होता है जो वो हो जाने दो complete

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Rohit Kapoor
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Re: होता है जो वो हो जाने दो

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शाम ढल चुकी थी अंधेरा गहरा रहा था। राहुल अपने घर पर पहुंच चुका था। उसकी मम्मी खाना परोस कर खाने की तैयारी कर रही थी।
राहुल भी जल्दी से हाथ पैर धोकर खाने बैठ गया । उसकी मम्मी राहुल और सोनू दोनों से खाते समय उन दोनों की पढ़ाई के बारे में पूछताछ करने लगी ।
राहुल और सोनू दोनों ने अपनी मम्मी के सवालो का जवाब ठीक ठाक दिया। कुछ देर में खाना ख़त्म करके सभी लोग अपने कमरे में चले गए। राहुल अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था उसे एकाएक कल इसी वक्त हुए वाक्ये
के बारे में याद आ गया। उस वाक्ये के बारे में याद आते ही उसके लंड में तनाव आना शुरु हो गया। राहुल को उसकी मां का पिछ्वाड़ा याद आ गया। गोरी गोरी एकदम बड़ी बड़ी गांड को याद करके उसका लंड एक दम से टन्ना गया। कल का पूरा नजारा उसकी आंखों के सामने तैरने लगा उसे तुरंत याद आ गया कि वह कैसे दरवाजे को खोला ही था की सामने उसकी मां गाउन को पहन रही थी और अपनी गोरी गोरी मस्त गांड को ढक पाती उससे पहले ही उसकी नजर उसकी मम्मी की नंगी गांड पर पड़ गई।
राहुल अपनी मां को याद करके एक दम गरम होने लगा उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है लेकिन जो भी हो रहा था उससे उसके बदन में एक अजब सी हलचल मची हुई थी जिसमे उसे मजा भी आ रहा था।
राहुल का हांथ एकाएक अपनेपजामे में बने तंबू पर चला गया। वह जब-जब पजामे के ऊपर से ही अपने लंड के सुपारे को उंगली और अंगूठे के बीच में लेकर दबाता उसके बदन में झुरझुरी सी फेैल जाती। उसको बहुत मजा आता उसका मजा दोगुना हो जाता।
इस समय वह नीलू को बिल्कुल ही भूल चुका था। उसकी आंखों के सामने बार बार उसकी मां की बड़ी-बड़ी गोरी गांड ही दिखाई दे रही थी। अपनी मां की गोरी गांड के बारे में सोच सोच कर उसके लंड का तनाव और भी ज्यादा बढ़ चुका था। आज तक उसने कभी भी अपनी मां के बारे में इतना गंदा नहीं सोचा था और ना ही कभी इस तरह की गंदी बातें सोचने के बारे मे सोच भी सकता था। लेकिन कल रात को उसने जो नजारा देखा था उसके बारे में भी कभी सोचा नहीं था। साड़ी ब्लाउज में तो बहुत बार देखा था कपड़े बदलते हुए नहाते हुए लेकिन कभी भी कपड़ों के अंदर का अंग नहीं देखा था इसलिए के बारे में कभी सोचा ही नहीं था लेकिन जब से उसने अपनी मां को उस अवस्था में देखा तब से राहुल के दिमाग में बार-बार वही छबी नजर आ रही थी। वैसे भी राहुल की मां की मादक और सुडोल गांड का उभार कुछ ज्यादा ही था। इसलिए उसकी गांड काउभार राहुल के मन-मस्तिष्क पर ज्यादा ही असर कर रहा था।।
राहुल की सांसे भारी होती जा रही थी। लंड में आए ज्यादा तनाव की वजह से अब उस में दर्द होना शुरु हो गया था। लेकिन राहुल को उस दर्द में भी मीठा मजा मिल रहा था। राहुल का मन एकदम बेचैन हुआ जा रहा था उसके बदन में रह रह कर झुरझुरी फेल जा रही थी।
वह अपनी मां के बारे में ही सोच रहा था तभी से का एकाएक सुझा की क्यों ना आज भी मम्मी के कमरे में
चलकर देखा जाए हो सकता है कि आज कुछ ज्यादा ही देखने को मिल जाए यही सोचकर बिस्तर से उठा और दरवाजे तक आ गया दरवाजे को खोलने ही वाला था कि उसका मन ग्लानी से भर गया । बस एकदम से उसके मन मेंअपनी ही मां को नंगी देखने के लिए कैसा बेचैन हुआ जा रहा है । उसे खुद पर गुस्सा आने लगा कि वह अपनी मां के बारे में कैसे इतना गंदा सोच सकता है। वह भारी मन से वापस अपने बिस्तर पर आकर बैठ गया। और सोचने लगा कि मैं कितना गंदा कामकरनेजा रहा था अगर इस बारे में की मां को जरा भी पता चलेगा तो कितना दुख पहुंचेगा और उस पर गुस्सा भी बहुत करेगी। यह सब सोचते हुए वह फिर से बिस्तर पर लेट गया। उसके लंड में आया तनाव धीरे धीरे कम होने लगा। राहुल मन में आए पछतावे के साथ
कब सो गया उसे पता ही नहीं चला।

सुबह 5:00 बजे का अलार्म बजते हैं राहुल की नींद खुल गई । राहुल अलार्म को बंद किया और थोड़ी देर यूं ही बिस्तर पर आंखें बंद करके लेटा रहा वह सोचा अभी 5 मिनट में उठता हूं। लेकिन जब दोबारा आंख खुली तो घड़ी में 7:00 बज रहे थे। वह हड़बड़ा के बिस्तर पर से उठा और तुरंत बाथरूम की और भागा । जल्दी-जल्दी ब्रस करके नहा धोकर तैयार हो गया। उसे आज नीलू से मिलने जाना था आज बहुत खुश लग रहा था। किचन में गया तो वहां खाना नाश्ता दोनों तैयार हो चुका था कि मम्मी आदत के अनुसार मंदिर जा चुकी थी राहुल ने अपने हाथों से चाय नाश्ता लेकर किचन के बाहर आकर नाश्ता करने लगा। रविवार के दिन वैसे भी उसे कुछ ज्यादा टेंशन नहीं रहता आज के दिन वह यहां-वहां घूम कर अपना समय व्यतीत करता था। वैसे भी वह हर संडे को विनीत के साथ ही होता था लेकिन आज वह नीलू के साथ घूमने जाने का प्रोग्राम बना चुका था। तैयार हो चुका था राहुल अभी भी उसे 2 घंटे का समय था लेकिन फिर भी वह अंदर ही अंदर बेचैन ,हुआजा रहा था उसे जल्दी थी नीलू से मिलने की। वह बस अपनी मां का इंतजार कर रहा था जोकि मंदिर गई हुई थी।
नीलु से वह क्या कहेेगा। कैसे कहेगा वह क्या करेगी कहां चलेगी घूमने यही सब बातें । उसके मन में चल रही थी चाय नाश्ता कर चुका था बस इंतजार था उसको अपनी मम्मी का। थोड़ी ही देर में पूजा की थाली लिए हमें उसकी मां घर में प्रवेश करी। अपनी मां को देखते ही राहुल बहुत खुश हुआ। राहुल को खुश होता हुआ देखकर उसकी मां बोली।
राहुल की मां :क्या बात है बेटा आज बहुत खुश नजर आ रहे हो।( पूजा की थाली लिए हुए सीधे रसोई घर मे चली गई पीछे-पीछे राहुल भी रसोईघर में चला गया और पीछे से ही बोला।)

