वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete

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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by rajaarkey »

mastram wrote: 20 Sep 2017 13:56 bhai masti ka khajana hai is kahani men
Smoothdad wrote: 21 Sep 2017 20:45 शानदार अपडेट।

अगली कड़ी के लिए उत्सुकता से प्रतीक्षा में . . .
mastram wrote: 22 Sep 2017 12:02 super hot update

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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by rajaarkey »

बात कहते वक्त ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की रानों को छोड़ कर रज़िया बीबी की भारी गान्ड की मोटी मोटी पहाड़ियों को पीछे से अपने दोनो हाथों में कसा.



और अपनी गान्ड को बिस्तर से उठा कर अपने बड़े लंड को सीधा अपनी बीवी माँ की उस बच्चे दानी पर ठोकर मारते हुए बोला. जिस बच्चे दानी में कई साल पहले खुद ज़ाहिद ने खुद परवरिश पाई थी.
“हाईईईईईईईईईईईईईईई तुम्हारे इस बड़े लंड से चुदवाने के बाद, दिल तो मेरा भी बहुत करता है, कि शाज़िया की तरह में भी तुम्हारे बच्चो की माँ बनू, मगर उमर के इस हिस्से में,मेरे मेन्सस (पीरियड्स) बंद हो जाने के बाद, अब ये मुमकिन नही है जानुउऊ” ज़ाहिद के मुँह से निकलने वाली फरमाइश के साथ साथ अपनी बंद बच्चे दानी के दरवाज़े पर अपने बेटे ज़ाहिद के लंड की ठोकरों को महसूस कर के रज़िया बीबी की चूत पहले से ज़्यादा मचल उठी. और उस ने ज़ोर से अपनी चूत में ज़ाहिद के मोटे लंड को कसते हुए जवाब दिया.

अब कमरे में ये हालत थी. ज़ाहिद का कॅचा कच करता हुआ लौडा उस के जिस्म पर बैठी हुई रज़िया बीबी की चूत में तेज़ी के साथ आ जा रहा था.

जब कि रज़िया बीबी अपनी मोटी मोटी गान्ड ज़ाहिद के लंड पर तेज़ी के साथ उछाल उछाल कर अपने जवान बेटे से अपनी चूत की प्यास भुजवा रही थी. और दोनो माँ बेटे के जिस्म चुदाई की गरम जोशी की वजह से पसीना पसीना हो रहे थे.

कुछ देर मज़ीद अपने बेटे के लंड को इस अंदाज़ में एंजाय करने के बाद रज़िया बीबी ज़ाहिद के लंड से उठी. और बिस्तर पर लेटे ज़ाहिद के बराबर आ कर घोड़ी बनते हुए बिस्तर पर ओन्धे मुँह लेट गई.

बिस्तर पर घोड़ी बन कर लेटते ही रज़िया बीबी ने अपने साथ लेटे ज़ाहिद की आँखों में देखा और बोली “में अब आप से घोड़ी के अंदाज़ में अपनी चूत मरवाना चाहती हूँ ज़ाहिद”

घोड़ी बन कर बिस्तर पर इस तरह लेटने से रज़िया बीबी की गान्ड मजीद छोड़ी और फैल कर की उपर की तरफ उठ गई. जिस की वजह से पीछे से रज़िया बीबी की चूत बाहर को निकल आई.

“हाईईईईईईईईईई आज किस किस अंदाज़ में चुदवाने का इरादा है मेरी जान” ज़ाहिद ने जब अपनी अम्मी की बात सुनी तो एक दम बिस्तर से उठ कर अपनी अम्मी के पीछे आया. और पीछे से अपनी अम्मी की कमर पर झुकते हुए,अपनी अम्मी की पीठ पर अपनी गरम ज़ुबान रख कर रज़िया बीबी की मुलायम पीठ को अपनी लंभी ज़ुबान से चाटने लगा.

