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ब्रा वाली दुकान complete
- kunal
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Re: ब्रा वाली दुकान
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फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- kunal
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Re: ब्रा वाली दुकान
यूं लैला मैम और मेरी पहली चुदाई पूरी हो गई और लैला मैम को सालों बाद अपनी प्यासी चूत में एक जानदार लंड मिला जिससे वह आने वाले समय मे अपनी चूत की लगातार चुदाई करवाती रहें। उसके कुछ समय बाद मेरी मलीहा से शादी हो गई और राफिया की इच्छा पर अपनी सुहाग रात को मैंने राफिया की भी चूत मारी . हुआ कुछ यूं कि राफिया जो मेरे से चुदवाने के बाद मेरे लंड की दीवानी हो चुकी थी वह दुकान पर आकर मुझे अपनी चूत देती रहती थी। और जब मेरी मलीहा से शादी तय हुई तो राफिया ने फरमाइश कर डाली कि मेरी बहन की सुहाग रात वाले दिन मेरा भी हनीमून बना दो। उस दिन केवल मेरी बहन को ही नहीं बल्कि मुझे भी चोदना। मलीहा की विदाई पर रस्म के अनुसार राफिया भी हमारे घर आई और मैंने जहां कुछ मेहमानों को अपनी पड़ोसी के घर ठहराया वहीं राफिया को भी अपनी पड़ोसी के घर ठहरा दिया। अपनी पड़ोसी की चूत तो काफी समय से मार ही रहा था, मैंने उसे भी समझा दिया कि मैं अपनी साली की चूत भी मारता हूँ और साली की इच्छा के अनुसार उसकी बहन की सुहागरात पर केवल उसकी बहन ही न चुदे बल्कि उसकी भी चुदाई हो जाए। इसलिए सुहागरात को अपनी पत्नी मलीहा की कुंवारी चूत से खून निकालने और उसकी योनी की 3 बार जानदार चुदाई करने के बाद पानी निकालने के बाद जब मलीहा सो गई तो मैं अपनी छत फलाँग कर अपनी पड़ोसी के घर चला गया जहां वह और राफिया छत वाले कमरे में मेरा इंतजार कर रही थीं।
पत्नी को चोदने के बाद मैंने पत्नी की बहन यानी अपनी साली और अपनी पड़ोसी की एक साथ चुदाई की और सुबह 6 बजे के करीब वापस अपने कमरे में आकर अपनी पत्नी की गोद में सो गया। उसके काफी समय बाद तक न केवल राफिया मुझसे चुदाई करवाती रही बल्कि अक्सर नीलोफर और शाज़िया को चोदने का मौका भी मिलता रहा। एक बार मुज़रे की रानी समीरा मलिक ने भी मुझे अपने घर बुलाकर सारी रात मुझसे चुदाई करवाई। उस रात मैंने समीरा मलिक को 3 बार चोदा। रात 9 बजे चुदाई शुरू हुई। दूसरा राउंड रात 1 बजे लगाया और तीसरा राउंड सुबह उसके घर से निकलने से पहले लगाया। उसकी चूत को खूब अच्छी तरह चोद कर उससे ढेर सारे पैसे भी वसूल किए। अलीना भी एकबार फिर से मुझसे चुदाई करवाने के लिए मेरे पास आई जबकि सलमा आंटी को कभी उनके घर जाकर तो कभी अपनी दुकान पर चोदता रहा।
अब मेरी दुकान तो शरीफ प्लाजा समाप्त हो चुकी है और मैं गलगशत जाकर अपनी दुकान बना चुका हूं जहां आज भी एक ट्राई रूम मौजूद है, जहां कभी कभी कोई न कोई शिकार फंस जाता है और मुझे नई चूत चोदने को मिल जाती है। जबकि 3 चूतें मेरे पास रूटीन में रहती हैं। एक मेरी पत्नी की चिकनी और टाइट चूत जिसे हर तीसरे चौथे दिन ज़रूर चोदता हूँ। दूसरी मेरी पत्नी की बहन मेरी साली राफिया की चूत जो आज भी मेरी दुकान पर आकर मुझसे अपनी चूत मरवाती है। जबकि तीसरी चूत है लैला मैम की। जिनकी न केवल चूत बल्कि गाण्ड भी बहुत टाइट है, लैला मैम अक्सर मुझे अपने घर बुला लेती हैं और अलग कमरे में न केवल लैला मैम को चोदता हूँ बल्कि उनकी अनुमति से कभी-कभी उस नर्स को भी चोद देता हूँ जिसे चौकीदार से चुदवाने की आदत थी। इसके अलावा लैला मैम के पति की तबीयत अब पहले से काफी बेहतर है। वह चल फिर तो नहीं सकते लेकिन बेड पर न केवल उठकर बैठ जाते हैं बल्कि धीरे धीरे लैला मैम की चूत में अपना लंड डालकर उनको भी थोड़ा आराम पहुंचा देते हैं।
तो दोस्तो यह थी मेरी कहानी ब्रा वाली दुकान में आँटिओ और लड़कियों की चुदाई। उम्मीद है आपको पसंद आई होगी। आपकी कीमती राय का इंतजार रहेगा। आपका दोस्त राजशर्मा . दोस्तो फिर मिलेंगे किसी नई कहानी के साथ तब तक हँसते रहिए मुस्कुराते रहिए, चोदते रहिए और लड़कियाँ भी चुदवाति रहें और मस्ती करती रहिए .
