वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete

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rajaarkey
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

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“आआहह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊओफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उईईईईईईइमाआआआआआआ भाईईईईईईईईईईईई आप तो बहुत ही बे सबरे हैं, मुझे कपड़े तो उतार लेने देते आप” अपने भाई की ज़ोर दार चुदाई की वजह से शाज़िया के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी.

“उफफफफफफफफ्फ़ शाज़िया,तुम इन कपड़ों में आज इतनी प्यारी लग रही थी,कि अगर मेरा बस चलता तो में तुम को ट्यूलिप में ही पकड़ कर चोद देता मेरी जान,मेरी बीवी”ज़ाहिद मज़ीद ज़ोर ज़ोर से झटके मारते हुए बोला.

“उफफफफफफफ्फ़ भाई मुझे एक मिनट के लिए अपनी कमीज़ और ज्यूयेल्री को उतारने का मोका तो दो ना” शाज़िया ने अपने हाथ को पीछे ले जा कर अपनी गान्ड से चिपके हुए अपने भाई ज़ाहिद को धक्का दिया. तो ज़ाहिद खुद ही अपनी बहन के जिस्म से पीछे हट गया.

ज़ाहिद के पीछे से हटते ही शाज़िया निढाल हो कर ड्रेसिंग टेबल पर गिर पड़ी और लंबे लंबे सांस लेने लगी.

शाज़िया से परे होते ही ज़ाहिद का लंड भी उस की बहन की फुद्दि से स्लिप हो कर बाहर तो निकल आया था. मगर कमीज़ पहने होने की वजह से रज़िया बीबी अभी तक अपने बेटे का लंड देखने से महरूम थी.

शाज़िया के जिस्म से अलग होते ही ज़ाहिद अपने बिस्तर की तरह चल पड़ा और बिस्तर तक पहुँचते पहुँचते ज़ाहिद ने अपनी कमीज़ उतार कर कमरे के फर्श पर फैंक दी.

ज़ाहिद के कमीज़ उतारते ही कमरे की ट्यूब लाइट की रोशनी में उस का लंड बाहर से झाँकती हुई उस की अम्मी रज़िया बीबी के सामने नुमाया हो गया.

ज़ाहिद का लंड इस वक्त एक खंबे की तरह तन कर ऊपर की तरह खड़ा था.

शाज़िया की फुद्दि के सफेद पानी से ज़ाहिद का लंड इस वक्त इतना तर हो चुका था.कि ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी कमीज़ उतार कर बिस्तर की तरफ दो कदम बढ़ाए. तो उस के लंड पर लगा हुआ उस की बहन की चूत का पानी बारिश की बूँदों की तरह “टॅप टॅप” करता कमरे के फर्श पर गिरने लगा था.

अपनी जवानी में चुदाई के दौरान रज़िया बीबी की चूत भी गरम हो कर बहुत पानी छोड़ती थी.

इसीलिए अपने बेटे के लंड पर लगे हुए अपनी ही सग़ी बेटी के पानी की मिक्चर देख कर रज़िया बीबी को अंदाज़ा हुआ. कि उस की तरह उस की बेटी शाज़िया की चूत से निकलने वाला पानी भी बहुत ज़्यादा और गाढ़ा (थिक) है.

जो कि इस बात की निशानी थी. कि अपनी अम्मी की तरह शाज़िया की चूत में भी बहुत ज़्यादा आग मौजूद है.

“उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्याआअ मोटा ताज़ा लंड है मेरे बेटे का, वैसे मेरे बेटे का ये बड़ा ही लंड सही मायनो में मेरी बेटी की गरम और प्यासी चूत का हक दार हाईईईईईईईई” अपनी ही बेटी की चूत के पानी से भीगे हुए अपने सगे बेटे के लंड का साइज़ देख कर रज़िया बीबी के बदन में एक सुर्राहट हुई. और उस का अपना एक हाथ खुद ब खुद आगे बढ़ता हुआ शलवार के ऊपर से उस की फुद्दि तक जा पहुँचा.

“ओह” अपनी फुद्दि पर अपना हाथ रखते ही रज़िया बीबी ने सिसकारी ली और उस ने अपने होंठो को आपस में भींच लिया. ताकि उस के मुँह से निकलने वाली सिसकारी को अंदर कमरे में माजूद ज़ाहिद या शाजिया कहीं सुन ना ले.

पहले अपने बेटे को अपनी ही बहन की चुदाई करते देख कर और अब अपने बेटे का जवान और मोटा ताज़ा बड़ा लंड पूरा नंगा देख कर रज़िया बीबी की चूत में अपने ही बेटे के लंड की तलब जाग उठी. और वो ज़ाहिद के लंड को भूकि नज़रों से देखती आहिस्ता आहिस्ता अपनी चूत को शलवार के ऊपर से रगड़ने लगी.

