lagta ahi agla number Rafiya ka hai mitr
chalo ye bhi thik hai kabhi kabhi dukaandaari ki taraf bhi dhyan dena chaahiye
ब्रा वाली दुकान complete
- jay
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Re: ब्रा वाली दुकान
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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- Rohit Kapoor
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Re: ब्रा वाली दुकान
nice updae
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(संयोग का सुहाग)....(भाई की जवानी Complete)........(खाला जमीला running)......(याराना complete)....
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- kunal
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Re: ब्रा वाली दुकान
shubhs wrote:बिल्कुल}सही
jay wrote:lagta ahi agla number Rafiya ka hai mitr
chalo ye bhi thik hai kabhi kabhi dukaandaari ki taraf bhi dhyan dena chaahiye
Shukriya mitroRohit Kapoor wrote:nice updae
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- kunal
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Re: ब्रा वाली दुकान
दोपहर 2 बजने से कुछ देर पहले राफिया दुकान पर आ गई, मुझे उम्मीद थी कि वह जरूर आएगी क्योंकि एक तो मैं जानता था कि वह नाराज होने का नाटक कर रही है या फिर अस्थायी तौर पर एक दम से लंड देखकर घबरा गई है , अन्यथा इच्छा तो उसकी भी है देखने के लिए, और दूसरी बात उसकी मजबूरी भी थी। राफिया आई तो मैंने उससे पूछा कि कॉलेज में कुछ खाया तो उसने कहा हाँ जी समोसे खा लिए थे। मैंने पूछा और कुछ मँगाऊ ??? तो उसने कहा नहीं रहने दें। इस दौरान 2, 3 ग्राहक भी आईं जिन्हें मैं ने उनकी पसंद की ब्रा दिखाकर फ्री किया और 2 बजे तो मैंने दरवाजा लॉक कर दिया और राफिया के सामने काउन्टर पर आकर खड़ा हो गया, पहले मैंने सोचा था सोफे पर उसके साथ ही बैठ जाऊं मगर फिर सोचा कि अब जरा इसको लाइन पर वापस लाना है तो धीरे धीरे उसकी तरफ बढ़ना चाहिए यूं एकदम से बढ़ना अच्छी बात नहीं है। काउन्टर में वापस गया तो राफिया ने कहा आपने 4 बजे का क्यों कहा अम्मी को ??? आप तो 2 बजे बंद करते हो दुकान ??
मैंने कहा हां 4 बजे इसलिए कहा कि मुझे तुमसे बात करनी थी तो सोचा कुछ समय मिल जाएगा और अगर 4 बजे से पहले भी तुम्हें छोड़ आउन्गा तो भी आंटी ने कौन सा कुछ कहना है। यह सुनकर राफिया अपनी जगह से उठी और बोली चलिए तो मुझे छोड़ आइए . मैंने कहा ऐसे नहीं, पहले आराम से आराम से बैठो, मेरी बात सुनो, अपना मूड ठीक करो तो तुम्हें छोड़कर आउन्गा
मेरी बात सुनकर राफिया वापस सोफे पर बैठ गई और बोली- जी बताएं क्या बात करनी है आपने। मैंने कहा पहले यह बताओ तुम्हें गुस्सा किस बात का है? तुम मुझसे बात क्यों नहीं करती? न फोन ना दुकान पर आती हो और अब भी मुझसे ऐसे बात कर रही हो जैसे मैंने तुम्हें कोई नुकसान पहुंचा दिया हो। वह बोली- आप अच्छी तरह जानते हैं कि मुझे किस बात का गुस्सा है। मैंने कहा नहीं मैं नहीं जानता। तुम बताओ किसका गुस्सा है ?? वह बोली उस दिन जो कुछ आपने कैमरे के सामने क्या उसका ....
