ब्रा वाली दुकान complete
- kunal
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Re: ब्रा वाली दुकान
मैंने कहा आंटी उस दिन बस में जब से आप ने अपने हाथ में पकड़ा है तब से मेरी और मेरे लंड की तो हालत बुरी है, कैसे न खड़ा हो तो आपको देखकर। इस बीच आंटी के चूतड़ों को पकड़ कर अपना लंड आगे कर चुका था, आंटी ने मेरी बात सुन कर कहा, तुम्हारा पहले से ही खड़ा था और बार बार मेरे पीछे स्पर्श हो रहा था इसीलिए तो पकड़ा था। मैंने कहा आंटी आपके नितंबों हैं ही इतने जबरदस्त कि हर आदमी का लंड आपको देख कर खड़ा हो जाए, यह कह कर मैंने अपने दोनों हाथों से एक बार फिर आंटी के मम्मे पकड़ लिए और उन्हें जोर से दबा दिया और अपनी जीभ निकाल कर आंटी की कमर को चाटना शुरू कर दिया। मेरी इस हरकत से आंटी को मस्ती चढ़ गई थी, आंटी ने कहा अभी तो मेरी उम्र अधिक हो गई है तुम मुझे जवानी में देख लेते तो मेरे पतले शरीर पर मेरे ये बड़े मम्मे और बाहर निकले हुए चूतड़ देख कर तुम सलवार में ही झड जाते, अब तो मेरा बदन काफी मोटा हो गया है।
मैंने कहा आंटी आपकी जवानी का तो पता नहीं, मगर आज भी आप किसी जवान हसीना से कम नहीं, आपके निकले हुए चूतड़ देख कर तो आपकी गाण्ड मारने का मन करता है और आपके 38 मम्मे देख कर मुंह में तो पानी आता ही है, लंड पर भी पानी की बूंदे आना शुरू हो जाती हैं। यह कह कर मैंने के आंटी ब्रा की हुक खोल दी और आंटी का ब्रा उतार दिया। ब्रा उतार कर मैंने पीछे खड़े खड़े ही आंटी के बूब्स को अपने हाथ में पकड़ लिया और उन्हें धीरे धीरे मसलने लगा। जिससे आंटी की मस्ती में अधिक वृद्धि हो रही थी मैं आंटी की कमर चाटने के साथ साथ अपने लंड को धीरे धीरे आंटी के चूतड़ों में हल्के हल्के धक्के भी लगा रहा था और आंटी के बूब्स को भी हाथ में पकड़ कर दबा रहा था। (www.raj69.com )आंटी के मम्मे इतने बड़े थे कि मेरे हाथों में पूरे नहीं आ रहे थे। मगर एक बात थी कि आंटी के चूतड़ों में फंसा लंड और आंटी के नरम नरम मम्मे जो मज़ा दे रहे थे वह मजा तो मेरी पड़ोसी लड़की को चोदने मे भी नहीं आता था जिसकी उम्र अभी सिर्फ 20 या 21 साल थी और जवानी की आग उसकी चूत में लगी हुई थी। मगर उसको चोदने मे भी कभी ऐसा मज़ा नहीं आया था जो अभी कपड़े उतारे बिना ही आंटी से सेक्स करने मे आ रहा था। कुछ देर तक आंटी अपने चूतड़ों में लंड के मजे लेती रही, इस दौरान आंटी की सांसें अभी से बहाल हो चुकी थी और उन्हें जो पहले थोड़ी झिझक थी अब वह नहीं रही थी बल्कि वह अब रिलैक्स हो गईं थीं। फिर आंटी ने अपने मम्मों से मेरा हाथ हटाया और मेरी ओर मुड़ कर बोलीं उन्हें दबाते ही रहोगे या इनमे से दूध भी पीओगे ?