इधर कमरे के बाहर खड़ी रज़िया बीबी ने ज्यों ही अपनी चूत रगड़ाई का खेल स्टार्ट किया.

तो दूसरी तरफ इतनी देर में ज़ाहिद ने अपने बिस्तर पर लेट कर अपने जिस्म पर एक चादर ओढ़ ली.और वो बिस्तर पर लेट कर ड्रेसिंग टेबल कर सामने खड़ी हुई शाज़िया को अपनी ज्वेलरी और मेक अप को उतारते देखने लगा.

“जल्दी कर शाज़िया, मुझ से अब और बर्दास्त नही हो रहा, मेने आज तुम्हें पूरी रात चोदना है मेरी जान” ज़ाहिद से जब मज़ीद इंतिज़ार ना हुआ. तो उस ने बिस्तर की चादर हटा कर अपनी बहन की चूत के पानी से तर लंड को फिर से अपनी बहन के सामने करते हुए कहा.



“अच्छा बाबा आ रही हूँ, वैसे आप ने तो अभी से मेरा बुरा हाल कर दिया है, रात भर में तो पता नही आप मेरा क्या हाल करोगे भाई” शाज़िया ने बिस्तर पर लेटे हुए अपने भाई की तरफ देखा और बोली.साथ ही साथ ये कहते हुए शाज़िया ने अपनी कमीज़ उतारी और आहिस्ता आहिस्ता चलती हुई बिस्तर पर लेटे हुए अपने भाई की तरफ चली गई.

“अऊूऊ और आ कर अपने इस असली शोहर को प्यार करो मेरी जान” ज्यों ही शाज़िया अपने भाई के बिस्तर के पास आई. तो ज़ाहिद ने अपने खड़े हुए लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा.

“उफफफफफफ्फ़ भाई मैं तो खुद अपनी चूत के इस असली मालिक को प्यार करने के लिए तरस रही हूँ” शाज़िया ने अपने भाई के मोटे लंड को जो उसके हाथ में था देखा और सिसक कर बोली.

फिर रज़िया बीबी के देखते ही देखते शाज़िया ने अपनी ही चूत के पानी से तर अपने भाई के बड़े लंड को अपने मुँह में लिया. और बहुत मज़े से अपने भाई के लंड पर लगी हुई अपनी ही मनी को अपनी ज़ुबान से चाट चाट कर सॉफ करने लगी.


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शाज़िया अपने भाई के लंड को अपने मुँह में अंदर बाहर कर रही थी. मगर ज़ाहिद का लंड इतना बड़ा और मोटा था.कि कोशिस के बावजूद ज़ाहिद का लंड शाज़िया के मुँह में पूरा नही जा रहा था.

रज़िया बीबी ने जब कमरे के अंदर अपनी बेटी को यूँ अपने ही बेटे के लंड को अपने मुँह में भर कर उसे किसी लॉली पोप की तरह चूस्ते देखा. तो बाहर खड़ी हुई रज़िया बीबी की फुद्दि में लगी आग एक दम भड़क उठी.

रज़िया बीबी ने जोश में आते हुए अपनी शलवार का नाडा खोला. तो उस की शलवार जिस्म से अलग हो कर नीचे फर्श पर गिर गई.

“हाईईईईईईईईईई में कबब्ब्बबब अपने बेटे के इस मोटे लंड को अपने मुँह में भर कर इसे यूँ प्यार कर पाऊँ गीईईईईइ” अपनी शलवार को उतरते ही रज़िया बीबी ने एक दम से अपने हाथ की एक उंगली को अपनी चूत के अंदर डाला और ही उंगली से अपनी चूत को चोदने लगी.

)

उधर शाज़िया अपने भाई के लंड को इतने प्यार और जोश से चूस रही थी. कि मज़े के मारे ज़ाहिद की सिसकियाँ पूरे कमरे में फैल रही थी.“आआहह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उऊहह ओह ऊओफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ फ आआआआआआहह”.

“अब मेरे लंड को सक करना बंद करो और आ कर मेरे लंड पर बैठ जाओ मेरी जान” थोड़ी देर अपनी बहन से अपने लंड की चुसाइ लगवाने के बाद ज़ाहिद ने शाज़िया को रुकने का कहा.

अपने भाई की बात सुन कर शाज़िया ने ज़ाहिद के लंड को अपने मुँह से निकाला. और फिर बिस्तर पर लेटे हुए अपने भाई के जिस्म पर चढ़ कर बैठ गई.