“ओह ज़ाहिद्द्द्द्दद्ड मेरी जानंणणन्” ज्यों ही ज़ाहिद की गरम ज़ुबान रज़िया बीबी की गोश्त से भरी पीठ से टकराई. तो रज़िया बीबी सिसकारने लगी.

घोड़ी बनी रज़िया बीबी के जिस्म पर इस तरह पीछे से झुक कर लेटने से ज़ाहिद का लंड अब उस की अम्मी की रानों में से होता हुआ रज़िया बीबी चूत के उपर आन टकराया.

ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की गान्ड को अपने हाथ में थामा. और अपने जवान सख़्त लंड को अपनी अम्मी की चौड़ी गान्ड में फँसा कर हल्के हल्के धक्के मारने लगा.

“हाईईईईईईईईईईईई क्यों सताते हो मुझे ,अब अपनी बीवी की चूत में डाल भी दो ना अपना लंड, मेरे दूल्हे रजाआाआ” ज़ाहिद के लंड की मोटी टोपी एक बार फिर अपनी चूत से छूते ही रज़िया बीबी के मुँह से सिसकी निकली.

इस के साथ ही रज़िया बीबी अपने हाथ को अपनी टाँगों के दरमियाँ लाई. और पीछे से अपनी टाँगों के दरमियाँ झूलते हुए ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी फुद्दि के लबों के दरमियाँ रख दिया.

ज़ाहिद के लंड को अपनी चूत के मुँह पर रखते ही रज़िया बीबी ने अपनी गान्ड को पीछे खड़े ज़ाहिद की तरफ धक्का दिया. तो ज़ाहिद का लंड एक झटके में अपने सामने घोड़ी बनी हुई उस की अम्मी रज़िया बीबी की चूत में फिर से फिसलता चला गया.

“हाईईईईईईईईईईई फाड़ डालो अपनी गरमम्म बीवी की चूत कूऊऊऊ” ज़ाहिद के लंड को अपने अंदर जज़ब करते ही रज़िया बीबी ने अपनी भारी गान्ड को आगे पीछे हिलाना शुरू किया.

और अपने मुँह से एक बार फिर “अहह ओह” की आवाज़ियाँ निकालने लगी.

दूसरी तरह ज़ाहिद ने एक बार फिर अपनी अम्मी की चूत में पीछे से अपना लंड डालने के बाद अपनी गान्ड को हल्के से पीछे किया.

तो रज़िया बीबी की चूत के पानी से भीगा हुआ ज़ाहिद का लंड उस की अम्मी की चूत से आधे से ज़्यादा बाहर निकल आया.



“उफफफफफफफफ्फ़ मेरा लंड तो तुम्हारी चूत के सफेद पानी से भीगा होने की वजह से ऐसे चमक रहा है,जैसे किसी अंधेरे कमरे में पड़ा हुआ हीरा (डाइमंड) चमकता है रज़िय्ाआआआअ जान” अपनी अम्मी की चूत के पानी से भरे हुए अपने लंड को देख कर ज़ाहिद जोश में आया. और अपनी अम्मी की गान्ड की उपर उठी हुई पहाड़ियों को अपने हाथों में मज़बूती से जकड़ते हुए बोला.

“हाईईईईईईईईई जब मेरा अपना सगा बेटा, आज मेरे शोहर की हैसियत से मेरी फुद्दि में अपना लंड डाले गा, तो एक गरम बीवी की हैसियत से मेरी फुद्दि अपना पानी तो छोड़ेगी ही ना, मेरी चूत के मलिक” ज़ाहिद की बात का जवब देते हुए रज़िया बीबी अपनी गान्ड को पीछे की तरफ हिला हिला कर अपने बेटे के लंड को मज़ीद अपनी चूत के अंदर समेटने की कोशिस करने लगी.

अब कमरे में ये आलम था. कि ज़ाहिद घोड़ी बनी अपनी अम्मी रज़िया बीबी की गान्ड की पहाड़ियों को अपने हाथ में थाम कर पीछे से अपनी अम्मी की चूत को ज़ोर दार तरीके से चोद रहा था.