मैंने कहा क्यों नहीं आंटी, मैं तो पता नहीं कब से आपके मम्मों से दूध पीने के लिए तरस रहा हूँ, यह कह कर मैं थोड़ा नीचे झुका और आंटी के बूब्स पर अपना मुँह रख कर उनके निपल्स को चूसने लगा। आंटी के बूब्स पर निपल्स जवान लड़कियों की तरह छोटे नहीं थे वे आकार में थोड़े बड़े थे, मगर उन्हें चूसने का मज़ा बहुत आ रहा था। जैसे ही मैंने आंटी के मम्मे चूसना शुरू किए आंटी ने मेरे लंड पर अपना हाथ रख लिया और बोलीं लगता है तेरी सलवार में यह हथियार खासा मजबूत और बड़ा है, एक बार चेक तो करने दे कि कैसा माल है तेरी सलवार में। मैं आंटी के बूब्स से मुंह हटाया और कहा आंटी आप पहले एक बार यह हथियार चेक करो फिर आपकी चूत और गांड दोनों ही इस हथियार की दीवानी हो जाएंगी और आप बार बार मेरे पास आकर चुदाई करवाया करोगी। यह कह कर मैंने फिर से अपना मुंह आंटी के बूब्स पर रख कर उनके निपल्स चूसना शुरू कर दिए और आंटी ने सलवार के ऊपर से ही मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और उसकी पैमाइश शुरू कर दी। मेरे लंड को अच्छी तरह टटोलने के बाद आंटी ने पूछा तेरा आकार तो किसी हटे कटे पुरुष के लंड के आकार जितना लगता है मगर तेरा रूप देखकर नहीं लगता कि तुम्हारे पास इतना बड़ा लोड़ा होगा। आंटी ने थोड़ी देर मेरे लंड को सलवार के ऊपर से ही मुठ मारी और फिर बोलीं, तेरे अंकलसे तो बड़ा ही लग रहा है यह क्या आकार है उसका ?? मैंने फिर आंटी के निपल्स छोड़े और आंटी को कहा केवल 8 इंच का है आंटी यह।
8 इंच सुनकर आंटी की आँखें खुली की खुली रह गईं और बोलीं बाप रे, तेरे अंकल का तो केवल 6 इंच का है, दिखा तो सही जरा वाकई 8 या ऐसे ही बकवास कर रहा है, यह कह कर आंटी ने खुद ही मेरी सलवार का नाड़ा खोला, सलवार एक झटके से नीचे उतर गई तो आंटी ने मेरी कमीज ऊपर उठा कर मेरे 8 इंच के लंड पर नज़र मारी। कुछ देर वह बिना आंखें झपकाए मेरे लंड को देखती रहीं, फिर उन्होंने मेरी ओर देखा और उसके बाद फिर से लंड को देखने लगीं। मैंने कहा क्यों आंटी कैसा लगा आपको मेरा लंड?
आंटी ने कहा बहुत ही मस्त है यह तो आज तक ऐसा लंड नहीं देखा मैंने, यहाँ तो तेरे अंकल के 6 इंच लंड है, वो भी काफी समय से नसीब नहीं हुआ, या फिर उनके छोटे भाई का 7 इंच का लंड है जो 3, 4 महीनों के बाद एक बार मिलता है। मैंने आश्चर्य से आंटी को देखा और आश्चर्य से पूछा आंटी क्या आप अपने देवर से भी चुदाई करवाती हैं ?? आंटी ने कहा हां तो और जब तेरे अंकल महीनों महीनों मेरी चूत को देखेंगे ही नहीं तो किसी ना किसी के लंड से तो मुझे अपनी प्यास बुझानी ही है न। मैंने कहा आंटी पहले बताती न तुम, मेरे होते हुए आपको इतना इंतजार करने की क्या जरूरत थी, बस अब आपका जब मन करे, तो यहाँ आकर मुझ से चुदाई करवा सकती हैं। इस लंड को अपना लंड ही समझें। आंटी ने कहा अब तेरे लंड की खैर नहीं, ऐसे सवारी करूंगी तेरे लंड पर कि तू जवान और गर्म चूतों को भूल जाएगा और अपनी आंटी की चूत का दीवाना हो जाएगा।
