वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete
- Kamini
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
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- rajaarkey
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
“ओह शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स” ज्यों ही शाज़िया ने अपनी चूत को अपनी अम्मी की फुद्दि से रगड़ा. तो अपनी बेटी की चूत की गर्मी से रज़िया बीबी की चूत भी फिर से भड़क उठी.
“अमिीईईईईईईईईई मेरी फुद्दीईईईईईईइ कहूऊऊऊऊऊऊ ना प्लेआस्ीईईई” शाज़िया ने जोश में अपनी अम्मी से दुबारा इल्तिजा की.
रज़िया बीबी को आज उस की अपनी ही सग़ी बेटी शाज़िया चुदाई की वो नई राहे दिखा रही थी.
जिन पर चलना तो दूर ,रज़िया बीबी ने इन चीज़ों के बारे में इस से पहले कभी सोचा तक नही था.
जिस तरह अपनी सग़ी बेटी से अपनी चूत और मम्मे चटवाने का आज का ये तजुर्बा रज़िया बीबी के लिए नया था.
बिल्कुल उसी तरह शाज़िया के साथ किस्सिंग और चूत रगडाइ का ये स्टाइल भी रज़िया बीबी के लिए बिल्कुल नया था.
और अपनी बेटी के हाथों से चुदाई के ये नये मज़े पा कर रज़िया बीबी भी बहकने लगी थी.
“वैसे तो मेने आज तक किसी औरत ही चूत नही चाटी,मगर तुम्हारी मोहब्बत में आज मैं ये काम भी करने को तैयार हूँ मेरी बच्ची” अपनी बेटी के हवस भरे लहजे में की गई ये इल्तिजा सुन कर रज़िया बीबी ने शाज़िया से कहा.
फिर रज़िया बीबी ने अपने हाथ को शाज़िया की छाती पर लेजा कर अपनी बेटी का मोटा मम्मा उमेठा.
और अपने सिर को झुका कर अपनी बेटी के जवान मम्मे के लंबे निपल पर अपनी ज़ुबान घुमाने लगी.
“हाईईईईईईईईईईई अम्मिईीईईईई जानंननननननणणन्” अपने मम्मे को अपनी अम्मी के मुँह में पा कर शाज़िया बे करार हो गई. और उस की चूत ने नीचे से अपना पानी निकालना शुरू कर दिया.
“अपनी प्यासी बेटी के निपल्स को काट खाओ अम्मी जीिइईईईईईईईईईईईई” शाज़िया ने अपने मम्मे पर झुके हुए अपनी अम्मी के सर को अपने मोटे मम्मे पर ज़ोर से दबाते हुए कहा.
आज रज़िया बीबी के अंदर की चुड़क्कड़ औरत को उस की सग़ी बेटी ने अपने हाथों और मुँह से मुकम्मल बेजार कर दिया था.
शाज़िया की तरह रज़िया बीबी भी अब रिश्तों की शर्म-ओ-हया को भुला कर अपनी बेटी को वो ही मज़ा देने पर तूल चुकी थी.
जो मज़े वो चन्द मिनट्स पहले अपनी बेटी के लबों से हाँसिल कर चुकी थी.
इसीलिए रज़िया बीबी ने अपनी बेटी शाज़िया के कहने के मुताबिक अपनी बेटी के मोटे मम्मे को अपने मुँह में भर कर ज़ोर से दाँतों से काटा.
तो शाज़िया के मुँह से दरद और मज़े की शिद्दत की वजह से सिसकियाँ निकालने लगीं.
रज़िया बीबी बे शक आज पहली बार एक औरत के मम्मो को अपने मुँह में ले कर चूस रही थी.
मगर इस के बावजूद रज़िया बीबी के जोश और वलिहाना प्यार को देख कर ये हरगिज़ नही महसूस होता था. कि रज़िया बीबी ने मम्मे चुसाइ का ये काम पहले कभी नही किया.
इस की वजह शायद ये रही हो गी. कि शाज़िया की तरह रज़िया बीबी को भी इस बात से ज़्यादा मज़ा आ रहा था. कि जिस औरत के मम्मो से वो आज पहली बार खेल रही है. वो कोई और नही बल्कि उस की अपनी सग़ी बेटी है.
इसीलिए रज़िया बीबी अब अपनी बेटी शाज़िया की दोनो जवान छातियों को बार बार अपने मुँह में ले कर अपने होंठो और ज़ुबान से प्यार किए जा रही थी.
