ब्रा वाली दुकान complete
- kunal
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Re: ब्रा वाली दुकान
मेरी बात सुनकर राफिया हंसी और बोली अच्छा लग गई है मुझे समझ कि किसलिए मुझ पर इतने दयालु हो रहे हो, उद्देश्य गिफ्ट देना नहीं बल्कि मुझे साइड पर भेजना है ताकि आपी और आपको अकेलापन मयस्सर हो सके। यह कह कर राफिया ने मलीहा की ओर देखकर आँख मारी और बोली आपी तुम भी क्या याद करोगी, ऐश करो मैं जीजा जी का दिया हुआ ब्रा ट्राई करती हूँ यह कह कर राफिया वहां से चली गई। जैसे ही राफिया ने ट्राई रूम का दरवाजा बंद किया मैं एक दम से काउन्टर से बाहर निकला और मलीहा को जोर से अपनी बाहों में भींच लिया। दुकान का दरवाजा तो पहले ही बंद कर चुका था, मलीहा को अपनी बाहों में लेते ही मैंने उसके खूबसूरत होठों पर अपने होंठ रख दिए और उनको चूसना शुरू कर दिया।
मलीहा मेरे इस हमले के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी इसलिए शुरू में उसने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की और हल्की आवाज में बोली नही प्लीज़, मगर फिर उसे एहसास हुआ कि वह किसी गैर की बाहों में नहीं बल्कि अपने मंगेतर की बाँहों में है तो उसने प्रतिरोध छोड़ दिए और वह भी चुंबन करने लगी। उसके होंठ बहुत नरम और रसीले थे और मुझे पहली बार किसी लड़की के होंठ चूसने का इतना मज़ा आ रहा था, उसकी वजह शायद अपनापन थी। कुछ देर तक उसके होंठ चूसने के बाद मैंने उसके होंठों से अपने होंठ हटाए और पूछा कैसा लगा मलीहा। मलीहा की आंखों में नशा था और वह मदहोश हो रही थी वह कुछ नहीं बोली और शर्म के मारे अपनी आँखें नीचे झुका लीं। फिर मैंने मलीहा एक मम्मे को पकड़ कर दबा दिया और कहा मुझे अपना ब्रा तो दिखाओ।
मलीहा ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा मगर मेरे हाथ को अपने मम्मे से हटाने की कोशिश नहीं की और बोली आप देख तो चुके हैं यह। मैंने मलीहा से कहा नहीं वो तो कंप्यूटर पर देखा हैं, लेकिन मैं तो अपने सामने अपनी आँखों से तुम्हारी इस सुंदर छाती देखना चाहता हूँ। यह कह कर मैंने मलीहा की कमीज और उठाई और जैसे ही मलीहा की कमीज उसके मम्मों तक पहुंची उसने मुझे रोक दिया और बोली प्लीज़ .... मुझे शर्म आती है। मैंने उसके होठों पर एक प्यार भरा चुंबन दिया और बोला अरे मुझसे कैसी शर्म, और वैसे भी फोन पर आप ने मुझसे वादा किया था कि अपना सुंदर शरीर मुझे जरूर दिखाओगी तो अब तो देख कर ही रहूंगा।
यह कि मैंने मलीहा की कमीज उसके मम्मों से ऊपर उठा दी और नीचे काले रंग के ब्रा मलीहा के उठे हुए गोरे मम्मे देखे तो बस देखता ही रह गया। फिर कुछ देर बाद में उन पर झुका और एक हाथ से उसके मम्मे पकड़ कर उस पर अपने होंठ रख कर उसे चूमने लगा। मलीहा का पूरा शरीर शर्म के मारे कांप रहा था मगर वह मुझे रोक नहीं रही थी। उसकी एक वजह यह भी थी कि फोन पर हम काफी सेक्सी सेक्सी बातें करते रहते थे और बातों ही बातों में हम पूरा