चुदाई के इस अंदाज़ में ज़ाहिद अपने लंड को अपनी अम्मी की चूत से उस वक्त तक बाहर निकालता. जब तक ज़ाहिद के लंड की मोटी टोपी उस की अम्मी की चूत के होंठो के दरमियाँ बाकी रह जाती.

इस के बाद ज़ाहिद पीछे से अपनी गान्ड उठा कर एक ज़ोर दार धक्का मारता. तो ज़ाहिद का लंड सरकता हुआ जड़ तक उस की अम्मी के फुद्दे में घुस जाता.

उधर दूसरी तरह रज़िया बीबी भी उसी जोश और वलवाले से अपनी गान्ड को पीछे ला कर अपने बेटे के जवान लंड से अपनी प्यासी चूत का मिलाप करवा रही थी.

और दोनो माँ बेटे के इस लंड चूत मिलन की वजह से पेदा होने वाली “थॅप थॅप” और हााआ,ओह” ने कमरे के माहौल को पूरा रंगीन बना दिया था. जब कि दोनो माँ बेटा के धक्कों से बिस्तर पूरा हिलने लगा था.
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थोड़ी देर अपने बेटे से अपनी चूत चुदवाने के बाद रज़िया बीबी ने थोड़ा आगे हो कर अपनी टाँगों को मज़ीद चौड़ा किया.

तो पीछे से अपनी अम्मी की चूत में लंड पेलते ज़ाहिद की नज़र फिर से अपनी अम्मी की कंवारी गान्ड के ब्राउन सुराख पर पड़ी.

“हाईईईईईईईईईईईईईईई शाज़िया की तरह अम्मी की गान्ड भी कंवारी है, मगर मुझे नही लगता कि अम्मी मुझे अपनी ये गान्ड चोदने का मोका कभी देगीं” अपनी अम्मी की गान्ड की मोरी को अपने एक हाथ से थोड़ा खोल कर ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की अन चुदि गान्ड को प्यार से देखा.



तो उस के दिल में ख्याल आया.और इस ख्याल के जेहन में आते ही ज़ाहिद का दिल बुझ सा गया.

उधर दूसरी तरफ रज़िया बीबी बे शक ओन्धे मुँह बिस्तर पर लेट कर अपने बेटे ज़ाहिद से अपनी प्यासी चूत की तसल्ली करवा रही थी.

मगर घोड़ी बन कर बिस्तर पर पड़े होने के बावजूद रज़िया बीबी ने अपनी गान्ड की कंवारी मोरी पर अपने बेटे के गरम हाथ की सख्ती और ज़ाहिद की तपती निगाहों की गरमी को बहुत अच्छी तरह महसूस कर लिया था.

“अब वक्त आ गया है कि मुझे खुद अपनी अन्चुदि गान्ड, शादी के तोहफे की सूरत में अपने नये शोहार को पेश कर देनी चाहिए,ताकि ज़ाहिद मेरी गान्ड की सील खोल कर शाज़िया की तरह मुझे भी अपनी मुकम्मल बीवी बना ले” अपनी गान्ड पर अपने बेटे की गरम नज़रों को महसूस कर के रज़िया बीबी ने सोचा.

ये सोचते ही बिस्तर पर घोड़ी बनी रज़िया बीबी ने अपने जिस्म को एक झटका दिया. तो उस की चूत में फँसा हुआ ज़ाहिद का लंड “पच” की आवाज़ से रज़िया बीबी के मोटे फुद्दे से बाहर निकल आया. और रज़िया बीबी का बदन अपने पीछे खड़े ज़ाहिद की गिरफ़्त से निकलता चला गया.

इस से पहले कि ज़ाहिद कुछ समझ पाता. कि इतने में बिस्तर पर अभी तक झुकी रज़िया बीबी ने अपने जिस्म के अगले हिस्से को बिस्तर से बुलंद (उपर) किया.

