वतन तेरे हम लाडले complete
- rajsharma
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Re: वतन तेरे हम लाडले
राज के करीब आने के बाद रश्मि ने खुद ही अपने होंठ पहले राज के होंठों पर रख दिए और उसका रस चूसने लगी, फिर होठों को छोड़ वह राज की गर्दन तक आई और उसकी गर्दन पर अपने होंठ और दांतों से प्यार करने लगी। राज को 20 वर्षीय जवान रश्मि की ये बेबाकी बहुत अच्छी लग रही थी। फिर रश्मि ने खुद ही राज की बनियान ऊपर की और उसको उतार दिया। राज का सीना बालों से पूरी तरह मुक्त था। आजकल के युवा फैशन के रूप में अपना सीना भी शेव करते हैं ऐसा ही राज ने कर रखा था। हल्का गेहूंआ रंग और कसरती शरीर के लिए रश्मि का आदर्श मानो उसके सामने था रश्मि को हमेशा से ही सॉफ सीने वाले और कसरती शरीर वाले पुरुष पसंद थे। फिल्मों में भी वह जब हीरो को देखती जिसका सीना बालों से मुक्त होता तो उसका बहुत मन करता कि उसके होने वाले पति का सीना भी ऐसा ही हो। और राज का सीना और शरीर की बनावट बिल्कुल रश्मि की पसंद के अनुसार था। रश्मि आगे झुकी और राज के सीने पर मौजूद निपल्स पर ज़ुबान फेरने लगी। स्त्रियो के निपल्स की तरह पुरुषों के निपल्स भी कभी कभी सेक्स के दौरान सख्त हो जाते हैं। इसी तरह राज के निपल्स तब सख्त थे जिन पर रश्मि अपनी जीभ तेज तेज चला रही थी। कभी रश्मि राज के निप्पल मुँह में लेकर उनको चूसने लगती तो कभी मात्र ज़ुबान फेर कर ही गुज़ारा करती।
रश्मि ने राज को लेटने को कहा तो राज बेड पर लेट गया। वह रश्मि को पूरा मौका देना चाहता था कि वह भी अपनी मर्जी से राज के साथ अपने हनीमून को एंजाय करे। राज के लेटने के बाद रश्मि ने सिर से पांव तक राज के शरीर का जायजा लिया। कुछ देर उसने अपनी नज़रें राज के अंडर वेअर पर रोक ली जहां उसे उभार नजर आ रहा था। रश्मि जानती थी कि यह लंड का उभार है जो उसकी चूत में जाने को बेताब हो रहा है। रश्मि ने प्रशंसा भरी नज़रों से राज को मुस्कुराते हुए देखा और फिर अपनी टाँगें फैला कर राज के ऊपर बैठ गई। राज के पैरों पर बैठने के बाद रश्मि राज के ऊपर झुकी और उसके सीने पर प्यार करने लगी। सीने से होती हुई रश्मि नीचे तक आई और अंडर वेअर के ऊपर अपनी ज़ुबान फेरने लगी
अंडर वेअर तक पहुंचने के बाद रश्मि ने बिना झिझक अपना हाथ राज के लंड पर रख दिया जो अब तक अंडर वेअर की कैद में था। रश्मि की ये बेबाकी राज को बहुत पसंद आ रही थी। वह भी ऐसी ही पत्नी चाहता था जो न केवल गर्म हो बल्कि अपनी गर्मी व्यक्त करना भी जानती हो। और बिस्तर में अपने पति के साथ सेक्स एंजाय करने की इच्छा भी रखती हो। राज ने हल्की आवाज़ मे रश्मि से पूछा कि मेरा हथियार कैसा लगा तुम्हें ??? तो रश्मि ने एक शरारती मुस्कान से कहा, यह तो जब आप अपना काम करोगे तभी पता लगेगा इसके बारे में। यह सुनकर राज को रश्मि पर एकदम से प्यार आया और उसने रश्मि को अपने ऊपर गिरा लिया। और पागलपन की हद वाले प्यार से उसको प्यार करने लगा। राज अब अपने हाथ रश्मि के चूतड़ों पर भी फेर रहा था। 32 आकार के नरम और मांस से भरे हुए चूतड़ राज को बहुत पसंद आए मगर अब तक उन पर लाल रंग की पैन्टी मौजूद थी।