सेक्स कर चुके थे। बहुत प्यार के साथ मलीहा के मम्मे चूस रहा था कि फिर अचानक मलीहा ने मुझे मना कर दिया और बोली- अब ना करें प्लीज़ मुझे बहुत शर्म आ रही है। मैंने कहा नहीं मेरी जान, मुझ से कैसी शर्म, और अब तो मैंने तुम्हारे इन खूबसूरत गोल मम्मों को सही तरह से देखा ही नहीं। अब तो उन्हें ब्रा की कैद से मुक्त करके देखना है। यह कह कर मैंने मलीहा एक मम्मे ब्रा हटाना ही चाहा था कि ट्राई रूम का दरवाजा खुलने की आवाज आई और साथ ही राफिया की आवाज आई कि मैं आ रही हूँ।
यह सुनते ही मुझे और मलीहा को एक करंट लगा और मैं मलीहा से दूर होकर खड़ा हो गया जबकि मलीहा ने भी अपनी कमीज नीचे कर ली मगर उसकी भारी भारी सांसें अभी चल रही थीं। तभी राफिया भी वापस आ गई और हंसते हुए कहने लगी सॉरी में आप दोनों को ज्यादा समय नहीं दे सकी। मैंने अपने खड़े लंड को पैर के बीच दबाने के बाद कहा अरे नहीं साली साहिबा, ऐसी कोई बात नहीं आप के सामने भी हमें मिलने में कोई शर्म नहीं है, क्यों मलीहा ठीक कह रहा हूँ ना में ?? मेरी बात सुनकर मलीहा ने कहा हां तो और पहले भी राफिया के सामने ही बातें कर रहे थे। मगर अंदर से हम दोनों जानते थे कि राफिया की अनुपस्थिति में हम ने जो हरकत की वह उसकी मौजूदगी में नहीं हो सकती थी। उसके बाद मैंने राफिया से पूछा तुम बताओ ब्रा सही है या नही?
राफिया ने कहा आप ब्रा दो और उसकी फिटिंग सही न हो यह कैसे हो सकता है, यह कह कर राफिया हंसने लगी और मैं सोचने लगा कि कहां यह लड़की मुझसे बात करना तक गवारा नहीं करती थी और कहाँ अब साली बनने के बाद इतनी फ्री गई है कि द्वि अर्थ वाली बातें भी कर जाती है। बहरहाल उन दोनों के जाने के बाद रोज की दिनचर्या के हिसाब से अपना काम करता रहा और अगले दिन दोपहर में मुझे कराची से पार्सल मिला जिसमें अभिनेत्री समीरा मलिक के कपड़े थे जो विशेष रूप से अपनी नई फ़िल्माई जाने वाली वीडियो और मुज़रे के लिए बनवाए थे। पार्सल मिलते ही मेंने समीरा मलिक को फोन किया तो उसने कहा कि अभी तो मैं व्यस्त हूँ, आ नहीं सकती कल ही आना होगा या फिर किसी और को भेज दूंगी वो तुम्हें पैसे देकर कपड़े ले जाएगा। मुझे अपने अरमानों पर धूल उड़ती नजर आने लगी तो मैंने समीरा मलिक को कहा समीरा जी यह उचित नहीं, कपड़े लेने के साथ साथ आपने एक और वादा भी किया है मुझे। मेरी बात सुनकर समीर ने एक मामूली ठहाका लगाया और बोली उसकी तुम चिंता मत करो, मुझे तुमसे ज्यादा इंतजार है कि कब तुम अपना हथियार मेरी अंधेरी गुफा में डालो। तुम चिंता मत करो, अगर मैं न भी आ सकी तो कुछ दिनों में आप अपने घर बुला लेना और वहाँ तुम जी भर कर मुझे चोदना। ये कह कर समीर मलिक ने फोन बंद कर दिया और मैं सोचने लगा कि मेरी यह हसरत पूरी नहीं हो सकेगी कल वही भीमकाय बॉडीगार्ड आएगा और कपड़े उठा कर ले जाएगा
अगले दिन मैंने 10 बजे दुकान खोली तो 11 बजे मुझे समीरा मलिक का फोन आ गया और उसने पूछा कि आज तुम मेरे घर आ सकते हो ???