और अपने दोनो हाथों को पीछे ला कर अपनी गान्ड की मोटी पहाड़ियों को अपने दोनो हाथों से एक दम ज़ाहिद की आँखों के सामने पूरा खोलते हुए अपने नये खाविंद से मुखातिब हुई. “क्या आप को मेरी गान्ड पसंद है जानुउऊुुुउउ ?”.

रज़िया बीबी ने जब अपने दोनो हाथों से अपनी भारी गान्ड को अलग किया.तो रज़िया बीबी की कंवारी गान्ड का मुँह ज़ाहिद की आँखों के सामने ऐसे खुलता चला गया.

जैसे “अली बाबा चालीस चोरों वाली स्टोरी में खुल जा सिम सिम” कहते हुए गार (केव) का मुँह खुल जाता है.
“क्याआआआआ” ज़ाहिद अम्मी से इस किस्म की हरकत और ऐसे सवाल की तोवक्को नही कर रहा था. इसीलिए ये बात सुनते ही वो चौंक गया.

“अपनी गान्ड का पूछ रही हूँ, क्या मेरे जानुउऊ को अपनी नई ज़ोज़ा (बीवी) की गान्ड अच्छी लगती है” रज़िया बीबी ने अपने हाथों से अपनी कंवारी गान्ड की पहाड़ियों को मज़ीद चौड़ा करते हुए अपने बेटे ज़ाहिद से फिर पूछा.

हाआाआआं में तो आशिक़ हूँ तुम्हारी इस मजेयययी दार्रर्र्र्ररर गान्ड का, रज़िया बेगम” अपनी अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद का होसला बढ़ा. और उस ने पीछे से अपनी बेगम की अन्चुदि गान्ड की मोरी पर अपने हाथ की उंगली घुमाते हुए रज़िया बीबी को जवाब दिया.

“मरने से पहले तक तुम्हारे मरहूम अब्बू की ये दिली ख्वाहिश थी कि वो किसी तरह मेरी इस गान्ड की सील खोल ले, मगर मेने कभी उन को इस बात की इजाज़त नही दी, लेकिन अब में खुद चाहती हूँ कि तुम मेरी इस कंवारी बूँद (गान्ड) की सील तोड़ कर मुझे एक हकीकी सुहागन बना दो मेरे सरताज” रज़िया बीबी ने अपनी गान्ड को ज़ोर से पीछे की तरफ हिलाया. तो रज़िया बीबी की गान्ड की मोरी ने अपना मुँह एक दम से खोल दिया,

जिस की वजह से रज़िया बीबी की गान्ड के सुराख पर फिरती हुई ज़ाहिद की उंगली पहली बार उस की अम्मी की कंवारी गान्ड के छेद को खोलते हुए थोड़ी सी गान्ड के अंदर घुस गई.

“ओह” ज्यों ही ज़ाहिद की उंगली उस की अम्मी की गान्ड के थोड़ा अंदर दाखिल हुई. तो दर्द के मारे रज़िया बीबी चीख पड़ी.

“हाईईईईईईईईईईईई मेरी उंगली को गान्ड में ले कर आप की चीख निकल गई है,जब मेरा मोटा लंड आप की गान्ड में घुसे गा, तब तुम क्या करो गी जान” ज़ाहिद ने अपनी उंगली को अपनी अम्मी की गान्ड की मोरी पर हल्का हल्का अंदर बाहर करते हुए कहा.

