होता है जो वो हो जाने दो complete

Post Reply
User avatar
Rohit Kapoor
Pro Member
Posts: 2821
Joined: 16 Mar 2015 19:16

Re: होता है जो वो हो जाने दो

Post by Rohit Kapoor »


( अपनी मां के मुंह से ईस तरह की खुली बातें सुनकर राहुल का पूरा बदन उत्तेजना के मारे झनझना गया। अलका आप पूरी तरह से खुल चुकी थी लेकिन इस समय उसकी ऐसी नंगी बातें सुनकर तो ऐसा ही लगने लगा था कि वह पहले जैसा व्यवहार करती थी उससे भी ज्यादा खुल चुकी थी। शायद जन्मदिन के इस रात को वह राहुल को पूरी तरह से खुश कर देना चाहती थी।
राहुल भी अपनी मां कोई तरह से खुला हुआ देखकर उसका व्यवहार देखकर और भी ज्यादा कामोत्तेजित हो रहा था वह अपनी मां की बात सुनकर अपनी बाहों को उसके गले में डाल कर अपनी तरफ खींचते हुए प्यार से बोला।)

मेरी भी तो अभी कहां पुरी प्यास बुझी है अलका मेरी जान।
( अपने बेटे के मुंह से अपना नाम सुनकर अलका आश्चर्यचकित हो गई लेकिन उसके मुंह से अपने लिए यह शब्द सुनकर उसे प्रसन्नता भी हो रही थी इसलिए वह मुस्कुराते हुए बोली।)

क्या बात है आज तेरे मुंह से मेरा नाम सुनकर मुझे अजीब तो लग रहा है लेकिन बड़ी खुशी भी हो रही है।
तेरी यह बात सुनकर मुझे आज तेरे पापा की याद आ गई वह भी मुझसे प्यार करते समय मेरा नाम लेकर ही मुझे बुलाते थे तो मुझे बेहद मजा आता था।


पता नहीं मम्मी ऐसा क्यों हुआ लेकिन आज उत्तेजना के मारे और तुम्हारा खूबसूरत बदन देख कर मुझे मेरे मन पर काबू नहीं रहा और मेरे दिल की बात मेरे मुंह पर आ गई। ( राहुल सफाई देते हुए बोला।)

कोई बात नहीं बेटा मुझे भी अच्छा लगा,( अपने बेटे के खड़े लंड को देखते हुए) लेकिन बेटा तेरा एक बार झड़ने के बावजूद भी जरा सा भी ढीला नहीं हुआ है देख तो सही कैसे मुंह उठाएं खड़ा है।

यह सब तुम्हारे रूप का ही जादू है तुम्हारा यह खूबसूरत गठीला बदन मेरे लंड को जरा सा भी ढीला नही पड़ने देता।( राहुल अपने लंड को अपनी मुट्ठी में भरकर मुठीयाते हुए बोला।)

अलका अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर गदगद हुए जा रही थी। अपने बेटे को लंट मुठीयाते हुए देख कर उससे भी रहा नहीं गया और उसने भी अपनी हथेली को अपनी जांघों के बीच ले जाकर अपनी पानी से तरबतर बुर को मैं मसलने लगी। राहुल यह देख कर एकदम से उत्तेजित होने लगा और अपना हाथ आगे बढ़ा कर ब्रा के ऊपर से ही अपनी मां की बड़ी बड़ी चुचियों को मसलने लगा।

सससससहहहहहहह,,,,,,,,, क्या कर रहा है रे तुने तो मुझे फिर से गर्म करना शुरु कर दिया,,,,,,,आाहहहहहहहहहह,,,,,,,, राहुल,,,,,,,,, ऊम्म्म्म्म्म्,,,,,,,,,, और जोर से दबा,,,,,,,, ( अलका अपनी बुर को मसलते हुए बोली। राहुल अपनी मां की गरम सिसकारी को सुनकर और ज्यादा गर्म होने लगा और अपनी मां की चुचियों को जोर-जोर से दबाते हुए बोला।)

ओहहहह मम्मी तुम्हारी इन्हें दोषी होना तो मुझे तुम्हारा दीवाना बना रखा है कसम से मैंने आज तक तुम्हारी जैसी बड़ी बड़ी गोल गोल चूचियां किसी औरत के पास नहीं देखा।
( अपने बेटे की यह बात सुनते ही अलका चुटकी लेते हुए बोली।)

तूने किसी और औरत को भी नंगीं देखा है क्या?

नहीं मम्मी मैंने तुम्हारे सिवा किसी और औरत को नंगी नहीं देखा।( चूचियों को मसलते हुए बोला)

फिर तुझे कैसे मालूम कि मेरी चूचियां दूसरी औरतों से ज्यादा बड़ी और गोल है। ( अलका मुस्कुराते हुए अपने बेटे की चुटकी लेने के लिए यह बोल रही थी क्योंकि उसे विश्वास था कि उसका बेटा उसके सिवा आज तक किसी गैर औरत को ना तो कभी नंगी देखा है और ना ही उनके साथ सेक्स किया है। राहुल अपनी मां के सवाल का जवाब देते हुए बोला।)

अरे मम्मी मैंने कभी किसी गैर औरत को नंगी तो नहीं देखा लेकिन उनकी तरफ देखकर, उनकी छातियों को देखकर अंदाजा लगा लेता हुं।

तब तो तू मुझे भी पहले जब भी देखता होगा तो मेरी छातियों की तरफ देखकर यही अंदाजा लगाता होगा कि मेरी चूचियां कितनी बड़ी-बड़ी है, हैं ना। ( अलका अभी भी अपनी हथेली से अपनी बुर को मसल रही थी।)

नहीं मम्मी ऐसा बिल्कुल भी नहीं है हां यह सच है कि अब तुम्हारे और मेरे बीच एक पति पत्नी के बीच जो रिश्ता होता है वही रिश्ता है लेकिन यह रिश्ता बनने से पहले मैंने कभी भी आपको इस नजरिए से नहीं देखा।