मैंने कहा वह तो मलीहा के साथ किया वह मेरी मंगेतर है, तुम्हारे साथ तो ऐसा कुछ नही किया। गुस्सा करना था तो मलीहा को करती तुम्हें मुझसे किस बात का गुस्सा है ??? वह बोली मलीहा आपी के साथ आपको यह सब करना था तो मुझे कैमरे पर क्यों दिखाया ??? मैंने कहा मैंने कब दिखाया तुम्हें? तुमने खुद ही जबरन मुझसे कैमरा ऑनलाइन करवाया था, मैं तो तुम्हें मना करता रहा कि मत कर्वाओ कैमरा ऑनलाइन। मेरी बात सुनकर राफिया चुप हो गई। जाहिर सी बात है उसके पास मेरी बात का जवाब नहीं था। फिर मैंने राफिया से पूछा कि अगर तुम्हें इतना बुरा लगा था कि मैंने तुम्हें वह सब क्यों दिखाया तो तुम स्क्रीन बंद कर सकती थी, मगर तुम देखना चाहती थी इसीलिए तो तुम अंत तक स्क्रीन चालू करके बैठी रही और देखती रही। तुम देखना चाहती थी इसलिए मैंने तुम्हें वह सब कुछ दिखाया था, मुझे पता था कि तुम यह सब देखना चाहती हो। इस पर राफिया ने ठंडे स्वर में कहा नहीं मुझे नहीं पता था कि तुम ये सब कुछ करोगे, और न ही मैं यह देखना चाहती थी। मुझे लगता था कि बस आप चुंबन ही करेंगे। यह कह कर राफिया चुप हुई तो मैंने कहा नहीं, उस दिन तूने मलीहा और मुझे देखा था जब हम चुंबन कर रहे थे, उसने अपनी कमीज ऊपर उठा रखी थी और मैं उसके सीने पर प्यार कर रहा था जब तुम ट्राई रूम में ब्रा बदल रही थी। तुम्हें पता था कि आज भी मलीहा के बूब्स देखूंगा।
इस पर राफिया ने कहा, हां मगर जो कुछ आपने दिखाया उसकी मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी। राफिया की बात पर मैंने कहा अब मैं तो तुम्हारा मन पढ़ नहीं सकता कि तुम क्या देखना चाहती हैं। मुझे लगा कि तुम हम दोनों को सेक्स करते हुए देखना चाहती हो इसलिए जितना हम कर सकते थे यहां वह मैंने तुम्हें दिखा दिया। या तो तुम पहले मुझे बता देती कि क्या दिखाना है और ज़्यादा आगे ना बढ़ता। मेरी बात सुनकर राफिया चुप बैठी रही। फिर मैंने कहा अगर मैंने तुम्हें दिखा भी दिया तो तुम स्क्रीन बंद कर सकती थीं मगर आपने भी तो स्क्रीन बंद नहीं किया। इस पर भी राफिया चुप बैठी रही। फिर मैं काउन्टर से निकला और राफिया के साथ सोफे पर बैठ कर उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ लिया। उसने पहले हाथ छुड़ाने की कोशिश की लेकिन फिर मेरे न छोड़ने पर अपनी प्रतिरोध समाप्त कर दी। फिर मैंने राफिया से कहा कि वास्तव में गलती तो तुम्हारी भी है। तुम जिस तरह मुझे आकर्षित कर रही थी मैंतो यही समझा कि तुम मेरा यह देखना चाहती हो। मेरी बात सुनकर राफिया ने काँपती हुई आवाज़ में कहा मैंने कब आपको आकर्षित किया ??? मैंने कहा तुम ही तो मुझे पूछ रही थी कि आपको ब्रा कैसा लगा ??? तुम्हारा यह विचार था कि मैं तुम्हें कैमरे से देख रहा हूँ। जब कि मैं नहीं देख रहा था, तुमने जब बार बार पूछा कि बताओ आपको कैसा लगा तो मैं तो तुम्हारी बात समझ ही नहीं सका कि तुम क्यों पूछ रही हो, लेकिन जब मुझे पता लगा कि तुम कैमरे के बारे में जानती हो उसके बावजूद तुमने वहां जाकर अपना ब्रा बदला और वापस आके मुझसे पूछा कि कैसा लगा ??? तो