यह कह कर आंटी नीचे बैठ गई और मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया। मैंने कहा आंटी यहाँ ठीक से मज़ा नही आ रहा है, बाहर चलते हैं। आंटी ने कहा पागल हो? लोग बाहर से अंदर देखेंगे, मैंने कहा आंटी बेफिक्र हो जाओ, अंदर से तो बाहर दिखाई देता है पर बाहर से अंदर दिखाई नहीं देगा। आंटी ने कहा सोच लो, अगर कहीं से भी अंदर नजर पड़ गई तो यहीं जूते पड़ जाने हैं तुम्हें भी और मुझे भी। मैंने कहा आंटी बेफिक्र हो जाओ कुछ नही होता, यह कह कर मैंने अपनी कमीज उतार दी और नंगा ही बाहर आने लगा। आंटी भी मेरी पीछे बाहर आ गई, बाहर आकर सोफे पर पैर फैलाकर बैठ गया, आंटी मेरे सामने जमीन पर बैठ गई और मेरा लंड पकड़ कर उस पर पहले अपने मुंह में थूक का गोला बनाकर उस पर फेंका और फिर दोनों हाथों से मेरा 8 इंची लंड पकड़ कर उसे अपने थूक से मालिश देने लगीं। थोड़ी देर तक आंटी अपने दोनों हाथों को घुमा घुमा कर मुझे मज़ा देती रही, आंटी का एक हाथ लंड की टोपी को पकड़ता और दूसरा हाथ नीचे होता,(www.raj69.com ) और फिर अपने दोनों हाथों को ऐसे घुमाती जैसे कपड़े निचोड़ने के लिए हाथ घुमाया जाता है, और इसी तरह हाथ घुमा कर नीचे ले आतीं। आंटी यह काम बहुत कौशल से कर रही थीं।
थोड़ी देर तक मेरे लंड की घुमा घुमा कर मुठ मारने के बाद आंटी डागी स्टाइल में मेरे सामने बैठ गईं, उन्होंने अपने दोनों हाथ जमीन पर रख लिए थे और घुटने भी जमीन पर लगे हुए थे और मेरा लंड अब आंटी के मुँह में था। आंटी को चुसाइ लगाने में भी खासी महारत हासिल थी। आंटी शरप शरप की आवाज के साथ मेरे लंड पर अपना मुँह ऊपर नीचे करके सेक्सी दुकान के वातावरण को और सेक्सी बना रही थीं। मैंने आंटी के बाल उनकी गर्दन पर इकट्ठे करके अपने हाथ में पकड़ लिए थे और मैं भी आंटी के बाल खींच खींच कर उन्हें चुसाइ लगाने पर उकसा रहा था जिससे आंटी की मस्ती में अधिक वृद्धि हो रही थी आंटी की गर्म गर्म सांसें, और थूक से भरा मुंह, मेरे लंड को बहुत मज़ा दे रहे थे। फिर आंटी ने अपनी जीभ बाहर निकाली और मेरे लंड की टोपी पर अपनी जीभ को गोल गोल घुमाने लगी। मेरी टोपी की बनावट भी बहुत अच्छी थी जिस पर आंटी अपनी जीब फेर फेर कर मुझे मज़ा दे रही थीं, 5 मिनट तक आंटी मेरे लंड की चुसाइ लगाती रहीं तब मैंने आंटी को कहा आंटी अब अपनी चूत भी दिखा दें मुझे तो मैं भी उसे थोड़ा प्यार कर सकूँ। आंटी ने कहा पहले मुझे इस जवान घोड़े को दिल खोलकर प्यार करने दे, तू ने सिर्फ़ मेरे लिए अपने बाल साफ किए हैं ना आज? मैंने कहा जी आंटी मुझे पूरा यकीन था कि आज मेरा इंतजार खत्म होगा और आपकी चिकनी चूत और टाइट गाण्ड में मेरा यह घोड़ा सरपट दौड़ कर जाएगा। आंटी ने फिर से लंड चूसा और बोलीं दुर्लभ का लंड तो हमेशा बालों से भरा रहता है उसको चूसने में बहुत मज़ा नहीं आता जितना मज़ा आज तेरा यह तगड़ा और सॉफ सुथरा घोड़ा दे रहा है।
मैंने कहा आंटी आपका अपना ही लंड है जब आप आदेश करेंगी आप से चुसाइ लगवा लूँगा मगर इस समय मुझे आपकी चूत देखनी है। यह सुनकर आंटी ने मेरा लंड छोड़ा और मेरे सामने खड़ी हो गईं। मैं थोड़ा आगे बढ़ा और आंटी की सलवार एक ही झटके में उनके घुटनों तक उतार दी। मेरे चेहरे के बिलकुल सामने आंटी की चूत थी जो बिल्कुल साफ था, आंटी ने भी शायद यहाँ आने से पहले ही अपनी चूत की सफाई की थी, मैंने आंटी की तरफ देखा और फिर आंटी की चूत पर एक प्यार भरा चुंबन करके आंटी को कहा आंटी आप ने भी ख़ास मेरे