अपने बेटे की बात को सुनकर अलका मुस्कुराने लगी उसे अपने बेटे पर पूरा विश्वास था इस तरह के रिश्ते की शुरुआत उसके साथ ही हुई थी। उसे अपने बेटे पर पक्का विश्वास था कि वह किसी और से शारीरिक संबंध नहीं बनाया था। वह अपने बेटे से इस तरह की बातें सिर्फ मजाक के तौर पर कर रही थी लेकिन जब की हकीकत कुछ और थी । अलका को तो यही लगता था कि उसका बेटा सिर्फ उसके प्रति आकर्षित है उसके ही बदन का दीवाना है, जबकि राहुल के संबंध अलका के साथ-साथ तो और भी औरतों के साथ थे जिनके साथ वह संभोग सुख का आनंद ले चुका था लेकिन इस बात को राहुल ने कभी भी अपनी मां के सामने जाहिर नहीं होने दिया। अलका लेकिन अपने बेटे के मर्दाना ताकत से पूरी तरह से वाकिफ थी उसे पक्का यकीन था कि अगर वह किसी भी औरत या लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाएगा तो वह उसकी दीवानी हो जाएगी, जैसे कि वह खुद अपने बेटे के लंड की दीवानी हो चुकी थी।
अलका को अपने बेटे की मासूमियत पर प्यार आ रहा था और वह अपने बुर को अपनी हथेली से लते हुए धीरे-धीरे गरम हो रही थी। साथ ही राहुल खुद अपनी मां की चुचियों को दबा दबा कर उसे और ज्यादा चुदवासी कर रहा था।
दोनों पलंग पर बैठे हुए थे दोनों के पेर फर्श पर टिके हुए थे। अलका की पैंटी उसकी जांघों में अटकी हुई थी और राहुल भी अपने पजामे को घुटनों तक सरका दिया था दोनों अपने अपने अंगो के साथ साथ एक दूसरे के अंगों को देखकर ओर सहलाकर आनंद ले रहे थे।
एक बार झड़ने के बाद दोनों धीरे धीरेे एक बार फिर से उत्तेजित होते हुए चुदवासे हुए जा रहे थे अलका अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में डलवाने के लिए तड़प रही थी और राहुल खुद अपनी मां को चोदने के लिए तड़प रहा था। अलका की बुर में खुजली होने लगी थी वह अपनी बुर को मसलते हुए सिसकारी भी ले रही थी।
अपनी मां की गरम सिसकारी की आवाज सुनकर राहुल का लंड और भी ज्यादा मोटा तगड़ा होने लगा था।
अपने बेटे के लंड को देखकर अलका से रहा नहीं गया और उसने हाथ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के लंड को अपनी हथेली में भर ली और ऊसे मुठीयाते हुए बोली।

राहुल तेरा लंड तो और भी ज्यादा मोटा तगड़ा लग रहा है ऐसा लग रहा है कि जैसे गधे का लंड हो। ( अपनी मां की बात सुनकर राहुल को हंसी आ गई और वह हंसते हुए बोला।)

तुम देखी हो क्या मम्मी गधे के लंड को!
( अपनी बेटे के इस सवाल पर वह जवाब देने के बजाय मंद-मंद मुस्कुराने लगी। अपनी मां को इस तरह से मुस्कुराते हुए देखकर राहुल समझ गया कि ऊसकी मां जवाब देना नहीं चाहती। लेकिन राहुल कोतूहल वश अपनी मां से ईस सवाल का जवाब सुनना चाहता था। इसलिए फिर से जोर देता हुआ अपनी मां से यही सवाल दोहराया ओर ईस बार उसकी मां इंकार न कर सकी और जवाब देते हुए बोली।

हां देखी हूं( शरमाते हुए)

कहां मम्मी और कैसे? ( चुचीयों को जोर से मसलते हुए बोला।)

मार्केट से आते समय वही बीच रास्ते में देखी थी।

क्या देखी थी मम्मी? ( राहुल जानबुझकर पुछे जा रहा था। वह अपनी मां के मुंह से सबकुछ सुनना चाहता था।)

वही जो तु पुछ रहा है।

अपने मुंह से बोलो ना मम्मी।
( ईस बार अलका, राहुल को तिरछी नजर से कनखियो मे देखते हुए बोली।)


मैं तेरी चलाकी खूब समझती हुं सब कुछ मेरे मुंह से ऊगलवाना चाहता है।

जब सब कुछ जानती हो तो बोलो ना मम्मी मुझे तुम्हारे मुंह से सुनना है।( वह जोर जोर से चूची को मसलते हुए बोला।)

गधे का लंड लटकते हुए देखी थी। ( उत्तेजना में जोर से अपनी बुरको मसलते हुए बोली।)

कैसा लगा था मम्मी आपको जब आप पहली बार गधे के लंड को देख लेती तो।

मैं उस समय पहली बार तेरे पापा से शादी करके यहां आई थी और अकेले ही मार्केट में सब्जी खरीदने के लिए गई। जब सब्जी लेकर वापस लौट रही थी तो रास्ते में गधे के झुंड को देखी जिनमें से एक गधे ने अपना लंड बाहर निकाल कर नीचे तक लटका रखा था। उसके लंबे तगड़े मोटे लंड को देखकर मेरी बुर में सुरसुराहट होने लगी। ( इतना कहते हुए वह खूब ज्यादा कामोत्तेजित हो रही थी और साथ ही राहुल भी और भी ज्यादा चुदवासा हुए जा रहा था।) क्योंकि नई-नई शादी हुई थी इसलिए तेरे पापा रोज मेरी चुदाई करते थे। इसलिए मेरा ध्यान उस गधे के लंड पर कुछ ज्यादा ही जा रहा था। बस इससे ज्यादा मैंने कभी भी ऊस बारे में नहीं सोची और ऊससे ज्यादा और मुझसे कुछ पूछना भी मत।


