वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete

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rajaarkey
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

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ज़ाहिद की बात ख़तम होते ही नीलोफर ने ज़ोर का कहकहा लगाया और इंडियन फिल्म निकाह का गाना ,

“दिल के अरमां आँसुओं में बह गये
हम वफ़ा कर के भी तेन्हा रह गये”.

की तर्ज का एक शेर बोली,

“ लंड के अरमां ,मूठ लगा कर बह गये.
हम लंड नंगा कर के भी, कंवारे रह गये.”

ज़ाहिद नीलोफर की हँसी और उस का सुनाया शेर सुन कर गुस्सा हो गया और बोला “ बहन की लौडी मुझे शर्मिंदा करवा कर तेरी हँसी निकल रही हैं”.

“गुस्सा मत करो में कोई हल निकालती हूँ” नीलोफर ने ज़ाहिद को गुस्से में आते सुना तो फॉरन जवाब दिया.

कहते हैं ना कि “चोर चोरी से जाय,मगर हेरा फेरी से ना जाय” की मिसाल के मुताबिक नीलोफर की बात सुन कर ज़ाहिद को अपने आप से किया रात वाला वादा भूल गया. और अपने गुस्से को ठंडा करते हुए उस ने नीलोफर से इश्तियाक भरे लहजे में फॉरन पूछा “ तुम क्या करो गी अब”

“इस जुम्मे (फ्राइडे) को जो तुम्हारे पड़ोस में शादी हो रही है,वो हमारे रिश्ते दार हैं,और में भी उस शादी में शामिल हो रही हूँ” नीलोफर ने ज़ाहिद से कहा.

“ इस शादी में तो में भी हूँ गा,तो फिर?” ज़ाहिद ने नीलोफर की बात काटते हुए कहा.

“जिस लड़की की शादी है वो शाज़िया की अच्छी दोस्त है,इसीलिए शाज़िया और तुम्हारी अम्मी भी इस में ज़रूर शामिल हों गीं, तो में पूरी कोशिश करूँगी कि शाज़िया की अपने साथ नाराज़गी दूर करवा लूँ” नीलोफर बोली.

“मगर शादी के रश में तुम उस से मेरी बात कैसे करो गी” ज़ाहिद नीलोफर की बात को ना समझते हुए पूछने लगा.

“तुम जुम्मे को अपनी अम्मी और शाज़िया के साथ मुझे शादी वाले घर मिलो,बाकी सब तुम मुझ पर छोड़ दो” कहते हुए नीलोफर ने फोन काट दिया.

नेक्स्ट डे ज़ाहिद फिर अपनी ड्यूटी पर था कि उसे नीलोफर का फिर फोन आया.

“ख़ैरियत तो है, अभी कल ही तो तुम से बात हुई थी?” ज़ाहिद ने नीलोफर का फोन सुनते ही पूछा.

“यार आज में भाई के साथ बाज़ार आई हुई हूँ. सोचा तुम फ्री हो तो तुम से मुलाकात ही कर लूँ”नीलोफर को ज़ाहिद से चुदाये काफ़ी दिन गुज़र चुके थे. इसीलिए उसे आज ज़ाहिद के मोटे लंड की शिद्दत के साथ अपनी फुद्दि में तलब हो रही थी.

ज़ाहिद समझ गया कि नीलोफर को उस के लंड की प्यास लगी हुई है.इसीलिए वो उस से मिलना चाह रही है.

नीलोफर की तरह ज़ाहिद को भी फुद्दि मारे काफ़ी दिन हो चुके थे. इसीलिए नीलोफर की बात सुन कर उस ने एक घंटे बाद उस को अपने पुराने मकान पर मिलने का कहा.

नये थाने में पोस्ट होने के बाद भी ज़ाहिद ने काला गुजरं पोलीस चोकी के करीब लिया हुआ किराए का मकान अभी तक अपने पास रखा हुआ था.