इसका मतलब तुम्हारे मन में था कि मैं तुम्हें बिना कपड़े के देख रहा हूँ और तुम्हें इस बात की कोई चिंता नहीं, अगर मैंने वास्तव में कैमरा ऑनलाइन किया होता और तुम्हे देख लेता तो मतलब तुम को बुरा नहीं लगता . अब राफिया बोली वह तो मैंने अपना सीना छुपा कर ब्रा पहना था और ब्रा पहनने के बाद कपड़ा हटाकर शीशे में देखा था कि कैसा लग रहा है, और तभी आप भी देख लेते, मगर ब्रा तो पहना हुआ था मैंने तब, बिल्कुल नंगी तो नहीं थी पर।
राफिया की यह बात सुनकर मैंने उससे पूछा अच्छा अगर मैं तुम्हें अब कहूँ कि मुझे दिखाओ तुमने कौन सा ब्रा पहन रखा है तो तुम दिखाओगी ??? इस पर राफिया बोली अभी तो आपकी और मेरी लड़ाई है। यह सुनकर मैंने एक ठहाका लगाया और कहा चलो अब हम दोनों सुलह कर लेते हैं, तो कल तुम्हे एक ब्रा गिफ्ट करूंगा, वह तुम ट्राई रूम में जाकर बदलना और फिर मुझे पता चलेगा . इस पर राफिया थोड़ा हंसी और बोली नहीं अब नहीं दिखाउन्गी आपको। मैंने कहा अरे वाह .... अब क्यों नहीं दिखाओगी ???
राफिया ने कहा बस अब नहीं दिखा पाउन्गी . मैंने कहा अच्छा बाबा मत दिखाना मगर अपना मूड तो सही कर लो, अच्छी खासी अपनी साली से बात कर लेता था, जब से तुमने मेरा वो देखा है तुम तो ऐसे डरती हो मेरे से जैसे मैंने कोई कांड कर दिया तुम्हारे साथ। मेरी बात पर राफिया इठला कर बोली आप कर के तो दिखाएँ बलपूर्वक फिर बताऊँगी आपको। मैं उस पर हंसा और कहा न भई तुम तो कोई जंगली बिल्ली लगती हो मुझे तुमसे जबरन कोई काम नही करना . चलो अब अपना मूड सही करो तो तुम्हें समोसे खिलाउन्गा, मुझे खुद भी जोर की भूख लग रही है। इस पर राफिया बोली मेरे मूड को क्या हुआ ??? ठीक तो है .... उसकी बात सुनकर मैं हंस पड़ा और समोसे मंगवा लिए। समोसे खाने के बाद राफिया और मैंने कुछ इधर उधर की बातें कीं और इतने में 4 बजने में आधा घंटा रह गया तो मैंने राफिया ने कहा चलो उठो अब मुझे छोड़ आओ . 4 बजे तक राफिया को घर छोड़कर वापस दुकान पर आ चुका था। इस बार वह रिलैक्स होकर बैठी थी मेरे साथ जुड़ कर, और जब भी मैं ब्रेक लगाता उसके मम्मे मेरी कमर पर लगते मगर वह इस बार पीछे नहीं हटी।
मैंने कहा हां 4 बजे इसलिए कहा कि मुझे तुमसे बात करनी थी तो सोचा कुछ समय मिल जाएगा और अगर 4 बजे से पहले भी तुम्हें छोड़ आउन्गा तो भी आंटी ने कौन सा कुछ कहना है। यह सुनकर राफिया अपनी जगह से उठी और बोली चलिए तो मुझे छोड़ आइए . मैंने कहा ऐसे नहीं, पहले आराम से आराम से बैठो, मेरी बात सुनो, अपना मूड ठीक करो तो तुम्हें छोड़कर आउन्गा
मेरी बात सुनकर राफिया वापस सोफे पर बैठ गई और बोली- जी बताएं क्या बात करनी है आपने। मैंने कहा पहले यह बताओ तुम्हें गुस्सा किस बात का है? तुम मुझसे बात क्यों नहीं करती? न फोन ना दुकान पर आती हो और अब भी मुझसे ऐसे बात कर रही हो जैसे मैंने तुम्हें कोई नुकसान पहुंचा दिया हो। वह बोली- आप अच्छी तरह जानते हैं कि मुझे किस बात का गुस्सा है। मैंने कहा नहीं मैं नहीं जानता। तुम बताओ किसका गुस्सा है ?? वह बोली उस दिन जो कुछ आपने कैमरे के सामने क्या उसका ....