शाज़िया के इस तरह बैठने से ज़ाहिद का लंड नीचे से अपनी बहन की चुतड़ों से टकराया.

शाज़िया की चूत ज़ाहिद के लंड से चुद चुद कर अपने भाई के लंड से इतनी आशना हो चुकी थी. कि “खुल जा सिम सिम” वाले मंतर की तरह शाज़िया की चूत का मुँह अपने आप अपने भाई के लंड के लिए खुलता चला गया.



ज़ाहिद ने बिस्तर पर लेटे लेटे अपने जिस्म को नीचे से ऊपर की तरह एक हल्का सा दिखा दिया. तो उस का मोटा लंड बहुत आसानी के साथ अपनी बहन की प्यासी फुद्दि के मुँह को खोलता हुआ अंदर जा कर फँस गया.

ज़ाहिद ने अपनी बहन की चूत में नीचे से लंड डाल कर अपने लंड को हल्का सा बाहर खैंचा और फिर तेज धक्का दिया.

“हाइयाय भाईईईईईईईईईईईईई,मार डालोगे क्या,आज ही सब करना है ? उफफफफफफफफफ्फ़ “शाज़िया अपने भाई के जबर्जस्त धक्के से उछल पड़ी.

अपनी बहन की फुद्दि में अपना लंड डाल कर ज़ाहिद नीचे से अपनी बहन की चूत में झटके मारने लगा.

“ऊवू क्यों करू मेरी जान तुम्हारे इस खूबसूरत बदन और तुम्हारी प्यासी चूत ने तो मुझे पागल कर के रख दिया हाईईईईईईईईईई” ज़ाहिद ने हल्के से लंड को थोड़ा बाहर खींचा और फिर ज़ोर से अपनी बहन की चूत में अपना लंड घुसा दिया.

ज़ाहिद ज़ोर और जोश से अपनी बहन की चूत मारने लगा. उस के झटके इतने ज़ोरदार थे. कि इन झटकों की वजह से अपने भाई के लंड पर बैठी शाज़िया अब ज़ाहिद के लंड पर काफ़ी ऊँचा उछल रही थी. और साथ ही साथ अपने मुँह से ”अया,ऊहह, उूुुउऊफ़, आहिस्ताआआ” की आवाज़े निकाल रही थी.

इस तरह पानी भाई के लंड पर उछलने की वजह से शाज़िया के फुट बॉल जैसे बड़े बड़े मम्मे इस बुरी तरहा से हिल रहे थे.

जो कि बाहर से अपने बच्चो की चुदाई का नज़ारा देखने वाली उन्हे उन की अम्मी रज़िया बीबी को बहुत अच्छे लग रहे थे.

रज़िया बीबी अपनी ज़िंदगी में पहली बार कोई लाइव चुदाई देख रही थी. और इस चुदाई में मसरूफ़ इंसान कोई और नही बल्कि उस के अपने सगे बेटा और बेटी थे. जो ज़ोर दार तरीके से कमरे के बिस्तर पर अपनी चुदाई में मसगूल थे.

अपने बच्चो की इस मज़ेदार चुदाई को देख कर रज़िया बीबी भी जोश में आते हुए अपनी चूत को रगड़ रही थी. और अपने सगे बेटा और बेटी की चुदाई के लाइव शो से पूरी तरह मदहोश हो रही थी.

“ओह ज़ाहिद मुझे कब अपने इस जवान लंड की सवारी का मोका दोगे मेरे बच्चेययययययी”अपनी बेटी को अपने बेटे के लंड पर बैठ कर इस तरह मज़े से चुदवाते देखते हुए रज़िया बीबी दिल भी ये चाह रहा था. के काश वो भी इसी तरह अपने बेटे ज़ाहिद के लंड पर बैठ कर उस से अपनी गरम फुद्दि को चुदवाये.

रज़िया बीबी की नज़रें अपने बेटे के लंड पर जमी थी. और वो शाज़िया की चूत में जाते हुए अपने बेटे के मोटे और तगड़े लंड से ताल से ताल मिला कर अपनी फुद्दि को भी अब उसी तेज़ी से रगड़ रही थी. जिस तेज़ी से ज़ाहिद अपनी बहन की चूत में अपना लंड पेल रहा था.

शाज़िया की चुदाई करते हुए ज़ाहिद को अब काफ़ी देर हो चुकी थी. और इस दौरान शाज़िया अपने भाई के लंड पर दो दफ़ा बार फारिग हो चुकी थी. मगर ज़ाहिद ने अभी तक एक दफ़ा भी अपने लंड का पानी नही छोड़ा था.