ज़ाहिद के बताए हुए टाइम पर जमशेद अपनी बहन को ले कर ज़ाहिद के पास आन पहुँचा.

मकान के कमरे में जाते ही नीलोफर ने अपने गले में लटके हुए बॅग और दुपट्टे को एक झटके से अपने जिस्म से उतार कर कमरे में पड़े सोफे पर फैंका. और तेज़ी के साथ दौड़ती हुई ज़ाहिद की खुली बाहों में जा गिरी.

नीलोफर को अपनी बाहों के हसार में जकड़ते ही ज़ाहिद ने नीलोफर के मुँह,गालो और होंटो पर किस्सस की बरसात कर दी.

जमशेद अपनी बहन को एसआइ ज़ाहिद के साथ इस तरह गरम जोशी से मिलता देख कर मुस्कुराया. और उस ने नीलोफर के बॅग में से उस का सॅमसंग गॅलक्सी नोट मोबाइल फोन निकाल कर अपनी बहन और एसआइ ज़ाहिद की वीडियो बनाना शुरू कर दी.

जमशेद अपनी बहन और ज़ाहिद की वीडियो बनाने के साथ साथ एक एक कर के अपने कपड़े उतारने लगा और आख़िर कार बिल्कुल नंगा हो गया.

ज़ाहिद ने जब जमशेद को वीडियो बनाने के साथ साथ नंगा होते देखा. तो उसे भी जोश आया और उस ने आहिस्ता आहिस्ता कर के पहले नीलोफर के कपड़े उतार के उसे बे लिबास कर दिया.

फिर वो खुद भी जल्दी से अपने कपड़े उतार कर नीलोफर और जमशेद के सामने मुकम्मल नंगा हो गया.

जब जमशेद ने देखा कि उस समेत कमरे में सारे जिस्म अपने अपने कपड़ो से बे नियाज़ हो गये हैं. तो उस ने अपने हाथ में पकड़ा हुआ अपनी बहन का मोबाइल कमरे के टेबल पर इस पोज़िशन में रखा. जिस एंगल पर ज़ाहिद के कमरे में बिछा हुआ बेड पूरे का पूरा कवर हो सकता था.

जमशेद मोबाइल फोन की वीडियो रेकॉर्डिंग को ऑन छोड़ कर ज़ाहिद की बाहों में जकड़ी अपनी बहन के पीछे आया.और नीलोफर की गान्ड को अपने हाथों में दबोचते हुए पीछे से उस की गर्दन पर प्यार से काटने लगा.



अपनी बहन की गर्दन को चूमने के साथ साथ जमशेद के हाथ आगे बढ़े और ज़ाहिद की छाती में दबे दबे अपनी बहन के जवान मम्मो को हाथ में ले कर मसलने लगा.

“हाई आज फिर मेरी बहन को दो लंड से एक साथ चुदवाने का दिल कर रहा है” जमशेद ने ज़ाहिद की तरफ देखते हुए उस से कहा. और अपने तने हुए लंड को पीछे से अपनी बहन की गान्ड की दरार में फैरने लगा.

“क्यों ना हम इसे बिस्तर पर लिटा कर एक साथ प्यार करें” ज़ाहिद ने जमशेद की बात का जवाब देते हुए कहा.

साथ ही ज़ाहिद ने नीलोफर को पास पड़े पलंग पर पीठ के बल लिटा दिया. इस के साथ ही ज़ाहिद नीलोफर की एक तरफ लेट कर उस के एक मम्मे को अपने मुँह में लेते हुए सक करने लगा.

जब कि जमशेद ने नीलोफर की दूसरी तरफ लेट कर उस के दूसरे मम्मे को अपने मुँह में भरा. और अपनी एक उंगली अपनी बहन की चूत में गुस्सेड कर आहिस्ता आहिस्ता अंदर बाहर करने लगा.

दोनो मम्मो को एक साथ चुसवाने और चूत के देने पर अपने भाई की रगड़ को महसूस कर के नीलोफर बे इंतेहा गरम हो गई.