“हाईईईईईईईईईई ये दर्द की नही बल्कि मज़े की चीख है,आप मेरी चीखों की परवाह ना करो,और खूऊऊऊल भी दो मेरी गान्ड को आज अपने इस ज़ालिम लंड से,मेरी गान्ड के आशिक़्क़्क़्क़्क़्क़्क़्क़्क़्क़्क़्क़्क़्क़्क़”जैसे ही ज़ाहिद की उंगली ने अपनी अम्मी की गान्ड में जा कर पहली बार रज़िया बीबी की कुँवारी गान्ड से छेड़ छाड़ शुरू की. तो रज़िया बीबी बे सखता चिल्ला उठी और मज़े के मारे उस के मुँह से सिसकारियाँ फूटने लगीं.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ में तो पिछले कई हफ्तों से आप की इस कयामत खेज गान्ड में अपना लंड डालने के सपने दिल में सजाए फिर रहा हूँ,और आज मेरे बिन कहे आप ने मुझे अपनी ये शानदार गान्ड खुद पेश कर के, मुझे अपना दीवाना बना लिया है बेगम” कहते हुए ज़ाहिद ने अपनी उंगली को अपनी माँ की गान्ड से बाहर निकाल कर अपने मुँह में डाला. और “शाराप शाराप” करते हुए उंगली को ज़ुबान से चाट कर अपनी अम्मी की नमकीन गान्ड का स्वाद चखने लगा.

“कैसाआआआआअ लगा मेरी गान्ड का ज़ायक़ा मेरी जान को” शारप शारप की आवाज़ सुनते ही रज़िया बीबी ने अपना मुँह मोड़ कर पीछे देखा. तो ज़ाहिद को अपनी उंगली चूस्ता देख कर रज़िया बीबी समझ गई. कि ज़ाहिद वो ही उंगली चाट रहा है जो उस ने अभी अभी उस की गान्ड से बाहर निकाली है.
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“कैसाआआआआअ लगा मेरी गान्ड का ज़ायक़ा मेरी जान को” शारप शारप की आवाज़ सुनते ही रज़िया बीबी ने अपना मुँह मोड़ कर पीछे देखा. तो ज़ाहिद को अपनी उंगली चूस्ता देख कर रज़िया बीबी समझ गई. कि ज़ाहिद वो ही उंगली चाट रहा है जो उस ने अभी अभी उस की गान्ड से बाहर निकाली है.

अपने बेटे की ये हरकत देख कर रज़िया बीबी के तन बदन में लगी आग के शोले मज़ीद बुलंद होने लगे. और उस ने सिसकते हुए ज़ाहिद से पूछा.

“ओह्ह्ह राजूऊऊऊ, मेरी बीवी, कितना नमकीन है तुम्हारी गान्ड का रस, तुम्हारी गान्ड का ज़ायक़ा मुझे बता रहा है,कि तुम्हारी गान्ड,मेरे लंड को अपने अंदर लेने के लिए कितना तड़प रही है, अब अपनी टाँगे चौड़ी करो, और अपनी गान्ड में अपने शोहर के लंड का स्वागत करने को तैयार हो जाओ मेरी जान”अपनी अम्मी की बात का जवाब देते हुए ज़ाहिद ने रज़िया बीबी की गान्ड पर हाथ रखा.



और अपनी अम्मी की चूत के पानी से तर अपने लंड को रज़िया बीबी की गान्ड के सुराख पर रख दिया.

“क्यों ना लंड डालने से पहले,आप की गान्ड को चाट कर, इसे अपने लंड के लिए अच्छी तरह से रेडी कर लूँ,ता कि आप को मेरा मोटा लंड अपनी गान्ड में लेते वक्त तकलीफ़ ना हो रज़िया” अम्मी की गान्ड की कंवारी मोरी पर अपने लंड को रखते वक्त ज़ाहिद ने अपनी अम्मी से कहा.

"तुम फिकर ना करो,मेरी गान्ड तुम्हारे लंड का इस्तक्बाल करने के लिए तैयार है, तुम घुसेड दो अपनी बीवी की गान्ड में अपना लंड,और वसूल कर लो अपने मरहूम बाप की छोड़ी हुई जायदाद में से अपना हिस्सा,मेरे बेटे,मेरे सर के ताज और मेरी गान्ड के रखवाले, रज़िया बीबी ने अपने हाथ से अपनी भारी गान्ड को अपने बेटे के मोटे और बड़े लंड के लिए खोलते हुए ज़ाहिद को जवाब दिया.