राहुल अपनी मां के मुंह से गधे के लंड के बारे में सुनकर और ज्यादा चुदवासा हो गया था उससे अब बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हुए जा रहा था। अलका भी पुरानी बातों को छेंड़कर अपनी बुर की गर्मी और खुजली दोनों को बढ़ा ली थी उसे अब वाकई मे लंबे मोटे लंड की जरूरत हो रही थी। इसलिए वह अपनी बुर को मसलते हुए राहुल की तरफ बड़ी ही खुमारी नजरों से देखने लगी। अलका का इस तरह से उन्माद भरी नजरों से देखना राहुल से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने झट से अपने होठों को अपनी मां की गुलाबी होठों से भिड़ा दिया। जैसे ही होंठ से होंठ टकराए दोनों के सब्र का बांध टूट गया। दोनों कामोत्तेजित होते हुए एक दूसरे के होठो को चूसना शुरू कर दिए। अलका ही पहल करते हुए अपने बेटे के होठो को अपने मुंह में भरकर चूसती हुई उसने धीरे धीरे पलंग पर लेटने लगी और साथ ही अपने बेटे को अपने ऊपर लिटाने लगी ।
अलका से अब रहा नहीं जा रहा था वह जल्द से जल्द अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में डलवा लेना चाहती थी इसलिए खुद ही अपने हाथों से अपनी पैंटी को नीचे सरकाते हुए घुटनों से नीचे कर दी, और पैरों का सहारा लेते हुए उसे अपने पैर से निकाल फेंकी। उसने अपने बेटे को अपने ऊपर लिटा ली थी । वह धीरे से अपनी जांघो को फैला दी जिससे राहुल उसकी मांसल जांघों के बीच आ गया, इस बार अलका ने बड़ी फुर्ती दिखाई थी राहुल कुछ समझ पाता इससे पहले ही उसने एक हाथ नीचे लै जा कर के अपने बेटे के लंड को पकड़ ली
और लंड के गरम सुपाड़े को अपनी फुली हुई तपति बुर के मुहाने पर रख दी, राहुल को जैसे ही यह महसूस हुआ कि उसका टनटनाया हुआ लंड इसकी मां की गुलाबी बुर के छेद पर टिकी हुई है तो उसने तुरंत अपनी कमर को हरकत मे लाया और कमर को नीचे की तरफ दबाते हुए लंड के सुपाड़े को अपनी मां की बुर में उतार दिया।और जेसे ही लंड का मोटा सुपाड़ा अलका की बुर मे घुसा वैसै ही अलका के मुंह से कराहने की आवाज निकल गई।

आाहहहहहहहहहह,,,,,,,,, ऊईईईईईईईई,,, म्मां,,,,,,, आज सच में तेरा लंड और भी ज्यादा मोटा लग रहा है।( तभी राहुल ने हल्के से एक और धक्का लगाया।)
आाहहहहहहहहहह,,,,,, दर्द हो रहा है रे,,,,,,,,,सससससहहहहहहह,,,,,,,, राहुल,,,,, ओहहहहहहह,,,,,,, म्मांआआआ,,,,,,,,,, ( अलका दर्द से कराह रही थी, अलका की कराहने की आवाज सुनकर राहुल एक ओर जोरदार धक्का लगाया और अपने पूरे समुचे लंड को अपनी मां की बुर में पेलते हुए बोला।)

मम्मी दर्द मे हीं तो मजा है ।दर्द करेगा तभी तो मजा भी ज्यादा आएगा।,,,,, अब देखना में तुम्हारी कैसे चुदाई करता हूं। तुम भी याद रखोगी।

देख तो रही हूं कुछ ज्यादा ही दर्द कर रहा है आज क्या खाकर आया है कहीं ऐसा तो नहीं अपने लंड पर तेल की मालिश करके आया है।

मुझे मालिश की जरूरत नहीं पड़ती ऐसे ही मेरा लंड बहुत ज्यादा तगड़ा है। ( इतना कहने के साथ ही राहुल अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए अपनी मां को चोदना शुरू कर दिया। )

सससससहहहहहहह,,,,,,, ऊहहहहहहह,,,,,,, ससससससहहहहहहहहह,,,,,,, राहुल,,,,,,,,, आाहहहहहहहहहह,,,,,,,,,, तू सच कह रहा है दर्द तो कर रहा है लेकिन बचा भी उतना ही मिल रहा है बस ऐसे ही मुझे चोदता रह,,,,,, आाहहहहहहहहहह,,,,,,,, बड़ा गर्म लंड है तेरा,,,,,,,,,

अलंका सिसकारी लेते हुए अपने बेटे को ऊकसाते हुए बोल रही थी। राहुल भी अपने मां की बात सुनकर बड़े जोश के साथ अपने लंड को बुर के अंदर बाहर कर रहा था। दोनों चुदाई का मजा लेते हुए एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे । अलका अपनी दोनों हथेलियों को अपने बेटे की पीठ पर रखकर ऊपर से नीचे तक सहला रही थी। रह-रहकर अलका के बदन मैं काम उत्तेजना का प्रसार कुछ ज्यादा ही हो जा रहा था जिसके कारण वह अपनी दोनों हथेलियों को अपने बेटे के नितंबों पर रखकर उसे ज़ोर से दबोच ले रहीे थी, और अपनी मां की इस हरकत पर राहुल की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जाती थी ।और वह लगातार दो चार जबरदस्त धक्के अपनी मां की बुर में लगा देता जिससे अलका की चीख सी निकल जाती थी। अलका को बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी आज जन्मदिन के अवसर पर वह अपने बेटे को पूरी तरह से खुश करने के चक्कर में खुद भी बहुत ही ज्यादा आनंद की प्राप्ति करते हुए अपने बेटे से चुदाई का भरपूर आनंद ले रही थी।
फच्च फच्च की मधुर आवाज लंड और बुर के संगम से आ रही थी जो कि पूरे कमरे में किसी संगीत की तरह बज रही थी। जब भी राहुल जोरदार प्रहार करते हुए अपने मां की बुर में अपना पूरा लंड पेलता तो उसकी जांघे अपनी मां की मांसल जांघों से टकराकर एक अजीब सी ठाप पैदा कर रही थी, वह ठाप एैसी लग रही थी जैसे कोई कुशल तबला वादक तबले पर अपनी उंगलियों की करामत दिखा रहा हो। पूरा कमरा अलका की उन्मादक सांसो की आवाज से गुंज रहा था। राहुल से यह पल बिना पाना बड़ा मुश्किल हो रहा था क्योंकि पहले की अपेक्षा आज इस अवसर पर उसकी उत्तेजना इतनी ज्यादा प्रबल हो चुकी थी कि उसकी सांसे बड़ी तीव्र गति से चल रही थी वह अपनी सुध-बुध खो चुका था मदहोशी उसके पूरे बदन पर छा चुकी थी। यही हाल अलका का भी हो रहा था, दोनों के ऊपर कामवासना पूरी तरह से छा चुका था, दोनों के बदन और दिमाग पर काम वासना पूरी तरह से अपना कब्जा जमा चुका था। सही क्या है गलत क्या है यह सब सोचने का समय और वक्त दोनों ने ना जाने कबसे गंवा चुके थे।
राहुल प्रहार पर प्रहार किए जा रहा था और अलका अपने बेटे के प्रहार का जवाब देते हुए खुद अपनी भारी भरकम गांड को ऊपर की तरफ उचका कर दे रही थी।
अलका अपनी हथेलियों को जोर-जोर से राहुल की पीठ पर रगड़ते हुए उसकी नितंबों को दबोच ले रही थी।
चुदाई का नशा अलका की आंखों में पूरी तरह से जा चुका था वह मदहोश हो चुकी थी। आनंद की अनुभूति करते हुए वह आंखों को मुंद कर चुदाई का मजा ले रही थी। राहुल अपनी मां के ऊपर पूरी तरह से झुका हुआ था वह पागलों की तरह अपनी मां की गर्दन पर चुंबनों की बौछार करते हुए ब्रा के ऊपर से ही चुचियों को दबाए जा रहा था। और अलका थी कि राहुल की इस हरकत से और ज्यादा कामोत्तेजित होते हुए सिसकारी लिए जा रही थी।