मज़े का ये आलम नीलोफर की बर्दाश्त से बाहर हो रहा था. इस लिए गरम होते हुए नीलोफर चली, "आह आह अब रहा नहीं जाता अब तुम लोग जल्दी से मुझे चोदो दो प्लीज़."

नीलोफर की लज़्ज़त भरी आवाज़ सुन कर मम्मे को चूस्ते हुए जमशेद ने ज़ाहिद की तरफ देखा. और उसे अपनी आँखों के इशारे से नीलोफर की चूत चोदने का कहा.

साथ ही जमशेद नीलोफर के पहलू से उठा और उठते साथ उस ने अपना मोटा लंड अपनी बहन के खुले हुए होंठो के दरमियाँ रख दिया.

अपने भाई के गरम सख़्त लंड को अपने होंठो के ऊपर पा कर नीलोफर ने बेचैनी से अपना मुँह खोला. और जमशेद के लंड को अपने मुँह के अंदर ले जा कर उस का चुसाइ लगने लगी.

ज़ाहिद,जमशेद की हिदायत पर अमल करते हुए नीलोफर की टाँगों के दरमियाँ बैठा. और उस ने नीलोफर की टाँगों को उठा कर अपने कंधो पर रख लिया. इस के साथ ही ज़ाहिद ने एक झटके में अपना लंड नीलोफर की चूत में पूरे का पूरा दाखिल कर दिया.

नीलोफर की चूत में ज़ाहिद का लंड फिसलता हुआ उस की गान्ड तक अंदर चला गया. तो नीलोफर मज़े से चिल्ला उठी "हाईईईईईईईईईई ज़ाहिद तुम्हारा लंड तो सीधा मेरी बच्चे दानी पर जा कर चोट मार रहा है,अहह मुझे बहुत मज़ा मिल रहा है.”


“आज काफ़ी दिनो बाद तुम्हारी चूत को चोद कर मुझे भी बहुत ही स्वाद मिल रहा है मेरी जान” ज़ाहिद ने नीलोफर की चुदाई करते हुए उस के मम्मो को हाथ में थामा और जोश से बोला.

“ज़ाहिद आज मेरी चूत को अपनी बहन शाज़िया की चूत समझ कर चोदो” नीलोफर ने ज़ाहिद की बात के जवाब में कहा.
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hum honge kaamyaab ek din....koshish karte rho,,,,,,,masttttttt
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

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mini wrote:jaldi ,,,update,,,waiting pls
update thodee hi der me
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

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नीलोफर ने ज्यों ही शाज़िया का नाम अपने मुँह से निकाला. तो अपनी बहन का नाम सुनते ही ज़ाहिद के जिस्म में एक करंट से दौड़ गया.

ज़ाहिद के लंड की रगों में खून पूरे जोश से दौड़ने लगा.जिस से ज़ाहिद का लंड पहले से भी ज़्यादा सख़्त हो गया.

ज़ाहिद ने मज़ीद जोश में आते हुए अपनी आँखे बंद कीं. और अपनी बहन शाज़िया के गरम प्यासे बदन को ज़हन में लाते हुए .नीलोफर की फुद्दि को अपनी बहन शाज़िया की चूत समझ कर ज़ोरदार तरीके से चोदना शुरू कर दिया.

ज़ाहिद के जोशीले और तेज घस्सो ने नीलोफर के जिस्म को उधेड़ कर रख दिया. और फिर चन्द ही लम्हों बाद ज़ाहिद "शाज़िय्ाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ,मेरिइईईईईईईईईई बहन कहते हुआ नीलोफर की चूत में फारिग हो गया.

“हां भर दो अपनी बहन शाज़िया की गरम फुद्दि अपने लंड के पानी से ज़ाहिद” नीलोफर ने ज़ाहिद के जिस्म के गिर्द अपनी बाहों और टाँगों को लपेट कर उस के लंड को अपनी चूत की तह तक ले जाने पर मजबूर कर दिया.