मैंने कहा नहीं घर तो आना मुश्किल है।
समीरा मलिक ने कहा फिर कहाँ का कार्यक्रम है ???
मैंने कहा क्या मतलब कहां का कार्यक्रम है ???
समीरा मलिक ने कहा भूल गए आप सारी रात मुझे चोदना था।
मैंने कहा हां, वह तो ठीक है मगर सारी रात चोदने मतलब यह तो नहीं कि रात दिन तक चोदते ही रहना है, 2, 3 राउंड लगाउन्गा
समीरा मलिक ने उत्सुकता से कहा, तुम 2 भी लगा लो राउंड और हर राउंड 15-20 मिनट का हो तो मेरी रात अच्छी हो जाएगी और मैं तुम्हें खुश कर दूंगी।
मैंने कहा वो तो ठीक है, लेकिन रात का राउंड किसी और दिन लगा लेंगे अब आप दुकान पर ही आजाो उधर ही एक राउंड हो जाए। मेरी बात पर समीरा मलिक कुछ सोचते हुए बोली अच्छा चलो मैं कोशिश करती हूँ थोड़ी देर मे आती हूँ।
मैंने कहा 2 बजे के करीब आइएगा 2 बजे से लेकर 4 बजे तक दुकान बंद रखता हूँ तो उसी समय एक राउंड हो जाएगा। मेरी बात सुनकर समीरा मलिक ने कहा चलो ठीक है में आती हूँ 2 बजे तक। और समीर मलिक ने फोन बंद कर दिया और मैं बेसबरी से उसका इंतजार करने लगा।
थोड़ी देर बाद कुछ सोचकर मैंने दुकान का दरवाजा बाहर से बंद किया और थोड़ा ही आगे एक मेडिकल स्टोर पर जाकर कंडोम का पैकेट लेकर आ आया। कंडोम यूज करने से थोड़ी टाइमिंग बढ़ जाती है और कंडोम भी टाइमिंग बढ़ाने वाला हो तो ही बात है। में एक कंडोम की बजाय पूरा पैक ले आया था क्योंकि एक दो बार कुछ महिलाओं ने भी मुझसे कंडोम की मांग की थी, लेकिन मेरे पास कंडोम नहीं होते इसलिए मैंने सोचा कि अगर कुछ महिलाएँ मांग लें तो यह बेचकर भी अच्छे पैसे कमाए जा सकते हैं। कंडोम की डब्बी मैंने एक साइड पर ब्रा वाली अलमारी के साथ रख दिया और बेचैनी से समीरा मलिक का इंतजार करने लगा। कोई 2 बजे के करीब दुकान के बाहर एक बडर्र एमओपी आकर रुकी और उसमें से एक विशालकाय आदमी बाहर निकला, फिर समीरा मलिक निकली और दोनों दुकान की ओर बढ़ने लगे, मेरे अरमानों पर फिर से ओस पड़ गई कि समीरा मलिक ने वादा नहीं निभाया और अब फिर से किसी बहाने से टाल देगी। दुकान का दरवाजा खोलकर दोनों अंदर आए तो समीरा मलिक ने मुझे सलाम भी किया और आश्चर्यजनक रूप से मुझसे हाथ भी मिलाया, अन्यथा सामान्य रूप से कोई महिला दुकानदार से हाथ नहीं मिलाती
समीरा मलिक का हाथ मिलाना कुछ अजीब था, जिससे मुझे आशा हुई कि आज कुछ न कुछ होगा और मेरे लंड को आराम मिलेगा। वैसे भी काफी दिनों से कोई चूत नहीं मिली थी उसे, अंतिम बार समीरा मलिक ने ही अपने मुंह की गर्मी से चुसाइ लगा लगाकर मेरे लंड का वीर्य निकलवाया था
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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Re: ब्रा वाली दुकान
