वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete

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rajaarkey
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by rajaarkey »

ज़ाहिद की आवाज़ सुन कर रज़िया बीबी को भी अंदाज़ा हो गया था. कि जिस तरह उस की चूत को अपने जवान बेटे के लंड की तलब हो रही है. बिल्कुल उसी तरह ज़ाहिद का लंड भी अब अपनी अम्मी की फुद्दि के लिए मचल रहा है.


इसीलिए रज़िया बीबी ने जल्दी से अपनी गान्ड को हल्का सा उपर किया.तो ज़ाहिद के तने हुए लंड का मोटा टोपा रज़िया बीबी के फूले हुए फुद्दे के दरमियाँ अटक गया.

“हाईईईईईईईईईईईईई आज दोपहर जब मेने इस चूत को चोदा था. तो उस तक ये फुद्दि मेरी अम्मी की फुद्दि थी, लेकिन अब इस वक्त में जिस चूत को चोदने जा रहा हूँ, वो चूत मेरी अम्मी की नही, बल्कि मेरी अपनी बीवी रज़िया जान की है” अपनी अम्मी की चूत के होंठो पर अपने लंड की टोपी को फँसा हुआ पा कर ज़ाहिद ने अपनी अम्मी से कहा.

ये बात कहते वक्त ज़ाहिद अपनी किस्मत पर मुस्करा उठा और उस के लंड में पहले से ज़्यादा तर आ गई.

“हाईईईईईईईईईईईईईईई आज से कई साल पहले, इस फुद्दि से तुम्हे निकालते वक्त,मुझे क्या पता था, कि एक दिन मुझे ही अपने निकाह में ला कर, तुम खुद ही इस फुद्दि का मलिक बन जाओगे ज़ाहिद्द्द्द्दद्ड” रज़िया बीबी की प्यासी चूत के दरवाज़े पर ज़ाहिद ने ज्यों ही अपने लंड की बेल बजाई.

तो अपने जवान बेटे के सख़्त लंड के मोटे टोपे को अपनी फुद्दि के ऐन नीचे महसूस करते हुए गरम जोशी से ज़ाहिद को जवाब दिया.

इस के बाद ज़ाहिद के लंड को अपनी फुद्दि के छेद पर लगा कर रज़िया बीबी अपने जिस्म को ढीला छोड़ती हुई एक दम से नीचे होने लगी.

रज़िया बीबी की फुद्दि तो पहले ही पानी छोड़ छोड़ कर बुरी तरह से “पिच पिच” कर रही थी.

इसीलिए रज़िया बीबी ने जैसे ही अपने जिस्म को हल्का सा नीचे किया. तो उस की गीली फुद्दि के गुदाज होंठो को छेड़ते हुए ज़ाहिद के लंड ने भी अपनी अम्मी की चूत की दहलीज़ को बिल्कुल ऐसे ही अबॉर किया.

जिस तरह कुछ देर पहले रज़िया बीबी अपने बेटे के कमरे की दहलीज़ पर कर के अपने ही सगे बेटे की बीवी बनने उस के कमरे में दाखिल हुई थी.

ज्यों ही ज़ाहिद का लंड एक बार फिर अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे में एंटर हुआ.

तो अपनी बीवी माँ की चूत के सहन में आ कर ज़ाहिद का दूल्हा लंड झूम झूम कर लूडी डालते हुए अतिफ असलम का ये गाना गुन गुनाने लगा के “

“दहलीज़ पे तेरी चूत की
रखा है जो मेने अपना लंड
इस चूत से निकल के जानू
वापिस इसी में आ गये हम
है एना (चोदना) में एना
तुझे ही बस एना, मेरी बेगम”

ज़ाहिद अभी अपने दिमाग़ में ये गाना गुन गुना ही रहा था. कि इतने में ज़ाहिद के लंड पर बैठी हुई रज़िया बीबी ने अपने चूतड़ को पूरा उपर उठाया और फिर तेज़ी के साथ अपनी गान्ड को नीचे लाई.

तो ज़ाहिद का मोटा लंड अपनी दूसरी बीवी रज़िया बीबी की फुद्दि में फिसलता पूरा अंदर चला गया.