ज़ाहिद ने आज अपनी बहन शाज़िया के नाम पर उस की सहेली नीलोफर की चूत में इतना पानी छोड़ा. कि ज़ाहिद खुद भी हेरान हो गया कि ये इतना ज़्यादा पानी उस के लंड से कैसे निकला.



ज़ाहिद ज्यों ही नीलोफर को चोद कर उस के ऊपर से हटा. तो जमशेद फॉरन अपना लंड नीलोफर के मुँह से निकाल कर अपनी बहन की टाँगों के दरमियाँ आया. और अपनी बहन की चूत से बह बह कर निकलते ज़ाहिद के पानी को देखने लगा.



ज़ाहिद के गरम पानी से भरी हुई बहन की चूत को देख कर जमशेद को ना जाने किया सूझी. कि वो एक दम आगे बढ़ा और अपनी बहन की चूत पर अपना मुँह रख कर ज़ाहिद के लंड के पानी को अपनी बहन की फुद्दि से चूसने लगा.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ जमशेद ये तुम क्या कर रहे हो मेरे भाई” नीलोफर ने अपने भाई को ज़ाहिद का वीर्य चाटते देखा तो हडबडाती हुई बोली.

“कुछ नही बाजी में तो बस आप से अपने प्यार का इज़हार कर रहा हूँ” जमशेद ने ज़ाहिद के पानी से तर होती अपनी बहन की गान्ड के सुराख पर अपनी ज़ुबान फेरते हुए कहा.

“मगर भाई ये बहुत गंदी हरकत है जो तुम इस वक्त कर रहे हो” नीलोफर ने अपने भाई को ज़ाहिद की मानी चाटने से रोकने के लिए कहा.

“बाजी आप जानती हैं कि में आप से कितना प्यार करता हुआ,इसीलिए मुझे आप मत रोको ” जमशेद ने अपनी बहन की गान्ड से ले कर उस की चूत तक अपनी ज़ुबान को फेरते हुए कहा.

नीलोफर अपने भाई की बात सुन कर खामोश हो गई. और मज़े से बे हाल होते हुए अपनी चूत उठा उठा कर अपने भाई के होंठो पर रगड़ने लगी. जिस वजह से जमशेद के होंठ ज़ाहिद के लंड के जूस से भर गये.

कुछ देर मज़ीद अपनी बहन की चूत को सक करने के बाद जमशेद उठा और उस ने ज़ाहिद के पानी से भरी हुई अपनी बहन की फुद्दि में अपना लंड डाल दिया.

ज़ाहिद के पानी से पच पुच करती चूत में जमशेद का लंड बगैर किसी दिक्कत के टहलता हुआ एंटर हुआ.

जमशेद भी ज़ाहिद की तरह पूरे जोश में था. उस ने अपने लंड को अपनी बहन की चूत में पेलते हुए नीलोफर के मुँह पर अपने मुँह रखा. और चुदाई के साथ साथ अपनी बहन के होंठो को सक करते हुए अपने होंठो पर लगा ज़ाहिद का वीर्य अपनी बहन से शेयर करने लगा.

नीलोफर भी ज़ाहिद के लंड का ज़ायक़ा मज़े दार महसूस हुआ. और उस ने भी जोश में आते हुए अपने दाँतों से अपने भाई के नमकीन होंठो को काटना और खाना शुरू कर दिया.

जमशेद अपनी बहन और ज़ाहिद की चुदाई और नीलोफर की चुसाइ की वजह से पहले ही बहुत गरम हो चुका था.

इसीलिए ज़ाहिद के पानी से तर अपनी बहन की फुद्दि में जमशेद का अंदर बाहर होता हुआ लंड कुछ ही देर में अपना पानी छोड़ने लगा. और जमशेद के लंड का पानी भी अपनी बहन की बच्चा दानी में जा कर ज़ाहिद के पानी से मिल गया.