ससससहहहहहह,,,,,,, सससससहहहहहहह,,,,,,, ओहहहहह,,,,,,, राहुल,,,,,,,,,,, तु तो मुझे पूरी तरह से पागल किए जा रहा है ना जाने मेरे बदन मे में कैसी हलचल मची हुई है मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा है ऐसे ही मुझे चोदता रहै और जोर जोर से धक्के लगा। आाहहहहहहहह,,,,,,,, राहुल,,,,,,, (इतना कहते हुए अलका ने अपनी टांगो को अपने बेटे की कब्र में फंसा ली)
राहुल तो अपनी मां की बात सुनकर पागल सा हो गया था और लगातार जोर जोर से धक्के लगाते हुए उसके चुचियों को दबाए जा रहा था और गर्दन गालों और होठों पर चुंबन की बारिश किए जा रहा था।

सससससहहहहहहह,,,,,,, ओहहहहह मेरी जान,,,,, अलका,,,,, तेरी बुर मे देख मेरा लंड कैसे घुस रहा है।,,,,,,,, ( राहुल के मुंह से अनायस ही ऊत्तेजना के चलते ऐसे शब्द निकल गए। राहुल को खुद समझ मे नही आ रहा था की ये कैसे हो गया । अलका खुद आश्चर्यचकित थी की उसका बेटा यह क्या बोल गया ऐसे शब्दों का प्रयोग उसने पहले कभी नहीं किया था।
लेकिन जो भी शब्द अल्का के कानो ने सुने वह शब्द उसके पूरे बदन को एक अजीब से सुख की अनुभूति कराते हुए तरबतर कर गया। ऐसे शब्दों का प्रयोग अपनी मां के लिए करते हुए राहुल का बदन खुद झनझनाहट का अनुभव कर रहा था। उसे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह कैसे हो गया लेकिन जो भी हुआ था वह बड़ा ही आनंद दायक लगा। अलका भी इस बात से जानबूझकर अनजान बनते हुए अपने बेटे को अपनी बाहों में कस के भरते हुए उसे चुमने चाटने लगी।,,,,,,, राहुल का जोश और ज्यादा बढ़ चुका था। वह और जोर से धक्के लगाते हुए अपनी मां के बुर मे लंड पेलने लगा।
कुछ ही देर बाद दोनो की सांसे तेज गति से चलने लगी, एक साथ दोनो का बदन अकड़ने लगा और एकसाथ दोनो भलभलाकर झड़ने लगे।
User avatar
VKG
Novice User
Posts: 245
Joined: 19 Jun 2017 21:39

Re: होता है जो वो हो जाने दो

Post by VKG »

Superb erotic story
@V@
User avatar
Rohit Kapoor
Pro Member
Posts: 2821
Joined: 16 Mar 2015 19:16

Re: होता है जो वो हो जाने दो

Post by Rohit Kapoor »

VKG wrote: 25 Aug 2017 07:14 Superb erotic story
Thanks mitr
User avatar
Rohit Kapoor
Pro Member
Posts: 2821
Joined: 16 Mar 2015 19:16

Re: होता है जो वो हो जाने दो

Post by Rohit Kapoor »