अपनी अम्मी को यूँ अपनी गान्ड उस के लिए खोलते देख कर ज़ाहिद का लंड जोश से मचलने लगा था. और अब ज़ाहिद के लिए अब अपनी अम्मी की गान्ड से दूर रहना मुश्किल हो रहा था.

इसीलिए ज़ाहिद ने बिस्तर पर अपनी गान्ड को उपर उठा कर आगे को झुकी हुई अपनी अम्मी रज़िया बीबी की कमर को अपने दोनो हाथों में जकड़ा.



और अपना लंड रज़िया बीबी की कंवारी गान्ड की मोरी के ऐन उपर फन्साते हुए एक ज़ोरदार झटका मारा.

पहले ही झटके में ज़ाहिद के लंड की मोटी टोपी अपनी अम्मी रज़िया बीबी की कंवारी गान्ड की सील को खोलते हुए रज़िया बीबी की मोटी गान्ड के अंदर घुस गई.

बे शक रज़िया बीबी ने अपने वजूद और गान्ड को अपने जवान शोहर के बड़े लंड के स्वागत के लिए तैयार कर लिया था.

मगर इस के बावजूद ज्यों ही ज़ाहिद के लंड की टोपी पहली बार उस की अम्मी के मोटी बूँद (गान्ड) में गई.

तो अपने बेटे के लंड की मोटी टोपी को अपनी गान्ड की दीवारों से रगड़ खा कर अपनी गान्ड में घुसते हुए महसूस कर के रज़िया बीबी को ऐसा लगा. जैसे ज़ाहिद ने उस की गान्ड में लंड नही बल्कि लोहे की कोई सुलाख डाल दी हो.

ज़ाहिद के लंड को गान्ड में लेते वक्त रज़िया बीबी को इतना शदीद दरद हुआ.

जितना उसे ज़ाहिद के अब्बू से पहली दफ़ा अपनी चूत फडवाते वक्त नही हुआ था.

ये इस दर्द की मेहरबानी थी. कि रज़िया बीबी अपने उपर काबू नही रख पाई. और ना चाहने के बावजूद बिस्तर पर झुकी हुई रज़िया बीबी के हलक से एक ज़ोरदार चीख निकल गई.

इस के साथ ही रज़िया बीबी ने एक दम से अपनी गान्ड की पहाड़ियों को आपस में जकड कर अपनी गान्ड को सिकोड लिया.

जिस वजह से उस की गान्ड में घुसते हुए ज़ाहिद का लंड का रास्ता बंद हो गया.और ज़ाहिद का लंड की टोपी उस की अम्मी की गान्ड की मोरी की आन दरमियाँ फँस कर रह गई.

नीलोफर और शाज़िया की कंवारी गान्ड की सील तोड़ने के बाद ज़ाहिद को अच्छी तरह से अंदाज़ था. कि एक औरत अपनी गान्ड पहली बार मरवाते वक्त किस तरह का रियेक्शन शो करती है.

इसीलिए ज्यों ही रज़िया बीबी ने अपनी गान्ड के मसल्ते हुए ज़ोर लगा कर ज़ाहिद के मोटे लंड का रास्ता बंद किया. तो ज़ाहिद ने मज़ीद ज़ोर लगाने की बजाय अपनी अम्मी की गान्ड में फँसे अपने लंड के मोटे टोपे को खैंच कर बाहर निकाल लिया.

“ मेने आप से कहा था, कि में आप की गान्ड को गीला करने के बाद ही अपना लंड डालूंगा.मगर आप ने मेरी बात नही मानी, लेकिन कोई बात नही, अप फिकर ना करो में अभी आप की गान्ड का दर्द कम कर देता हूँ,बेगम” कहते हुए ज़ाहिद पीछे हटा.

और अपने सामने घोड़ी बनी रज़िया बीबी की मोटी और उठी हुई गान्ड की चौड़ी पहाड़ियों में अपना मुँह डाल कर अपनी लंबी ज़ुबान से अपनी अम्मी की गान्ड के सुराख को चाट चाट कर गीला करने लगा.