फिर कुछ देर और तेज़ी से झटके मारते हुए ज़ाहिद एक दम चीखा“ओह में अपने बच्चे का बीज तुम्हारी फुद्दि में डालने जा रहा हूँ मेरी बहन”.

ये कहते ज़ाहिद ने अपने पूरे लंड को जड तक शाज़िया की चूत की गहराई में डाल कर उस की कमर को कस कर जकड लिया.

ज़ाहिद के लंड से उस के वीर्य का फव्वारा छूटा तो शाज़िया की चूत में एक सैलाब आ गया.

ज़ाहिद के लंड की पिचकारी की गरमी इतनी शदीद थी.कि इस गर्मी की वजह से शाज़िया की चूत में एक आग सी लग गई और वो एक बार फिर अपने भाई के लंड पर अपनी चूत का पानी खारिज करने लगी.

दोनो बहन भाई के लंड और चूत का पानी आपस में मिक्स हो कर शाज़िया की चूत से निकल कर ज़ाहिद की टाँगों के दरमियाँ से बहता हुआ बिस्तर की चादर पर टपकने लगा था.

अपने बेटा और बेटी की इस गरम चुदाई को देख कर रज़िया बीबी भी मज़े से बे हाल हो गई. और उस ने भी अपनी चूत को रगड़ते हुए अपने बच्चो के साथ साथ अपने हाथ से अपनी चूत का पानी निकाल दिया.
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आज रज़िया बीबी की चूत ने इतना पानी छोड़ा कि उस की अपने हाथ की उंगलियाँ भी अपनी ही चूत के पानी से भीग गईं.

ज्यों ही कमरे में ज़ाहिद और शाज़िया की चुदाई का खेल अपनी मंज़िल पर पहुँचा. तो कमरे के बाहर खड़ी रज़िया बीबी को भी एक दम जैसे होश आ गया.

रज़िया बीबी को फॉरन अहसास हुआ कि अपनी चूत में उंगलियाँ डाले आधी नंगी अपने बच्चो के कमरे के बाहर खड़ी है.और अगर ज़ाहिद या शाज़िया एक दम से अपने कमरे से बाहर निकल आए. तो रज़िया बीबी की चोरी पकड़ी जाएगी.

ये बात ज़हन में आते ही रज़िया बीबी एक दम घबरा गई. रज़िया बीबी ने एक दम से फर्श पर पड़ी अपनी शलवार उठाई और तेज कदमों के साथ चलती अपने कमरे में चली आई.

अपने कमरे में आते ही उस ने अपने दरवाज़े की कुण्डी लगाई और फिर अपनी कमीज़ भी उतार कर अपने बिस्तर पर लेट गई.

रज़िया बीबी ने अपनी आँखे बंद कीं और कुछ देर पहली होने वाले वाकये को सोचने लगी.कि कैसे आज उस ने अपने ही बेटे को अपनी सग़ी बहन की गरम और जवान चूत को चोदते पहली बार देखा था.

रज़िया बीबी की चूत एक दफ़ा फारिग होने के बावजूद अभी भी पूरी तरह से गरम और बे चैन थी.

इसीलिए अपनी आँखे बंद कर के बिस्तर की बॅक से टेक लगा कर अपने बच्चो की चुदाई के मस्त शो के बारे में सोचते हुए रज़िया बीबी का हाथ फिर से खुद ब खुद ही अपनी नंगी चूत की तरफ बढ़ गया.और उस ने अपनी चूत पर हाथ लेजा कर अपनी फुद्दि को फिर से आहिस्ता आहिस्ता सहलाना शुरू कर दिया.

“उफ़्फुऊऊुुुउउ कितना मोटा लंड है ना मेरे बेटे का,हाईईईईई ज़ाहिद का लंड किस तरह से फँस फँस कर जा रहा था मेरी बेटी शाज़िया की प्यासी चूत के अंदर, आआआआआआआहह” अपनी चूत की दाने को सहलाती और आहिस्ता आहिस्ता अपनी फुद्दि में अपने हाथ की उंगलियाँ घुमाते हुए रज़िया बीबी की बंद आँखों में इस वक्त वो ही मंज़र दौड़ रहा था.



जब शाज़िया अपने भाई के तने हुए मोटे लंड पर बैठ कर मज़े से उपेर नीचे हो रही थी.