दोनों एक बार फिर से एक दूसरे की बाहों में दूबके हुए अपने अपने अंगो से मदन रस की बौछार कर रहे थे।
दोनों ने जन्मदिन की रात की शुरुआत में ही दूसरी बार सफलतापूर्वक उन्माद से भरा हुआ चरमोत्कर्ष की प्राप्ति कर चुके थे। अभी भी राहुल का लंड ऊसकी मां की बुर में समाया हुआ था जो कि तनिक भी ढिला नहीं पड़ा था। और रह-रहकर क्योंकि लगाता हुआ मदन रस की बूंदे बुर की गहराई में छोड़ रहा था। अलका अभी भी अपने बेटे को कसके अपनी बाहों में भींची हुई थी, और उसकी दोनों हथेलियां राहुल के नितंबों पर हरकत करते हुए दबोचे हुई थी। राहुल को भी अपनी मां की यह हरकत कुछ ज्यादा ही उन्मादक लग रही थी। कुछ देर तक राहुल यूं ही अपने मां के बदन पर लेटा रहा और गर्म गर्म सांसे अपने नथूनों से छोड़ता हुआ अपनी मां की गर्दन को गर्म करता रहा। अलका भी अपना नमकीन पानी छोड़ते हुए गरम आहे भर रही थी।
जब दोनों की सांसे कुछ सामान्य हुई तो राहुल अपनी मां के बदन पर से उठने लगा वह कमर के ऊपर वाला ही भाग अपनी मां के बदन पर से उठाया था, कमर के नीचे वाला भाग अभी भी उसकी मां की मांसल जांगो के बीच में था और लंड अभी भी बुर की गहराई मे धंसा हुआ था, जिसे राहुल ने आहीस्ते से बुर के बाहर खींचकर निकाला तो अलका की बुर के नमकीन रस में डूबा हुआ लंड धीरे धीरे सरकता हुआ बाहर आ गया, जो कि अभी भी पूरी तरह से तनाव मे था। अलका तो अपने बेटे के लंड को अपनी बुर मे से अाहीस्ते आहीस्ते निकलता हुआ देखकर दंग रह गई । झड़ी हुई और पानी से तरबतर बुर में एक बार फिर से सुरसुराहट होने लगी। वह कभी अपने बेटे के लंड की तरफ तो कभी उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी। अलका के चेहरे पर संतुष्टि दायक उन्माद से भरा हुआ सुखद एहसास साफ साफ नजर आ रहा था।
अलका बिस्तर पर पीठ के बल निश्चेत हो कर लेटी हुई थी और राहुल ठीक उसके सामने खड़ा होकर मंद मंद मुस्कुराते हुए उसकी जांघों के बीच बुर मे से निकल रहे मदन रस को देख रहा था। और देखते हुए बोला।

कैसी लगी मम्मी तुम्हें यह जबरदस्त चुदाई? ( राहुल अपनी कमर पर हाथ रखते हुए बोला अलका अपने बेटे के इस सवाल पर मुस्कुराई और अपने बेटे के लंड की तरफ देखते हुए बोली।)

बहुत ही जबरदस्त चुदाई किया है तूने मेरी, मुझे यकीन नहीं हो पा रहा है कि तू सच में बड़ा हो गया है। तुने इतनी जोर जोर से जो धक्के लगाए हैं मेरी बुर में, मेरी बुर बाग-बाग हो गई। तूने मेरी बुर की सारी नसे ढिली कर दिया। तूने जो मुझे जन्नत की सैर कराते हुए दो बार झाड़ा है, मुझे यकीन नहीं हो पा रहा है की जन्मदिन के अवसर पर मैं तुझे खुश करता हुआ तोहफा दे रही हुं या तो खुद मुझे तोहफा दे रहा है।


राहुल अपनी मां के मुंह से अपनी ही तारीफ सुनकर खुशी के मारे गदगद हुए जा रहा था। वह समझ नहीं पा रहा था कि अपनी मां के द्वारा उसकी तारीफ करने के उपलक्ष्य में वह किन शब्दों में अपनी मां को शुक्रिया अदा करें, वह जवाब में सिर्फ मुस्कुराए जा रहा था।

तभी अलका का वह पल याद आ गया जब राहुल उसका नाम लेते हुए और उसे जान कहते हुए उसकी जम के चुदाई कर रहा था। वह पल अलका के लिए अविस्मरणीय था, क्योंकि उसका नाम लेते हुए सिर्फ उसके पति ने दी उसकी जुदाई किया था जिनकी याद राहुल में ताजा करा दिया था। अपनी बेटी के मुझे अपना नाम लेते हुए चुदाई करता हुआ वह एहसास उसे बहुत ही ज्यादा सुंखद लग रहा था। वह पल कुछ ज्यादा ही उत्तेजनात्मक महसूस करा गया था अलका को। वह उसका ज़िक्र छेड़ने ही वाली थी कि वह खामोश रह गई। वह जैसा चल रहा था,वैसै ही चलने देना चाह रही थी । वह नही चाहती थी की राहुल को इस बात का एहसास दिलाए की अनजाने में वह क्या किया है। ऊसे ईस बात का डर था की उसे उस बात का एहसास दिलाने पर कहीं वह हीचकीचा ना जाए और दोबारा उसी अंदाज में उसका नाम लेते हुए उसकी चुदाई ना कर पाए। इसलिए वह जैसा चल रहा था वैसा ही चलने देना चाह रही थी।
राहुल भी बिस्तर के पास खड़ा होकर उसी बारे में सोच रहा था क्योंकि उसके मुंह से भी अनजाने में ही वह शब्द निकले थे। लेकिन उसे भी बेहद आनंद की प्राप्ति हुई थी, और वह मन में यही बात सोच रहा था कि उस बारे में उसकी मां ने एक बार भी उसे नहीं टोकी। वह मन में यही सोच रहा था कि शायद उसकी मां को भी यह सब अच्छा लगा था लेकिन वह भी इस बात का जिक्र नहीं करना चाहता था। क्योंकि उसे भी बेहद आनंद की प्राप्ति हुई थी जब वह अपनी मां का नाम लेते हुए उसकी बुर में लंड पेल रहा था । वह भी वैसा ही चलने देना चाह रहा था जैसा चल रहा था। कुछ देर तक यूं ही दोनों एक दूसरे के बदन पर ऊपर से नीचे तक अपनी नजरें फेरते रहे। तभी अचानक अलका बिस्तर पर से उठते हुए बोली।


मुझे जोरो की पेशाब लगी है।

( इतना सुनते ही राहुल के लंड में ऐठन सी होने लगी, और अलका बिस्तर पर से उठते हुए जाने लगी दो कदम ही आगे बढ़ी थी वह खुद राहुल से बोली )