ज़ाहिद अब अपनी अम्मी की गान्ड के छेद को मज़े ले ले कर चाटने के दोरान अपनी ज़ुबान की नौक से अपनी अम्मी की गान्ड की मोरी को खोलने की कोशिश भी कर रहा था.
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"आह,और्र्रर,हाआन्ं.में तो इस पल के लिए तरस रही थी, और चाटो मेरी गान्ड, अह्ह्ह्ह तुम्हे मेरी गान्ड बहुत पसंद है ना,तो काट खाओ मेरी मोटी गान्ड को,ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड” अपनी गान्ड की मोरी पर अपने बेटे की गरम ज़ुबान को फेरते हुए महसूस कर के रज़िया बीबी मज़े से सिसकारी और उस ने अपनी गान्ड को ढीला छोड़ दिया.

रज़िया बीबी अपने जवान बेटे की ज़ुबान की गर्मी से बेहाल हो कर अपनी गान्ड के दर्द को तकरीबन भुला बैठी थी. और बिस्तर पर उसी तरह झुकी हुई मज़े से सिसकारटी “अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह,ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” कर रही थी.

"ओह तुम्हारे चूतड़ तो जैसे मेरी जान ही ले लेंगे, दिल करता है कि तुम्हारे इन मोटे चुतड़ों की पूजा करूँ,इन की आरती उतारू " अपनी अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद ने जोश से अपनी अम्मी की गान्ड में ज़ुबान घुमाते हुए बोला.

"पूजा बाद में करना, पहले मेरी गान्ड की प्यास तो बुझा दो, अब ना तरसाओ मुझे और मेरी कंवारी गान्ड फाड़ ही दो मेरे रजाआाआआआअ” रज़िया बीबी ने अपनी भारी गान्ड को ज़ाहिद के मुँह पर फेरते हुए कहा.

ज़ाहिद तो इसी मोके की तलाश में था. इसीलिए ज्यों ही मज़े से कराहते हुए रज़िया बीबी ने अपनी गान्ड के छेद को ढीला छोड़ा.

तो ज़ाहिद ने एक दम फिर अपनी अम्मी की गान्ड के उपर अपने लंड को रखते हुए फिर धक्का मारा.

इस बार ज़ाहिद का लंड किसी तेज चाकू की तरह अपनी अम्मी की गान्ड में फिसलता हुआ अंदर चला गया.

“हाईईईईईईईईईईईईईईई में माररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गैिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई” ज़ाहिद का लंड ज्यों ही अपनी अम्मी की कुँवारी गान्ड को खोलता हुआ पहली बार आधा अंदर दाखिल हुआ.

तो बिस्तर पर झुकी रज़िया बीबी चलती हुई एक झटके के साथ बिस्तर से उपर उठी. जिस वजह से उस की कमर अपने पीछे खड़े अपने जवान बेटे ज़ाहिद की सख़्त छाती से टकरा गई.

"ओह अपना सारा बदन ढीला छोड़ दो ,और गहरी साँस लो, जानंनननणणन्" ज्यों ही रज़िया बीबी का जिस्म ज़ाहिद के जिस्म से टकराया. तो ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के भारी वजूद को अपनी बाहों में काबू करते हुए रज़िया बीबी के कान में सरगोशी की.



इस के साथ ही ज़ाहिद ने अपने लेफ्ट हाथ से अपनी अम्मी के हवा में झूलते हुए भारी राइट पोस्तान (मम्मे) को काबू किया.

जब कि अपने राइट हॅंड को अपनी अम्मी की चूत पर ला कर अपनी अम्मी की गरम फुद्दि के फूले हुए दाने को अपने हाथ से रगड़ने लगा.