राहुल: बस ऐसे ही मम्मी। वह क्या है कि आज है दोस्तों के साथ कहीं घूमने जाने का प्रोग्राम था इसलिए। वह क्या है कि।( राहुल कुछ बोलना चाह रहा था लेकिन हीचकीचा रहा था। । उसके हिचकिचाहट को उसकी मा समझ गई थी। और वह पूजा की थाली रखकर अपनी कमर पर हाथ रखते हुए राहुल की तरफ देखते हुए बोली।)
राहुल की मां :अच्छा तो तुम्हे पैसे चाहिए तो सीधे-सीधे क्यों नहीं बोल देते इतना हड़बड़ा क्यों रहे हो।( इतना कहते ही वह किचन पर पड़ा हुआ पर्स उठाई और उसे खोलकर उसमें से 50 का नोट निकाल कर राहुल को पकड़ाते हुए बोली।)
राहुल की मां: ले बेटा मैं जानती हूं कि मैं तुम दोनों की सारी ख्वाहिशें नहीं पूरी कर पाती तुम तो जानते ही हो
हम लोगों की माली हालत ठीक नहीं है जैसे तैसे करके घर का खर्चा चलता है। फीर भी में पूरी कोशिश करती हूं कि तुम लोगों की थोड़ी बहुत ख्वाहिशै जरूर पूरी करती रहुँ।
( राहुल उस 50 की नोट को हाथ में पकड़ते हुए बोला)
राहुल: आप बहुत अच्छी हो मम्मी। आप हम लोगों की सारी ख्वाहिशें पूरी करती हो आई लव यू मम्मी। ( इतना कहने के साथ ही अपनी मम्मी के गले लगते हुए थैंक्यू बोला।)
राहुल की मम्मी; वेसे बेटा तुम कब लौटोगे।
(
अपनी मम्मी से अलग होता हुआ बोला)
राहुल; मम्मी कोई नक्की तो नहीं है कब लौटूंगा। कुछ काम था क्या मम्मी।

राहुल की मम्मी; वेसे कुछ खास नहीं बस थोड़ा मार्केट जाना था राशन लेने। कोई बात नहीं मैं खुद चली जाऊंगी।
राहुल; अगर मैं टाइम पर आ गया तो जरुर चलूंगा और नहीं आ पाया तो आप खुद चली जाना।

राहुल की मम्मी: ( अपनी साड़ी के किनारी को अपनी कमर मे ठुंसते हुए) कोई बात नहीं बेटा मैं कह रही हुँ न मै चली जाऊंगी तुम बेफिक्र रहो।
( राहुल की मम्मी जब अपनी साड़ी की किनारी को अपनी कमर में ठूंस रही थी तो राहुल की नजर एकाएक उसकी मम्मी के गोरी गोरी एकदम चिकनी और मांसल कमर पर पड़ी । और वह अपनी मम्मी की कमर को देखता ही रह गया । उसकी मम्मी थी की रसोई का काम किए जा रही थी कभी बर्तन को गैस पर रखती तो कभी जूठे बर्तन को धोने लग जाती । राहुल की नजर बार-बार उसकी मम्मी के अंगो उपांगो पर तैरने लग जा रही थी। उसकी मां के बदन की बनावट उसके अंगों का कटाव था ही ऐसा की कोई भी उसे एक बार देख ले तो देखता रह जाए।
राहुल की मां राहुल के आगे खड़ी थी राहुल उसके पीछे खड़ा था। उसकी मां की पीठ राहुल के सामने थी। राहुल अपनी मां के अंगउपांगो को निहार रहा था। कुछ देर पहले ही जहां राहुल अपनी मां के मार्तत्व और वात्सल्य से खुश होकर अपनी मां को गले से लगा लिया था और अब उर्सी मां के खूबसूरत बदन को देखकर उसका मन मचलने लगा था। राहुल अपनी आंखों की पहुंच को जहां-जहां हो सकता था वहां वहां अपनी मां के बदन तक पहुँचा रहा था। . फिर से उसकी जाँघों के बीच के अंग में तनाव आना शुरु हो गया था।
उसकी मां सब्जी काट रही थी और सब्जी काटते हुए बोली।

राहुल की मां : खाना तैयार हो गया था बेटा बस सब्जी बनाना रह गया था। तुम जरा उस थेली में से आलु निकाल कर दो। (
राहुल की मम्मी पीछे देखे बिना ही बोली थी। सब्जी से भरा हुआ थेला वही राहुल के पैर के पास पड़ा हुआ था राहुल जैसे ही नीचे बैठ कर थेलें मैं से आलू निकालने लगा वैसे ही उसकी मां के हाथों से चाकू छुट़कर नीचे गिर गया। उसकी मां चाक़ू उठाने के लिए नीचे झुकी और जैसे ही वह झुकी उसकी बड़ी बड़ी मतवाली और चौड़ी गांड ठीक राहुल की आंखों के सामने उभर के सामने आ गई। नीचे बैठे होने की वजह से उसकी मां की बड़ी बड़ी गांड और भी ज्यादा बड़ी लगने लगी।
राहुल एकटक अपनी मां की गांड को ही देखते रह गया । उसे एकाएक रात वाला नजारा याद आ गया जब उसने अपनी मां की नंगी गांड को देखा था। वह सोचने लगा की सच में मम्मी की गांड बहुत बड़ी-बड़ी और बहुत मस्त है। साड़ी में जब इस तरह की दीखाई दे रही है। तो उस रात को तो मै मम्मी की गांड को एकदम नंगी देखा था। मम्मी की गांड सच में बहुत खूबसूरत है। तभी तो मेरे मन से मम्मी की गांड की छवी हट नहीं रही है।
राहुल ये सब सोच ही रहा था तब तक उसकी मां चाकु उठा कर फिर से सब्जी काटते हुए बोली।

राहुल कीमाँ: क्या हुआ बेटा इतनी देर क्यों लग रही है आलू देने में।( अपने मम्मी की बात सुनते ही राहुल हड़बड़ा गया और हड़ बड़ाते हुए बोला।)
राहुल; हहहहहह हाँ मममम्मी दे रहा हुँ। ( इतना कह कर झट से थैले मे से आलू नीकालकर अपनी मां को थमाते हुए बोला।)
लो मम्मी यह रहे आलू।
( राहुल की मां राहुल के हाथों से आलू थाम ली और आलू को काटते हुए बोली)
राहुल की मां: बेटा तुम नाश्ता तो किए हो ना।
राहुल: ( अपनी मां के पिछवाड़े पर नजर गड़ाए हुए) हां मैं नाश्ता कर लिया हूं।
राहुल की मां ;एक काम करो बेटा थोड़ी देर में सब्जी भी तैयार हो जाएगी तो खाना खा कर जाना पता नहीं कब लौटोगे वहाँ से।

राहुल: ठीक है मम्मी मैं खाना खा कर जाऊंगा वैसे भी अभी मेरे पास टाइम समय बहोत है।
( राहुल की बात सुनकर उसकी मां राहुल की तरफ घूमते हुए बोली।)
राहुल की मां ;तब तक जाओ बेटा बाहर बैठो थोड़ी देर में सब्जी तैयार हो जाती है तो मैं परोस कर लाती हुँ।

राहुल; ठीक है मम्मी( इतना कह कर राहुल रसोई घर के बाहर चला गया)
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Rohit Kapoor
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Re: होता है जो वो हो जाने दो