मैंने कहा वह तो मलीहा के साथ किया वह मेरी मंगेतर है, तुम्हारे साथ तो ऐसा कुछ नही किया। गुस्सा करना था तो मलीहा को करती तुम्हें मुझसे किस बात का गुस्सा है ??? वह बोली मलीहा आपी के साथ आपको यह सब करना था तो मुझे कैमरे पर क्यों दिखाया ??? मैंने कहा मैंने कब दिखाया तुम्हें? तुमने खुद ही जबरन मुझसे कैमरा ऑनलाइन करवाया था, मैं तो तुम्हें मना करता रहा कि मत कर्वाओ कैमरा ऑनलाइन। मेरी बात सुनकर राफिया चुप हो गई। जाहिर सी बात है उसके पास मेरी बात का जवाब नहीं था। फिर मैंने राफिया से पूछा कि अगर तुम्हें इतना बुरा लगा था कि मैंने तुम्हें वह सब क्यों दिखाया तो तुम स्क्रीन बंद कर सकती थी, मगर तुम देखना चाहती थी इसीलिए तो तुम अंत तक स्क्रीन चालू करके बैठी रही और देखती रही। तुम देखना चाहती थी इसलिए मैंने तुम्हें वह सब कुछ दिखाया था, मुझे पता था कि तुम यह सब देखना चाहती हो। इस पर राफिया ने ठंडे स्वर में कहा नहीं मुझे नहीं पता था कि तुम ये सब कुछ करोगे, और न ही मैं यह देखना चाहती थी। मुझे लगता था कि बस आप चुंबन ही करेंगे। यह कह कर राफिया चुप हुई तो मैंने कहा नहीं, उस दिन तूने मलीहा और मुझे देखा था जब हम चुंबन कर रहे थे, उसने अपनी कमीज ऊपर उठा रखी थी और मैं उसके सीने पर प्यार कर रहा था जब तुम ट्राई रूम में ब्रा बदल रही थी। तुम्हें पता था कि आज भी मलीहा के बूब्स देखूंगा।
इस पर राफिया ने कहा, हां मगर जो कुछ आपने दिखाया उसकी मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी। राफिया की बात पर मैंने कहा अब मैं तो तुम्हारा मन पढ़ नहीं सकता कि तुम क्या देखना चाहती हैं। मुझे लगा कि तुम हम दोनों को सेक्स करते हुए देखना चाहती हो इसलिए जितना हम कर सकते थे यहां वह मैंने तुम्हें दिखा दिया। या तो तुम पहले मुझे बता देती कि क्या दिखाना है और ज़्यादा आगे ना बढ़ता। मेरी बात सुनकर राफिया चुप बैठी रही। फिर मैंने कहा अगर मैंने तुम्हें दिखा भी दिया तो तुम स्क्रीन बंद कर सकती थीं मगर आपने भी तो स्क्रीन बंद नहीं किया। इस पर भी राफिया चुप बैठी रही। फिर मैं काउन्टर से निकला और राफिया के साथ सोफे पर बैठ कर उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ लिया। उसने पहले हाथ छुड़ाने की कोशिश की लेकिन फिर मेरे न छोड़ने पर अपनी प्रतिरोध समाप्त कर दी। फिर मैंने राफिया से कहा कि वास्तव में गलती तो तुम्हारी भी है। तुम जिस तरह मुझे आकर्षित कर रही थी मैंतो यही समझा कि तुम मेरा यह देखना चाहती हो। मेरी बात सुनकर राफिया ने काँपती हुई आवाज़ में कहा मैंने कब आपको आकर्षित किया ??? मैंने कहा तुम ही तो मुझे पूछ रही थी कि आपको ब्रा कैसा लगा ??? तुम्हारा यह विचार था कि मैं तुम्हें कैमरे से देख रहा हूँ। जब कि मैं नहीं देख रहा था, तुमने जब बार बार