मैंने समीरा मलिक का हाल चाल पूछा और पानी भी पूछा मगर उसने मना कर दिया और बोली पहले जल्दी से मुझे कपड़े दिखाओ। मैंने समीरा मलिक को कपड़े खोलकर दिखाए, उसने सरसरी नज़र में कपड़े देखे और अपने साथ खड़े बॉडीगार्ड से कहा कि इनका भुगतान कर दो बाकी। उसने अपनी जेब से पैसे निकाले और बाकी बिलों का भुगतान कर दिया। फिर समीरा मलिक ने कहा कि अगर इनमें से किसी भी सूट की फिटिंग सही न हुई तो वह वापस करूंगी, मैंने कहा आप बेफिक्र हो जाएँ, लेकिन यह इस्तेमाल नहीं होने चाहिए। अगर किसी की फिटिंग खराब हो तो उसी दिन चेंज करवा लेना ऐसा न हो कि इस ड्रेस में शूटिंग हो जाए और उसके बाद वह वापसी के लिए आए।
मेरी इस बात पर समीरा मलिक ने थोड़ा गुस्से का इजहार किया और बोली मुजरे जरूर दी आं में से एनी वी बे सम्मान नी हुई। फिर उसने अपने साथ मौजूद बॉडी गार्ड से कहा कि वह कपड़े लेकर स्टूडियो चला जाए और तारिक साहब के हवाले कर दे, मुझे अब बाजार में कुछ काम है 2 से 3 घंटे लग सकते हैं तुम 4 बजे तक आ जाना मुझे लेने। इस व्यक्ति ने बिना कुछ कहे वापसी की राह ली और समीरा मलिक के ड्रेस कार में रखकर वहाँ से चला गया, मैं समझ गया था कि समीरा मलिक अब अपनी चूत को शांत करने के लिए बेताब है, उसके जाते ही मैंने दुकान का दरवाजा लॉक किया और दुकान बंद है का साइन बोर्ड लगा कर वापस समीरा मलिक की ओर मुड़ा।
वापस मुड़ते ही मैंने समीरा मलिक को अपने सीने से लगा लिया और उसके होठों पर पागलों की तरह प्यार करने लगा उसने भी मेरा पूरा साथ दिया और तुरंत ही मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया। मेरे हाथ समीरा मलिक के चूतड़ों पर थे और समीरा के चुंबन के साथ साथ मैं उसके चूतड़ों को भी दबा रहा था जबकि समीरा मलिक ने एक हाथ मेरी गर्दन पर डाला हुआ था और दूसरा हाथ वह मेरी टांगों के बीच ले जा कर मेरे लंड पर रख चुकी थी। उसने हाथ मेरे लंड पर रखा और उसे दबा कर उसकी सख्ती का मूल्यांकन करने लगी। फिर उसको हल्के हल्के झटके देने लगी और साथ ही मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल कर उसको गोल गोल घुमाने लगी।
मैंने भी उसकी ज़ुबान को चूसना शुरू कर दिया। कुछ देर चूमा चाटी के बाद समीरा मलिक ने अपने होंठ मेरे होंठों से अलग किए और तुरंत ही नीचे बैठ कर मेरी कमीज उठाई और फिर मेरी सलवार का नाड़ा खोल कर मेरी सलवार को नीचे गिरा दिया और मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ कर उसे ध्यान से देखने लगी। उसकी आँखों में मौजूद चमक से साफ पता लग रहा था कि वह भी मेरी तरह बहुत बेताब थी मेरे साथ मिलन के लिए। मैंने उसको कहा लगता है काफी गर्मी भरी है चूत में ???
