्वाहह,क्या जबर्जस्त मम्मे हैं मेरी बहन तुम्हारे,अब कुछ ही दिनो के बाद इन में दूध भी भर जाएगा ,तो में ज़रूर अपनी बहन के मम्मो से ये दूध पीऊंगा मेरी जान “

" उफफफफफफ्फ़, अच्छा तो इन में ये दूध कैसे भरेगा भाईईईईईई" अपने भाई की बात सुन कर शाज़िया ने सिसकारते हुए पूछा.

"मेरी जान आज की चुदाई की वजह से में तुम्हें प्रेगेनेंट कर के तुम्हारी कोख में हमाल ठहरा दूँगा,और फिर 3-4 महीने बाद तुम्हारे इन मम्मो में दूध भर जाएगा, जिस से तुम्हारे ये मम्मे पहले से भी बड़े हो जाएँगे मेरी बहन " ज़ाहिद ने अपनी थूक भरी ज़ुबान को अपनी बहन की ज़ुबान से मिलाते हुए जवाब दिया.



"ओह तो फिर मेरे पेट में अपना बच्चा डाल कर मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो मेरे भाईईईईईईईईईईई “ज़ाहिद की बात सुन कर शाज़िया ने भी उसी मस्ती में आते हुए अपने भाई से फरमाइश की.

अपनी कोख में अपने ही भाई से अपना हमाल ठहराने वाली बात सुन कर शाज़िया की फुद्दि तो बे इंतिहा गरम हो चुकी थी.

अपनी बहन की बात सुन कर ज़ाहिद ने शाज़िया के जिस्म के गिर्द अपनी बाहें डाल कर उसे कस कर पकड़ा. तो नीचे से शाज़िया ने भी अपने पैर उठा कर अपने भाई की कमर के गिर्द जकड लिए.

फिर ज़ाहिद ने अपने पूरा लंड अपनी बहन की चूत से बाहर खैंच कर 8 10 ज़ोरदार धक्के मारने लगा.

आज अपनी सग़ी बहन से अपनी सुहाग रात मनाते वक्त ज़ाहिद ने अपनी बहन की चूत को सही महीनो में खोल कर रख दिया था.


ज़ाहिद का लंड उस वक्त अपनी बहन की चूत की उन तहों में जा कर ठोकर मार रहा था. जिस जगह शाज़िया के सबका शोहर ने कभी पहुँचाने का तवस्सुर भी नही किया था.


दोनो बहन भाई को अपनी चुदाई के दौरान मज़े से बे हाल होते हुए उस वक्त ऐसा महसूस हो रहा था. जैसे वो दोनो उस वक्त सातवें आसमान पर उड़ रहे हों.

अपनी बहन की चूत में झटके मारते हुए अचानक ज़ाहिद को यूँ लगा जैसे वो अपने लंड का पानी निकलने लगा है. तो उस ने अपनी बहन को चूमते हुए कहा "जानू मेरााआआ पानी निकााअलल्ल्ल रहा है".

“हान्ंनणणन् निकाल दो अपना पनीईईईईइ, उफफफफफफफ्फ़ अपना सारा पानी मेरी चूत के अंदर ही डालना, एक कतरा भी बाहर ना गिरे, क्यों के मेरी चूत कब से तरस रही कि आप के लंड के पानी को अपनी क़ैद में करने के लिए भाईईईईईई” शाज़िया भी ज़ाहिद के जवाब में सिसकी.

फिर थोड़ी देर तक चोदने के बाद ज़ाहिद के लंड ने लैस दार वीर्य ने अपनी ही सग़ी बहन की कोख को भर दिया.

ज़ाहिद के लंड ने आज इतना पानी छोड़ा कि जिस का ज़ाहिद ने आज तक तसव्वुर भी नही किया था.
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

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ज़ाहिद के लंड के पानी को अपनी फुद्दि में आते हुए महसूस कर के शाज़िया की बच्चे दानी ने अपने भाई के लंड के जूस के इस्तक्बाल के लिए अपना मुँह खोल दिया .

तो ज़ाहिद की लेस दार पानी उस की बहन की बच्चे दानी में एक तेज फव्वारे की सूरत में गिर कर शाज़िया की दो साला प्यासी चूत की ज़मीन को गीला करते हुए उस में अपने बीज बोने लगा.