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रसोईघर से राहुल बाहर आकर कुर्सी पर बैठ गया उसकी जांघों के बीच अभी भी तनाव बना हुआ था और सोच में पड़ गया कि ऐसा अब क्यों हो रहा है। क्यों अपनी ही मां को देख कर मन में गलत गलत विचार आ रहे हैं। वह सोचने लगा कि पहले भी तो वो अपनी मां को इस तरह से देख चुका है लेकीन पहले तो ऐसा नहीं हुआ अब क्यों ऐसा हो रहा है। राहुल यही सब सोच सोच कर परेशान हुआ जा रहा था और इन सब बातो से अपना ध्यान हटाने के लिए पास में ही टेबल पर पड़ी किताब उठाकर पढ़ने लगा धीरे-धीरे उसका मन शांत होने लगा। कुछ देर तक राहुल किताब मे हीं
अपने मन को लगाए रखा। कुछ ही देर में सब्जी बन कर तैयार हो गई उसकी मम्मी थाली में खाना परोस कर राहुल के पास लाई।
खाना खाने के बाद राहुल घड़ी में देखा तो 9:30 बज गए वह जल्दी-जल्दी अपनी मम्मी को बाय कहकर घर के बाहर आ गया।
नीलु उसको अच्छी लगने लगी थी। नीलू के बारे में ही सोचता हुआ वह चौराहे तक कब पहुंच गया उसे पता ही नहीं चला। चौराहे तक पहुंचते पहुंचते सवा 10:00 हो चुका था। लेकिन अभी भी नीलू का कहीं अता पता नहीं था। राहुल बार बार चारों तरफ देख ले रहा था।
कुछ ही मिनटों बाद अपनी स्कूटी पर नीलू आते हुए दिखाई दी राहुल तो उसको दूर से देख कर ही खुश होने लगा । उसकी बांछे खिल उठी। नीलू उसे अब दुनिया की सबसे प्यारी लड़की लगने लगी थी। राहुल पहली बार किसी लड़की के लिए इतना खुश और इतना बेचैन नजर आ रहा था।
नीलू की स्कूटी आकर राहुल के ठीक सामने खडी़े हुई।
स्कूटी को ब्रेक लेते हैं नीलू बोली।
नीलु: वाओ आज तो कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रहे हो यू लुकिंग सो हैंडसम।
( नीलू के मुंह से अपने तारीफ सुनकर राहुल शर्मा गया
और जवाब में सिर्फ मुस्करा भर दिया। नीलू उसे स्कूटी पर बैठने के लिए कहीं। राहुल के बैठते ही नीलू ने एक्सीलेटर घुमा दि और स्कूटी रफ्तार पकड़ते हुए सड़क पर दौड़ ने लगी। दोनों के बातों का दौर शुरू हो गया। नीलु के सारे सवालों का जवाब राहुल मुस्कुराकर दे रहा था।
लेकिन नीलू के मन में कुछ और चला रहा था नीलू आज थोड़ा नर्वस थी क्योंकि उसका प्लान बिगड़ चूका था। नीलू कल से जो प्लान बनाकर राहुल से घूमने जाने के लिए कही थी। नीलू के उस अरमान पर पानी फिर चुका था। नीलू ने अपने मन में सोच रखी थी कि रविवार के दिन राहुल को अपने घर लाएगी और उसके मोटे ताजे तगड़े लंड का भरपुर मजा लेगी। क्योंकि वह जानतीे थी कि रविवार के दिन उसके मम्मी पापा घर पर नहीं होते हैं और रात को लेट में लौटते हैं। इसलिए वह इस मौके का फायदा उठाते हुए राहुल के साथ घूमने जाने का प्लान बनाइ थी और घूमने के बहाने उसे अपने घर ले आती और उसके साथ चुदाई का मजा लूटती । लेकिन सारा मजा किरकिरा हो गया था क्योंकि उसके मम्मी पापा आज घर पर ही थे। और ऐसे में राहुल को अपने घर ले जाना ठीक नहीं था वह स्कूटी चलाते हुए यहीं मन में सोच रही थीे कि राहुल को कहां ले जाया जाए।

नीलू को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे फिर उसने अपना प्लान बदल दिया उसने तय कर लिया की आज सिर्फ यहां वहां की बातें करुंगी। किसी और दिन अच्छा मौका देख कर ईसके लंड का शुभारंभ अपनी बुर से ही करवाऊंगी।
यह सब मन में सोचते हुए नीलू स्कूटी को एक छोटे से पार्क की तरफ मोड़ ली। रास्ते भर राहुल के तने हुए लंड की चुभन अपने पीठ पर महसूस कर कर के उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी। नीलू जैसे ही पार्क के किनारे अपनी स्कूटी को खड़ी की वैसे ही राहुल स्कूटी पर से नीचे उतर गया नीलू की निगाह तुरंत राहुल की जांघो के बीच बने हुए तंबू पर गई वो मन ही मन मुस्कुरादी। राहुल का ध्यान पार्क पर था वह नहीं जानता था कि नीलू की निगाह उसके पेंट में बने हुए तंबू पर है। लेकिन जैसे ही राहुल को उसका आभास हुआ और नीलू को मुस्कुराते देखा तो वह शर्म से पानी पानी हो गया। राहुल कहीं और ज्यादा शर्मिंदा न हो जाए इसलिए नीलु स्कूटी लॉक करके खुद ही आगे आगे चलने लगी। राहुल शर्माता हुआ उसके पीछे पीछे जाने लगा। वह जानती थी कि राहुल पीछे-पीछे आ रहा है इस वजह से वह जान बूझकर अपनी गांड को कुछ ज्यादा ही मटका कर चल रही थी। छोटी ड्रेस में और टाइट सलवार में उसकी गांड कुछ ज्यादा ही उभार लिए हुई थी। जिस पर ना चाहते हुए भी राहुल की नजर पड़ ही जा रही थी। राहुल यहां पहली बार आ रहा था लेकिन नीलु यहां बहुत बार आ चुकी थी।
नीलू अपनी नजर पार्क करके चारो तरफ दौड़ाते हुए मन ही मन में बोली । आज रविवार होने के बावजूद भी पार्क में कम भीड़ है चलो अच्छा ही है। कहीं कुछ करने का मूड हो गया तो शायद हो जाए
नीलू मन मे बड़बड़ाते हुए मुस्कुरा दी।
पार्क में बहुत ज्यादा पेड़ लगे हुए थे जिस वजह से पार्क एकदम घना लगता था। सूरज की रोशनी भी बड़ी मुश्किल से पहुंचती थी जिस वजह से पार्क में दोपहर के समय में भी अंधेरा सा छाया हुआ था । इसी अंधेरे का फायदा उठाकर यहां पर स्कूल और कॉलेज में से बंक करके लड़के-लड़कियां घंटो बैठा करते हैं। और किसी की नजर ना पड़े तो अपनी जिस्म की प्यास भी बुझाने मे जरा सा भी हिचकीचाते नहीं थे। वह दूसरे को क्या कहे वह खुद भी इस पार्क में बहुत बार चुदवा चुकी है।
वह इस बात से भी अनजान नहीं थी कि खुले से ज्यादा चोरी चोरी में चुदवाने का जो मजा मिलता है वह ओर कही नहीं मिलता।
पार्क बहुत सलीके से सजाया हुआ था पगडंडियों के किनारे-किनारे हरी-हरी घास और रंग-बिरंगी फुलवारी से सजी हुई हर कोना आंखों को और मन को बहुत ज्यादा ठंडक पहुंचाता था। यहां पर बनी पगडंडिया भी टेढ़े मेढ़े ऊपर नीचे होकर गुजर रही थी। पगडंडी जब ऊपर की तरफ जाती तो हाई हील की सैंडल पहने होने की वजह से नीलू की गांड की थिरकन और भी ज्यादा बढ़ जाती । और निलु की थिरकती हुई गांड देखकर राहुल के लंड मे तनाव आना शुरु हो जाता।
राहुल की नजर पार्क में बैठे हुए लड़के लड़कियों पर भी चली जा रही थी और वह लोग जिस तरह से आपस में चिपक कर बैठे हुए थे उन्हें देखकर राहुल के बदन में हलचल सी मच रही थी। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह नीलूं उसे कहां ले आई है आज तक ईस पार्क में या ऐसे किसी पार्क में आया ही नहीं था। राहुल के बदन में रोमांच और सिहरन दोनों का मिला जुला असर देखने के मिल रहा था। राहुल अपनी नजर को पार्क में इधर-उधर घुमा जरूर रहा था लेकिन उसकी नजर बार बार आकर नीलू की मटकती हुई गांड पर आकर टीक जा रही थी।
नीलू पार्क में किनारे पर बैठने की जगह वह पार्क के अंदर के भाग में जाना पसंद करती थी क्योंकि वहां पर ज्यादा भीड़ भाड़ भी नही रहती थी और घने पेड़ो की छाया की वजह से अंधेरा भी बना रहता था। दूसरा कोई उन्हें वहां देख ले इसकी उम्मीद भी कम थी।
नीलू रह-रहकर पीछे मुड़ कर देख ले रही थी और जब वह राहुल की नजरों को अपनी गांड पर चिपकी हुई पकड़ती तो वह मुस्कुरा देती। लेकिन नीलू की मुस्कुराहट से राहुल शर्मिंदा हो जाता था।
थोड़ी दूर ओर जाने के बाद एक अच्छा सा कोना देख कर पेड़ के नीचे रखी बेंच पर नीलू बैठ गई और वहीं पास में बैठने का राहुल को इशारा की राहुल भी वही नीलू के पास बैठ गया लेकिन थोड़ी दूरी बना कर।
राहुल को दूरी बनाकर बैठता हुआ देखकर नीलू खुद ही खिसक कर राहुल के करीब उससे सट कर बैठ गई।
जेसे ही राहुल के बदन से नीलु के संगेमरमरी बदन का स्पर्श हुआ राहुल के पुरे बदन मे सनसनी फेल गई।
राहुल अपने बदन को सँकोचाते हुए जैसे ही थोड़ा सरकना चाहा नीलु अपने एक हाँथ को राहुल की कमर मे डाल कर अपनी तरफ खींचते हुए बोली।
नीलु; क्या राहुल तुम तो यार कितना शरमाते हो इतना तो लड़कियां भी नहीं शर्माती। कोई गर्लफ्रेंड वर्लफ्रेंड नहीं है क्या तुम्हारी।
(( जिस तरह से नीलु राहुल की कमर में हाथ डाले हुए थी उससे तो राहुल की सांसे ही थम गई थी।उसकी हालत ख़राब होने लगी थी।बोले भी तो क्या बोले कुछ समझ में नहीं आ रहा था दिमाग काम करना बंद कर दिया था। राहुल लड़कियों के करीब इतना पहले कभी नहीं रहा इसलिए वह हक्का बक्का हो गया था। इनेलो के ऐसे सवाल से और भी ज्यादा शर्मा किया लेकिन शर्माते हुए बोला।)