समीरा ने ऊपर देखा और बोली जब से तुम्हारे लंड की चुसाइ है कोई और लंड मिला नहीं अब तक इसलिए ज़्यादा धैर्य नहीं हो रहा, यह कह कर उसने मेरे लंड की टोपी पर अपने होंठों से एक किस की और फिर उसे अपने होंठों में लेकर गोल गोल घुमाने लगी साथ ही अपनी जीभ मेरे लंड की टोपी के छेद पर भी जोर से मारने लगी जिससे मैं तुरंत ही मजे की ऊंचाई पर पहुंच गया।
इससे पहले कि वह मेरे लंड की टोपी का बुरा हाल करती मैंने उससे पूछा समीरा जी कंडोम चढ़ाकर लंड चूसना पसंद है या फिर ऐसे ही ??? समीरा ने कहा कि मज़ा बिना कंडोम के चौपा लगाने में आता है वह कंडोम के साथ नहीं। यह कह कर उसने फिर से मेरे लंड की टोपी पर अपने चौपे लगाने का कौशल दिखाना शुरू कर दिया और मुझे चिंता होने लगी कि एक सप्ताह से चूत का प्यासा लंड कहीं जल्दी ही छूट न जाए। फिर समीरा ने मुंह से मेरा लंड निकाला और बोली वैसे कंडोम फ्लेवर वाला है या सामान्य?
मैंने कहा बनाना फ्लेवर है। उसने कहा ठीक है वह चढ़ा लो फिर चुसाइ लगाती हूँ तुम्हारी यह कह कर वह पीछे हट कर सोफे पर बैठ गई और मैं काउन्टर में अंदर जाकर कंडोम की डब्बी निकालकर उसमें से एक कंडोम अपने लंड पर चढ़ाने लगा। लंड पर कंडोम चढ़ाने के बाद जब मैं वापस मुड़ा तो समीरा मलिक अपनी कमीज और ब्रा दोनो ही उतार चुकी थी और उसके हाथ सलवार उतारने की तैयारी में थे। उफ़ ..... क्या मम्मे थे समीरा मलिक के ... 38 आकार के बड़े खरबूजे जितने मम्मे देख कर तो मेरा लंड उन्हें सलामी देने के लिए छत की ओर मुंह करके खड़ा हो गया था। अब में समीरा मलिक के मम्मों की सुन्दरता में डूबा हुआ था कि समीरा मलिक अपनी सलवार उतार कर मेरे सामने खड़ी हो गई। वह अब पूरी तरह से नंगी थी और आगे बढ़कर उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा तो मैं उसके मम्मों की ओर झुकने लगा। उसने मुझे पीछे हटाया और बोली पहले मुझे चुसाइ करने दे फिर मेरे मम्मे चूस लेना ताकि तेरे लंड को चुसाइ से थोड़ा आराम मिले फिर उसके बाद चुदाई शुरू हो। इस प्रकार अधिक समय तक तू चोद पाएगा मुझे।
मेरा मन तो बहुत कर रहा था समीरा मलिक के मम्मे हाथ में पकड़ कर उन्हें चूसने का मगर समीरा की बात भी सही थी अगर चौपे लगवाने के तुरंत बाद लंड उसकी चूत में डाल देता तो वीर्य जल्दी निकल जाता इसलिए मैंने समीरा मलिक की बात मान ली जो अब मेरे सामने बैठ चुकी थी और लंड अब उसके मुँह में था। पहले तो उसने कंडोम के बनाना फ्लेवर का परीक्षण किया और फिर कंडोम पर बने दानों को देख कर बोली आज आएगा ना मज़ा कंडोम से चुदाई करवाने का। डाटड कंडोम यानी बारीक कंडोम जिस पर छोटे निशान होते हैं और वे बाहर उभरे होते हैं, यह दाने जब औरत की चूत में जाते हैं तो उसको अधिक रगड़ देते हैं जिसकी वजह से गर्म महिलाओं को और अधिक मज़ा आता है जबकि जो अधिक चुदाई की आदी न हों उनकी चूत में जलन शुरू हो जाती है और दर्द होने लगता है। मगर समीरा मलिक जैसी रंडी को भला यह बारीक कंडोम से क्यों दर्द होता वह तो चुदी चुदाई थी और उसकी ज्यादातर रातें किसी ना किसी लंड के साथ ही गुजरती थीं।