जब एक बार फिर ज़ाहिद का बड़ा लंड अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे में घुसा . तो ज़ाहिद की तरह रज़िया बीबी के ज़हन में भी एक गाने के बोल गूंजने लगे ,

“आई हो मेरी ज़िंदगी में तुम बहार बन के
मेरी चूत में यूँ ही रहना तुम यार यार बन के”
रज़िया बीबी की चूत तो इस से पहले सिर्फ़ और सिर्फ़ ज़ाहिद के मेरहूम अब्बू के ढीले और छोटे लंड की आदि थी. और रज़िया बीबी को वो लंड अपनी चूत में लिए हुए भी अब सदिया ही बीत चुकी थी.

इसीलिए आज एक बार फिर ज़ाहिद के जवान और तगड़े लंड को अपनी बूढ़ी फुद्दि में काबू करते ही रज़िया बीबी की गरम और बेचैन चूत में ठंड सी पड़ गई.

"ओह,सस्स्स्सीईई बहुत मस्त लौडा है तुम्हारा मेरे जानुउऊुुुुउउ, हाईईईईई तुम्हारे इस घोड़े जैसे लंड ने तो मेरी बरसों की प्यास बुझा दी हाईईईईईईईईईईई मेरे सरताज्जजज्ज्ज्ज्ज " ज्यों ही ज़ाहिद का लंड जड तक उस की बीवी रज़िया की चूत में समाया.तो अपने नये शोहर के लंड का स्वागत करते हुए रज़िया बीबी के मुँह से ये अल्फ़ाज़ निकल गये.

"उूउउफ्फ इस उमर में और इतने बच्चे पैदा करने के बाद भी, आप की चूत में इतनी गरम्म्म्ममममममममी है मेरी राजूऊऊऊऊ जानंणणन्” ज्यों ही रज़िया बीबी ने एक बार फिर अपने जवान बेटे के तगड़े लंड को अपने आगोश में निगला. तो अपनी बीवी की चूत की तपिश को अपने लंड पर महसूस कर के ज़ाहिद सिसकारा.
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by rajaarkey »

"हाआन्ं इस उमर में भी बहुत गर्मी है इस में, मेरी चूत की इस गर्मी को तुम्हारे अब्बू तो, मरते दम तक ठंडा नही कर सके, इसीलिए आज अपने अब्बू की जगह लेने के बाद,मेरे शोहर की हैसियत से अब ये तुम्हारा फ़र्ज़ बनता है कि मेरी चूत की इस गर्मी को तुम ही निकालो,और मेरी इज़्ज़त के रखवाले बन कर मेरी इज़्ज़त की धज्जियाँ उड़ा दो जान” अपने दूसरे शोहर ज़ाहिद को प्यार से मुखातिब करते हुए रज़िया बीबी ने अपनी गान्ड को हवा में उछाला. और फिर नीचे होते हुए कछक से अपने बेटे के लंड पर अपनी चूत दे मारी.

रज़िया बीबी की चूत जो कि ज़ाहिद के महरूम अब्बू से चुद चुद और बच्चे पे बच्चे पैदा कर कर के पूरी भोसडा बन चुकी थी.और इस के बावजूद कि ज़ाहिद इस से पहले भी आज दोपहर को अपनी अम्मी की कई सालों से अन्चुदि फुद्दि को चोद कर अपनी अम्मी की बेवा फुद्दि को अपने मोटे लंड से खोल चुका था.

लेकिन फिर भी जब रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के मोटे लंड को दुबारा अपनी चूत में लिया. और ज़ाहिद का मोटा लंड रज़िया बीबी की चूत की दीवारों से चिपक कर रगड़ता हुआ रज़िया बीबी की फुद्दि में गया.

तो लौडे की मोटाई की वजह से ज्यों ही नीचे से चूत का मुँह खुला.तो मज़े की काफियत में ज़ाहिद की बीवी रज़िया बीबी का अपना मुँह भी अपने आप ही खुलता चला गया.

अब रज़िया बीबी की चूत में उस के नये जवान शोहर का लौडा पूरी तरह ऐसे फिट हो गया था. जैसे ज़ाहिद का ये लौडा सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे के लिए ही बना हो.

अपनी प्यासी फुद्दि में अपने जवान शोहर के बड़े लंड को ले कर रज़िया बीबी की चूत ने अपना पानी रिलीस करना शुरू कर दिया.