इसी दौरान रश्मि जो राज के ऊपर झुकी हुई थी उसको अपनी चूत पर सख्त चीज़ लगती महसूस हुई। रश्मि ने उसका मज़ा लेने के लिए अपना वजन राज के ऊपर डाला तो रश्मि की चूत इस कठोर लंड के और करीब हो गई। और चूत लंड की रगड़ से रश्मि और राज दोनों को ही मज़ा आने लगा। कुछ देर के बाद राज ने इसी स्थिति में रश्मि की ब्रा का हुक खोल दिया और और उसे सीधा बिठा कर उसके बूब्स को ब्रा की कैद से मुक्त कर दिया। रश्मि पैन्टी पहने राज के लंड के ऊपर बैठी थी, अंडर वेअर में होने के बावजूद राज का लंड रश्मि की चूत को मज़ा दे रहा था। और रश्मि के 34 आकार के मम्मे पहली बार किसी मर्द के सामने नंगे थे। और राज वह भाग्यशाली इंसान था जो इन सुंदर सुडौल और कसे हुए मम्मों को पहली बार अवलोकन कर रहा था। राज ने अपने हाथ रश्मि की कमर से आगे लाते हुए उसके मम्मों पर रख दिए और रश्मि के मुंह से एक सिसकारी निकली। और मजे की तीव्रता से उसकी आँखें बंद हो गई।
राज रश्मि को अपने ऊपर से उतार उसको बेड पर लिटा कर खुद उसके ऊपर झुक कर उसके गोरे गोरे दूध जैसे बूब्स को देखने लगा। रश्मि का पूरा शरीर सभी प्रकार के दाग से मुक्त था और इसी तरह उसके मम्मों पर भी कोई निशान नहीं था। गोरे गोरे बूब्स हल्के ब्राउन रंग के 2 घेरे और उन पर एक छोटा सा हल्का ब्राउन निप्पल बहुत सुंदर लग रहा था। राज ने पहले अपने हाथों से उनके नपल्स को छुआ और फिर उन्हें अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। राज की इस प्रक्रिया ने रश्मि को पागल कर दिया था और उसने अपनी एक टांग राज के पैरों के बीच फंसा दी थी रश्मि की इस हरकत का नतीजा यह हुआ कि राज का भी एक पैर रश्मि पैरों के बीच चला गया और साथ ही साथ उसका लंड भी रश्मि की चूत के साथ गले मिलने लगा। रश्मि ने अपनी चूत को धीरे धीरे राज के लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया था और राज लगातार रश्मि के मम्मे चूसने में व्यस्त था।
राज ने पहले भी कुछ लड़कियों के सुंदर बूब्स को चूसा था मगर ऐसे साफ गोरे और खूबसूरत मम्मे उसे कभी नसीब नहीं हुए थे। इसीलिए वह दिल भर कर अपने मम्मों का दूध पीना चाहता था। और रश्मि भी राज के साथ पूरा सहयोग कर रही थी। यह एक हक़ीकत है कि अगर अकेला पुरुष ही महिला को प्यार करता रहे और उत्तर में महिला रिस्पोन्स न दे तो न पुरुष को सेक्स का मूल मज़ा आता है और न ही महिला को। मगर रश्मि उन महिलाओं में से नहीं थी। अपनी प्राकृतिक विनय हया और पाकदामनी होने के बावजूद वह सेक्स के तरीकों से न केवल परिचित थी बल्कि यह भी जानती थी कि सेक्स का मूल मज़ा लेने के लिए पति का पूरा पूरा साथ देना चाहिए।