मेरी इस बात पर समीरा मलिक ने थोड़ा गुस्से का इजहार किया और बोली मुजरे जरूर दी आं में से एनी वी बे सम्मान नी हुई। फिर उसने अपने साथ मौजूद बॉडी गार्ड से कहा कि वह कपड़े लेकर स्टूडियो चला जाए और तारिक साहब के हवाले कर दे, मुझे अब बाजार में कुछ काम है 2 से 3 घंटे लग सकते हैं तुम 4 बजे तक आ जाना मुझे लेने। इस व्यक्ति ने बिना कुछ कहे वापसी की राह ली और समीरा मलिक के ड्रेस कार में रखकर वहाँ से चला गया, मैं समझ गया था कि समीरा मलिक अब अपनी चूत को शांत करने के लिए बेताब है, उसके जाते ही मैंने दुकान का दरवाजा लॉक किया और दुकान बंद है का साइन बोर्ड लगा कर वापस समीरा मलिक की ओर मुड़ा।
वापस मुड़ते ही मैंने समीरा मलिक को अपने सीने से लगा लिया और उसके होठों पर पागलों की तरह प्यार करने लगा उसने भी मेरा पूरा साथ दिया और तुरंत ही मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया। मेरे हाथ समीरा मलिक के चूतड़ों पर थे और समीरा के चुंबन के साथ साथ मैं उसके चूतड़ों को भी दबा रहा था जबकि समीरा मलिक ने एक हाथ मेरी गर्दन पर डाला हुआ था और दूसरा हाथ वह मेरी टांगों के बीच ले जा कर मेरे लंड पर रख चुकी थी। उसने हाथ मेरे लंड पर रखा और उसे दबा कर उसकी सख्ती का मूल्यांकन करने लगी। फिर उसको हल्के हल्के झटके देने लगी और साथ ही मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल कर उसको गोल गोल घुमाने लगी।
मैंने भी उसकी ज़ुबान को चूसना शुरू कर दिया। कुछ देर चूमा चाटी के बाद समीरा मलिक ने अपने होंठ मेरे होंठों से अलग किए और तुरंत ही नीचे बैठ कर मेरी कमीज उठाई और फिर मेरी सलवार का नाड़ा खोल कर मेरी सलवार को नीचे गिरा दिया और मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ कर उसे ध्यान से देखने लगी। उसकी आँखों में मौजूद चमक से साफ पता लग रहा था कि वह भी मेरी तरह बहुत बेताब थी मेरे साथ मिलन के लिए। मैंने उसको कहा लगता है काफी गर्मी भरी है चूत में ???
समीरा ने ऊपर देखा और बोली जब से तुम्हारे लंड की चुसाइ है कोई और लंड मिला नहीं अब तक इसलिए ज़्यादा धैर्य नहीं हो रहा, यह कह कर उसने मेरे लंड की टोपी पर अपने होंठों से एक किस की और फिर उसे अपने होंठों में लेकर गोल गोल घुमाने लगी साथ ही अपनी जीभ मेरे लंड की टोपी के छेद पर भी जोर से मारने लगी जिससे मैं तुरंत ही मजे की ऊंचाई पर पहुंच गया।
इससे पहले कि वह मेरे लंड की टोपी का बुरा हाल करती मैंने उससे पूछा समीरा जी कंडोम चढ़ाकर लंड चूसना पसंद है या फिर ऐसे ही ??? समीरा ने कहा कि मज़ा बिना कंडोम के चौपा लगाने में आता है वह कंडोम के साथ नहीं। यह कह कर उसने फिर से मेरे लंड की टोपी पर अपने चौपे लगाने का कौशल दिखाना शुरू कर दिया और मुझे चिंता होने लगी कि एक सप्ताह से चूत का प्यासा लंड कहीं जल्दी ही छूट न जाए। फिर समीरा ने मुंह से मेरा लंड निकाला और बोली वैसे कंडोम फ्लेवर वाला है या सामान्य?