राहुल; ना ना ना नहीं।( राहुल कांपते स्वर में जवाब दिया)
( अभी भी नीलू राहुल कि कमर में हाथ डाले हुए अपने से चिपकाए हुए थी।)
नीलु; ऐसा क्यूं क्या तुम्हें लड़कियां पसंद नहीं है। लड़कियां अच्छी नहीं लगती क्या तुम्हें?
राहुल; ( नीलू का हाथ उसकी कमर में होने की वजह से वह लगभग संकुचाते हुए) जी ऐसी कोई बात नहीं है लेकिन क्या है की मुझे ईन सब बातो मे इंटरेस्ट ही नहीं ।
( अब तक का हाल देखकर तो नीलू समझ ही गई थी की राहुल सच कह रहा था उसे सब बातों में ज़रा भी इंटरेस्ट नहीं था। लेकिन यह भी जानती थी की उसकी कमनीय कामुक बदन ने राहुल के दिलो दिमाग पर जो
असर दिखाना शुरू किया है उससे राहुल इन सब बातों में इंटरेस्ट लेना शुरु कर दिया था।। नीलू अपनी आंखों को मटका ते हुए बोली।)
नीलु; अच्छा क्या तुम्हें मुझ में कोई इंटरेस्ट नहीं है?
( इतना कहने के साथ ही अपने छातियों को फुलाकर आगे की तरफ बढ़ा दी और जैसे ही नीलू अपनी छातियों को आगे की तरफ बढ़ाई राहुल की नजर सीधे ड्रेस में छिपी बड़ी-बड़ी गोलाईयो पर चिपक गई। राहुल की नजर अपनी चुचियों पर चिपकतो हुए देखते ही वह मुस्कराते हुए फिर बोली)
बोलो ना राहुल क्या तुम्हें मुझ में जरा भी इंटरेस्ट नहीं है
( इस बार राहुल हां मैं सिर हिला दिया। राहुल का जवाब सुनते हैं नीलु फिर बोली)
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नीलु: तुमने अब तक कीसी को भी गर्लफ्रेंड नहीं बनाया ना । ( नीलू के इस सवाल पर भी राहुल ने हां मैं सिर हिला दिया। लेकिन इस बार मिलो राहुल के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई वह फिर से बोली)
क्या यार क्या लगा रखा है मेरे कोई भी सवाल पर बोलने के बजाय बस सिर हिला दे रहे हो। यार ऐसा नहीं चलेगा कुछ तो बोलो मैं कब से तुम्हारी आवाज सुनने के लिए तड़प रहीे हुँ। अब ऐसा नहीं चलेगा अब तुम्हें कुछ बोलना ही पड़ेगा ।(इस बार नीलु का हाँथ जोकी राहुल की कमर पर था उसे नीलू धीरे-धीरे राहुल की जांघो तक ले आई और जाँघो को सहलाते हुए बोली)
बोलो ना राहुल क्या तुम मुझे अपनी गर्ल फ्रेंड बनाओगे बताओ।
( नीलु की कोमल ऊंगलीयो का स्पर्श अपनी जाघों पर महसूस करके राहुल मस्त हुआ जा रहा था और साथ ही उसका पूरा बदन गनगना जा रहा था। जांघो के ईर्द गिर्द घूम रही नीलुं की कोमल उँगलियो के स्पर्श का असर उसकी जाघों के बीच उसके हथियार पर हो रहा था। और पेंट के अंदर उफान मार रहे राहुल के हथियार
का आभास नीलू अपनी उंगलियों पर पूरी तरह से कर रही थी। उसके पैंट में टनटनाए हुए लंड का एहसास नीलु के बदन मे झुरझुरी सी फैला दे रहा था। राहुल नीलू के सवाल का जवाब कसमसाते हुए देते हुए बोला।)
राहुल; अगर सच में ऐसा हो सकता है तो यह तो मेरा सौभाग्य होगा कौन नहीं चाहेगा कि तुम गर्लफ्रेंड बनो
नीलु; तो क्या सच में तुम मुझे अपनी गर्ल फ्रेंड बनाओगे ना।।( नीलू की बात पर इस बार राहुल को देर तक खामोश ही रहा नीलू की खामोशी को ताड़ते हुए फिर से बोली।) मैं हूं ना तुम्हारी गर्लफ्रेंड।
राहुल; ( शर्माते हुए) हां हो।
(राहुल का जवाब सुनते ही नीलू बहुत खुश हुई। वो झट से बोली।)
नीलु; तो पक्का आते मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड और तुम मेरे बॉयफ्रेंड (इतना कहते ही नीलू ने राहुल को खींचकर अपने बदन से और ज्यादा सटा ली। नीलु आज बहुत खुश थी उसे राहुल अच्छा लगने लगा था उससे भी ज्यादा अच्छा लगने लगा था राहुल का लंड। जिसे उसने अब तक देखी भी नहीं थी लेकिन पेंट के तंबू देख को देखकर ही नीलू को पता चल गया था कि राहुल की पैंट के अंदर छिपा हुआ ओजार बहुत ही जानदार तगड़ा और कुंवारा है। वैसे भी नीलू पहले से ही खेली खाई हुई लड़की थी। मोटा ताजा लंड उसकी सबसे बड़ी कमजोरी थी।। जाँगघो पर थिरकती हुई नीलू की उंगलियां धीरे से राहुल की जाँघो के बिच बने तंबू पर चली गई। नीलू के ऊँगलियो का स्पर्श अपने तने हुए तंबू पर पड़ते हैं राहुल एकदम से गनगना गया । वह शर्म के मारे नीलू से अपनी नजरें भी नहीं मिला पा रहा था और वह अपनी नजरों को पार्क में इधर-उधर घुमा रहा था। और नीलू अपनी वासना भरी मुस्कान के साथ राहुल के चेहरे पर आ रही एक्सप्रेशन को देखे जा रही थी। राहुल की हालत खराब होते देख ने अपने ऊँगलियों को राहुल के तंबू पर से हटा ली। और मुस्कुराने लगी राहुल शर्म के मारे नीलू से नजर भी नहीं मिला पा रहा था।
इसके बाद दोनों में बहुत सारी बातें हुई काफी समय तक वे दोनों ने उसी बैंच पर बैठ कर बिता दिए। नीलू राहुल के बारे में बहुत कुछ जान चुकी थी बातों ही बातों में उसने यह भी जान ली थी की राहुल ने आज तक किसी लड़की को छुआ तक नहीं था एक दम प्योर वर्जिन था सत प्रतिशत कुँआरा। यह बात जानते ही नीलु कि खुशी का ठिकाना ना रहा। वह बहुत खुश हुई लेकिन एक बात से उसे थोड़ा दुख भी हुआ।