जब नीचे से दोनो बहन भाई के पानियों का आपस में मिलाप हुआ.तो ऊपर से दोनो बहन भाई के जिस्म भी एक दूसरे लिपट गये.

अब उन दोनो के जवान बदन पसीने से भीगे हुए थे.

कुछ देर तक अपनी बहन की फुद्दि में अपना लंड डाले और शाज़िया के जिस्म के ऊपर ही ढेर होने के बाद ज़ाहिद अपनी बहन के बदन के ऊपर से उठा. और अपने लंड को अपने लंड के वीर्य से शराबोर अपनी बहन की चूत से बाहर निकाला.



तो शाज़िया की मोटी फुद्दि से “पुक्क्क” की आवाज़ निकल गई.

अपनी बहन की फुद्दि से लंड निकाल कर ज़ाहिद ने शाज़िया की तरफ देखा.

आज इतने साल बाद अपनी फुद्दि की प्यास बुझाने की वजह से शाज़िया का चेहरा एक अलग ही मस्ती की वजह से चमक रहा था.

शाज़िया के खूबसूरत चेहरे पर खुले हुए बालों की लटे पड़ी हुई थी.और उस के रस भरे होन्ट और बड़े बड़े मम्मे अपने भाई के मुँह की थूक से चुमक रहे थे.

जब कि शाज़िया की चूत अपने भाई के मोटे और बड़े लंड की जबर्जस्त चुदाई की वजह से सुर्ख हो कर पहले से ज़्यादा फूल गई थी.

उन दोनो बहन भाई की सुहाग की सेज पर पड़ी फूलों की पत्तियाँ इधर उधर बिखरी पड़ी थी.

जब कि उन के बिस्तर की चादर दोनो बहन भाई की चुदाई के पानी से जगह जगह से भीग कर तर हो चुकी थी.

अगरचे दोनो बहन भाई अपनी इस गरम चुदाई से थक कर चूर हो चुके थे. मगर इस के बावजूद ज़ाहिद जानता था कि “पिक्चर अभी बाकी है दोस्त”.

अपनी बहन की फुद्दि में अपना वीर्य उडेलने के बाद ज़ाहिद बिस्तर से उठ कर कमरे के अटेच बाथ रूम में चला गया.

जबकि दूसरी तरफ शाज़िया अभी तक अपनी टाँगें खोले बिस्तर पर कमर के बल बे सुध पड़ी हुई थी

ज़ाहिद के लंड ने शाज़िया की फुद्दि की वाकई ही आज हालत खराब करके रख दी थी.

आज दो साल बाद अपने ही सगे भाई के लंड से चुदवा कर शाज़िया का प्यासा बदन बहुत ही पूर सकून हो चुका था.

इसीलिए अपनी चूत का पानी छोड़ने के बावजूद शाज़िया अभी तक अपनी बिखरी सांसो को संभालने में लगी हुई थी.

थोड़ी देर बाद अपनी सांसो को काबू करते हुए शाज़िया ने अपनी गान्ड के नीचे रखा हुआ पिल्लो को निकाल कर अपनी गर्दन के नीचे रखा.

तो इतनी देर में ज़ाहिद बाथरूम से फारिग हो कर वापिस कमरे में दाखिल हुआ.

ज़ाहिद ने देखा कि उस की बहन अपने सुहाग के बिस्तर पर बड़े आराम से पैर फैलाए लेटी हुई है.और शाज़िया की गान्ड के नीचे बिच्छी बिस्तर की चादर पर दोनो बहन भाई के लंड और फुद्दि का पानी गिरा हुआ है..

जब कि उस की बहन शाज़िया की फुद्दि ज़ाहिद की जबर्जस्त चुदाई की वजह से पहले सी भी ज़्यादा फूल गई है.

दूसरी तरह बिस्तर पर लेटी शाज़िया ने अपने सर को उठा कर बाथरूम के दरवाज़े पर खड़े हुए अपने भाई ज़ाहिद की तरफ देखा.

ज्यों ही दोनो बहन भाई की अपनी पहली चुदाई के बाद नज़रें मिलीं.तो ज़ाहिद ने बड़े प्यार भरे अंदाज़ में अपनी बहन को हल्की से आँख मारी.

अपने भाई के प्यार से इस अंदाज़ को देख कर शाज़िया ने नकली शरमाते हुए अपनी आँखे फॉरन बंद कर लीं.