“वैसे ये सब ज़ाहिद की वजह से ही हुआ है, उसी ने मुझे हिम्मत और मोका दिया ,कि में अपनी खुली आँखों से देख सकूँ कि कैसे एक इंसान अपनी जिन्सी भूक के हाथों मजबूर हो कर अपने ही खून के सगे रिश्ते के साथ अपने ताल्लुक़ात कायम करने पर तूल जाता है,मुझे ही अपने बेटे का शुक्र गुज़ार होना चाहिए जिस ने मुझे ज़िंदगी के इस रुख़ का नज़ारा करवाया है”रज़िया बीबी इस सोच में डुबी हुई थी.जब कि उस की उंगली उस की अपनी चूत को आहिस्ता आहिस्ता सहला रही थी.

“हाईईईईईईईईईईईईई ज़ाहिद तुम को अपनी दो साल से तलाक़ याफ़्ता बहन की प्यासी चूत का तो इतना अहसास है, मगर मेरी फुद्दि का कुछ ख्याल नही जो शाज़िया से ज़्यादा गरम और प्यासी है, अपनी बहन की फुद्दि में तो हर रोज़ लंड डाल कर उसे अपने लंड के पानी से भरते हो,मेरी सदियों से खुश्क फुद्दि को, कब अपने लंड के पानी से सरोबार करो गे,मेरी फुद्दि तुम्हारे लंड की ज़्यादा हॅक दार है मेरे बच्चेययययययी” रज़िया अपनी लज़्ज़त की दुनिया में डूब कर अपनी फुद्दि से खेल रही थी. और अपनी फुद्दि से खेलते खेलते पहले की तरह रज़िया बीबी की फुद्दि ने अपने बेटे ज़ाहिद के नाम का पानी अपनी चूत से फिर रिलीज़ कर दिया.

दूसरे दिन रज़िया भी जब सो कर उठी. तो एक ही रात में दो दफ़ा अपनी चूत का पानी निकालने के बाद आज उस की तबीयत बहुत ही अच्छी थी.

इसीलिए रज़िया बीबी जल्दी से उठी और अपने कपड़े पहन कर आज फिर सुबह सुबह अपने बच्चो ज़ाहिद और शाज़िया के कमरे का दरवाज़ा खट खटाने लगी.

अंदर कमरे में दोनो बहन भाई पूरे नंगे एक दूसरे की बाहों अभी तक सो रहे थे.

दरवाज़े पर दुस्तक सुन कर ज़ाहिद ने और शाज़िया समझ गये कि आज भी उन की अम्मी उस को सुबह सुबह उठाने चली आई हैं. इसीलिए जल्दी से अपने कपड़े पहन कर शाज़िया ने दरवाज़ा खोल दिया.



ज़ाहिद और शाज़िया के अंदाज़े के ऐन मुताबिक उन की अम्मी उन के सामने खड़ी थी.

“शाज़िया आज से तुम आ कर अपना घर और किचन संभाल लो,क्यों कि अब इस घर की बहू होने के नाते तुम इस घर की मालकिन हो अब मेरी बच्ची” ज्यों ही शाज़िया ने दरवाज़ा खोला तो रज़िया बीबी ने अपनी बेटी से कहा.

अपनी अम्मी के मुँह से बहू और घर की मालकिन के अल्फ़ाज़ सुन कर शाज़िया शरमा गई.

“शाज़िया जब में तुम्हें अपने ही सगे भाई की बीवी बन कर उस के साथ सोने की इजाज़त दे चुकी हूँ तो अब तो तुम ये शरम वरम छोड़ दो मेरी बच्ची” रज़िया बीबी ने जब अपनी बेटी के चेहरे को शरम से लाल होते देखा. तो उस ने शफकत से अपनी बेटी के सर पर अपना हाथ फेरते हुए कहा.

“अच्छा अम्मी में अभी किचन में जा कर सब काम संभालती हूँ” शाज़िया अपनी अम्मी के प्यार भरे अंदाज़ को देख कर खुस हुई.और फिर वो अपनी अम्मी को कमरे में ही छोड़ कर खुद किचन की तरफ चली गई.

शाज़िया के जाने के बाद रज़िया बीबी ने अपने बेटे की तरफ देखा. जो कि इस वक्त अपना तोलिया उठाए बाथरूम में नहाने जा रहा था.

रज़िया बीबी ने गौर किया कि शाज़िया के विपरीत ज़ाहिद को रवईया अपनी अम्मी के सामने बिल्कुल ऐसे ही था.कि जैसे वाकई ही ज़ाहिद अपनी सग़ी बहन को नही, बल्कि किसी आम लड़की को अपनी बीवी और अपनी अम्मी की बहू बना कर इस घर में लाया हो.

अपने बेटे पर नज़रें जमाते ही रज़िया बीबी की आँखों के सामने ज़ाहिद का खड़ा हुआ लंड फिर से घूम गया. और उस की चूत नीचे से फिर गीली होने लगी.
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