क्योंकि निलूं राहुल के मोटे ताजे और तगड़े लंड की परिकल्पना मैं विहरते हुए अपनी पैंटी को गीली कर ली थी। उसे अपनी चुदासी बुर की खुजली बर्दाश नहीं हो रही थी ओर वह अपनी खुजली को मिटाना चाहती थी। नीलू इसी पार्क के कोने में घने पेड़ के नीचे जहां किसी की नजर नहीं पहुंच पाती वहीं पर झाड़ियों के पीछे जाकर राहुल से चुदवाने की पूरा प्लान बना चुकी थी। लेकिन राहुल से बातें करके जान चुकी थी की अभी वह इन सब में बिल्कुल कच्चा है । सेक्स की एबीसीडी का ए भी उसे नहीं आता था। इसीलिए राहुल को झाड़ियों के पीछे ले जाकर चुदाई के लिए उकसाने का मतलब था आग में घी डालना। इससे उसकी बुर की खुजली मिटने के बजाय और भी ज्यादा बढ़ जाती। इसलिए नीलू ने अपने इस प्लान को भी कैंसल कर दी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें कैसे वो अपनी बुर की खुजली को मिटाए । इस समय राहुल से ज्यादा छेड़छाड़ करना ठीक नहीं था। उसके साथ जी भर के चुदाई का मजा लूटना था लेकिन अभी नहीं कोई अच्छा सा मौका देख कर के राहुल के लंड से चुदने का पूरा निर्धार बना चुकी थी।
कुछ ऐसा करना था कि राहुल का भी मन मचल उठे वो सब करने के लिए जिसको करने के लिए लड़के हमेशा बेताब रहते हैं। नीलू मन में ही सोचने लगी कि क्या करें क्या ना करें तभी वो राहुल से बोली ।
नीलु: अच्छा तुम 2 मिनट यहां बैठाे मैं आती हूं ।
(और इतना कहकर नीलू अपनी गांड मटकाते हुए चल दी। राहुल नीलू को जाते हुए देखते रह गया लेकिन उसकी निगाह नीलू से ज्यादा उसकी मस्त गदराई हुई गांड पर ही टीकी हुई थी। राहुल अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था। जो आज उसके साथ हो रहा था इस बारे में उसने कभी सपने में भी कल्पना नहीं की थी। उसे वह पल याद आने लगा जब नीलू की उगलिया उसकी जांगो के बीच बने हुए तंबू पर लहरा रही थी उसके अंग अंग मे हलचल सी मच गई थी। उसकी उंगलियों के स्पर्श का असर अभी तक वह अपने लंड पर महसुस कर रहा था। उसका लंड अभी भी टनटनाया हुआ था। अब तो नीलु उसे और भी ज्यादा अच्छी लगने लगी थी।
राहुल पार्क में रह-रहकर चारों तरफ अपनी नजरें दौड़ाकर यह देखने लग रहा था कि कहीं कोई उसे देख तो नहीं रहा है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था कुछ लोग बैठे जरूर थै लेकिन वह लोग भी अपने में ही मस्त थे।
राहुल यह सब सोच ही रहा था कि सामने से उसे नीलू आती हुई दिखाई दी। नीलु को देखते हैं फिर से उसका मन प्रसन्न हो गया।वो हाँथ मे कुछ ली थी जो कि ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था नीलू आते समय राहुल को देखते हुए मुस्कुरा रही थी। नीलू थोड़ा और नजदीक आई तू जाकर राहुल को पता चला कि नीलू के हाथ में आइसक्रीम कोन था। नीलू आ कर सीधे राहुल के पास बैठ गई और आइसक्रीम कौन को खोलते हुए बोली।