समाप्त
पत्नी को चोदने के बाद मैंने पत्नी की बहन यानी अपनी साली और अपनी पड़ोसी की एक साथ चुदाई की और सुबह 6 बजे के करीब वापस अपने कमरे में आकर अपनी पत्नी की गोद में सो गया। उसके काफी समय बाद तक न केवल राफिया मुझसे चुदाई करवाती रही बल्कि अक्सर नीलोफर और शाज़िया को चोदने का मौका भी मिलता रहा। एक बार मुज़रे की रानी समीरा मलिक ने भी मुझे अपने घर बुलाकर सारी रात मुझसे चुदाई करवाई। उस रात मैंने समीरा मलिक को 3 बार चोदा। रात 9 बजे चुदाई शुरू हुई। दूसरा राउंड रात 1 बजे लगाया और तीसरा राउंड सुबह उसके घर से निकलने से पहले लगाया। उसकी चूत को खूब अच्छी तरह चोद कर उससे ढेर सारे पैसे भी वसूल किए। अलीना भी एकबार फिर से मुझसे चुदाई करवाने के लिए मेरे पास आई जबकि सलमा आंटी को कभी उनके घर जाकर तो कभी अपनी दुकान पर चोदता रहा।
अब मेरी दुकान तो शरीफ प्लाजा समाप्त हो चुकी है और मैं गलगशत जाकर अपनी दुकान बना चुका हूं जहां आज भी एक ट्राई रूम मौजूद है, जहां कभी कभी कोई न कोई शिकार फंस जाता है और मुझे नई चूत चोदने को मिल जाती है। जबकि 3 चूतें मेरे पास रूटीन में रहती हैं। एक मेरी पत्नी की चिकनी और टाइट चूत जिसे हर तीसरे चौथे दिन ज़रूर चोदता हूँ। दूसरी मेरी पत्नी की बहन मेरी साली राफिया की चूत जो आज भी मेरी दुकान पर आकर मुझसे अपनी चूत मरवाती है। जबकि तीसरी चूत है लैला मैम की। जिनकी न केवल चूत बल्कि गाण्ड भी बहुत टाइट है, लैला मैम अक्सर मुझे अपने घर बुला लेती हैं और अलग कमरे में न केवल लैला मैम को चोदता हूँ बल्कि उनकी अनुमति से कभी-कभी उस नर्स को भी चोद देता हूँ जिसे चौकीदार से चुदवाने की आदत थी। इसके अलावा लैला मैम के पति की तबीयत अब पहले से काफी बेहतर है। वह चल फिर तो नहीं सकते लेकिन बेड पर न केवल उठकर बैठ जाते हैं बल्कि धीरे धीरे लैला मैम की चूत में अपना लंड डालकर उनको भी थोड़ा आराम पहुंचा देते हैं।
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- kunal
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Re: ब्रा वाली दुकान
राज भाई तो काफ़ी दिन इस साइट से गायब रहे थे तो मैने उनकी ही कहानी पोस्ट की थी और ये कहानी उन्होने ही लिखी थी
मैने सिर्फ़ इस कहानी को पोस्ट किया है इससे ज़्यादा कुछ नही पर आप सब का प्यार पाकर मैं निहाल हो गया
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- Kamini
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Re: ब्रा वाली दुकान
Arre nahi itni mast kahani ko itni jaldi khatm mat karo
- shubhs
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- Joined: 19 Feb 2016 06:23
Re: ब्रा वाली दुकान
बहुत ही बढ़िया कहानी।
अगली कहानी के इंतजार मे
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सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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