तू भी चलेगा ( इतना कहते ही वह मुस्कुराने लगी क्योंकि वह भी जानती थी कि अगर वह पेसाब करने जाएगी तो राहुल भी उसके पीछे पीछे जरुर जाएगा, क्योंकि राहुल तो ऐसे ही मौके की तलाश में रहता था भला राहुल कब मना करने वाला था। राहुल भी अच्छी तरह से जानता था कि अलका को पेशाब करते हुए देखना यह भी एक अतुल्य घड़ी होती थी। ऐसा मौका बार बार नहीं मिलता था इसलिए वह भी साथ में जाने के लिए सिर हिलाकर हामी भर दिया । अलका दरवाजे की तरफ बढ़ने लगी लेकिन इस बार उसने अपने बदन को ढकने की जरा सी भी दरकार नहीं ली। क्योंकि उसे भी पता था कि घर में उन दोनों के अलावा सोनू ही है जो कि वह अपने कमरे में सो रहा होगा। ईसलिए वह बे झिझक दरवाजे की तरफ जाने लगी । कमर के नीचे से वह पूरी तरह से नंगी थी क्योंकि चुदवातेैं समय उसने अपनी पैंटी को भी अपने हाथों से निकाल फेंकी थी।
उसके बदन पर सितम ट्रांसपेरेंट गाउन और एक छोटी सी ब्रा र्थी जौकी उसकी चूचीयो को बड़ी मुश्किल से अपने कब्जे में ली हुई थी। अलका बड़ी ही मादक तरीके से चलते हुए दरवाजे तक पहुंची राहुल उसके पीछे से खड़ा खड़ा देख रहा था, उसे बड़ा ही कामुक लग रहा था यह सब । अलका जानबूझ कर इतराते हुए अपनी गांड मटका कर चल रही थी। दरवाजे का हैंडल पकड़कर उसे खोलने से पहले वह पीछे मुड़कर राहुल की तरफ नजर डाली तो उसकी नजर सबसे पहले राहुल की जांघों के बीच लटक रहे उसके हथियार पर पड़ी और उसे लटकते हुए हथियार को देखकर वह मुस्कुरा दी। वह दरवाजा खोल कर कमरे से बाहर निकल गई और राहुल भी उसके पीछे पीछे बाहर आ गया। अलका कमरे से बाहर निकल कर अपनी आलस को मरोड़ते हुए बड़े ही उत्तेजक अंदाज में अंगड़ाई ली। जिसे देखते ही राहुल की आह निकल गई। दो-दो बार झड़ चुके लंड ने जब अलका के गुदाज बदन को अंगड़ाई लेता और मटकती गांड को देखा तो सिथील पड़ रहा लंड धीरे-धीरे तनाव में आने लगा।
अलका कुछ देर वहीं खड़े रहने के बाद वापस बाथरुम की तरफ जाने लगे इस वक्त अलका का बदन कुछ ज्यादा ही उत्तेजक और सेक्सी लग रहा था, उसकी बड़ी बड़ी गांड बहुत मोटी मोटी जांघे वातावरण को और ज्यादा उन्मादक बना रहा था। अलका अपने हुस्न के जलवे को बिखेरते हुए बाथरूम के दरवाजे तक पहुंच गई। यू रात को कमरे के बाहर निकलकर बिंदास तरीके से बाथरुम की तरफ जाती हुई अपनी मां को पीछे से देखकर राहुल का लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा। कल का बाथरूम का दरवाजा खोलने से पहले एक बार फिर से राहुल की तरफ नजर घुमाकर देखी और इस बार भी उसकी नजर उसके लंड पर पड़ी जो कि अब पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था। टनटनाए हुए लंड को देखकर अलका की बुर एक बार फिर से फूलने पीचकने लगी, अलका भी दो बार पानी पानी हो चुकी थी लेकिन जिस तरह से अपने बेटे को तुरंत तैयार हो जाने की मर्दानगी को देखी, अपने बेटे की ईसी मर्दानगी की वजह से उसकी बुर भी लगातार पानी छोड़ते हुए उत्तेजित होकर के गरम रोटी की तरह फूल जा रही थी। वह अपने होठों पर कामुक मुस्कान बिखेरते हुए बाथरुम में घुस गई। राहुल भी अपना लंड हीलाते हुए पीछे पीछे बाथरुम में घुंस गया। बाथरूम का नजारा बेहद उत्तेजनात्मक होता जा रहा था, अलका बाथरुम के दूसरे छोर पर चुदवासी हो करके अपने होंठ को खुद ही दांत से चबाते हुए राहुल की तरफ देख रही थी जो कि बाथरुम का दरवाजा बंद करते हुए अलका को ही देखे जा रहा था। और अलका थी कि अपनी बुर को अपनी हथेली से रगड़ते हुए राहुल से बोली।

तुझे भी पेशाब लगी है क्या? ( इतना कहकर वह मुस्कुराने लगी लेकिन राहुल ने बिना जवाब दिए बस आंख फाड़े अपनी मां को ही देखे जा रहा था, अलका फिर बोली।) लगी हो तो तू भी कर ले,( लंड पर नजर घुमाते हुए।) तेरे लंड को देख कर तो ऐसा लग रहा है कि तुझे पेशाब नहीं बल्कि चुदास लगी है। ( इतना कहकर वह जोर से हंसते हुए नीचे पेशाब करने के लिए बैठने लगी, अोर राहुल प्यासी आंखों से अपनी मां को पेशाब करने के लिए नीचे बैठते हुए देखकर कामोत्तेजित हुआ जा रहा था। राहुल को देखते ही देखते अलका नीचे बैठ गई और थोड़ी सी अपनी गांड को उचकाकर पेशाब करने लगी। थोड़ी ही देर बाद उसकी बुर में से मधुर बांसुरी की आवाज के समान सीटी की आवाज आने लगी जोंकि राहुल के कानों में पड़ते ही उसका तन बदन झनझना गया। राहुल तो मंत्रमुग्ध सा बस देखता ही रह गया कुछ पल तो उसे किसी भी बात की सुध बुध ही नहीं रही। वह बस अपनी मां को पेशाब करता हुआ देखता ही रहा और अलका उसकी कामोतेजना को और ज्यादा बढ़ाते हुए नजरें घुमा कर उसकी तरफ देखती हुई अपने लाल-लाल होठों पर जीभ फिरा रही थी। राहुल से यह नजारा देखकर बिल्कुल भी रहा नहीं गया वह अपने घर में को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगा और लंड को हिलाते हुए अपनी मां के करीब जाने लगा। अलका अपने बेटी को अपने करीब इस तरह से आते हुए देखकर उत्तेजित होने लगी उसकी बुर में सुरसुराहट बढ़ने लगी और वह और जोर से पेशाब करने लगी।बुर से आ रही सीटी की आवाज को सुनकर राहुल बेचैन होने लगा।