नीलु: मैं चाहती तो दो कौन ले सकती थी लेकिन जानते हो राहुल अगर एक कौन में हम दोनों साथ मिलकर खाएंगे तो हम दोनों का प्यार और ज्यादा बढ़ जाएगा।
( इतना कहकर वह आइसक्रीम कोन के रेपर को खोलने लगी राहुल कुछ बोल नहीं रहा था और एक टक नीलू और आइसक्रीम कौन को देखे जा रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि एक कॉन में दोनों कैसे खा सकते हैं वह भी एक दूसरे का झूठा क्योंकि आज तक राहुल ने घर के सिवा बाहर किसी और का जूठा नहीं खाया था।
राहुल ये सब मन में सोच ही रहा था तब तक नीलु ने कौन के ऊपरी रैपर को खोल कर फेंक दी। और तुरंत बड़े कामुक अंदाज में अपने मुंह को खोली और जीभ को बाहर निकालकर आइसक्रीम को चाटने लगी। आइसक्रीम को चाटते हुए राहुल की निगाहों में देखे जा रही थी। राहुल मंत्र मुघ्द सा नीलू को आइसक्रीम चाटते हुए देखे जा रहा था।
नीलु आंखों को तैर्रेते हुए ही इशारे से राहुल को आइसक्रीम चाटने के लिए बोली। लेकिन राहुल को कुछ समझ में नहीं आ रहा है वो क्या करें। उसे बहुत शर्म भी महसूस हो रही थी। नीलू फिर से चाटने के लिए ईसारा की तो राहुल विवस हो गया। वह अपने चारों तरफ नजर घुमा कर पहले ये देख लिया कि कोई उन दोनों को देख तो नहीं रहा है पूरी तसल्ली कर लेने के बाद वह भी अपनी जीभ को बाहर निकाला और आइसक्रीम से भिड़ा कर चाटने लगा राहुल को आइसक्रीम चाटता हुआ देखकर नीलू बहुत खुश हुई।
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नीलू बहुत मुस्कुरा मुस्कुरा कर आईस्क्रीम को चाटने का लूत्फ उठा रही थी। राहुल को भी मजा आने लगा राहुल भी जीभ को इधर-उधर आइसक्रीम पर फेर कर आनंद ले रहा था। तभी नीलू ने अपनी जीभ को थोड़ा सा आगे बढ़ाई और जीभ के नोक को राहुल की जीभ से स्पर्श करने लगी।जैसे ही नीलू की जीभ राहुल की जीभ से स्पर्श हुई राहुल का पूरा बदन एक अजीब से रोमांच से गनगना गया। राहुल अपनी जीभ को बस ऐसे ही कौन पर चिपकाए रहा और नीलू राहुल की जीभ से जीभ को सटाते हुए उसकी जीभ को चाटने लगी। राहुल की सांसे तेज चलने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है लेकिन राहुल को भी मजा आने लगा था क्योंकि उसके बदन में एक अजीब सी हलचल मची हुई
थी। एक अजीब से सुख का अहसास राहुल के बदन में दौड़ने लगा था। नीलू तो देश-दुनिया से बेखबर होकर उसकी जीभ को अपनी जीभ से चाटने लगी थी थोड़ी ही देर में कौन को हटाकर नीलू जीभ से जीभ की जगह अपने होठों को राहुल के होठों पर चिपका दी। अपने होंठ पर नीलू के होठों का स्पर्श पाते ही राहुल के तो होश उड़ गए उसके बदन में जैसे करंट दौड़ने लग गया हो।
नीलू आइसक्रीम को छोड़कर राहुल के होटो को चूसना शुरू कर दी। राहुल की आंखें बंद हो चली थी गर्म गर्म सांसे नथुनों से निकलकर नीलू के गालों पर टकरा रही थे जिससे नीलु का जोश और ज्यादा बढ़ने लगा था।
राहुल की होठचुसाई में नीलू इतनी मग्न हो गई थी की उसके हाथ से आइसक्रीम कब छूट गई उसे पता ही नहीं चला। धीरे से नीलू ने अपनी एक हथेली को राहुल के सर के पीछे टेक दी और बालों में अपनी उंगलियों को उलझाने लगी। राहुल का दिल जोरों से धड़क रहा था उसका लंड एकदम से टनटना कर खड़ा हो गया।
राहुल को क्या करना है यह राहुल को बिल्कुल भी पता नहीं था वह तो बस स्थिर होकर बैठा था बाकी का सारा काम नीलु ही कर रही थी उसको होठो को चूसते चूसते अपने जीभ को एकदम से राहुल के मुंह में प्रवेश करा दी। राहुल के लिए सब पहली बार था इसलिए मारे उत्तेजना के उसकी सांसे बहुत तेज चलने लगी थी। इतनी ज्यादा तेज की ऐसा लग रहा था की उसकी सांसे उखड़ रही है।
नीलू तो एक हाथ उसके सिर पर रख कर उसके बालो को सहलाते हुए अपनी जीभ को राहुल के मुंह में डालकर राहुल की जीभ को चाट रही थी। थोड़ी ही देर में राहुल भी अपनी जीभ को हल्के हल्के से नीलू की जीभ पर घिसने लगा। नीलू की भी सांसे तेज चलने लगी थी उसने इस तरह की किस बहुत बार की थी लेकिन जो मजा आज राहुल के साथ आ रहा था ऐसा मज़ा उसे कभी भी नहीं आया। नीलू राहुल को एकदम स्मूच देने लगी राहुल गनगना जा रहा था।
नीलू इतनी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी की उसने राहुल के बाल को अपनी मुट्ठी में कसते हुए राहुल के होठो को अपने होठो से कस के चिपका ली और उसके होठों को चूसने लगी नीलू ने राहुल के होठो को ईतने कस के अपने मुंह में भर के चूस रही थी कि राहुल को सांस लेने में तकलीफ होने लगी उसकी सांसे रुँधने लगी।
नीलू को तो बहुत मजा आ रहा था लेकिन राहुल की तकलीफ बढ़ते जा रही थी उससे अब ज्यादा देर सांस रोक पाना मुश्किल था और नीलू थी की उसे छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी। ना चाहते हुए भी राहुल अपने होठ को नीलू के होठों पर जबरदस्ती खींचकर अलग किया। नीलू के होठों के चंगुल से अपने होठों को आजाद कर के राहुल जोर-जोर से हँफने लगा वही हाल नीलू का भी था वह भी जोर जोर से सांस अंदर बाहर कर रहे थी।
दोनों हाँफते हुए एक दूसरे को देखने लगे देखते ही देखते नीलू मुस्कुराने लगीऔर नीलू को मुस्कुराता हुआ देखकर राहुल भी मुस्कुरा दिया। दोनो एक दूसरे को देख कर हंसे जा रहे थे।
नीचे गिरी आइसक्रीम कौन पिघलकर पानी-पानी हो गई थी उस पर नीलू की नजर पड़ी तो उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कान तैर गई क्योंकि उसे तुरंत ख्याल आया कि जिस तरह से यो आइस क्रीम कौन गर्मी से पिघल कर पानी पानी हो गई है उसी तरह उसके जिस्म की गर्मी भी उसे पिघलाकर पानी पानी कर रही है जिससे उसकी पेंटी भी गीली हो चुकी थी।
राहुल के लिए यह पहला अनुभव था लड़की के संसर्ग में आज पहली बार उसने चुंबन का सुख लिया था। और इस चुंबन ने उसके पूरे बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ा दिया था। उसका रोम रोम पुलकित हो चूका था। जो सुख नीलू ने आज उसे दि थी इस दुख को वह शब्दों में बयान नहीं कर सकता था। नीलू राहुल की तरफ ही घूरे जा रही थी। जब उसकी नजर पेंट में बने तंबू पर गई
तंबू का उभार देखकर उसकी बुर फुदकनेे लगी। राहुल को जब उसकी नजरों का नीसाना कहां है इस बारे में पता चला तो वह शर्माकर अपनी हथेली से अपने पैंट के आगे का भाग ढँक लिया।और नीलु राहुल की ईस हरकत को देख कर उसकी मासूमियत पर मुस्कुरा दी पर मुस्कुराते हुए बोली।
नीलु; ओह राहुल आज तुम्हें किस करने में मुझे इतना आनंद आया है कि पूछो मत मैं तुम्हें बता नहीं सकती कि मैं कितना खुश हूं। क्या राहुल तुम्हें भी उतना ही मजा आया जितना कि मुझे।
( नीरु के इस सवाल पर राहुल शर्मा गया उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या कहे कैसे कहे। लेकिन वह जानता था कि जवाब तो देना ही पड़ेगा नीलू उसे एसे छोड़ने वाली नहीं थी इस लिए वह सिर्फ हां मैं सिर हिला दिया। लेकिन तभी नीलू उसे बीच में टोकते हुए बोली।)
नीलु; ऐसे नहीं राहुल बोल कर बताओ कि तुम्हे मजा आया कि नहीं? ( राहुल जानता था कि नीलु ऐसे पीछा छोड़ेगी नहीं उसे बोलना ही पड़ेगा। इसलिए वह बोला)

राहुल; ( शरमाते हुए) हां मुझे भी बहुत मजा आया।
( राहुल का जवाब सुनकर नीलू बहुत प्रसन्न हुई क्योंकि वह समझ गई थी कि राहुल भी लाइन पर आने लगा है उसे भी लड़कियों से मिलने वाले सुख का मजा अच्छा लगने लगा है।)
नीलु; अच्छा एक बात बताओ राहुल क्या तुमने कभी किसी लड़की को इस तरह से किस किया है या किसी लड़की ने तुम्हें इस तरह से कीस की है?
( राहुल क्या कहता वो तो आज तक किसी भी लड़की के इतने करीब ना गया था ना किसी लड़की को अपने ईतने करीब आने दिया था आज यह पहली बार ही था। इसलिए वह बोला।)