लिए ही अपनी चूत की सफाई की है ना ?? आंटी ने कहा, हां, दुर्लभ और मुनब्बर ने तो कभी चूत देखी ही नहीं वह तो सीधा अपना लंड ही चूत में डालते हैं, लेकिन मुझे पता है आजकल के नौजवानों को चूत चाटने का बहुत शौक होता है इसलिए ख़ास तेरे लिये चूत को बालों से साफ करके आई हूँ। मैंने आंटी की तरफ देखा और कहा आंटी आपको कैसे पता कि युवाओं को चूत चाटना पसंद है ?? दुर्लभ अंकल के अलावा भी है कोई ??? आंटी खिसियानी होकर हँसी और बोलीं हां मोहल्ले का एक लड़का है, सप्ताह मे आकर मेरी चूत को प्यार करता है और गांड को चोदता है। मगर उसका लंड भी तेरे लंड जैसा नहीं। 6 इंच का ही है उसका लंड मगर चूत की प्यास बुझ जाती है उससे .
मुझे भला इससे क्या लेना देना था कि आंटी किस किस से चुदवाती हैं, मैंने मन ही मन में अपनी चुदक्कड़ आंटी को दाद दी और अपनी जीभ निकाल कर उनकी चूत पर फेरने लगा। आंटी की नरम और मुलायम चूत पर अपनी जीभ फेरने के बाद मैंने अपनी ज़ुबान आंटी की चूत के लबों में प्रवेश करा दी जहां आंटी की चूत का गाढ़ा पानी लगा हुआ था। स्वाद तो इतना अच्छा नहीं था, थोड़ा कड़वा और कसैला स्वाद था आंटी की चूत का, परंतु उसकी गर्मी ने मुझे अपनी जीब हटाने नहीं दी और लगातार आंटी की चूत को चाटता रहा। आंटी की मस्ती बढ़ती जा रही थी और आंटी ने अब मुझे सिर से पकड़ रखा था और मुझे अपनी चूत की तरफ धकेल कर सिसकियाँ ले रही थीं। आह ह ह ह ... आह ह ह ह ... जोर से चूस बेटे मेरी चूत को अपनी आंटी की चूत को आह ह ह ह ह ...(www.raj69.com )... जीब फेर अंदर जोर से ..... और जोर से .... आह ह ह ह ह ह ह एफ एफ एफ एफ .... आह ह ह ह ह, आह ह ह ह आह ह ह ह ... आंटी की सिसकियाँ तेज होती जा रही थीं और फिर अचानक आंटी ने अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को जोर से पकड़ कर अपनी चूत के साथ लगा लिया और तभी आंटी के ज्वालामुखी ने लावा उगलना शुरू कर दिया। मैं समझ गया था कि आंटी छूटने वाली हैं लेकिन मैंने पहले ही अपना मुंह बंद कर लिया था क्योंकि आंटी की चूत का पानी पीने का मेरा कोई इरादा नहीं था। मगर आंटी के गरम पानी ने मेरा सारा चेहरा भिगो दिया था कि मैं ने आंटी की सलवार से ही साफ किया जो कि अभी तक उन्होंने पहन रखी थी।
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- kunal
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Re: ब्रा वाली दुकान
friends iske baad ki kahani apke vichar sunne ke baad
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- zainu98
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Re: ब्रा वाली दुकान
zabardast kahani hai is said pr ye nai tarha ki kahani hai bhai lamba updet do
- kunal
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Re: ब्रा वाली दुकान
thanks aapke support ke liyezainu98 wrote:zabardast kahani hai is said pr ye nai tarha ki kahani hai bhai lamba updet do
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- jay
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Re: ब्रा वाली दुकान
Superb bro
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