राहुल अलका के बिल्कुल करीब थी उसके पीछे ही खड़ा था जिसे वह नजरें उठाकर देख रही थी। अलका सोच रही थी कि वह भी उसकी आंखों के सामने पेशाब करेगा और वह यही देखने के लिए तड़प रहीं थी लेकिन उसके सोचने के विरुद्ध उसने कुछ ऐसा कर दिया जिससे अलका के बदन में हलचल मच गई और उत्तेजना के मारे उसकी बुर फूलने पिचकने लगी।
राहुल ठीक उसके पीछे ही जिस तरह से वह बैठी थी उसी तरह से बैठ गया और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर अपनी कमर को आगे की तरफ थोड़ा सा बढ़ा कर लंड के सुपाड़े को बुर के गुलाबी छेद पर टिकाने की कोशिश करने लगा, अलका कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि राहुल इस तरह की हरकत करेगा लेकिन उसकी इस हरकत की वजह से उसका पूरा बदन उत्तेजना के मारे गंनगना गया था। वह अपने बेटे के लंड के सुपाड़े को अपनी बुरके इर्द-गिर्द महसूस कर रही थी। और सुपाड़े का गर्म स्पर्श उसके पूरे बदन में कंपकंपी सी मचा दे रहा था। अलका लंड के सुपाड़े की रगड़ को अच्छी तरह से पहचानती थी कि राहुल इस तरह से क्या ढूंढ रहा था। राहुल की हरकत में उसे पूरी तरह से गर्म कर दिया था इसलिए वह हल्का सा और अपनी गांड को थोड़ा सा उचकाकर अपने हाथ से अपने बेटे का लंड पकड़ कर उसके सुपाड़े को अपने गुलाबी बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच टिकादी, राहुल को जैसे उसकी मनचाही मुराद मिल गई हो। अलका ने उसे रास्ता दिखा दी थी अब मंजिल तक पहुंचने का काम राहुल का था।
राहुल कामज्वर के सागर मे डुब रहा था। मंजिल की चाह में तड़प रहे राहुल के लिए यह डूबते को तिनके का सहारा था। उसने भी एक पल की भी देरी किए बिना ही हल्के से अपनी कमर को बैठे-बैठे ही आगे की तरफ बढ़ाया तो लंड का सुपाड़ा गप्प से पनियाई बुर में धंस गया जिसमें से अभी भी पेशाब की तेज धार फूट रही थी। राहुल के लिए अब रुक पाना बड़ा ही मुश्किल था वह बैठे बैठे ही अपनी मां कोे पीछे से पकड़कर अपनी कमर को एक बार फिर से जोर से आगे की तरफ बढ़ाया तो इस बार लंड सब कुछचीरता हुआ बुर की गहराई मे धंस गया। जैसे ही पूरा लंड बुर के अंदर घुसा वैसे ही अलका के मुंह से आह निकल गई।

आहहहह,,,,,,,, राहुल,,,,,, यह क्या किया रे तूने मैं कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि तू कुछ इस तरह से करेगा,,,,,

ओहहहहह,,,,,, अलका मेरी जान जब इस तरह से बड़ी बड़ी गांड दिखाते हुए मुतोगी तो मेरा मन तो डोलेगा ही
,,,,,( राहुल अपनी कमर को हिलाते हुए अपनी मां को चोदते हुए बोला।)

आाहहहहहहहहहह,,,,,, सससससससहहहहहहहहहह,,,,,,,,,,,,औहहहहहह,,,,,म्माआआआआ,,,,,,,,ऊहहहहहह,,,,,,,,,, राहुल बेटा,,,,, ( अपने बेटे के मुंह से अपना नाम फिर से सुनकर अलका पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी और उसके मुंह से गरम गरम सिसकारी फुटना शुरू हो गई थी। उसे इंन शब्दो के साथ चुदवाने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था, और राहुल को भी। अल्का पुरी तरह से मस्त हो जा रही थी उसकी बुर में उसके बेटे का लंड बड़ी ही तेजी से अंदर बाहर होता हुआ चुदाई का सुख दे रहा था।