ज़ाहिद और जमशेद की ज़ोरदार चुदाई ने नीलोफर की फुद्दि और जिस्म को थका कर रखा दिया. और वो बिस्तर पर दो मर्दो के दरमियाँ पड़ी अपनी बिखरी सांसो को संभालने लगी.

जब कि बिस्तर के कोने पर पड़े नीलोफर के मोबाइल फोन ने उन तीनो की मस्त चुदाई के सारे मंज़र को अपने अंदर महफूज़ कर लिया.

अगले जुम्मे वाले दिन ज़ाहिद और उस की अम्मी शादी पर जाने के लिए तैयार हो रहे थे. तो रज़िया बीबी ने देखा कि शाज़िया तैयार नही हो रही.

रज़िया बीबी जानती थी कि दुल्हन शाज़िया की सहेली है. इसीलिए जब रज़िया ने शाज़िया को तैयार होते नही देखा तो उन को हैरत हुई और रज़िया बीबी ने शाज़िया से पूछा “ शाज़िया क्या बात है तुम क्यों तैयार नही हो रहीं”

“अम्मी मेरा दिल नही कर रहा,आप हो आएँ” शाज़िया ने अम्मी को जवाब दिया.

“बेटी कैसी बातें करती हो,एक तो दुल्हन तुम्हारी पुरानी सहेली है,ऊपर से पड़ोस का मामला है,इसीलिए तुम्हारा जाना लाज़मी है,उठो तैयार हो जाओ” रज़िया बीबी ने शाज़िया की बात सुन कर अपनी बेटी को समझाते हुए कहा.

शाज़िया का दिल जाने को नही था.मगर अपनी अम्मी के कहने पर तैयार होने लग गई.

शाज़िया ने अपने चेहरे पर हल्का हल्का मेक अप किया. और अपनी शादी के दिनो वाला एक पुराना मगर तेज कलर वाला एक सूट निकाल कर पहन लिया

जब शाज़िया तैयार हो कर कमरे से बाहर निकली. तो रज़िया बीबी आज काफ़ी अरसे के बाद अपनी बेटी को मेकप किए हुए और शादी के शोख रंगो वाले कार्प्डों में मलबोस देख कर एक दम बोलीं “ चश्मे बद्दूर मेरी बेटी आज कितनी प्यार लग रही है”



शाज़िया अपनी अम्मी के मुँह से अपनी तारीफ सुन कर मुस्करा दी और बोली “ अम्मी आप भी ना”.

“बेटी तलाक़ के बाद तो तुम ने अपना ध्यान रखना ही छोड़ दिया है,जो कि अच्छी बात नही” रज़िया बीबी ने शाज़िया को शरमाते देखा तो फिर बोली.

इस से पहले कि शाज़िया से मज़ीद और बात करती. ज़ाहिद एक दम घर में दाखिल हुआ और बोला “ चलो अम्मी देर हो रही है”.

घर में दाखिल होते वक्त ज़ाहिद की नज़र भी जब शादी में जाने के लिए तैयार अपनी बहन पर पड़ी.तो अपनी अम्मी की कमरे में मौजूदगी के बावजूद ज़ाहिद ने अपनी बहन के हुश्न का एक भरपूर जायज़ा लिया.



और अपने दिल ही दिल में अपनी अम्मी की तरह अपनी बहन के जवान गरम बदन की तारीफ किए बिना ना रह सका.

जब सब घर वाले एक साथ शादी वाले घर पहुँचे. तो नीलोफर को वहाँ पहले से माजूद देख कर शाज़िया को हैरत हुई.

शाज़िया नीलोफर के सामने नही होना चाहती थी. मगर रज़िया बीबी की नज़र कुर्सी पर बैठी हुई नीलोफर पर पड़ी.

रज़िया बीबी जानती थी कि नीलोफर शाज़िया की सहेली है. (मगर उन दोनो की नाराज़गी का उस को ईलम नही था)

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