राहुल; नहीं ऐसा मेरे साथ कभी भी नहीं हुआ।
( राहुल का जवाब सुनकर नीलू बहुत खुश हुई और मन ही मन में सोची कि वास्तव में राहुल शत-प्रतिशत वर्जिन है। वो भी मन ही मन मे प्रसन्न हो रही थी लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी। वह आगे के प्लान के बारे में सोचने लगी वह राहुल को ज्यादा उत्तेजित कर देना चाहती थी ताकि वह खुद नीलू को पाने के लिए बेताब हो जाए उसकी तड़प इतनी बढ़ जाये कि वह खुद नीलू के बगैर एक पल भी ना रह पाए।
नीलू के दिमाग में राहुल को और भी ज्यादा उत्तेजित करने का प्लान बन चुका था और वह उसी प्लान के तहत काम करते हुए अपना अगला कदम बढ़ा रही थी।
पार्क में बैठे बैठे दोनों को काफी समय बीत चुका था। शाम ढलना शुरु हो चुका था । नीलू भी अपनी अगली चाल फेंकते हुए बोली।
नीलु; राहुल अब काफी समय हो चुका है अब हमें चलना चाहिए हम दोनों ने यहां काफी समय गुजार लिए।
( नीलु की बात सुनकर राहुल बेमन से बोला।)

राहुल; हाँ हाँ क्यों नही। सच मे काफी समय हो गया है।( राहुल का मन नहीं कर रहा था यहाँ से जाने का लेकिन क्या करता जाना तो पड़ता ही इसलिए वह बेंच पर से खड़ा हो गया। राहुल को खड़ा होता देख नीलू भी
अपना पर्स उठाते हुए खड़ी हो गई। और कैसे अपने प्लान को अंजाम दे उस बारे में सोचते हुए पार्क के चारों तरफ अपनी नजर दौड़ाने लगी। नीलु अपना मुंह ऐसे बनाने लगी जैसे कि उसे दर्द हो रहा है। नीलू का बिगड़ा हुआ मुंह देखकर परेशान होता हुआ राहुल बोला।

राहुल; क्या हुआ नीलू कुछ तकलीफ है क्या।
( नीलू अभी भी पार्क के चारो तरफ अपनी नजर दौड़ाई जा रहे थी। और ऐसे ही राहुल की तरफ देखें बिना ही बोली।)
नीलु: कैसे बताऊं तुम्हें तकलीफ ही एैसी है की तुम्हे बता भी नहीं सकती। (अपने पेट पर हाथ रखते हुए) क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

( नीलू की परेशानी राहुल से सही नहीं जा रही थी राहुल भी बहुत परेशान हो रहा था कि आखिरकार ऐसी क्या तकलीफ है कि नीलु उसे बता नहीं सकती। फिर भी राहुल जोर देकर नीलू से पूछा)
राहुल : नीलू आखिर ऐसी कौन सी तकलीफ है कि तुम मुझे नहीं बता रही हो। बताओगीे नहीं तो पता कैसे चलेगा।
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Re: होता है जो वो हो जाने दो

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( राहुल को यूं खुद के लिए तड़पता हुआ देखकर नीलू बहुत खुश हो रही थी उसे इस बात की खुशी और ठीक है राहुल उसके बारे में फिक्र करने लगा था तभी तो बार-बार पूछ रहा था कि तकलीफ क्या है। वैसे भी राहुल पूछे कि ना पूछे नीलू उसे बताने वाली ही थी क्योंकी उसकी अगली चाल ही यही थी। नीलू थोड़ा परेशान होते हुए बोली)

नीलु: अब तुम्हे कैसे बताऊँ राहुल की मुझे मुझे ( थोड़ा शर्म थोड़ी परेशानी का मिला-जुला असर अपने चेहरे पर लाते हुए) मुझे बहुत जोर की पेशाब लगी है।
( राहुल का इतना सुनना था कि उसका लंड टनटना कर खड़ा हो गया। पहली बार किसी लड़की के मुंह से पेशाब शब्द सुन रहा था और आज यह सब खुद नीलू के मुंह से सुन कर उसके पूरे बदन में सनसनी फैल गई। नीलू यह क्या बोल गई उसे खुद अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था। राहुल के पेंट में तुरंत तंबू तन गया।
जौकी नीलू की नजर से बच नहीं सका। नीलू तंबु को देखकर मन ही मन बहोत प्रसन्न हुई। राहुल नीलु को अपने जांघो के बीच घुरता हुआ देखा तो फीर से शर्मींदा हो गया। नीलु बीना देरी कीए अपना पर्स राहुल को थमाते हुए बोली।

नीलु' : (चारो तरफ नजर दौड़ाते हुए)राहुल मे माफी चाहती हुँ इस गुस्ताखी के लिए लेकीन क्या करु मुझसे कंटो्ल नही हो रहा है। (राहुल क्या कहता उसको कहने के लिए कुछ बचा ही नही था। वह बस नीलु के पर्स को हाँथ मे थामे खड़ा रहा । नीलु खुद आगे बढ़ते हुए बोली ।)तुम एक काम करो (फीर से पार्क मे नजर दोड़ाते हुए)