जब राज का मम्मों से दिल भरने लगा तो वह धीरे धीरे नीचे की ओर आने लगा, और अब की बार राज ने एक ही झटके में रश्मि की पैन्टी उतार दी थी। रश्मि की पैन्टी जैसे ही उतरी रश्मि ने अपनी एक टांग दूसरे पैर पर रख कर अपनी योनी को छुपाना चाहा मगर राज ने बीच में हाथ रखकर रश्मि की नरम थाई को पकड़ा और उसकी टांगों को थोड़ा खोल दिया। पैर खोलने के बाद राज बड़ी ही उत्सुकता के साथ रश्मि की छोटी योनी को देखने लगा। छोटी इसलिए कि यह वास्तव में अन टच योनी थी। जिस पर कभी किसी पुरुष ने और तो और खुद रश्मि ने भी छेड़छाड़ नहीं की थी। उसने अपनी योनी को अपने पति की अमानत समझते हुए बहुत संभाल कर रखा हुआ था। रश्मि की योनी के दोनों होंठ आपस में मिले हुए थे। उनमें बाल बराबर भी दूरी नहीं था। योनी के होंठों का रंग हल्का पीला लाल और गुलाबी था और बालों का नामोनिशान तक नहीं था। लबों के बीच हल्की हल्की चिकनाहट मौजूद थी जो राज के शरीर की गर्मी पाने के बाद प्रकट हुई थी। राज ने अपना एक हाथ धीरे धीरे रश्मि की योनी के लबों पर फेरना शुरू किया तो रश्मि की आंखें लाल होने लगीं, उसके मुंह से आह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, आह, उफ़फफफफफफफफफफफ्फ़ ऊचच्च्च्च्चक्, ओय आह आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जैसी सिसकियाँ निकल रही थी और उसने अपने दोनों हाथों से राज का वह हाथ पकड़ लिया था जिसे वह रश्मि की योनी के लबों पर मसल रहा रहा था मगर इसके बावजूद राज ने अपने हाथ से उसकी योनी को मसलना जारी रखा जिससे रश्मि की योनी के लबों में मौजूद चिकनाहट में वृद्धि होने लगी
कुछ ही देर बाद राज रश्मि के ऊपर झुक कर उसकी योनी की साईडों पर अपनी ज़ुबान फेर रहा था जिससे रश्मि का पूरा शरीर काँपने लगा था अब। रश्मि बुरी तरह कांप रही थी, उसका पेट तेज तेज साँसों की वजह से ऊपर नीचे हो रहा था जबकि उसके मम्मे भी लगातार ऊपर नीचे हो रहे थे।
राज ने अपनी जीभ को धीरे धीरे रश्मि की योनी के होंठों के ऊपर किया तो रश्मि ने सख्ती से राज का हाथ पकड़ लिया और उसको ऐसा करने से मना किया। राज ने सवालिया नज़रों से रश्मि की ओर देखा तो उसने काँपती हुई आवाज़ में कहा यह जगह गंदी है। मगर राज तो योनी चाटने के लिए बेकरार था। वह तो बहुत गंदी और बालों से भरी हुई योनी को भी मज़े से चाटता था तो ऐसी साफ-सुथरी और अन छुई योनी को वह कैसे छोड़ सकता था। राज ने मुस्कुराते हुए रश्मि की ओर देखा और अपने होंठ रश्मि की योनी ऊपर रखकर एक प्यार भरा लंबा चुंबन दिया। इस चुंबन ने तो जैसे रश्मि की जान ही निकाल दी थी।
इससे पहले कि रश्मि राज को फिर रोकती ऐसा करने से राज की ज़ुबान रश्मि की योनी के होंठों पर अपना जादू चलाने की महारत से शुरू हो गई थी। राज की गीली जीभ को अपनी योनी के लबों पर महसूस करते ही रश्मि के शरीर में एक करंट दौड़ गया। और उसकी सिसकियों से अब की बार पूरा कमरा गूंजने लगा। राज की ज़ुबान ने रश्मि इतना मज़ा किया था कि वह फिर से राज को रोक ही ना पाई ऐसा करने से और राज लगातार अपनी जीभ से रश्मि की योनी को चूसे जा रहा था। कुछ देर बाद राज ने अपनी जीभ से