ज़ाहिद ने जैसे ही अपनी बहन को इस तरह शरमाते देखा.तो उस ने बड़े धीमे और मस्ती भरे लहजे में अपनी बहन शाज़िया से पूछा”क्यों मेरी जान तुम्हारी गरम और प्यासी चूत की गर्मी कुछ कम हुई है या नही”.

शाज़िया को उस की दूसरी सुहाग रात में जो जिन्सी सकून आज उस के अपने भाई ने दिया था.

वो स्वाद और मज़ा तो शाज़िया को कभी अपने सबका शोहर से अपनी पूरी दो साला जिंदगी में भी हासिल नही हुआ था.

और इस बात का ऐतराफ़ शाज़िया आज अपने मुँह से बोल कर अपने भाई से करना तो चाहती थी. मगर कोशिश के बावजूद उस की ज़ुबान ने उस का साथ ना दिया.

इसीलिए शाज़िया खामोशी से चुप चाप अपनी आँखे बंद किए बिस्तर पर लेटी रही.

इसी दौरान ज़ाहिद आहिस्ता से चलता हुआ अपनी बहन के नज़दीक आया. और बिस्तर के नज़दीक खड़े खड़े अपनी बहन शाज़िया को पुकारा” अब तो हम दोनो एक जिस्म और दो जान हो चुके हैं, तो फिर ये शरमाना कैसा, आँखें खोल कर मेरी तरफ देखो मेरी जान”.
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

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ज़ाहिद की कही हुई बात वाकई ही सही थी. क्यों कि अपनी पहली चुदाई के बाद, जब उस के भाई ज़ाहिद के लंड का गाढ़ा वीर्य शाज़िया की चूत में गिर कर अब उस की चूत में जज़ब हो चुका था. तो अब उन दोनो में बहन भाई वाला रिश्ता तब्दील हो कर एक हक़ीक़ी मियाँ बीवी में बदल ही चुका था.

इसीलिए “चॅट में क्या दुनिया दारी,इश्क में केसी मजबूरी” वाले इस शेर की मानिंद शाज़िया ने सोचा कि अब बात बात पर अपने भाई से शरमाना उस के लिए बे कार है.

इसी लिए शाज़िया ने फिर से अपनी आँखे खोलीं और पास खड़े हुए अपने भाई की तरफ देखा.

अपने भाई की तरफ देखते ही शाज़िया की नज़र अपने भाई के लंड पर पड़ी.

शाज़िया ने देखा कि उस के भाई ज़ाहिद का लंड उस वक्त पूरी तरह अपनी बहन की फुद्दि के जूस भीगा हुआ था.

शाज़िया के सबका शोहर के बदकास ज़ाहिद का लंड ना सिर्फ़ एक बार अपनी बहन की फुद्दि में फारिग होने के बावजूद अभी तक ढीला नही पड़ा था.

बल्कि उस के सबका शोहर की मुक़ाबले ज़ाहिद का मोटा लंड अपना पानी निकालने के बावजूद पहले से ज़्यादा सख्ती के साथ अकड़ कर आसमान की तरफ देखते हुए इधर उधर उछल कूद कर रहा था.

ज़ाहिद को अपनी बहन शाज़िया का इस तरह अपने लंड की तरफ लालची नज़र से देखना अच्छा लगा.

ज़ाहिद आहिस्ता से अपनी बहन के साथ उस के बिस्तर पर बैठा. और उस ने बड़े प्यार से अपनी बहन के बालों में हाथ डाल के उस का चेहरा अपने करीब किया और शाज़िया के होंठो को बहुत ही कस के चूमा.

साथ ही ज़ाहिद ने अपना हाथ शाज़िया की टाँगों के दरमियाँ ले जा कर अपनी बहन की गरम फुद्दि पर अपना हाथ कर चूत को ज़ोर से मसला.

“हाईईईईईईईईई भाईईईईईईई ऐसेयययी नाआआअ दबूऊऊ दरद हो रही हाईईईईईईईईई” शाज़िया को अपने भाई के लंड से ताज़ा ताज़ा चुदि हुई फुद्दि में वाकई ही थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था. इसीलिए अपने भाई के हाथ की सख्ती को अपनी फुद्दि महसूस कर के शाज़िया चिल्ला उठी.

“तुम कौन सी कुँवारी हो, जो तुम को दर्द हो रहा है मेरी जान” ज़ाहिद ने अपनी बहन की बात पर हेरान होते हुए पूछा.