मैं वहाँ(ऊँगली से दीखाते हुए) जा रही हुँ और कोई इस तरफ आता हो तो मुझे झट से आवाज देना मैँ ऊठ जाऊँगी। ठीक हे ना।
(राहुल नीलु को जवाब देते हुए बोला। )
राहुल: ठीक है। (राहुल जवाब देते हुए बोला)
(वैसे भी इस तरफ कोई आने वाला नही था ये तो बस नीलु ने ऐैसे ही बोल दीथी।
नीलु आगे की तरफ जाने लगी ।दो चार कदम ही चलकर वहीं रुक गई ।जहाँ रुकी थी वहाँ पर घास बहोत बड़ी बड़ी और ढेर सारी थी। वहीं पर नीलु रुक गई। नीलु को रुका हूआ देखकर राहुल का दील जोर से धड़कने लगा।क्योकी वो जानता था की अब क्या होने वाला था। वह बार बार नीलु की तरफ देखकर तुरंत अपनी नजरे फेर लेता ताकी नीलु को ये न लगे की वो उसे छुप छुपके देख ले रहा है।
जबसे नीलु ने पेशाब वाली बात की थी तब से राहुल का लंड बैठा नही था बस खड़े का खड़ा ही था। नीलु वहीं खड़े होकर अपनी डृे्स को थोड़ा सा ऊपर ऊठाई और अपनी नाजुक नाजुक ऊँगलियो से अपनी सलवार की डोरी को खोलने लगी।
राहुल नीलु को अपनी सलवार की डोरी को खोलता हुआ देखकर बहुत ज्यादा उतेजीत हो गया था। उसका लंड ठुनकी मारने लगा था। नीलु की पीठ राहुल की तरफ थी। ईसलीए राहुल नीलु की तरफ बार बार देख ले रहा था।
अगले ही पल नीलु अपनी सलवार की डोरी को खोल चुकी थी और डोरी के खुलते ही नीलू ने सलवार को थोड़ा सा ढीला की । यह सब देख देख कर ही राहुल के लंड से लार टपकना शुरू हो गया था। राहुल बार बार नज़रें चुरा कर नीलू की तरफ देख ले रहा था। उसका दिल ज़ोरों से धड़क रहा था अगले पल क्या होने वाला है क्या होगा यह सब सोचकर उसकी बेताबी और तड़प दोनों बढ़ती जा रही थी।
नीलू सलवार को ढीली करते समय अपनी गांड को इधर-उधर कुछ ज्यादा ही मटका रही थी। उसके गांड मटकाने का एक ही मकसद था राहुल को एकदम से चुदवासा कर देना उसके बदन में चुदासी की आग को भड़का देना। और वह लगभग लगभग अपने मकसद में कामयाब भी होती जा रही थी।
अगले ही पल नीलू ने अपने दोनों हाथों की नाजुक अंगुलियों के बीच में सलवार की दोनों किनारीयो को फसा ली। यह देखकर राहुल का दिल जोरों से धड़कने लगा । नीलु जानती थी कि राहुल उसे देख रहा है लेकिन वो एक बार भी पीछे मुड़कर राहुल की तरफ देखी नहीं क्योंकि वह जानती थी कि अगर वो ऐसा करेगी तो कहीं राहुल शर्मा कर इधर देखना ही बंद कर दे। वह तो बस अपने बदन को दिखाकर राहुल को उपर कहर बरसाना चाहती थी। ऐसा करने में नीलु का भी दिल जोर-जोर से धड़क रहा था जितनी उत्तेजना राहुल में भरी हुई थी उतनी ही उत्तेजना नीलू को भी परेशान कर रही थी।
अगले ही पल नीलू नैं सलवार के साथ-साथ अपनी पैंटी को भी उंगलियों में फंसा ली और धीरे धीरे नीचे सरकाना शुरू कर दी। उसे यह डर बिलकुल भी नहीं था कि पार्क में कहीं कोई और भी उसे इस अवस्था में देख ना ले। उसे तो बस इस बात से मतलब था कि वह जो चीज राहुल को दिखाना चाह रही थी राहुल उसे जी भर कर देख लें और अपने दिमाग में बैठा ले ताकि उसे पाने की उसकी इच्छा एकदम प्रबल हो जाए।
अपने प्लान के मुताबिक नीतू अपनी सलवार को पैंटी सहित धीरे-धीरे करके नीचे सरकाने लगी। जैसे-जैसे सलवार पैंटी सहित नीचे सरक रही थी नीलू का दुधिया गोरा बदन उजागर होता जा रहा था। नीलू की गोरी गोरी मखमली बदन को देखकर राहुल का लंड पेंट में तूफान मचाए हुए था। और नीलू भी राहुल को और ज्यादा तड़पाने के उद्देश्य से अपनी गांड को कुछ ज्यादा ही उभार कर अपनी सलवार को नीचे सरका रही थी।
क्या गजब का नजारा बना हुआ था झाड़ी झीड़ीयो और बड़े-बड़े पेड़ों से आच्छादित ईस पार्क में खड़ी होकर एक लड़की रुप यौवन से भरी हुई जिसके अंग अंग में से जवानी का रस टपक रहा हो वह अपनी सलवार को खोलकर नीचे सरका रही हो और अपनी मस्ती गोल गोल गांड को दिखा रही हो तो सोचो देखने वालों का क्या हाल हो रहा होगा। राहुल के ऊपर तो चारों तरफ से नीलू की जवानी का कहर बरस रहा था। जिसे झेल पाना उसके बस में नहीं था।
अगले ही पल नीलू ने अपनी सलवार को पेंटी सहित घुटनों तक सरका दी। और घुटनों तक सलवार के आते ही वह नजारा सामने आया जिसे देखते ही राहुल के तो होश उड़ गए उसका अंग अंग कंपन करने लगा। उसकी सांसों की गति तेज हो गई। वाह एकटक आंखें फाड़ कर नीलू की तरफ ही दोखे जा रहा था।

अब राहुल कर भी क्या सकता था वह भी मजबूर था राहुल क्या उसकी जगह कोई भी होता तो ऐसा अतुल्य मादक दृश्य देखने पर मजबूर हो जाता । उउफफफ नजारा ही कुछ ऐसा था। नीलू अपनी सलवार को पैंटी सहित अपने घुटनों तक सरकायी हुई थी। और उसकी गोरी गोरी दूधिया गांड ऐसी लग रही थी मानो जैसे कि कोई चांद हो।
राहुल जी भर के इस चांद जैसे मस्त-मस्त गौरी गांड का दीदार कर सके इसलिए कुछ देर तक यूं ही खड़े रहकर इधर उधर पार्क में चारो तरफ नजर दौड़ाने लगी। राहुल इस मौके का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाते हुए अपनी नजर को नीलू की मखमली गांड पर ही टीकाए हुए था। वैसे भी भला किसी का मन ऐसी मस्त मस्ती भरी हुई गांड देखकर भर सकता है।
ऐसी गांड को तो दिन रात बैठकर देखते रहो तो भी मन ना भरे।
नीलु कुछ ही सेकण्ड बाद पेशाब करने के लिए बैठ गई नीलू अभी तक एक बार भी पीछे मुड़कर देखी नहीं थी।
जैसे ही ली नीचे पेशाब करने के लिए बेटे इतना ही देखकर राहुल का दिल धक से कर गया उसके तो होश उड़ गए उसे समझ में नहीं आ रहा था की यह जो देख रहा है यह हकीकत में है या एक सपना है। आज तक उसने किसी भी लड़की को पेशाब करते हुए नहीं देखा था और इस समय मेरे को पेशाब करने वाली अवस्था में देख कर पागल हुआ जा रहा था उसका लंड तनकर लोहे का रॉड बन चुका था। राहुल इतना ज्यादा उत्तेजित हो चुका था कि वह खुद अपनी अंगुलियों को अपनी ही तंबू पर फिरा रहा था और उसके पेंट के आगे वाला भाग हल्का-हल्का गीला हो चुका था ।
नीलू बैठकर पेशाब करने लगी थी। राहुल के बदन में तो तब आग और ज्यादा लग गई जब उसे नीलू की बुर

राहुल के बदन में तो तब और ज्यादा आग लग गई जब उसने नीलू की बुर मै सेआ रही सीटी की आवाज सुना। बुर में से आ रही सीटी की आवाज सुनते ही राहुल के बदन में जैसे करंट दौड़नें लग गया । वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह इस तरह का दृश्य देख पाएगा और आज उसकी आंखों के सामने यह दृश्य देखकर उसके पूरे बदन में खुशी और उत्तेजना की लहर दौड़ गई थी।
नीलू जहां बैठ कर पेशाब कर रही थी वहां पर कुछ ज्यादा ही बड़ी बड़ी घास थी और घने घास होने की वजह से उसे लगा कि राहुल उसकी गांड को ठीक से नहीं देख पा रहा होगा इसलिए उसने अपनी गांड को थोड़ा सा ऊपर की तरफ उचका ली ताकि राहुल उसकी गांड को जी भर के देख सके। लेकिन ऐसा करने पर नीलू और भी ज्यादा सेक्सी लगने लगी उसकी ये हरकत राहुल के लंड पर और ज्यादा कहर बरसाने लगी। नीलू से रहा नहीं जा रहा था वह पेशाब तो कर रही थी लेकिन यह भी देखना चाहती थी कि उसको पैसाब करता हुआ देखकर राहुल के बदन में कैसी हलचल मची हुई है। नीलू से रहा नहीं जा रहा था और वह अपनी गर्दन को पीछ की तरफ घुमाकर राहुल की तरफ देखी और राहुल को देख कर वो एकदम से दंग रह गई। राहुल नीलू की मदहोशी में एकदम से खो चूका था। राहुल के ऊपर उत्तेजना सवार हो चुकी थी वह अपने हाथ से अपने पेंट में बने तंबू को उंगली से मसल रहा था और गहरी गहरी सांसे ले रहा था। जैसे ही नीलू की नजरों से राहुल की नजरें मिली राहुल एकदम से शर्मा गया और झट से अपने तंबु पर से हाथ को हटा लिया। और नीलू के पर्स से अपने तंबू को ढक लिया।
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