वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete
- rajaarkey
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
“अगर आप हम दोनो माँ बेटी को बीवियाँ बना कर, सारी उमर हम से अपनी सेवा करवाना चाहते हैं ,तो आप को भी ये वादा करना हो गा, कि सारी ज़िंदगी हमारी फुद्दियो की आग को अपने इस मोटे लंड से ठंडा करने में कोई कसर नही उठा रखेंगे आप” ये बात कहते हुए शाज़िया ने ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने हाथ में लिया. और अपने भाई के होंठो को चूमती हुई ज़ाहिद के लंड की मूठ लगाने लगी.
“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई में वादा करता हूँ कि में तुम दोनो बीवियों को चोद चोद कर तुम्हारी इन फुद्दियो को फुद्दा बना दूँगा मेरी जानंननननणणन्” अपनी बहन शाज़िया की बात का जवाब देते हुए ज़ाहिद बोला.
जैसे ही ज़ाहिद ने के मुँह से ये बात निकली.तो ज़ाहिद का गरम जवाब सुन कर दोनो माँ बेटी एक साथ खिल खिला कर हँसने लगी.
“अच्छा आप लोग अपनी मस्ती जारी रखो,में सब के लिए नाश्ता बना कर लाती हूँ” कुछ देर मज़ीद अपने जानू भाई की बाहों में सकून से लेटने के बाद शाज़िया उठी. और ज़ाहिद की अलमारी से अपने कपड़े निकाल कर पहनने के बाद किचिन में जा कर नये शादी शुदा जोड़े के लिए नाश्ता बनाने लगी.
नाश्ता ले कर शाज़िया जब वापिस अपने भाई के कमरे में आई. तो देखा कि इतनी देर में ना सिर्फ़ रज़िया बीबी अपने हाथ मुँह धो कर अपने कपड़े पहन चुकी थी.
बल्कि ज़ाहिद भी नहाने से फारिग हो कर अपनी पोलीस यूनिफॉर्म पहने ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार भी हो चुका था.
“आज तो आप का वालिमा है और आप अपनी नई नवेली दुल्हन को यूँ बिस्तर पर अकेला छोड़ कर खुद ड्यूटी पर जा रहे है, दिसईज़ नोट फेर ज़ाहिद” अपने भाई को यूँ जॉब पर जाने की लिए तैयार पा कर शाज़िया ने ज़ाहिद से शिकवा किया.
“ दिल तो मेरा नही चाह रहा, मगर एसएचओ का फोन आ गया है और उस ने फॉरन थाने आने का बोला है,वैसे भी वो कहते है ना कि ,नोकरी की ते नखरा की, इसीलिए ना चाहते हुए भी अब जाना तो पड़े गा ना” ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया की बात का जवाब दिया.
“अच्छा जैसे आप की मर्ज़ी” कहते हुए शाज़िया ने कमरे की टेबल पर नाश्ते के बर्तन रखे. और फिर घर के तीनों अफराद ने मिल कर एक साथ नाश्ता किया.
“मुझे देर हो रही है,इसीलिए में अब चलता हूँ” ज्यों ही ज़ाहिद नाश्ते से फारिग हुआ. तो वो ये बात कहते हुए कुर्सी से उठ कर कमरे से बाहर निकल गया.
“आप इधर बैठी क्या कर रही हैं अम्मी,जाइए और अपने शोहर को दरवाज़े तक खुदा हाफ़िज़ करिए”ज़ाहिद के कमरे से निकलने के बाद जब शाज़िया ने अपनी अम्मी को बिस्तर पर बैठे देखा तो वो फॉरन बोली.
“मुझ से ये सब चोंचले नही होंगे शाज़िया, में तो तुम्हारे मेरहूम अब्बू को ड्यूटी पर जाते वक्त कभी दरवाज़े तक छोड़ने नही गई थी,तो ज़ाहिद क्या चीज़ है भला” अपनी बेटी की बात सुन कर रज़िया बीबी हँसते हुए बोली.
“हाईईईईईईईईईईईईई जवान लंड लेने के लिए ये सब चोंचले करने पड़ते हैं ,चलो उठो और जा कर अपने साजन के होंठो को चूमो ,और उस के मोटे सख़्त लंड पर अपनी गरम फुद्दि को रगड़ कर, एक अच्छी बीवी की तरह अपने सैयाँ को रुखसत करो” शाज़िया ने अपनी अम्मी को उसी तरह समझाया. जिस तरह ज़ाहिद और शाज़िया की सुहाग रात को रज़िया बीबी ने अपनी बेटी को समझाया था.
“अच्छा अगर तुम कहती हो तो चली जाती हूँ” अपनी बेटी की ज़िद के आगे हार मानते हुए रज़िया बीबी ना चाहते हुए भी बिस्तर से उठ कर सहन में चली आई.
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- Kamini
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
mast update
- kunal
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
बहुत मस्त कहानी है अगले अपडेट का इंतज़ार रहेगा ?
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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- mastram
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
मस्त अपडेट है मित्र
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
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