रश्मि की योनी के होंठों पर दबाव बढ़ाया और अपनी ज़ुबान हल्की सी योनी के होंठों के बीच प्रवेश करा दी। राज की इस हरकत ने रश्मि की रही सही सहनशक्ति को भी खत्म कर दिया था और अब उसने अपनी टांगों को सख्ती से दबा लिया था मगर पैरों के बीच राज का सिर मौजूद था जिसकी वजह से वह अपनी योनी को राज की ज़ुबान से अलग न कर पाई। अभी रश्मि अपना सिर दाँये बाएं मारने लगी थी। और उसकी चूत लगातार पहले से अधिक गीली होती जा रही थी।
कुछ ही देर के बाद रश्मि को अपनी टांगों में चीटियाँ रेंगती महसूस होने लगी। और अपनी योनी में उसे सुई की चुभन महसूस हो रही थी। वह इस स्थिति से घबरा गई और काँपती हुई आवाज़ में राज से बोली कि यह मेरे शरीर को क्या हो रहा है? राज ने रश्मि की इस बात का कोई जवाब नहीं दिया, वह जानता था कि रश्मि जैसी कुंवारी लड़की इस रमणीय कामस्राव के आनंद से बिल्कुल ही नावाकिफ़ है और वह नहीं जानती कि अब उसकी योनी से कैसा लावा निकलने वाला है। राज बिना रुके रश्मि की योनी में अपनी जीभ चला रहा था कि अचानक ही रश्मि के शरीर ने झटके लगाना शुरू किया और साथ ही उसकी चूत से एक गर्म पानी वर्षा जल चल निकला जो थोड़ा गाढ़ा और चिकनाई से भरपूर पानी राज के मुंह पर आकर गिरा था, कुछ बूँदें उछल कर हवा में गई और राज की कमर पर आकर गिरी जबकि कुछ पानी उसके मुंह के अंदर भी गया जिसको वह बिना हिचक पी गया था।
रश्मि का शरीर कुछ देर झटके मारता रहा और फिर उसे आराम मिल गया। रश्मि के चेहरे पर खुशी और संतुष्टि के आसार थे। लेकिन साथ ही वह हैरान भी थी कि आखिर उसकी चूत से इतना पानी निकला कैसे। उसने सुन रखा था कि सेक्स के दौरान औरत की चूत पानी छोड़ती है मगर उसका विचार था कि जैसे उसकी पैन्टी गीली हो रही थी बस इतना ही पानी होता है। उसे नहीं मालूम था कि गर्म पानी का एक वर्षाके नाले जैसा पानी चल निकलता है योनी से।
दोस्तो दिल थाम के पढ़ते रहिए अभी रश्मि और राज का मिलन चल रहा है इसका पूरा आँखो देखा हाल आपकी सेवा में कल मिलेगा आपका दोस्त राज शर्मा
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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- Rohit Kapoor
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Re: वतन तेरे हम लाडले
superb update
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Re: वतन तेरे हम लाडले
achha varnan hai suhag rat ka
- shubhs
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Re: वतन तेरे हम लाडले
अपडेट
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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- rajsharma
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Re: वतन तेरे हम लाडले
Rohit Kapoor wrote:superb update
Ankit wrote:achha varnan hai suhag rat ka
धन्यवाद दोस्तो अपडेट अगली ही पोस्ट मेshubhs wrote:अपडेट
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