"आआआहह माआआआअ फाड़ र्र्र्र्र्ररर दो मेरी गान्ड को ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड" ज्यों ही ज़ाहिद के हाथ की उंगलियों ने अपनी अम्मी के फुद्दे को छुआ. तो मज़े की शिदता बे हाल हो कर रज़िया बीबी अपनी गान्ड के दर्द को भूल गई और सिसकियाँ लेने लगी.

“हाईईईईईईईईईईईईईईई आप की गान्ड में तो आप की फुद्दि से ज़्यादा गर्मी मौजूद है राजूऊऊओ बेगम्म्म्म” ज़ाहिद के लंड को ज्यों ही उस की अम्मी की गान्ड ने अपनी आगोश में लिया. तो अपनी अम्मी की गान्ड की अन्द्रुनि गर्मी को अपने सख़्त लंड पर महसूस कर के ज़ाहिद भी सिसकार उठा.

“तो चूत की तरह मेरी गान्ड की गर्मी भी निकाल दो ना मेरे जानुउऊुुुुउउ” अपनी गान्ड को अपने पीछे ख्रे ज़ाहिद के लंड पर फिराते हुए रज़िया बीबी ने जवाब दिया.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईईई मुझे तो यकीन नही हो रहा , कि जिस मोटी और उभरी हुई गान्ड को चोदने के लिए में पिछले कई महीनों से मचल रहा था, आज हक़ीकत में उसी कंवारी गान्ड को अपने लंड से खुद खोल रहा हूँ”



अपनी अम्मी के कान को अपने मुँह से चूमते और सरगोशी करते हुए ज़ाहिद ने अपने हाथ का दबाव रज़िया बीबी की मोटी फुद्दि के अकडे हुए दाने पर बढ़ा दिया.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई इस पूरी दुनिया में शाज़िया के बाद सिर्फ़ आप ही की चूत और गान्ड ऐसी है, जिस ने मेरा पूरा लंड अपने अंदर लिया है अम्म्मी जान”ज्यों ही ज़ाहिद का लंड पहली बार जड़ तक उस की अम्मी की गान्ड में गया. तो मज़े से पागल होते हुए ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की गान्ड मारते हुए कहा.

ज़ाहिद का लंड जब पहली बार रज़िया बीबी की गान्ड में गया था. तब दर्द की वजह से रज़िया बीबी का दिल चाहा कि वो ज़ाहिद का लंड अपनी गान्ड से निकलवा दे.

मगर ज्यूँ ज्यूँ ज़ाहिद का हाथ उस की अम्मी की चूत के दाने को मसलता रहा. त्यु त्यु गरम हो हो कर रज़िया बीबी अपनी गान्ड को पीछे से अपने बेटे के मोटे लंड के लिए खोलती चली गई.

फिर कुछ ही देर में ज़ाहिद का पूरा लंड उस की अम्मी की गान्ड के अंदर जा चुका था. जिस की वजह से अब रज़िया बीबी अपनी गान्ड मरवाने में मज़ा आने लगा था.

“ओह मुझे पता होता कि गान्ड मरवाने में इतना मज़ा है, तो में कब की तुम से अपनी गान्ड मरवा लेती, मेरे सैयाँ” ये कहते हुए तालीफ़ और मज़े के दरमियाँ वाली काफियत रज़िया बेगम अब अपनी गान्ड को नीचे करते हुए बिस्तर पर पूरी सीधी लेट गई.


और बिस्तर पर पेट के बल लेट कर अपनी गान्ड को पीछे से उपर उठा उठा कर ज़ाहिद से अपनी मोटी गान्ड चुदवाने लगी.

ज़ाहिद अब अपनी अम्मी की गान्ड को अपने लंड से पूरा खोलने के बाद अब पूरी ताक़त से अपनी अम्मी की गान्ड में कस कस कर झटकों पर झटके मार रहा था.

जब कि ज़ाहिद से अपनी गान्ड मरवाते वक्त रज़िया बीबी की लज़्ज़त भरी चीखे पूरे कमरे मे गूँज रही थी.
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`·.¸.·´ -- Raj sharma
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