जिस की वजह से रज़िया बीबी की चूत में जड तक धंसा हुआ ज़ाहिद का लंड पूरी तरह अपनी नई बीवी की फुद्दि के पानी से भीगने लगा था.

“हाईईईईईईई अपनी दूसरी बीवी की चूत के पानी से अपने लौडे को तर करवा के कैसा लग रहा है आप को ज़ाहिद जीिइईई” ज्यूँ ही रज़िया बीबी ने अपनी फुददी को ज़ाहिद के लंड पर अपना पानी छोड़ते हुए महसूस किया. तो मज़े की शिद्दत से रज़िया बीबी ज़ाहिद से रज़िया बीबी ने अपनी गान्ड को फिर उपर उछाला.

“हाईईईईईईईईईई तुम्हारी चूत के इस झड़ते पानी ने तो मुझे तुम्हारी फुद्दि का और दीवाना बना दिया है बेगम” रज़िया बीबी की बात के जवाब में ज़ाहिद ने नीचे अपनी अम्मी की फुद्दि में ज़ोर दार धक्का मारते हुए कहा.

इस के साथ ज़ाहिद ने एक दम से अपने हाथ पीछे से ला कर हवा में उछालती हुई अपनी अम्मी की भारी गान्ड और अपनी अम्मी की मोटी गुदाज रानों को नीचे से अपने हाथों में था.

इस तरह अपनी अम्मी की गुदाज रानों को अपने हाथों में काबू करते हुए ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की गान्ड को अपने लंड के उपर नीचे होने में मदद की.



तो रज़िया बीबी अपने शोहर बेटे के लौडे पर बैठ कर ऊपर नीचे होते हुए अपने जवान शोहर के सख़्त को अपनी फुद्दि में छोड़ कर फुल एंजाय करने लगी.

चूत के पानी से तर होने की वजह से ज़ाहिद का बड़ा लंड अब बहुत आराम और आसानी के सटा सॅट अपनी अम्मी की मोटी फुद्दि के अंदर बाहर हो रहा था.

एक तो जवान सख़्त लंड और उपर से चुदाई के नये अंदाज़ के इस हसीन मिलाप ने रज़िया बीबी के प्यासे वजूद को हवस के हिस्सार में इस तरह काबू किया था.

कि अपने बेटे के लंड पर बैठ रज़िया बीबी किसी मस्त मलन्ग की तरह बे सुध हो कर अपने शोहर जानू के लंड पर धमाल मचाने लगी थी.

ज़ाहिद के लंड को अपनी चूत से चोदने के दोरान रज़िया बीबी जोश में आ कर अब मस्ती से चलने भी लगी थी “ओह्ह ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड, बहुत्त्त्त्त्त्त्त्त मॅज़ा आ रहा है, इतने सालों के बाद मेरी चूत ठंडी हुई है, आह मारो अपनी बीवी की प्यासी चूत,उफफफफफ्फ़ चोदो मुझे याइ,मेरी ही चूत से निकले हुए मेरे शोहार्र्र्र्र्र्र्ररर”

ज़ाहिद के लंड पर धना ढन अपनी चूत मारती रज़िया बीबी के मुँह से तेज तेज सिसकारियाँ निकल रही थी. और वो अपनी गान्ड हवा में उठा उठा कर ज़ाहिद के लंड पर तेज तेज झटके मार रही थी.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई जिस तरह मेने शाज़िया की चूत में अपने लंड का पानी डाल कर अपनी ही बहन को पेट से कर दिया है, उसी तरह मेरी ख्वाहिश है कि आज तुम्हारी फुद्दि में भी अपने लंड का बीज डाल कर तुम्हारी गोद भी हरी कर दूं बेगम” ये बात कहते वक्त ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की रानों को छोड़ कर रज़िया बीबी की भारी गान्ड की मोटी मोटी पहाड़ियों को पीछे से अपने दोनो हाथों में कसा.



और अपनी गान्ड को बिस्तर से उठा कर अपने बड़े लंड को सीधा अपनी बीवी माँ की उस बच्चे दानी पर ठोकर मारते हुए बोला. जिस बच्चे दानी में कई साल पहले खुद ज़ाहिद ने खुद परवरिश पाई थी.
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Smoothdad
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by Smoothdad »

शानदार अपडेट।

अगली कड़ी के लिए उत्सुकता से प्रतीक्षा में . . .
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