“ओह मेरिइईईईई चूत्त्त्त्त्त्त का कुछ करने अम्मिईीईईईईईईईईईईई” अपनी अम्मी का प्यार अपने मम्मो पर पहली बार पा कर शाज़िया से जब सबर ना हुआ. तो सिसकारते हुए तकरीबन चिल्ला उठी.
“ठीक है अपनी टाँगे खोल दो मेरे लिएयययययी,मेरी बचिईीईईईईईईई” थोड़ी दार तक अपनी बेटी के मम्मो को एक एक कर के किस और सक करने के बाद रज़िया बीबी अपनी बेटी के मम्मो को छोड़ कर नीचे हुई.
और बिस्तर पर चित लेटी अपनी बेटी शाज़िया की गुदाज और सुडोल रानों को अपने हाथ से खोल कर चोडा कर दिया.
“उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ अब में समझी कि मेरा बेटा क्यों अपनी ही बहन की चूत के लिए इतना खुमार हो रहा था, मेरी बेटी की फुद्दि है इतनी खूबसूरत कि जो कोई भी इसे देखे वो पागल हो जाए इस चूत के लिएययययययी मेरी बच्ची” शाज़िया की फूली हुई चूत ज्यों ही अपनी अम्मी के सामने हुई. तो एक औरत और सग़ी माँ होने के बावजूद रज़िया बीबी अपनी बेटी की इस जवान और मोटी फुद्दि की तारीफ किए बिना ना रह सकी.
ऐसी बातें ना करें अम्मी जान” शाज़िया अपनी अम्मी के मुँह से अपनी तारीफ सुन कर शरमा गई.और बे इख्तियारी में अपनी खुली टाँगों को बंद करने लगी.
“हाईईईईईईईईईईईई अब अपनी बारी आने पर, यूँ शरमाने लगी हो, जैसे कोई कंवारी लड़की अपने महबूब से पहली मुलाकात पर शरमाती है” रज़िया बीबी शाज़िया को यूँ शरमाता देख कर मुस्कारने लगी.
इस के साथ ही रज़िया बीबी ने शाज़िया की खुली टाँगों के सामने झुक कर अपने हाथों से अपनी बेटी की चूत के बंद लिप को अपने हाथ से खोला.
तो शाज़िया की चूत का मुँह ऐसे खुल गया. जैसे कोई बंद कली खिल कर फूल बन जाती है.
बे शक शाज़िया के मुक़ाबले रज़िया बीबी अभी तक पूरी तरह लेस्बियन नही बनी थी.
मगर इस के बावजूद अपनी बेटी की जवान चूत का मुँह यूँ अपने सामने खुलता देख कर रज़िया बीबी के मुँह में पानी आ गया.
“ये तो वो ही चूत है जहाँ मेरे बेटे का जवान और मोटा लंड हर रोज़ दाखिल होता है” अपनी बेटी की मोटी फूली हुई चूत के सुराख को देख कर रज़िया बीबी ने सोचा.
इस के साथ ही गरम होते हुए रज़िया बीबी ने एक दम अपना मुँह अपनी बेटी की फुद्दि के नज़दीक किया. तो चूत की मखसोस बू (स्मेल) रज़िया बीबी के नाक में समाई.
“नहियीईईईईईईई में ये नही कर पाऊँ गी” अपनी बेटी की चूत की बू को सूंघते ही रज़िया बीबी के दिल ने अपने चूत को चाटने का इरादा तरह्क करने का सोचा.
“अगर मेरी बच्ची मेरे जिस्म को सकून पहुँचाने के लिए मेरी फुद्दि खा सकती है,तो मुझे भी अभी उसी तरह शाज़िया की चूत को चाट कर अपनी बच्ची की चूत की प्यास बुझानी चाहिए” ये ख्याल आते ही रज़िया बीबी ने अपने मुँह को मज़ीद आगे किया. और उस ने पहली बार अपनी सग़ी जवान बेटी की गरम और प्यासी चूत के लिप्स पर अपना मुँह रख दिया.
“आआआआआआआअ अम्मी जानंनननननननननननणणन्” ज्यों ही रज़िया बीबी के गरम होंठ अपनी बेटी की चूत के मोटे लिप्स को छेड़ते हुए शाज़िया की गरम फुद्दि के अंदर दाखिल हुए.
तो शाज़िया का बदन एक दम से अकडा. और शाज़िया के मुँह से एक लज़्जत भरी आवाज़ फूट पड़ी. जो कि कमरे से बाहर निकल कर पूरे घर में गूँज गई.
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- pongapandit
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
Superb storytelling
- rajaarkey
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
shukriya dost
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