“मेरी चूत कंवारी ना होते हुए भी आप के मोटे और बड़े लंड के लिए कंवारी ही है, उफफफ्फ़ मुझे इतनी तकलीफ़ तो पहली दफ़ा चुदवाते वक्त नही हुई थी, जितनी आज रात हुई है भाई” शाज़िया ने जवाब दिया.

“फिकर ना करो अभी तुम्हारी चूत के दर्द को ठीक करता हूँ” ये कहते हुए ज़ाहिद ने अपने आप को अपनी बहन से अलग किया. और बिस्तर पर बिखरी हुए गुलाब के फूल उठा कर कुछ फूल शाज़िया के जिस्म और कुछ अपनी बहन की फुद्दि के ऊपर बिखेर दिए.



“इन फुलो से क्या हो गा भाई” शाज़िया ने अपने भाई की हरकत का मतल्ब ना समझते हुए पूछा.

“ये फूल मेरी बहन की फूल सी चूत का सारा दर्द चूस कर उसे मिटा देंगे मेरी जान”

शाज़िया जानती थी कि उस के भाई की ये हरकत उस के साथ सिर्फ़ और सिर्फ़ प्यार के इज़हार के अलावा कुछ नही.

इसी लिए वो अपने भाई की बात पर मुस्कुराइ और बोली “अच्छा अब बस करो मुझे नीद आ रही है”

"रूको अभी तुम्हारी नीद उड़ा देता हूँ जान" ये कहते हुए ज़ाहिद शाज़िया के बराबर लेटा और शाज़िया को खैंच कर अपने सीने से लगा लिया.

फिर ज़ाहिद ने जोश में आते हुए अपना हाथ आगे बढ़ा कर शाज़िया की फुद्दि पर रखा.और फिर अपनी बहन की चूत के दाने (क्लिट) से खेलने लगा.

ज़ाहिद अपनी बहन की चूत की दरार को छेद रहा था. और साथ साथ शाज़िया की फुद्दि के मोटे दाने को अपने हाथ की उंगलियो से रगड़ भी रहा था.

ज़ाहिद काफ़ी देर तक अपनी बहन की फुद्दि को मसलता रहा.

शाज़िया के होंठ ज़ाहिद के होंठो की गिरफ़्त में थे.

अपनी बहन की चूत के दाने से खेलते खेलते ज़ाहिद ने अपनी बहन की चूत में अपनी दरमियानी उंगली डाली. तो ज़ाहिद की उंगली अपनी बहन की फुद्दि में छोड़े हुए उस के अपने जूस से पूरी की पूरी तर हो गई.

ज़ाहिद ने अपनी कम से तर अपनी उंगली को शाज़िया की फुद्दि से निकाल कर अपनी उंगली अपनी बहन के होंठो पर रखी और बोला” लो आज अपनी ही फुद्दि का पानी पी लो जान”.

“ना करो ना भाई अब सोने दो प्लीज़”. शाज़िया की आँखों में नींद उतरी हुई थी.

“जान अभी मेरी दिल नही भरा,चलो अब मुँह खोलो” ज़ाहिद ने अपनी उंगली का दबाव अपनी बहन के होंठो पर बढ़ाते हुए कहा.
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शाज़िया को अपने होंठो पर पड़ी भाई की उंगली से थोड़ी स्मेल तो आई. मगर इस के बावजूद उस ने अपना मुँह खोला और बड़े शौक से अपने भाई की उंगली पर लगा अपना और अपने भाई के लंड और चूत का पानी चाटने लगी.

जब शाज़िया ने ज़ाहिद की उंगली को चाट कर सॉफ कर दिया. तो ज़ाहिद ने अपने खड़े लंड की तरफ इशारा करते हुए शाज़िया से पूछा” अब इस के बारे में क्या ख्याल है जानू”.

शाज़िया अपने भाई की बात समझते हुए उठी. और बिस्तर पर लेटे हुए ज़ाहिद के जिस्म के ऊपर आ कर अपना मुँह रुख़ अपने भाई के पैरो की तरफ कर लिया.

अपने भाई के खड़े लंड को देखते ही शाज़िया को अपनी पहली चुदाई याद आई.तो शाज़िया की चूत ने फिर से बग़ावत कर दी.