पूछा कि बताओ आपको कैसा लगा तो मैं तो तुम्हारी बात समझ ही नहीं सका कि तुम क्यों पूछ रही हो, लेकिन जब मुझे पता लगा कि तुम कैमरे के बारे में जानती हो उसके बावजूद तुमने वहां जाकर अपना ब्रा बदला और वापस आके मुझसे पूछा कि कैसा लगा ??? तो इसका मतलब तुम्हारे मन में था कि मैं तुम्हें बिना कपड़े के देख रहा हूँ और तुम्हें इस बात की कोई चिंता नहीं, अगर मैंने वास्तव में कैमरा ऑनलाइन किया होता और तुम्हे देख लेता तो मतलब तुम को बुरा नहीं लगता . अब राफिया बोली वह तो मैंने अपना सीना छुपा कर ब्रा पहना था और ब्रा पहनने के बाद कपड़ा हटाकर शीशे में देखा था कि कैसा लग रहा है, और तभी आप भी देख लेते, मगर ब्रा तो पहना हुआ था मैंने तब, बिल्कुल नंगी तो नहीं थी पर।
राफिया की यह बात सुनकर मैंने उससे पूछा अच्छा अगर मैं तुम्हें अब कहूँ कि मुझे दिखाओ तुमने कौन सा ब्रा पहन रखा है तो तुम दिखाओगी ??? इस पर राफिया बोली अभी तो आपकी और मेरी लड़ाई है। यह सुनकर मैंने एक ठहाका लगाया और कहा चलो अब हम दोनों सुलह कर लेते हैं, तो कल तुम्हे एक ब्रा गिफ्ट करूंगा, वह तुम ट्राई रूम में जाकर बदलना और फिर मुझे पता चलेगा . इस पर राफिया थोड़ा हंसी और बोली नहीं अब नहीं दिखाउन्गी आपको। मैंने कहा अरे वाह .... अब क्यों नहीं दिखाओगी ???
राफिया ने कहा बस अब नहीं दिखा पाउन्गी . मैंने कहा अच्छा बाबा मत दिखाना मगर अपना मूड तो सही कर लो, अच्छी खासी अपनी साली से बात कर लेता था, जब से तुमने मेरा वो देखा है तुम तो ऐसे डरती हो मेरे से जैसे मैंने कोई कांड कर दिया तुम्हारे साथ। मेरी बात पर राफिया इठला कर बोली आप कर के तो दिखाएँ बलपूर्वक फिर बताऊँगी आपको। मैं उस पर हंसा और कहा न भई तुम तो कोई जंगली बिल्ली लगती हो मुझे तुमसे जबरन कोई काम नही करना . चलो अब अपना मूड सही करो तो तुम्हें समोसे खिलाउन्गा, मुझे खुद भी जोर की भूख लग रही है। इस पर राफिया बोली मेरे मूड को क्या हुआ ??? ठीक तो है .... उसकी बात सुनकर मैं हंस पड़ा और समोसे मंगवा लिए। समोसे खाने के बाद राफिया और मैंने कुछ इधर उधर की बातें कीं और इतने में 4 बजने में आधा घंटा रह गया तो मैंने राफिया ने कहा चलो उठो अब मुझे छोड़ आओ . 4 बजे तक राफिया को घर छोड़कर वापस दुकान पर आ चुका था। इस बार वह रिलैक्स होकर बैठी थी मेरे साथ जुड़ कर, और जब भी मैं ब्रेक लगाता उसके मम्मे मेरी कमर पर लगते मगर वह इस बार पीछे नहीं हटी।
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- shubhs
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Re: ब्रा वाली दुकान
मामला सेट है
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हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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