देख मेरी जान देख तेरी बुर केसे लपालप मेरा लंड ले रही है। आाहहहहहहहहहह,,,,,,औहहहहह,,,,, मेरी जान मेरी अलका तुझे चोद चोदकर मैं मस्त हुएें जा रहा हूं।सससहहहहह,,,,,,आाहहहहहहहहहह,,,,, अलका रानी,,,,,, कितनी मस्त है रे तु,,,,, तू तो मुझे पागल कर दी है मेरी जान,,,,,,,,,, आहहहहहहह,,,,,, ( राहुल बैठे-बैठे ही जोर जोर से धक्के लगाता हुआ अपनी मां को चोद रहा था और मस्त हो कर के गंदी गंदी बातें कर रहा था जो कि अलका को भी एकदम मस्त किए जा रही थी। अलका को यकीन नहीं हो पा रहा था कि उसका बेटा उसे इन शब्दों में बोलते हुए इतनी मस्त चुदाई कर रहा है। फच्च,फच्च की आवाज से पूरा बाथरूम गुंज रहा था। अलका पानी पानी हुई जा रही थी उसकी बुर से लगातार उत्तेजना के मारे नमकीन पानी रिस रहा था। राहुल का लंड ईस अवस्था मे भी बड़ी तेजी से बुर के अंदर बाहर हो रहा था।राहुल दोनो हाथ आगे बढाकर अलका की दोनो चुचियों को हथेली में दबोच कर पीछे से अपना लंड अंदर बाहर करते हुए उसे चोद रहा था ।
राहुल को इस तरह से अपनी मां को चोदने में बहुत आनंद की प्राप्ति हो रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह कभी इस तरह से अपनी मां की चुदाई करेगा। अलका तो अपने बेटे का लंड ले लेकर पानी पानी हुए जा रही थी मदहोशी उसकी आंखों में साफ नजर आ रही थीे वह अपनी आंखों को बंद करके संभोग सुख की असीम आनंद की अनुभूति कर रहीे थी।
सससससहहहहहहह,,,,,,, औहहहहहह,,,,,,, मेरे राज्जा,,,,, सससहहहहह,,,,, और तेज धक्के लगा,,,,, मेरे राजा,,,,,,, ( अलका भी अब राहुल की ही तरह की बातें करने लगी थी दोनों को बेहद मजा आ रहा था राहुल तो अपनी मां के मुंह से ऐसी बातें सुनकर जोर-जोर से चूचियों को दबाता हुआ दो चार धक्के और जोर से जड़ दिया )
आहहहहह आहहहहहहह आाहहहहहहहहहह,,,,,, ओहहहहह राहुल एेसे ही,,,,,,, हां,,,,, बस ऐसे ही चोदता रहे।
पूरे बाथरूम में दोनों की गरम सांसो की सिसकारियां और चप्प,,,,,,,, चप्प,,,,,की आवाज गूंज रही थी।
तकरीबन 30 मिनट तक राहुल अपनी मां को ईसी अवस्था में चोदता रहा और उसकी मां भी इस अवस्था में चुदाई का भरपूर आनंद उठाते हुए गर्म सिसकारियां भर्ती रही।
लगातार दोनों चरमसुख की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ रहे थे दो चार धक्कों के बाद ही अलका के बदन में अकड़न सी आने लगी,,,,,, उसकी सिसकारियां कुछ ज्यादा तेज हो गई राहुल को भी लगने लगा था कि वह भी अब बिल्कुल करीब पहुंच चुका है । इसलिए वह भी अपने धक्कों की गति को तेज कर दिया और कुछ ही धक्कों के बाद दोनों झड़ने लगे। राहुल ने गजब का संभोगासन े दिखाते हुए अपनी मां को संभोग की संपूर्ण रुप से संतुष्ट जनक प्राप्ति करवाया था। दोनों तीसरी बार झड़ चुके थे। राहुल ने अपना लंड अपनी मां की बुर से बाहर निकाल कर खड़ा हो गया अलका भी हांफते हुए खड़ी हुई। राहुल का लंड अलका की नमकीन पानी में तरबतर होकर चु रहा था। अलका हांफते हुए मुस्कुरा रही थी, उसे इस बात का अंदाजा बिल्कुल नहीं था कि बाथरुम में भी एक राउंड पूरा हो जाएगा। अलका राहुल से बिना कुछ कहे मुस्कुराते हुए बाथरुम से बाहर निकल गई और राहुल ने वही खड़े-खड़े पेशाब किया और वह भी बाथरुम से बाहर आ गया। आधी रात से ज्यादा समय बीत चुका था लेकिन दोनों की आंखों से नींद कोसों दूर थी। राहुल कमरे के अंदर प्रवेश किया तो अलका बिस्तर पर पेट के बल लेटी हुई थी लेकिन उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था उसने अपनी ब्रा और गांऊन को भी उतार फेंकी थी। पेट के बल लेटे होने की वजह से उसकी भरावदार गांड ऊपर की तरफ कुछ ज्यादा ही निकली हुई नजर आ रही थी। राहुल जाकर बिस्तर पर बैठ गया और एक हाथ से अपनी मां की नरम नरम गांड को सहलाने लगा, अलका नजर घुमाकर राहुल की तरफ देखते हुए मुस्कुरा दी और बोली।

बेटा गजब की ताकत है तेरे मे बिना थके तूने तीन बार मुझे जन्नत की सैर करवा चुका है। मुझे तो तूने थका डाला है। ( अपनी मां के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर राहुल खुश हो कर मुस्कुराया जा रहा था और अपनी मां की नरम नरम गांड को सहलाए जा रहा था। अलका अपने बेटे की मर्दानगी की तारीफ करते हुए बिल्कुल भी नहीं थक रही थी। थकती भी कैसे, जिस तरह से राहुल उसकी जमकर चुदाई करता था शायद ही ऐसी चुदाई कोई कर पाए। आखिरकार वह राहुल ही था जिसने उसकी नीरस जिंदगी में रंग भर दिए थे। उसने उसे इक नई जिंदगी दिया था वरना वह तो बस जिए जा रही थी जिंदगी का बोझ लेकर। अलका यही सब सोचे जा रहे थे और राहुल की तरफ देखकर मुस्कुराए जा रहीे थी।
राहुल अलका की गांड को सहलाते हुए बोला।

मम्मी तेरी ये ( गांड की तरफ ईसारा करते हुए) मतवाली गांड देख कर मेरा जोश बढ़ जाता है ना जाने मुझ में कितनी ताकत आ जाती है। सच मेरी जान
( दोनों हथेलियों में भरकर जोर से गांड को दबाते हुए) तेरी यह बड़ी बड़ी गांधी है जो मेरे लंड को हमेशा खड़ा रखती है हमेशा तैयार रहती है तेरी बुर में डालने के लिए। ( राहुल फिर से दूसरी भाषा में अलका से बातें करने लगा और अलका इन शब्दों को सुनकर मस्त होने लगी। इस तरह की भाषा का प्रयोग अपने लिए सुनकर उसके बदन में भी मस्ती छाने लगी और मस्तीयते हुए वह बोली।)

औहहहहह,,,,,, राहुल,,,,, मेरे राज्जा,,,,,,, ,, अगर सच मे तुझे मेरी गांड ईतनी ज्यादा अच्छी लगती है तो,,,, मेरे राज्जा,,,,,, तु आज मेरी ( ऊंगली से गांड ं की तरफ इशारा करते हुए) गांड से खूब प्यार कर जमकर प्यार कर इतना प्यार कर की तु इसे लाल लाल कर दे।
User avatar
buntybb
Posts: 10
Joined: 14 Jul 2017 16:25

Re: होता है जो वो हो जाने दो

Post by buntybb »

Superb story lage raho
:ugeek: :ugeek:
Post Reply