मैंने कहा बनाना फ्लेवर है। उसने कहा ठीक है वह चढ़ा लो फिर चुसाइ लगाती हूँ तुम्हारी यह कह कर वह पीछे हट कर सोफे पर बैठ गई और मैं काउन्टर में अंदर जाकर कंडोम की डब्बी निकालकर उसमें से एक कंडोम अपने लंड पर चढ़ाने लगा। लंड पर कंडोम चढ़ाने के बाद जब मैं वापस मुड़ा तो समीरा मलिक अपनी कमीज और ब्रा दोनो ही उतार चुकी थी और उसके हाथ सलवार उतारने की तैयारी में थे। उफ़ ..... क्या मम्मे थे समीरा मलिक के ... 38 आकार के बड़े खरबूजे जितने मम्मे देख कर तो मेरा लंड उन्हें सलामी देने के लिए छत की ओर मुंह करके खड़ा हो गया था। अब में समीरा मलिक के मम्मों की सुन्दरता में डूबा हुआ था कि समीरा मलिक अपनी सलवार उतार कर मेरे सामने खड़ी हो गई। वह अब पूरी तरह से नंगी थी और आगे बढ़कर उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा तो मैं उसके मम्मों की ओर झुकने लगा। उसने मुझे पीछे हटाया और बोली पहले मुझे चुसाइ करने दे फिर मेरे मम्मे चूस लेना ताकि तेरे लंड को चुसाइ से थोड़ा आराम मिले फिर उसके बाद चुदाई शुरू हो। इस प्रकार अधिक समय तक तू चोद पाएगा मुझे।
मेरा मन तो बहुत कर रहा था समीरा मलिक के मम्मे हाथ में पकड़ कर उन्हें चूसने का मगर समीरा की बात भी सही थी अगर चौपे लगवाने के तुरंत बाद लंड उसकी चूत में डाल देता तो वीर्य जल्दी निकल जाता इसलिए मैंने समीरा मलिक की बात मान ली जो अब मेरे सामने बैठ चुकी थी और लंड अब उसके मुँह में था। पहले तो उसने कंडोम के बनाना फ्लेवर का परीक्षण किया और फिर कंडोम पर बने दानों को देख कर बोली आज आएगा ना मज़ा कंडोम से चुदाई करवाने का। डाटड कंडोम यानी बारीक कंडोम जिस पर छोटे निशान होते हैं और वे बाहर उभरे होते हैं, यह दाने जब औरत की चूत में जाते हैं तो उसको अधिक रगड़ देते हैं जिसकी वजह से गर्म महिलाओं को और अधिक मज़ा आता है जबकि जो अधिक चुदाई की आदी न हों उनकी चूत में जलन शुरू हो जाती है और दर्द होने लगता है। मगर समीरा मलिक जैसी रंडी को भला यह बारीक कंडोम से क्यों दर्द होता वह तो चुदी चुदाई थी और उसकी ज्यादातर रातें किसी ना किसी लंड के साथ ही गुजरती थीं।
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- shubhs
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Re: ब्रा वाली दुकान
बिलकुल सब तैयार है
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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- Ankit
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Re: ब्रा वाली दुकान
kunal bhai kya mast update diya hai
- kunal
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Re: ब्रा वाली दुकान
shubhs wrote:बिलकुल सब तैयार है
Ankit wrote:kunal bhai kya mast update diya hai
thanks you much
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!