शाज़िया ने अपने भाई के जिस्म पर खड़े हो कर अपनी गर्दन झुकाई



और अपने भाई के मोटे लंड को मुँह में लेते हुए लंड पर लगे हुए अपनी फुद्दि के जूस को अपनी ज़ुबान से चाट चाट कर सॉफ करने लगी.

शाज़िया के इस तरह से लेटने की वजह से शाज़िया की भारी गान्ड पीछे से ऊपर की तरह उठ गई थी.

शाज़िया की गोल,फर्म, टाइट, भारी और बाहर को निकली हुई गान्ड (बबल बट) किसी भी मर्द को पागल कर देने के लिए काफ़ी थी.

असल में ये ही वो गान्ड थी.जिस की तस्वीर पहली बार नीलोफर ने जब ज़ाहिद को दिखाई थी.तो ज़ाहिद अंजाने में ही अपनी बहन की इस मस्त गान्ड का आशिक़ बन गया था. और आज अपनी सग़ी बहन की इस दिल फरीब और चिकनी को इतने करीब से देखते हुए ज़ाहिद तो जैसे पागल सा हो गया.

अपनी बहन की मोटी बड़ी गान्ड को पीछे से यूँ उठा हुआ देख देख कर हुए ज़ाहिद को बड़ा मज़ा आ रहा था.

बिस्तर पर लेट कर अपनी बहन की गान्ड और उस की चूत के मोटे लिप्स देख कर ज़ाहिद के सबर कर पैमाना लबरेज हो गया.

ज़ाहिद ने अपने जिस्म को थोड़ा से उपर उठा कर शाज़िया की गान्ड की पहाड़ियों पर हाथ रखा. और शाज़िया की गान्ड को नीचे करते हुए अपनी बहन की गरम चूत को अपने मुँह के बिल्कुल ऊपर ले आया.



इस के साथ ज़ाहिद ने अपने मुँह को खोलते हुए अपनी लंबी ज़ुबान निकाल कर नीचे से अपनी बहन की मोटी चूत की दरार को चाटना शुरू कर दिया.

“ओह” अपने भाई की नुकीली ज़ुबान अपनी पिंक चूत के अंदर घूमते हुए महसूस कर के शाज़िया चिल्लाई. और उस ने अपने भाई के मोटे लंड को अपने मुँह में करते हुए गर्मजोशी से भाई की चुसाइ लगाना शुरू कर दिया.

अब दोनो बहन भाई 69 स्टाइल में एक बड़े मज़े और मस्ती से एक दूसरे के लंड और फुद्दि को चूस चूस कर मज़े ले और दे रहे थे.

ज़ाहिद और शाज़िया की गरम सिसकियाँ उन के मुँह से निकल निकल कर कमरे में गूँज रही थी. “ओह,अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाईईईईईईईई उफफफफफफफ्फ़”.

“अच्छा शाज़िया अब तुम मुझ पर चढ़ कर मेरा लंड अपनी फुद्दि में डालो” थोड़ी देर अपनी बहन से लंड चुसवाने और खुद शाज़िया की फुद्दि को चाटने के बाद ज़ाहिद ने शाज़िया को अपने ऊपर से हटाया. और फिर शाज़िया के मुँह को अपने मुँह की तरफ करते हुए अपनी बहन को दुबारा से अपने जिस्म के ऊपर चढ़ा लिया.

फिर ज़ाहिद ने नीचे से अपनी बहन की गीली और गरम चूत के साथ अपना लंड मिला कर शाज़िया को उस की कमर से पकड़ा. और उसे नीचे की तरफ खैंचते हुए खुद अपनी गान्ड को ऊपर की तरफ उठा दिया.

अपने भाई के लौडे की रगद से शाज़िया की चूत दुबारा से बुरी तरह गरम हो रही थी.

अचानक ज़ाहिद बिस्तर से थोड़ा उपर उछला और गुप्प्प्प से शाज़िया की चूत के अंदर आधा लंड घुस गया.

अपनी बहन की कमर को ज़ाहिद ने अपने दोनो हाथों से कस के पकड़ रखा था.



ज़ाहिद ने अपनी बहन के बदन को नीचे की तरफ खैंचा. तो चूत पहले से गीली होने की वजह से ज़ाहिद का लंड फिसलता हुआ शाज़िया की चूत की गहराई में चला गया.

अपने भाई के लंड के पहले धक्के पर शाज़िया के मुँह सिसकारी निकली “आईईईईई…….ऊओीईएईई उफफफफ्फ़



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